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बदलती जीवनशैली, खराब खानपान व लापरवाही के कारण कब कोई किसी रोग का शिकार हो जाए, पता नहीं। कई बार तो लोग ऐसी समस्या से जूझते हैं, जिसके बारे में उन्होंने शायद ही पहले कभी सुना हो। एक ऐसी ही समस्या गर्ड यानी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में गर्ड का इलाज व जीईआरडी से बचने के उपाय जानना आवश्यक है, जिसकी जानकारी यहां मौजूद है।

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सबसे पहले जानेंगे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज क्या है।

गर्ड (जीईआरडी) क्या है?

गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) एक पाचन संबंधी विकार है। इसे चिकित्सकीय भाषा में पेप्टिक इसोफेगाइटिस, रिफ्लक्स इसोफेगाइटिस, जीईआरडी, डायसपेसिया जीईआरडी नामों से भी जाना जाता है (1)। यह परेशानी तब होती है जब पेट में मौजूद तत्व अन्नप्रणाली यानी भोजन नली में वापस आ जाता है (2)।

दरअसल, हम जो भोजन करते हैं, वो मुंह से होकर अन्नप्रणाली के माध्यम से पेट तक पहुंचता है। कुछ मामलों में जीईआरडी भोजन नली में जलन, सीने में जलन का कारण व अन्य लक्षण पैदा कर सकता है (2)। गर्ड (जीईआरडी) एक गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली स्थिति है, जिसके लक्षण समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। यह समय के साथ साथ गंभीर भी हो सकते हैं (1)। उन लक्षणों के बारे में हम आगे विस्तार से बताएंगे।

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गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज लेख में आगे बढ़ते हुए जीईआरडी के कारण और जोखिम कारक जानिए।

गर्ड (जीईआरडी) होने का कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk factors of Gerd (Gastroesophageal Reflux Disease) in Hindi

निचले एसोफैगस यानी निचली अन्नप्रणाली में मांसपेशी फाइबर की एक रिंग होती है, जो निगले गए भोजन को वापस ऊपर जाने से रोकती है। इस मांसपेशी फाइबर को लोवर एसोफेजियल स्फिंक्टर कहा जाता है। जब यह मांसपेशी की रिंग ठीक से बंद नहीं होती, तो गर्ड हो सकता है (2)। ऐसा क्यों होता है, इसका सही कारण पता नहीं चल पाया है।

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) पर प्रकाशित एक शोध में भी इस बात का जिक्र है कि गर्ड के सटीक कारणों का अबतक पता नहीं लगा है (3)। हां, इसके लिए कुछ कारणों को जिम्मेदार माना गया है, जिसे इसके जोखिम कारक के रूप में देखा जाता है (3) (2)।

  • हियाटल हर्निया, ऐसी स्थिति जिसमें पेट का हिस्सा डायाफ्राम से ऊपर चला जाता है
  • मोटापा की परेशानी
  • तंबाकू का उपयोग
  • अत्यधिक शराब का सेवन
  • गर्भावस्था
  • पोस्टप्रैन्डियल सुपरिनेशन यानी प्लाजमा ग्लूकोज का बढ़ना व घटना
  • संयोजी ऊतक विकार यानी कोशिकाओं से संबंधित बीमारी जैसे कि स्क्लेरोडर्मा की समस्या इत्यादि।
  • कुछ दवाएं, जिसमें एंटीकोलिनर्जिक, नाइट्रोग्लिसरीन, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स शामिल हैं।

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लेख में आगे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लक्षण के बारे में पढ़िए।

गर्ड (जीईआरडी) के लक्षण – Symptoms of Gerd (Gastroesophageal Reflux Disease) in Hindi

गर्ड यानी जीईआरडी के लक्षण कई सारे हैं, जिनके बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं। ये लक्षण झुकते समय या लेटते समय, खाने के बाद या फिर रात में और भी बदतर हो सकते हैं। आइए, जानते हैं उन लक्षणों के बारे में (2) (3)

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गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का निदान कैसे करें।

गर्ड (जीईआरडी) के निदान – Diagnosis of Gerd (Gastroesophageal Reflux Disease) in Hindi

गर्ड के निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित प्रक्रियाएं फॉलो कर सकते हैं व इ कुछ खास परीक्षण की सलाह भी दे सकते हैं (4)।

1. मेडिकल हिस्ट्री: ज्यादातर मामलों में डॉक्टर सबसे पहले लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री की समीक्षा करके गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) का निदान करते हैं।

2. टेस्ट : जीईआरडी यानी गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का निदान करने और जटिलताओं के अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को समझने के लिए निम्नलिखित में से एक या उससे अधिक टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है।

  • अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) एंडोस्कोपी – यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें भोजनली, पेट और ग्रहणी सहित ऊपरी जीआई पथ की परत को देखने के लिए एंडोस्कोप यानी एक कैमरे के साथ किसी लचीली ट्यूब का उपयोग होता है। इस दौरान जांचकर्ता एंडोस्कोप के द्वारा भोजन नली के सतह से छोटी सी कोशिका की परत निकालते हैं, जिसे लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाता है।
  • एसोफेजेल पीएच मॉनिटरिंग : एसोफेजेल पीएच मॉनिटरिंग के दौरान मरीज के आहार, नींद और लक्षणों से जुड़ी जानकारी को ट्रैक किया जाता है। इसका उपयोग यह देखने के लिए भी होता है कि आहार, नींद और लक्षण भोजन नली में एसिड रिफ्लक्स से कैसे संबंधित है। जीईआरडी के निदान की पुष्टि करने या यह पता लगाने के लिए कि क्या गर्ड उपचार काम कर रहे हैं या नहीं, डॉक्टर इस परीक्षण को करवाने की सलाह दे सकते हैं। भोजन नली में पेट के एसिड का पता लगाने के लिए एसोफैगल पीएच मॉनिटरिंग सबसे सटीक तरीका है। एसोफैगल पीएच मॉनिटरिंग के दो प्रकार हैं –

1. कैथेटर मॉनिटरिंग – इस दौरान स्वास्थ्य प्रदाता कैथेटर का एक सिरा यानी एक पतली, लचीली ट्यूब को नाक के माध्यम से भोजन नली में एसिड और नॉन एसिड रिफ्लक्स को मापने के लिए डालता है।

2. कैप्सूल मॉनिटरिंग – विशेषज्ञ एसिड रिफ्लक्स को मापने के लिए भोजन नली की लाइनिंग में एक छोटा, वायरलेस कैप्सूल लगाने के लिए एंडोस्कोप का उपयोग करता है।

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इस भाग में हम गर्ड उपचार से जुड़ी जानकारी देंगे।

गर्ड (जीईआरडी) का इलाज – Treatment of Gerd (Gastroesophageal Reflux Disease) in Hindi

चलिए, अब जान लेते हैं कि जीईआरडी का इलाज करने के लिए डॉक्टर क्या कर सकते हैं (5)।

1. जीवनशैली में बदलाव

अपनी जीवनशैली में बदलाव कर गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) के लक्षणों को कम किया जा सकता है। ये बदलाव कुछ इस तरह के हो सकते हैं।

  • अत्यधिक वजन है तो वजन व मोटापा कम करना
  • सोते समय सिर को उंचा रखना यानी इसके लिए एक अलग से तकिये का इस्तेमाल
  • धूम्रपान छोड़ना
  • खाने की आदतों में बदलाव जैसे कि रात में लेटने या सोने से 3 घंटे पहले भोजन करना (2)।
  • आहार में पोषण से भरपूर हरी सब्जियां, नॉन सिट्रिक फल आदि को शामिल करना

2. दवाएं
गर्ड का इलाज करने के दौरान डॉक्टर एच-2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स, प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर्स या फिर भोजन नली के निचले भाग में मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए दवाएं लेने का सुझाव दे सकते हैं, जो जीईआरडी के लक्षण को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

3. सर्जरी
ऊपर बताई गई प्रक्रियाओं से भी अगर जीईआरडी के लक्षण से राहत नहीं मिल पा रही है व लंबे समय तक दवा का सेवन नहीं करना चाहते हैं, तो डॉक्टर जीईआरडी का इलाज करने के लिए परिस्थिति को देखते हुए इन तीन में से कोई एक सर्जरी करने की सलाह दे सकते हैं।

  • फंडोप्लिकेशन: जीईआरडी के लिए फंडोप्लीकेशन सबसे आम सर्जरी है। ज्यादातर मामलों में इससे जीईआरडी के लक्षणों में सुधार देखने को मिले हैं। इस दौरान डॉक्टर पेट के शीर्ष से लेकर भोजन नली तक के हिस्से को सर्जरी से कसते हैं। इससे रिफ्लक्स को रोकने में मदद मिलती है। सर्जन इसे लेप्रोस्कोपिक या ओपन सर्जरी के रूप में कर सकते हैं।
  • बेरिएट्रिक सर्जरी: यदि व्यक्ति को जीईआरडी के साथ मोटापा भी है, तो डॉक्टर वजन कम करने वाली सर्जरी की सलाह देते हैं, जिसे बेरिएट्रिक सर्जरी या गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी भी कहा जाता है। बैरिएट्रिक सर्जरी वजन कम करने और जीईआरडी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
  • एंडोस्कोपी: कई मामलों में डॉक्टर जीईआरडी के इलाज के लिए एंडोस्कोपी का उपयोग करने वाली प्रक्रियाओं की सिफारिश कर सकते हैं। एंडोस्कोपी में डॉक्टर मुंह के माध्यम से भोजन नली तक एक कैमरे के साथ एक छोटी, लचीली ट्यूब डालते हैं। फिर निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर के चारों ओर पेट के शीर्ष को सिलने के लिए या स्फिंक्टर को रेडियोफ्रीक्वेंसी ऊर्जा देने के लिए डॉक्टर एंडोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग करते हैं। हालांकि, डॉक्टर अक्सर इन प्रक्रियाओं का उपयोग नहीं करते।

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अब जानते हैं गर्ड के आहार से जुड़ी जानकारी।

गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लिए आहार – Diet for Gerd (Gastroesophageal Reflux Disease) in Hindi

गर्ड सिम्प्टम्स को कम करना चाहते हैं, तो सबसे पहले रात में लेटने या सोने से कम से कम 3 घंटे पहले भोजन करना आवश्यक है (2)। इसके अलावा, कुछ ऐसे आहार हैं, जिनका सेवन गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या को बढ़ा सकता है। आइए, जानते हैं उनके बारे में (6)।

  • एसिडिक खाद्य पदार्थ, जैसे खट्टे फल और टमाटर
  • शराब
  • चॉकलेट
  • कॉफी या कैफीन युक्त अन्य पदार्थ
  • उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ
  • पुदीना
  • चटपटा खाना

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अब जानते हैं कि जीईआरडी से बचने के उपाय क्या-क्या हो सकते हैं।

गर्ड (जीईआरडी) से बचने के उपाय – Prevention Tips for Gerd (Gastroesophageal Reflux Disease) in Hindi

नीचे बताए गए जीईआरडी से बचने के उपाय को ध्यान में रखकर, गर्ड से बचा जा सकता है (2)

  • जीईआरडी से बचने के उपाय के लिए सबसे पहले उन चीजों से बचें, जो सीने में जलन उत्पन्न कर सकती है। इससे जीईआरडी के लक्षण कम हो सकते हैं।
  • मोटापा भी जीईआरडी का कारक है। ऐसे में मोटापे को कम करना आवश्यक है।
  • शरीर के वजन को संतुलित बनाए रखने से भी जीईआरडी को रोकने में मदद मिल सकती है
  • जीईआरडी से बचने के लिए रात में लेटने या सोने से कम-से-कम 3 घंटे पहले भोजन करें।
  • जीईआरडी से बचाव के लिए आहार पर ध्यान दें जैसे कि खट्टे फलों, तीखा चटपटा व शराब, कैफीन युक्त पदार्थ इत्यादि के सेवन से परहेज करें (6)।

बीमारी चाहे छोटी हो या बड़ी लापरवाही करने से ये किसी के लिए भी चिंता का विषय बन सकती है। गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज पर भी गौर न किया जाए, तो जीवन की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। ऐसे में जीईआरडी से बचने के उपाय अपनाए जा सकते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर इस समस्या से बचाव व परेशानी पैदा होने पर राहत मिल सकती है। अगर बार-बार व गंभीर जीईआरडी के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या जीईआरडी में उल्टी हो सकती है?

हां, जीईआरडी की समस्या के कुछ आम लक्षणों में भोजन का वापस आना या उल्टी (Regurgitation) भी शामिल है (2)। इसी वजह से कहा जाता है कि जीईआरडी की शिकायत वालों को उल्टी हो सकती है।

डॉक्टर कैसे बता सकते हैं कि आपको जीईआरडी है?

डॉक्टर जीईआरडी के लक्षण जैसे छाती में भोजन का अटका हुआ महसूस होना, सीने में जलन या दर्द होना, खाने के बाद मतली जैसे लक्षण के आधार पर जीईआरडी की पहचान करते हैं (2)।

क्या धूप में सुखाया हुआ टमाटर एसिड रिफ्लक्स के लिए हानिकारक हो सकता है?

धूप में सुखाए हुए टमाटर में 39.2 मिलीग्राम एस्कॉर्बिक (विटामिन-सी) एसिड होता है (7)। गर्ड के आहार में साफतौर पर एसिडिक खाद्य पदार्थ, जैसे खट्टे फल और टमाटर को खाने की मनाही है (6)। ऐसे में धूप में सुखाया हुआ टमाटर इस परेशानी को बढ़ा सकता है।

References

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  1. Definition & Facts for GER & GERD
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/acid-reflux-ger-gerd-adults/definition-facts
  2. Gastroesophageal reflux disease
    https://medlineplus.gov/ency/article/000265.htm
  3. Gastroesophageal Reflux Disease
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK441938/
  4. Diagnosis of GER & GERD
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/acid-reflux-ger-gerd-adults/diagnosis
  5. Treatment for GER & GERD
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/acid-reflux-ger-gerd-adults/treatment
  6. Eating Diet & Nutrition for GER & GERD
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/acid-reflux-ger-gerd-adults/eating-diet-nutrition
  7. Tomatoes sun-dried
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/168567/nutrients
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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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