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बदलते मौसम और खान-पान के कारण किसी को भी खांसी की समस्या हो सकती है। हालांकि, खांसी की समस्या जल्द ठीक हो जाती है, लेकिन समय रहते इलाज न करने पर यह गंभीर रूप भी ले सकती है। इसलिए, अगर किसी को हल्की-सी खांसी भी है, तो उसे ठीक करना जरूरी है। इसके लिए घरेलू उपचार का सहारा लिया जा सकता है। ये घरेलू उपचार शुरुआत में ही खांसी को गंभीर रूप लेने से रोक सकते हैं। वहीं, अगर किसी की खांसी गंभीर अवस्था में आ चुकी है, तो ऐसे में घरेलू उपचार खांसी से उबरने में मदद कर सकते हैं, लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते। इसलिए, मरीज को बिना देरी किए डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम आपको रात में खांसी आने का कारण और खांसी का घरेलू इलाज बताएंगे। साथ ही बताएंगे कि इससे कैसे बचा जा सकता है।
नीचे विस्तार से जानें
आर्टिकल के शुरुआत में हम खांसी के कारण और जोखिम कारण की जानकारी दे रहे हैं।
खांसी के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Cough in Hindi
आप खांसी का घरेलू इलाज जानें, उससे पहले यह जानना जरूरी है कि खांसी होने के कारण क्या हैं। कई लोगों को बार-बार खांसी की परेशानी होने लगती है, जिसका असर उनकी सेहत पर भी पड़ता है (1)।
- एलर्जी
- ट्यूबरक्लोसिस या टीवी
- धूल-मिट्टी, प्रदूषण
- दमा
- श्वसन तंत्र के संक्रमण जैसे – ठंड लगना या निमोनिया
- मौसम का बदलना
- फेफड़ों का कैंसर
- मुंह सूखना
- ब्रोन्किइक्टेसिस
- टॉन्सिल का संक्रमित होना यानी टॉन्सिलाइटिस
- गर्ड (Gastroesophageal reflux disease)
- धूम्रपान करना
- काली खांसी (Pertussis)
- ठंडी चीजें जैसे – आइसक्रीम या कोल्डड्रिंक का सेवन
अब हम खांसी के विभिन्न लक्षणों की जानकारी देंगे।
खांसी के लक्षण – Symptoms of Cough in Hindi
खांसी की समस्या होने पर इसके लक्षण खांसी के कारण के आधार पर दिखाई दे सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (2):
- गले में खराश होना
- गले में दर्द होना
- बुखार आना
- सिरदर्द
- थकान होना
- सीने में दर्द होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- नाक बंद होना
- उल्टी आना
- नींद न आना
- सीने में जलन होना
- खाने की इच्छा न होना
चलिए जानते हैं, खांसी के कितने प्रकार होते हैं।
खांसी के प्रकार – Types of Cough in Hindi
जब खांसी जल्द ठीक हो जाए, तो इसे सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर यही खांसी ज्यादा दिनों तक रहती है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि समय रहते खांसी के प्रकार की पहचान कर खांसी का इलाज किया जाए। हम नीचे खांसी के कुछ प्रकार बता रहे हैं (1)।
- तीव्र खांसी (Acute Cough) – यह खांसी आमतौर पर तेजी से शुरू होती है। इसके पीछे मुख्य कारण सर्दी, फ्लू या साइनस संक्रमण होता है। इस प्रकार की खांसी आमतौर पर 3 सप्ताह में ठीक हो जाती है।
- सब एक्यूट खांसी- जब एक्यूट खांसी 3 हफ्ते बाद भी ठीक न हो और 8 सप्ताह तक रहे, तो उसे सब एक्यूट खांसी कहा जाता है।
- पुरानी खांसी (Chronic Cough) – यह खांसी कई दिनों तक रहती है और कई बार आठ हफ्ते से ज्यादा समय तक रह सकती है। ऐसे में बिना देर करते हुए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपनी परेशानी बताएं।
- कुक्कुर खांसी (Pertussis) – यह खांसी संक्रमण से होती है, जो नाक और गले को प्रभावित करती है। यह खांसी ज्यादातर बच्चों को होती है (3)।
- बलगम वाली खांसी – इसमें खांसते समय बलगम निकलता है। इस तरह की खांसी में सीने में बलगम जमा हो जाता है, जिस कारण मरीज को सांस तक लेने में परेशानी होती है।
- सूखी खांसी (Dry Cough) – यह खांसी गले में खराश के साथ होती है। बार-बार लगेगा कि गले में कुछ फंसा है। इसमें खांसने से बलगम नहीं निकलता है, यह खांसी बदलते मौसम या धूल-मिट्टी व प्रदूषण के कारण हो सकती है।
- रात में खांसी (Nocturnal Cough) – यह खांसी ज्यादातर रात को होती है। यह कभी-कभी इतनी तीव्र हो जाती है कि मरीज को नींद भी नहीं आती है।
आगे हम खांसी के घरेलू इलाज के बारे में बताएंगे।
खांसी के घरेलू इलाज – Home Remedies for Cough in Hindi
खांसी की समस्या से राहत पाने के लिए घरेलू उपाय को अपनाकर इस समस्या का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए नीचे बताए जा रहे किसी भी घरेलू उपाय को अपना सकते हैं।
1. नमक के पानी से गरारे
सामग्री:
- एक चम्मच नमक
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे करें उपयोग:
- गर्म पानी में नमक मिलाएं।
- फिर इससे गरारे करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- आप इसे दिनभर में दो से तीन बार कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
पानी में नमक डालकर गरारे करने का नुस्खा वर्षों से लगभग हर घर में चला आ रहा है। इसे सबसे आसान और खांसी का रामबाण इलाज माना जाता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर मौजूद एक वैज्ञानिक शोध से पता चलता है कि कुछ दिनों तक नियमित रूप से गरारे करने पर ऊपरी श्वास नलिका के संक्रमण (upper respiratory tract infections) से बचाव हो सकता है (4)। इससे खांसी की समस्या से राहत मिल सकती है। हालांकि, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है, ताकि खांसी पर नमक वाले पानी से गरारे का सटीक असर का पता चल सके।
2. भाप
सामग्री
- आधा टब पानी
- तौलिया
कैसे करें उपयोग:
- सबसे पहले पानी को किसी बर्तन में डालकर गर्म करें।
- फिर सिर पर तौलिया डालकर भाप लें।
कितनी बार करें उपयोग:
- खांसी की समस्या में इसे दिन में दो बार उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
कभी-कभी खांसी के साथ नाक भी बंद हो जाती है, ऐसे में इस भाप से बंद नाक खुल जाएगी और गले को भी गर्माहट मिलेगी। कोशिश करें कि इस भाप को रात में सोने से पहले लें और फिर सिर को अच्छी तरह से ढक लें, ताकि ठंडी हवा न लगे। हालांकि, अभी तक इसका कोई खास प्रमाण नहीं है कि भाप से पूरी तरीके से खांसी ठीक हो सकती है या नहीं, लेकिन अस्थायी तौर पर राहत जरूर मिल सकती है।
3. शहद
सामग्री:
- दो चम्मच शहद
- एक चम्मच नींबू या अदरक का रस
कैसे करें उपयोग:
- शहद और नींबू या अदरक के रस को मिलाकर पिएं।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे सिरप की तरह दिनभर में दो से तीन बार ले सकते हैं।
कैसे है लाभदायक
एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, शहद को खांसी के इलाज के लिए एक अच्छा उपाय माना जा सकता है। यह खांसी को ठीक करने वाली दवा से भी अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकता है (5)। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन में भी दिया है कि शहद के सेवन से कुछ हद तक खांसी कमी हो सकती है। इसके सेवन से मरीज की खांसी कुछ कम होती है और रात को सुकून की नींद आ सकती है। इसके लिए शहद में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण सहायक होते हैं। इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को दूर करने का काम कर सकता है। इससे इन्फेक्शन से होने वाले अन्य जोखिम से बचा जा सकता है (6)।
4. अदरक
सामग्री:
- तीन चम्मच बारीक कटा अदरक
- एक चम्मच सूखा पुदीना
- एक कप शहद
- चार कप पानी
कैसे करें उपयोग:
- एक बर्तन में पानी लेकर उसमें अदरक और पुदीना मिलाएं।
- फिर पानी को अच्छी तरह से उबाल लें।
- इसके बाद पानी को ठंडा होने दें। उसके बाद इसमें शहद मिलाएं।
- इस मिश्रण का रोज एक चम्मच सेवन करें।
- इस मिश्रण को किसी अच्छे जार में बंद करके, फ्रिज में दो से तीन हफ्ते के लिए रखा जा सकता है।
कितनी बार करें उपयोग:
- इस मिश्रण को हर तीन से चार घंटों के अंतराल में पिया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
खांसी रोकने के उपाय में अदरक को भी शामिल किया जा सकता है। अदरक को खांसी के लिए प्राकृतिक इलाज माना जाता है (5)। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि खांसी और श्वसन संक्रमण (रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन) के उपचार में अदरक के लाभकारी प्रभाव नजर आ सकते हैं (7)। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की जरूरत है, ताकि पता चल सके कि यह किस तरह से फायदेमंद है।
[ पढ़े: Adrak Ke Fayde in Hindi ]
5. लौंग
सामग्री:
- एक लौंग
- चुटकी भर सेंधा नमक
कैसे करें उपयोग:
- लौंग को सेंधा नमक के साथ चबा लें।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे दिन में दो से तीन बार उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
लौंग का उपयोग कर कई समस्याओं से बचा जा सकता है, जिनमें से एक खांसी भी है। दरअसल, लौंग एक्सपेक्टोरेंट की तरह काम करता है, जो खांसी के इलाज की दवाई होती है (8)। इसलिए, लौंग को खांसी की अचूक दवा कहा जा सकता है।
6. काली मिर्च
सामग्री:
- एक चम्मच काली मिर्च पाउडर
- दो चम्मच शहद
- एक कप गर्म पानी
कैसे करें उपयोग:
- गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर और शहद मिलाएं।
- अब कप को 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर रख दें।
- फिर इस चाय को पिएं।
कितनी बार करें उपयोग:
- इस चाय को खांसी के दौरान रोज एक से दो बार पिया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
काली मिर्च को खांसी का घरेलू इलाज के लिए अच्छी हर्बल दवाई माना जा सकता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, खांसी की समस्या में सुधार करने के लिए काली मिर्च प्राकृतिक दवा के रूप में काम करती है। इसके अलावा, यह सर्दी और गले के रोग में भी सुधार करने का काम कर सकती है। इसके लिए काली मिर्च में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण फायदेमंद हो सकते हैं (9)।
[ पढ़े: kali mirch ke fayde ]
7. लहसुन
सामग्री:
- एक या दो लहसुन की कलियां
- एक गिलास दूध
कैसे करें उपयोग:
- लहसुन की कलियाें को दूध में उबाल लें।
- फिर इसे पिएं।
कितनी बार करें उपयोग:
- खांसी के दौरान दो से तीन दिन तक रात में इस दूध का सेवन किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
अगर कोई लहसुन का स्वाद पसंद न होने के कारण इसके सेवन से परहेज करता है, तो उन्हें यह जानकर हैरानी होगी कि लहसुन कई समस्याओं के लिए एक अच्छा घरेलू उपचार साबित हो सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, लहसुन खांसी से राहत पाने में मददगार हो सकता है। इसके लिए, लहसुन में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण सहायक होते हैं (10)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि लहसुन खांसी का रामबाण इलाज है।
[ पढ़े: Lahsun Khane Ke Fayde in Hindi ]
8. तुलसी
सामग्री:
- कुछ तुलसी के पत्ते
कैसे करें उपयोग:
- तुलसी के पत्तों को अच्छे से धोकर उनका सेवन करें। अगर तुलसी के पत्तों का स्वाद अच्छा न लगे, तो इसमें थोड़ा नमक या काली मिर्च छिड़ककर खाएं।
- इसके अलावा, तुलसी की चाय या तुलसी का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे दिन में एक बार उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
तुलसी कई तरह के औषधीय गुणों से समृद्ध होती है। इसलिए, यह खांसी और अस्थमा जैसी अन्य कई बीमारियों के इलाज में मदद कर सकती है। इन समस्याओं से राहत दिलाने के लिए इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल व एंटिफंगल गुण मदद कर सकते हैं। ये गुण खांसी के कारण बनाने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर रख सकते हैं (11)। ऐसे में कहा जा सकता है कि तुलसी खांसी की दवा का काम कर सकती है।
[ पढ़े: Basil Ke Fayde in Hindi ]
9. हल्दी
सामग्री:
- एक चम्मच हल्दी
- एक गिलास दूध
कैसे करें उपयोग:
- दूध में हल्दी पाउडर मिला लें।
- अब इसको पिएं। स्वाद के लिए इसमें थोड़ी चीनी या शहद मिला सकते हैं।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे रात को सोने से पहले सेवन किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
खांसी के उपाय को लेकर किए गए कई वैज्ञानिक शोध में से एक एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसमें कहा गया है कि हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण अगर हल्दी को दूध के साथ लिया जाए, तो यह खांसी व श्वास संबंधी रोगों का इलाज कर सकता है (12)। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, हल्दी में खांसी का इलाज करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सकीय (थेराप्यूटिक) प्रभाव पाया जाता है (5)। ऐसे में माना जा सकता है कि खांसी रोकने के उपाय में हल्दी भी शामिल है। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की जरूरत है।
[ पढ़े: Haldi Ke Fayde in Hindi ]
10. ग्रीन टी
सामग्री:
- आधा चम्मच ग्रीन-टी पाउडर
- एक कप गर्म पानी
- आधा चम्मच शहद (इच्छानुसार)
कैसे करें उपयोग:
- ग्रीन-टी के पत्तों को गर्म पानी में 5 से 10 मिनट तक भिगोएं।
- अब इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर चाय की तरह सेवन करें।
कितनी बार करें सेवन:
- दिन में दो से तीन बार इस चाय का सेवन किया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है:
अगर किसी को बार-बार खांसी की समस्या होती है, तो उन्हें ग्रीन-टी को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। इस संबंध में कई शोधकर्ताओं का मानना है कि हरी चाय (ग्रीन टी) में पाए जाने वाले एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव खांसी को कम कर सकते हैं (13)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि खांसी की समस्या से छुटकारा दिलाने में ग्रीन टी मददगार हो सकती है।
[ पढ़े: Green Tea Ke Fayde in Hindi ]
11. दालचीनी
सामग्री :
- चुटकीभर दालचीनी पाउडर
- एक चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग:
- शहद को तब तक गर्म करें, जब तक कि यह थोड़ा पतला न हो जाए।
- फिर इसमें चुटकीभर दालचीनी मिलाकर ठंडा करके इसका सेवन करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे कफ सिरप की तरह रोज दो से तीन बार पिएं।
कैसे है लाभदायक:
खांसी के घरेलू उपचार में आज भी कई जगह दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता है। यह सब दालचीनी में पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल और एंटीवायरल प्रभाव के कारण है (14)। फिलहाल, इस विषय पर और शोध की आवश्यकता है।
12. नींबू
सामग्री:
- आधा चम्मच नींबू का रस
- दो चम्मच शहद
- एक कप गर्म पानी
कैसे करें उपयोग:
- गर्म पानी में शहद को अच्छे से मिलाएं।
- फिर इसमें नींबू का रस अच्छे से मिलाकर इस मिश्रण को पिएं।
कितनी बार करें उपयोग:
- इस मिश्रण को एक बार सुबह और एक बार रात को पी सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है:
नींबू का उपयोग कर खांसी का घरेलू इलाज किया जा सकता है। दरअसल, नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो सूजन और संक्रमण को कम करने में मदद कर सकता है। इससे खांसी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है (5)। इसके अलावा, इसमें मिलाया जाने वाला शहद भी खांसी से राहत दिलाने का काम कर सकता है, जिसके बारे में हम लेख में ऊपर बता चुके हैं।
13. गुड़
सामग्री:
- एक गुड़ का टुकड़ा
- आधा प्याज
कैसे करें उपयोग:
- आधे प्याज के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें।
- अब इसे पीसे हुए गुड़ में मिलाकर खाएं।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे रोज दो से तीन बार खाया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
खांसी और जुकाम में सुधार करने के लिए गुड़ उपयोगी साबित हो सकता है। यह छाती में जमा बलगम को बाहर निकालने में मदद कर सकता है, जिससे खांसी और जुकाम की समस्या से राहत मिल सकती है (5)। वहीं, एक अन्य शोध में दिया गया है कि गुड़ में शक्कर के मुकाबले कम मात्रा में मिनरल साल्ट (खनिज लवण) होते हैं, जो सूखी खांसी और बलगम वाली खांसी के साथ ही अपच व कब्ज आदि स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिला सकते हैं (15)। ऐसे में गुड़ को खांसी की दवा कहा जा सकता है।
14. आंवला
सामग्री:
- एक चम्मच आंवला का रस या पाउडर
- दो चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग:
- दोनों सामग्रियों को मिला लें।
- फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे प्रतिदिन दो बार उपयोग किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
आंवला को खांसी से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचार के तौर पर अपनाया जा सकता है (16)। आंवले में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है (17)। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि विटामिन-सी एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और खांसी की समस्या को कम कर सकता है (18)। इसलिए, खांसी की दवा के रूप में आंवला अच्छा घरेलू उपाय साबित हो सकता है।
15. अजवाइन
सामग्री:
- एक चम्मच अजवाइन का रस
- एक चम्मच शहद
कैसे करे उपयोग:
- दोनों सामग्रियों को आपस में मिला लें।
- फिर इस मिश्रण का सेवन कर लें।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे दिन में दो बार लिया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
खांसी के लिए अस्थमा को भी जिम्मेदार माना गया है। ऐसे में अजवाइन का सेवन कर अस्थमा की समस्या को उत्पन्न होने से रोका जा सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि अजवाइन को एंटीअस्थमा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिसर्च पेपर में भी दी हुई है (19)। ऐसे में कहा जा सकता है कि अजवाइन खांसी का उपचार कर सकता है।
16. अनानास
सामग्री:
- एक कप अनानास का रस
- एक चम्मच शहद
- एक चुटकी नमक
- एक चुटकी काली मिर्च पाउडर
कैसे करें उपयोग:
- अनानास के रस में शहद, नमक और काली मिर्च को अच्छे से मिक्स कर लें।
- फिर इस मिश्रण का सेवन कर लें।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे दिन में तीन बार पिया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
अनानास एक स्वादिष्ट फल के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भी होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह खांसी की अचूक दवा का भी काम कर सकता है। अनानास में ब्रोमेलैन नामक तत्व पाया जाता है, जो एक तरह का प्रोटीन-डाइजेस्टिंग (प्रोटियोलिटिक) एंजाइम या प्रोटीज का मिश्रण होता है। यह खांसी को दबाने में मदद कर सकता है। साथ ही गले में बलगम को ढीला करता है, जिससे खांसी से राहत मिल सकती है (5)।
17. थाइम
सामग्री:
- एक चम्मच थाइम की पत्तियां
- एक गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- थाइम के पत्तों को कुछ मिनट के लिए पानी में उबाल लें।
- फिर इसे छान लें और पानी को पी लें।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में एक बार इसका सेवन किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
थाइम एक तरह का हर्बल पौधा है, जिसका उपयोग श्वसन संबंधी कई रोगों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। इसके पत्ती से निकलने वाला अर्क खांसी और अल्पकालिक ब्रोंकाइटिस की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, थाइम की पत्तियों में फ्लेवोनोइड्स भी होते हैं, जो गले की मांसपेशियों को शांत करने का काम कर सकते हैं। साथ ही ये खांसी और सूजन को भी कम करने में सहायता कर सकते हैं (5)। ऐसे में खांसी के उपाय में थाइम को भी शामिल किया जा सकता है।
नोट: यह एक हर्बल पौधा है, जो औषधीय गुण से समृद्ध होता है। इसलिए, किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को इसके सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूरी लेनी चाहिए।
18. मार्शमैलो रूट
सामग्री:
- एक चम्मच मार्शमैलो रूट पाउडर
- एक गिलास पानी
- दो चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग:
- सबसे पहले पानी में मार्शमैलो रूट पाउडर को मिलाएं।
- फिर कुछ मिनट के लिए इसे गर्म करें।
- उसके बाद इसे छान कर कप में निकाल लें और शहद मिक्स करके सेवन करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- इसे दिन में दो बार पिया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
मार्शमैलो एक प्रकार का पौध होता है, जिसे जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। प्राचीन काल से ही इसके पत्तियों और जड़ों का उपयोग गले में खराश और खांसी के इलाज के लिए किया जा रहा है। इस हर्ब में श्लेष्मा (mucilage) होता है, जो गले को कोट करके जलन को शांत कर सकता है। इसे बच्चों का नहीं देने की सलाह दी जाती है (5)। इस प्रकार मार्शमैलो का उपयोग कर खांसी का उपचार किया जा सकता है, लेकिन इसे विशेषज्ञ की सलाह पर ही लें।
19. पुदीना
सामग्री:
- एक चम्मच सूखा पुदीना
- दो चम्मच शहद
- एक गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- पानी में पुदीने को मिलाएं और उसे उबाल लें।
- थोड़ी देर उबलने के बाद उसे कप में निकाल लें और शहद मिलाएं।
- फिर इस चाय का सेवन कर लें।
कितनी बार करें उपयोग:
- इस चाय को सुबह और शाम को पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
एक शोध के अनुसार, पुदीना एक तरह का मेंथोल होता है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों के साथ-साथ एंटीट्यूसिव प्रभाव भी पाया जाता है। एंटीट्यूसिव एक तरह की दवा होती है, जिसे खांसी के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण खांसी का कारण बनने वाले इन्फेक्शन से बचाने का काम करते हैं। यह जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट में मौजूद एक शोध में भी दी गई है (20)। ऐसे में पुदीना को एलर्जी वाली खांसी के उपाय में शामिल किया जा सकता है।
[ पढ़े: पुदीना के फायदे, उपयोग और नुकसान ]
20. प्रोबायोटिक्स
प्रोबायोटिक्स एक प्रकार के सूक्ष्मजीव होते हैं, जो कई तरह के खाद्य पदार्थ में पाए जाते हैं। यह मुख्य रूप से दही में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य लाभ में सहायक होते हैं। ये सीधे तौर पर खांसी से राहत नहीं पहुंचाते, बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम करते हैं। इससे खांसी के साथ-साथ कई अन्य प्रकार की समस्याएं भी दूर हो सकती हैं (5)। इसलिए, इसे खांसी की अचूक दवा कहा जा सकता है।
पढ़ते रहें आर्टिकल
इसके अगले हिस्से में हम बता रहे हैं कि खांसी होने पर किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
खांसी होने पर कौन-कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए?
जिन लोगों को खांसी की समस्या है, उन्हें कुछ खाद्य पदार्थ के सेवन से बचना चाहिए। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ खांसी की समस्या को बढ़ा सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ कुछ इस प्रकार से हैं:
- धूम्रपान न करें और अगर कोई कर रहा है, तो उससे दूर रहें।
- रात के समय ठंडे फल न खाएं।
- खांसी की स्थिति में मीठे खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें।
- जिन्हें खांसी की समस्या है, वो आइसक्रीम या कोल्डड्रिंक से दूर रहें।
- खांसी के दौरान अधिक मसालेदार या तले हुए खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
- खांसी की स्थिति में गर्म खाने के बाद तुरंत ठंडा पानी पीने से बचें।
चलिए, अब जानते हैं कि ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खे पुरानी से पुरानी खांसी का इलाज कर सकते हैं या नहीं।
क्या इन घरेलू नुस्खों से पुरानी से पुरानी खांसी का इलाज हो सकता है?
जी हां, ऊपर बताए गए घरेलू उपचार को अपनाकर पुरानी से पुरानी खांसी का उपचार किया जा सकता है (5)। ये घरेलू उपचार किस तरह खांसी का इलाज कर सकते हैं, इस बारे में ऊपर विस्तार से बताया गया है। 8 हफ्ते या इससे अधिक समय तक रहने वाले खांसी को पुरानी से पुरानी खांसी की श्रेणी में रखा गया है। जो अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसे में इस समस्या को होने से पहले ही खांसी का इलाज करा लेना चाहिए। पुरानी खांसी के बारे में और जानने के लिए हमारे इस लेख को पढ़ सकते हैं। इसमें पुरानी से पुरानी खांसी के घरेलू उपाय बताए गए हैं।
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आर्टिकल के अगले भाग में हम बताएंगे कि ये घरेलू नुस्खे सूखी खांसी में किस प्रकार कारगर हैं।
क्या ये घरेलू नुस्खे सूखी खांसी का इलाज करने में मदद कर सकते हैं?
सूखी खांसी भी खांसी का एक प्रकार है। सूखी खांसी की स्थिति में जल्दी राहत मिलना मुश्किल हो जाता है। यह सामान्य खांसी से ज्यादा खतरनाक हो सकती है। इस खांसी की स्थिति में खांसने से गले और पेट में दर्द उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में सूखी खांसी के लिए ऊपर बताए गए घरेलू उपचार को अपना सकते हैं। ये उपचार खांसी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
आइए, अब जान लेते हैं कि खांसी के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए।
खांसी के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
अगर खांसी से पीड़ित व्यक्ति में निम्न प्रकार के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए (1):
- सांस लेने में परेशानी होने पर।
- गले व चेहरे में सूजन की समस्या या खाते समय निगलने में तकलीफ महसूस हो तो।
- खांसने पर मुंह से खून निकले, तो बिन देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।
- अगर किसी की खांसी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं, तो डॉक्टर के पास तुरंत जाएं।
- खांसी के कारण अगर किसी को बुखार हो।
- कफ के रंग में परिवर्तन के साथ ही उसके गाढ़ा होने व दुर्गंध आने पर।
- खांसी के कारण सिर दर्द होने पर।
पढ़ते रहें लेख
आइए, अब खांसी से बचने उपाय जान लेते हैं।
खांसी से बचाव – Prevention Tips For Cough in Hindi
खांसी की समस्या को उत्पन्न होने से रोका जा सकता है, इसके लिए बस नीचे बताई गई आदतों को अपनाने की जरूरत है।
- अपने आप-पास और शरीर की स्वच्छता का ध्यान रखें।
- शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखें यानी खूब पानी पिएं।
- ठंड के मौसम में ठंडी चीजों का सेवन न करें।
- हर्बल चाय को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
- अगर प्रतिदिन भीड़-भाड़ वाले जगह से गुजरते हैं, तो मास्क लगाकर खांसी की समस्या से कुछ हद तक बचा जा सकता है।
अगर किसी को अधिक खांसी की समस्या होती है, तो उन्हें अपने दिनचर्या में हमारे द्वारा ऊपर बताए गए घरेलू उपचार को बिना देरी किए शामिल करना चाहिए। ऊपर कुछ ऐसी चाय और मसलों का जिक्र है, जिसे डेली डाइट में इस्तेमाल किया जा सकता है। ऊपर बताई गई घरेलू सामग्रियों में से ज्यादातर में औषधीय गुण होते हैं। इसलिए, अगर कोई किसी समस्या के लिए दवाई ले रहा हो, तो इन घरेलू उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी खांसी के इलाज में सहायक साबित होगी।
बाकी है और जानकारी
चलिए, खांसी को लेकर पाठकों के कुछ सवालों के जवाब भी जान लेते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
खांसी को तुरंत कैसे ठीक कर सकते है?
इसके लिए आप ऊपर बताए गए घरेलू उपाय को अपना सकते हैं या फिर किसी डॉक्टर की मदद ले सकते हैं।
रात में खांसी ज्यादा क्यों होती है?
रात को होने वाली खांसी चिंता का विषय है। दरअसल, ज्यादातर खांसी से पीड़ित रोगियों में रात के समय खांसी की समस्या बढ़ जाती है। यह इसलिए होता है, क्योंकि रात के समय गले में ज्यादा सूखापन महसूस होने लगता है (21)। ऐसा रात में इसलिए होता है, क्योंकि रात के समय शरीर किसी तरह का गतिविधि नहीं करता है। वहीं, दिन के समय अधिक सक्रीय रहते हैं, जिस कारण कफ जमा नहीं हो पता। अगर दिन के समय कफ बनता भी है, तो उसे बाहर निकाल दिया जाता है। वहीं, रात को सोते समय ऐसा नहीं हो पता, जिस कारण खांसी की समस्या बढ़ जाती है। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
क्या इन घरेलू नुस्खों से एलर्जी वाली खांसी ठीक हो सकती है?
जी हां, ऊपर बताए गए कई घरेलू नुस्खे एलर्जी वाली खांसी के इलाज में मदद कर सकते हैं। अब किसके लिए कौन-सा घरेलू उपचार सही रहेगा, यह प्रत्येक व्यक्ति की समस्या और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। इसलिए, कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले विशेषज्ञ की मदद लें।
खांसी की दवा पीने से ज्यादा नींद क्यों आती है?
खांसी के समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को सही तरह से नींद नहीं आती है। ऐसे में इस समस्या के इलाज में उपयोग की जाने वाले दवाई में थोड़ा-सा नींद का प्रभाव होता है, ताकि मरीज कुछ देर आराम से सो सके (22)।
कभी कभी ज्यादा खांसने से उलटी क्यों आ जाती है?
खांसी की कुछ स्थितियां काफी गंभीर होती है। ऐसे मामले में मरीज जोर लगाकर खांसता है, जिस कारण मरीज को उल्टी हो जाती हैं। फिलहाल, इस बात की पुष्टि करने के लिए किसी तरह का वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।
खांसी के साथ सोने के लिए सबसे अच्छी स्थिति क्या है?
अगर किसी को खांसी की समय है, तो वह सोने जाने से पहले अपने सिर को तकिया के साथ ऊपर उठाए रखे। यह खांसी की स्थिति में सोने का सही तरीका साबित हो सकता है, लेकिन इस बात को लेकर किसी तरह का वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
बच्चों को खांसी के लिए क्या दें?
अगर कोई बच्चा एक साल से अधिक का है, तो उसे सामान्य खांसी से राहत दिलाने के लिए शहद देना ज्यादा बेहतर होगा। बच्चों में खांसी के इलाज के लिए यह अच्छा घरेलू उपाय साबित हो सकता है। बच्चों को शहद देने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें (6)।
खांसने पर सिर में तकलीफ क्यों होती है?
खांसने से छाती, गर्दन और सिर पर दबाव पड़ता है, जिस कारण सिरदर्द हो सकता है। खांसी से उत्पन्न सिरदर्द एक असामान्य लक्षण होता है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है (23)।
दौड़ने/व्यायाम करने के बाद मुझे खांसी क्यों होती है?
वैसे तो दौड़ाने या व्यायाम से कई शारीरिक लाभ हो सकते हैं, लेकिन कभी-कभी यह खांसी का कारण भी बन सकता है। दरअसल, शारीरिक गतिविधि करने से हृदय गति तेज हो जाती है, जो शरीर के वायुमार्ग को थोड़ा बाधित कर देती है। इससे खांसी होने लगती है (24)।
खांसी कितने लंबे समय तक रह सकती है?
यह इसके प्रकार पर निर्भर कर सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि सामान्य खांसी दो से तीन हफ्ते तक रह सकती है, लेकिन क्रोनिक कफ यानी पुरानी खांसी आठ हफ्ते तक रह सकती है (1)।
खाने के बाद मुझे खांसी क्यों होती है?
खाने के बाद एसिड रिफ्लक्स शरीर के वायु मार्ग में जलन उत्पन्न कर सकता है (25)। इससे खांसी की समस्या उत्पन्न हो सकती है (1) ।
ठंडी हवा के कारण मुझे खांसी क्यों होती है?
कई लोगों का मानना है कि ठंडी हवा वायुमार्ग को सुखा देती है, जिस कारण खांसी की समस्या हो सकती है (26)। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
लगातार खांसी का कारण क्या हो सकता है?
लगातार खांसी होने के पीछे अस्थमा, गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (जीईआरडी), और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जिम्मेदार हो सकते हैं (1)।
जब आपको खांसी के साथ खून आता है, तो इसका क्या मतलब है?
खांसी के साथ रक्त का निकलना किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा हो सकता है। ऐसा फेफड़ों में खून के थक्के जमने या किसी अन्य कारण से हो सकता है। ऐसे में बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं (27)।
खांसी से होने वाली जटिलताएं क्या-क्या हैं?
खांसी से कुछ जटिलताएं हो सकती हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (28):
- सिरदर्द
- अनिद्रा
- हृदय संबंधी समस्याएं
- थकान
- सांस लेने में परेशानी
- जीवनशैली की गुणवत्ता पर असर
क्या गर्भावस्था के दौरान खांसी की दवा लेना सुरक्षित है?
गर्भावस्था के दौरान खांसी की दवा डॉक्टरी परामर्श के बाद ही लेना उचित हो सकता है।
एलर्जी वाली खांसी का इलाज कैसे किया जा सकता है?
एलर्जी वाली खांसी का इलाज डॉक्टर एंटीवायरल या एंटीबायोटिक दवाइयों से कर सकते हैं।
एलर्जी वाली खांसी के लिए घरेलू उपाय क्या हो सकते हैं?
एलर्जी वाली खांसी के लिए घरेलू उपाय के तौर पर लेख में बताए गए नुस्खों में से अपनी सुविधानुसार किसी भी नुस्खें का उपयोग कर सकते हैं।
खांसी को रोकने के उपाय क्या हैं?
खांसी को रोकने के लिए आप गर्म पानी से गरारे कर सकते हैं। इसके अलावा, आप लेख में दिए गए घरेलू उपायों को भी कर सकते हैं।
References
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