सुनहरे गोबर की कथा | Tale Of The Golden Droppings Story In Hindi
June 17, 2024 द्वारा लिखित nripendra
In This Article
एक बार की बात है, किसी शहर में एक बड़े से पेड़ पर एक पक्षी रहता था, जिसका नाम था सिन्धुक। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उस पक्षी का मल सोने में बदल जाता था। यह बात किसी को भी पता नहीं थी। एक बार उस पेड़ के नीचे से एक शिकारी गुजर रहा था। शिकारी उस पेड़ के नीचे आराम करने के लिए ठहरा। वो आराम कर ही रहा था कि इतने में सिन्धुक पक्षी ने उसके सामने मल त्याग कर दिया। जैसे ही पक्षी का मल जमीन पर पड़ा, वो सोने में बदल गया। यह देखते ही शिकारी बहुत खुश हुआ और उसने उस पक्षी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
सिन्धुक जाल में फंस गया और शिकारी उसे अपने घर ले आया। पिंजरें में बंद सिन्धुक को देख शिकारी को चिंता सताने लगी कि अगर राजा को इस बारे में पता चला, तो वो न सिर्फ सिन्धुक को दरबार में पेश करने को कहेंगे बल्कि मुझे भी सजा देंगे। यह सोचकर, डर के मारे शिकारी ने खुद ही सिन्धुक को राज दरबार में पेश कर राजा को सारी बात बताई। राजा ने आदेश दिया कि सिन्धुक को सावधानी से रखा जाए और उसे अच्छे से खाना खिलाया जाए। ये सब सुनने के बाद मंत्री ने राजा को कहा, “आप इस बेवकूफ शिकारी की बात पर भरोसा मत कीजिये। कभी ऐसा होता है क्या कि कोई पक्षी सोने का मल त्याग करे। इसलिए, अच्छा होगा कि इसे आजाद करने का आदेश दें।”
मंत्री की बात सुनकर राजा ने चिड़िया को आजाद करने का आदेश दिया। सिन्धुक उड़ते-उड़ते राजा के दरवाजे पर सोने का मल त्याग करके गया। यह देखते ही राजा ने मंत्रियों को उसे पकड़ने का आदेश दिया, लेकिन तब तक वो पक्षी उड़ चुका था। उड़ते-उड़ते सिन्धुक कह गया, “मैं बेवकूफ था, जो शिकारी के सामने मल त्याग किया, शिकारी बेवकूफ था, जो मुझे राजा के पास ले गया, राजा बेवकूफ था, जो मंत्री की बात में आ गया। सभी बेवकूफ एक जगह ही हैं।”
कहानी से सीख
कभी भी दूसरे की बातों में नहीं आना चाहिए और अपने दिमाग से काम लेना चाहिए।