भूत की कहानी : भूतहा अस्पताल | Bhootaha Ashpataal Story In Hindi

June 17, 2024 द्वारा लिखित

विरान नगर के मेंटल हॉस्पिटल के सामने सुबह के समय एक ऑटो आकर रुका। इसमें से रवि नाम का लड़का उतरा और अस्पताल के गार्ड को बुलाने लगा। कुछ देर तक जब कोई नहीं आया, तो रवि खुद ही गेट खोलकर अंदर जाने लगा। जैसे ही रवि ने गेट खोला एक आदमी ने उससे पूछा कि तुम टीवी ठीक करते हो? रवि ने जवाब दिया, नहीं। यह सुनते ही उस आदमी ने रवि को जोरदार थप्पड़ मारते हुए कहा कि यहां से अभी सिर्फ टीवी ठीक करने वाले को अंदर आना था, तुम यहा क्या कर रहे हो?

रवि को कुछ समझ नहीं आ रहा था। थप्पड़ खाने के बाद उसका सिर भी चकराने लगा, लेकिन किसी तरह खुद को संभालते हुए रवि ने कहा कि मैं  यहां नौकरी के लिए आया हूं। तभी एक डॉक्टर और उसके साथ चार कंपाउंडर भी गेट के पास पहुंच गए। उन्होंने थप्पड़ मारने वाले इंसान को पकड़ लिया। डॉक्टर ने कंपाउंडर से कहा कि जाओ इसे ले जाकर ट्रीटमेंट की तैयारी करो, मैं जल्दी आता हूं।

कंपाउंडर के जाते ही पास खड़ा रवि डॉक्टर के पास गया और कहा कि आज इस अस्पताल में मेरा पहला दिन है। क्या आप मुझे बता सकते हैं कि डॉक्टर पाटिल कहा मिलेंगे?

डॉक्टर ने जवाब देते हुए कहा कि मैं ही पाटिल हूं। तुम यहां से सीधे जाकर अपना जॉब लेटर ऑफिस में जमा करो और वहां से ड्रेस लेकर बगल के कैबिन में आ जाना।

रवि थोड़ी ही देर में कंपाउंडर की वर्दी पहनकर डॉक्टर के कैबिन में पहुंच गया।

डॉक्टर ने उसे बताया कि जो तुम्हें अभी गेट में मिला था, वो पागल है। पिछले आठ दिनों से वो सभी को टीवी बनाने वाला समझ रहा है। फिर जब उसे पता चलता है कि वो टीवी बनाने वाले नहीं हैं, तो गुस्से में थप्पड़ मार देता है।

उसके बाद डॉक्टर ने अपने अस्पताल के रमाकांत कंपाउंडर को बुलाया और रवि का परिचय सबसे कराने के लिए कहा।

रमाकांत ने कुछ ही देर में रवि से सबको मिलवा दिया और फिर उसे मरीजों के कमरे में ले गया। वहां हर कोई कुछ-न-कुछ अजीब हरकत कर रहा था। कोई दिल टूटने वाली शायरी सुना रहा था, तो कोई फिल्मी संगीत गाते हुए डायलॉग मार रहा था।

सभी मरीजों को दिखाते हुए रमाकांत ने रवि से कहा कि आज के बाद से तुम्हें इन सारी चीजों को झेलना होगा। इतना कहकर रमाकांत वहां से चला गया। तभी रवि को पता चला कि उसकी नाइट ड्यूटी लगी है। दिन के समय आराम करने के बाद रवि रात को मरीजों की देखरेख में जुट गया।

जैसे ही रात के 12 बजे तो सभी का चेहरा डर से पीला पड़ने लगा। हल्ला करने वाले मरीज भी चुपचाप से एक कोने में बैठ गए। यह सब देखकर रवि को बड़ा अजीब लगा। उस दिन नाइट ड्यूटी में मौजूद डॉक्टर से रवि ने पूछा कि आखिर ये सब क्या हो रहा है? सब लोग इतना डर क्यों रहे हैं?

डॉक्टर ने जवाब दिया, “इस अस्पताल में रात 12 बजे के बाद भूत घूमते हैं। वो सारे भूत इसी अस्पताल के पुराने मरीज हैं, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। तुम संभलकर रहना। रवि को भूतों पर विश्वास बिल्कुल भी नहीं होता था। उसने डॉक्टर की बात को हंसी में टाल दिया और अपना काम करने लगा।

उसी रात रवि अकेले बाथरूम जा रहा था। तभी उसे लगा कि कोई उसके पीछे है। मुड़कर देखने पर कोई नहीं दिखा। कुछ देर बाद उसे फिर ऐसा ही महसूस हुआ। रवि ने सोचा कि भूत की बात उसके दिमाग में घूम रही होगी, इसलिए उसे वहम हो रहा है। बाथरूम करके जब रवि बाहर आ रहा था, तो उसे शीशे में लिखा हुआ दिखा कि आज तुम पागल हो जाओगे। रवि को लगा कोई उसके साथ मजाक कर रहा है, इसलिए उसने इस बात पर गौर नहीं किया और अपने काम पर लग गया।

कुछ देर बाद रवि को एक तेज चीख सुनाई दी। वो दौड़ते हुए आवाज की ओर गया। जैसे ही रवि वहां पहुंचा, तो एक पागल ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। किसी तरह से रवि से उस दरवाजे को खुलवाया। दरवाजा खुलते ही उस पागल ने रवि को हवा में उछालकर गिरा दिया। रवि इतनी जोर से गिरा कि उसकी पीठ में गहरी चोट लग गई।

तभी एक जोर की हंसी रवि को सुनाई दी। वही पागल हंसते हुए बोला कि मैंने कहा था न कि आज तू पागल हो जाएगा।

रवि ने गुस्से में झल्लाते हुए कहा, ” पागल आदमी तुने ये क्या किया? रुक तुझे अभी बिजली का झटका देता हूं।”

पागल ने जवाब दिया, “अस्पताल में मिलने वाले बिजली के झटके से ही तो मेरी मौत हुई थी। अब तू क्या मुझे कोई शॉक देगा। अब मुझे इनका डर नहीं।”

इतना कहते ही उस पागल भूत ने रवि को एक हाथ से पकड़ा और दूसरा हाथ स्विच बोर्ड में डाल दिया। इस तरह से रवि को बिजली का इतना तेज झटका दिया कि उसकी चीखों से पूरा अस्पताल गूंज उठा। रवि की आवाज सुनकर अस्पताल में मौजूद नाइट स्टाफ दौड़ते हुए उस कमरे की तरफ आए। सबको वहां रवि बेहोश हालत में मिला। तुरंत रवि को मरीजों के बेड पर लेटाया। उसी दिन से रवि की दिमागी हालत खराब है।

अब रवि अपने आप को उस अस्पताल का डॉक्टर समझता है। अपनी पागल स्थिति और डॉक्टर बनने के वहम के चलते रवि ने ब्लेड से अबतक कई लोगों का पेट काट दिए हैं।

हर रात उस भूतिया अस्पताल से रवि की तरह ही चीखने की आवाज आती है और किसी-न-किसी को वो भूत रवि की तरह ही पटक देता है। ये चीखने की आवाज हमेशा उसी समय आती है जब रवि को बिजली के झटके दिए जाते हैं।

कहानी से सीख :

सामने वाले की चेतावनी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। हमेशा सतर्क रहना चाहिए। थोड़ी-सी भी सावधानी हटने पर भयानक दुर्घटना घट सकती है।

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