ब्लडी मैरी की कहानी | Bloody Mary Real Story In Hindi
June 17, 2024 द्वारा लिखित Ankita Mishra
इंग्लैंड की राजगद्दी साल 1509 से लेकर 1547 तक हेनरी के हाथों में हुआ करती थी। राजा हेनरी की कई पत्नियां और एलिजाबेथ व मैरी नामक दो बेटियां थीं। इनमें से मैरी राजा की पहली पत्नी की बेटी थी। राजा हेनरी को मैरी ज्यादा पसंद नहीं थी, इसलिए वो उसके साथ बुरा व्यवहार करते थे। मैरी महल के नौकरों के साथ महल का काम करती थी। अगर मैरी कुछ कह भी दे, तो राजा उसकी कोई बात नहीं मानते थे।
सन् 1547 में जब राजा हेनरी की मौत हो गई, तो प्रजा की इच्छानुसार 16 शताब्दी के दौरान हेनरी की पहली बेटी मैरी को इंग्लैंड की राजगद्दी दे दी गई। वह इंग्लैंड की रानी बन गई। उस समय इंग्लैंड के हालात बहुत अच्छे नहीं थे। इंग्लैंड कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट, इन दो धर्मों के बीच में बंट गया था। उस समय दोनों धर्मों के लोगों के बीच जंग छिड़ी हुई थी।
रानी मैरी चाहती थीं कि पूरे इंग्लैंड में सिर्फ एक ही धर्म हो, लेकिन लोगों ने उसकी यह बात मानने से साफ इनकार कर दिया था। इससे नराज होकर रानी ने उनकी बात न मनाने वालों को मौत की सजा दे दी थी। वह ऐसे लोगों को जिंदा भी जला देती थीं। रानी मैरी की इस क्रूरता की वजह से इंग्लैंड के लोग उससे नफरत करने लगे।
ऐसा भी कहा जाने लगा कि रानी मैरी कुंवारी जवान लड़कियों के खून से नहाती थीं। उसका मानना था कि उनके खून से नहाने से वह ज्यादा दिनों तक जवान रह सकती हैं। कुछ सालों बाद रानी मैरी ने शादी कर ली और कुछ समय बात इंग्लैंड में एक खबर आई कि रानी मैरी गर्भवती हैं और जल्द ही उनके राज्य को उनका नया राजा भी मिल जाएगा।
इस बात से हर सभी खुश हुए, लेकिन उस समय रानी मैरी के साथ बहुत ही अजीब घटना हुई। उनके गर्भ से किसी भी बच्चे का जन्म नहीं हुआ, बल्कि कुछ ही महीनों के बाद रानी मैरी का पेट फिर से सामान्य हो गया। वहां के ओझा लोगों ने अपनी तंत्र विद्या से बताया कि रानी मैरी के गर्भ में कोई बच्चा, नहीं बल्कि एक भूत आकर निवास करता है।
कुछ समय बाद फिर रानी मैरी के गर्भ में वही भूत आकार रहने लगा और वह फिर से गर्भवती हो गईं। इस बार भी रानी को कोई बच्चा नहीं हुआ और उस घटना के कुछ ही दिनों के बाद रानी मैरी की मृत्यु हो गई। इसके बाद मैरी की छोटी बहन एलिजाबेथ को इंग्लैंड की राजगद्दी पर बैठाया गया और एलिजाबेथ इंग्लैंड की नई रानी बन गईं।
रानी मैरी की क्रूरता की वजह से इंग्लैंड को लोग उसे एक निर्दयी औरत मानते थे। वहीं, जब उसके गर्भ में बच्चे की जगह एक भूत का निवास होने लगा, तो लोगों ने उसे शापित भी करार दे दिया और इसी वजह से उसे लोगों ने ब्लडी मैरी का नाम दिया।
कहानी से सीख – ब्लडी मैरी की कहानी हमें यह सीख देती है कि अपने निजी विचारों व सोच को लेकर दूसरे लोगों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। शांति और करूणा से लोगों का ख्याल रखना ही मनुष्य का धर्म है।