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अक्सर घर के बड़े-बुजुर्ग घी खाने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि भोजन में घी को शामिल करने से न सिर्फ आप शारीरिक रूप से मजबूत बनेंगे, बल्कि स्वस्थ भी रहेंगे। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि घी खाना यानी बीमारियों को दावत देना है। अब इनमें से क्या सही है और क्या गलत? संभवत: आपके लिए चुनाव करना मुश्किल हो रहा होगा। अगर ऐसा है, तो देसी घी से जुड़े सभी सवालों के जवाब पाने के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम घी खाने के फायदे के साथ ही घी लगाने के फायदे के बारे में बात करेंगे।
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सबसे पहले हम घी की मूलभूत जानकारी आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
घी क्या है? – What is Ghee (Clarified butter) in Hindi?
भारत में पुराने समय से दूध और उससे बने उत्पादों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे – दही, मक्खन व मावा आदि। इन्हीं में से एक है घी, जिसे दूध से निकाले गए मक्खन या मलाई को गर्म करके बनाया जाता है। भारत में इसका उपयोग तेल के स्थान पर भी किया जाता है। रोटी, लड्डू व गुलाब जामुन जैसे पकवानों के अलावा घी का उपयोग कई औषधीय गुणों के कारण दवाओं में भी किया जाता है।
आयुर्वेद में तो कुछ बीमारियों का इलाज देसी घी से ही किया जाता है। इसलिए घी ना सिर्फ खाने में फायदेमंद है बल्कि घी लगाने के फायदे भी हो सकते हैं। हालांकि, जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर घी खाने के नुकसान भी हो सकते हैं।
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आइए, अब यह भी जान लेते हैं कि सेहत के लिए घी के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
घी के फायदे – Benefits of Ghee in Hindi
सेहत के साथ-साथ त्वचा और बालों के लिए भी घी के फायदे कई हैं। यहां हम घी के कुछ खास गुणों के बारे में बता रहे हैं।
1. हृदय के स्वास्थ्य के लिए घी खाने के फायदे
माना जाता है कि रक्त में मौजूद हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा के कारण हृदय संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है (1)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, घी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में घी को मिलाने से एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है, जो हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है (2)।
2. कैंसर की रोकथाम के लिए घी के फायदे
कैंसर से बचने के लिए घी का सेवन किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, घी में कार्सिनोजन यानी कैंसर के असर को कम करने के गुण पाए जाते है। साथ ही घी कैंसर को बढ़ाने वाले ट्यूमर की पनपने से रोक सकता है। इसके अलावा घी में मिलने वाला लिनोलिक एसिड कोलन कैंसर को भी रोकने का काम कर सकता है (3)।
साथ ही ध्यान रहे कि कैंसर घातक बीमारी है। अगर कोई इसकी चपेट में है, तो उचित मेडिकल ट्रीटमेंट जरूरी है। सिर्फ घरेलू उपचार के सहारे रहना सही निर्णय नहीं है। साथ ही कैंसर की अवस्था में घी का सेवन करना है या नहीं और कितना करना है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।
3. वजन कम करने के लिए घी खाने के फायदे
अगर बात हो वजन कम करने की, तो घी के सेवन से इसे नियंत्रित कर लोगों को फिट बनाया जा सकता है। एक रिसर्च के अनुसार, ऑक्सीडाइज घी में सैचुरेटेड फैटी एसिड और ओलिक एसिड पाए जाते हैं। ये दोनों घटक वजन को बढ़ने से रोकते हैं और बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (4)।
सैचुरेटेड फैटी एसिड, जो कि शॉर्ट चेन फैटी एसिड होते हैं, फैट बर्निंग में मदद कर सकते हैं। विशेष रूप से, शरीर के अधिक फैट वाले हिस्सों में जमा वसा को कम करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया है कि पाचन क्रिया को धीमा करने के लिए घी पेट में एसिड के स्राव को बढ़ाता है और पाचन क्रिया धीमी होने से भी मोटापा कम करने में फायदा मिल सकता है (5)।
इसके अलावा, डॉक्टरों को कहना है कि जब घी को भोजन में शामिल किया जाता है, तो यह खाने के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम कर सकता है। इससे बेहतर मेटाबॉलिज्म होता ही है, साथ ही ब्लड में शुगर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ती है, जो कि मधुमेह के मरीजों के लिए भी उपयोगी हो सकता है। ऐसे में दोपहर के खाने में घी को शामिल करना उपयोगी हो सकता है।
4. अच्छे पाचन के लिए
आयुर्वेद के अनुसार, घी पचाने में आसान होता है। यह खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य तेलों के मुकाबले पेट के लिए हल्का होता है। खासकर, गाय का घी पाचन तंत्र को बेहतर करता है (6)। संभवत, इसलिए गर्भवती महिलाओं को शुरुआती महीनों में होने वाली कब्ज, मतली और उल्टी की समस्या को कम करने के लिए भोजन में घी शामिल करने की सलाह दी जाती है (7)।
5. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घी खाने के फायदे
स्वस्थ रहने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर होना जरूरी है। वहीं, अक्सर बीमार रहने और जल्दी बीमारी से न उबर पाने वालों के लिए भी घी फायदेमंद माना जा सकता है। यह कमजोर होती रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। दरअसल, घी में कंजगेटेड लिनोलेनिक एसिड पाया जाता है। यह एसिड रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करने के साथ ही शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकता है (8)। इसके अलावा, घी एक लुब्रीकेंट की तरह काम कर सकता है और स्पाइन को स्थिरता और ताकत दे सकता है।
6. मजबूत हड्डियों के लिए
हड्डियों का जल्दी टूट जाना और उनके जुड़ने में दिक्कत होना, कमजोर हड्डियों की निशानी होती है। ऐसा शरीर में विटामिन-के की कमी के कारण होता है। भैंस के दूध से बने घी में विटामिन-के की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही उनके विकास में सहायक हो सकता है (8)।
7. कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण के लिए
रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हृदय की समस्या, रक्तचाप के साथ और भी कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए सीमित मात्रा में घी के सेवन को फायदेमंद माना जा सकता है। घी में कंजगेटेड लिनोलेनिक एसिड होता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीएथेरोजेनिक यानी धमनियों में प्लाक को जमने से रोकना गुण होता है। इसलिए, यह रक्त में मौजूद हानिकारक कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को कम कर सकता है। साथ ही लाभदायक कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल के स्तर को बेहतर कर सकता है (9)।
8. घाव, निशान, सूजन की रोकथाम के लिए
घी में बैक्टीरिया को कम करने वाले हीलिंग गुण पाए जाते हैं। घी के अंदर पाए जाने वाले इन गुणों के कारण, जब इसका उपयोग शहद के साथ किया जाता है, तो यह बहुत लाभकारी हो सकता है। सुश्रुत संहिता में भी उल्लेख किया गया है कि घी व शहद का उपयोग घाव भरने, सूजन को कम करने या फिर शरीर पर घाव और अन्य कारणों से बने निशान को दूर करने के लिए किया जा सकता है (10)। शहद के साथ घी का उपयोग लेप के रूप में प्रभावित क्षेत्र पर लगाने के लिए कर सकते हैं। ध्यान रहे कि इस मिश्रण का सेवन हानिकारक हाे सकता है।
9. मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार के लिए घी खाने के फायदे
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च पेपर के अनुसार, आयुर्वेद में घी को स्मरण शक्ति बढ़ाने वाले रसायन के रूप में प्रस्तुत किया गया है। याददाश्त में सुधार के लिए घी का इस्तेमाल एक ब्रेन टॉनिक के रूप में किया जा सकता है। हालांकि, मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार के लिए घी पर कई वैज्ञानिक शाेध भी हो चुके हैं, लेकिन अभी भी स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है कि मस्तिष्क के लिए घी पूरी तरह से कारगर है या नहीं (5)।
10. गर्भावस्था में घी के फायदे
घी में मैजूद औषधीय गुण गर्भवती और उसके शिशु के लिए भी फायदेमंद हाे सकते हैं। घी को सिंघाड़ा पाउडर 1 टेबल स्पून और गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से प्लेसेंटा (गर्भनाल) की अवस्था ठीक रहती है। चावल और दही के साथ घी का सेवन भ्रूण के दिल के फायदेमंद हो सकता है। छठे महीने में चावल के साथ गाय का घी भ्रूण के मस्तिष्क के विकास के लिए उपयोगी हाे सकता है। गाय के घी में भुने हुए गार्डन क्रेस सीड के बीजों को दूध और चीनी के साथ मिलाकर सेवन करने से यह गर्भावस्था के दौरान महिला को कमजोरी और एनीमिया से बचाने में मदद कर सकता है (11)।
वहीं, डॉक्टरों की मानें तो घी फैट सॉल्युबल विटामिन्स का अच्छा स्रोत है। घी में मौजूद विटामिन डी, जो कि एक फैट सॉल्युबल विटामिन है, थायराइड ग्रंथि को रेगुलेट कर सकता है और यह प्रेगनेंसी में महत्वपूर्ण है।
11. आंखों के लिए
घी में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है विटामिन-ए। माना जाता है कि विटामिन-ए की कमी से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है। वहीं, घी के सेवन से विटामिन-ए की अच्छी मात्रा मिलती है, जो इस दोष को दूर करने के लिए कारगर हो सकता है (8)।
12. विटामिन ए
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ए की प्रमुख भूमिका होती है। विटामिन ए स्वस्थ दांतों, कंकाल और सॉफ्ट टिशु के साथ ही त्वचा की उम्र को बढ़ने से बचाने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि यह आंख के रेटिना में रंगद्रव्य पैदा करता है (12)। वहीं, घी को विटामिन एक का अच्छा स्रोत माना जाता है (13)। ऐसे में अच्छे स्वास्थ्य के लिए घी को आहार में शामिल करने के कई फायदे हासिल किए जा सकते हैं।
13. त्वचा की देखभाल के लिए
घी को फटे होंठ ठीक करने से लेकर चेहरे पर निखार लाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही ऊपर घाव भरने वाले पॉइंट में भी बताया गया है कि किस प्रकार घी त्वचा पर आई सूजन और घाव को भरने में मदद कर सकता है। घी में कई प्रकार के आयुर्वेदिक गुण पाए जाते है, जो त्वचा की स्केलिंग यानी त्वचा का सूखापन, इरिथेमा, जिसमें त्वचा में सूजन व संक्रमण के कारण लालपन हो जाता है, व प्रुरिटिस यानी त्वचा की खुजली की शिकायत को दूर करने में मदद कर सकते हैं (2)।
पढ़ते रहें
घी के फायदे जानने के बाद आगे हम घी में मौजूद पोष्टक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
घी के पौष्टिक तत्व – Ghee Nutritional Value in Hindi
चलिए, अब जानते हैं कि सेहत के लिए फायदेमंद घी में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं (14)।
पोषक तत्व | पोषक मूल्य |
---|---|
पानी | 0.5 ग्राम |
कैलोरी | 900 कैलोरी |
ऊर्जा | 3766 किलोजूल |
वसा | 100 ग्राम |
विटामिन ए | 4000 आईयू |
फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड | 60.000 ग्राम |
फैटी एसिड, कुल पोलीअनसैचुरेटेड | 4.000 ग्राम |
कोलेस्ट्रॉल | 300 एमजी |
लेख में बने रहें
आपने घी के फायदे और पोष्टिक तत्वों के बार में तो जान लिया, अब जानते हैं इसके उपयोग के बारे में।
घी का उपयोग – How to Use Ghee in Hindi
रोजाना देसी घी का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि देसी घी के फायदे तभी मिलते हैं, जब इसका उपयोग सीमित मात्रा में किया जाए। नीचे हम आपको स्वाद और सेहत के लिए घी के कुछ खास उपयोग बता रहे हैं।
- रोटी को स्वादिष्ट बनाने के लिए उस पर घी का उपयोग करना आम बात है।
- इसका उपयोग कई पकवान और मिष्ठान बनाने के लिए कर सकते हैं।
- घी का उपयोग तड़का लगाने के लिए भी किया जा सकता है।
- पानी, काली मिर्च, चीनी और अदरक की चाय में घी मिलाकर पीने से खांसी और गले की समस्याओं में फायदा मिल सकता है।
- दक्षिण भारत में घी का उपयोग डोसा, इडली व उत्तपम जैसे स्वादिष्ट खाद्यों को बनाने के लिए किया जाता है।
- गर्मी बढ़ने पर एक चम्मेच घी में थोड़ी-सी शक्कर को मिलाकर इसका सेवन करने से गर्मी के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
- देसी घी को कई जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने पर यह कई रोगों को दूर करने का काम बखूबी करता है।
- किसी भी खाद्य पदार्थ को बनाने में तेल के स्थान पर घी का उपयोग कर सकते हैं।
अंत तक पढ़ें
घी के उपयोग के बाद यहां हम आपकाे बता रहे हैं घर में घी बनाने का आसान तरीका।
घर पर घी बनाने का तरीका
वैसे तो घी बाजार में भी उपलब्ध होता है, लेकिन घर में बने घी के स्वाद की बात ही कुछ और है। यहां हम घर पर घी बनाने की विधि के बारे में बता रहे हैं।
- सबसे पहले 10 दिन तक कम से कम 500 ग्राम दूध में लगने वाली मलाई को इकट्ठा करें।
- अब इस मलाई को ब्लेंडर में डालकर 5 मिनट तक ब्लेंड करें।
- ब्लेंड करने के बाद आप देखेंगे कि मक्खन और तरल (मट्ठा व छाछ) दोनों अलग-अलग हो गए हैं।
- अब एक बर्तन में छाछ और दूसरे में मक्खन को निकाल लें।
- मक्खन को एक नॉन स्टिक पैन में डालकर पकाएं।
- मक्खन धीरे-धीरे पिघलने लगेगा। जैसे ही मक्खन पिघलना शुरू हो जाए, तो आंच को कम कर दें।
- थोड़ी ही देर में इसमें से ऊपर की तरफ घी तैरने लगेगा और नीचे कुछ जला हुआ अवशेष नजर आने लगेगा।
- इसे आप ठंडा होने पर छान लें। छना हुआ तरल द्रव्य घी के रूप में आपको मिल जाएगा।
- लीजिए, घर में बना हुआ घी तैयार है।
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घी बनाने की विधि को जानने के बाद आपको बताते हैं कि कैसे इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जाए।
घी को लम्बे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
घी को सुरक्षित रखने के लिए कुछ विशेष करने जरूरत नहीं है। इसे एक जार में भरकर किसी ठंडे स्थान पर रख दें। दरअसल, ठंडे स्थान पर रखा हुआ घी तीन महीने तक खराब नहीं होता है। हालांकि, घी की तासीर गर्म होती है फिर भी इसे रेफ्रिजरेटर में भी रखा जा सकता है। फ्रिज में रखा हुआ घी एक साल तक सुरक्षित रहता है। इसे कमरे के तापमान पर भी रखा जा सकता है।
और भी है जानकारी
घी के सेवन के साथ ये भी जानना जरूरी है कि घी के नुकसान भी हो सकते हैं। आइए, जानते हैं।
घी के नुकसान – Side Effects of Ghee in Hindi
जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। ऐसा नहीं है कि घी हमेशा फायदेमंद ही होता हो। कुछ परिस्थितियों में घी खाने के नुकसान भी हाे सकते हैं। जैसे:
- घी में विटामिन ए की अच्छी मात्रा पाई जाती है (14)। विटामिन ए का अधिक मात्रा में सेवन करने से सिरदर्द, भूख में कमी और उल्टी के साथ-साथ श्वास नली के जाम होने का खतरा हो सकता है (15)।
- घी के ज्यादा सेवन से शरीर में उच्च स्तर के सैचुरेटेट फैटी एसिड और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है, इनकी बड़ी हुई मात्रा को हृदय रोगों के लिए हानिकारक माना गया है (16)।
- अधिक मात्रा में किया गया घी का सेवन अपच और दस्त की समस्या का कारण बन सकता है (17)।
- घी की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक सेवन शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है।
इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि सदियों से रसोई में उपयोग किए जाने वाले घी का आयुर्वेद में भी बराबर का स्थान प्राप्त है। घी न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि अपने गुणों के कारण सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। अगर आप घी खाने से कतराते हैं, तो इससे होने वाले कई फायदों के लाभ नहीं ले पाएंगे। ऐसे में संतुलित मात्रा में घी को खाने में शामिल कर न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाएं, बल्कि सेहत के लाभ भी पाएं। वहीं, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह से इसे अपने भाेजन में शामिल करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
घी के साथ क्या नहीं खाना चाहिए?
घी के साथ शहद का उपयोग नहीं करना चाहिए। इन दोनों का मिश्रण नकारात्मक परिणाम दे सकता है (18)।
ज्यादा घी पीने से क्या होता है?
घी के ज्यादा सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है, जो हृदय रोगों के लिए हानिकारक है (16)। इसके अलावा, इसका अधिक सेवन अपच और दस्त की समस्या का कारण बन सकता है (17)। यही वजह है घी के फायदे हासिल करने के लिए इसे सीमित मात्रा में आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
क्या घी और शहद को मिलाकर सेवन करने के फायदे हैं?
नहीं, घी और शहद का एक साथ सेवन करने से मनाही की जाती है। इन दोनों का मिश्रण स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव दर्शा सकता है (18)।
संदर्भ (Sources)
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- LDL: The “Bad” Cholesterol
https://medlineplus.gov/ldlthebadcholesterol.html - The effect of ghee (clarified butter) on serum lipid levels and microsomal lipid peroxidation
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3215354/ - Effects of cow ghee (clarified butter oil) & soybean oil on carcinogen-metabolizing enzymes in rats
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http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.270.4431&rep=rep1&type=pdf - Studying heating effects on desi ghee obtained from buffalo milk using fluorescence spectroscopy
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5947909/ - High conjugated linoleic acid enriched ghee (clarified butter) increases the antioxidant and antiatherogenic potency in female Wistar rats
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3766171/ - Ghee and Honey Dressing for Infected Wounds
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3144338/ - The Not-So-Subtle Body in Dais’ Birth Imagery
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https://medlineplus.gov/ency/article/002400.htm - Ghee as a Source of Vitamin A in Indian Dietaries: The Effect of Cooking on the Vitamin Content of Foods
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5218638/ - Butter Clarified butter (ghee)
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/171314/nutrients - Preventing Micronutrient Problems in Ethiopia
https://www.open.edu/openlearncreate/mod/oucontent/view.php?id=320&printable=1 - Effect of dietary ghee–the anhydrous milk fat on blood and liver lipids in rats
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15539276/ - The red mixture
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2335272/ - Studies on the physicochemical characteristics of heated honey honey mixed with ghee and their food consumption pattern by rats
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3215355/
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