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गर्भावस्था का अनुभव हर महिला के लिए सुखद और खास होता है, लेकिन कई कारण की वजह से कुछ महिलाएं प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। ऐसे में मां बनने की खुशी हासिल करने के लिए वे आर्टिफिशियल प्रेगनेंसी तकनीक का सहारा लेती हैं, जिसमें से आईवीएफ (IVF) एक है (1)। हालांकि, कई बार आईवीएफ के सफल प्रत्यारोपण के बावजूद भी यह प्रक्रिया असफल हो सकती है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आईवीएफ को सफल बनाने के उपाय के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं। यहां आप आईवीएफ को सफल बनाने के 15 कारगर टिप्स के बारे में जानेंगे।
चलिए, आईवीएफ प्रोसेस को सफल बनाने के टिप्स के बारे में जानते हैं।
आईवीएफ को सफल बनाने के 15 टिप्स | Ivf Ko Safal Kaise Banaye
यहां हम आईवीएफ को सफल बनाने से जुड़े टिप्स दे रहे हैं। इन टिप्स को अपनाकर आईवीएफ प्रोसेस को सफल बनाने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
1. खुद को अपडेट करें
किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले उसकी पूरी जानकारी रखना जरूरी होता है। इसलिए, आईवीएफ को सफल बनाने के लिए इससे जुड़ी हर छोटी जानकारी से खुद को अपडेट करें। इसके लिए किसी अच्छे आईवीएफ केंद्र का चयन कर सकते हैं, जहां आईवीएफ से जुड़ी गर्भावस्था की सारी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जैसेः
- आईवीएफ से गर्भ धारण करने वाली महिला की उम्र कितनी होनी चाहिए।
- प्रजनन से जुड़ी महिला की समस्या।
- आईवीएफ प्रक्रिया में लगने वाली लागत।
- प्रति एम्ब्र्यो ट्रांसफर का प्रेगनेंसी अनुपात (फर्टिलाइज्ड भ्रूण)।
- आईवीएफ से भ्रूण संग्रहीत करने का सही समय, आदि।
इसके अलावा, क्लिनिक मान्य है या नहीं और आईवीएफ की प्रक्रिया करने वाले डॉक्टर्स से जुड़ी सारी जानकारी एकत्रित करें।
2. खानपान की आदतों में बदलाव लाएं
आईवीएफ को सफल बनाने के लिए खानपान का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। आईवीएफ की प्रक्रिया शुरू करने से पहले डॉक्टर महिला और पुरुष दोनों को ही स्वस्थ आहार खाने की सलाह दे सकते हैं। एनसीबीआई पर मौजूद एक शोध के अनुसार, आहार संबंधी आदतों में बदलाव करने से आईवीएफ की प्रक्रिया को सफल बनाने में मदद मिल सकती है (2)।
इसके लिए, आहार में अनसैचुरेटेड फैट, साबुत अनाज, सब्जियां और मछली जैसे खाद्य आहार में शामिल कर सकते हैं। ये खाद्य महिलाएं और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता बढ़ा सकते हैं। साथ ही, डेयरी, शराब और कैफीन जैसे सैचुरेटेड फैट और शुगर की अधिकता से परहेज करने की सलाह दी जा सकती है (3)। इसके अलावा, मेडिटेरेनियन डाइट (Mediterranean diet – साग-सब्जी के साथ मांसाहारी खाद्य) भी आईवीएफ की प्रक्रिया को सफल बनाने में काफी हद तक सहायक हो सकती है (4)।
3. संतुलित वजन बनाएं
बढ़ा हुआ बॉडी मास इंडेक्स (BMI) आईवीएफ की प्रक्रिया की असफलता से जुड़ा हो सकता है। इस बात की पुष्टि कई अलग-अलग शोध से होती है। दरअसल, बढ़ता वजन (मोटापा) या कम वजन महिलाओं के गर्भावस्था चक्र को प्रभावित कर सकता है (5)। इसके अलावा, मोटापा गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं के साथ ही गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसे में आईवीएफ को सफल बनाने के लिए वजन को संतुलित बनाए रखना जरूरी माना जा सकता है। स्वस्थ आहार और व्यायाम के जरिए वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है (6)। इस आधार पर आईवीएफ प्रोसेस को सफल बनाने के लिए संतुलित शारीरिक वजन अहम भूमिका निभा सकता है।
4. एक्यूपंक्चर है फायदेमंद
कई अध्ययनों से यह पता चलता है कि आईवीएफ की प्रक्रिया शुूरू करने के 25 मिनट पहले एक्यूपंक्चर कराना फायदेमंद हो सकता है। एक शोध में इस बात का जिक्र है कि एक्यूपंक्चर की प्रक्रिया से गर्भाशय और ओवरी में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार हो सकता है, जो कई न्यूरोट्रांसमीटर (ब्रेन केमिकल) के स्त्राव को बढ़ा सकता है। इससे आरोपण (implantation) की प्रक्रिया में सुधार हो सकता है। हालांकि, इसका सफल प्रभाव सिर्फ आईवीएफ की प्रक्रिया कराने से पहले ही देखा जा सकता है। शोध में यह भी बताया गया है कि आईवीएफ कराने के बाद एक्यूपंक्चर कराने से किसी तरह का लाभ नहीं होता है (7)। इसलिए, महिलाएं आईवीएफ से गर्भधारण कराने से पहले एक्यूपंक्चर की प्रक्रिया आजमा सकती हैं। हालांकि, एक्यूपंक्चर कराने से पहले इसके बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
5. बार-बार स्खलन से बचें
पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या गर्भवती होने की संभावना में भी वृद्धि कर सकता है। वहीं, स्खलन (Ejaculation) स्पर्म काउंट को कुछ हद तक घटाने का कारण बन सकता है (8)। इसलिए स्पर्म डोनर करने वाले पुरुष को स्पर्म का नमूना देने से पहले तीन से चार दिनों तक स्खलन (इजेक्युलेशन) नहीं करना चाहिए। इससे बचने के लिए पुरुषों को संभोग और हस्तमैथुन करने से परहेज करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से प्रजनन की क्षमता बढ़ने के साथ आईवीएफ की संभावना भी बढ़ सकती है। इस आधार पर स्खलन से बचाव करना भी आईवीएफ प्रोसेस को सफल करने के टिप्स मे से एक माना जा सकता है।
6. गुड फैट की मात्रा बढ़ाएं
कार्बोहाइड्रेट या अनसैचुरेटेड फैट की जगह पर ट्रांस अनसैचुरेटेड फैट (बैड फैट) का सेवन करने से ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी (Ovulatory Infertility) का जोखिम बढ़ सकता है (9)। इसलिए महिलाओं को आहार में अनसैचुरेटेड फैट शामिल करने की सलाह दी जाती है। इससे प्रजनन की क्षमता में सुधार हो सकता है, जिससे आईवीएफ विधि के माध्यम से गर्भधारण को सफल बनाने में मदद मिल सकती है। इसके लिए नीचे बताए गए खाद्यों को आहार में शामिल किया जा सकता है, जो कुछ इस तरह हैं (10) :
- सूखे मेवे
- एवोकाडो
- कैनोला ऑयल
- जैतून का तेल
- सूरजमुखी का तेल
- मूंगफली का तेल और मक्खन
- तिल का तेल
7. तनाव से खुद को दूर रखें
बढ़ता मानिसक तनाव महिलाओं की प्रजनन क्षमता घटा सकता है। साथ ही, यह गर्भपात का जोखिम भी बढ़ा सकता है। वहीं, ध्यान (Meditation) के साथ-साथ हठयोग (Hatha Yoga) जैसे अभ्यास करने से तनाव को दूर किया जा सकता है (11)। यही कारण है कि आईवीएफ की प्रक्रिया से गर्भधारण की योजना बनाने वाली महिलाओं को तनाव से कोसों दूर रहना चाहिए। हठयोग के जरिए महिलाएं ध्यान कैसे कर सकती हैं, इसकी जानकारी हम नीचे बता रहे हैं।
- हठ योग करने के लिए शांत और समतल स्थान का चयन करें।
- इसकी शुरुआत सूर्य नमस्कार से कर सकते हैं।
- इसके बाद वृक्षासन, ताड़ासन या बालासन जैसे योग मुद्रा में ध्यान लगाएं।
- फिर इसके बाद प्राणायाम करें।
8. कठिन एक्सरसाइज न करें
आईवीएफ के जरिए गर्भावस्था प्लान कर रही महिलओं को कठिन एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए। इससे जुड़े एनसीबीआई के एक अध्ययन में पाया गया है कि कठिन व्यायाम हार्मोन में गड़बड़ी जैसे हाइपोथैलेमिक डिसफंक्शन (Hypothalamic Dysfunction) और जीएनआरएच पल्सेटिलिटी (GnRH Pulsatility) का कारण बन सकते हैं। इससे मासिक धर्म चक्र और प्रजनन संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है (12)। ऐसे में महिलाओं को आईवीएफ की प्रक्रिया से पहले या बाद में कठिन व्यायाम करने से बचना चाहिए। इसलिए, आईवीएफ प्रक्रिया को सफल बानने के लिए महिलाएं सौम्य व्यायाम जैसे – पैदल चलना या तैराकी करने का विकल्प चुन सकती हैं।
9. लो ग्लाइसेमिक खाद्य शामिल करें
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे – ठंडा नाश्ता, सफेद चावल और आलू) ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी यानी प्रजनन की क्षमता घटा सकते हैं। वहीं, लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ (जैसे – ब्राउन राइस, पास्ता और डार्क ब्रेड) प्रजनन से जुड़े जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं (13)। इस आधार पर लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड प्रजनन की क्षमता को बढ़ाने के साथ आईवीएफ की प्रक्रिया को सफल बनाने में मददगार हो सकते हैं। लो ग्लाइसेमिक खाद्य के तौर पर निम्नलिखित खाद्य को आहार में शामिल कर सकते हैं (14) :
- जौ
- क्विनोआ
- दलिया
- गाजर
- बिना स्टार्च वाली सब्जियां जैसे – साग
- सेब, संतरा, अंगूर आदि फल
- सूखे मेवे
- फलियां और सेम
- दूध और दही
10. अल्कोहल से दूरी बनाएं
अल्कोहल यानी शराब जैसे उत्पाद महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता कम कर सकते हैं। शराब का सेवन करने से स्टेरॉयड हार्मोन (Steroid Hormone) का उत्पादन बढ़ सकता है और शुक्राणु की गुणवत्ता भी घट सकती है। इसके अलावा, यह जन्मजात रोगों और गर्भपात के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। साथ ही, यह इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जैसी प्रक्रिया को सफल होने से भी रोक सकता है (15)। इसलिए, आईवीएफ प्रोसेस को सफल बनाने के लिए शराब से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
11. कैफीन का सेवन कम करें
यूरोपियन फूड सेफ्टी अथॉरिटी (EFSA) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, गर्भावती या गर्भावस्था की योजना बना रही महिलाएं प्रतिदिन दो से तीन कप (200-300 मिलीग्राम) की मात्रा में कॉफी या कैफीन का सेवन कर सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन गर्भपात का जोखिम बढ़ा सकता है। साथ ही यह प्रजनन क्षमता भी घटा सकता है (16)। इस आधार पर ऐसा माना जा सकता है कि अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से कुछ हद तक आईवीएफ के सफल होने की संभावना भी कम हो सकती है। इसलिए, महिलाओं को आहार में कैफीन का सेवन कम से कम करना चाहिए।
12. पूरी नींद लें
आईवीएफ प्लान करने से कुछ समय पहले से ही महिलाओं को अपनी नींद पर भी खास ध्यान देना चाहिए। इसके लिए महिला को हर रोज सात से आठ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। रोजाना समय पर सोने और सुबह उठने की आदत डालें। दरअसल, पर्याप्त नींद का प्रजनन हार्मोन के स्राव पर लाभकारी प्रभाव हो सकता है। यह प्रजनन क्षमता और आईवीएफ परिणामों को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। हालांकि, अत्यधिक नींद का परिणाम नकारात्मक भी हो सकता है (17)।
13. धूम्रपान की आदत छोड़ें
महिलाओं में धूम्रपान यानी स्मोकिंग की आदत सीधे तौर पर आईवीएफ की प्रक्रिया को असफल कर सकता है। स्मोकिंग न सिर्फ प्रजनन क्षमता को कम कर सकती है, बल्कि यह रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) का चरण जल्दी शुरू करने का कारण भी बन सकती है। इसके अलावा धूम्रपान से गर्भपात का जोखिम भी बढ़ सकता है। इसकी पुष्टि एनसीबीआई के एक शोध में की गई है (18)।
साथ ही, यू. एस. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, धूम्रपान न सिर्फ महिलाओ की प्रजनन प्रणाली को क्षति पहुंचाता है, बल्कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy – फर्टिलाइज्ड एग का बच्चेदानी के बाहर विकसित होना) का जोखिम भी बढ़ा सकता है (19)। इसलिए, अगर महिला को धूम्रपान की आदत है, तो उसे जल्द से जल्द इस आदत को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
14. सप्लीमेंट्स का कोर्स पूरा करें
एनसीबीआई पर मौजूद एक शोध के अनुसार, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन गर्भ को गर्भावस्था के लिए तैयार करने और गर्भपात की संभावना कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही, आईवीएफ की प्रक्रिया को सफल बनाने में भी यह मददगार हो सकता है (20)। शायद यही वजह भी है कि आईवीएफ की प्रक्रिया में भ्रूण स्थानांतरण के बाद, डॉक्टर प्रोजेस्टेरोन की दवाओं का एक कोर्स निर्धारित करते हैं। इसके तहत 8 से 10 सप्ताह तक दैनिक तौर पर महिला को इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह भी बता दें कि गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में प्रोजेस्टेरोन का कम स्तर गर्भपात का कारण भी बन सकता है (1)। इसलिए, अगर डॉक्टर प्रोजेस्टेरोन या इस तरह की किसी अन्य दवा के सेवन की सलाह देते हैं, तो नियमित तौर पर इनका सेवन करें।
15. शारीरिक संबंध बनाने से बचें
आईवीएफ प्रोसेस को सफल करने के टिप्स में आखिरी जानकारी हम शारीरिक संबंध से जुड़ी दे रहे हैं। आमतौर पर, डॉक्टर आईवीएफ प्रक्रिया के बाद महिला को शारीरिक संबंध नहीं बनाने की सलाह दे सकते हैं। दरअसल, अध्ययनों के अनुसार, आईवीएफ प्रोसेस के बाद शारीरिक संबंध बनाने से हेटेरोटोपिक प्रेगनेंसी (Heterotopic Pregnancy – भ्रूण गर्भाशय के बाहर विकसित होना) का जोखिम बढ़ सकता है। इसके कारण आईवीएफ प्रोसेस असफल होने की संभावना बढ़ सकती है (21)। इसलिए, आईवीएफ प्रोसेस के दौरान महिला को डॉक्टरी सलाह और दिशा-निर्देशों के बाद ही शारीरिक संबंध बनाने की पहल करनी चाहिए।
अगर आप भी आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से गर्भ धारण का विचार कर रही हैं, तो लेख में बताई गई बातों का ध्यान रखें। यहां बताए गए आईवीएफ को सफल बनाने के टिप्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। एक और बात पर गौर करें कि आईवीएफ प्रोसेस को सफल करने के टिप्स के साथ ही महिला के मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। तनाव, उलझन या भावनात्मक उथल-पुथल होने पर सलाहकार से खुलकर मन की बात करें। साथ ही, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान पति, करीबी दोस्त, रिश्तेदार और परिवार के लोग महिला को अपना पूरा सकारात्मक समर्थन दें। उम्मीद करते हैं कि आईवीएफ को लेकर आपके मन में जो संशय होंगे वो दूर हो गए होंगे। अगर आपके आस-पास या कोई भी करीबी महिला आईवीएफ प्लान कर रही है, तो यह लेख आप उनके साथ शेयर कर सकते हैं।
References
1. In vitro fertilization (IVF) By Medlineplus
2. The preconception diet is associated with the chance of ongoing pregnancy in women undergoing IVF/ICSI treatment By Pubmed
3. The Influence of Diet on Fertility and the Implications for Public Health Nutrition in the United States By NCBI
4. Adherence to the Mediterranean diet and IVF success rate among non-obese women attempting fertility By Human Reproduction
5. Influence of female bodyweight on IVF outcome: a longitudinal multicentre cohort study of 487 infertile couples By Pubmed
6. Weight By Betterhealth
7. The effect of acupuncture on the day of embryo transfer on the in vitro fertilization outcomes: An RCT By NCBI
8. Sperm counts and fertility in men: a rocky road ahead By NCBI
9. Dietary fatty acid intakes and the risk of ovulatory infertility By Pubmed
10. Facts about monounsaturated fats By Medlineplus
11. The relationship between stress and infertility By NCBI
12. The effects of intense exercise on the female reproductive system By Pubmed
13. A prospective study of dietary carbohydrate quantity and quality in relation to risk of ovulatory infertility By NCBI
14. Glycemic index and diabetes By Medlineplus
15. Alcohol and fertility: how much is too much? By NCBI
16. Association between coffee or caffeine consumption and fecundity and fertility: a systematic review and dose–response meta-analysis By NCBI
17. The more By Fertility and Sterility
18. Endocrine-Disrupting Chemicals: An Endocrine Society Scientific Statement By NCBI
19. Smoking: A Women’s Health Issue By FDA
20. Timing luteal support in ART: a systematic review F & S 19112 revision non-highlighted By NCBI
21. Should sexual intercourse be avoided during the embryo transfer cycle? Life-threatening ruptured heterotopic pregnancy after single thawed embryo transfer: case report and review of the literature By Pubmed
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