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अपने खट्टे मीठे स्वाद की वजह से खुबानी विश्वभर में लोकप्रिय है। इसका खूबसूरत आकार और अलग स्वाद किसी भी फूड लवर को अपना दीवाना बना सकता है। पौष्टिक होने की वजह से इस रसदार फल को कई प्रकार के व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जाता है। स्वस्थ रहने के लिए आप भी अन्य फ्रूट्स के साथ खुबानी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके सभी फायदों के बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं। इस लेख में खुबानी के फायदे के साथ ही इसकी सुरक्षित मात्रा और कई अन्य जरूरी जानकारी दी गई है। बस, तो खुबानी के बारे में सब कुछ जानने के लिए अंत तक जरूर पढ़ें लेख।
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आर्टिकल के शुरुआत में खुबानी क्या है और खुबानी की किस्म के बारे में जानते हैं।
खुबानी की किस्म – Varieties Of Apricot In Hindi
खुबानी एक प्रकार का फल है, जिसे एक पौष्टिक नाश्ते के रूप में खाया जाता है। मसालेदार व्यंजनों के साथ खुबानी की चटनी के चटकारे भी लोग लेते हैं। खुबानी की एक नहीं, बल्कि कई किस्म होती हैं। इसकी कुछ आम वैरायटी के बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1):
- सूखी खुबानी के लिए बेहतर किस्म : मूरपार्क, ट्रेवेट, स्टोरी, हंटर और रिवरब्राइट।
- ताजा खुबानी के लिए बेहतर किस्म : मूरपार्क, ब्लेनहेम, अर्लीकोट, सुपरगोल्ड और कैटी ताजा खाने के लिए अच्छी किस्म मानी जाती हैं।
- भारत में मिलने वाली खुबानी की आम किस्म : वैसे तो विदेशों से कई तरह की खुबानी की किस्म एक्सपोर्ट होकर भारत पहुंचती हैं, लेकिन यहां हलमन (Halman) और राकचिकारपो (Rakchaikarpo) की ज्यादा पैदावार होती है।
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अब हम विस्तार से खुबानी के फायदे के बारे में बता रहे हैं।
खुबानी के फायदे – Benefits of Apricot in Hindi
खुबानी में पाए जाने वाले पोषक तत्व और औषधीय गुण इसे सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद बनाते हैं। यहां हम सेहत के लिए खुबानी के फायदे के बारे में बता रहे हैं। ध्यान दें कि यह किसी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है। बस स्वस्थ रहने और नीचे बताई गई समस्याओं से बचने के लिए इसे आहार में शामिल किया जा सकता है।
1. अच्छे पाचन के लिए
अधिकांश शारीरिक बीमारियां पेट से ही शुरू होती हैं। इस स्थिति से बचाव करने में खुबानी मदद कर सकती है। खुबानी में भरपूर फाइबर होता है और फाइबर पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में सहायक हो सकता है। यह कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्या से परेशान लोगों के शरीर से मल को निकालने में मदद कर सकता है (2)।
2. दृष्टि सुधार में सहायक
उम्र के साथ-साथ कुछ शारीरिक समस्याओं के कारण आंखों की रोशनी कम होने लगती है। खासकर, 40 के बाद नजर कमजोर हो जाती है। इसका एक कारण सही पोषण की कमी भी है। दरअसल, बीटा कैरोटीन नामक तत्व के कारण आंखें कमजोर होने और बीमारी की चपेट में आने लगती हैं। इस परेशानी से बचाव में खुबानी मदद कर सकती है, क्योंकि इसमें β-कैरोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है (3)।
3. वजन कम करने के लिए
खुबानी का इस्तेमाल वजन कम करने के लिए भी किया जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, वजन कम करने के लिए इसके जूस की जगह साबुत फल का सेवन किया जाना चाहिए। दरअसल, इसमें मौजूद फाइबर सेटाइटी (Satiety) हार्मोन को रिलीज करता है, जिससे पेट को तृप्ति का एहसास होता। ऐसा होने पर बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती और वजन बढ़ने की आशंका कम हो जाती है (4)।
4. हृदय रोग
खुबानी का सेवन करके हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। शोध में पाया गया है कि खुबानी में फेनोलिक नामक फाइटोकेमिकल्स होता है। यह फेनोलिक्स हृदय संबंधित समस्या को दूर करने में फायदेमंद हो सकते हैं (5)। एक अन्य रिसर्च में बताया गया है कि फेनोलिक कंपाउंड एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके काॅर्डियो प्रोटेक्टिव प्रभाव दिखाता है। यह इफेक्ट कार्डियोवसक्युलर डिजीज यानी हृदय संबंधी सभी रोगों से बचाव करने में मदद कर सकता है (6)।
5. एनीमिया के लिए
एनीमिया के कारण शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं कम हो जाती हैं और अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती। यह एनीमिया और फोलेट जैसे पोषक तत्वों की कमी की वजह से होता है (7)। आयरन से समृद्ध होने के कारण एनीमिया की डाइट में खुबानी को शामिल करने की सलाह दी जाती है (8)। इसके अलावा, खुबानी में फाेलेट भी भरपूर मात्रा में होता है (9)। इसी वजह से एनीमिया को दूर करने के लिए खुबानी को लाभकारी माना जाता है।
6. मधुमेह को दूर करने के लिए
रक्त में ग्लूकोज की अधिकता होने पर मधुमेह की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सीमित मात्रा में खुबानी का सेवन किया जा सकता है। चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि खुबानी में क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो रक्त में ग्लूकोज के अवशोषण को नियंत्रित कर सकता है (10)।
इसके अलावा, खुबानी की गिनती लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों में होती है, जिसके सेवन से रक्त में शुगर की अधिकता नहीं होती है (10)। इसी वजह से कहा जाता है कि खुबानी की मदद से ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करके डायबिटीज काे कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है।
7. द्रव संतुलन
शरीर में द्रव असंतुलित होने पर हाइड्रेशन, ओवरहाइड्रेशन और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए पानी, साेडियम और पोटेशियम का संतुलित मात्रा में होना जरूरी होता है। ये शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के रूप में काम करके द्रव संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं (11)।
खुबानी की बात करें, तो इसकी 100 ग्राम मात्रा में 86.35 ग्राम पानी, 1 ग्राम सोडियम और 259 मिलीग्राम पोटैशियम होता है (9)। इन पोषक तत्वों की मदद से शरीर में फ्लूड बैलेंस बना रह सकता है। एशिया के कुछ देशों में में भी खुबानी का इस्तेमाल शरीर में तरल पदार्थ को बनाए रखने के लिए किया जाता है (2)।
8. कान दर्द के लिए
अच्छी सेहत के साथ ही खुबानी का उपयोग कान दर्द की समस्या के लिए भी किया जा सकता है (12)। बताया जाता है कि खुबानी में कई प्रकार के गुण जाते हैं, जिनमें से एक एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुण भी है। यह प्रभाव कान दर्द के अलावा अन्य दर्द से भी राहत दिलाने में मदद कर सकता है (2)।
9. सूजन के लिए
खुबानी का सेवन सूजन कम करने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, खुबानी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है। यह गुण सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है। खुबानी के अलावा, उसके बीज के अंदर का खाद्य हिस्सा (Kernel) पेट की सूजन (Colon Inflammation) को कम कर सकता है (13)।
10. रक्तचाप की समस्या के दौरान
रक्तचाप की समस्या को दूर करने के लिए भी खुबानी का सेवन किया जा सकता है। खुबानी में पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये सभी रक्तचाप नियंत्रण में अहम भूमिका निभाते हैं। खुबानी या फिर सूखी खुबानी दोनों में से किसी को भी डाइट में शामिल करके इस समस्या को कम किया जा सकता है (14)।
11. लीवर डैमेज होने पर
सिर्फ हृदय ही नहीं खुबानी लीवर को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। एक अध्ययन के अनुसार, खुबानी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके लीवर की रक्षा कर सकता है (15)।
एनसीबीआई की साइट पर मौजूद एक रिसर्च में बताया गया है कि धूप में सूखी हुई ऑर्गेनिक खुबानी भी लिवर को फिर से काम करने योग्य बना सकती है (16)। इसके अलावा, खुबानी में हेपाटोप्रोटेक्टिव गुण होता है, जो लीवर को डैमेज होने से बचा सकता है (17)।
12. गर्भावस्था में
गर्भावस्था के दौरान भी खुबानी के फायदे देखे गए हैं। गर्भावस्था में अस्थमा की समस्या से जूझ रही महिलाएं खुबानी का सेवन कर सकती हैं। अस्थमा के लिए जरूरी माने जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ में खुबानी का नाम भी शामिल है। इसके अलावा, विटामिन-सी व विटामिन-ई के लिए भी रोजाना 4 खुबानी का सेवन किया जा सकता है (18)। वैसे गर्भावस्था में खुबानी के लाभ महिला की स्थिति पर भी निर्भर करता है। इसी वजह से इसे डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
13. अस्थमा में
खुबानी का सेवन सांस से जुड़ी समस्या जैसे अस्थमा के लिए भी किया जा सकता है। एक रिसर्च पेपर में लिखा है कि डाइट सही न होने के कारण भी अस्थमा हो सकता है। खासकर, अगर डाइट में एंटीऑक्सीडेंट की कमी हो, तो अस्थमा का जोखिम बढ़ सकता है। शोध में बताया गया है कि खुबानी में लाइकोपीन कैरोटीनॉयड कंपाउंड होता है, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रदर्शित करता है। यह इफेक्ट अस्थमा की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (19)।
14. मसल्स निर्माण में सहायक
खुबानी का सेवन बीमारियों को दूर करने के साथ ही मसल्स निर्माण में भी किया जा सकता है। दरअसल, ड्राई खुबानी में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है (9)। यह प्रोटीन मांसपेशियों के रखरखाव यानी उन्हें मेंटेन करने और उनके विकास के लिए जरूरी होता है (20)।
15. बुखार के लिए
सर्दी जुकाम की समस्या हो या फिर बुखार खुबानी के फायदे इसमें भी देखे गए हैं। रिसर्च बताती है कि खुबानी में एंटीपायरेटिक (Antipyretic) गुण हो सकता है। खुबानी में पाए जाने वाले यह प्रभाव बुखार को कम करने में मदद कर सकता है (17)। ध्यान दें कि बुखार तेज होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
16. हड्डियों को बनाए मजबूत
बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही हड्डियों की मजबूती के लिए भी खुबानी का सेवन किया जा सकता है। शोध में पाया गया कि पोटेशियम और मैग्नीशियम हड्डियों को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। खुबानी में पोटेशियम और मैग्नीशियम दोनों पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है (21)।
इसके अलावा, खुबानी और सूखी खुबानी कैल्शियम और फास्फोरस युक्त होती है, जो हड्डियों के लिए जरूरी है। इसी वजह से हड्डी को स्वस्थ रखने के लिए खुबानी और सूखी खुबानी दोनों का सेवन किया जा सकता है (22)।
17. अल्सर में फायदेमंद खुबानी
खुबानी का उपयोग अल्सर की समस्या से बचाव में लाभदायक हो सकता है। असल में खुबानी एंटीऑक्सीडेंट से युक्त होती है। यह फ्री-रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर सकती है। फ्री-रेडिकल्स यानी मुक्त अणु शरीर में अल्सर को बना सकते हैं। इसी वजह से माना जाता है कि खुबानी का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव अल्सर से बचा सकता है (2)।
इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि खुबानी के बीज के अंदर का खाद्य हिस्सा यानी कर्नेल के अर्क में पेक्टिन (Pectin) फाइबर होता है। इसे अल्सर की समस्या से बचाव करने के लिए प्रभावी माना गया है। इतना ही नहीं, एक शोध में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि कर्नेल अर्क में एंटी-अल्सरेटिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अल्सर और उसकी वजह से होने वाली सूजन को कम कर सकते हैं (23)।
18. त्वचा के लिए खुबानी के फायदे
त्वचा के लिए भी खुबानी के फायदे हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि खुबानी में एंटी-एजिंग गुण हाेता है। यह गुण त्वचा को समय से पहले बूढ़ा होने से रोकने में मददगार हो सकता है। यह गुण बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे फाइन लाइन्स और झुर्रियां हटाने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्किन इंफ्लेमेशन यानी सूजन को कम कर सकता है (2)।
19. बालों के लिए खुबानी के फायदे
बालों की ग्रोथ के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिनमें से एक आयरन है। आयरन की कमी के कारण बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है। आगे चलकर इसके कारण गंजेपन का भी सामना करना पड़ सकता है। वहीं, खुबानी आयरन से भरपूर खाद्य सामग्री है, जो आयरन की कमी को दूर करके और बालों की ग्रोथ में फायदेमंद हो सकती है (24)।
20. कैंसर से बचाव
खुबानी फल का सेवन सीधे तौर पर कैंसर से बचाव तो नहीं कर सकता, लेकिन ताजा खुबानी के बीज के अंदर के खाद्य हिस्सा यानी कर्नल कैंसर से बचाव कर सकते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, खुबानी के कर्नल (Kernel) में एमिगडलिन (Amygdalin) तत्व होता है, जो इंटेस्टाइन कैंसर (Colon Cancer) को बढ़ने से रोक सकता है। इसे प्राकृतिक एंटी-कैंसर एजेंट माना जाता है (25)। वैसे, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने पर खुबानी पर निर्भर रहने की जगह डॉक्टरी इलाज कराना चाहिए।
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अब हम खुबानी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
खुबानी के पौष्टिक तत्व – Apricot Nutritional Value in Hindi
खुबानी में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों की वजह से यह सेहत के लिए फायदेमंद साबित होती है। इसी वजह से आगे हम खुबानी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं (9)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 86.35 ग्राम |
कैलोरी | 48 kcal |
ऊर्जा | 201 किलोजूल |
प्रोटीन | 1.4 ग्राम |
फैट | 0.39 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 11.12 ग्राम |
फाइबर | 2 ग्राम |
शुगर | 9.24 ग्राम |
कैल्शियम | 13 मिलीग्राम |
आयरन | 0.39 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 10 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 23 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 259 मिलीग्राम |
सोडियम | 1 मिलीग्राम |
जिंक | 0.2 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.078 मिलीग्राम |
मैगनीज | 0.077 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 0.1 माइक्रोग्राम |
विटामिन-सी | 10 मिलीग्राम |
थियामिन | 0.03 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.04 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.6 मिलीग्राम |
विटामिन-बी 6 | 0.24 मिलीग्राम |
फोलेट | 9 माइक्रोग्राम |
विटामिन-ए, RAE | 96 माइक्रोग्राम |
बीटा कैरोटिन | 1094 माइक्रोग्राम |
विटामिन-ए IU | 1926 IU |
विटामिन- ई | 0.89 मिलीग्राम |
विटामिन- के | 3.3 माइक्रोग्राम |
फैटी एसिड टोटल, सैचुरेटेड | 0.027 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल, मोनोअनसैचुरेटेड | 0.17 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल, पोलीअनसैचुरेटेड | 0.077 ग्राम |
बने रहें हमारे साथ
अब हम आपको बता रहे हैं कि खुबानी का उपयोग कैसे करें।
खुबानी का उपयोग – How to Use Apricot in Hindi
खुबानी का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं खुबानी के कुछ खास उपयोग के बारे में।
- आप खुबानी को दही के साथ मिलाकर या अपने सुबह के नाश्ते में दलिया के साथ खा सकते हैं।
- खुबानी को मिल्क शेक में मिक्स करके पी सकते हैं।
- इसे धोकर ऐसे ही फल की तरह खाया जा सकता है।
- फ्रूट सलाद का स्वाद व उसके पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए खुबानी को मिला सकते हैं।
- सूखी खुबानी का भी सेवन किया जा सकता है। सेहत के लिए सूखी खुबानी फायदेमंद होती है।
- खुबानी के बीज के अंदर बादाम के आकार का खाद्य हिस्सा होता है। उसे भी खाया जाता है।
महत्वपूर्ण जानकारी नीचे है
आगे हम खुबानी के सेवन का सही तरीका और समय बता रहे हैं।
खुबानी के सेवन करने का सही समय – Right Time To Eat Apricot In Hindi
अक्सर, लोगों के मन में सवाल आता है कि इसका सेवन कब और कितना किया जाए। ये सवाल आपके मन में भी हो, तो इनके जवाब नीचे पढ़ें
समय : खुबानी एक फल है, तो इसका सेवन सुबह या दोपहर किसी भी समय संयमित मात्रा में किया जा सकता है।
मात्रा: खुबानी की सटीक मात्रा स्पष्ट नहीं है। हां, गर्भावस्था में रोजाना 4 खुबानी खाने की सलाह दी जाती है (18)। माना जाता है कि सामान्य तौर पर रोजाना 6 से 8 खुबानी का सेवन किया जा सकता है।
अंत तक पढ़ें लेख
खुबानी के उपयोग के बाद यहां हम खुबानी कहां से खरीदें बता रहे हैं।
Apricot Buying Guide in Hindi – खुबानी कहां से खरीदें?
खुबानी को किसी भी सुपरमार्केट से खरीद सकते हैं। साथ ही पड़ोस के किराना या ड्राई-फ्रूट्स की दुकान में भी यह आसानी से उपलब्ध होती है। इसके अलावा, ऑनलाइन स्टोर से भी खुबानी को ऑर्डर किया जा सकता है।
अब खुबानी खाने के नुकसान पर एक नजर डाल लेते हैं।
खुबानी के नुकसान – Side Effects of Apricot in Hindi
खुबानी का सेवन सीमित मात्रा और औषधि के रूप में करने पर यह फायदेमंद हो सकता है। वहीं अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से खुबानी के नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (26) (27)।
- खुबानी के टॉक्सिक इफेक्ट भी हो सकते हैं। बताया जाता है कि खुबानी के सेवन से बच्चों को विषाक्तता हाे सकती है।
- सूखी खुबानी को अच्छे से चबाकर ही खाएं, वरना यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या पैदा कर सकती है।
- एक अध्ययन के अनुसार खुबानी के बीज के अंदर गिरी का सेवन हृदय की समस्या का कारण बन सकता है।
- अगर किसी को खुबानी या सूखी खुबानी से एलर्जी हो, तो इसका सेवन करने से बचें।
अब तो आप शरीर के लिए खुबानी के फायदे के बारे में जान ही गए होंगे। यह खुबानी कई औषधीय गुणों से समृद्ध एक स्वादिष्ट फल है, जिसे जीवनशैली का हिस्सा बनाकर स्वस्थ रहा जा सकता है। बस, खुबानी से होने वाले फायदों के लिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। आशा करते हैं कि खुबानी की संपूर्ण जानकारी देने वाला यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ साझा करके, उन्हें भी खुबानी के इन फायदों के बारे में बताएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
खुबानी (एप्रिकाॅट) को किस-किस मौसम में खाया जा सकता है, क्या इसका कोई निर्धारित मौसम है?
खुबानी का सेवन किसी भी मौसम में कर सकते हैं, लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे विशेष रूप से खाया जाता है।
क्या खुबानी के सेवन से वजन बढ़ सकता है?
नहीं, हम ऊपर बता ही चुके हैं कि खुबानी का सीमित मात्रा में सेवन करके वजन को कम किया जा सकता है।
यह भारत के किस हिस्से में मिलती है?
यह पूरे भारत में कहीं भी मिल सकती है, लेकिन इसकी खेती आमतौर पर ठंडे प्रदेशों में होती है।
हेल्थ के साथ-साथ क्या इसके ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी अच्छे होते हैं?
हां, खुबानी को कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में उपयोग किया जाता है, लेकिन वह कितना फायदेमंद होगा यह उस प्रोडक्ट पर निर्भर करता है।
एक दिन में कितनी सूखी खुबानी खाना चाहिए?
वैसे इसकी सटीक मात्रा स्पष्ट नहीं है, लेकिन सामान्य तौर पर इसका सेवन एक चौथाई कप यानी लगभग 50 ग्राम किया जा सकता हैं।
क्या सूखी खुबानी में शुगर की मात्रा अधिक होती है?
नहीं, सूखी खुबानी को मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (रक्त में मौजूद शुगर को मापने की इकाई) की श्रेणी में रखा गया है (28)।
क्या खुबानी का सेवन रात को किया जा सकता है?
खुबानी का सेवन दिन में ज्यादा फायदेमंद होता है, लेकिन रात के समय भी इसका सेवन किया जा सकता है।
क्या होगा यदि बहुत ज्यादा खुबानी का सेवन किया जाए?
अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह नुकसानदायक हो सकती है। इसके नुकसान के बारे में हम ऊपर बता चुके हैं।
References
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