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बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम या अन्य कई तरह के वायरल इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। इन्हीं में से एक खसरा रोग भी है, जो काफी संक्रामक होता है। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते इसके लक्षणों को पहचानकर खसरा का इलाज शुरू किया जाए। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम न सिर्फ खसरा रोग क्या है, बल्कि खसरा के लक्षण और खसरा के उपचार से जुड़ी भी जानकारी भी देंगे।
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लेख में आगे बढ़ने से पहले खसरा रोग क्या होता है, यह जानिए।
खसरा रोग क्या है – What is Measles in Hindi
खसरा रोग संक्रामक वायरस के कारण होता है। यह एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। इसमें पूरे शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। अक्सर ये लाल दाने पहले सिर पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैलते हैं। खसरा रोग को रूबेला (Rubeola) भी कहा जाता है (1)। इसे चार चरणों में विभाजित किया जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (2) :
1. इन्क्यूबेशन (Incubation) – यह खसरा का पहला चरण होता है। इस समय व्यक्ति खसरा के वायरस के संपर्क में आता है। यह आमतौर पर खसरा के लक्षण शुरू होने से 10 से 14 दिन पहले का होता है। (1).
2. प्रोड्रोमल (Prodromal) – खसरा के दूसरे चरण को प्रोड्रोमल कहते हैं। इस समय खसरा के कुछ लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। इन लक्षणों में बुखार, घबराहट, खांसी, आंख आना (कंजंक्टिवाइटिस) और सर्दी जुखाम आदि शामिल हैं।
3. रैश (Rash) – प्रोड्रोमल चरण के दो से चार दिन बाद मैकुलोपापुलर (चपटे और लाल) रैश दिखाई देने लगते हैं। यह खसरा का तीसरा चरण होता है।
4. रिकवरी (Recovery) – इस चरण में आते-आते मरीज रिकवर होने लगता है। इस चरण में यानी रोगी आमतौर पर दाने आने के चार दिन बाद तक संक्रामक होते हैं। फिर धीरे-धीरे खसरा का असर कम होने लगता है।
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चलिए, अब जानते हैं कि खसरा रोग का कारण क्या होता है।
खसरा के कारण – Causes of Measles in Hindi
खसरा होने का मुख्य कारण वायरस होता है। यह वायरस कई तरह से लोगों में फैल सकता है। खसरा रोग के कारण कुछ इस प्रकार हैं (3)।
- खसरा जिसे मीजल्स (Measles) भी कहते हैं, मीजल्स वायरस के कारण होता है।
- अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है, तो उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को भी खसरा रोग हो सकता है।
- खसरा संक्रमित व्यक्ति अगर खांसता, छींकता या किसी को छूता है, तो उसके आसपास रहने वाले व्यक्ति को भी खसरा रोग हो सकता है।
आगे लक्षण जानें
खसरा रोग का कारण पढ़ने के बाद अब खसरा के लक्षण जान लीजिए
खसरा के लक्षण – Measles Symptoms in Hindi
खसरा के लक्षण जानना जरूरी है। आमतौर पर मीजल्स वायरस की चपेट में आने के तीन से पांच दिन बाद खसरा के लक्षण दिखने लगते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों के बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1) (3)।
- मांसपेशियों में दर्द
- सर्दी-जुकाम
- बुखार
- मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे
- आंखें लाल होना या आंख आना (Conjunctivitis)
- गले में दर्द
- आमतौर पर कान के पीछे से लाल चकत्ते शुरू होना और धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों में भी निकलने लगते हैं।
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अब जानते हैं कि खसरा रोग के जोखिम कारक क्या-क्या हो सकते हैं।
खसरा रोग के जोखिम कारक – Risk Factors of Measles in Hindi
यहां हम कुछ ऐसी परिस्थितियों का जिक्र कर रहे हैं, जिसमें खसरा होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है (4) (5) (6)।
- पांच साल की उम्र से छोटे बच्चे
- 20 साल तक के युवा
- गर्भवतियां
- किसी बीमारी से रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने वालों को
- खसरा रोग के टीके जिन्हें न लगे हों
- जो ज्यादातर अन्य शहरों में घूमते रहते हैं
- उस व्यक्ति के संपर्क में आना, जिसे खसरा रोग हुआ हो
नीचे मुख्य जानकारी है
लेख के इस अहम हिस्से में हम घरेलू तरीके से खसरा के उपचार बता रहे हैं।
खसरा के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Measles in Hindi
खसरा रोग काफी कष्टदायक होता है, खासकर बच्चों के लिए। ऐसे में जरूरी है कि इसके प्रभाव को कम या इससे थोड़ी राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय किए जाएं। यहां हम घर में ही किए जाने वाले खसरा के उपचार के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
1. नीम के पत्ते
खसरा रोग में शरीर में खुजली होना सामान्य है। खुजली से न सिर्फ रोगी की त्वचा को नुकसान होता है, बल्कि इससे वो चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। इस खुजली को कम करने के लिए नीम के पत्ते लाभकारी साबित हो सकते हैं। रोगी की खुजली को कम करने के लिए गुनगुने पानी में नीम के पत्ते डालकर उससे नहा सकते हैं (7)।
दरअसल, नीम में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल गतिविधि खसरा वायरस के असर को कम करके इससे राहत दिला सकते हैं (7)। साथ ही नीम में एंटी इंफेक्शन प्रभाव भी होता है, जिसे खसरा के लिए अच्छा माना जाता है (8 )।
2. नींबू पानी
खसरा के लिए घरेलू उपाय के तौर पर नींबू पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन की मानें, तो नींबू पानी सर्दी जुकाम की स्थिति में राहत दिला सकता है (9)। वहीं, खसरा की स्थिति में लोगों को सर्दी जुकाम हो सकता है (3)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि नींबू पानी खसरा के लक्षण से निजात दिला सकता है।
इस स्थिति में कुछ बच्चों को विटामिन-ए की आवश्यकता होती है, जिससे जान जाने और दूसरे जोखिमों को कम किया जा सकता है (3)। वहीं, नींबू में विटामिन-ए होता है, जो रोगी के लिए लाभकारी हो सकता है (10)।
3. नारियल पानी
खसरा रोग से राहत पाने के लिए नारियल पानी का उपयोग किया जा सकता है। एक मेडिकल रिसर्च में दिया हुआ है कि नारियल पानी को शरीर पर लगाने पर खसरा के कारण हुए चकत्ते को कम किया जा सकता है। साथ ही यह त्वचा में होने वाले फोड़े-फुंसियों से भी बचा सकता है (11)। इसके अलावा, खसरा के रोगी को नारियल पानी पीने के लिए भी दिया जा सकता है।
4. हल्दी
लोगों का मानना है कि खसरा का आयुर्वेदिक उपचार हल्दी से भी हो सकता है। इस संबंध में प्रकाशित वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, खसरा की समस्या में करेले के पत्ते के रस में थोड़ा शहद और हल्दी मिलाकर सेवन कर सकते हैं (12)। दरअसल, यह डीवॉर्मिंग एजेंट की तरह काम करता है, जो खसरा के कारण बनाने वाले वायरस को नष्ट कर सकता है (13)।
वहीं, चर्मरोग विशेषज्ञ सुविना अत्तावर की मानें, तो खसरा की स्थिति में हल्दी का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे एलर्जी होने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में खसरा के लिए हल्दी को इस्तेमाल में लाने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
5. गुनगुना पानी
खसरा के लक्षण से राहत दिलाने में गुनगुना पानी भी मदद कर सकता है। दरअसल, खसरा रोग में सर्दी-जुकाम हो सकता है। ऐसे में गुनगुने पानी का सेवन करने से खसरा के दौरान होने वाली सर्दी-जुकाम और नाक बहने से राहत मिल सकती है (14)।
6. हर्बल टी
खसरा का आयुर्वेदिक उपचार हर्बल टी से किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, कैमोमाइल चाय का सेवन करने से खसरा के कारण होने वाली बेचैनी कम हो सकती है (15)। अभी इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है, जिससे कि खसरा के लिए कैमोमाइल में मौजूद गुण का स्पष्ट रूप से पता चल सके।
7. संतरे का जूस
खसरा के लिए घरेलू उपाय के रूप में संतरे के जूस का भी सेवन कर सकते हैं। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक अध्ययन में दिया है कि संतरे के जूस में एंटीवायरल प्रभाव होता है, जो वायरस की समस्या को कम कर सकता है (16)। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि खसरा की समस्या वायरस के कारण होती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि संतरे का रस खसरा के लक्षण को कम कर सकता है।
नोट : जरूरी नहीं है कि ऊपर बताए गए खसरा रोग के घरेलू इलाज से खसरा पूरी तरह से ठीक हो जाए। इसी वजह से इस संबंध में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। हां, ये घरेलू उपचार खसरा रोग के दौरान होने वाली परेशानियों और उसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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अब हम खसरा रोग के लिए विशेषज्ञ से कब सलाह लेनी चाहिए, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
खसरा रोग के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
अगर वक्त रहते खसरा रोग की जटिलताओं को समझकर डॉक्टर की सलाह न ली जाए, तो व्यक्ति की जान पर भी बन आती है। ऐसे में नीचे बताए गए संकेत नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (5)।
- किसी को लगातार बुखार है और शरीर पर कुछ दाने दिख रहे हैं।
- अगर छोटे बच्चे के शरीर में चकत्ते नजर आएं।
- गर्भवास्था में खसरा से जुड़ा कोई भी लक्षण दिखने पर, जैसे – दाने, खुजली, आदि।
- अगर मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो इसकी अनदेखी न करें।
- रोगी को डायरिया होने पर।
- अगर किसी का बच्चा या परिवार का कोई सदस्य खसरा रोगी के संपर्क में आया हो।
- निमोनिया होने पर भी लापरवाही न बरतें।
- इन्सेफेलाइटिस (Encephalitis) यानी दिमागी बुखार। ऐसा खसरा से प्रभावित 1 हजार लोगों में से किसी 1 को हो सकता है।
- अगर कैंसर व एचआईवी जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रस्त मरीज को खसरा हुआ हो।
नीचे और जानकारी है
आगे जानिए कि खसरा रोग का निदान कैसे किया जा सकता है।
खसरा रोग का निदान – Diagnosis of Measles in Hindi
प्रभावित व्यक्ति में जब भी खसरा के लक्षण नजर आते हैं, तो कुछ इस तरह से खसरा का निदान किया जा सकता है (5)।
- शारीरिक जांच – किसी भी समस्या के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले शारीरिक परीक्षण करते हैं। उसी तरह खसरा के लिए भी चिकित्सक सबसे पहले शरीर पर होने वाले निशान और दूसरे लक्षण के बारे में पूछते हैं और उन्हें देखते हैं।
- ब्लड टेस्ट यानी खून की जांच – खसरा के निदान के लिए डॉक्टर रक्त की जांच करने की सलाह दे सकते हैं। इसके लिए प्रयोगशाला जाकर रक्त का सैंपल, परीक्षण के लिए देना होगा।
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अब हम खसरा का उपचार कैसे-कैसे कर सकते हैं, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
खसरा का इलाज – Treatment of Measles in Hindi
रिसर्च बताती हैं कि खसरा के इलाज के नाम पर कुछ मौजूद नहीं है। इसमें एंटीबायोटिक्स तक काम नहीं करती हैं, क्योंकि खसरा वायरस से होता है। सिर्फ इस दौरान मरीज का ध्यान रखकर उसकी हालत को स्थिर रखा जा सकता है। यहां हम घर में खसरा का उपचार किन बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है, उसकी जानकारी दे रहे हैं (3) (5)।
- बेड रेस्ट यानी ज्यादा-से-ज्यादा आराम करें।
- बुखार या शरीर में दर्द कम करने के लिए पैरासिटामोल का सेवन करें।
- रोगी को एकांत में या अलग कमरे में रखें, ताकि उससे किसी और को यह बीमारी न लगे।
- कुछ मामलों में मरीज को देखभाल के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ सकता है।
- कुछ बच्चों को विटामिन ए के सप्लीमेंट की जरूरत हो सकती है। डॉक्टर से पूछकर ही इसकी खुराक बच्चे को दें।
- कुछ मरीजों को एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं, लेकिन ऐसा सिर्फ चिकित्सक की सलाह पर ही करें।
- प्रभावित व्यक्ति के कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि वायु साफ रहे।
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दिया जाना चाहिए।
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आइए, अब जान लेते है कि खसरा रोग की स्थिति में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
खसरा रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
सिर्फ खसरे के उपचार पर ही नहीं, बल्कि इस दौरान खाने-पीने पर भी ध्यान देना जरूरी है, ताकि मरीज जल्द ठीक हो सके। नीचे हम खसरा रोग के दाैरान खाने-पीने में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं। हालांकि, इस संबंध में वैज्ञानिक रिसर्च की कमी है।
क्या खाएं और कैसे खाएं :
- इस स्थिति में शरीर में विटामिन ए की कमी होती है, इसलिए विटामिन ए से समृद्ध खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं (17)। दैनिक आहार में अंडे, दूध,
- गाजर, शकरकंद, ब्रोकोली और पालक आदि को जगह दे सकते हैं (18)।
- ज्यादा से ज्यादा फल और हरी सब्जियों का सेवन करें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी व तरल पदार्थों का सेवन करें। जैसे कि फलों का रस, तुलसी या नींबू की चाय।
- सूप का सेवन करें।
- मांड यानी चावल को ज्यादा पानी के साथ पकाकर उस पानी को पिएं।
- दलिया खाएं या चावल को अच्छे से पकाकर नर्म चावल का सेवन करें।
- एक बार में ज्यादा खाने की जगह हर कुछ देर में थोड़ा-थोड़ा खाएं।
क्या न खाएं :
- बाहर का कुछ भी न खाएं
- अधिक फैट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें
- कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों से बचें
- तला-भूना या मसाले वाले खाद्य पदार्थ न खाएं
- आइसक्रीम या चॉकलेट का सेवन न करें
- ज्यादा भारी आहार न खाएं
- शराब न पिएं और धूम्रपान भी न करें
नोट : खसरा रोग में क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए, इसकी सटीक के लिए डायटिशियन से संपर्क जरूर करें। वो व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार डाइट चार्ट बनाकर दे सकते हैं।
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इस लेख के अगले हिस्से में खसरा रोग से बचाव कैसे कर सकते हैं, इस संबंध में बता रहे हैं ।
खसरा से बचाव – Prevention Tips for Measles in Hindi
खसरा रोग से बचाव के लिए कुछ उपाय को अपनाया जा सकता है। इन उपायों के बारे में नीचे बता रहे हैं (3) (19) (20) :
- बाहर से आने के बाद साबुन या हैंडवॉश से हाथ जरूर धोएं।
- ध्यान रहे कि शिशु को खसरा का टीका जरूर लगवाएं। पहला टीका शिशु को 15 महीने तक में लगवा सकते हैं और दूसरा टीका 6 साल की उम्र तक।
- यह टीका गर्भवती महिला और बड़े भी लगवा सकते हैं, लेकिन उसे कब लगवाना है, इस बारे में डॉक्टर बेहतर बता सकते हैं।
- अगर किसी को खसरा हुआ हो, तो उससे दूरी बनाकर रखें। अगर कोई उनके संपर्क आ भी जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।
- ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। इसके लिए डार्क चॉकलेट, ब्लैक बीन्स, एवोकाडो और साबुत अनाज, संतरे, पपीता, कीवी और अमरूद आदि का सेवन कर सकते हैं (21)।
अगर किसी में खसरा के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो उसकी अनदेखी न करें। यह समस्या बढ़ते-बढ़ते खतरनाक रूप ले सकती है, इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके इसका उपचार शुरू करें। अगर किसी अन्य को यह समस्या है, तो उनके साथ इस लेख को शेयर करें। इस लेख में खसरा से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारी है। इसे पढ़कर वो खुद का ख्याल और बेहतर तरीके से रख सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
खसरा शुरूआत में कैसा दिखता है?
खसरा शुरुआत में छोटे-छोटे चकत्ते के रूप में दिखाई देता है। साथ ही इस दौरान आंखें लाल दिखाई दे सकती हैं (3)।
क्या खसरे में नहाने की अनुमति होती है?
अगर किसी को खसरा की स्थिति में सर्दी- जुकाम है, तो वे गर्म पानी से स्पंज बाथ यानी कपड़े को गर्म पानी में भिगाकर शरीर को पोंछ सकते हैं। अगर खसरा के साथ सर्दी- जुकाम नहीं है, तो गुनगुने पानी से स्नान कर सकता है। बुखार की स्थिति में सामान्य पानी को उपयोग में लाया जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में सटीक जानकारी पाने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें। वो रोगी की स्थिति को देखते हुए सही सलाह दे सकते हैं।
क्या खसरे के दाने हमेशा चेहरे पर शुरू होते हैं?
नहीं, खसरा के दाने सिर या फिर कान के पीछे के हिस्से से शुरू होकर चेहरे और फिर धड़ वाले भाग तक पहुंचते हैं (1)।
क्या वयस्कों को बेबी खसरा हो सकता है?
नहीं, बेबी खसरा अधिकतर बच्चों को ही होता है। बेबी खसरा को रास्योला के नाम से भी जाना जाता है। यह तीन महीने से लेकर चार साल तक के बच्चों को होने वाला वायरल संक्रमण है, जिसके कारण तेज बुखार और त्वचा पर दाने हो जाते हैं (22)।
क्या खसरे में खुजली होती है?
जी हां, खसरे की स्थिति में खुजली हो सकती है (23)।
References
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