शेखचिल्ली की कहानी : सड़क यहीं रहती है  | Sadak Yahin Rehti Hai Story In Hindi

June 17, 2024 द्वारा लिखित

शेखचिल्ली से जुड़ा यह किस्सा शुरू होता है, उसी के गांव की पुलिया से। एक दिन शेखचिल्ली अपने दोस्तों के साथ वहां बैठा हुआ था। सभी आपस में गप्पे लड़ा रहे कि तभी शहर से एक व्यक्ति वहां आकर रुका और शेख और उसके दोस्तों से पूछने लगा, “क्यों भाई, क्या कोई बता सकता है कि मियां शेख साहब के घर की तरफ कौन-सी सड़क जाती है?”

वो व्यक्ति शेखचिल्ली के पिता के बारे में पूछ रहा था। उसके पिता को पूरा गांव “शेख साहब” कहकर बुलाता था, लेकिन उस सज्जन की बात सुनकर शेखचिल्ली को नई हरकत सूझ गई। उसने कहा, “क्या आप यह जानना चाहते हैं कि शेख साहब के घर और कौन-सी सड़क जाती है?”

“हां-हां यही पूछना चाहता हूं!” उन व्यक्ति ने जवाब दिया।

इतना सुनते ही शेखचिल्ली बोल पड़ा, “इनमें से कोई भी सड़क नहीं जाती।”

इस पर शहरी सज्जन बोला, “अगर ये नहीं तो कौन-सी सड़क जाती है?”

शेखचिल्ली बोला, “कोई नहीं।”

व्यक्ति – “क्या कहते हो बेटा, मुझे तो सभी ने यही बताया है कि शेख साहब का घर इसी गांव में है।”

शेखचिल्ली – “आप, बिल्कुल सही कह रहे हैं, शेख साहब इसी गांव में रहते हैं”।

व्यक्ति – “तभी तो मैं पूछ रहा हूं कि कौन-सा रास्ता उनके घर तक जाता है? ”

शेखचिल्ली ने कहा- “जनाब आप तो उनके घर पहुंच जाएंगे, लेकिन ये सड़क यहीं रहेगी, ये कहीं नहीं जाएगी। ये बेचारी सड़क तो चल ही नहीं सकती। मैं शेखचिल्ली हूं, शेख साहब का बेटा। मैं आपको वो रास्ता बताऊंगा, जिस पर चलकर आप ठीक पते पर यानि मेरे घर पहुंच जाएंगे।”

शेखचिल्ली की बात सुनकर वो आदमी बहुत खुश हुआ और बोला, “तू तो बड़ा समझदार हो गया है और काफी बुद्धिमान भी। चल बेटा मुझे अपने घर ले चल। तेरे अब्बा मेरे बचपन के दोस्त हैं। मैं तेरे लिए अपनी बेटी का रिश्ता लेकर आया हूं। मेरी बेटी भी तेरी तरह बहुत समझदार है। तुम दोनों की जोड़ी बहुत अच्छी लगेगी।”

सज्जन पुरुष की बात सुन, शेखचिल्ली उन्हें अपने घर ले गया।

कहानी से सीख:

व्यक्ति को हमेशा अपनी बात स्पष्ट रूप से बोलनी चाहिए। साथ ही शब्दों के चयन पर भी गौर करना जरूरी है, ताकि सामने वाला बात को समझ सके।

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