How To Potty Train AChild with Autism, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

भारत में इमली का उपयोग काफी लंबे समय से किया जा रहा है। इसका खट्टा और मीठा स्वाद किसी भी व्यंजन को जायकेदार बना सकता है। इसका उपयोग लोग चटनी के रूप में, पानी-पूरी का पानी बनाने में और खाने में खटास लाने के लिए करते हैं। इसके अलावा, क्या आपको मालूम है कि इमली का इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों से बचाव कर सकता है। यही वजह है कि इमली का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में सदियों से चला आ रहा है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम इमली के ऐसे ही आयुर्वेदिक गुणों की विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही इस लेख में यह भी जानेंगे कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है और इमली के नुकसान क्या हो सकते हैं। इमली खाने के फायदे और नुकसान की विस्तृत जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

नीचे स्क्रॉल करें

इमली के फायदे और इमली के उपयोग को जानने से पहले बेहतर होगा कि हम यह जान लें कि इमली है क्या?

इमली क्या है – What is Tamarind in Hindi

इमली बड़े पेड़ पर लगने वाली एक फली है और इसका वैज्ञानिक नाम टैमेरिन्डस इंडिका है। इसे अंग्रेजी में टैमरिंड के नाम से जाना जाता है। वहीं, संस्कृत में इसे अमलिका और फारसी में तमर-ए-हिन्द नाम से जाना जाता है। कच्ची इमली हरे रंग की होती है और पकने के बाद यह लाल रंग में परिवर्तित हो जाती है। इसका स्वाद केवल खट्टा या खट्टा-मीठा दोनों हो सकता है। बता दें, कच्ची इमली स्वाद में अत्यधिक खट्टी होती है। वहीं, पक जाने के बाद इसमें थोड़ी मिठास घुल जाती है। इमली भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, नाइजीरिया और अफ्रीका जैसे देशों में ज्यादा पाई जाती है (1)

अधिक जानकारी आगे है

इमली क्या है, इस बारे में जानने के बाद आगे जानिए इसके औषधीय गुणों के बारे में।

इमली के औषधीय गुण

इमली एक पारंपरिक आयुर्वेदिक दवा है, जिसका इस्तेमाल पेट दर्द, पेचिश, कब्ज, हेल्मिन्थस (कृमि) संक्रमण जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं से बचाव में किया जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर यह घाव भरने, मलेरिया, बुखार, सूजन और नेत्र रोगों में उपयोगी हो सकती है। इमली के औषधीय गुणों की वजह इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स की मौजूदगी हो सकती है। वहीं, इमली का पेड़ एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमलेरियल और एंटी अस्थेमेटिक जैसे प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। इतना ही नहीं, इमली में लीवर सरंक्षण, ह्रदय संरक्षण  और पेट साफ करने वाले गुण भी पाए जाते हैं (1)। इमली के इतने सारे लाभ हैं कि इसे कुदरत का चमत्कार कहा जा सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में इमली के नुकसान भी हो सकते हैं जिनको लेख में आगे बताया गया है।

अंत तक पढ़ें

आइए, अब वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर जानते हैं कि इमली के फायदे क्या हैं?

इमली के फायदे – Benefits of Tamarind in Hindi

इमली खाने के फायदे जानने से पहले एक बात पर गौर करें कि इमली का सेवन किसी चिकित्सा प्रक्रिया का विकल्प नहीं है। ऐसे में इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें और गंभीर समस्या के लिए पूर्ण इलाज कराएं। अब पढ़ें आगे  –

1. वजन घटाने में मददगार

वजन घटाने में इमली के उपयोग की बात करें, तो इसके बीज का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया है, कि इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण (प्रोटीन को बढ़ाना और नियंत्रित करना) पाया जाता है। शोध में यह भी पाया गया कि इमली के बीज में पाया जाने वाला यह खास गुण मेटाबॉलिक सिंड्रोम (हाई ब्लड शुगर, हाई-कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, हाई ट्राइग्लिसराइड्स और मोटापा संबंधी समस्याएं) को दूर करने की क्षमता रखता है। साथ ही यह भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है (2)। इमली के बीज के अलावा, इमली के गूदे का अर्क मोटापा कम करने में मददगार माना जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इमली के गूदे के जलीय अर्क में एंटी-ओबेसिटी (मोटापा रोधी) गुण पाया जाता है (3)। इन आधारों पर कहा जा सकता है कि इमली के फायदे वजन घटाने में  काम आ सकते हैं।

2. पाचन प्रक्रिया में इमली के फायदे

विशेषज्ञों के मुताबिक इमली में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन में सहायता करने वाले डाइजेस्टिव जूस (बाइल एसिड) को प्रेरित करने का काम कर सकते हैं। इस कारण पाचन क्रिया पहले से बेहतर तरीके से काम कर सकती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इमली के औषधीय गुण पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं (4)

3. हृदय के लिए इमली के फायदे

ह्रदय के लिए भी इमली खाने के फायदे उठाए जा सकते हैं। कोरोनरी हार्ट डिजीज यानी ह्रदय संबंधी बीमारियों के लिए फ्री रेडिकल्स को भी जिम्मेदार माना जाता है। वहीं, इमली में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभाव से ह्रदय की सुरक्षा कर सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इमली के अर्क का सेवन आर्टरी वाल्स में फैट और प्लाक जमने की क्रिया (एथेरोस्क्लेरोसिस) में बाधा डाल सकता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़े हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है। वहीं, इसी शोध में सीधे तौर पर इमली के हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक प्रभाव का जिक्र मिलता है यानी यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकती है। कोलेस्ट्रॉल को हृदय रोगों का एक जोखिम कारक माना जाता है (5)। इसलिए, इमली के फायदे ह्रदय रोगों से बचाव कर सकते हैं।

4. डायबिटीज में इमली का सेवन

इमली के बीज के अर्क (Tamarind seed extract) में उच्च स्तर पर पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड पाए जाते हैं। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि इमली के बीज के अर्क में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (6)। इसलिए, इमली के फायदे डायबिटीज में उठाए जा सकते हैं।

5. तंत्रिका तंत्र के लिए इमली के लाभ

इमली के औषधीय गुण तंत्रिका तंत्र में सुधार कर दिल की धड़कन को नियंत्रित करने का काम कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इमली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। दरअसल कैल्शियम, तंत्रिका तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार करने में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि इमली का उपयोग करने से बिगड़ी तंत्रिका क्रिया (Neural activity) में कुछ हद तक सुधार करने में सहायता मिल सकती है (7)। हालांकि, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है।

6. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए इमली

इमली में कुछ मात्रा में विटामिन-सी (एस्कार्बिक एसिड) पाया जाता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में  एक प्रभावी और उपयोगी पोषक तत्व माना जाता है (8)। इसलिए, इमली के फायदे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उठाए जा सकते हैं। साथ ही इमली के बीज में पॉलीसैकेराइड तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। वैज्ञानिकों ने गहन अध्ययन के जरिए यह पता लगाया है कि पॉलीसैकेराइड में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधियां पाई जाती हैं, जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता दे सकती हैं। यह अध्ययन इस ओर इशारा करता है कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इमली के बीज विश्वसनीय हो सकते हैं (9)

पढ़ते रहें

7. गठिया में इमली के बीज का उपयोग

इमली के औषधीय गुण गठिया के लक्षण कम करने में भी फायदेमंद हो सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में पाया गया है कि इमली में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें एंटी-आर्थराइटिस (गठिया से बचाव की क्षमता) और एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने) प्रभाव पाए जाते हैं। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि इमली के बीज का उपयोग गठिया रोग से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित हो सकता है (10)

8. पीलिया और लिवर स्वास्थ्य

इमली में हेप्टोप्रोटेक्टिव यानी लीवर को सुरक्षा देने वाला प्रभाव पाया जाता है, इसलिए इमली को लिवर के लिए एक कारगर खाद्य पदार्थ माना जा सकता है (1)। वहीं, एक शोध में जिक्र मिलता है कि इमली की पत्तियों में हेप्टोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं, जो हानिकारक तत्वों से लिवर की सुरक्षा कर सकते हैं। शोध में इसकी पत्तियों से बने काढ़े को पीलिया और हेपेटाइटिस के लिए उपयोगी माना गया है। इमली के औषधीय गुण के चलते, यह एक आयुर्वेदिक नुस्खा हो सकता है, लेकिन इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए (11)

9. सूजन से बचाव में इमली के फायदे

पुरानी सूजन कई रोगों का कारण बन सकती है, जिससे बचने के लिए इमली का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा के रूप में किया जा सकता है। इमली के गूदे, पत्तियों, बीजों, तने की छाल और जड़ों के अर्क में सूजन कम करने वाले और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, इमली में मौजूद अल्कालोइड्स, फ्लेवोनोइड्स, टैनिन, फिनोल, सैपोनिन और स्टेरॉयड जैसे यौगिक एंटी इन्फ्लामेट्री प्रभाव का कारण हो सकते हैं। इन्हीं गुणों के चलते इमली का प्रयोग गठिया के लक्षण और शरीर में होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (12)

10. मलेरिया और माइक्रोबियल रोगों से बचाव में इमली के फायदे

मलेरिया से बचाव में भी इमली खाने के फायदे उठाए जा सकते हैं। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में इमली के एंटीमलेरियल प्रभाव के बारे में बताया गया है। शोध में इस प्रभाव को प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) नामक पैरासाइट के खिलाफ कारगर पाया गया है, जो मलेरिया का कारण बनता है (13)। हालांकि, इस प्रभाव को प्राप्त करने के लिए इमली के साथ कुछ अन्य तत्वों का जिक्र भी मिलता है, जिसमें क्लोरोफॉर्म सक्सेसिव एक्सट्रैक्ट (Chloroform successive extract) ज्यादा उपयोगी पाया गया है। फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है।

11. उच्च रक्तचाप के लिए इमली के फायदे

ब्लड प्रेशर सही रखने के लिए कोलेस्ट्राल प्रोफाइल (खून में फैट की मात्रा) का सही होना मायने रख सकता है (14)। इमली खाने के फायदे पर किए गए एक शोध में पाया गया कि इमली में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करने का काम कर सकते हैं। कोलेस्ट्रोल की अधिकता हाई बीपी के जोखिमों को बढ़ा सकती है, इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि इमली के उपयोग हाई बीपी में मददगार साबित हो सकते है। वहीं, शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि इमली का सेवन डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार हो सकता है (15)। वहीं , एक अन्य शोध के अनुसार, 20 ग्राम इमली का प्रतिदिन सेवन करने पर ब्लड प्रेशर, मोटापा, कमर की माप और सीरम लिपिड और ब्लड ग्लूकोज में कुछ खास फर्क नहीं पाया गया (16)। ऐसे में इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है।

12. पेट दर्द और कब्ज से राहत में इमली के लाभ

इमली का सेवन लैक्सेटिव प्रभाव दिखा सकता है, जिससे कब्ज से राहत मिल सकती है। साथ ही यह पेट दर्द से राहत देने में भी कारगर हो सकती है (1)। विशेष तौर पर थाई इमली के गूदे का अर्क कब्ज की समस्या से राहत दे सकता है। इमली की यह प्रजाति दुनिया भर में अपने लैक्सेटिव गुणों के लिए मशहूर है। इसका सेवन करने से मल त्याग में आसानी हो सकती है (17)। इस गुण के चलते इमली खाने के फायदे कब्ज और पेट दर्द में राहत दिला सकते हैं।

जारी रखें पढ़ना

13. त्वचा को एक्सफोलिएट करने में इमली के फायदे

इमली खाने के फायदे में त्वचा से डेड स्किन निकालना और उसे निखारना भी शामिल है। विशेषज्ञों के मुताबिक इमली के गूदे के अर्क में अल्फा हाइड्रॉक्सिल एसिड पाया जाता हैं, जो डेड स्किन सेल्स को त्वचा से बाहर निकाल सकता है, जिससे त्वचा एक्सफोलिएट होकर निखरी हुई नजर आ सकती है। इसके अलावा, इमली के गूदे के अर्क में टार्टरिक एसिड, लैक्टिक एसिड, साइट्रिक एसिड, मैलिक एसिड, पेक्टिन और इनवर्टेड शुगर होता है, जो मॉइस्चराइजिंग प्रभाव दिखाकर त्वचा का स्वास्थ्य बरकरार रख सकते हैं। इसके साथ ही यह त्वचा पर निखार भी ला सकता है। यही कारण है जिसकी वजह से इमली का प्रयोग कॉस्मेटिक उत्पादों में किया जाता है। हालांकि, संवेदनशील त्वचा पर यह एलर्जी का कारण भी बन सकती है। किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए इमली का इस्तेमाल त्वचा पर करने से पहले पैच टेस्ट करें अथवा त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह लें (18)

14. सनबर्न से बचाव में मददगार

इमली के गुण सूरज के प्रभाव से बचा सकते हैं।  इमली में जाइलोग्लुकन (एक प्रकार का पॉलीसैकराइड) पाया जाता है, जिसका इस्तेमाल सनस्क्रीन लोशन बनाने में किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार इमली में मौजूद जाइलोग्लुकन, त्वचा की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में कारगर हो सकता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा यूवीबी/यूवीए किरणों के हानिकारक प्रभाव से मुक्त रह सकती है और किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा भी कम हो सकता है (19)

15. एंटी-बैक्टीरियल है इमली

इमली के औषधीय गुण, आंतों में गड़बड़ी, भोजन जनित रोग और यौन संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ काम कर सकते हैं। इमली की छाल और गूदे से प्राप्त अर्क,  बेसिलस सबटिलिस, ई. कोली और स्यूडोमोनस एरुगिनोसा जैसे रोग कारक जीवाणुओं के विकास में बाधा डाल सकता है। इस प्रकार, इन जीवाणुओं की अधिकता के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव में इमली का उपयोग मददगार हो सकता है (20)। इसके साथ ही इमली में एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज भी होती हैं जो इंफेक्शन को हील करने में मदद कर सकती हैं।

16. नेचुरल एंटी-एजिंग गुण

तेज धूप न केवल त्वचा को झुलसा सकती है बल्कि सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणें त्वचा को समय से पहले बूढ़ा भी बना सकती हैं, जिसे फोटोएजिंग कहा जाता है। यह अल्ट्रा वायलेट रेडियेशन उन फ्री रेडिकल्स को बढ़ावा देता है, जो डीएनए, प्रोटीन, और फैटी एसिड को नुकसान पहुंचाकर त्वचा का स्वास्थ्य बिगाड़ सकते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों में इस बात के संकेत मिलते हैं कि इमली के बीज के छिलके के अर्क (TSCA) में कई ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्व (फाइटोन्यूट्रिएंट्स) होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने और त्वचा कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचा सकते हैं।

इमली के बीज के छिलके के अर्क में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग गुण सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रभाव को रोकने में भी मददगार साबित हो सकते है। इस तरह इमली के औषधीय गुण एजिंग की समस्या से निजात दिला सकते हैं (21)। एक अन्य स्टडी की मानें, तो निखरी त्वचा के लिए लिए भी इमली फायदेमंद है और इसलिए इसके गूदे का इस्तेमाल स्किन क्लींजिंग लोशन में भी किया जाता है (18)। यह त्वचा पर निखार ला सकता है। हालांकि, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है।

17. एक्ने और पिगमेंटेशन से बचाव

एक्ने (मुंहासे) और पिगमेंटेशन (दाग-धब्बे) को हटाने के लिए इमली के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, एक शोध में पाया गया कि इमली के बीज में एंटी-माइक्रोबियल (बैक्टीरियल इफेक्ट को कम करना) और एंटी-थाइरोसिनेज (Antityrosinase – यानी पिगमेंटेशन को नियंत्रित करने वाला) प्रभाव पाए जाते हैं (21)। साथ ही त्वचा पर मुंहासे बैक्टीरियल प्रभाव के कारण हो सकते हैं और इमली के एंटीबैक्टीरियल गुण मुहांसों से निजात दिलाने में कारगर हो सकते हैं (22)। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि इमली के बीज का उपयोग मुंहासे और पिगमेंटेशन की समस्या से छुटकारा पाने का एक बेहतर उपाय साबित हो सकता है।

18. बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

इमली के गुण बालों के स्वास्थ्य के लिए काम आ सकते है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इमली में विटामिन-सी, राइबोफ्लेविन और जिंक काफी मात्रा में पाए जाते हैं (23)। वहीं, एक शोध के आधार पर इस बात की पुष्टि की गई है कि इन तीनों तत्वों की कमी के कारण बालों से संबंधित समस्याएं जैसे – बालों की जड़ों का कमजोर होना और बालों का झड़ना आदि का सामना करना पड़ सकता है (24)। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि इमली का उपयोग बालों से जुड़ी कई समस्याओं को हल करने में मददगार साबित हो सकता है।

अधिक जानकारी आगे है

लेख के अगले भाग में जानते हैं कि इमली में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।   

इमली के पौष्टिक तत्व – Tamarind Nutritional Value in Hindi

इमली के औषधीय गुण जानने के बाद आइए इसमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जान लेते हैं (23)

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी31.40 ग्राम
एनर्जी239 कैलोरी
प्रोटीन2.8 ग्राम
लिपिड (फैट)0.6 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट62.5 ग्राम
फाइबर (टोटल डायटरी)5.1 ग्राम
शुगर38.8 ग्राम
आयरन2.8 मिलीग्राम
कैल्शियम74 मिलीग्राम
मैग्नीशियम92 मिलीग्राम
फास्फोरस113 मिलीग्राम
पोटेशियम628 मिलीग्राम
सोडियम28 मिलीग्राम
जिंक0.1 मिलीग्राम
विटामिन-सी3.5 मिलीग्राम
थियामिन0.428 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.152 मिलीग्राम
नियासिन1.938 मिलीग्राम
विटामिन बी-60.066 मिलीग्राम
फोलेट14 माइक्रो ग्राम

जानकारी अभी बाकी है

लेख के अगले हिस्से में जानते हैं कि इमली का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

इमली का उपयोग – How to Use Tamarind in Hindi

इमली खाने के तरीके कई हैं, जिन्हें हम कुछ बिंदुओं के माध्यम से जानेंगे।

  • इमली को खाने में खटास लाने के लिए इसे भिगोकर, फिर इसका गूदा निकाल कर उपयोग में लाया जा सकता है।
  • कई प्रकार की चटनी बनाने में इमली के उपयोग किए जा सकते हैं।
  • इसका मुरब्बा या अचार बनाकर खाना भी इमली खाने के तरीके में शामिल है।
  • इमली का उपयोग कर कैंडी भी बनाई जा सकती है।
  • इमली के पानी का उपयोग फेसपैक बनाने में किया जा सकता है। इसके लिए इमली को 2 घंटे भिगो कर रखें और फिर उस पानी को छान लें। इसे अपने मनपसंद फेसपैक में मिला सकते हैं।

इमली का सेवन करने के लिए नीचे दो रेसिपी बताई गई हैं, जिन्हें आसानी से तैयार किया जा सकता है।

1. इमली की चटनी

सामग्री :

  • 2 से 3 भीगी हुई इमलियों का गूदा
  • 1-2 हरी मिर्च
  • एक चौथाई कप से भी कम पानी (जरूरत के हिसाब से)
  • नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि :

  • भीगी हुई इमलियों का गूदा और हरी मिर्च को ग्राइंडर में डालें।
  • इसमें थोड़ा पानी डालें और स्वादानुसार नमक मिलाएं।
  • अब इसे अच्छे से पीस लें।
  • इस प्रकार आप इमली की चटनी बना सकते हैं।

इमली का अचार

सामग्री :

  • 100 ग्राम बीज निकली हुई इमली
  • 100 ग्राम हरी कटी हुई मिर्च
  • 100 ग्राम अदरक
  • 100 ग्राम लहसुन
  • आधा कप चीनी
  • 15 ग्राम भुना जीरा
  • 1 चम्मच पिसी हल्दी
  • 2 छोटे चम्मच नमक
  • 1 कप सिरका
  • 75 मिली सरसों का तेल

बनाने की विधि : 

  • इमली का अचार बनाने के लिए सबसे पहले इमली को धोकर भिगो दें।
  • इसे करीब दो से तीन घंटे ऐसे ही रहने दें।
  • समय पूरा होने पर जब इमली का गूदा मुलायम पड़ जाए, तो उससे बीज को अलग कर लें।
  • निकले हुए गूदे में ऊपर दी हुई सभी सामग्री डालकर अच्छे से मिक्स करें।
  • ध्यान रहे कि मिक्सचर या पेस्ट जितना ज्यादा चिकना होगा उतना बेहतर है।
  • इसे एयर टाइट डिब्बे में स्टोर करें और भोजन के साथ इस अचार का आनंद उठाएं।

इमली की मात्रा :

सामान्य जानकारी के अनुसार, दो से तीन इमली और एक से दो चम्मच इमली की चटनी दिन भर में खाई जा सकती है। फिलहाल, इमली के बारे में जानकारी के वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है कि इसका कितना सेवन सुरक्षित है। इस विषय में डाइटीशियन से सलाह ली जा सकती है।

अंत तक पढ़ें

इमली खाने के तरीके जानने के बाद अब हम इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखने के उपाय पर चर्चा करेंगे।

इमली का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?

इमली का उपयोग जानने के बाद अब हम कुछ बिंदुओं की सहायता से इमली का चयन और इसे सुरक्षित रखने के तरीकों के बारे में जानेंगे।

  • सामान्य तापमान पर इमली को सुरक्षित रखने के लिए इसे किसी अंधेरी जगह पर रखें, जहां वह सीधे धूप के संपर्क में न आ सके
  • इमली के उपयोग के लिए इसके गूदे को अलग कर, एक एयरटाइट डिब्बे में बंद करें और उसे फ्रिज में रख दें। इस तरह इसे लंबे समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • इमली के गूदे को अलग कर धूप में सुखा लें। इसके बाद इसे किसी एयरटाइट डिब्बे में बंद करके रख दें। इस तरह इसका लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है।
  • वहीं, इसके चयन की बात करें, तो यह ध्यान रखना होगा कि इमली पर किसी प्रकार का कोई दाग या धब्बा न लगा हो।
  • अगर आप इमली का गूदा खरीद रहे हैं यानी पल्प, तो वो साफ-सुथरा और अच्छी तरह पैक होना चाहिए। इमली के गूदे पर गंदगी, रेत और कीड़े आसानी से चिपक जाते हैं।

पढ़ते रहें आर्टिकल

आइए, अब जानते हैं कि इमली खाने के नुकसान क्या हो सकते हैं।

इमली के नुकसान – Side Effects of Tamarind in Hindi

वैसे तो इमली खाने के नुकसान के बारे में कोई अधिक जानकारी नहीं है, फिर भी कहा जाता है कि किसी भी चीज की अधिकता कुछ न कुछ दुष्परिणाम छोड़ ही जाती है। ऐसा ही कुछ इमली के साथ भी है। आइए, जानते हैं कि इमली के दुष्प्रभाव क्या हैं (25)

  • इमली का उपयोग करते समय एक बात का ध्यान रखें कि इसमें टैनिन और अन्य यौगिक होते हैं, जो पाचन को मुश्किल बना सकते हैं। इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि पानी में उबालने या भिगोकर रखने के बाद इसका सेवन करें।
  • नियमित रूप से इमली का उपयोग करने पर दांतों को नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि इमली में एसिडिक तत्व होते हैं। ये तत्व दन्त क्षरण का कारण बन सकते हैं यानी दांतों की सतह को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • एस्पिरिन (दर्द निवारक दवा) आइबूप्रोफेन (नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग) का सेवन कर रहे हैं, तो इमली का उपयोग बिल्कुल न करें। इमली इन दवाओं के असर को प्रभावित कर सकती है।
  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इमली के अधिक सेवन से बचना चाहिए, नहीं तो इसके दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। विशेष रूप से कच्ची इमली का सेवन शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है (26)

लेख में आपको इमली खाने के फायदे और नुकसान की विस्तृत जानकारी दी गई है। साथ ही आपको यह भी बताया गया है कि यह किन बीमारियों में लाभदायक साबित हो सकती है। वहीं, लेख में बीमारियों से बचाव संबंधी इमली के प्रभावों को भी अच्छे से समझाया गया है। ऐसे में अगर आप भी इमली के सेवन को शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, तो लेख में दी गई इमली के बारे में जानकारी को पहले अच्छे से पढ़ लें, उसके बाद ही इसका इस्तेमाल शुरू करें। उम्मीद है कि यह लेख आपकी कई समस्याओं का हल पाने में मददगार साबित होगा। ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आप स्टाइलक्रेज के अन्य लेख भी पढ़ सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या इमली का सेवन रोजाना किया जा सकता है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इमली के फल को सुरक्षित और गैर विषैला मानता है, इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में रोजाना किया जा सकता है और इमली के लाभ उठाए जा सकते हैं (27)। हालांकि, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है। वहीं, असंतुलित मात्रा में इमली खाने के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं, जिन्हें लेख में बताया गया है।

क्या इमली नींद में सुधार कर सकती है?

कुछ लोगों का मानना है कि इमली में पाया जाने वाला मैग्नीशियम नींद को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। हालांकि, इमली के लाभ में नींद में सुधार शामिल है, इससे जुड़े वैज्ञानिक प्रमाणों का अभाव है।

क्या इमली के सेवन से गुर्दे की पथरी का उपचार संभव है?

इमली का सेवन कुछ हद तक किडनी स्टोन के जोखिम को कम करने में मदद सकता है (28)

क्या इमली माइग्रेन के लिए अच्छी होती है?

यह साबित करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण की कमी है कि इमली माइग्रेन की मदद कर सकती है। अच्छा होगा इस विषय में डॉक्टरी परामर्श लिया जाए।

इमली के पानी के फायदे क्या हैं?

लेख में बताया गया है कि इमली के गूदे के जलीय अर्क में एंटी-ओबेसिटी (मोटापा रोधी) गुण पाया जाता है (3)। इमली का पानी पीने के फायदे जानने के लिए लेख को ध्यान से पढ़ें।

इमली के बीज के फायदे क्या हैं?

इमली के बीज के फायदे विस्तार से लेख में बताए गए हैं। इनका इस्तेमाल डायबिटीज और गठिया में लाभकारी हो सकता है।

क्या इमली की चाय ज्यादा फायदेमंद है?

इमली की चाय भी इमली खाने के तरीके में से एक है। इमली की चाय के फायदे उठाए जा सकते हैं। माना जाता है कि इसको पानी में पकाकर पीने से इसके अर्क से मिलने वाले फायदे मिल सकते हैं। फिलहाल, इस विषय में सटीक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

References

Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.

  1. Tamarindus indica: Extent of explored potential
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3210002/
  2. A Trypsin Inhibitor from Tamarind Reduces Food Intake and Improves Inflammatory Status in Rats with Metabolic Syndrome Regardless of Weight Loss
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5083972/
  3. Six-Month Chronic Toxicity Study of Tamarind Pulp (Tamarindus indica L.) Water Extract
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5388147/#B3-scipharm-85-00010
  4. Digestive stimulant action of spices : A myth or reality?
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.566.5115&&rep=rep1&&type=pdf
  5. Tamarind: A diet‐based strategy against lifestyle maladies
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6848808/#:~:text=It%20prevents%20aortic%20atherosclerosis%20in,et%20al.%2C%202006).&text=Therefore%2C%20as%20a%20nutritional%20support,et%20al.%2C%202007).
  6. Aqueous extract of tamarind seeds selectively increases glucose transporter-2, glucose transporter-4, and islets’ intracellular calcium levels and stimulates β-cell proliferation resulting in improved glucose homeostasis in rats with streptozotocin-induced diabetes mellitus
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22935346/#:~:text=Aqueous%20extract%20of%20tamarind%20seeds%20selectively%20increases%20glucose%20transporter%2D2,with%20streptozotocin%2Dinduced%20diabetes%20mellitus.
  7. Mineral composition of Tamarindus indica LINN (tamarind) pulp and seeds from different agro‐ecological zones of Uganda
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5608976/
  8. COMPARATIVE ANALYSIS OF ASCORBIC ACID CONTENT IN RIPE AND UNRIPE TAMARIND (tamarindus indica)
    https://www.researchgate.net/publication/309282255_COMPARATIVE_ANALYSIS_OF_ASCORBIC_ACID_CONTENT_IN_RIPE_AND_UNRIPE_TAMARIND_tamarindus_indica
  9. Antitumor and Immunopotentiating Activity of Polysaccharide PST001 Isolated from the Seed Kernel of Tamarindus indica: An In Vivo Study in Mice
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3349139/
  10. Tamarind Seed (Tamarindus indica) Extract Ameliorates Adjuvant-Induced Arthritis via Regulating the Mediators of Cartilage/Bone Degeneration, Inflammation and Oxidative Stress
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4461917/
  11. Antioxidant and Hepatoprotective Activity of a New Tablets Formulation from Tamarindus indica L.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4838804/#B4
  12. Anti-inflammatory and analgesic potential of Tamarindus indica Linn. (Fabaceae): a narrative review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6704379/
  13. Chemical composition and antimalarial activity of extracts of Sudanese Tamarindus indica L. (Fabaceae)
    http://www.thepharmajournal.com/vol4Issue4/Issue_jun_2015/4-4-19.1.pdf
  14. Serum lipid profile and its association with hypertension in Bangladesh
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4086853/#:~:text=Increased%20serum%20levels%20of%20TC,blood%20pressure%20(BP)%20levels.
  15. Effect of Tamarindus indica fruits on blood pressure and lipid-profile in human model: an in vivo approach
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16751124/
  16. Evaluation on the Effects of Tamarindus Indica L. Fruit on Body Weight and Several Cardiometabolic Risk Factors in Obese and Overweight Adult Patients: A Randomized Controlled Clinical Trial
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7050219/
  17. The laxative effect of fresh pulp aqueous extracts of Thai Tamarind cultivars
    https://www.researchgate.net/publication/247474128_The_laxative_effect_of_fresh_pulp_aqueous_extracts_of_Thai_Tamarind_cultivars
  18. Cleansing lotion containing tamarind fruit pulp extract. III. Study of lightening efficacy and skin irritation on Asian skin type
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.488.1466&&rep=rep1&&type=pdf
  19. Natural products as aids for protecting the skin’s immune system against UV damage
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15603219/
  20. Assessment of Tamarindus indica Extracts for Antibacterial Activity
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3210984/
  21. Tamarind seed coat extract restores reactive oxygen species through attenuation of glutathione level and antioxidant enzyme expression in human skin fibroblasts in response to oxidative stress
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3985053/
  22. Acne
    https://www.niams.nih.gov/health-topics/acne
  23. Tamarinds, raw
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/167763/nutrients
  24. The Role of Vitamins and Minerals in Hair Loss: A Review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6380979/
  25. Tamarindus indica and its health related effects
    https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S2221169115300885#bib50
  26. A test of four evolutionary hypotheses of pregnancy food cravings: evidence for the social bargaining model
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5666241/
  27. Six-Month Chronic Toxicity Study of Tamarind Pulp (Tamarindus indica L.) Water Extract
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5388147/
  28. Tamarind ingestion and lithogenic properties of urine: Study in men
    https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0271531705803331

और पढ़े:

Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown

Community Experiences

Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.

How To Potty Train AChild with Autism
How To Potty Train AChild with AutismPG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
.

Read full bio of Puja Kumari