भूत की कहानी : भूतिया सड़क | Bhootiya Sadak Story In Hindi
June 17, 2024 द्वारा लिखित Sweta Shrivastava
सालों पहले मनकपुर गांव के लोगों को व्यापार करने के लिए अक्सर शहर जाना पड़ता था। मनकपुर को शहर से जोड़ने वाली सिर्फ एक ही सड़क थी, जिसके दोनों ओर खूब घना जंगल था। घने जगल से शहर जाते वक्त गांव वालों को डर भी काफी लगता था, इसलिए कोई भी अकेले शहर की ओर नहीं जाता था।
हर किसी को उस डरावनी रोड में होने वाली दुर्घटनाओं से डर लगता था। चाहे दिन का समय हो या रात, वहां बैलगाड़ी से माल ले जा रहे व्यापारी दुर्घटना की चपेट में आ जाते थे। लोगों को रात के समय वहां भूत भी दिखते थे। मालगाड़ियों की अक्सर टक्कर छोटे वाहन से हो जाती थी और दोनों ही मौके पर खत्म हो जाते थे। इन सबके पीछे की वजह गांव वाले भूत को ही मानते थे।
बढ़ती दुर्घनाओं के कारण गांव से शहर को जोड़ने वाली सड़क से लोगों ने आना-जाना कम कर दिया, जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ने लगा। अब गांव वालों को दूसरी सड़क बनने का इंतजार था, जो शहर को मनकपुर से जोड़ दे। गांव से कूछ दूरी पर नई सड़क का काम शुरू हो चुका था और देखते-ही-देखते कुछ महीनों में दूसरी सड़क बनकर तैयार हो गई।
खुशी के मारे गांव वालों ने उस भूतिया सड़क को बंद करने का फैसला लिया। उस रास्ते पर लोगों ने मिलकर पत्थर व पेड़ गिराकर रास्ता बंद कर दिया और सावधानी के लिए दुर्घटना व भूतों से जुड़ी एक सूचना पट्टी भी लगा दी।
अब लोगों ने नई सड़क से आना-जाना शुरू किया। अब वहां किसी तरह की दुर्घटना की आशंका नहीं थी। उधर भूतिया सड़क बंद करने से गांव के लोगों की मौत का सिलसिला थमा और वहां खुशहाली आ गई।
कहानी से सीख :
दुख-दर्द और गम हमेशा के लिए नहीं होते हैं। गम के बादल के बाद खुशी का सूरज जरूर खिलता है।