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गर्भपात एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसके बारे में सभी धीमी आवाज में बात करना पसंद करते हैं। एक जीवन को शुरू होने से पहले खत्म कर देना आत्मग्लानि से भर सकता है, लेकिन इस विषय में जानकारी का अभाव होना इससे कहीं ज्यादा घातक हो सकता है। मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम गर्भपात के विषय में ही बात करेंगे। इस लेख में हम बताएंगे कि घरेलू तरीकों से गर्भपात करना कितना सुरक्षित है। साथ ही इसके लिए कुछ प्रचलित तरीकों और उनके जोखिम के बारे में भी बताएंगे। महिलाओं के स्वास्थ्य के लिहाज से यह लेख महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे अंत तक जरूर पढ़ें।
आइए, जानकारी शुरू करने से पहले असुरक्षित गर्भपात से जुड़े कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
क्या कहते हैं आंकड़ें?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, सभी विकासशील देशों समेत दुनिया भर में हर साल लगभग 25 मिलियन यानी 2.5 करोड़ असुरक्षित गर्भपात होने का अनुमान है (1)। वहीं, एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनिया भर में अनचाहे गर्भधारण के बाद लगभग 42 मिलियन (4.2 करोड़) महिलाएं गर्भपात का चयन करती हैं। वहीं, इनमें से लगभग आधी यानी 2 करोड़ महिलाएं असुरक्षित तरीके अपनाती हैं। इतना ही नहीं लगभग 68 हजार महिलाएं प्रतिवर्ष असुरक्षित गर्भपात से मर जाती हैं। इस प्रकार मातृ मृत्यु दर में 13 प्रतिशत कारण असुरक्षित गर्भपात से जुड़े होते हैं (2)। अगर बात करें भारत की, तो 2015 के आंकड़ों के अनुसार यहां गर्भपात के 5 प्रतिशत मामले असुरक्षित होते हैं (3)।
आइए, आंकड़ों के बाद अब जानते हैं कि घरेलू तरीके से गर्भपात करना सुरक्षित है या नहीं।
क्या घरेलू तरीकों से गर्भपात करना सुरक्षित है? | Garbhpat Ke Gharelu Upay
नहीं, घरेलू तरीके से गर्भपात करना सुरक्षित नहीं है। यह कई प्रकार के जोखिम का कारण बन सकता है, जिनका जिक्र हम लेख में आगे करेंगे। इसलिए, गर्भपात के सभी घरेलू तरीके असुरक्षित गर्भपात की श्रेणी में आते हैं। ऐसा इसलिए माना जा सकता है, क्योंकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने असुरक्षित गर्भपात की जो परिभाषा दी है, उसमें सभी घरेलू तरीकों को शामिल किया जा सकता हैं। WHO के अनुसार, गर्भपात के ऐसे सभी तरीके जिसमें गर्भ गिराने का कार्य बिना किसी ट्रेनिंग और विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित की गई चिकित्सा सुविधाओं के बिना किया जाता है, वो असुरक्षित गर्भपात होता है। इसमें घरेलू उपचार भी शामिल हैं (4)।
नीचे दी गई स्थितियां असुरक्षित गर्भपात का कारण बन सकती हैं :
- बिना डॉक्टरी की सलाह के गर्भपात का कोई भी तरीका इस्तेमाल करना।
- अकुशल व्यक्ति से, स्वयं के द्वारा अथवा घरेलू दाई से गर्भपात करवाना।
- पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के बिना गर्भपात करवाना।
- पारंपरिक दवाओं यानी घरेलू नुस्खों से स्वयं गर्भपात करना।
- अकुशल व्यक्ति द्वारा गर्भाशय में किसी वस्तु का प्रवेश कराकर गर्भपात का प्रयास करना।
- बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर गर्भपात करना।
- दाई या झोला छाप डॉक्टर से पेट की मालिश करवाकर गर्भ गिरवाना।
आइए, लेख में आगे जानते हैं कि महिलाएं गर्भपात के लिए कौन-कौन से नुस्खें अपनाती हैं।
घरेलू तरीकों से गर्भपात करने के कुछ प्रचलित किंतु असुरक्षित तरीके
अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए महिलाएं कई घरेलू तरीकों का प्रयोग करती हैं, लेकिन ये सभी तरीके हानिकारक होते हैं। इसलिए, गर्भपात के इन तरीकों को अपनाने से पहले महिला को इनसे होने वाली जटिलताओं के बारे में जरूर सोचना चाहिए। मॉमजंक्शन भी इन घरेलू उपायों का समर्थन नहीं करता है। आइए, जानते हैं कि असुरक्षित घरेलू गर्भपात के कौन-कौन से तरीके होते हैं। फिर आगे जानेंगे कि असुरक्षित गर्भपात से महिला के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है।
- पपीता : गर्भवती महिलाओं को अक्सर पपीते से दूरी बनाए रखने को कहा जाता है, क्योंकि पपीते का सेवन गर्भपात का कारण बना सकता है। कच्चे और पके दोनों पपीतों में गर्भपात करने की क्षमता हो सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कच्चे पपीते में लेटेक्स होता, जिसका रंग दूध की तरह सफेद होता है। इस लेटेक्स में प्रोस्टाग्लैंडीन और ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन पाए जाते हैं। प्रसव के दौरान होने वाली संकुचन प्रक्रिया (labour contractions) को बढ़ाने में ये दोनों हार्मोन अहम भूमिका निभाते हैं (5)। इसलिए, पपीते के रूप में इनका सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है। पपीते में पपेन एंजाइम की उपस्थिति प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को रोक सकती है। शरीर में प्रोजेस्टेरोन लेवल कम होने से गर्भपात हो सकता है। पपेन एंजाइम भ्रूण के विकास के लिए महत्वपूर्ण एक झिल्ली को तोड़ सकता है। इसीलिए, पपीते का अधिक मात्रा में सेवन करके महिलाएं असुरक्षित गर्भपात को अपनाती हैं (6)।
- अनानास : अनानास में ब्रोमेलैन एंजाइम पाया जाता है। इस तत्व को भी गर्भपात का कारण माना जा सकता है। एक शोध के अनुसार, इसका सेवन करने से भी गर्भाशय संकुचन बढ़ सकता है, जिससे गर्भपात हो सकता है (7)। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार अनानास का सेवन करने से गर्भाशय संकुचन बढ़ता जरूर है, लेकिन इतना नहीं कि गर्भपात हो जाए। बेशक, इससे गर्भपात हो न हो, लेकिन यह असुरक्षित गर्भपात का जोखिम जरूर पैदा कर सकता है (8)।
- गर्भपात के लिए गोजी बेरी : गोजी बेरी चीन का एक फल हैं, जिसका इस्तेमाल सूखे मेवे की तरह अधिक किया जाता है। यह भी गर्भपात का कारण बन सकता है, क्योंकि इसमें गर्भपात को उत्तेजित करने वाला तत्व बीटाइन पाया जाता है। यह तत्व रक्तस्राव और मासिक धर्म को प्रेरित कर सकता है। इसलिए, इसके सेवन से रक्तस्राव के साथ गर्भ गिर सकता है (9)।
- गर्भपात के लिए अजमोद : अजमोद या पार्सले उन जड़ी-बूटियों में शामिल है, जिनका प्रयोग असुरक्षित गर्भपात के लिए किया जा सकता है। वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि अजमोद जैसे पदार्थों का सेवन करने से निश्चित रूप से गर्भपात नहीं होता, लेकिन ये गर्भवती महिलाओं में गंभीर बीमारी और असमय मृत्यु का कारण जरूर बन सकते हैं (10)।
- गर्भपात के लिए विटामिन-सी : विटामिन-सी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, लेकिन आम धारणा है कि इसके अधिक सेवन से गर्भपात हो सकता है। महिलाएं इसके लिए विटामिन-सी से युक्त फलों का सेवन करती हैं या फिर विटामिन-सी की गोलियों का सेवन करती हैं। फिर विटामिन-सी का सेवन गर्भपात कर सकता है या नहीं इस पर संदेह की स्थिति बनी हुई है। अगर मेडिकल रिसर्च की बात करें, तो विटामिन-सी का सेवन गर्भपात का जोखिम नहीं पैदा करता है (11)।
- गर्भपात के लिए तिल के बीज : तिल का सेवन भी प्राकृतिक, लेकिन असुरक्षित गर्भपात का कारण माना गया है। तिल के बीज एस्ट्रोजेन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। साथ इनका सेवन एचसीजी हार्मोन के स्तर को कम करता है, जोकि स्वस्थ गर्भावस्था के लिए जरूरी हार्मोन माना जाता है। ज्यादा मात्रा में तिल का सेवन करके गर्भपात करना भी एक असुरक्षित तरीका है, जिसका समर्थन कोई भी विशेषज्ञ नहीं करता है (12)।
- गर्भपात के लिए ब्लू कोहोश : गर्भपात के घरेलू तरीकों में कुछ जड़ी-बूटियों को भी शामिल किया गया है, जिनमें से एक है नीला कोहुश। यह एक जंगली पौधा है, जिसका इस्तेमाल मासिक स्राव लाने और गर्भपात करने के लिए किया जाता है। वहीं, एक शोध में देखा गया है कि इसका सेवन करना कई समस्याओं का कारण बन सकता है। नीले कॉहोश में मौजूद मेथिलसिटिसिन नाम का तत्व जहरीला प्रभाव दिखा सकता है (13)।
- बबूल की फली और केले के पत्ते : बबूल की फलियों और केले के पत्ते को भी गर्भपात के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बबूल की फलियों से निकलने वाले बीज और केले के पत्ते को सुखाकर, इनका इस्तेमाल पाउडर बनाकर किया जाता है। महिलाएं मासिक धर्म आने तक इसका सेवन करती हैं, लेकिन इस नुस्खे के पीछे सटीक वैज्ञानिक कारण उपलब्ध नहीं है। साथ ही डॉक्टर की सलाह के ऐसे नुस्खों का सेवन महिला को जोखिम में डाल सकता है, इसलिए इनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- गर्भपात के लिए कैमोमाइल चाय : कैमोमाइल एक जड़ी-बूटी है, जिस पर लगने वाले सफेद फूल को उपयोग में लाया जाता है। कैमोमाइल चाय बनाने के लिए पहले फूलों को सुखाया जाता है और फिर गर्म पानी में उबाल लिया जाता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी की मानें, तो गर्भावस्था के दौरान मध्यम मात्रा में चाय के रूप में इसका सेवन सुरक्षित है। वहीं, अधिक मात्रा में यह गर्भाशय उत्तेजक के रूप में कार्य कर सकता है, जोकि समय से पहले प्रसव को प्रेरित करके असुरक्षित गर्भपात कर सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए (14)।
- गर्भपात के लिए ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल : उत्तरी अमेरिका में पैदा होने वाले ईवनिंग प्रिमरोज पौधे के फलों से यह तेल निकाला जाता है। बाजार में यह कैप्सूल के रूप में मिल सकता है। पोषक तत्वों से युक्त इस कैप्सूल का सेवन करने से भी गर्भपात हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस तेल का इस्तेमाल सर्वाइकल राइपनिंग यानी गर्भाशय ग्रीवा को नरम करने के लिए किया जाता है। गर्भाशय ग्रीवा के नरम होने की प्रक्रिया प्रसव के समय होती है, ताकि शिशु आसानी से गर्भाशय से बाहर आ जाए। इसलिए, ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल कैप्सूल का सेवन समय से पहले और अधिक मात्रा में करने से गर्भपात हो सकता है, जो किसी भी महिला के लिए जानलेवा साबित हो सकता है (15)।
- मगवॉर्ट की पत्तियां : यह एक प्रकार की जड़ी बूटी है, जिसे आर्टेमिसिया मोनोस्पर्मा भी कहा जाता है। यह एक बारहमासी सुगंधित पौधा है, जो अरब के रेगिस्तान में व्यापक रूप से पाया जाता है। गर्भपात के लिए महिलाओं द्वारा इस पौधे की पत्तियों का सेवन किया जाता है। इसकी पुष्टि के लिए गर्भवती मादा चूहों पर शोध किया गया है। उससे पता चला कि इसके सेवन से सीरम ऑक्सीटोसिन हार्मोन के स्तर में वृद्धि होने के कारण ऐसा होता है। हालांकि, मगवॉर्ट के कौन से बायोएक्टिव तत्व गर्भपात का कारण बनते हैं, इस पर शोध किए जाने की जरूरत है। वैज्ञानिक शोध के बाद भी इसे सुरक्षित नहीं माना गया है (16) (17)।
- गर्भपात के लिए कपास की जड़ की छाल : अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए और मासिक धर्म शुरू करने के लिए कपास की जड़ की छाल से बनी चाय भी इस्तेमाल की जाती है। कपास की जड़ की छाल में भी गर्भपात करने वाला प्रभाव (Abortifacients effects ) पाया जाता है (18)। यह गुण प्रोजेस्ट्रोन के स्तर को कम करता है। प्रोजेस्ट्रोन का कम स्तर गर्भाशय को यह संकेत देता है कि गर्भ में कोई भ्रूण नहीं है। ऐसे संकेत मिलने के बाद गर्भाशय मासिक चक्र शुरू कर सकता है। इस रक्तस्राव के साथ गर्भपात भी हो सकता है। यह तरीका भी महिला के लिए खतरनाक है (19)।
- गर्भपात के लिए पेनिरॉयल : यह अनचाहे गर्भ को समाप्त करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रकार की जड़ी-बूटी है। ये दो रूपों में आती हैं, यूरोपीय पेनिरॉयल और अमेरिकन पेनिरॉयल। गर्भपात में इसकी क्या भूमिका है, यह जानने के लिए अधिक शोध की जरूरत है। फिर भी कई ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध हैं, जो यह साबित करते हैं कि इसका अधिक सेवन घातक हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो इसका सेवन करने से महिला की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए, गंभीर परिणामों से बचने के लिए ऐसी किसी औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए (20)।
- दालचीनी : दालचीनी दुनिया भर में सबसे अधिक पसंद और लोकप्रिय मसालों में से एक है। अगर इसे गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में लिया जाए, तो यह गर्भाशय के संकुचन और रक्तस्राव का कारण बन सकता है। इसके कौन से यौगिक गर्भपात का कारण बनते हैं, इसके स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। अधिक मात्रा में इस मसाले का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। युवा महिलाओं पर किए गए एक सर्वे में भी इस बात की जानकारी मिलती हैं कि दालचीनी समेत कई जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल गर्भपात के लिए किया जाता है। साथ ही इससे महिला को कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं (21)।
- गर्भपात के लिए एक्यूपंक्चर : एक्यूपंक्चर एक प्राचीन थेरेपी है। इसमें पूरे शरीर में अलग-अलग जगह मौजूद एक्यूपंक्चर बिंदुओं को दबाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि जब इन बिंदुओं को उत्तेजित किया जाता है, तो गर्भपात हो सकता है। वहीं, शोध कहते हैं कि इस विधि से गर्भपात संभव नहीं हैं और इसका प्रसव से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए, एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ ही इस बारे में सटीक रूप से कुछ बता सकते हैं (22)।
- गर्भपात के लिए शारीरिक सबंध : अगर किसी की गर्भावस्था सही है, तो डॉक्टर पर शारीरिक संबंध बनाने की सलाह दे सकते हैं। इस आधार पर सटीक तौर से यह कहना मुश्किल है कि गर्भावस्था में शारीरिक संबंध बनाने से गर्भपात हो सकता है या नहीं (23)।
- गर्म पानी से स्नान : गर्म पानी से स्नान करना हाइपरथर्मिया (शरीर के अधिक तापमान) का कारण बन सकता है, जिस कारण गर्भपात हो सकता है। इस उपाय से अन्य नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल करना जोखिमकारक हो सकता है (24)।
- गर्भपात के लिए मालिश : थकी हुई मांसपेशियों को आराम देने के लिए मालिश अच्छा तरीका है, लेकिन गर्भपात के लिए पेट की मालिश कराना असुरक्षित और पीड़ादायक हो सकता है। अज्ञानता के चलते कई क्षेत्रों में आज भी पेट की मालिश करके भ्रूण पर दबाव डाला जाता है। लगातार मालिश करके रक्तस्राव होने की प्रतीक्षा की जाती है। कुछ देशों के विशेषज्ञ इस प्रक्रिया को गैरकानूनी गर्भपात की श्रेणी में रखते हैं (25)। पेट की मालिश माताओं की मृत्यु का कारण भी बन सकती है (26)।
- गर्भपात के लिए एस्पिरिन लेना : कुछ महिलाओं का मानना है कि एस्पिरिन दवा के सेवन से भी गर्भपात हो सकता है, लेकिन वैज्ञानिक अध्ययन इस तथ्य से सहमत नहीं है। एक शोध यह पुष्टि करता है कि एस्पिरिन का सेवन गर्भपात का जोखिम नहीं पैदा करता। इसलिए, अनचाहे गर्भपात के लिए एस्पिरिन का सेवन कारगर होगा इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है (27)।
- गर्भपात के लिए व्यायाम : कुछ महिलाएं गर्भावस्था में भारी व्यायाम करके गर्भावस्था समाप्त कर सकती है। वैज्ञानिक अध्ययन कहते हैं कि गर्भावस्था के शुरुआती दौर में व्यायाम करने से गर्भपात का जोखिम हो सकता है, लेकिन यह तरीका असुरक्षित है (28)।
आइए, अब जानते हैं कि इन तरीकों को अपनाने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
घरेलू उपाय से गर्भपात करने के जोखिम
उपरोक्त तरीकों से गर्भपात करना बेहद हानिकारक हो सकता है। गर्भपात के असुरक्षित घरेलू उपाय नीचे लिखे जोखिम का कारण बन सकते हैं (1)।
- गर्भपात के इन घरेलू उपायों से महिला को एलर्जी हो सकती या उल्टी व चक्कर आ सकते हैं। यहां तक कि महिला की मृत्यु भी हो सकती है।
- अधूरा गर्भपात हो सकता है यानी गर्भाशय से भ्रूण के कुछ टिश्यू शरीर में रह सकते हैं, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
- असुरक्षित गर्भपात के तरीके अपनाने से योनि से भारी रक्तस्राव और पेट में भयानक दर्द हो सकता है।
- असहनीय पीड़ा से महिला सदमे में भी जा सकती है।
- ये घरेलू नुस्खे पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है और इन्हें अपनाने के बाद भी गर्भावस्था चालू रह सकती है। साथ ही होने वाला शिशु को बर्थ डिफेक्ट की समस्या हो सकती है।
- ऊपर बताए गए सभी नुस्खों का सेवन गर्भावस्था के दौरान प्रतिबंधित माना जाता है।
आइए, जानते हैं कि इन जोखिमों से बचने के लिए गर्भपात के सुरक्षित विकल्प क्या हैं।
गर्भपात के लिए सुरक्षित विकल्प क्या हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भपात के सुरक्षित विकल्प वही होते हैं, जो डॉक्टर की देखरेख में अपनाए जाते हैं। गर्भपात के लिए डॉक्टर दो विकल्प अपना सकते हैं।
- मेडिकल गर्भपात : यह गर्भावस्था के शुरुआती 9 हफ्तों में ही किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर मिफेप्रिस्टोन (Mifepristone) और मिसोप्रोस्टोल (Misoprostol) नामक दो दवाएं दे सकते हैं। ये गर्भावस्था को समाप्त करने में लगभग 99 प्रतिशत प्रभावी हैं। मिफेप्रिस्टोन दवा प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन के निर्माण को रोकती है, जबकि मिसोप्रोस्टोल के सेवन से गर्भाशय ग्रीवा नरम हो जाती है। इन दवाओं के सेवन के दौरान डॉक्टर की देखरेख और संपर्क में रहना जरूरी होता है, क्योंकि इन दवाओं के सेवन के बाद अन्य उपचार की जरूरत पड़ सकती है (29)।
- सर्जिकल गर्भपात : सर्जिकल गर्भपात को भी गर्भपात का सुरक्षित विकल्प माना जा सकता है, लेकिन जैसे सभी प्रकार की सर्जरी में कुछ न कुछ जोखिम होते हैं, वो इसमें भी हो सकते हैं। सर्जिकल गर्भपात गर्भवस्था की अवधि के अनुसार किया जाता है। यह गर्भपात कुशल चिकित्सकों और व्यावसायिक स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा ही होना चाहिए (30)।
- 12 हफ्ते से पहले : 12 हफ्ते या उससे कम समय की गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए सर्जिकल अबोर्शन की जरूरत पड़ती है। इस प्रक्रिया में योनिद्वार से गर्भाशय ग्रीवा को उपकरण की मदद से खोला जाता है और फिर एक पतली ट्यूब गर्भाशय में डाली जाती है। इस ट्यूब में वैक्यूम होता है, जो भ्रूण और प्लेसेंटा को कोमलता से खींच लेता है। इसके बाद गर्भाशय खाली हुआ या नहीं इसकी जांच के लिए अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- 12 सप्ताह के गर्भ के बाद सर्जिकल गर्भपात : 12 सप्ताह के बाद की गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए भी पहली तिमाही की तरह ही सर्जरी हो सकती है, लेकिन उससे पहले कुछ दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है। गर्भाशय ग्रीवा को नरम करने के लिए कुछ हार्मोनल दवाओं को योनि में रखा जा सकता है। जब गर्भाशय ग्रीवा पूरी तरह खुलने की स्थिति में आता है, तब सर्जरी कर दी जाती है।
आइए, लेख में आगे जानते हैं कि गर्भपात की सफलता का पता कैसे लगाया जाता है।
आप कैसे जान सकती हैं कि गर्भपात सफल हुआ है?
मेडिकल गर्भपात या किसी घरेलू नुस्खे के बाद ट्रांस वैजाइनल सोनोग्राफी (योनिमार्ग से किया गया अल्ट्रासाउंड) के द्वारा ही गर्भपात के सफल होने की सटीक जानकारी पाई जा सकती है। इसके अलावा, किसी अन्य लक्षण पर बहुत अधिक विश्वास करना सही नहीं है (31)।
वहीं, सर्जिकल गर्भपात के बाद अगर आपका मासिक स्राव पहले की तरह सामान्य है, तो गर्भपात सफल माना जा सकता है। वैसे, इस प्रक्रिया में डॉक्टर स्वयं गर्भपात की पुष्टि कर सकते हैं।
किन परिस्थितियों में डॉक्टर के पास जाना जरूरी है?
गर्भपात के किसी भी सुरक्षित विकल्प को अपनाने के बाद अगर महिला को कुछ गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। नीचे लिखे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें (30)।
- अगर महिला को भारी रक्तस्राव हो।
- गर्भपात के बाद तेज बुखार महसूस हो।
- पेट में गंभीर दर्द या ऐंठन महसूस हो।
- घरेलू नुस्खे से पैदा हुई कोई एलर्जी दिखाई दे।
इस लेख में आपने जाना कि असुरक्षित गर्भपात के कौन-कौन से हानिकारक घरेलू तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं, जो महिला के स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदायक हैं। साथ ही लेख में गर्भपात के सुरक्षित विकल्प भी बताए गए हैं, जो डॉक्टर की देखरेख में किए जाते हैं। अनचाहे गर्भ से बचने के लिए बेहतर है कि गर्भनिरोधक तरीके अपनाए जाएं, जिनका प्रयोग कर गर्भपात के सभी जोखिम से बचा सकता है। असुरक्षित गर्भपात के बारे में जानकारी का अभाव होना स्वस्थ समाज के हित में नहीं है। मॉमजंक्शन के इस लेख को जितना ही सके उतना शेयर करें।
References
1. Preventing unsafe abortion by WHO
2. Unsafe Abortion: Unnecessary Maternal Mortality by NCBI
3. The Incidence of Abortion and Unintended Pregnancy in India, 2015 by NCBI
4. Safe and unsafe induced abortion by WHO
5. Papaya (Carica Papaya) Consumption Is Unsafe in Pregnancy: Fact or Fable? Scientific Evaluation of a Common Belief in Some Parts of Asia Using a Rat Model by NCBI
6. The Natural Way. A Tropical Contraceptive by NCBI
7. Assessing the Effect of Pineapple Extract Alone and in Combination With Vancomycin on Streptococcus sanguis by NCBI
8. Oxytocic Effect of Ananas comosus fruit Juice on isolated Pregnant Rats by NIGERIAN VETERINARY JOURNAL
9. Biomolecular and Clinical Aspects of Chinese Wolfberry by NCBI
10. Herbal Infusions Used for Induced Abortion by NCBI
11. Vitamin supplementation for preventing miscarriage by Cochrane Library
12. Forbidden Foods for Healthy Pregnancy by ResearchGate
13. Nicotinic Toxicity From Tincture of Blue Cohosh (Caulophyllum Thalictroides) Used as an Abortifacient by NCBI
14. Safety classification of herbal medicines used among pregnant women in Asian countries: a systematic review by NCBI
15. Evening Primrose (Oenothera biennis) Oil in Management of Female Ailments by NCBI
16. Effects of Artemisia Monosperma Ethanolic Leaves Extract on Implantation, Mid-Term Abortion and Parturition of Pregnant Rats by NCBI
17. Bioactive Compounds and Health Benefits of Artemisia Species by SAGE Journals
18. Plants Used as Abortifacients and Emmenagogues by Spanish New Mexicans by NCBI
19. Drink Me and Abort Your Baby : The Herbal Abortion Tea by City University of New York (CUNY)
20. Pennyroyal by MedlinePlus
21. Brazilian adolescents’ knowledge and beliefs about abortion methods: a school-based internet inquiry by NCBI
22. The safety of obstetric acupuncture: forbidden points revisited by NCBI
23. Frequency and Perception of Sexual Activity during Pregnancy in Iranian Couples by NCBI
24. A case–control study of maternal bathing habits and risk for birth defects in offspring by NCBI
25. Perceptions and Practices of Illegal Abortion among Urban Young Adults in the Philippines: A Qualitative Study by NCBI
26. Abdominal Massage: Another Cause of Maternal Mortality by NCBI
27. Aspirin Use and Miscarriage Risk by NCBI
28. Leisure time physical exercise during pregnancy and the risk of miscarriage: a study within the Danish National Birth Cohort by NCBI
29. Abortion procedures – medication by State Government of Victoria
30. Abortion procedures – surgical by State Government of Victoria
31. Factors Related to Successful Misoprostol Treatment for Early Pregnancy Failure by NCBI
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