विक्रम बेताल की कहानी: सबसे अधिक सुकुमार कौन? – बेताल पच्चीसी आठवीं कहानी
June 17, 2024 द्वारा लिखित nripendra
राजा विक्रमादित्य अपने कंधे पर बेताल को लादने की कई कोशिश कर चुके थे, लेकिन हर बार बेताल कोई कहानी सुनाता और राज विक्रमादित्य से हाथों से बच निकलता। इस बार भी बेतान ने एक नई कहानी सुनाई। बेताल कहता है…
एक बार की बात है, अंगदेश के एक गांव में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी और तीन बेटों के साथ रहता था। एक बार ब्राह्मण ने अपने तीनों बेटों के बुलाया और कहा कि हमारे तालाब के लिए एक कछुए की जरूरत है। कल तुम तीनों समुद्र के पास जाकर वहां से कछुआ पकड़ कर ले आना।
तीनों ने हां कर दी और दूसरे दिन तीनों माता-पिता का आशीर्वाद लेकर समुद्र की ओर चल पड़े। वहां तीनों काे एक बड़ा-सा कछुआ दिखाई दिया, लेकिन तीनों में से कोई भी उसे उठाने के लिए तैयार नहीं हुआ। उनमें से सबसे बड़ा भाई बोला, “मैं कछुए को नहीं उठाऊंगा, इससे बहुत गंदी बदबू आ रही है।” दूसरे नबंर के भाई ने कहा, “मैं भी इसे नहीं उठाऊंगा, मुझे भी इससे गंदी बदबू आ रही है।” तीसरे नंबर के भाई की बारी आई, तो उसने कहा, “मैं भी इसे नहीं उठा सकता, मैं बहुत कोमल हूं। तीनों में झगड़ा शुरू हो गया और यह मामला राज दरबार तक पहुंच गया। राजा ने कहा, “इस प्रकार का मामला मेरी जिंदगी में पहली बार आया है, इसका न्याय मैं कल सुबह करूंगा। आज आप हमारे यहां मेहमान हैं, इसलिए भाेजन और आराम यहां पर ही कीजिए।”
यह बोलकर राजा ने तीनों को भोजन के लिए निमंत्रण दिया। सभी बड़े चाव से खाना खा रहे थे, लेकिन सबसे बड़े भाई ने नहीं खाया। राजा ने जब उससे पूछा तो उसने कहा, “चावल में से श्मशान में जले हुए मुर्दे की बदबू आ रही है।” राजा ने इस बात का पता किया तो मालूम हुआ कि चावल किसी श्मशान के पास के खेत से लाए गए हैं। यह देखकर राजा बहुत खुश हुआ।
सभी लोग खाना खाकर शाम को संगीत सुनने के लिए बैठ गए। तब दूसरे नंबर के भाई ने राजा से निवेदन किया कि वो मृदंग बजाना चाहता है। राजा की आज्ञा से वो गायिका के पास जाकर जैसे ही बैठा, तो तुरंत खड़ा होकर दूर बैठ गया। राजा ने खड़े होने का कारण पूछा, तो दूसरे नंबर के भाई ने कहा, “गायिका से बकरी के दूध की बदबू आ रही है और वो मुझे पसंद नहीं है।” जब राजा ने इस बात का पता किया, तो मालूम चला कि बचपन में गायिका को बकरी का दूध दिया जाता था। राजा एक बार फिर खुश हो गया। इसके बाद सभी लोग सोने के लिए चले गए।
दोनों भाई आराम से सो गए, लेकिन सबसे छोटे भाई को नींद नहीं आ रही थी। राजा ने अपने एक सेवक को आदेश दिया कि जाकर तीनों को देख आओ कि वे सोए या नहीं। सेवक गया तो उसने देखा कि सबसे छोटे भाई को छोड़कर बाकी दोनों सो गए हैं। सेवक ने यह समाचार राजा को दिया और राजा इसका कारण जानने के लिए खुद वहां पहुंच गया जहां तीनों सो रहे थे। राजा को देखकर तीनों उठ बैठे। राजा ने सबसे छोटे वाले भाई से पूछा, “आपको नींद क्यों नहीं आ रही?” तब वह बोला, “मुझे इस बिस्तर पर कुछ चुभ रहा है।”
यह सुनकर सेवक ने तीनों के बिस्तर की छान-बीन की, तो उन्हें कुछ नहीं मिला। तब सबसे छोटे भाई ने सभी बिस्तर को अलग किया और वहां पर एक बाल था। उसने अपना कुर्ता उतारा, सब ने देखा कि उस बाल का निशान उसकी पीठ पर बना हुआ था। राजा यह देखकर हैरान हुआ और खुश भी।
दूसरे दिन राजा ने न्याय के लिए तीनों को बुलाया। उसने सबसे छोटे वाले को इनाम दिया और बाकी दो को कुछ सोने के सिक्के दिये। राजा ने कहा, “आप तीनों में अलग-अलग खूबी है और मैं आप तीनों से बहुत खुश हूं। मैं अपने सैनिकों को भेजकर कछुआ आपके घर भिजवा दूंगा।”
इतना कह कर बेताल ने विक्रम से पूछा, “बताओ तीनों भाइयों में से सबसे अधिक सुकुमार कौन था?” तब विक्रम बोला, “सबसे छोटा भाई, क्योंकि हो सकता है कि दोनों बड़े भाइयों ने अपने सुकुमार होने का दिखावा किया हो, लेकिन सबसे छोटा भाई कितना सुकुमार है यह तो राजा ने खुद आंखों से देखा।” विक्रम का सही जबाब सुनकर बेताल ने उसकी तारीफ की और अपनी शर्त के अनुसार वापस पेड़ पर जाकर लटक गया।
कहानी से सीख:
कभी भी उन गुणों को उजागर नहीं करना चाहिए, जो हम में नहीं हैं।