भूत की कहानी : अंधेरे का भूत | Andhere Ka Bhoot Story In Hindi
June 17, 2024 द्वारा लिखित Sweta Shrivastava
सोनपुर नाम का एक बड़ा सा गांव हुआ करता था जहां अधिकतर खेतीबाड़ी करने वाले किसान रहा करते थे। वहीं, गांव के पास ही घने जंगलों के बीच पीपल के पेड़ में एक भूत रहा करता था। भूत दिनभर तो गायब रहता, लेकिन रात होते ही वह गांव वालों को खूब परेशान किया करता था।
रात होते ही भूत पूरे गांव के चक्कर काटने लगता और कभी किसी के पशुओं को नुकसान पहुंचाता तो किसी किसान को इतना डराता कि वो रातभर सो नहीं पाता। भूत के डर से शाम होते ही गांव में सन्नाटा फैल जाता और रात को कोई भी घर से बाहर नहीं निकला करता था।
एक बार भूत से परेशान गांव के लोगों ने एक बहुत बड़े साधू को गांव में बुलाया और उनसे अपनी समस्या का निदान करने के लिए गुजारिश की। गांव वाले साधू को उस पेड़ के पास ले जाते हैं, जहां भूत का वास होता है। साधू अपने जप और तप से भूत को काबू करने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन वह उसके हाथ नहीं आता।
अंत में साधू भूत पर काबू पाने की युक्ति निकाल लेता है और सब गांव वालों से कहता है कि ये भूत केवल रात के अंधेरे में निकलता है, जिसका अर्थ है कि इसे दिन की रोशनी से डर लगता है और रोशनी के सहारे ही भूत से छुटकारा पाया जा सकता है। साधू की बात सुनकर सभी गांव वाले मिलकर एक योजना बनाते हैं।
रात को जब भूत पेड़ से निकलकर गांव में प्रवेश करता है तो किसान हाथों में मशाल लिए चारों ओर उजाला कर देते हैं। रोशनी को देखकर भूत डर जाता है और वापस पेड की ओर भाग जाता है। वहीं, गांव वाले भी उसके पीछे-पीछे पेड़ के पास पहुंच जाते हैं। रोशनी में साधू भूत को पेड़ से बांध देता है और फिर गांव वाले भूत को उस पेड़ के साथ ही जला देते हैं। इस तरह से गांव वालों को भूत की समस्या से निजात मिल जाता है।
कहानी से सीख- समस्या चाहे कैसी भी हो, अगर बुद्धि का प्रयोग किया जाए तो उससे निजात पाया जा सकता है।