Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

मसालों के मामले में भारत एक धनी देश है। यहां अलग-अलग व्यंजनों के लिए सामान्य से लेकर खास मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, इनमें कुछ ऐसे भी मसाले हैं, जिन्हें अपने औषधीय गुणों की वजह से आर्युवेद में विशेष स्थान दिया गया है। हल्दी इन्हीं में से एक है। माना जाता है कि स्वास्थ्य के लिए हल्दी के फायदे अनेक हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हल्दी के औषधीय गुण बताने जा रहे हैं। यहां आप जान पाएंगे कि सामान्य सी दिखने वाली हल्दी का उपयोग किस प्रकार शरीर को लाभ पहुंचाने का काम कर सकता है। हल्दी के फायदे के साथ इस लेख में हल्दी के नुकसान के बारे में भी बताया गया है। लेख को पढ़ते समय इस बात का ध्यान रखें कि हल्दी किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, यह केवल समस्या से बचाव और उनके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकती है।

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इससे पहले कि हल्दी खाने के फायदे जानें, सबसे पहले यह जानिए कि हल्दी क्या है?

हल्दी क्या है – What is Turmeric in Hindi

हल्दी एक वनस्पति है, जो अदरक के परिवार से संबंध रखती है (1)। इसका वैज्ञानिक नाम करकुमा लोंगा (Curcuma longa) है। इसे हिंदी में हल्दी और अंग्रेजी में टर्मेरिक कहा जाता है। प्राकृतिक रूप से इसका रंग पीला होता है। कच्ची हल्दी बिलकुल अदरक की तरह ही दिखती है। वहीं, हल्दी के पाउडर को भोजन में एक मसाले की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। स्वास्थ्य के लिए यह कई प्रकार से फायदेमंद हो सकती है, यह जानकारी नीचे दी गई है।

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आगे जानिए हल्दी में कौन-कौन से औषधीय गुण पाए जाते हैं।

हल्दी के औषधीय गुण – Medicinal Properties of Turmeric in Hindi

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि हल्दी के औषधीय गुण अनेक हैं, जिनमें एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीट्यूमर, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, कार्डियोप्रोटेक्टिव (हृदय को स्वस्थ रखने वाला गुण), हेपटोप्रोटेक्टिव (लिवर स्वस्थ रखने वाला गुण) और नेफ्रोप्रोटेक्टिव (किडनी स्वस्थ रखने वाला गुण) गुण मुख्य हैं (1)। हल्दी का उपयोग शरीर के लिए प्रकार लाभदायक हो सकता है, यह जानकारी लेख में नीचे दी जा रही है।

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अब जानते हैं हल्दी के औषधीय गुण से होने वाले फायदे।

हल्दी के फायदे – Benefits of Turmeric in Hindi

नीचे जानिए सेहत के लिए हल्दी खाने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।

1. लिवर डिटॉक्स करने के लिए हल्दी के फायदे

लिवर से विषाक्त तत्व निकालने और लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में हल्दी सहायक हो सकती है। एनसीबीआई (NCBI – The National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार, हल्दी के डिटॉक्सिफिकेशन और एंटीऑक्सीडेंट गुण मरकरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन (Mercury Toxicity – खासतौर पर सी फूड के सेवन से) से होने वाली लिवर टॉक्सिटी से बचाव में मदद कर सकते हैं (2)। इतना ही नहीं, हल्दी में मौजूद हेपाटोप्रोटेक्टिव गुण लिवर से जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं (1)। फिलहाल, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है।

2. मधुमेह के लिए हल्दी के फायदे

हल्दी का सेवन मधुमेह के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है। दरअसल, एक शोध में प्रीडायबिटिक आबादी (Prediabetic) पर 9 महीने तक करक्यूमिन (Curcumin – हल्दी का महत्वपूर्ण घटक) का उपयोग लाभकारी साबित हुआ। इसका उपयोग डायबिटीज के जोखिम को कम करता पाया गया (3)। इसके अलावा, करक्यूमिन का एंटी-डायबिटिक गुण मधुमेह में होने वाली किसी प्रकार की जटिलता के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है (4)। ऐसे में अध्ययनों के अनुसार, 12 ग्राम तक करक्यूमिन का सेवन सुरक्षित है (5)। हालांकि, बेहतर है इस बारे में डॉक्टरी परामर्श भी ली जाए, क्योंकि डायबिटीज में हल्दी के सेवन और उसकी मात्रा से संबंधित और जांच की आवश्यकता है।

3. रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए हल्दी

शरीर स्वस्थ हो, उसके लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता का सही होना आवश्यक है। यहां हल्दी मददगार हो सकती है। दरअसल, हल्दी का महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट (Immunomodulatory Agent – रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करना) की तरह भी काम कर सकता है। यह टी व बी सेल्स (श्वेत रक्त कोशिकाएं) जैसे विभिन्न इम्यून सेल्स की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में भी मदद कर सकता है। जिससे शरीर कई तरह की बीमारियों जैसे – एलर्जी, अस्थमा, मधुमेह और हृदय रोग से लड़ सकता है (6) (7)। 

4. कैंसर के लिए हल्दी के लाभ

हल्दी का उपयोग कैंसर के जोखिम से भी बचाव करने में सहायक हो सकता है। कुछ अध्ययनों से यह बात सामने आई कि करक्यूमिन ट्यूमर सेल्स को कम करने या उसके प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीनियोप्लास्टिक (Antineoplastic Properties – ट्यूमर से बचाव का गुण) गुण मौजूद होते हैं (8) (9)। इसके साथ ही इसमें एंटीकैंसर गुण भी मौजूद होता है, जो प्रोस्ट्रेट, स्तन, और लंग्स कैंसर के जोखिम से बचाव में मदद कर सकता है (10)। ध्यान रहे, अगर किसी को कैंसर है तो उस व्यक्ति के लिए डॉक्टरी इलाज ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

5. बढ़ते वजन के लिए हल्दी के लाभ

सही वक्त पर अगर बढ़ते वजन पर ध्यान न दिया जाए तो मोटापे की समस्या हो सकती है। यहां हल्दी के लाभ देखे जा सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome – ऐसी स्थितियां जो हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह के खतरे को बढ़ाती हैं) की समस्या से ग्रसित लोगों में करक्यूमिन का सेवन करने से बॉडी मास इंडेक्स (BMI), कमर की चौड़ाई (Waist Circumference) और वजन में कमी पाई गई (11)। इसके अलावा, एक अन्य शोध के मुताबिक अधिक वजन वाले व्यक्तियों में करक्यूमिन सकारात्मक तौर पर काम कर वजन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (12)। हालांकि, वजन कम करने के लिए सिर्फ हल्दी का सेवन नहीं, बल्कि साथ-साथ व्यायाम और डाइट में बदलाव करना भी आवश्यक है।

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6. हल्दी के औषधीय गुण – एंटी इन्फ्लेमेटरी

हल्दी के गुण की बात करें तो सूजन की समस्या के लिए भी हल्दी लाभकारी हो सकती है। मनुष्यों पर किए गए शोध में हल्दी का उपयोग सुरक्षित पाया गया। इसके साथ ही करक्यूमिन में एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण की भी पुष्टि हुई, जो कि सूजन की समस्या से बचाव करने में सहायक हो सकता है (13)। सूजन कई बीमारियों जैसे – अर्थराइटिस, अस्थमा, कैंसर और अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) का कारण बन सकता है। ऐसे में हल्दी एंटी इन्फ्लेमेटरी एजेंट की तरह काम कर सूजन की परेशानी को कम करने में सहायक हो सकती है (14)।

7. हल्दी के औषधीय गुण – एंटीऑक्सीडेंट

हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाया जाता है, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से मुक्त रखने और आयरन के प्रभाव को संतुलित करने में मदद कर सकता है (15)। हल्दी पाउडर के साथ-साथ इसके तेल में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं (16)। वहीं, चूहों पर की गई एक स्टडी के अनुसार, हल्दी डायबिटीज के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को रोकने में सक्षम है (17)। एक अन्य अध्ययन में दावा किया गया है कि करक्यूमिन में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण मनुष्यों की स्मरण शक्ति को बढ़ा सकता है (18)।

8. हृदय के लिए हल्दी के फायदे

हल्दी का उपयोग ह्रदय को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है। हल्दी का सबसे महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन में कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं, जिस कारण इसके उपयोग से ह्रदय रोग के जोखिम से बचाव हो सकता है (19)। यह बात जानवरों और मनुष्यों पर किए गए कई अध्ययनों में सामने आई है (20)। इसके साथ ही एक स्टडी में यह भी पाया गया है कि बाईपास सर्जरी (ह्रदय से जुड़ा ऑपरेशन) के मरीजों में करक्यूमिन के सेवन से दिल के दौरे का खतरा कम हो सकता है (21)। ऐसे में हल्दी का सेवन ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

9. पाचन के लिए हल्दी का उपयोग

पाचन संबंधी समस्या (जैसे – गैस और अपच) कभी भी और किसी को भी हो सकती है। ऐसे में हल्दी का उपयोग न सिर्फ गैस और पेट फूलने की परेशानी से राहत दिला सकता है, बल्कि इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome – आंत संबंधी समस्या) और पाचन संबंधी समस्याओं से भी राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (1)। इतना ही नहीं करक्यूमिन में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण अल्सर के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकते हैं (21)। इसलिए, पेट और पाचन को सही रखने के लिए खाने में हल्दी का उपयोग किया जा सकता है।

10. अल्जाइमर में हल्दी के फायदे

अल्जाइमर, जो कि एक मस्तिष्क संबंधी समस्या है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। इसके कारण अभी भी अज्ञात हैं, लेकिन बढ़ती उम्र इस बीमारी का एक जोखिम कारक हो सकता है (22)। ऐसे में अल्जाइमर के जोखिम को कम करने के लिए हल्दी सहायक हो सकती है। एनसीबीआई (NCB) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अल्जाइमर मरीजों में हल्दी का उपयोग उनकी जीवनशैली में सुधार लाने में सहायक पाया गया (23)। वहीं, करक्यूमिन का एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण अल्जाइमर की स्थिति में सुधार करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, इस विषय में अभी और अध्ययन की आवश्यकता है (24)।

11. चिंता और डिप्रेशन के लिए हल्दी के लाभ

हल्दी का सेवन चिंता और अवसाद की स्थिति में प्रभावकारी हो सकता है। दरअसल, हल्दी में एंटी एंग्जायटी (Anti-Anxiety) गुण मौजूद होते हैं, जो चिंता की स्थिति में असरदार हो सकता है (25)। इसके अलावा, एक अध्ययन के अनुसार यह माना गया कि हल्दी में मौजूद करक्युमिनोइड (Curcuminoid) घटक का एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है (26)। फिलहाल, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है।

12. मासिक धर्म से पहले पीएमएस (PMS) के लक्षणों के लिए

कई महिलाओं को मासिक धर्म के समय अधिक दर्द व पेट में ऐंठन का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। ईरान में हुए एक शोध के अनुसार, करक्यूमिन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो मासिक धर्म से पहले पीएमएस के लक्षणों को कम कर सकता है (27)। मासिक धर्म के दौरान हल्दी दूध का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

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[ पढ़े: मासिक धर्म (पीरियड्स) के समय होने वाले दर्द का घरेलू इलाज ]

13. गठिया के लिए हल्दी के लाभ

हल्दी का उपयोग ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) जो कि गठिया का एक प्रकार है, उसमें लाभकारी हो सकता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार 139 लोग जिनमें घुटनों से संबंधित ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण थे, उन्हें एक महीने के लिए हर दिन तीन बार 500 मिलीग्राम करक्यूमिन का सेवन कराया गया। जिसके बाद मरीजों में गठिया के लक्षण में काफी राहत देखी गई। दरअसल, हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जिससे गठिया के लक्षणों से आराम मिल सकता है। हालांकि, यह शोध कम स्तर और बस एक महीने के लिए किया गया है, इसलिए इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है (28)।

14. घाव के लिए हल्दी के औषधीय गुण

हल्दी का उपयोग कई सालों से हल्की-फुल्की चोट या घावों को भरने के लिए किया जाता रहा है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, घाव को भरने और एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो घाव भरने में सहायक हो सकते हैं (29) (30)। हालांकि, ध्यान रहे कि हल्दी का उपयोग सामान्य चोट या घाव के लिए ही किया जाए, अगर घाव गंभीर है तो डॉक्टरी चिकित्सा को ही प्राथमिकता दें।

15. खांसी के लिए हल्दी का उपयोग

कई लोग हल्दी का उपयोग खांसी या सर्दी-जुकाम के लिए कई सालों से औषधि की तरह करते आ रहे हैं, क्योंकि हल्दी की तासीर गर्म होती है। गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर सेवन करने से खांसी की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है (1) (31)। इतना ही नहीं हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण इसका सेवन ब्रोंकियल अस्थमा के लिए भी असरदार हो सकता है (32)। ध्यान रहे, अगर खांसी कई दिनों से है तो बेहतर है कि एक बार डॉक्टरी परामर्श भी जरूर लें।

16. सोरायसिस में हल्दी का उपयोग

सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं बल्कि हल्दी के फायदे स्किन के लिए भी अनेक हैं। त्वचा संबंधी विकारों का उपचार करने में भी हल्दी के फायदे देखे जा सकते हैं। हल्दी लगाने के फायदे न सिर्फ त्वचा को स्वस्थ रखने, बल्कि सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी समस्या के लिए असरदार हो सकते हैं। सोरायसिस में त्वचा पर पपड़ी जमने लगती है और साथ ही लाल चकत्तों के साथ खुजली की समस्या भी हो सकती है (33)। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिस कारण यह सोरायसिस के कारण त्वचा पर हुए जख्मों को जल्द भरने में मददगार साबित हो सकती है (34) (35)।

17. कील-मुंहासों के लिए हल्दी

हल्दी के फायदे स्किन के लिए होने के कारण ही भारत में शादी और अन्य शुभ अवसर पर हल्दी का उपयोग किया जाता रहा है। हम लेख में ऊपर बता चुके हैं कि हल्दी त्वचा को सोरायसिस जैसी समस्या से राहत दिला सकती है। इसके अलावा, यह कील-मुंहासों की समस्या पर भी प्रभावकारी हो सकती है (30) (34)। हालांकि, इस बारे में कोई सटीक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन लोगों के अनुभव के आधार पर हल्दी को एक्ने की समस्या के लिए असरदार माना गया है। हल्दी के फायदे स्किन के लिए अनुभव करने के लिए हल्दी को अन्य सामग्री जैसे – बेसन या मुल्तानी मिट्टी के साथ मिलाकर लगा सकते हैं।

18. बालों के लिए हल्दी का उपयोग

हल्दी लगाने के फायदे बालों के लिए भी हैं। डैंड्रफ की परेशानी के लिए हल्दी के साथ नारियल तेल का उपयोग एंटी-फंगल एजेंट की तरह काम कर सकता है (36)। जिससे कि डैंड्रफ और उससे होने वाली खुजली की समस्या से राहत मिल सकती है।

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आगे जानते हैं हल्दी में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में, जो हल्दी को इतना फायदेमंद बनाने में मदद करते हैं।

हल्दी के पौष्टिक तत्व – Turmeric Nutritional Value in Hindi

नीचे हम हल्दी के पौष्टिक तत्वों की सूची साझा कर रहे हैं (37)।

पौष्टिक तत्वप्रति 100 ग्राम
पानी12.85 ग्राम
एनर्जी312 केसीएल
प्रोटीन9.68 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट)3.25 ग्राम
ऐश7.08 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट67.14 ग्राम
फाइबर, टोटल डायटरी22.7 ग्राम
शुगर, टोटल इंक्लूडिंग एनआईए (NLEA)3.21ग्राम
कैल्शियम168 मिलीग्राम
आयरन55 मिलीग्राम
मैग्नीशियम208 मिलीग्राम
  फास्फोरस299 मिलीग्राम
पोटेशियम2080 मिलीग्राम
सोडियम27 मिलीग्राम
जिंक4.5 मिलीग्राम
कॉपर1.3 मिलीग्राम
मैंगनीज19.8 मिलीग्राम
सेलेनियम6.2 माइक्रोग्राम
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड0.7 मिलीग्राम
थियामिन0.058 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.15 मिलीग्राम
नियासिन1.35 मिलीग्राम
पैंटोथैनिक एसिड0.542 मिलीग्राम
विटामिन बी-60.107 मिलीग्राम
फोलेट, कुल20 माइक्रोग्राम
कोलीन, कुल49.2 मिलीग्राम
बीटेन9.7 मिलीग्राम
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल)4.43 मिलीग्राम
विटामिन के (फिलोक्विनोन)13.4 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड1.838 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.449 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.756 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल ट्रांस-मोनोएनिक0.056 ग्राम

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आगे जानिए हल्दी का उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है।

हल्दी का उपयोग – How to Use Turmeric in Hindi

हल्दी के फायदे पाने के लिए निम्नलिखित तरीकों से हल्दी का उपयोग किया जा सकता है।

  • एक चौथाई चम्मच हल्दी का प्रयोग दोपहर या रात के भोजन में कर सकते हैं।
  • अगर शाम को स्नैक्स के तौर पर उबली हुई सब्जियां खाने के शौकिन हैं, तो रंग के लिए सब्जी उबालते वक्त उसमें चुटकी भर हल्दी डाल सकते हैं।
  • ग्रीन सलाद पर भी थोड़ी सी हल्दी डाल सकते हैं। इससे सलाद में पौष्टिक तत्व बढ़ सकते हैं।
  • अगर सूप पीते हैं, तो उसमें भी थोड़ी हल्दी मिक्स की जा सकती है।
  • स्मूदी में भी हल्दी को घोलकर सेवन किया जा सकता है।
  • हल्दी की चाय भी बना सकते हैं। इसमें स्वाद के लिए थोड़ा-सा शहद मिक्स कर सकते हैं।
  • हल्दी-दूध का सेवन किया जा सकता है।
  • हल्दी का उपयोग घरेलू फेसपैक के तौर पर किया जा सकता है।
  • हल्दी लगाने के फायदे का अनुभव हेयर मास्क के रूप में भी किया जा सकता है।

मात्रा – हल्दी की मात्रा की बात की जाए तो सब्जी बनाते वक्त एक चौथाई चम्मच या उससे थोड़ी कम हल्दी डाल सकते हैं। वहीं, एक गिलास हल्दी दूध में चुटकी भर हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर कोई हल्दी का सप्लिमेंट लेना चाहता है, तो अच्छा होगा कि इस विषय में डॉक्टरी परामर्श लिया जाए। वैसे, हल्दी की तासीर गर्म होती है, तो इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।

और जानिए

हल्दी के फायदे और नुकसान दोनों हैं, इसलिए आर्टिकल के अंतिम हिस्से में हम हल्दी के नुकसान भी जान लेते हैं।

हल्दी के नुकसान – Side Effects of Turmeric in Hindi

यहां हम हल्दी के नुकसान की जानकारी दे रहे हैं –

  • अत्यधिक हल्दी का सेवन हल्दी के साइड इफेक्ट का कारण बन सकता है। इससे किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। हल्दी में ऑक्सालेट (Oxalate – खाद्य पदार्थों में मौजूद एक प्रकार का ऑर्गेनिक एसिड) जो इसका कारण बन सकता है (38)।
  •   जरूरत से ज्यादा हल्दी का सेवन पेट संबंधी समस्या जैसे – गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं (Gastrointestinal problems) का कारण बन सकता है (21)।
  • हल्दी के साइड इफेक्ट में एनीमिया भी शामिल है। दरअसल, हल्दी का सेवन अधिक करने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ सकता है (39)।
  • हल्दी का अधिक सेवन करने से उल्टी, दस्त और मतली के साथ रक्तस्त्राव की समस्या भी हो सकती है (40)।
  • हल्दी के नुकसान की बात करें तो हल्दी के सेवन से सिरदर्द और त्वचा पर रैशेज की समस्या भी हो सकती है (14)।

इन तमाम हल्दी के फायदे जानने के बाद यह कहा जा सकता है कि हल्दी गुणों का खजाना है। हल्दी का उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में सहायक हो सकता है। ऐसे में इसकी सीमित मात्रा का उपयोग कर इसके स्वास्थ्य लाभ उठाएं जा सकते हैं। ध्यान रहे कि हल्दी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका असर धीरे-धीरे हो सकता है। इसलिए, हल्दी के औषधीय गुण के असर के लिए संयम के साथ इसका सेवन करें और परिणाम का इंतजार करें। साथ ही लेख में हल्दी के नुकसानों के बारे में भी बताया गया है, इसलिए हल्दी का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करें। स्वस्थ खाएं और सेहतमंद रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अदरक से हल्दी कैसे अलग है?

हल्दी, अदरक के परिवार से ही है, लेकिन यह अदरक से अलग है (1)। जहां हल्दी में सबसे महत्वपूर्ण यौगिक कर्क्यूमिन है, वहीं अदरक में जिन्जेरॉल (Gingerol) होता है (41)।

हल्दी के साथ कौन सी दवा नहीं लेनी चाहिए?

हल्दी रक्त के थक्के जमने से रोकने में मदद कर सकती है, इसमें एंटीकौयगुलांट (Anticoagulant – ब्लड क्लॉट्स को रोकने वाला गुण) (42) गुण मौजूद होता है। ऐसे में अगर कोई ब्लड थिनिंग दवाइयां ले रहा है तो हल्दी का उपयोग डॉक्टरी सलाह के बाद ही करना उचित विचार होगा।

हल्दी के लिए एक अच्छा विकल्प क्या हो सकता है?

सब्जी बनाते वक्त हल्दी के उपयोग के विकल्प की बात करें तो उस रूप में हल्दी का कोई विकल्प नहीं है। अगर सेहत के लिए या किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या जैसे – सर्दी-जुकाम या डायबिटीज की बात की जाए तो हल्दी के विकल्प के रूप में अदरक का चुनाव कर सकते हैं। इसमें हल्दी की ही तरह एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं (1) (43) (44)। वहीं, हल्दी दूध के बदले अदरक चाय का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, अगर किसी सब्जी में रंग को गहरा करने के लिए हल्दी का विकल्प देखा जाए तो केसर का उपयोग किया जा सकता है। करी पाउडर में भी हल्दी एक मुख्य सामग्री होता है तो चाहे तो करी पाउडर का उपयोग भी सब्जी में किया जा सकता है (21)।

हल्दी पाउडर, हल्दी के सप्लीमेंट से कैसे भिन्न है? दोनों में से कौन-सा बेहतर है?

हल्दी पाउडर और सप्लीमेंट अपनी-अपनी जगह अलग हैं। हल्दी पाउडर प्राकृतिक सामग्री है, वहीं सप्लीमेंट को करक्यूमिन और अन्य सामग्री जैसे – काली मिर्च और ऐसे ही अन्य तत्वों के साथ मिलाकर एक दवा की तरह तैयार किया जाता है (14)। हल्दी का उपयोग हल्की-फुल्की स्वास्थ्य समस्या या खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन हल्दी के सप्लीमेंट का सेवन डॉक्टरी या विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही किया जाना चाहिए। वहीं, यह कहना थोड़ा मुश्किल होगा कि दोनों में कौन सबसे बेहतर है, इस विषय में डॉक्टरी सलाह ली सकती है।

हल्दी को अन्य भाषाओं में क्या कहा जाता है?

हिंदी में इसे हल्दी कहते हैं, तो तेलुगू में इसे पसुपु (Pasupu), तमिल में मंजल (Manjal), कन्नड़ में अरिसिना (Arishina) और अंग्रेजी में टरमरिक (Turmeric) के नाम से जाना जाता है।

पूरे दिन में हल्दी के सेवन का सबसे अच्छा समय क्या है?

हल्दी के सेवन के निर्धारित समय से संबंधित कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। यह व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

क्या रोज हल्दी वाला पानी पीना अच्छा है?

हल्दी वाले पानी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन हर रोज किसी चीज का सेवन हानिकारक भी हो सकता है। ऐसे में बेहतर है कि कभी-कभी ही हल्दी-पानी का सेवन करें। इसके अलावा, अगर किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है तो हल्दी-पानी के उपयोग से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

क्या खाली पेट हल्दी का सेवन किया जा सकता है?

खाली पेट हल्दी का सेवन किया जा सकता है। वहीं, किसी को अगर पेट संबंधी समस्या जैसे – गैस्ट्रिक की परेशानी या अल्सर है, तो हल्दी का अत्यधिक उपयोग समस्या को बढ़ा सकता है (21) (14) । ऐसे में अगर कोई ऐसी समस्या से पीड़ित है तो खाली पेट हल्दी का सेवन हानिकारक हो सकता है। हालांकि, इस बारे में कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, इसलिए बेहतर है कि खाली पेट हल्दी का उपयोग करने से पहले डॉक्टरी सलाह ली जाए।

क्या मैं अपनी कॉफी में हल्दी मिला सकती हूं?

हां, आप दूध के साथ कॉफी में हल्दी मिलाकर पी सकती हैं।

कच्ची हल्दी खाने के फायदे?

कच्ची हल्दी खाने के फायदे की बात की जाए तो यह हल्दी का सबसे मूल रूप होता है और इसमें हल्दी जितने ही औषधीय गुण मौजूद होते हैं। कच्ची हल्दी और हल्दी दोनों के फायदे लगभग एक सामान ही होते हैं। यह लोगों की पसंद पर निर्भर करता है कि वो किस तरह की हल्दी का उपयोग करना चाहते हैं।

हल्दी और गुड़ खाने के फायदे?

हल्दी और गुड़ खाने के फायदे की बात करें तो गर्म हल्दी-दूध में गुड़ को मिलाकर सेवन करने से सर्दी-जुकाम या अस्थमा जैसी परेशानी से राहत मिल सकती है। हालांकि, इस बारे में कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है और यह लोगों के अनुमान के आधार पर है।

हल्दी की तासीर कैसी होती है?

हल्दी की तासीर गर्म होती है।

References

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  13. Safety and anti-inflammatory activity of curcumin: a component of tumeric (Curcuma longa)
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  14. Curcumin: A Review of Its’ Effects on Human Health
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  15. Antioxidant availability of turmeric in relation to its medicinal and culinary uses.
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  16. An evaluation of antioxidant, anti-inflammatory, and antinociceptive activities of essential oil from Curcuma longa. L
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  17. Effect of turmeric and curcumin on oxidative stress and antioxidant enzymes in streptozotocin-induced diabetic rat.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/18049430
  18. Interaction between the antioxidant activity of curcumin and cholinergic system on memory retention in adult male Wistar rats
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  19. Curcumin, the golden spice in treating cardiovascular diseases.
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  20. Indian Spices for Healthy Heart – An Overview
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3083808/
  21. Turmeric (curcumin) remedies gastroprotective action
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  22. Alzheimer disease
    https://medlineplus.gov/ency/article/000760.htm
  23. Effects of turmeric on Alzheimer’s disease with behavioral and psychological symptoms of dementia
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3665200/
  24. The effect of curcumin (turmeric) on Alzheimer’s disease: An overview
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  25. An investigation of the effects of curcumin on anxiety and depression in obese individuals: A randomized controlled trial.
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  26. Curcumin for depression: a meta-analysis.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/31423805
  27. Curcumin attenuates severity of premenstrual syndrome symptoms: A randomized, double-blind, placebo-controlled trial.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/26051565
  28. Curcumin for arthritis: Does it really work?
    https://www.health.harvard.edu/blog/curcumin-for-arthritis-does-it-really-work-2019111218290
  29. Versatility of turmeric: A review the golden spice of life
    http://www.phytojournal.com/archives/2017/vol6issue1/PartA/6-1-17-211.pdf
  30. Curcumin as a wound healing agent.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/25200875
  31. Curcumin: From ancient medicine to current clinical trials
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4686230/
  32. Evaluation of Efficacy of Curcumin as an Add-on therapy in Patients of Bronchial Asthma
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4190737/
  33. Psoriasis
    https://medlineplus.gov/ency/article/000434.htm
  34. Effects of Turmeric (Curcuma longa) on Skin Health: A Systematic Review of the Clinical Evidence.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/27213821
  35. Use of Curcumin in Psoriasis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5816303/
  36. Determination of Effectiveness Traditional Cosmetics of Coconut Oil and Turmeric as Anti-Dandruff
    https://www.researchgate.net/publication/339576254_Determination_of_Effectiveness_Traditional_Cosmetics_of_Coconut_Oil_and_Turmeric_as_Anti-Dandruff
  37. Spices, turmeric, ground
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/172231/nutrients
  38. Effect of cinnamon and turmeric on urinary oxalate excretion, plasma lipids, and plasma glucose in healthy subjects.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/18469248
  39. Iron Deficiency Anemia Due to High-dose Turmeric
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30899609/
  40. Turmeric
    https://www.sciencedirect.com/topics/neuroscience/turmeric
  41. Active ingredients of ginger as potential candidates in the prevention and treatment of diseases via modulation of biological activities
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4106649/
  42. Anticoagulant activities of curcumin and its derivative.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22531131
  43. Chapter 7 The Amazing and Mighty Ginger
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK92775/
  44. Anti-Oxidative and Anti-Inflammatory Effects of Ginger in Health and Physical Activity: Review of Current Evidence
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3665023/

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Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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