Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

घंटों ऑफिस की कुर्सी पर बैठना हो, खड़े होकर घर का काम करना हो या दौड़-भाग का कोई काम हो, कमर दर्द या पीठ दर्द की शिकायत हो सकती है। किसी को यह दर्द तेज, तो किसी को हल्का हो सकता है। एक वक्त था, जब यह समस्या उम्र बढ़ने पर होती थी, लेकिन आज यह परेशानी 10 में से 8 लोगों में पाई जा सकती है (1)। वहीं, कमर दर्द का उपाय अगर वक्त रहते न किया जाए, तो आगे चलकर यह दर्द चिंता का कारण बन सकता है। ऐसे में हल्के-फुल्के दर्द के लिए कमर दर्द के घरेलू इलाज किये जा सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम इस लेख में कमर दर्द का कारण और लक्षण के साथ-साथ कमर में दर्द का इलाज बताने जा रहे हैं। ध्यान रहे कि समस्या अगर गंभीर है, तो डॉक्टरी उपचार जरूर करवाएं।

जानिए विस्तार से

लेख में सबसे पहले जानिए कमर दर्द के प्रकार के बारे में। 

कमर दर्द कितने प्रकार का होता है?

कमर दर्द को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जा सकता है। जिसके बारे में हम नीचे जानकारी दे रहे हैं (2) –

  1. मैकेनिकल – यह दर्द रीढ़, इंटरवर्टेब्रल डिस्क या नरम ऊतकों के कारण हो सकता है। यह आमतौर पर स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal Stenosis – रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना) या स्लिप डिस्क (Slip Disc – स्पाइन को सहारा देने वाली डिस्क में से किसी एक का क्षतिग्रस्त होकर अपनी जगह से निकलना) जैसी समस्याओं के कारण हो सकता है। यह दर्द 4 से 6 हफ्तों तक रह सकता है (3)।
  1. इन्फ्लेमेटरी – जो मुख्य रूप से सूजन के कारण स्पोंडिलारोथ्रोपथिस (Spondyloarthropathies – जोड़ों से संबंधित पुरानी बीमारी का समूह) के कारण होता है। यह दर्द पुराना होता है और यह स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis – रीढ़ की हड्डी में सूजन) जैसी बीमारी के कारण भी हो सकता है (4)।
  1. ऑन्कोलॉजिक – नर्व के संकुचन या मैरो कैंसर (Cancers of the Marrow) के कारण हो सकता है (2)।
  1. संक्रामक: रीढ़ या डिस्क से जुड़े किसी संक्रमण और स्पाइन में घाव की वजह से कमर दर्द हो सकता है (2)।

ये थे कुछ मेडिकल टर्म के आधार पर कमर दर्द। आसान शब्दों में कहा जाए, तो लोगों को दो तरह के कमर दर्द हो सकते हैं। एक्यूट और क्रॉनिक।

  1. एक्यूट कमर दर्द – यह सबसे सामान्य कमर दर्द होता है, जिसकी शिकायत अधिकतर लोग करते हैं। यह अचानक हो सकता है और कुछ दिनों या हफ्तों तक रह सकता है। यह कुछ वक्त के आराम से ठीक भी हो सकता है।
  2. क्रॉनिक कमर दर्द – वहीं, क्रॉनिक कमर दर्द पुराना होता है और लंबे वक्त तक जैसे – 6 महीने से ज्यादा रह सकता है (5) (6)।

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कमर दर्द के घरेलू उपाय जानने से पहले, आइए जानते हैं कमर दर्द का कारण। 

कमर दर्द के कारण – Causes of Back Pain Hindi

कमर दर्द के कारण कई हो सकते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम नीचे बता रहे हैं – (7) (8)।

कमर दर्द के कुछ सामान्य कारण –

  • अधिक भारी वस्तुओं को बार-बार उठाना।
  • अचानक या झटके से उठना या बैठना।
  • गलत मुद्रा (सही तरीके से न खड़ा होना और न बैठना)।
  • तनाव – मांसपेशियों में खिंचाव।
  • किसी प्रकार की चोट या एक्सीडेंट।

कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से कमर दर्द 

  • गठिया
  • सायटिका (एक नस होती है – जब इसमें दर्द होता है, तो उसे सायटिका कहते हैं)
  • रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना (Spinal Stenosis)
  • ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis – हड्डियों की कमजोर होने की समस्या)

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 कमर में दर्द से प्रभावित व्यक्ति में कुछ लक्षण नजर आते हैं, जिनके बारे में हम आगे बता रहे हैं।

कमर दर्द के लक्षण – Symptoms of Back Pain in Hindi

नीचे जानिए कमर दर्द के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं (7)-

  • कमर या पीठ दर्द शरीर के अन्य हिस्सों जैसे – रीढ़ की हड्डी में भी हो सकता है।
  • दर्द गर्दन से नितंब तक हो सकता है।
  • कुछ मामलों में, एक या दोनों पैरों में दर्द महसूस किया जा सकता है।
  • कमर दर्द के दौरान व्यक्ति को झुकने, उठने, बैठने या चलने में परेशानी हो सकती है।
  • धड़ की गति पीठ दर्द के कारण धीमी हो सकती है।
  • लगातार कमर दर्द होने के कारण मूड में बदलाव जैसे – चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन जैसी समस्या भी हो सकती है।

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लेख के इस भाग में हम कमर दर्द के घरेलू उपाय बता रहे हैं।

कमर दर्द (पीठ दर्द) का घरेलू इलाज – Home Remedies for Back Pain in Hindi

Home Remedies for Back Pain in Hindi

कमर दर्द का कारण और लक्षण जानने के बाद, अब वक्त है कमर दर्द का घरेलू उपचार जानने का। देखा जाता है कि कई बार लोग कमर दर्द की दवा लेते हैं और आगे चलकर उसके आदी हो जाते हैं। इन दवाइयों का सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में हल्के कमर दर्द के लिए कमर दर्द का घरेलू उपाय किया जा सकता है। आइए, नीचे जानते हैं कमर दर्द के घरेलू उपाय के बारे में –

1. एसेंशियल ऑयल

(क) लैवेंडर का तेल

सामग्री :

  • तेल की तीन से चार बूंदें

उपयोग करने का तरीका

  • कमर में जहां भी दर्द हो रहा हो, वहां इस तेल को लगाएं।
  • फिर हल्के हाथों से मालिश करें।
  • इसका हर दूसरे दिन या हफ्ते में दो से तीन बार उपयोग किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है?

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है कि अरोमाथेरेपी के दौरान लैवेंडर ऑयल के उपयोग से कमर दर्द की समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है (9)। हालांकि, इस शोध में एक्यूप्रेशर और लैवेंडर ऑयल, दोनों का उपयोग किया गया है, इसलिए यहां दोनों के मेल पर शोध उपलब्ध है। ऐसे में सिर्फ लैवेंडर ऑयल कमर दर्द में कितना उपयोगी है, इस बारे में अभी और अध्ययन की आवश्यकता है।

(ख) पेपरमिंट ऑयल

सामग्री :

  • पेपरमिंट तेल की पांच से छह बूंदें
  • एक चम्मच विंटर ग्रीन तेल (बाजार में या ऑनलाइन उपलब्ध है)

उपयोग करने का तरीका 

  • विंटर ग्रीन तेल में पेपरमिंट ऑयल को मिलाएं।
  • इस मिश्रण को दर्द वाली जगह पर लगाएं।
  • इसका उपयोग हर दिन या हफ्ते में दो से तीन बार कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

एक स्टडी के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया कि विंटर ग्रीन तेल और पेपरमिंट ऑयल का मिश्रण दर्द निवारक दवा की तरह काम कर सकता है (10)। हालांकि, इनके उपयोग को लेकर अभी भी थोड़ी बहुत उलझन है, ऐसे में इस पर अभी और सटीक शोध की आवश्यकता है।

2. अन्य तेल

जरूरी नहीं कि सिर्फ एसेंशियल ऑयल का ही उपयोग किया जाए। कमर दर्द का उपाय अन्य तेल से भी किया जा सकता है। नीचे हम उन्हीं के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

(क) अरंडी का तेल 

सामग्री :

  • एक चम्मच अरंडी का तेल

उपयोग करने का तरीका

  • रात को सोने से पहले अरंडी के तेल को गुनगुना करके दर्द वाली जगह पर लगाएं।
  • फिर हल्के हाथों से मालिश करें।
  • तेल को रातभर लगा रहने दें।
  • चाहें तो दर्द से आराम न मिलने तक रोजाना रात में इसका उपयोग कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

जैसा कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि कमर दर्द का कारण सूजन की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड (ricinoleic acid) मौजूद होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (दर्द कम करने का गुण) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है (11)। इसके अलावा, अरंडी का तेल सूजन के कारण होने वाले दर्द से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है (12)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि इसका उपयोग कमर दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है। 

जैतून का तेल 

सामग्री :

  • एक चम्मच जैतून का तेल

उपयोग करने का तरीका

  • रात को सोने से पहले जैतून के तेल को गुनगुना करें और उससे अपनी पीठ की मालिश करें।
  • इसे रातभर लगा रहने दें।
  • इसका उपयोग रोज किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है?

कमर दर्द या पीठ दर्द का इलाज करने के लिए जैतून का तेल भी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एक अध्ययन में महिला एथलीट द्वारा जैतून तेल से किया गया फोनोफोरेसिस (Phonophoresis – किसी जेल से की जाने वाली शारीरिक थेरेपी) उपचार कमर दर्द से राहत दिलाने में सहायक पाया गया है। यह प्रभाव जैतून तेल में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण के कारण हो सकता है (13)।

इसके अलावा, एक अन्य शोध में जैतून तेल से कमर की मालिश को कमर दर्द कम करने में असरदार पाया गया है (14)। ऐसे में अगर किसी को हल्का-फुल्का कमर दर्द है, तो वो दर्द कम करने के लिए जैतून तेल का उपयोग कर सकता है। इतना ही नहीं, प्रसव के पहले स्टेज के दौरान जैतून तेल से कमर पर हल्की मालिश प्रसव के दर्द से कुछ देर के लिए आरामदायक अनुभव प्रदान कर सकती है (15)।

3. अदरक या अदरक का तेल

सामग्री

  • अदरक के एक या दो छोटे टुकड़े
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद (वैकल्पिक)

उपयोग करने का तरीका

  • 5 से 10 मिनट तक अदरक को एक कप गर्म पानी में डुबो कर रखें।
  • स्वाद के लिए शहद मिलाएं और ठंडा होने से पहले इसका सेवन करें।
  • हफ्ते में दो से तीन बार इस मिश्रण का सेवन किया जा सकता है।
  • आप पीठ की मालिश करने के लिए अदरक के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • अगर अदरक का तेल लगा रहे हैं, तो वो रात को सोने से पहले लगाया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है?

अदरक औषधीय गुणों का खजाना है। इसमें अन्य गुणों के साथ एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (analgesic- दर्दनिवारक) गुण भी मौजूद होते हैं। ये गुण सूजन को कम करने के साथ-साथ दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। यह गठिया के कारण होने वाले दर्द या मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (16) (17)। सिर्फ अदरक का सेवन ही नहीं बल्कि अदरक के तेल का उपयोग भी दर्दनिवारक की तरह काम कर सकता है। कुछ व्यक्तियों पर किए गए एक शोध के अनुसार, जिनकी अदरक के तेल से मालिश की गई है, उनके कमर में दर्द में काफी सुधार पाया गया है (9)। ऐसे में कमर दर्द से राहत पाने के लिए अदरक या अदरक के तेल का उपयोग किया जा सकता है।

4. तुलसी के पत्ते 

सामग्री :

  • चार-पांच तुलसी के पत्ते
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद (वैकल्पिक)

उपयोग करने का तरीका

  • तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में 10 मिनट तक डुबो कर रखें।
  • स्वाद के लिए शहद मिलाएं और पानी के ठंडे होने से पहले इस चाय का सेवन करें।
  • कमर पर तुलसी का तेल भी लगा सकते हैं।
  • इस चाय को दिनभर में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं।
  • तुलसी का तेल लगा रहे हैं, तो दिनभर में एक से दो बार लगा सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

तुलसी को वर्षों से औषधि के रूप में उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में अगर कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज करना है, तो तुलसी का उपयोग किया जा सकता है। तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द से राहत दिलाने वाले गुण होते हैं (18)। जिस कारण इसको कमर में दर्द से राहत पाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

5. लहसुन

सामग्री :

  • आठ से दस लहसुन की कलियां
  • एक साफ तौलिया

उपयोग करने का तरीका

  • लहसुन की कलियों को अच्छे से कुचल कर उसका पेस्ट बना लें।
  • अब इस पेस्ट को दर्द वाली जगह पर लगाकर साफ तौलिये से ढक लें।
  • इसको लगभग आधे घंटे के लिए छोड़ दें और फिर गीले कपड़े से पोंछ लें।
  • चाहें तो रोज सुबह लहसुन की 2 से 3 कलियां चबा भी सकते हैं।
  • अगर लहसुन का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप भोजन में उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • इसके अलावा, लहसुन को सरसों के तेल में डालकर गर्म कर लें और फिर कमर की मालिश करें।

कैसे फायदेमंद है?

लहसुन में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है। ऐसे में इसका उपयोग सायटिका के कारण होने वाले कमर के नीचे दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है (19)। हालांकि, यह सिर्फ कुछ पल के लिए दर्द से राहत दिलाने का उपाय है। अगर किसी को सायटिका है, तो डॉक्टरी इलाज भी जरूर जारी रखें।

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6. सेंधा नमक (एप्सम सॉल्ट)

सामग्री :

  • एक या दो कप सेंधा नमक
  • एक बाल्टी पानी

उपयोग करने का तरीका

  • सेंधा नमक को एक बाल्टी पानी में मिलाएं।
  • अब इस पानी से नहाएं।
  • इसके अलावा, आप इस पानी से तौलिया गीला करके अपने शरीर को पोंछ सकते हैं और बचे हुए पानी से नहा भी सकते हैं।
  • हफ्ते में दो से तीन बार इस विधि को कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

सेंधा नमक को मैग्नीशियम सल्फेट के रूप में भी जाना जाता है। सेंधा नमक के फायदे अनेक हैं, उन्हीं फायदों में से एक है कमर दर्द से आराम। इसके नियमित उपयोग से कमर या कमर के नीचे होने वाले दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सेंधा नमक मांसपेशियों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (20)। हालांकि, सेंधा नमक के उपयोग को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।

7. कैमोमाइल चाय

सामग्री :

  • एक कैमोमाइल टी बैग
  • 1 कप गर्म पानी
  • शहद (वैकल्पिक)

उपयोग करने का तरीका

  • एक कप गर्म पानी में कैमोमाइल टी बैग को एक से दो मिनट डाल कर रखें।
  • स्वाद के लिए शहद को मिलाएं और इस चाय का सेवन करें।
  • रोजाना कम से कम एक बार इस चाय का सेवन किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है?

कैमोमाइल टी बैग की जगह कैमोमाइल (हरसिंगार) की पत्तियो का भी इस्तेाल कर सकते हैं। इसके लिए पानी में 5 से 7 हरसिंगार फूल की पत्तियों को उबालकर चाय तैयार कर सकते हैं। टेस्ट के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं। यह भी कमर दर्द में राहत प्रदान कर सकता है।

8. आइस पैक

सामग्री :

  • आइस पैक

उपयोग करने का तरीका

  • कमर के नीचे दर्द वाली जगह पर आइस पैक लगाएं और इसे 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • इसे दिनभर में एक से दो बार उपयोग करें।

कैसे फायदेमंद है?

अगर आइस पैक को सही दर्दनिवारक दवा और एक्सरसाइज के साथ नियमित रूप से लिया जाए, तो कमर का दर्द या कमर के नीचे दर्द की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है (23) (24) (25)।

9. गर्म सेंक (हीटिंग पैड) 

सामग्री :

  • गर्म पानी का बैग (हॉट वॉटर बैग)

उपयोग करने का तरीका

  • जहां कमर में दर्द हो रहा हो, वहां हॉट वॉटर बैग से 25 से 30 मिनट सिकाई करें।
  • हर रोज कम से कम एक बार सेंक लें।

कैसे फायदेमंद है?

गर्म सेंक, गर्म पानी या हीटिंग पैड दर्द पर प्रभावी हो सकता है। नियमित रूप से सेंक लेने से कमर दर्द, पीठ या कमर में खिंचाव, गर्दन में दर्द, ऐंठन व अन्य मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा मिल सकता है (26) (27) (28)। अगर दर्द ज्यादा हो, तो डॉक्टरी परामर्श के अनुसार ही ठंडा या गर्म सेंक का चुनाव करना बेहतर होगा।

नोट : कोशिश करें कि रात को सोने से पहले सेंक लें, ताकि रात भर आराम रहे। साथ ही अगर गर्म सेंक लेने से पहले कोई दर्द निवारक बाम या क्रीम लगाई जाए और उसके बाद सेंक लेकर दर्द वाली जगह को गर्म कपड़े या चादर से ढक दिया जाए, तो दर्द से जल्द राहत मिल सकती है।

10. अनार का जूस

सामग्री

  • एक अनार
  • आधा कप पानी

उपयोग करने का तरीका

  • एक अनार लें उसे अच्छे से धोकर छील लें और सारे अनार के बीज निकाल लें।
  • अब बीज को मिक्सी में डालें और साथ में पानी डालें।
  • अब कुछ सेकंड के लिए मिक्सी को चलाएं।
  • ध्यान रहे कि बीज पूरी तरीके से न पीसे, नहीं तो जूस कड़वा हो सकता है।
  • अब एक छलनी लें और जूस को छानकर एक गिलास में निकाल लें।
  • ध्यान रहे जूस छानते वक्त बीजों को चम्मच से दबाएं, ताकि पूरा रस निकल जाए।
  • अब इसका सेवन करें।
  • हफ्ते में तीन से चार दिन अनार के रस का सेवन किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है?

अनार एक पौष्टिक फल है। यह सेहत के लिए लाभकारी है, अनार के फायदे अनेक है और उन्हीं फायदों में से एक है कमर दर्द से राहत। अनार में एनाल्जेसिक गुण होता है, जो कमर दर्द की समस्या कम करने में सहायक हो सकता है (29)। यह कमर दर्द के घरेलू उपाय के तौर पर असरदार हो सकता है।

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11. अनानास

सामग्री :

  • आधा कप अनानास
  • एक कप पानी

उपयोग करने का तरीका

  • अनानास को पानी के साथ मिलाकर जूस बनाएं और हर रोज या हर दूसरे दिन उसका सेवन करें।
  • अगर जूस नहीं पीना, तो आप आधा कप अनानास का सेवन कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

अनानास में ब्रोमेलैन नामक एंजाइम होता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी व दर्दनाशक गुण होता है (30)। जैसा कि हमने ऊपर जानकारी दी कि गठिया भी कमर का दर्द का कारण हो सकता है।  ऐसे में अनानास  का सेवन गठिया में होने वाली सूजन और दर्द से काफी हद तक राहत दिला सकता है।

नोट : अगर आपको अनानास से एलर्जी है, आप गर्भवती हैं या आप पहली बार इसका सेवन कर रहे हैं, तो एक बार डॉक्टर से इस बारे में पूछ लें।

12. हल्दी

सामग्री :

  • आधा चम्मच हल्दी
  • एक गिलास गर्म दूध

उपयोग करने का तरीका

  • एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाएं।
  • इस मिश्रण का सेवन करें।
  • हर दूसरे दिन या हफ्ते में दो से तीन दिन रात को सोने से पहले हल्दी दूध का सेवन किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है?

हल्दी का उपयोग न सिर्फ खाने के रंग और स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है बल्कि कई सालों से इसे औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता रहा है। हल्दी में कई गुण मौजूद है और उन्हीं में से एक गुण है एंटी-इन्फ्लेमेटरी। हल्दी का सेवन सूजन के कारण होने वाली आर्थराइटिस जैसी बीमारी में राहत पहुंचाने में मददगार हो सकता है (31)। जैसा कि हमने ऊपर पहले ही जानकारी दी थी कि आर्थराइटिस भी कमर में दर्द होने के कारणों में से एक है।

13. विटामिन्स

पीठ या कमर का दर्द का इलाज सही आहार भी है। शरीर को प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स मिलते रहने चाहिए। विटामिन्स की बात करें, तो कुछ विटामिन्स ऐसे होते हैं, जिसका सेवन करना बहुत जरूरी है। विटामिन-बी12 अपने दर्दनाशक (एनाल्जेसिक) गुणों के कारण दर्द से राहत दिला सकता है। यह कमर के नीचे दर्द की समस्या को काफी हद तक ठीक कर सकता है (32)। वहीं, विटामिन-सी, डी, और ई भी अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण व्यक्ति को स्वस्थ रख सकते हैं और कमर या पीठ दर्द को कम कर सकते हैं (33), (34)। कई बार विटामिन-डी की कमी से कमर के नीचे दर्द की समस्या हो सकती है, इसलिए विटामिन-डी युक्त आहार को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं (35) (36)। कोशिश करें कि विटामिन की दवा या सप्लीमेंट्स की जगह आप ऐसे फल, सब्जियां व अन्य चीजों का सेवन करें, जिनमें विटामिन्स पाए जाते हैं। विटामिन की दवा लेने से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

14. एलोवेरा जूस 

सामग्री

  • एक एलोवेरा का पत्ता
  • आधा से एक कप पानी

उपयोग करने का तरीका

  • एलोवेरा के पत्ते को अच्छे से धोकर काट लें।
  • ध्यान रहे काटने के बाद उसके अंदर का लैटेक्स (पीला पदार्थ) निकल जाने दें।
  • लैटेक्स निकल जाने के बाद एक बार फिर से पत्ते को धो लें।
  • अब चम्मच की मदद से अंदर का जेल एक कटोरी में निकाल लें।
  • फिर इस जेल को मिक्सी में डालें और उसमें पानी डालकर ब्लेंड कर लें।
  • अब इस जूस को गिलास में डालकर सेवन करें।
  • स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नींबू या अदरक भी मिला सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?

सेहत के लिए एलोवेरा की तरह ही एलोवेरा जूस के फायदे भी कई है, उसी में से एक है कमर दर्द से राहत (37)। एलोवेरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण सायटिका (Sciatica – नसों से जुड़ी समस्या) में होने वाले कमर या पैर के दर्द से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (38)। ऐसे तो कमर दर्द के घरेलू उपाय के तौर पर एलोवेरा जूस प्रभावकारी हो सकता है। हालांकि, इस दौरान दवाइयों का सेवन जारी रखना भी जरूरी है और एलोवेरा जूस एक विकल्प के तौर पर है, इसे इलाज न मानें।

15. गर्म पानी से नहाएं

गर्म पानी कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है। सर्दी-जुकाम, बुखार व पेट में ऐंठन से लेकर कमर दर्द तक में गर्म पानी को घरेलू उपचार के तौर पर उपयोग किया जा सकता है। गर्म पानी से नहाने का असर हीटिंग पैड की तरह हो सकता है। यह सूजन और दर्द को काफी हद तक कम कर सकता है। इसका असर तब और अच्छी तरह हो सकता है, जब इसके साथ सही दवा या दर्दनिवारक बाम का भी इस्तेमाल किया जाए (39) (24)। इसलिए, कमर के नीचे का दर्द दूर करने या मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होने पर एक बार गुनगुने पानी से नहाया जा सकता है। ध्यान रहे कि पानी ज्यादा गर्म न हो, नहीं तो आपकी त्वचा जल सकती है।

16. मालिश

कमर दर्द के घरेलू उपाय की बात करें तो मालिश को सबसे आसान और असरदार तरीकों में से एक माना जा सकता है। मालिश से काफी हद तक दर्द से आराम मिल सकता है। यहां तक कि अगर कमर के नीचे दर्द हो, तो भी उससे भी राहत मिल सकती है। किसी भी एसेंशियल ऑयल से या कैरियर ऑयल से मालिश कर सकते हैं। इतना ही नहीं, तेल को गुनगुना करके भी उससे मालिश कर सकते हैं। ध्यान रहे कि ज्यादा जोर से या गलत तरीके से मालिश न करें। बेहतर होगा कि किसी विशेषज्ञ या अनुभवी व्यक्ति से ही मालिश कराएं (40) (41) (42)।

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ऊपर बताए गए कमर दर्द के घरेलू इलाज हल्के-फुल्के दर्द के लिए हैं। अगर दर्द ज्यादा हो, तो बैक पेन का इलाज कराना भी जरूरी है। नीचे जानिए कमर के दर्द का इलाज।

कमर दर्द का इलाज – Treatments for Back Pain in Hindi

कमर दर्द का इलाज व्यक्ति की उम्र के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। हालांकि, ज्यादातर लोग घरेलू उपचार की मदद से कमर दर्द से राहत महसूस करने लगते हैं, लेकिन कमर दर्द अगर तीव्र और बार-बार हो, तो डॉक्टरी चिकित्सा की जरूरत हो सकती है। नीचे जानिए उन्हीं के बारे में जानकारी दे रहे हैं (7) (8) –

दवाइयां – डॉक्टर दवाइयों की मदद से कमर दर्द का इलाज कर सकते हैं। दवाइयों में दर्दनिवारक दवा या लगाने के लिए ऑइंटमेंट दे सकते हैं।

फिजियोथेरेपी – दर्द ज्यादा हो, तो डॉक्टर फिजियोथेरेपी की सलाह दे सकते हैं। इसमें दवाइयों के बिना हल्के-फुल्की एक्सरसाइज, मालिश या हीट थेरेपी दी जा सकती है (43)।

सीबीटी (Cognitive Behaviour Therapy) – आम बोलचाल की भाषा में समझा जाए, तो यह एक बात करने की थेरेपी होती है। इसमें थेरेपिस्ट (डॉक्टर) मरीज के मन में होने वाले तनाव के बारे में पता लगाकर उनकी नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलने की कोशिश करते हैं। कई बार तनाव भी दर्द का कारण बन सकता है, ऐसे में इस स्थिति में काउंसलर की मदद ली जा सकती है (44)।

सर्जरी – यह सबसे अंतिम उपाय है, अगर तेज कमर दर्द बार-बार हो रहा है और स्थिति बहुत गंभीर हो, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।

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कमर दर्द का इलाज कराने के साथ-साथ सोने और उठने-बैठने की मुद्रा का सही होना भी जरूरी है। नीचे हम यही जानकारी दे रहे हैं।   

कमर दर्द से बचने के लिए सोने का सही तरीका

कमर के दर्द से बचने के लिए बेस्ट स्लीपिंग पोजीशन कुछ इस प्रकार हैं (45)।

  • जो व्यक्ति अपनी पीठ के बल सोते हैं, वो अपनी रीढ़ को सहारा देने के लिए अपने घुटनों के नीचे तकिया रख सकते हैं।
  • पेट के बल सोने वाले व्यक्ति अपने पेट और पेट के निचले हिस्से में एक तकिया रख सकते हैं, ताकि उनकी कमर या पीठ पर खिंचाव न महसूस हो।
  • साइड स्लीपर्स अपने पैरों को अपनी छाती तक खींचकर सो सकते हैं और अपने घुटनों के बीच एक तकिया रख सकते हैं।

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नीचे जानिए कमर दर्द से बचने के लिए बैठने का सही तरीका क्या होना चाहिए। 

कमर दर्द से बचने के लिए बैठने का सही तरीका

नीचे पढ़ें सही तरीके से कैसे बैठा जा सकता है (46) –

  • कुर्सी पर सीधे बैठें।
  • ध्यान रहे कुर्सी पर बैठते वक्त पैर जमीन पर हों।
  • जरूरत पड़े तो फूटस्टूल (Footstool) पैर के नीचे रख सकते हैं।
  • इसके साथ ही कमर को सहारा देने के लिए तकिया या तौलिये को रोल करके रख सकते हैं।

आगे जानिए कमर या पीठ दर्द के लिए कौन-से योगासन लाभकारी हो सकते हैं। 

कमर और पीठ दर्द के लिए योगासन

बैक पेन का इलाज करने में कुछ योगासन भी मददगार हो सकते हैं (47) (48)। इन्हें आप योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। नीचे जानिए कमर दर्द के लिए योगासन कौन-कौन से हैं।

  1. भुजंगासन
  2. अर्धमत्स्येंद्रासन
  3. मार्जरी आसन
  4. अधोमुख श्वानासन
  5. उष्ट्रासन (Ustrasana)

इन योगासनों के साथ और योगासनों के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें कमर और पीठ दर्द के लिए योगासन का यह लेख।

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आगे जानिए कमर दर्द में कब लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह। 

डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?

अगर कमर दर्द का घरेलू उपचार करने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा है और निम्नलिखित परिस्थितियां का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • दर्द तीव्र हो रहा है।
  • उठते-बैठते या सोते वक्त ज्यादा दर्द।
  • अगर कमर दर्द पूरे दिन या हर वक्त हो रहा है।
  • वक्त के साथ-साथ दर्द और तेज हो रहा है।
  • अगर दर्द के साथ-साथ कमर या पैरों में झुनझुनी का एहसास हो, पैर सुन्न होने लगें या कमजोरी महसूस हो।
  • दर्द रात को ज्यादा हो और दर्द की वजह से नींद न आए।
  • अगर दर्द के साथ बुखार आए।
  • दर्द के दौरान या बाद में कमजोरी महसूस हो।
  • अगर दर्द को ठीक करने के लिए बार-बार कमर दर्द की दवा या पेनकिलर की जरूरत पड़ रही हो।

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कमर मे दर्द का इलाज जानने के बाद, लेख के इस भाग में हम इससे बचाव के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 

कमर दर्द से बचाव – Prevention Tips for Back Pain in Hindi

नीचे जानिए कमर के दर्द से बचे रहने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है (49) (7)।

  • पीठ या कमर दर्द से आराम दिलाने वाले योग और एक्सरसाइज करें, लेकिन ध्यान रहे कि इन्हें डॉक्टर की सलाह के बाद, विशेषज्ञों की देखरेख में ही करें। अगर योग व एक्सरसाइज के दौरान या बाद में दर्द ज्यादा महसूस हो, तो इसे तुरंत रोक दें।
  • खाने में पौष्टिक आहार लें, खासतौर पर विटामिन-डी और कैल्शियम युक्त आहार, जिससे रीढ़ की हड्डी मजबूत हो।
  • सीधे बैठें और बैठते वक्त कोशिश करें कि कमर या पीठ को सहारा दें। ऐसा करने से कमर को सहारा मिलेगा, जिससे कमर के नीचे का दर्द का जोखिम कम हो सकता है।
  • वजन का ध्यान रखें ताकि कमर पर ज्यादा भार न पड़ें।
  • धूम्रपान न करें।

आशा करते हैं कि कई लोगों के मन में आने वाला सवाल कि कमर दर्द कैसे ठीक होता है, का जवाब इस लेख में बताए गए कमर दर्द के घरेलू उपाय को पढ़ने के बाद मिल चुका होगा। इस आर्टिकल में बताए गए कमर या पीठ दर्द के इलाज पाठकों के लिए उपयोगी साबित होंगे। इसके अलावा, ध्यान रखें कि अगर किसी को तेज कमर दर्द बार-बार हो रहा हो, तो बैक पेन का इलाज जरूर करवाएं। कमर दर्द का घरेलू इलाज सिर्फ कुछ देर के लिए दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। गंभीर कमर दर्द की समस्या के लिए डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता जरूर दें। स्वस्थ खाएं और स्वस्थ रहें। स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी पाने के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

पीठ या कमर दर्द से राहत के लिए किस प्रकार का गद्दा सबसे अच्छा है?

पीठ के दर्द को रोकने के लिए एक मध्यम से फर्म गद्दा सबसे अच्छा माना जाता है (7)। जो व्यक्ति पीठ के बल सोते हैं, उन्हें मध्यम-फर्म गद्दे की आवश्यकता हो सकती है। वहीं, जो लोग एक तरफ होकर सोते हैं, उन्हें अपने कूल्हों और कंधों को कुशन करने के लिए थोड़े नरम गद्दे की जरूरत हो सकती है। जो लोग पेट के बल सोते हैं, उनके लिए एक मजबूत गद्दे की आवश्यकता हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द कब शुरू होता है?

गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द सामान्य है। प्रारंभिक गर्भावस्था में कमर दर्द महसूस हो सकता है और गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में जब गर्भवती का वजन अधिक होता है और सारा भार पैरों और कमर पर होता है, तब यह समस्या बढ़ सकती है (50)।

अपने पीठ दर्द को ज्यादा बुरा होने से रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?

ज्यादा देर तक खड़े रहने से बचें और ठंडी या गर्म सेंक लें। अगर ऊंची हील की सैंडल पहनते हैं, तो इस तरह के फुटवियर पहनने से बचें (47)। दर्द तेज हो, तो डॉक्टरी सलाह लें।

क्या तनाव कमर या पीठ दर्द का जोखिम कारक हो सकता है?

हां, मानसिक और शारीरिक, दोनों तनाव का असर मांसपेशियों पर पड़ सकता है, जिससे कमर दर्द हो सकता है (7) (51)।

References

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Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations.

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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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