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अगर किसी काम को अकड़कर करने के लिए कहा जाए, तो लोग अक्सर हिचकिचाते हैं। वहीं, मुश्किल से मुश्किल काम को विनम्रता के साथ कहा जाए, तो लोग उन्हें करने की पूरी कोशिश करते हैं। ऐसे में अपने अंदर विनम्रता का भाव लाने के लिए जरूरी है कि बचपन से ही इसकी शिक्षा दी जाए। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों को विनम्र बनाने तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी लेकर आए हैं। साथ ही यहां आपको समझाएंगे किए जीवन में विनम्रता की भावना क्यों जरूरी है।
चलिए इस लेख की शुरुआत में बच्चों को विनम्र क्यों बनाना चाहिए, इस बारे में जानते हैं।
बच्चों को विनम्र क्यों बनाना चाहिए?
बच्चों को विनम्र बनाने के पीछे कई वजह होती है। नीचे हम उन्ही कारणों को बता रहे हैं :
- विनम्रता की भावना से बच्चे अपने काम में आसानी से दूसरों की मदद ले सकते हैं। इससे उन्हें अपने लक्ष्य को हासिल करने में काफी मदद मिल सकती है।
- बच्चों में विनम्रता को बढ़ावा देना उन्हें अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित कर सकता है। इससे वे हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रह सकते हैं ।
- अगर बच्चे विनम्र बनते हैं तो इसे वह दूसरों के साथ भी विनम्रता से पेश आ सकते हैं और उनका सम्मान करना सीख सकते हैं।
- विनम्रता की भावना से बच्चे दूसरों की बातों को सुनना सीख सकते हैं। साथ ही वह अपनी बातों को दूसरों के सामने अच्छी तरीके से भी रख सकते हैं।
- विनम्रता बच्चों को अहंकार की भावना से दूर रखने में मदद कर सकता है।
- विनम्रता से बच्चों के विचारों और जिज्ञासाओं को बढ़ावा मिल सकता है। इससे वे दूसरों के प्रति अच्छे विचार और जीवन में कुछ नया करने की जिज्ञासा रख सकते है।
- एक विनम्र बच्चा हर व्यक्ति से प्यार से बातचीत करता है, जिससे कि वह लोगों के साथ आसानी से संबंध बना सकता है।
- बच्चों में विनम्रता की भावना उन्हें चीजें को कुछ सीखने में मदद कर सकती है, जिससे उनमें मानसिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
स्क्रॉल कर पढ़ें बच्चों को विनम्र बनाने के कुछ आसान तरीके।
बच्चों को विनम्र बनाने के आसान 12+ तरीके | Bache ko vinamra hona kaise shikhaye
बच्चों को विनम्र बनाने का काम माता-पिता का होता है। वे उनसे जैसे व्यवहार करेंगे, बच्चे भी वैसे ही व्यवहार करना सीखते हैं। ऐसे में बच्चों को विनम्र बनाने के लिए पेरेंट्स नीचे बताए गए उपायों को अपना सकते हैं:
- पहले खुद विनम्र बनें – बच्चों में विनम्रता की भावना विकसित करने के लिए जरूरी है कि माता-पिता पहले खुद के अंदर विनम्रता की भावना विकसित करें। दरअसल, बच्चे जैसा अपने घर में देखते हैं, वैसी ही चीजें सीखते हैं। अगर माता-पिता ही अपने अंदर विनम्रता की भावना नहीं रखेंगे तो फिर उनके बच्चे भी इस चीज को नहीं सीख पाएंगे। इसलिए बच्चों को विनम्र बनाने से पहले माता-पिता को खुद विनम्र बनना जरूरी है।
- बच्चों को कृपया और धन्यवाद कहना सिखाएं – बच्चों को विनम्र बनाने के लिए सबसे पहले उन्हें दूसरों से मदद लेने के लिए कृपया और काम होने के बाद धन्यवाद बोलना सिखाएं। जब कोई किसी व्यक्ति से कृपया शब्द का उच्चारण करके कुछ बोलता है, तो वे उसे करने से माना नहीं कर पाता है। वहीं, उनके काम होने के बाद उन्हें धन्यवाद कहने पर सामने वाले को अच्छा लगता है। यह एक अनुशासित बच्चे की पहचान होती है।
- बोलने से पहले सोचने के लिए कहें – विनम्रता इस बात से भी झलकती है कि हम सामने वाले को क्या और कैसे बोल रहे हैं। इसलिए बच्चों को यह जरूर सिखाएं किए किसी को कुछ भी बोलने से पहले शब्दों का चयन सही ढंग से करें। बातचीत में ऐसे किसी भी शब्द का प्रयोग न करें कि सामने वाले को बुरा लगे।
- सभी से अच्छे व्यवहार करना सिखाएं – बच्चों को विनम्र बनाने के लिए उन्हें सभी से अच्छे व्यवहार करना सिखाना होगा। लोगों से अच्छा व्यवहार करना विनम्रता की एक पहचान होती है। अगर बच्चा अपने दोस्तों से बुरा व्यवहार करता है, तो उसे समझाएं कि दूसरों से हमेशा प्यार से बात करें और उनके साथ अच्छा व्यवहार बनाए। इससे बच्चों को आगे के जीवन में मित्र बनाने में भी आसानी होगी ।
- दूसरों का सम्मान करना सिखाएं – छोटा हो या फिर बड़ा सभी को अपना सम्मान कराना अच्छा लगता है। इसलिए बच्चे को बचपन से ही दूसरों का सम्मान करना सिखाएं। इससे उनके अंदर विनम्रता की भावना अपने आप आने लगेगी और वे सभी के साथ सम्मान पूर्वक पेश आएंगे।
- खुद की गलती स्वीकार करना सिखाएं – बच्चों को अपनी गलतियों को स्वीकार करना जरूर सिखाएं। इससे भी उनके अंदर विनम्रता की भावना विकसित हो सकती है। दरअसल, जो बच्चे अपनी गलती छिपाते हैं या दूसरों पर थोपते हैं वो अक्सर झूठ का सहारा लेते हैं। ऐसा करने से वे गलत रास्ते पर जा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चे शुरू से ही अपनी गलतियों को स्वीकार करना सीखें और उसे ठीक करने की कोशिश करें।
- अहंकार से दूर रहना सिखाएं – किसी भी व्यक्ति के लिए अहंकार अच्छी बात नहीं होती है। अहंकार के कारण ही उसके अंदर विनम्रता की भावना कम हो सकती है। ऐसे में बच्चों को विनम्र बनाना है, तो सबसे पहले उन्हें अहंकार से दूरी बनाना सिखाएं। उनमें अहंकार की भावना विकसित न हो इसलिए उन्हें सबसे घुल मिलकर रहने के लिए कह सकते हैं।
- लालच की भावना से दूर रखें – अगर कोई हमेशा छोटी-छोटी चीजों को लेकर लालच करने लगता है, तो वह दूसरों के प्रति विनम्रता नहीं दिखाता है। ऐसे में बच्चों को विनम्र बनाना है, तो उन्हें लालच न करने की शिक्षा जरूर दें। इससे वे अपनी चीजों से ही संतुष्ट रहेंगे और कभी भी दूसरों के सामान को देखकर लालच नहीं करेंगे।
- दूसरों की मदद करना सिखाएं – बच्चों को विनम्र बनाने का एक तरीका यह भी है कि उन्हें दूसरों की मदद करना सिखाएं। दरअसल, किसी के भी अंदर मदद की भावना विनम्रता को बढ़ता है। ऐसे में अगर उन्हें कोई दूसरा बच्चा सहायता के लिए बोले तो उन्हें मदद के लिए हाथ बढ़ाने की सलाह दें।
- प्रेरणादायक कहानी सुनाएं – इसमें कोई दोराय नहीं कि बच्चों को कहानियां बहुत पसंद होती है। इसलिए उन्हें विनम्र बनाने के लिए माता-पिता प्रेरणादायक कहानियों का भी सहारा ले सकते हैं। उन्हें विनम्र राजा या भी ऐसे किसी महान व्यक्ति की कहानी सुनाएं तो अपने विनम्र व्यवहार के लिए प्रसिद्ध हो। इससे बच्चे भी बड़े होकर उनके जैसा बनने के लिए प्रेरित होंगे और उनके अंदर विनम्रता की भावना पैदा हो सकेगी।
- आपस में मिलजुल कर रहना सिखाएं – विनम्रता की भावना एक दूसरे से मिलजुल कर रहने से भी विकसित की जा सकती है। इसलिए, बच्चों को हमेशा सभी के साथ मिलजुलकर रहना सिखाएं, खासकर स्कूल में अपने दोस्तों के साथ। जब बच्चे इस आदत को सीख लेंगे तो उनके अंदर विनम्रता का विकास स्वयं होने लगेगा।
- सराहना करना सिखाएं – बच्चों में विनम्रता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें छोटी-छोटी चीजों की सराहना करना सिखाएं। अगर बच्चे छोटी मोटी चीजों की सराहना करना नहीं सीखते हैं, तो उन्हें कुछ भी मिल जाए वो काफी नहीं होता है। ऐसे बच्चों विनम्रता की झलक नहीं दिखाई देती है। बच्चों को विनम्र बनाने के लिए उन्हें हर चीजों की सराहना करना सिखाना जरूरी है।
- अपनी संस्कृति के बारे में बताएं – भारतीय संस्कृति को जो अपना लेता है, वे खुद बा खुद विनम्र बन जाते हैं। दरअसल, यहां के लोगों को बचपन से सिखाया जाता है कि बड़ो की इज्जत करना है, मुसीबत में पड़े लोगों की सहायता करना है और भूखें को खाना खिलाना है। ऐसे ने बच्चों को अपनी संस्कृति के बारे में सिखाकर उन्हें विनम्र बना सकते हैं।
आज के समय में बहुत कम लोग दूसरों के प्रति विनम्रता की भावना रखते हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण होता है बचपन में सही ज्ञान और संस्कार नहीं मिल पाना। दरअसल, कई माता पिता अपनी व्यस्तता कारण अपने बच्चों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिससे बच्चों में अच्छी आदतों का विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख बच्चों को गुड हैबिट सिखाने में माता-पिता की मदद कर सकता है।
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