Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

हमारे आस-पास कई ऐसे पौधे देखने को मिलते हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इन्हीं में से एक है इसबगोल। कम ही लोग इसबगोल के बारे में जानते होंगे, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह एक गुणकारी पौधा होता है। इसे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत पाने और बचने के लिए उपयोग में लाया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी इस पर कई शोध करके इसबगोल के औषधीय गुण और पोषक तत्वों के बारे में पता किया है। इन्हीं रिसर्च के आधार पर हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में इसबगोल के फायदे और नुकसान से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहे हैं।

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इसबगोल भूसी के लाभ से पहले इसबगोल क्या है, यह जान लेते हैं।

इसबगोल क्या है – What is Psyllium Husk in Hindi

इसबगोल एक झाड़ीनुमा पौधा है, जो कुछ-कुछ गेहूं के पौधे की तरह दिखता है। इसका वैज्ञानिक नाम प्लांटागो ओवाटा (Plantago ovata) है। इसके सिरों में गेहूं जैसी बालियां लगती हैं। इसके बीजों के ऊपर सफेद भूसी होती है, जिसे इसबगोल भूसी कहते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं के लिए इस इसबगोल की भूसी से लेकर इसकी पत्तियों और फूलों का इस्तेमाल किया जाता है।

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इसबगोल क्या है, जानने के बाद आगे पढ़िए कि इसबगोल कैसे बनता है।

इसबगोल किन किन चीजों से बनता है?

इसबगोल के पौधे में जब भूसी आ जाती है, तो पौधे को काटा जाता है। अगर मिट्टी में नमी हो, तो पौधे को जड़ से उखाड़ना होता है। इसके बाद इसबगोल के पौधे को धूप में सुखाया जाता है। जब यह पौधा सूख जाता है, तो उसकी बालियों से इसबगोल के बीज को अलग करते हैं। फिर भूसी और इसबगोल के बीज की बाहरी परत को अलग करके इसे साफ किया जाता है। भूसी को अलग करने के लिए इसे 6 से 7 बार पीसा भी जाता है।

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लेख के अगले भाग में हम सत इसबगोल खाने के फायदे बता रहे हैं।

इसबगोल के फायदे – Benefits of Psyllium Husk (Isabgol) in Hindi

स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं के लिए इसबलगोल के फायदे देखे गए हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व और औषधीय गुण इसे सेहत के लिए लाभदायक बनाते हैं। ध्यान रहे कि इसबगोल स्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्याओं से राहत दिलाने और बचाव में फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है।

1.कब्ज की समस्या के लिए

कब्ज लगभग 27% आबादी को प्रभावित करता है। इससे राहत दिलाने में इसबगोल मदद कर सकता है। दरअसल, इसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है, जो मल निकासी की प्रक्रिया को आसान और तेज कर सकता है (1)। साथ ही कब्ज होने का कारण कम फाइबर युक्त आहार का सेवन भी है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसबगोल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही तरह के फाइबर होते हैं। इसी वजह से इसबगोल को कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या के लिए फायदेमंद माना जाता है (2)।

2.पाचन के लिए

एक स्वस्थ शरीर के लिए पाचन का ठीक रहना जरूरी है और इसबगोल इसमें मदद कर सकता है। एक रिसर्च से पता चलता है कि इसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है। यह प्रभाव पाचन क्रिया को अच्छी तरह से कार्य करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसबगोल का उपयोग चिकित्सीय एजेंट के रूप में कब्ज, दस्त और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी आंतों से जुड़ी समस्या के घरेलू उपचार के लिए भी किया जाता रहा है (3)।

3.वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल संतुलन के लिए

वजन घटाने के लिए भी इसबगोल फायदेमंद हो सकता है। यहां भी इसमें मौजूद फाइबर के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे अतिरिक्त भोजन करने की इच्छा कम होती है। इस प्रकार यह वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (3)।

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने के लिए भी इसबगोल भूसी के लाभ देखे जा सकते हैं। इस बात का जिक्र एक शोध में भी उपलब्ध है। रिसर्च के दौरान 8 हफ्तों तक कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को 5.1 ग्राम मात्रा दी गई। परिणाम स्वरूप लोगों का टोटल और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम पाया गया (4)।

4.मधुमेह में लाभदायक

मधुमेह की स्थिति में खानपान पर ध्यान देना बहुत आवश्यक होता है, ताकि मधुमेह का जोखिम कम किया जा सके। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इसबगोल में फाइबर होता, जिससे मधुमेह की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। सॉल्युबल फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को लगभग 12 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इससे ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है (5)।

5.हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय स्वास्थ्य के लिए भी इसबगोल की भूसी के फायदे देखे जा सकते हैं। यह हृदय रोगों के खतरे को कम कर सकता है। शोध में देखा गया है कि इसबगोल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जिस कारण इसका सेवन करने से सीरम कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रह सकता है। बताया जाता है कि सीरम कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है (6)।

6.बवासीर के लिए

बवासीर की स्थिति में पीड़ित को मल त्याग के समय खून आने की समस्या के साथ दर्द भी होता है (7)। इस समस्या के लक्षण को कम करने में इसबगोल भूसी के लाभ हो सकते हैं। दरअसल, इसबगोल भूसी का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर बवासीर के दौरान होने वाले रक्तस्राव को कम कर सकता है (8)। इसी वजह से इसबगोल को बवासीर के लक्षण को कम करने में सहायक माना जाता है।

7.आंतों और उत्सर्जन प्रणाली की सुरक्षा के लिए

आंतों को स्वस्थ रखने के लिए भी इसबगोल खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। विशेषज्ञों के द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, इसबगोल का सेवन करने से आंत में पानी की मात्रा बढ़ती है, जिससे शौच में आसानी होती है। साथ ही इससे आंत का कार्य सामान्य रूप से चलता रहता है (9)।

इसके अलावा, उत्सर्जन प्रणाली ( Excretory System – शरीर से गंदगी बाहर निकालने की एक प्रक्रिया) को बेहतर रखने के लिए भी इसबगोल की भूसी फायदेमंद हो सकती है। इसमें मौजूद फाइबर गैस्ट्रिक एसिड स्राव को कम करके पाचन तंत्र की रक्षा कर सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि इसका सही मात्रा में सेवन किया जाए, तो यह गैस्ट्रिक की समस्या और अल्सर के जोखिम को कम कर सकता है (10)।

8.डायरिया और पेट की सफाई के लिए

डायरिया की स्थिति में भी इसबगोल खाने के फायदे हो सकते हैं। दरअसल, इसबगोल खाने से शरीर में फाइबर की पूर्ति होगी, जिससे डायरिया होने का खतरा कई गुना तक कम हो सकता है (11)। इसबगोल के फायदे में कोलन (पेट) की सफाई (Colon Cleansing) को भी गिना जाता है। हम ऊफर बता ही चुके हैं कि इसबगोल से आंत में पानी की मात्रा बढ़ती है, जिससे कॉलन साफ हो सकता है और उसकी कार्यप्रणाली को बढ़ावा मिल सकता है (12)।

आगे पढ़ें कुछ खास

सत इसबगोल खाने के फायदे के बाद अब इसबगोल के पोषक तत्वों के बारे में जानें।

इसबगोल के पौष्टिक तत्व – Isabgol Nutritional Value in Hindi

इसबगोल के पौष्टिक तत्वों को नीचे तालिका के माध्यम से दर्शाया जा रहा है (13)।

पोषकतत्व  मात्रा प्रति 100 ग्राम
उर्जा375kcal
प्रोटीन5.0g
कुल लिपिड (वसा)6.25g
कार्बोहाइड्रेट75.00g
फाइबर, कुल डाइटरी10.0g
शुगर, कुल30.00 g
कैल्शियम50mg
आयरन1.80mg
पोटेशियम262mg
सोडियम288mg
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड2.500g

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आइए, अब जानते हैं कि इसबगोल भूसी खाने के तरीके क्या हैं।

इसबगोल खाने का सही तरीका – How to Use Isabgol in Hindi

इसबगोल के फायदे तभी मिलते हैं, जब इसबगोल का उपयोग ठीक तरीके से किया जाए। इसी वजह से लेख में आगे हम बता रहे हैं कि इसबगोल का उपयोग कैसे किया जाता है।

  • इसबगोल को पानी में भिगोकर ले सकते हैं।
  • दूध में मिलाकर भी इसबगोल का सेवन किया जाता है।
  • त्रिफला पाउडर के साथ भी इसबगोल को मिलाकर खा सकते हैं।
  • इसबगोल को दही के साथ भी खाया जाता है।

कब खाएं – इसबगोल का सेवन सुबह और रात में खाना खाने के बाद कर सकते हैं। हालांकि, गर्भावस्था में इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

कितना खाएं – इसबगोल की एक दिन में 5-10 ग्राम मात्रा का सेवन किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को रोजाना 5.1 ग्राम इसबगोल देने से फायदा होता है (4)। यह मात्रा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकती है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

अभी जानकारी बाकी है

लेख में आगे बढ़ते हुए पढ़िए कि इसबगोल के नुकसान हो सकते हैं या नहीं।

इसबगोल के नुकसान – Side Effects of Psyllium Husk in Hindi

इसबगोल खाने के फायदे ही नहीं, कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। क्या हैं इसबगोल के नुकसान, इसके बारे में आगे पढ़िए।

  • इसबगोल में फाइबर होता है (13)। इसका अधिक सेवन करने से पेट फूलने, सूजन और पेट में ऐंठन की समस्या भी हो सकती है (14)।
  • डॉक्टरों का कहना है कि किसी को निगलने में कठिनाई या आंतों की समस्या है, तो उसे इसबगोल का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • मधुमेह रोगी को इसबगोल का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इससे ब्लड शुगर लेवल कम (Hypoglycemia) होने का जोखिम हो सकता है (15)।

अभी आपने पढ़ा और समझा कि इसबलगोल क्या है और इसे आहार में शामिल करके क्या फायदे होते हैं। इन सभी चीजों को समझने के बाद अगर आपने इसबगोल का सेवन करने का फैसला लिया है, तो इसकी मात्रा पर विशेष ध्यान दें। इसबगोल फायदेमंद है, यह सोचकर इसका अधिक सेवन करने से नुकसान हो सकते हैं। साथ ही किसी बच्चों और गर्भवतियों को इसबगोल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या ईसबगोल को लेना सुरक्षित है?

हां, ईसबगोल का सेवन सीमित मात्रा में करना सुरक्षित माना गया है।

ईसबगोल किस प्रकार से हानिकारक हो सकता है?

ईसबगोल का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। इससे पेट फूलने जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा संवेदनशील लोगों को इससे एलर्जी होने की आशंका भी होती है (16)।

क्या आप ईसबगोल को खाली पेट ले सकते हैं?

डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन खाली पेट किया जा सकता है।

ईसबगोल को काम करने में कितना समय लगता है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि समस्या क्या है। यदि समस्या कब्ज और पाचन संबंधी है, तो इसे काम करने में एक से दो दिन लग सकते हैं।

References

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  1. Pharmacological Basis for the Medicinal Use of Psyllium Husk (Ispaghula) in Constipation and Diarrhea,
    https://ecommons.aku.edu/cgi/viewcontent.cgi?referer=https://www.google.com/&&httpsredir=1&&article=1108&&context=pakistan_fhs_mc_bbs
  2. Diets for Constipation,
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4291444/
  3. Psyllium (Plantago ovata) Husk: A Wonder Food for Good Health,
    https://www.ijsr.net/archive/v4i9/SUB158459.pdf
  4. Long-term cholesterol-lowering effects of psyllium as an adjunct to diet therapy in the treatment of hypercholesterolemia,
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10837282/
  5. Soluble fibers from psyllium improve glycemic response and body weight among diabetes type 2 patients (randomized control trial),
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5062871/
  6. Fiber supplements and clinically proven health benefits: How to recognize and recommend an effective fiber therapy,
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5413815/
  7. Hemorrhoids,
    https://medlineplus.gov/hemorrhoids.html
  8. Enlarged hemorrhoids: How can you relieve the symptoms yourself?,
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279466/
  9. The Effect of Psyllium Husk on Intestinal Microbiota in Constipated Patients and Healthy Controls,
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30669509/
  10. Study of the protective effect on intestinal mucosa of the hydrosoluble fiber Plantago ovata husk,
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4553002/
  11. Effect of Psyllium Fiber Supplementation on Diarrhea Incidence in Enteral Tube-Fed Patients: A Prospective, Randomized, and Controlled Trial,
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30561029/
  12. The Effect of Psyllium Husk on Intestinal Microbiota in Constipated Patients and Healthy Controls,
    https://www.researchgate.net/publication/330540917_The_Effect_of_Psyllium_Husk_on_Intestinal_Microbiota_in_Constipated_Patients_and_Healthy_Controls
  13. 100% NATURAL PSYLLIUM HUSK,
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/1555858/nutrients
  14. Fiber,
    https://medlineplus.gov/ency/article/002470.htm
  15. Hypoglycemic and Hypolipidemic Potential of a High Fiber Diet in Healthy versus Diabetic Rabbits,
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3666357/
  16. Antigenic and allergenic analysis of psyllium seed components,
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/1560169/
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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