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पहले सिर्फ अधेड़ या फिर बुजुर्ग ही हृदय की समस्या से परेशान नजर आते थे। वहीं, अब जवान और किशोरों में भी हृदय की बीमारियां देखी जा सकती है। इसके लिए कुछ हमारा खान-पान जिम्मेदार है, तो कुछ हमारी जीवनशैली। हम सुविधाजनक लाइफ जीने के इस कदर आदी हो चुके हैं कि अपने शरीर को बीमारियों का घर बनाने लगे हैं। हार्ट ब्लॉकेज भी कुछ ऐसी ही समस्या है। इस अवस्था में दिल की धड़कन रुक-रुक कर चलती है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हार्ट ब्लॉकेज के कारण, हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू इलाज बताने जा रहे हैं। उससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि हार्ट ब्लॉकेज का इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। घरेलू उपाय केवल इलाज के प्रभाव को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
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तो आइए, लेख में आगे बढ़कर सबसे पहले हम हार्ट ब्लॉकेज क्या है? इस सवाल का जवाब हासिल कर लेते हैं।
हार्ट ब्लॉकेज क्या है?
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को मेडिकल टर्म में कंडक्शन डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है। हार्ट ब्लॉकेज, हृदय में इलेक्ट्रिकल संकेतों से जुड़ी एक समस्या है। ये इलेक्ट्रिकल सिग्नल दिल के धड़कने की वजह बनते हैं और हृदय की गति को नियंत्रित करने का काम करते हैं। साथ ही यह हृदय को पूरे शरीर में रक्त पहुंचाने में भी मदद करते हैं। वहीं, समस्या तब उत्पन्न होती है, जब हृदय के ऊपरी भाग (अट्रिया) से ये इलेक्ट्रिकल सिग्नल हृदय के निचले भाग (वेंट्रिकल्स) तक ठीक प्रकार से नहीं पहुंच पाते हैं। इसी समस्या को हार्ट ब्लॉकेज के नाम से जाना जाता है (1) (2)।
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अब हम हार्ट ब्लॉकेज के प्रकार जान लेते हैं। उसके बाद हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है? इस बारे में बात करेंगे।
हार्ट ब्लॉकेज के प्रकार – Types of Heart Blockage in Hindi
मुख्य रूप से हार्ट ब्लॉकेज तीन प्रकार के होते हैं, जो हृदय के अलग-अलग हिस्सों के आधार पर परिभाषित किए जाते हैं। यह कुछ इस प्रकार हैं (2) :
- सिनोअट्रियल नोड ब्लॉक : सिनोअट्रियल नोड हृदय का वह अहम हिस्सा है, जो एक प्राकृतिक पेसमेकर की तरह काम करता है। यह इलेक्ट्रिकल सिग्नल पैदा करके हृदय को गति करने के लिए प्रेरित करता है। जब यह हिस्सा किसी वजह से प्रभावित होता है और हृदय को उचित सिग्नल नहीं दे पाता है, तो इसे सिनोअट्रियल नोड ब्लॉक कहा जाता है (3)।
- एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड ब्लॉक : एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड ब्लॉक की स्थिति में हृदय में पैदा होने वाले इलेक्ट्रिकल संकेत की गति या तो धीमी होती है या फिर यह संकेत हृदय के ऊपरी भाग (अट्रिया) से निचले भाग (वेंट्रिकल्स) तक नहीं पहुंच पाते हैं (4)।
- बंडल ब्रांचेज ब्लॉक : बंडल ब्रांचेज ब्लॉक के दो प्रकार हैं, जो हृदय के निचले दाए और बाएं हिस्से से संबंधित है।
राइट बंडल ब्लॉक : यह स्थिति मायोकार्डियम (हृदय की मांसपेशियां) में ठीक रक्त प्रवाह न होने की वजह से पैदा होती है (5)।
लेफ्ट बंडल ब्लॉक : यह स्थिति मायोकार्डियम (हृदय की मांसपेशियां) में चोट लगने की स्थिति के कारण या अन्य किसी क्षति के कारण पैदा होती है (6)।
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लेख के भाग में अब हम आपको हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है? इस बारे में बताएंगे।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण – Causes of Heart Blockage in Hindi
हमारे द्वारा किए गए कई काम जाने-अनजाने में हार्ट ब्लॉकेज को बढ़ावा दे सकते हैं। तो आइए, हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है? यह जानने के लिए इसके कारणों पर गौर करते हैं (1) :
- जन्मजात हार्ट ब्लॉकेज
- दवाओं का साइड इफेक्ट
- ह्रदय से संबंधित रोग
- हार्ट सर्जरी
- संक्रमण (जैसे :- बोरेलिया बर्गडॉर्फेरी द्वारा होने वाली लाइम डिजीज)
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हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है? यह समझने के बाद अब हम हृदय ब्लॉकेज के लक्षण के बारे में जानेंगे।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण – Symptoms of Heart Blockage in Hindi
हृदय ब्लॉकेज के लक्षण पर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो इससे होने वाले जोखिम को रोका जा सकता है। चलिए, अब इन लक्षणों के बारे में जानते हैं (1)।
- छाती में दर्द
- सिर चकराना
- बेहोश होने जैसा महसूस होना
- जल्दी थकान महसूस होना
- असामान्य हृदय गति (जैसे :- अधिक तेज दिल का धड़कना)
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हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण के बाद हम कुछ आसान हार्ट ब्लॉकेज के लिए घरेलू उपाय बताएंगे।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए घरेलू उपाय – How to Remove Heart Blockage Naturally in Hindi
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को घरेलू उपचार के जरिए भी दूर किया जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं :
1. अनार
सामग्री:
- 1 या 2 अनार
कैसे करें उपयोग:
- अनार को काट कर उसके बीज निकाल लें।
- फिर इन्हें मिक्सर में डालकर जूस बना लें।
- अब इस ताजा जूस को पिएं।
- चाहें, तो अनार के बीज को खा भी सकते हैं।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन 1 गिलास पिएं।
कैसे है लाभदायक:
अनार के जूस के फायदे कई हैं। यह हृदय की धमनियों को लचीला रखने और रक्त वाहिकाओं में आई सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस (आर्टरी वाल्स में फैट और अन्य पदार्थ का जमना) को कम करने के लिए भी जाना जाता है, जो हृदय रोग के प्रमुख कारण में से एक है। यह धमनियों के जोखिम को कम कर सकता है, जो हृदय और मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को बनाए रखती हैं, जिससे हार्ट ब्लॉकेज का खतरा दूर हो सकता है (7)। ऐसे में हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू इलाज के लिए अनार को उपयोगी माना जा सकता है।
2. दालचीनी
सामग्री:
- 1 चम्मच दालचीनी पाउडर
- 1 या 2 चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग:
- दालचीनी पाउडर को शहद में मिलाकर पेस्ट बना लें।
- फिर इस पेस्ट का सेवन करें।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन इसके उपयोग से असर जल्दी दिखाई देने लगेगा।
कैसे है लाभदायक:
दालचीनी को हृदय रोग से जुड़ी समस्याओं के लिए औषधि की तरह उपयोग किया जा सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव पाए जाते हैं। साथ ही यह एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है, जबकि एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर को बेहतर कर सकता है। साथ ही यह हृदय तक रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद भी कर सकता है (8)। चूंकि कोलेस्ट्रोल और हृदय तक रक्त संचार न होना हार्ट ब्लॉकेज होने के कारण में शामिल है। इसलिए, इसे हार्ट ब्लॉकेज का अच्छा घरेलू उपचार माना जा सकता है।
3. लाल मिर्च
सामग्री:
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 कप गुनगुना पानी
कैसे करें उपयोग:
- मिर्च पाउडर को अच्छी तरह से गुनगुने पानी में घोल लें।
- फिर उसे पी लें।
कितनी बार करें:
- कुछ हफ्तों तक प्रतिदिन उपयोग करें।
- फिर एक दिन छोड़ कर उपयोग करें।
कैसे है लाभदायक:
हार्ट ब्लॉकेज के आसान घरेलू उपाय के तौर पर लाल मिर्च का भी उपयोग कर सकते हैं। इसमें एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीडायबिटिक और एंटीओबेसिटी गुण पाए जाते हैं। यहां हम बता दें कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज और ओबेसिटी तीनों ही समस्याएं हृदय रोग का कारण बन हार्ट ब्लॉकेज का जोखिम बढ़ा सकती हैं। वैज्ञानिक शोध में भी पाया गया है कि लाल मिर्च के प्रयोग से हृदय रोग के कारण होने वाले मृत्यु दर को कम किया जा सकता है (9) (10)।
4. लहसुन
सामग्री:
- 2 या 3 लहसुन की कलियां
- 1 कप दूध
कैसे करें उपयोग:
- दूध में लहसुन को डाल लें।
- फिर दूध को थोड़ी देर उबाल लें।
- फिर थोड़ा ठंडा होने के बाद उसे पी लें।
कितनी बार करें:
- इसका उपयोग प्रतिदिन करें।
- भोजन बनाते समय भी लहसुन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
लहसुन के फायदे में हृदय रोग के जोखिम को कम करना भी शामिल है। लहसुन के प्रयोग से एथेरोस्क्लेरोसिस, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित किया जा सकता है। इसका सीधा फायदा हृदय को होता है। साथ ही यह हार्ट ब्लॉकेज के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है (11)। ऐसे में इसे हार्ट ब्लॉकेज के आसान घरेलू उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
5. हल्दी
सामग्री:
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 कप दूध
कैसे करें उपयोग:
- दूध को गर्म कर लें।
- फिर उसमें हल्दी पाउडर मिलाकर पी लीजिए।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन इसके सेवन से फायदा हो सकता है।
कैसे है लाभदायक:
हल्दी को कई हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू इलाज के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-कार्सिनोजेनिक (कैंसर कोशिकाओं को रोकने वाला), एंटी-थ्रोम्बोटिक (खून को जमने से रोकने वाला) गुण होते हैं, जो हृदय को सुरक्षित रखने का काम कर सकते हैं। साथ ही हार्ट ब्लॉकेज को कम करने में भी मदद कर सकते हैं (12)। इसलिए, हल्दी के प्रयोग से हार्ट ब्लॉकेज का इलाज किया जा सकता है।
6. नींबू
सामग्री:
- 1 नींबू का रस
- 1 गिलास पानी
- 1 चम्मच शहद
- 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर
कैसे करें उपयोग:
- पानी को गर्म कर लें। साथ ही उसमें ऊपर दी गई सभी सामग्रियों को मिला लें।
- फिर कुछ देर के लिए पानी को ठंडा होने के लिए रख दें।
- उसके बाद इसे पी लें।
कितनी बार करें:
- इसे दिन में एक से दो बार तक पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
नींबू में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित रखने का काम कर सकता है। वहीं, हृदय रोग का एक जोखिम कारक कोलेस्ट्रोल भी है (13)। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि नींबू में मौजूद फ्लेवोनॉयड सीधे तौर पर ऐथिरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में फैट का जमाव) को ठीक करने में भी सहायक हो सकते हैं (14)। इस आधार पर इसे हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में सहायक माना जा सकता है।
7. अंगूर
सामग्री:
- लगभग 50 से 100 ग्राम अंगूर
कैसे करें उपयोग:
- अंगूर को धोकर खा सकते हैं या फिर इसका जूस बनकर पी भी सकते हैं।
कितनी बार करें:
- दिन में एक से दो बार में उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
अंगूर का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट व खास प्रकार के फाइटोकेमिकल हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं (15)। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि यह धमनियों में होने वाली रुकावट को दूर करने में भी मदद कर सकता है (16)। चूंकि धमनियों में रुकावट हार्ट ब्लॉकेज का जोखिम कारक है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रख यह हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
8. अदरक
सामग्री:
- अदरक या अदरक पाउडर
- 1 कप पानी
कैसे करें उपयोग:
- अदरक पाउडर को पानी में डालकर कुछ देर के लिए गर्म करें।
- पानी को कुछ देर तक ठंडा होने दें, फिर उसे पी लें।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन उपयोग से फायदा दिखाई दे सकता है।
कैसे है लाभदायक:
अदरक के फायदे कई है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव पाए जाते हैं, जो हृदय संबंधित रोगों को दूर करने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही यह रक्त संचार में भी सहायक हो सकता है। वहीं, यह ऐथिरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में रुकावट) की समस्या में राहत पहुंचाने का काम कर सकता है, जिसे हार्ट ब्लॉक का जोखिम कारक माना जाता है (8)। ऐसे में हार्ट ब्लॉक की समस्या में अदरक को उपयोगी माना जा सकता है।
9. तुलसी
सामग्री:
- मुट्ठी भर तुलसी के पत्ते
- 1 नींबू
- 1 चम्मच शहद
- 1 कप पानी
कैसे करें उपयोग:
- तुलसी के पत्तों को पानी में डाल दें।
- कुछ समय के लिए पानी को गर्म करें।
- फिर उसमें शहद और नींबू का रस मिक्स कर दें।
- थोड़ा ठंडा होने के बाद पानी को पी लें।
कितनी बार करें:
- प्रतिदिन इसका सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।
कैसे है लाभदायक:
तुलसी को आयुर्वेदिक दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसमें तनाव को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं। साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने का काम कर सकते हैं, जो हार्ट ब्लॉक के लिए जिम्मेदार साबित हो सकती हैं। तुलसी के प्रयोग से हाइपरटेंशन व अचानक होने वाले हृदयाघात की समस्या से बचाव हो सकता है (17)।
10. इलायची
सामग्री:
- थोड़ी-सी इलायची
- अर्जुन की छाल का पाउडर
कैसे करें उपयोग:
- अर्जुन की छाल के पाउडर को पानी में मिलकर काढ़ा बना लें।
- साथ ही उसमें कुछ इलायची भी डालें।
- फिर इसे पी लें।
कितनी बार करें:
- हफ्ते में 3 से 4 बार पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
इलाइची का इस्तेमाल हार्ट ब्लॉकेज की समस्या के निदान में सहायक हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले कार्डियोटोनिक (हृदय की कार्यक्षमता में सुधार करने वाला) और एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय रोग से सुरक्षित रखने का काम कर सकते हैं। ये गुण हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर करने में सहायक हो सकते हैं (18)। बता दें कार्डियोटोनिक दवा का इस्तेमाल दिल की मांसपेशियों की गति को बेहतर करने के लिए किया जाता है।
11. पीपल
सामग्री:
- 15 से 20 पीपल के हरे पत्ते
- 1 गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- पीपल के पत्ते को आगे और पीछे से थोड़ा काट लें और उसे अच्छे से धो लें।
- एक बर्तन में पानी को गर्म करें और उसमे पत्तों को डाल दें।
- कुछ समय तक पानी को गर्म करें और फिर उस पानी को थोड़ी देर बाद छानकर पी लें।
कितनी बार करें:
- हफ्ते में 3 से 4 बार इसे उपयोग किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
पीपल को कई बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक और यूनानी औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। पीपल के पत्ते और छाल हृदय संबंधी बीमारियों को भी दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं। पीपल के पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल, एंटीडायबिटिक, एंटीइंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक प्रभाव के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव भी पाए जाते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। वहीं, पीपल की छाल का उपयोग हृदय की कार्यक्षमता में सुधार करने का काम कर सकता है (19)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि पीपल के पत्ते और छाल का उपयोग हार्ट ब्लॉक की समस्या में राहत पहुंचा सकता है।
12. अर्जुन के पेड़ की छाल
सामग्री:
- एक चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर
- एक गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- टी पैन में पानी डालें और उसमें अर्जुन की छाल का पाउडर डालें।
- अब टी पैन को गैस पर गर्म होने के लिए चढ़ा दें।
- अच्छी तरह से उबाल आ जाने के बाद इसे अलग गिलास में निकाल लें और थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें।
- ठंडा हो जाने के प इसे पी लें।
कितनी बार करें:
- इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो से तीन बार तक दोहराया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में कई बीमारियों में उपयोगी माना गया है। इनमें हृदय रोग भी शामिल है। इससे जुड़े दो अलग-अलग शोधों से इस बात की पुष्टि होती है। एक शोध में जिक्र मिलता है कि यह बढ़े हुए बल्ड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। साथ ही हृदय की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने हृदय की कार्य क्षमता में सुधार कर सकती है (20)। वहीं, अन्य शोध में इसे हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों की रुकावट को दूर करने में सहायक माना गया है (21)। इस आधार पर इसे हार्ट ब्लॉकेज के उपाय के तौर पर उपयोगी माना जा सकता है।
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लेख के अगले भाग में अब हम जानेंगे कि हार्ट ब्लॉकेज के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
निम्न स्थितियों में बिना देर किए व्यक्ति को डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए (1)।
- चक्कर महसूस होना।
- अत्यधिक कमजोरी महसूस होना।
- बेहोशी आना।
- हृदय-गति का अत्यधिक तेज होना।
- दिल की धड़कन का धीमा होना।
- सीने में दर्द।
- पैर, टखने या पंजों में सूजन आना।
- सांस लेने में तकलीफ।
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लेख के अगले भाग में अब हम हार्ट ब्लॉकेज का निदान कैसे किया जाए? इस बारे में जानेंगे।
हार्ट ब्लॉकेज का निदान – Diagnosis of Heart Blockage in Hindi
निम्न बिंदुओं के माध्यम से हार्ट ब्लॉकेज का निदान कैसे किया जाए? इसे बेहतर तरीके से समझा जा सकता है (1)।
- सबसे पहले डॉक्टर मरीज से उसकी मेडिकल हिस्ट्री और ली जाने वाली नियमित दवा के बारे में पूछ सकता है।
- उसके बाद भौतिक परीक्षण के रूप में डॉक्टर हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण जैसे :- टखने और पैरों के पंजों में सूजन पर गौर कर सकता है।
- वहीं, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) के जरिए हृदय के इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स की जांच कर सकता है।
- वहीं, समस्या गंभीर होने की स्थिति में डॉक्टर 24 से 48 घंटे तक मरीज को हार्ट मॉनिटर (हृदय गति मापने वाला एक उपकरण) पहनने की सलाह दे सकता है, ताकि हृदय की स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा सके।
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लेख के अगले भाग में हम हार्ट ब्लॉकेज का इलाज जानने का प्रयास करेंगे।
हार्ट ब्लॉकेज का इलाज – Treatment of Heart Blockage in Hindi
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या के लिए कुछ इलाज का सहारा भी लिया जा सकता है, आगे जानते हैं कि इसके लिए कौन कौन से इलाज कर सकते हैं (1)।
- पेसमेकर की मदद से : पेसमेकर एक छोटी मशीन होती है। इसे छाती पर त्वचा के अंदर लगाया जाता है। यह दिल की धड़कन को नियमित रूप से बनाए रखने में मदद करता है।
- दवाई का उपयोग: विशेषज्ञ द्वारा दी गई दवाई हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर करने में सहायक हो सकती है। डॉक्टर के अनुमति के बिन कोई भी दवाई न लें।
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लेख के अगले भाग में अब हम हार्ट ब्लॉकेज में आहार कौन से लिए जाने चाहिए? इस विषय पर बात करेंगे।
हार्ट ब्लॉकेज में आहार – Diet for Heart Blockage in Hindi
हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में हृदय को स्वस्थ रखने वाली मिनरल, विटामिन और फाइबर से युक्त खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल किया जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (22) (23):
क्या खाएं :
- अनाज : गेंहू, चावल, जौ, मकई, राई, बाजरा।
- फल : संतरा, सेब, नाशपाती, ब्लूबेरी, नींबू और क्रैनबेरी।
- सब्जियां : सेलेरी, गाजर, आलू, प्याज और पालक।
- अन्य फल : खीरा, कद्दू और टमाटर।
- बीज : बीन्स और फलियां।
- डेयरी प्रोडक्ट : कम वसा युक्त दूध और दही।
क्या न खाएं :
- अधिक नमक युक्त भोजन का सेवन न करें।
- वसा युक्त डेयरी उत्पादों का सेवन न करें।
- तले-भुने और मसालेदार चीजों का सेवन न करें।
- बाजार में उपलब्ध स्नैक्स को लेते वक्त उसमें शामिल सामग्री को जरूर देखें और सैचुरेटेड फैट और हाड्रोजेनेटेड फैट युक्त सामग्रियों का इस्तेमाल न करें।
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कैसा हो कि अगर हार्ट ब्लॉकेज की समस्या हो ही न, आइए जानते हैं इससे बचने के टिप्स।
हार्ट ब्लॉकेज से बचने के उपाय – Prevention Tips for Heart Blockage in Hindi
हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू उपचार तो आप ऊपर पढ़ ही चुके हैं। अब यहां हम बता रहें कि कैसे इस समस्या को पैदा होने से ही रोका जा सकता है (24) :
- रक्तचाप को नियंत्रण में रखने से हृदय से जुड़ी समस्याओं को दूर रखा जा सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने से दिल को फायदा हो सकता है।
- स्वस्थ आहार का सेवन करें।
- प्रतिदिन नियमित व्यायाम जरूर करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
- शुगर को नियंत्रण में रखें।
अब तो आप जान ही गए होंगे कि हार्ट ब्लॉकेज के कारण क्या हो सकते हैं और शुरुआती दौर में हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण किस तरह के होते हैं। इस जानकारी पर ध्यान दिया जाए, तो हार्ट ब्लॉकेज के उपाय अपना कर इस समस्या को उत्पन्न होने से पहले ही रोका जा सकता है। वहीं, अगर यह बीमारी घेर भी ले, तो हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू इलाज की मदद से इससे छुटकारा पाया जा सकता है। वहीं, स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरी परामर्श से ही हार्ट ब्लॉकेज का इलाज करना उपयुक्त रहेगा। उम्मीद करते हैं कि यह लेख हार्ट ब्लॉकेज की परेशानी को दूर करने में मददगार साबित होगा। स्वस्थ्य से संबंधित ऐसे ही अन्य विषय से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या यह सच है कि हृदय में ब्लॉकेज के कई स्टेज होते हैं?
हां, हृदय में ब्लॉकेज की मुख्य तीन स्टेज होते हैं, जिन्हें फर्स्ट डिग्री, सेकंड डिग्री और थर्ड डिग्री के माध्यम से पहचाना जाता है। फर्स्ट डिग्री मध्यम स्थिति को दर्शाती है, तो वहीं थर्ड डिग्री हृदय ब्लॉक की गंभीर स्थिति को कहा जाता है (1)।
हृदय में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए कौन-सी जांच कराई जाती है?
हृदय में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए हृदय में पैदा होने वाले इलेक्ट्रिकल सिग्नल की जांच की जाती है। इसके लिए ईसीजी का सहारा लिया जाता है (1)।
कितने प्रतिशत रुकावट के लिए स्टेंट की आवश्यकता होती है?
हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में 70 प्रतिशत या उससे अधिक रुकावट आने पर स्टेंट लगाने की सलाह दी जाती है (24)।
क्या स्टेंट के कारण जीवन काल कम हो सकता है?
नहीं, जैसा कि आपको ऊपर बताया जा चुका है कि स्टेंट का प्रयोग धमनियों में आने वाली ब्लॉकेज को दूर करने के लिए किया जाता है। इसलिए, यह हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर जीवन को बढ़ाने का काम करता है न कि कम करने का।
स्टेंट लगाने के बाद आदमी की जिंदगी कितनी चल सकती है?
विशेषज्ञों के मुताबिक स्टेंट लगने के बाद यह व्यक्ति के स्वास्थ्य और उम्र पर निर्भर करता है कि उसकी जिंदगी कितनी चल सकती है। इससे संबंधित एक शोध में पाया गया कि लंबे समय में करीब 40 प्रतिशत लोगों में स्टेंट के बाद हृदय से संबंधित जोखिम दोबारा नजर आए (25)। यानी 60 प्रतिशत लोग लंबे समय तक सामान्य जीवन जी पाए।
स्टेंट या बायपास दोनों में से कौन अधिक बेहतर है?
विशेषज्ञों के मुताबिक हृदय को रक्त पहुंचाने वाली दो या तीनों धमनियों के बंद होने की स्थिति में ही डॉक्टर बायपास सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। वहीं, एक धमनी में ब्लॉक होने की स्थिति में स्टेंट लगवाने की सलाह दी जाती है। वहीं, अगर दोनों की आपस में तुलना की जाए, तो दोनों में बायपास सर्जरी अधिक बेहतर है (26)।
क्या 100 प्रतिशत ब्लॉकेज को हटाया जा सकता है?
हां, 100 प्रतिशत ब्लॉक को बायपास सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है (26)।
मैं सर्जरी के बिना अपनी धमनियों को कैसे अनब्लॉक कर सकता हूं?
अगर आप फर्स्ट डिग्री या सेकेंड डिग्री ब्लॉक से पीड़ित हैं, तो ऊपर दिए गए घरेलू उपायों को अपना कर आप इसे ठीक करने का प्रयास कर सकते हैं।
क्या हार्ट ब्लॉकेज के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है?
जी बिल्कुल, हार्ट ब्लॉकेज होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण थकान हो सकती है?
हां, हार्ट ब्लॉकेज होने के कारण थकान हो सकती है, क्योंकि थकान आना हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण के रूप में देखा जाता है (1)।
References
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- Heart block
https://medlineplus.gov/ency/article/007658.htm - Conduction Disorders
https://www.nhlbi.nih.gov/health-topics/conduction-disorders - Physiology, Sinoatrial Node (SA Node)
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK459147/ - Right Bundle Branch Block (RBBB)
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK507872/ - Left Bundle Branch Block (LBBB)
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK482167/ - Health Benefits of Pomegranate
https://www.researchgate.net/publication/301356444_Health_Benefits_of_Pomegranate - Indian Spices for Healthy Heart – An Overview
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3083808/ - A review of the effects of Capsicum annuum L. and its constituent, capsaicin, in metabolic syndrome
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6000222/ - Acute myocardial infarction and coronary vasospasm associated with the ingestion of cayenne pepper pills in a 25-year-old male
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3284873/ - Effect of garlic on cardiovascular disorders: a review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC139960/ - The protective role of curcumin in cardiovascular diseases
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