विषय सूची
स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति खाद्य-पदार्थों के साथ-साथ कई तरह के पेय का भी सेवन करते हैं, जैसे गर्म पानी, जीरा पानी, अजवाइन पानी आदि। इनमें एक नाम और भी शामिल है, वो है जौ का पानी। जौ से बनाया जाने वाला इसका पानी कितना लाभदायक हो सकता है, इसके बारे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम विस्तार से बता रहे हैं। यहां आप जौ का पानी क्या होता है और जौ के पानी के फायदे के साथ ही इसे बनाने की विधि जानेंगे। इसके अलावा, सावधानी के तौर पर हम जौ के पानी के नुकसान के बारे में भी बताएंगे। विस्तार से जानने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
शुरू करते हैं लेख
सबसे पहले हम बता रहे हैं कि जौ का पानी क्या होता है।
जौ का पानी क्या है? -What is Barley Water in Hindi?
जौ एक प्रकार का अनाज है, जिसे उबालकर जौ का पानी बनाया जाता है। इसी वजह से जौ के सभी गुण जौ के पानी में मौजूद होते हैं। इसे इंग्लिश में बार्ले वाटर कहा जाता है। इस स्वास्थ्यवर्धक अनाज के पानी को कई तरह की शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसी वजह से हम नीचे जौ के पानी के फायदे के बारे में बता रहे हैं।
स्क्रॉल करें
जौ का पानी क्या होता है, यह आप जान चुके हैं, अब लेख के अगले भाग में जौ का पानी पीने के फायदे पर नजर डाल लेते हैं।
जौ के पानी पीने के स्वास्थ्य लाभ – Barley Water Health Benefits in Hindi
जौ के पानी पीने के फायदे हम यहां जौ और जौ के पानी पर हुए कुछ शोध और रिसर्च पेपर के आधार पर बता रहे हैं। ध्यान दें कि जौ का पानी का सेवन करके स्वस्थ रहा जा सकता है, लेकिन यह गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं है। नीचे जानिए शरीर के लिए यह किस प्रकार लाभदायक हो सकता है।
1. हृदय स्वास्थ्य के लिए
जौ के पानी के सेवन से हृदय को स्वस्थ्य रखा जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में कहा गया है कि जौ के सेवन से कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के रक्त के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके जौ कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाले हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है (1)। बताया जाता है कि जौ के पानी में मौजूद बीटा-ग्लूकन और घुलनशील फाइबर की मदद से यह कोलेस्ट्रोल और हृदय रोग का जोखिम कम कर सकता है ।
2. गर्भवतियों के लिए जौ का पानी
गर्भावस्था के लिए भी जौ का पानी फायदेमंद हो सकता है। इस दौरान महिलाओं को कब्ज की काफी समस्या होती है, जिसके कारण पाइल्स होने का खतरा रहता है। जौ के पानी में मौजूद फाइबर कब्ज होने से बचा सकता है और पाइल्स के जोखिम को कम कर सकता है। वहीं, जौ का पानी एक तरह का गैलेक्टागोग (Galactagogue) होता है, जो लैक्टेशन को बढ़ावा दे सकता है। मतलब यह स्तन ग्रंथियों द्वारा दूध के स्राव को बढ़ाकर मां के शरीर में दूध की मात्रा को बढ़ाने का काम कर सकता है (2)। इसके अलावा, गर्भावस्था में यह महिला को हाइड्रेट रखने में भी सहायक हो सकता है (3)।
3. वजन घटाने में सहायक
एनसीबीआई द्वारा पब्लिश एक रिसर्च पेपर के मुताबिक जौ का सेवन करने से पेट की चर्बी (Visceral Fat) को कम किया जा सकता है। पेट की चर्बी कम होने से व्यक्ति के वजन में कमी आ सकती है। शोध में कहा गया है कि 12 हफ्ते के बाद चर्बी में कमी देखी जा सकती है (1)। दरअसल, जौ में मौजूद उच्च घुलनशील फाइबर होता है, जो वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (4) ।
4. इम्यूनिटी को बढ़ा सकता है
जौ के पानी में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है। मतलब यह जरूरत के हिसाब से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है। इसी वजह से इसे इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, जौ में सेलेनियम भी होता है, जो रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकता है ।
5. जौ के पानी का इस्तेमाल एनीमिया के लिए
एनीमिया यानी खून की कमी होने पर भी जौ के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। बताया जाता है कि इसमें आयरन मौजूद होता है, जिससे आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया की समस्या से राहत पाई जाई जा सकती है (5)। इसके अलावा, जौ शरीर में आयरन के अवशोषण में मदद कर सकता है, जिससे खून की मात्रा बढ़ सकती है (6)।
6. ब्लड ग्लूकोज को कम करने में सहायक
ब्लड ग्लूकोज को कम करने के लिए भी जौ के पानी को जाना जाता है। एक रिसर्च में बताया गया है कि जौ में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है। इस इफेक्ट की वजह से यह शरीर के ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकता है, जिससे मधुमेह के मरीजों को आराम मिल सकता है (7)। एक अन्य शोध में कहा गया है कि जौ में घुलनशील फाइबर बीटा ग्लुकेन होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है (8)।
7. ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए
ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए भी जौ के पानी का सेवन किया जा सकता है (7)। जौ में मौजूद बीटा-ग्लूकन सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है (8)। इसी वजह से ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए जौ का पानी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
8. जौ के पानी के गुण पथरी के लिए
जौ के पानी के गुण में पथरी का इलाज करना भी शामिल है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च में भी कहा गया है कि जौ पित्त की पथरी से बचाव कर सकता है (8)। जौ में मौजूद फाइबर बाइल एसिड के प्रोफाइल को सुधार कर पित्त की पथरी से बचाव कर सकता है। एक शोध में कहा गया है कि फाइबर के सेवन से बाइल एसिड प्रभावित होता है। खासकर, बीटा ग्लूकन (β-glucans) एक तरह का घुलनशील फाइबर सीडीसीए (Chenodeoxycholic acid) और यूडीसीए (Ursodeoxycholic acid) यानी बाइल एसिड को बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल से बनी पित्त की पत्थरी को खत्म करने में मदद कर सकता है (9)।
9. ब्लड सर्कुलेशन के लिए जौ का पानी
रक्त परिसंचरण सुधारने के लिए भी जौ के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, अंकुरित जौ के पानी का सेवन करने से ब्लड फ्लो बेहतर हो सकता है। यह सेरोटोनिन का स्राव कम करके ब्लड फ्लो को अच्छा कर सकता है (10)।
जारी रखें पढ़ना
10. एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर
जौ के पानी में लिगानिन तत्व होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य कर सकता है। यह पोषक तत्व ऐसा एंटीऑक्सीडेंट है, जो कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है । विटामिन की बात करें, तो जौ में विटामिन-ए, के व ई मौजूद होता है। इसी वजह से माना जाता है कि जौ के पानी में भी इन विटामिन के ट्रेस हो सकते हैं (11)।
11. पाचन के लिए जौ के पानी के फायदे
पाचन के लिए भी जौ को फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, जौ पूरे पेट को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च में कहा गया है कि यह गट हेल्थ के लिए बेहतर होता है (1)। इसके पीछे की वजह जौ का फाइबर से समृद्ध होना हो सकता है (12)। एक अन्य रिचर्स में कहा गया है कि फर्मेंटेड जौ के अर्क में लैक्सेटिव गुण होता है, जो कब्ज की समस्या को कम कर सकता है। इससे पेट संबंधी पाचन समस्या कम हो सकती है। इसके अलावा, बताया जाता है कि जौ के फाइबर से ब्यूटिरिक एसिड (Butyric acid) बनता है, जो पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायता कर सकता है (8)।
12. हड्डियों के लिए
जौ के पानी को हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी जाना जाता है। असल में, जौ में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है (11)। माना जाता है कि यह पोषक तत्व जौ के पानी में भी मौजूद होता है। इसी वजह से हड्डियों को मजबूत बनाने और इससे जुड़ी बीमारियों को दूर करने में यह मदद कर सकता है।
13. जौ का पानी गर्मी शांत करने के लिए
जौ के पानी के फायदे में गर्मी शांत करना भी शामिल है। दरअसल, जौ की तासीर ठंडी होती है। इसी वजह से इसका सेवन गर्मियों में करने की सलाह दी जाती है। शीतलता के लिए लोग जौ के पानी का सेवन भी करते हैं। ऐसे में अगर गर्मी शांत करने का कोई उपाय न सूझे, तो जौ का पानी पी सकते हैं (13)।
14. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के लिए भी जौ के पानी का सेवन किया जा सकता है। कई लोग जौ के पानी को इससे बचाव के लिए घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल करते हैं (14)। बताया जाता है कि इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, जो यूरिन के माध्यम से यूटीआई के बैक्टीरिया को बाहर निकाल सकता है (15)। इसके अलावा, जौ के पानी में एंटी-बैक्टीरियल इफेक्ट भी होता है, जो यूरिन इन्फेक्शन का कारण बनने वाले जीवाणुओं को खत्म करने का काम कर सकता है ।
15. किडनी स्वस्थ रखे
किडनी को स्वस्थ रखने में भी जौ के पानी के फायदे देखे जा सकते हैं। एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि जौ का पानी किडनी को अत्यधिक स्ट्रेस से आराम देने में मदद कर सकता है। कहा जाता है कि जो किडनी व ब्लेडर (मूत्राशय) संबंधी समस्या से जूझ रहे होते हैं, वो दवा के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। ध्यान दें कि इसकी अधिक मात्रा किडनी पर खराब असर भी डाल सकती है ।
16. स्किन हेल्थ
जौ का पानी त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा हो सकता है। स्किन को चमकदार बनाने के लिए कई लोग इसका सेवन करते हैं। इसमें मौजूद बीटा-कैरोटीन होता है (11)। यह यूवी रेज की वजह होने वाली रेडनेस से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, जौ में मौजूद विटामिन-ए और ई की वजह से यह स्किन को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (16)।
17. हेयर हेल्थ
बालों को स्वस्थ रखने में भी जौ का पानी मदद कर सकता है। कहा जाता है कि इससे बाल अच्छे होते हैं। दरअसल, यह आयरन, फोलेट, सेलेनियम से समृद्ध होता है, जो बालों को असमय सफेद होने से बचा सकते हैं। इसके अलावा, अगर किसी को आयरन की कमी की वजह से बाल झड़ने की समस्या हो रही है, तो यह उससे भी बचाव करने में मदद कर सकता है (17)।
18. जौ का पानी कैंसर के लिए
कहा जाता है कि कैंसर के खतरे को दूर रखने में भी जौ का पानी मदद कर सकता है। बताया गया है कि यह पेट को जीवाणुओं से मुक्त रखकर पेट के कैंसर के जोखिम से बचाव कर सकता है (15)। बताया जाता है कि जौ में प्रमुख एंटीकैंसर तत्व भी हैं। इसमें बीटा-ग्लूकन, फेनोलिक्स, अरबिनॉक्सिलन (Arabinoxylan), फाइटोस्टेरोल (Phytosterols), लिग्नान और रेसिसटेंट स्टार्च शामिल हैं (8)। बस ध्यान दें कि जौ का पानी कैंसर का इलाज नहीं है। इस गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी है।
बने रहें हमारे साथ
अब आगे जौ के पोषक तत्वों की जानकारी हम दे रहे हैं।
जौ के पोषक तत्व – Barley Nutrition Value in Hindi
जौ में कई पोषक तत्व होते हैं, जो उसके पानी में भी मौजूद होते हैं। जौ के पानी के पोषक तत्व को लेकर अलग से कोई जानकारी मौजूद नहीं है। इसी वजह से हम जौ के पौष्टिक तत्वों से जुड़ी जानकारी नीचे दे रहे हैं (11)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 10.09 g |
ऊर्जा | 352 kacl |
प्रोटीन | 9.91 g |
कुल लिपिड (वसा) | 1.16 g |
ऐश | 1.11 g |
कार्बोहाइड्रेट | 77.72 g |
फाइबर, कुल डाइटरी | 15.6 g |
शुगर, कुल | 0.8 g |
कैल्शियम | 29 mg |
आयरन | 2.5 mg |
मैग्नीशियम | 79 mg |
फास्फोरस | 221 mg |
पोटेशियम | 280 mg |
सोडियम | 9 mg |
जिंक | 2.13 mg |
कॉपर | 0.42 mg |
मैंगनीज | 1.322 mg |
सेलेनियम | 37.7 g |
थियामिन | 0.191 mg |
राइबोफ्लेविन | 0.114 mg |
पैंटोथेनिक एसिड | 0.282 mg |
विटामिन बी-6 | 0.26 mg |
फोलेट, कुल | 23 µg |
कोलीन कुल | 37.8 mg |
विटामिन-ए, आरएई | 1 µg |
कैरोटीन, बीटा | 13 µg |
विटामिन-ए | 22 IU |
ल्यूटिन + जेक्सेंथिन | 160 µg |
विटामिन-ई (अल्फा-टोकोफेरॉल) | 0.02 mg |
विटामिन-के (फाइलोक्विनोन) | 2.2 g |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 0.244 g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.149 g |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.56 g |
पढ़ते रहें
लेख के अगले भाग में जौ का पानी बनाने की विधि जानिए। इसके बाद हम जौ के पानी का उपयोग बताएंगे।
जौ का पानी बनाने की विधि – How to make barley water in hindi
सामग्री :
- एक कप जौ (हुल्ड या पर्ल)
- ढाई कप पानी
- एक चम्मच नींबू का रस (वैकल्पिक)
- एक चम्मच शहद (वैकल्पिक)
बनाने की विधि :
- एक बर्तन में आवश्यकतानुसार पानी डालें।
- अब इसमें जौ डालकर गैस ऑन कर लें।
- कुछ देर पानी को मध्यम आंच में उबालें।
- जब पानी का रंग सफेद और वह हल्का गाढ़ा दिखने लगे, तो गैस बंद कर दें।
- अब पानी को छानकर कुछ देर ठंडा होने के लिए रख दें।
- फिर स्वाद के लिए पानी में नींबू का रस और शहद मिलाएं।
- नींबू और शहद डाले बिना भी सामान्य जौ के पानी को पी सकते हैं।
उपयोग के बारे में जानें
जौ का पानी कैसे बनाएं, यह जानने के बाद नीचे जानिए जौ के पानी का उपयोग कैसे करना चाहिए।
जौ के पानी का उपयोग – How to Drink Barley Water in Hindi
जौ के पानी को सामान्य पानी के रूप में पिया जा सकता है। इसके अलावा, इसे जूस में मिलाकर भी पी सकते हैं। साथ ही किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ, जिसमें नॉर्मल पानी डालकर पीना या बनाना हो उसमें जौ का पानी डाला जा सकता है। इससे उस खाद्य पदार्थ की पौष्टिकता बढ़ सकती है।
जौ का पानी पीने का सही समय
जौ का पानी पीने के लिए किसी विशेष समय का जिक्र रिसर्च पेपर में नहीं किया गया है। माना जाता है कि इसे दिनभर में किसी भी समय पिया जा सकता है। अधिक लाभ के लिए लोग इसका सेवन सुबह करने की सलाह देते हैं।
प्रतिदिन कितना जौ का पानी पीना चाहिए
जौ का पानी कितना फायदेमंद है अब बता ही चुके हैं। इन फायदों के लिए जौ के पानी का सेवन सही मात्रा में किया जाना जरूरी है। बताया जाता है कि चिकित्सीय खुराक के लिए जौ का पानी कोई पी रहा है, तो उसे रोजाना करीब 200ml जौ का पानी पीना चाहिए ।
जरूरी जानकारी नीचे है
जौ के पानी को कैसे और कितने दिनों तक सुरक्षित रख सकते हैं यह आगे जानें। इसके बाद हम जौ के पानी के नुकसान के बारे में बात करेंगे।
जौ के पानी को कितने दिनों तक और कैसे सुरक्षित रखें?– How to Store Barley Water in Hindi
जौ के पानी के फायदे के लिए इसे ताजा बनाकर ही पिएं। फिर भी अगर इसे कोई स्टोर करके रखना चाहता है, तो जौ का पानी बनाकर इसे कांच के एयरटाइट बर्तन में डाल दें। जब यह ठंडा हो जाए, तब इसे फ्रिज में रखकर एक से दो दिन तक स्टोर किया जा सकता है।
अंत तक पढ़ें
अब लेख में आगे जानें जौ के पानी के नुकसान और जोखिम।
जौ के पानी के नुकसान और जोखिम – Side Effects And Risks Of Barley Water in Hindi
जौ के पानी के नुकसान भी हो सकते है। आगे हम इसी के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
- इसका ज्यादा सेवन किया जाए, तो किडनी संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है ।
- जौ में ग्लूटेन होता है। ऐसे में ग्लूटेन संवेदनशील लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। अन्यथा, एलर्जी और पेट फूलने जैसी समस्या हो सकती है (18)।
- जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि इसमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है। इसी वजह से अधिक सेवन से ग्लूकोज लेवल कम हो सकता है।
अब आप जौ के पानी के बारे में विस्तार से जान चुके हैं। जौ के पानी के लाभ की वजह से इसे अपने दैनिक डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है। बस ध्यान दें कि किसी भी चीज की अति हानिकारक होती है। इसी वजह से संयम और नियम से ही जौ के पानी का सेवन करें। जौ के पानी की सुरक्षित मात्रा और उससे अधिक जौ के पानी का सेवन करने से होने वाले नुकसान की जानकारी भी हम इस लेख में विस्तार से दे चुके हैं। अब आगे हम पाठकों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दे रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
क्या रोजाना जौ का पानी पी सकते हैं?
हां, संयमित मात्रा में इसका सेवन रोजाना किया जा सकता है।
क्या मैं सोने पहले जौ का पानी पी सकता हूं?
हां, सोने से पहले जौ के पानी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसे पीने का सबसे अच्छा समय सुबह का माना जाता है।
क्या जौ वजन बढ़ाता है?
नहीं, जौ के सेवन से वजन बढ़ने का खतरा नहीं होता है। जौ में मौजूद फाइबर की वजह से यह वजन कम करने में मदद कर सकता है (12)।
जौ को उबालने में कितना समय लगता है?
यह निर्भर करता है कि आप जौ को भिगोकर उबाल रहे हैं या बिना भिगोए। करीब 10 से 20 मिनट या फिर जब तक पानी सफेद न हो जाए, तब तक जौ को उबालना चाहिए।
क्या जौ के पानी से गैस बन सकती है?
इससे संबंधित कोई स्पष्ट और सीधा तथ्य मौजूद नहीं है। हां, मगर कहा जाता है कि फाइबर से भरपूर होने के कारण जौ का अधिक सेवन कर लिया जाए, तो यह फाइबर गैस का कारण बन सकता है।
क्या जौ के पानी की तासीर ठंडी होता है या गर्म?
जौ एक तरह का ठंड उत्प्रेरक (Inducing) साबुत अनाज है (13)। इसी वजह से कहा जाता है कि जौ के पानी की तासीर भी ठंडी होती है।
References
Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
- Association of Lifelong Intake of Barley Diet with Healthy Aging: Changes in Physical and Cognitive Functions and Intestinal Microbiome in Senescence-Accelerated Mouse-Prone 8 (SAMP8)
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6723110/ - Management of Breastfeeding Problems in Iranian Traditional Medicine
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4499079/ - All about Breastfeeding for Mothers
https://medwinpublishers.com/NHIJ/NHIJ16000117.pdf - Barley β-glucan improves metabolic condition via short-chain fatty acids produced by gut microbial fermentation in high fat diet fed mice
https://journals.plos.org/plosone/article/file?id=10.1371/journal.pone.0196579&type=printable - Anemia
https://medlineplus.gov/anemia.html - Tempe Fermentation of Whole Grain Barley Increased Human Iron Absorption and In Vitro Iron Availability
https://benthamopen.com/contents/pdf/TONUTRJ/TONUTRJ-2-42.pdf - Hypoglycemic Effect of Barley (Hordeum vulgare) in Diabetics
https://ijisrt.com/wp-content/uploads/2019/06/IJISRT19MY107.pdf - Molecular Mechanism of Functional Ingredients in Barley to Combat Human Chronic Diseases
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7149453/ - Effects of barley variety, dietary fiber and β-glucan content on bile acid composition in cecum of rats fed low- and high-fat diets
https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0955286317304400 - Effect of Barley Sprout (Hordeum vulgare L.) Water Extracts on Blood Flow Improvement In Vitro [2018]
https://agris.fao.org/agris-search/search.do?recordID=KR2018004305 - Barley, pearled, raw
https://ndb.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/170284/nutrients - Soluble and insoluble fiber
https://medlineplus.gov/ency/imagepages/19531.htm - Healthy Diet
https://www.nhp.gov.in/healthlyliving/healthy-diet - Complementary and Alternative Therapies for Urinary Symptoms: Use in a diverse population sample qualitative study
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3662538/ - Health Benefits Of Barley
https://www.semanticscholar.org/paper/HEALTH-BENEFITS-OF-BARLEY-Annapurna/95f36343f9bd40d2561066c59a256a4c87a27abd - Discovering the link between nutrition and skin aging
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3583891/ - The Role of Vitamins and Minerals in Hair Loss: A Review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6380979/ - Isolation and characterization of gluten protein types from wheat, rye, barley and oats for use as reference materials
https://journals.plos.org/plosone/article?id=10.1371/journal.pone.0172819
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.