Written by , (शिक्षा- एमए इन मास कम्युनिकेशन)

अक्सर लोगों को कहते हुए सुना ही होगा कि कर्म करते जा फल की इच्छा न कर। अपने कर्म को बेहतर करने के लिए जीवन में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। इसके लिए कर्म योग मददगार हो सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि कर्म योग क्या है, तो हम बता दें कि इस सवाल का जवाब स्टाइलक्रेज के इस लेख में मौजूद है। साथ ही हमने कर्म योग करने के फायदे भी बताए हैं।

नीचे है पूरी जानकारी

आइए, जानते हैं कि कर्म योग क्या है। फिर हम इसके फायदे के बारे में भी बताएंगे।

कर्म योग क्या है – What is Karma Yoga in hindi

कर्म योग एक ऐसा रास्ता है, जो कर्म के माध्यम से मोक्ष की ओर ले जाता है। मोक्ष चेतना की अंतिम अवस्था होती है। भगवत गीता में भी कर्म योग का जिक्र मिलता है। इसके अनुसार, वैराग्य भाव रखते हुए अपने कर्म करने चाहिए। दिनभर दासों की तरह काम करने से एक ओर स्वार्थ का भाव पैदा होता है, तो दूसरी ओर अपने दिमाग को नियंत्रित रखते हुए कर्म करने से अनासक्ति और आनंद की प्राप्ति होती है (1)।

यह योग हमें सिखाता है कि हर कार्य को बिना फल की इच्छा के करना चाहिए। इसको करने वाले योगी कर्म योग को दैवीय समझकर इसे प्राथमिकता देते हुए पूरे मन से करते हैं। साथ ही सभी तरह की इच्छाओं को त्यागते हैं (2)।

इस योग का अभ्यास सही दृष्टिकोण रखने, धार्मिक होने, सही इरादे रखने और अपनी क्षमता के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करके किया जा सकता है। कर्म योग को करने से नए कौशल सीखने, व्यक्तित्व विकास, आत्मा की शुद्धि, मन को अधिक फ्लेक्सिबल और टोलरेंट बनाने में मदद करता है (2)।

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आइए, जानते हैं कि कर्म योग कितने प्रकार के होते हैं।

कर्म योग के प्रकार- Types of Karma Yoga in Hindi

कर्म योग के दो प्रकार होते हैं, जिनमें पहला सकाम कर्म और दूसरा निष्काम कर्म है। सकाम कर्म और निष्काम कर्म क्या है, इसके बारे में नीचे विस्तार से जानें।

1. सकाम कर्म – जब कोई भी व्यक्ति खुद के लाभ के लिए काम करता है, तो वह सकाम कर्म में आता है। यह व्यक्ति के सामाजिक और व्यापारिक दोनों तरह के काम पर लागू होता है। इस तरह के कर्म में व्यक्ति के मन में स्वार्थ भाव रहता है, जो उन्हें लोभी बनता है। सकाम कर्म व्यक्ति के जन्म व मृत्यु चक्र में अहम भूमिका निभाता है।

2. निष्काम कर्म – अगर किसी के मन में ख्याल आ रहा है कि निष्काम कर्मयोग क्या है, तो जब कोई व्यक्ति किसी काम को स्वार्थहीनता भाव से करता है, तो उसे ही निष्काम कर्म कहते है। ऐसे व्यक्ति के मन में किसी तरह की लालसा और अहंकार की भावना नहीं होती है। इस कर्म को करने वाला व्यक्ति सभी को एक समान समझता है। साथ ही एकता और दूसरों की मदद करने में भरोसा रखता है। निष्काम कर्म व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाता है, जो व्यक्ति को असीम शांति देता है।

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सकाम कर्म और निष्काम कर्म क्या है, पढ़ने के बाद अब कर्म योग करने के फायदे जान लेते हैं।

कर्म योग करने के फायदे – Benefits of Karma Yoga in hindi

कर्म योग से व्यक्ति को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं। ये फायदे व्यक्ति के जीवन को खुशहाल बनाने और शांति से जीवन व्यतीत करने में मदद करते हैं। कर्म योग करने के फायदे कुछ इस प्रकार नजर आ सकते हैं।

1. मन को शांत रखता है

कर्म योग करने के फायदे में सबसे पहला मन को शांत रखना है। दरअसल, इस योग को जीवन में लागू करने वालों के मन में कभी भी दूसरों के प्रति बुरे ख्याल नहीं आते हैं और न ही उनका मन अपने काम को लेकर विचलित होता है। इस योग से मन की शांति में सुधार हो सकता है, जिससे मानसिक समस्याओं को भी दूर रखने में मदद मिल सकती है।

2. धर्य को बढ़ता है

कर्म योग व्यक्ति के धर्य को बढ़ावा देता है। इस योग के दौरान व्यक्ति को कई ऐसे काम करने होते हैं, जिसके लिए उन्हें ज्यादा धर्य रखना पड़ता है। साथ ही इस योग के दौरान क्रोध और अहंकार को भी त्यागना होता है, जो व्यक्ति के धर्य भाव को खुद-ब-खुद बढ़ाने का काम करते हैं।

3. एकाग्रता को बढ़ता है

व्यक्ति के जीवन में एकाग्रता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर किसी भी काम में आगे बढ़ना है, तो उस काम को पूरी एकाग्रता के साथ करना होता है। कर्म योग यही सिखाता है कि अपने कर्म को अच्छे से करना चाहिए। किसी भी कार्य को सही से करने के लिए उस पर पूरी तरह ध्यान देना होता है। जब भी हम किसी कार्य पर सही से ध्यान देने की कोशिश करते हैं, तो एकाग्रता को बढ़ावा मिलता है। कर्म योग से पुरानी बातों को भूलने और आने वाली चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की भी सीख मिलती है ()।

4. कार्य क्षमता में सुधार

कर्म योग करने के फायदे में कार्य क्षमता में सुधार भी शामिल है। कर्म योग करने वाले अपने और दूसरों के कार्य में मदद करने की भावना रखते हैं, जिससे कि वो न सिर्फ अपना काम सही तरीके से करते हैं, बल्कि अपने साथी की भी मदद करते हैं। इससे व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता बढ़ सकती है।

5. नकारात्मकता दूर करे

कर्म योगी का अपने काम के प्रति सकारात्मक विचार होता है, जो उनके मन से हर तरह की नकारात्मकता को दूर कर सकता है। इससे व्यक्ति को जीवन में सफलत की प्राप्ति होती है, क्योंकि कर्म योगी अपनी विफलता को भी सकारत्मक तरीके से लेते हैं और उस काम के लिए दोगुनी मेहनत करते हैं (1)।

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इस लेख के अगले भाग में कर्म योग के सिद्धांत के बारे में बता रहे हैं।

कर्म योग के सिद्धांत – The Karma Yoga Principles in Hindi

सकाम कर्म और निष्काम कर्मयोग क्या है, जानने के बाद इसके सिद्धांतों को समझना भी जरूरी है। कर्म योग के मार्ग को अपनाने वालों को इन सिद्धांतों का पालन करना होता है।

1. अच्छी सोचकर्म योगी को अच्छी सोच रखने की जरूरत होती है, उन्हें हर व्यक्ति और काम के प्रति अच्छा विचार रखना होता है। व्यक्ति को अपना काम करते समय प्रेम भाव और अच्छा रवैया रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति के जीवन, परिवार या किसी अन्य काम के प्रति खराब सोच नहीं रखनी चाहिए।

2. सही उद्देश्य – किसी भी काम को लालच और बुरे उद्देश्य से नहीं करना चाहिए। हर काम के प्रति मन में साफ ख्याल होने चाहिए। साथ ही उस काम से किसी तरह के लाभ का विचार मन में नहीं आना चाहिए। अगर कोई किसी की मदद करता है, तो बदले में किसी तोहफा की इच्छा न रखें।

3. कर्तव्य का पालन – कर्म योग को जो भी अपनाना चाहता है, उन्हें अपने हर कर्तव्य का निर्वाह करना चाहिए। वह किसी भी काम को बहाना बनाकर नहीं छोड़ सकते। कर्म योगी को हर काम के प्रति लगन और निष्ठा रखनी होगी और उसे उसके मुकाम तक पहुंचाना होगा।

4. हर काम में अच्छा प्रदर्शन – एक कर्म योगी को अपने हर काम में पूरी मेहनत और लग्न दिखानी होगी। किसी भी कार्य में कोताही कर्म योगी के सिद्धांत के खिलाफ है। इससे काम का अच्छा परिणाम मिलने में मदद मिलती है।

5. परिणाम की चिंता न करना निष्काम कर्म योग करने वाले अपने कार्य के फल और परिणाम दोनों के बारे में नहीं सोचते हैं। वो सिर्फ कर्म करने की भावना रखते हैं, उन्हें फल की लालसा नहीं होती है। ऐसे में अगर कोई कर्म योग को अपना चाह रहा है, तो उन्हें अपने कम से मिलने वाले परिणाम की चिंता करना छोड़ना होगा।

6. सेवा भाव – कर्म योगी को व्यक्ति ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षी आदि की भी सेवा करनी होता है। वो किसी भी व्यक्ति और जीव-जन्तु में भेदभाव नहीं करते और सभी के प्रति सम्मान और प्रेम भाव रखते हैं।

7. अनुशासित रहना – कर्म योग का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत अनुशासित रहना है, जो भी व्यक्ति इसे अपनाता है, उन्हें अनुशासन का पालन करना होगा। उन्हें सरकारी कानून हो या घर के नियम किसी को भी भंग नहीं करना होगा। इन सभी सिद्धांतों का सही से पालन करने वाला ही सच्चा कर्म योगी कहलाता है।

व्यक्ति को इसी जीवन में स्वर्ग और नरक दोनों का अनुभव होता है, जो व्यक्ति जैसा कार्य करता है, वैसा ही फल पाता है। अपने जीवन को अच्छा और महान बनाने के लिए कर्म योग को अपना सकते हैं। यहां हमने सकाम और निष्काम कर्मयोग क्या है, दोनों से जुड़ी जानकारी को बखूबी समझाया है। अब आप कर्म योग करने के फायदे जानकर इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने व न बनाने का फैसला ले सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

कर्म योग किसके लिए अच्छा है?

ऐसा व्यक्ति जो काम, क्रोध, लोभ और मोह को त्यागने की इच्छा रखता है, उनके लिए कर्म योग अच्छा है।

मुझे कितनी बार कर्म योग करना चाहिए?

यह कोई सामान्य योग नहीं है, जिसे दिन में एक या दो बार किया जाए। यह जीवन जीने का एक तरीका है, जिसे व्यक्ति अपने जीवन में पूरी तरह ढालते हुए और सिद्धांतों का पालन करके ताउम्र कर सकता है।

मैं कर्म योग का पालन कैसे करूं?

आप कर्म योग का पालन करने के लिए इसके सिद्धांतों को समझिए और उन पर चलने की कोशिश करें। कर्म योग के सिद्धांत क्या हैं, इनके बारे में हमने लेख में विस्तार से बताया है।

क्या कोई यह चुन सकता है कि वो कर्म योग में क्या करना चाहते हैं?

जी हां, कर्म योग में अलग-अलग सिद्धांत होते हैं, जिनमें से किसी एक को आप पालन करने के लिए चुन सकते हैं। लेकिन, कर्म योग को तभी सफल माना जाएगा, जब इसके सभी सिद्धांतों का पालन किया जाए।

कर्मयोगी को किस प्रकार की सेवा करनी पड़ती है?

एक कर्म योगी को निस्वार्थ भाव से सेवा करनी चाहिए।

कर्म योग को अध्यात्म में कैसे शामिल किया जाता है?

कर्म योग के माध्यम से ही व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। इसलिए, मोक्ष को केंद्र बनाकर इसे अध्यात्म में शामिल किया जा सकता है।

References

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  1. Karma yoga: A path towards work in positive psychology
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3705674/
  2. Karma Yoga
    https://pratibha.digitalindiacorporation.in/ayuweb/en/karma-yoga/
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Anuj Joshi
Anuj Joshiचीफ एडिटर
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