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कई बार ऐसा होता है कि चलते-फिरते, उठते-बैठते या फिर सीढ़ियां चढ़ते-उतरते समय घुटने में चोट लग जाती है। खासकर, खिलाड़ियों को घुटने की चोट से ज्यादा जूझना पड़ता है। हालांकि, घुटने में चोट लगना कोई गंभीर विषय नहीं है, लेकिन कई बार चोट इतनी गहरी होती है कि उसके लिए घुटनों के दर्द की दवा लेनी पड़ती है। वहीं, कुछ लोगों को अर्थराइटिस के कारण भी घुटने का दर्द होता है। वहीं, इससे बचने के लिए घरेलू उपचार प्रभावी हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम कुछ ऐसे ही घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं। साथ ही आपको इसके इलाज से जुड़ी अन्य जानकारी भी यहां मिलेगी।
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आइए, सबसे पहले जानते हैं कि घुटनों में दर्द होने के पीछे मुख्य वजह क्या है।
घुटनों में दर्द के कारण – Causes of Knee Pain in Hindi
घुटनों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ के लिए डॉक्टरी इलाज की जरूरत होती है, तो कुछ थोड़ी देखभाल और आराम करने से ठीक हो जाते हैं। जानते हैं घुटनों के दर्द के पीछे छुपे कुछ महत्वपूर्ण कारणों के बारे में (1) (2)। इसके बाद घुटने के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानकारी दी गयी है।
- पेटेलर टेंडिनाइटिस : यह घुटने के आगे वाले हिस्से को प्रभावित करता है। इस कारण घुटने में तेज दर्द होता है और सीढ़ियां चढ़ना व उतरना तक मुश्किल हो जाता है (3)।
- गाउट : यह एक प्रकार का गठिया रोग होता है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने पर गाउट की समस्या होती है। साथ ही घुटने का दर्द होता है।
- ऑस्टियोअर्थराइटिस : इस अवस्था में भी घुटने का दर्द व जोड़ों का दर्द होता है। साथ ही घुटनों में सूजन भी आ जाती है, जिस कारण पीड़ित को काफी तकलीफ होती है।
- बेकर्स सिस्ट : घुटने के जोड़ में सिनोवियल फ्लूड का निर्माण होता है, जो जोड़ों को आपस में रगड़ने से रोकता है। जब यह फ्लूड अधिक मात्रा में बनने लगता है, तो घुटने के पिछले हिस्से में इकट्ठा होने लगता है, जिस कारण घुटने में सूजन आती है और पीड़ित व्यक्ति असहज महसूस करता है।
- बर्साइटिस : यह समस्या बर्सा में सूजन के कारण होती है। बर्सा त्वचा के नीचे और जोड़ों के ऊपर तरल पदार्थ से भरी एक थैली होती है। यह थैली हड्डियों के लिए कुशन का काम करती है।
- रुमेटाइड अर्थराइटिस : शरीर में इम्यून सिस्टम के खराब होने पर यह समस्या होती है। इसमें जोड़ों का दर्द व घुटने की सूजन का सामना करना पड़ता है। साथ ही जोड़ आपस में रगड़ खाने लगते हैं।
- डिस्लोकेशन : जोड़ के अपनी जगह से हिल जाने या उखड़ जाने के कारण भी दर्द होने लगता है।
- मेनिस्कस टियर : एक या एक से ज्यादा कार्टिलेज (जोड़ों में पाए जाने वाले कठोर व लचीले टिशू) टूटने पर जोड़ों का दर्द होता है।
- लिगामेंट का टूटना : चोट लगने पर इनके टूट जाने से भी घुटनों व जोड़ों का दर्द होता है। लिगामेंट एक प्रकार के लचीले टिशू होते हैं, जो जोड़ों को आपस में जोड़ कर रखते हैं।
- घुटने में संक्रमण : घुटने में संक्रमण होने पर भी दर्द की स्थिति बनी रह सकती है।
- बोन ट्यूमर (ओस्टियोसारकोमा): ओस्टियोसारकोमा एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का कैंसरकारी बोन ट्यूमर है, जो आमतौर पर किशोरों में विकसित होता है। यह घुटने के आसपास पनपता है (4)।
अंत तक पढ़ें
आइए, अब जानते हैं कि घुटने में दर्द के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं।
घुटने के दर्द के लक्षण – Symptoms of Knee Pain in Hindi
घुटने में दर्द कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह ऊपर बताए गए घुटनों में दर्द के कारणों का एक लक्षण हो सकता है। हालांकि, इसके होने पर निम्नलिखित स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, जो कुछ इस प्रकार हो सकती हैं (1) –
- घुटने में सूजन हो सकती है।
- प्रभावित जगह का सुन्न होना।
- झनझनाहट का एहसास।
- उठने बैठने में अत्यधिक परेशानी।
- घुटने में जकड़न महसूस करना।
- घुटने पर लालिमा और स्पर्श करने पर गर्मी निकलना।
- घुटने को पूरी तरह से सीधा करने में असमर्थता।
- कई मामलों में बुखार भी आ सकता है।
अधिक जानकारी आगे है
आर्टिकल के इस अहम हिस्से में जानिए कि घुटने के दर्द का इलाज कैसे किया जाए?
घुटने के दर्द (जोड़ों का दर्द) का घरेलू इलाज – Home Remedies for Knee Pain in Hindi
1. सेब का सिरका
सामग्री :
- 2 चम्मच सेब का सिरका
- 1 गिलास गर्म पानी
प्रयोग की विधि :
- सेब के सिरके को पानी में डालकर अच्छी तरह मिक्स करें।
- फिर इस पानी को पी जाएं। संभव हो, तो भोजन से पहले इसे पिएं।
- सेब के सिरके को थोड़े-से नारियल तेल में मिक्स करके प्रभावित जगह पर लगा भी सकते हैं।
कितनी बार करें :
- प्रतिदिन कम से कम दो बार तो जरूर करें।
कैसे है फायदेमंद :
सेब के सिरके एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है, इसलिए इसे मांसपेशियों के दर्द और अर्थराइटिस से राहत देने में सहायक माना जा सकता है। इस गुण के कारण ही यह जोड़ों में दर्द व घुटने की सूजन को कम कर सकता है । घुटने के दर्द का इलाज करने के लिए इस विधि को अपना सकते हैं।
2. हल्दी
सामग्री :
- एक चम्मच हल्दी
- एक गिलास नारियल/बादाम का दूध
प्रयोग की विधि :
- सबसे पहले दूध को गर्म कर लें।
- फिर इसमें हल्दी को डालकर मिक्स कर दें।
- अब इस दूध को हल्का गर्म होने पर पिएं।
कितनी बार करें :
- घुटने के दर्द का उपाय के रूप में रोज दो बार यह दूध पी सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
घुटने के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज हल्दी की मदद से किया जा सकता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक प्रमुख तत्व पाया जाता है। यह एंटीइंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है। कुछ वैज्ञानिक शोधों में पाया गया है कि हल्दी के प्रयोग से जोड़ों के दर्द व घुटने की सूजन को कम किया जा सकता है (5) (6)। इसलिए, हल्दी के जरिए घुटने के दर्द और घुटने पर सूजन का इलाज किया जा सकता है।
3. अदरक
सामग्री :
- अदरक का एक इंच टुकड़ा
- एक कप पानी
- साफ कपड़ा
प्रयोग की विधि :
- अदरक को पानी में डालकर करीब पांच मिनट तक उबालें।
- इसके बाद पानी को छानकर थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें।
- फिर कपड़े को इस पानी में डालकर निचोड़ लें और प्रभावित जगह पर रखें।
- अब शरीर के प्रभावित हिस्से को इस कपड़े से लपेट दें।
- इस पानी को चाय की तरह पी भी सकते हैं।
कितनी बार करें :
- बेहतर परिणाम के लिए इसे दिन में कई बार किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
अगर किसी को ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण घुटने में दर्द हो रहा है, तो इससे निपटने के लिए अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं (7)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) के अनुसार, अदरक में जिंजेरॉल पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह काम कर सकता है। यह घुटने के दर्द का उपाय हो सकता है। साथ ही इसे एनाल्जेसिक यानी दर्द को कम करने वाली जड़ी-बूटी भी माना गया है (8)। इसलिए, ऐसा कहा जाता है कि घुटने के दर्द का इलाज करने के लिए अदरक का प्रयोग कर सकते हैं।
4. लाल मिर्च
सामग्री :
- तीन चम्मच लाल मिर्च
- एक कप जैतून का तेल
- आधा कप बीवैक्स का चूर्ण
- एक डबल बाॅयलर
- एक जार
प्रयोग की विधि :
- लाल मिर्च को जैतूल के तेल में मिक्स कर दें।
- इसे डबल बॉयलर में डालकर मध्यम आंच पर करीब 10 मिनट तक उबालें।
- अब इसमें बीवैक्स को डालकर लगातार हिलाते रहें।
- बीवैक्स के पूरी तरह घुलने और मिश्रण के मुलायम होने तक इसे हिलाते रहें।
- इसके बाद मिश्रण को करीब 10 मिनट के लिए फ्रिज में रख दें और बाद में बाहर निकालकर फिर से फेंटें।
- अब इसे फिर से 15 मिनट के लिए ठंडा होने दें और एक बार फिर अच्छी तरह फेंटें।
- आपका मिश्रण तैयार है। अब इसे जार में डालकर ढक दें और फ्रिज में रख दें।
- अब जब भी जरूरत हो, इसका इस्तेमाल करें।
कितनी बार करें :
- घुटने के दर्द का उपाय चाहते हैं, तो इस पेस्ट को दिनभर में कई बार प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
घुटने के दर्द का उपाय के रूप में लाल मिर्च भी कारगर हो सकती है। लाल मिर्च में कैप्साइसिन पाया जाता है, जो घुटनों के दर्द को ठीक करने का काम कर सकता है। कैप्साइसिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी व एनाल्जेसिक (दर्द कम करने वाले) गुण पाए जाते हैं, जो प्राकृतिक रूप से दर्द निवारक यानी घुटनों के दर्द की दवा का काम कर सकते हैं (9)। इसलिए, घुटने के दर्द का इलाज लाल मिर्च से किया जा सकता है।
5. मेथी दाने
सामग्री :
- दो चम्मच मेथी दाने
- एक गिलास पानी
प्रयोग की विधि :
- पानी में मेथी दाने डालकर रातभर के लिए छोड़ दें।
- अगली सुबह पानी को छानकर पी लें।
- पानी के साथ मेथी दानों को पीसकर पेस्ट भी बना सकते है। फिर इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
कितनी बार करें :
- रोज एक बार इस पेस्ट का इस्तेमाल जरूर करें।
कैसे है फायदेमंद :
घुटने के दर्द का उपचार मेथी से संभव हो सकता है। मेथी दानों में लिनोलेनिक और लिनोलिक एसिड पाए जाते हैं, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी अर्थराइटिक प्रभाव डाल सकते हैं और घुटने के दर्द से राहत दे सकते हैं। इसके इस्तेमाल से घुटने की सूजन को कम किया जा सकता है (10)। मेथी दाने के इस्तेमाल से घुटने के दर्द का इलाज किया जा सकता है।
6. सेंधा नमक
सामग्री :
- एक कप सेंधा नमक
- पानी आवश्यकतानुसार
- पुदीने के तेल की कुछ बूंदें
प्रयोग की विधि :
- बाथ टब में पानी भरकर उसमें सेंधा नमक मिक्स कर दें।
- इसमें पुदीने के तेल की कुछ बूंदें भी डाल सकते हैं।
- अब इस पानी में करीब 20-30 मिनट तक बैठें।
कितनी बार करें :
- प्रतिदिन एक बार ऐसा किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद :
सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट होता है, जो दर्द निवारक की तरह काम कर सकता है। खासकर, मैग्नीशियम सूजन को कम कर सकता है। यही कारण है कि घुटनों में दर्द होने पर सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तरीका न सिर्फ सस्ता है, बल्कि आसान भी है (11)। सेंधा नमक से घुटने के दर्द का इलाज किया जा सकता है।
7. नींबू
सामग्री :
- एक नींबू
- एक चम्मच तिल का तेल
प्रयोग की विधि :
- नींबू का रस निकालकर तिल के तेल में मिक्स कर दें।
- अब इस मिश्रण को घुटनों पर लगाएं और 30-40 मिनट के लिए छोड़ दें।
- नींबू का जूस पीने से और फायदा हो सकता है।
कितनी बार करें :
- इस मिश्रण को प्रतिदिन तीन-चार बार घुटनों पर लगा सकते हैं।
- दिन में दो बार नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
नींबू में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो घुटनों की सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं (12)। वहीं, शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ जाने पर घुटनों में दर्द का कारण माने जाने वाले रोग पैदा हो सकते हैं, जैसे गाउट (13)। वहीं, नींबू पानी का सेवन करने से सीरम यूरिक एसिड में कमी आ सकती हैं। इसलिए, कहा जा सकता हैं नींबू यूरिक एसिड घटाकर, घुटने के दर्द में राहत दे सकता है (14)।
8. सरसों का तेल
सामग्री :
- सरसों का तेल (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
- सरसों के तेल को अपनी उंगलियों पर लगाकर हल्के-हल्के हाथों से घुटनों की मालिश करें।
- इस तेल में लहसुन की कलियों को पीसकर मिक्स कर सकते हैं।
कितनी बार करें :
- दिनभर में कई बार इस तेल से मालिश कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
घुटने पर सरसों का तेल लगाने से दर्द व सूजन से राहत मिल सकती है (15)। अगर घुटनों के दर्द का इलाज घर बैठे करना चाहते हैं, तो सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। सरसों का तेल जोड़ों के दर्द में हल्की फुल्की राहत दे सकता है और साथ ही यह प्रभावित त्वचा को मुलायम भी बना सकता है (16)।
9. लहसुन
सामग्री :
- 50 ग्राम लहसुन
- 25 ग्राम अजवाइन
- 10 ग्राम लौंग
- 200 ग्राम सरसों का तेल
प्रयोग की विधि :
- लहसुन, अजवाइन और लौंग को पीस लें।
- अब इन सभी सामग्रियों को तेल में डालकर जला लें।
- जब तेल ठंडा हो जाए, तो कांच की बोतल में डालकर रख दें।
- अब जब भी जरूरत हो, इससे घुटनों की मालिश करें।
कितनी बार करें :
- इस तेल से दिन में एक या दो बार मालिश की जा सकती है।
कैसे है फायदेमंद :
लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो घुटने के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (17)। वहीं, एक शोध में जिक्र मिलता है कि लहसुन ऑस्टियोआर्थराइटिस से लक्षणों (जैसे जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन) में सुधार का काम कर सकता है (18)। अगर घुटने के दर्द का उपाय खोज रहे हैं, तो लहसुन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
10. जैतून का तेल
सामग्री :
- एक्स्ट्रा वर्जिन जैतूल का तेल (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
- जितना तेल चाहिए, उतना अपनी उंगलियों पर लगाकर हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
- तेल को लगा रहने दें, ताकि वह अपने आप स्किन में अवशोषित हो जाए।
- अगर किसी को इसका चिपचिपापन अच्छा नहीं लगे, तो करीब 30 मिनट बाद उसे साफ कर दें।
कितनी बार करें :
- अच्छे परिणाम के लिए यह तेल दिन में तीन-चार बार लगा सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
जैतून के तेल में पॉलीफेनॉल्स जैसे हाइड्रॉक्सीटेरोसोल, टायरोसोल, ओलेओकैंथल और ओलेयूरोपिन जैसे कई बायोलॉजिकल तत्व होते हैं। ये सभी तत्व एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह घुटनों के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (19)। इसलिए, घुटने के दर्द का उपाय व घुटने में दर्द का इलाज जैतून के तेल से किया जा सकता है।
11. नारियल तेल
सामग्री :
- एक्स्ट्रा वर्जिन नारियल तेल (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
- उंगलियों पर जरूरत के अनुसार नारियल तेल लगाकर घुटने की हल्के हाथों से मालिश करें।
- मालिश के बाद इस तेल को अपने आप सूखने दें या फिर 30 मिनट बाद साफ कर दें।
कितनी बार करें :
- दिनभर में दो से तीन बार मालिश कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
नारियल तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। यही कारण है कि इसे लगाने से घुटनों में आई सूजन व दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है (20)। नारियल तेल के जरिए घुटने के दर्द का उपाय कर सकते हैं। साथ ही जोड़ों के दर्द का इलाज कर सकते हैं।
12. एसेंशियल ऑयल
(क) पुदीने का तेल
सामग्री :
- पुदीने के तेल की सात बूंदें
- एक चम्मच नारियल तेल
प्रयोग की विधि :
- पुदीने के तेल को नारियल के तेल में मिला दें।
- इन दोनों को अच्छी तरह मिक्स कर, प्रभावित घुटने पर लगाएं।
कितनी बार करें :
- दिनभर में इसे कितनी भी बार लगा सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
पुदीने के तेल में मुख्य रूप से मेंथॉल पाया जाता है। मेंथॉल में प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसलिए, पुदीने का तेल घुटनों में होने वाले दर्द व सूजन से राहत दिला सकता है (21)। घुटनों के दर्द की दवा की जगह पुदीने के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
(ख) लोबान का तेल
सामग्री :
- लोबान के तेल की सात बूंदें
- एक चम्मच नारियल तेल
प्रयोग की विधि :
- लोबान के तेल और नारियल तेल को आपस में मिक्स कर लें।
- फिर इस मिश्रण को जिस घुटने में दर्द हो रहा हो, वहां लगाएं।
कितनी बार करें :
- इस तेल को दिन में कई बार लगा सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
लोबान के तेल में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है। इस लिहाज से यह घुटनों के दर्द में कारगर साबित हो सकता है। वैज्ञानिक अध्ययनों की मानें, तो लोबान ल्यूकोसाइट इलास्टेज (एक प्रकार का एंजाइम) को बाधित करके और ग्लाइकोसामिनोग्लाइकेन्स (खराब पॉलीसैकराइड तत्व) को कम करके जोड़ों में दर्द और सूजन की स्थिति को कम कर सकता है (22)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि लोबान का तेल घुटनों के दर्द की दवा के रूप में काम कर सकता है।
13. डंडेलियन की पत्तियां
सामग्री :
- डंडेलियन की 10-12 पत्तियां
- एक कप पानी
- थोड़ा-सा शहद
प्रयोग की विधि :
- सबसे पहले पत्तियों को अच्छी तरह धो लें।
- फिर इन पत्तियों को सॉस पैन में पानी के साथ डालकर करीब पांच मिनट तक उबालें।
- पानी को छानकर ठंड होने के लिए रख दें।
- इसके बाद पानी में शहद मिलाकर तुरंत पी जाएं।
कितनी बार करें :
- डंडेलियन की पत्तियों का यह पानी दिन में एक-दो बार पी सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
घुटने के दर्द का उपचार में डंडेलियन पत्तियां मदद कर सकती हैं, क्योंकि यह एंटी-इंफ्लेमेटरी का प्रमुख स्रोत हैं। इसे उबाल कर पानी पीने से घुटनों के दर्द से आराम मिल सकता है (23)। घुटनों के दर्द की दवा के रूप में डंडेलियन की पत्तियां कारगर हो सकती हैं। इन्हें घुटने के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है।
नोट : इसके साथ ही पारिजात / हरसिंगार की पत्तियां और फूल की चाय घुटने के दर्द को ठीक करने और नियंत्रित करने के लिए बहुत प्रभावी हो सकते है।
14. गर्म व ठंडी सिकाई
सामग्री :
- एक हॉट पैक
- एक कोल्ड पैक
प्रयोग की विधि :
- दर्द वाली जगह पर पहले हॉट पैक रखें और फिर उसके बाद कोल्ड पैक रखें।
- हर पैक को कम से कम पांच मिनट के लिए रखें।
- ऐसा करीब तीन बार करें।
कितनी बार करें :
- यह प्रक्रिया दिन में कई बार कर सकते हैं, ताकि जल्द आराम आए।
कैसे है फायदेमंद :
हॉट और कोल्ड पैक को एक के बाद एक प्रभावित जगह पर रखने से दर्द व सूजन से आराम मिल सकता है। जहां कोल्ड पैक दर्द वाली जगह को सुन्न कर देता है, वहीं हॉट पैक घुटनों में रक्त के प्रवाह को बढ़ा देता है (24)। इसे भी घुटने के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है।
15. विटामिन्स
अगर घुटनों के दर्द से परेशान हो चुके हैं, तो अपनी डाइट में विटामिन-डी और विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इससे दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकता है। विटामिन-डी से हड्डियां मजबूत होती हैं, जबकि विटामिन-सी से शरीर में कोलेजन का निर्माण होता है (25) (26)। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो कार्टिलेज में पाया जाता है (27)। शरीर में विटामिन की पूर्ति के लिए दूध, पनीर, अंडे, सिट्रस फल, ब्रोकली व हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन किया जा सकता है।
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घरेलू उपचार के बाद आइए जानते हैं कि घुटने के दर्द का इलाज क्या हो सकता है?
घुटने के दर्द का इलाज – Treatments for Knee Pain in Hindi
कई बार घुटने के दर्द की समस्या गंभीर हो जाती है और घरेलू नुस्खों से स्थिति में कोई सुधार नहीं आता। ऐसे में डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। घुटने के दर्द का इलाज करते समय डॉक्टर नीचे लिखी प्रकिया अपना सकते हैं (1)।
- घुटनों में दर्द का कारण जानने के लिए डॉक्टर घुटने की जांच कर सकते हैं।
- डॉक्टर घुटने को मोड़ कर इसके लचीलेपन की जांच कर सकते हैं कि घुटना कहां तक मुड़ रहा है।
- अगर डॉक्टर को किसी बाहरी चोट का अंदेशा नहीं मिलता, तो वो एक्स-रे कराने की सलाह दे सकते हैं।
- हड्डियों और जोड़ में फ्रैक्चर या संक्रमण की जांच के लिए साधारण एक्स-रे या सिटी स्कैन कराना जरूरी होता है।
- घुटने में दर्द की समस्या मांसपेशियों में चोट के कारण भी हो सकती है, इसके लिए एमआरआई (MRI) जांच होती है, जिसमें लिगामेंट इंजरी को पहचाना जा सकता है।
- अगर डॉक्टर को किसी संक्रमण गाउट या गठिया के संकेत मिलते हैं, तो वह रक्त की जांच द्वारा इसको पुष्टि कर सकता है।
- उपरोक्त जांचों के बाद दर्द का सही कारण पता चलने पर घुटनों के दर्द का इलाज शुरू किया जाता है।
घुटने के दर्द का इलाज, घुटने में दर्द के कारण पर निर्भर करता है। एक बार कारण मालूम होने पर डॉक्टर नीचे लिखे ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं (28) –
दवाएं : घुटने के दर्द के लिए डॉक्टर दर्द निवारक व संक्रमण के लिए एंटी बायोटिक जैसी दवाएं दे सकते हैं। घुटने में दर्द की समस्या अगर किसी पोषक तत्व की कमी के कारण हो, तो उस तत्व की पूर्ति के लिए संबंधित सप्लीमेंट भी दिए जा सकते हैं।
थेरेपी : घुटनों के दर्द के इलाज के लिए फिजियोथेरेपी कराने की सलाह भी डॉक्टर दे सकते हैं। इस थेरेपी का उद्देश्य घुटने की हड्डी और मांसपेशियों को मजबूत बनाना हो सकता है।
इंजेक्शन : घुटनों के दर्द की समस्या से निपटने के लिए दो तरह के इंजेक्शन लगाए जा सकते हैं –
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन : घुटनों के दर्द से आराम पाने के लिए यह इंजेक्शन दिया जा सकता है। यह दर्द में थोड़े समय के लिए सुधार कर सकता है। वहीं, इसका असर खत्म होने के बाद दोबारा दर्द शुरू होने का जोखिम बना रह सकता है (29)।
- विस्कोसप्लिमेंटेशन : इस प्रक्रिया के अंतर्गत घुटनों में हाइलूरोनन (गाढ़ा तरल पदार्थ) का इंट्रा-आर्टिकुलर इंजेक्शन दिया जाता है। इस इलाज के द्वारा घुटने के दर्द से राहत मिल सकती है (30)।
घुटने की सर्जरी : बहुत गंभीर मामलों में डॉक्टर सर्जरी की राह सुझाते हैं। घुटनों के दर्द से निजात देने के लिए नीचे लिखी सर्जरी अपनाई जाती हैं।
- आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी : यह सर्जरी घुटने से क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत करने और घुटने के क्रियाकलाप को सुधारने के लिए की जाती है। इससे काफी हद तक घुटने के दर्द से राहत मिल सकती है (31)।
- नी रिप्लेसमेंट (नी आर्थ्रोप्लास्टी) : ये दो तरीके से किया जा सकता है, एक टोटल नी रिप्लेसमेंट और दूसरा पार्शियल (आंशिक) नी रिप्लेसमेंट। टोटल नी रिप्लेसमेंट में घुटने के जोड़ की सतह से क्षतिग्रस्त कार्टिलेज और हड्डी को हटा दिया जाता है और उन्हें मेटल या प्लास्टिक की मानव निर्मित सतह के साथ बदल दिया जाता है। वहीं, पार्शियल नी रिप्लेसमेंट में सर्जन केवल घुटने के जोड़ के एक हिस्से को बदलता है (32) ।
पढ़ते रहें
लेख के अगले हिस्से में जानते हैं घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए कौन-कौन से योगासन अपनाए जा सकते हैं।
घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए योगासन
घुटने के दर्द से राहत पाने में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आइए जानते हैं दो प्रमुख आसनों के बारे में जो घुटनों के दर्द से निजात दिला सकते हैं, लेकिन हम सलाह देते हैं कि इनका अभ्यास विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। अगर घुटनों की समस्या गंभीर है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही योगाभ्यास अपनाएं।
1. भुजंगासन :
भुजंगासन करने के बहुत से लाभ हो सकते हैं, जिसमें से एक है घुटने के दर्द से राहत देना। वैज्ञानिक शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि भुजंगासन का नियमित अभ्यास घुटने के दर्द से राहत दे सकता है (33)।
भुजंगासन कैसे करें?
भुजंगासन को नीचे बताए गए तरीके से किया जा सकता है :
- सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- दोनों हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें और मस्तक को जमीन से लगाएं।
- इस दौरान पैरों को तना हुआ रखें और इनके बीच थोड़ी दूरी रखें।
- साथ ही हथेलियों को कंधे के बराबर लाकर रखें।
- अब लंबी गहरी सांस भरते हुए हाथों से जमीन की ओर दबाव डालते हुए, नाभि तक शरीर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- सबसे पहले मस्तक, फिर छाती और आखिर में नाभि वाले हिस्से को ऊपर उठाएं।
- अब आसमान की ओर देखने की कोशिश करें और इस अवस्था में कुछ देर ठहरें।
- शरीर का भार दोनों हाथों पर बराबर बनाएं रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
- इस तरह आप इस योग का एक चक्र पूरा करेंगे।
- क्षमतानुसार इस योग के तीन से पांच चक्र पूरे किए जा सकते हैं।
2. पश्चिमोत्तानासन :
पश्चिमोत्तानासन उन आसनों में शामिल है, जो घुटनों के दर्द से राहत दे सकते हैं। यह फिजियोथेरेपी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है और दर्द से राहत देने में मदद कर सकता है। साथ ही यह घुटने की सर्जरी के बाद की स्थिति में भी सुधार कर सकता है, लेकिन ऑपरेशन के बाद इसे अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है (34)।
पश्चिमोत्तानासन कैसे करें?
पश्चिमोत्तानासन को नीचे बताए गए तरीके से किया जा सकता है :
- सबसे पहले जमीन पर योग मैट बिछाएं।
- अब पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
- इस दौरान दोनों पैर आपस में सटे हों और घुटने बिल्कुल सीधे हों।
- इस योग अभ्यास के दौरान सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें।
- अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
- फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने की कोशिश करें।
- आगे झुकने के दौरान भी घुटने नहीं मुड़ने नहीं चाहिए।
- कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहने का प्रयास करें।
- फिर अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं।
- इस प्रक्रिया को 5 – 6 बार दोहराएं।
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आइए, अब जानते हैं कि घुटने के दर्द में डॉक्टर से सलाह कब लेनी चाहिए?
डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
अगर लगातार घुटनों में दर्द बना हुआ है और नीचे लिखे लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से सलाह लेना सही रहेगा (1) –
- अगर घुटने, व्यक्ति का वजन सहन नहीं कर पा रहे हैं।
- अगर घुटने अस्थिर लग रहे हैं।
- घुटने पर अत्यधिक सूजन महसूस होने पर।
- अगर घुटना पूरी तरह मुड़ने और फैलने पर दर्द करे।
- पैर या घुटने पर चोट स्पष्ट रूप से दिखने पर।
- घुटने पर लालिमा, दर्द और सूजन के अलावा बुखार आने पर।
- घुटने में गंभीर दर्द होने पर।
- 3 दिन तक घरेलू उपचार के बाद भी दर्द को आराम न पहुंचने पर।
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अब जानते हैं घुटने के दर्द के लिए कुछ और उपाय।
घुटने के दर्द के लिए कुछ और उपाय – Other Tips for Knee Pain in Hindi
एक्सरसाइज : नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। ध्यान रहे कि एक्सरसाइज करने से पहले वॉर्मअप जरूर करें, वरना दर्द कम होने की जगह बढ़ सकता है। साथ ही गलत एक्सरसाइज करने से भी दर्द बढ़ सकता है। इसलिए, बेहतर यही होगा कि किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही एक्सरसाइज करें। प्रतिदिन व्यायाम करने से घुटने के दर्द का उपाय किया जा सकता है।
मालिश : अरोमाथेरेपी (खुशबूदार तेल) की मालिश से घुटने के दर्द, सुबह-सुबह होने वाली कठोरता और शारीरिक कामकाज की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। इससे घुटनों में आई सूजन धीरे-धीरे कम होने लगती है और दर्द से भी आराम मिल सकता है (35)।
सही मुद्रा : गलत तरीके से उठने-बैठने या फिर चलने-फिरने से भी घुटनों में दर्द हो सकता है। इसलिए, अपने शरीर की सही मुद्रा का ध्यान रखें।
अधिक आराम : दिनभर में जरूरत से ज्यादा आराम करने से मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इससे घुटनों व अन्य जोड़ों में दर्द शुरू हो सकता है।
RICE का रखें ध्यान : घुटनों या जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को R-रेस्ट, I-आईस, C-कंप्रेशन व E-एलिवेशन का पालन करने की सलाह दी जाती है। पहले कुछ देर रेस्ट करें, ताकि घुटने को आराम मिल सके। फिर उस पर कुछ देर आईस रखें, ताकि दर्द व सूजन कम हो। इसके बाद कंप्रेशन बैंडेज घुटनों पर लपेटें और घुटने को थोड़ा ऊपर रखें। यह लिगामेंट चोट को आराम पहुंचा सकता है (36)।
एक्यूपंक्चर : यह चाइनीज पद्धति कारगर साबित हो सकती है। इसमें शरीर के कुछ निश्चित पॉइंट्स पर सुइयां चुभाई जाती हैं, जिससे दर्द से आराम मिल सकता है।
क्या खाएं : घुटनों के दर्द या फिर गठिया रोग से परेशान लोगों के लिए कोई निश्चित डाइट चार्ट नहीं है। फिर भी कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनके सेवन से दर्द व सूजन कम हो सकती है। इनके बारे में हम यहां बता रहे हैं (37):
- मछलियां : साल्मन व सार्डिन जैसी मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम कर सकता है। हफ्ते में दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।
- जैतून तेल : इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन और दर्द से राहत देने में मदद कर सकता है (38)।
- डेयरी उत्पाद : हड्डियों के लिए विटामिन-डी जरूरी है और दूध, दही व पनीर इसके प्रमुख स्रोत हैं।
- नट्स : अखरोट जैसे नट्स का सेवन किया जा सकता है। ये ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं, जो सूजन को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
क्या न खाएं : अधिक नमक, तली-भूनी व मिर्च-मसाले वाली चीजें, अधिक मीठा व सोडा आदि का सेवन न करें। साथ ही शराब व धूम्रपान से भी दूरी बनाए रखें।
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आगे जानिए घुटनों में दर्द से बचाव कैसे किया जा सकता है।
घुटनों में दर्द से बचाव – Prevention Tips for Knee Pain in Hindi
घुटनों में दर्द से बचाव के लिए नीचे लिखे टिप्स अपनाने चाहिए, इन्हें अपनाने से घुटनों में दर्द का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है।
संतुलित वजन : वजन जरूरत से ज्यादा होने पर मांसपेशियों व हड्डियों पर असर पड़ता है। इस कारण से भी घुटनों व अन्य जोड़ों में दर्द हो सकता है। इसलिए, अपने वजन को संतुलित रखें।
पानी : दिनभर में कम से कम आठ-दस गिलास पानी जरूर पिएं। इससे शरीर में जमे विषैले तत्व शरीर से बाहर निकल जाएंगे।
पौष्टिक आहार : पोषक तत्वों से युक्त आहार का सेवन करें, ताकि मांसपेशियों व हड्डियों को जरूरी कैल्शियम, विटामिन्स व प्रोटीन मिलते रहें।
जूते व चप्पल : हमेशा आरामदायक जूते व चप्पल पहनें। इन्हें पहनकर अहसास होना चाहिए कि पैरों के नीचे कुशन हैं। इससे घुटनों के जोड़ों पर किसी तरह का अतिरिक्त जोर नहीं पड़ता है।
एक्टिव रहें : पर्याप्त आराम के साथ-साथ काम करते रहना भी जरूरी है। शरीर के गतिशील रहने से हड्डियां व मांसपेशियां बेहतर तरीके से काम कर पाती हैं।
घुटनों व जोड़ों का दर्द आपके जीवन की रुकावट नहीं बन सकता। इससे बचने के लिए आप न सिर्फ स्वस्थ दिनचर्या का पालन करें, बल्कि पौष्टिक आहार का भी सेवन करें। वहीं, अगर आपको किसी भी तरह की तकलीफ महसूस होती भी है, तो इस आर्टिकल में बताए गए उपचारों से उसे दूर कर सकते हैं। अगर समस्या गंभीर है, तो आप बिना देरी के अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें। हमें उम्मीद है कि इन घरेलू उपचारों से आपको जरूर फायदा होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या साइकिलिंग करना घुटनों के दर्द के लिए अच्छा होता है?
हां, साइकिलिंग करना घुटने के दर्द के लिए एक अच्छा व्यायाम है। शोध ये कहते हैं कि स्टेशनरी साइकिलिंग करने से घुटने के दर्द को कम किया जा सकता है। यह व्यायाम करने की क्षमता भी बढ़ाता है (39)।
क्या काइनेसियोलॉजी टेप घुटने के दर्द में कारगर है?
हां, दर्द को कम करने और घुटने की कार्यक्षमता को बढ़ाने में काइनेसियोलॉजी टेप कारगर हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस के रोगियों को दर्द से राहत देने के लिए काइनेसियोलॉजी टेप थेरेपी लाभदायक हो सकती है (40)।
घुटने का दर्द ठीक होने में कितना समय लगता है?
यह घुटने के दर्द के कारण यानी दर्द के पीछे छिपी बीमारियों पर निर्भर करता है। हल्की फुल्की चोट के कारण दर्द हो तो वो 1 हफ्ते में ठीक हो जाता है, जबकि गठिया, फ्रैक्चर और ऑपरेशन के बाद कई महीने तक दर्द बना रह सकता है। कई बार इलाज के अभाव में घुटनों का दर्द जीवन भर परेशानी का कारण भी बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान घुटनों में दर्द क्यों होता है?
वैज्ञानिक शोध के अनुसार, गर्भवती महिलाओं में घुटने के दर्द की समस्या शरीर के वजन में वृद्धि के कारण हो सकती है। शरीर का बढ़ता वजन घुटने के दर्द के लिए एक जोखिम कारक माना जा सकता है (41)।
घुटनों के दर्द से छुटाकारा कैसे मिल सकता है?
घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए उचित खान-पान और व्यायाम करना बहुत जरूरी है। ऊपर लिखे नुस्खे भी दर्द से निजात दिला सकते हैं। आराम न होने की स्थिति में किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
क्या घूमना, घुटनों के दर्द में लाभ देता है?
30 मिनट या उससे अधिक घूमना, दर्द से पीड़ित व्यक्ति के घुटनों पर जोर डाल सकता है, जबकि मिले जुले व्यायाम अच्छे परिणाम दे सकते हैं। इसलिए, केवल टहलने से अच्छा है कि मिली जुली एक्सरसाइज की जाए (42)।
क्या घुटनों का दर्द अपने आप चला जाता है?
छोटी मोटी चोट लगने पर दर्द अपने आप ठीक हो सकता है, लेकिन अगर लगातार दर्द बना रहे, तो यह अंदरूनी क्षति की ओर इशारा करता है। शोध कहते हैं कि घुटने में पाए जाने वाले खास ऊतक (कार्टिलेज) अन्य शारीरिक उतकों की तरह अपने आप ठीक नहीं होते हैं, इसलिए घुटनों में दर्द लगातार बना रह सकता है(43)।
क्या सीढ़ियां चढ़ना घुटनों के लिए हानिकारक है?
एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए सीढ़ियां चढ़ना हानिकारक नहीं है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति घुटने की किसी समस्या से जूझ रहा है, तो उसे थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। शोध ये कहते हैं की सीढ़िया चढ़ना, टिबोफेमोरल जॉइंट (घुटने के जोड़) पर भार बढ़ाता है। यह ऑस्टियोआर्थराइटिस का जोखिम पैदा कर सकता है, इसलिए अगर किसी के घुटने में तकलीफ है, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेकर ही सीढ़ियों का उपयोग करना चाहिए (44)।
क्या मुझे घुटनों के दर्द के लिए ग्लुकोसेमाइन सप्लिमेंट लेना चाहिए?
शोध के अनुसार, ग्लूकोसामाइन सप्लिमेंट, एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) या नॉनस्टेरॉइडल एंटी इन्फ्लामेट्री दवा के रूप में परिणाम दे सकता है और इसका कोई दुर्लभ या प्रतिकूल प्रभाव नहीं है। फिर भी इसका सेवन अपने आप न करें, डॉक्टर ही ये बता सकते हैं कि ग्लुकोसेमाइन सप्लिमेंट लेने की जरूरत है या नहीं (45)।
मैं ये कैसे पता करूं कि मेरे घुटनों का दर्द गंभीर हैं या नहीं?
अगर किसी व्यक्ति के घुटनों में एक हफ्ते से ज्यादा दर्द बना रहता है, तो उसे डॉक्टर की दिखाना चाहिए। डॉक्टर एक्स-रे और खून की जांच करके यह बता सकते हैं कि घुटनों का दर्द गंभीर है या नहीं।
घुटनों के दर्द में आराम पाने के लिए मैं क्या कर सकता हूं?
घुटनों के दर्द से तुरंत आराम पाने के लिए सिकाई करें। इसके अलावा, घुटनों के दर्द से आराम पाने के लिए अन्य क्या प्रक्रिया अपनाई जा सकती, वह लेख में विस्तार से बताई गयी है।
References
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