Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

किशमिश के स्वाद से हर कोई वाकिफ है, लेकिन क्या आप किशमिश के लाभ के बारे में जानते हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि किशमिश के गुण सिर्फ इसकी मिठास तक सीमित नहीं है, बल्कि शरीर से जुड़ी कई शारीरिक समस्याओं से आराम पाने के लिए सूखी किशमिश के फायदे उठाए जा सकते हैं। हाजमा ठीक करने से लेकर, यह शरीर में ऊर्जा बढ़ाने तक का काम कर सकती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में विस्तार से जानिए किशमिश खाने के फायदे और नुकसान के बारे में। साथ ही इस बात पर भी गौर करना जरूरी है कि किशमिश के गुण लेख में शामिल बीमारियों के प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं। किशमिश को किसी भी तरीके से बीमारी का इलाज न समझा जाए। वहीं, गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के दौरान डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है।

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किशमिश के फायदे बताने से पहले आपको बताते हैं कि किशमिश क्या होती है।

किशमिश क्या है – What are Raisins in Hindi

किशमिश, सूखे मेवों की श्रेणी में शामिल है, जिसे अंगूरों को सुखाकर तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में अंगूरों को लगभग तीन हफ्तों तक धूप में सुखाकर उसका मॉइस्चर निकाला जाता है (1)। भारत में इसे कई नाम से जाना जाता है, जैसे हिन्दी में किशमिश (Kishmish), अंग्रेजी में राइसिन (Raisin), तेलुगु में एंडुद्राक्षा (Endudraksha), तमिल में ऊलर धराक्षी (Ular Dhraakshai), मलयालम में उनक्कु मुन्थिरिंगा (Unakku Munthiringa), कन्नड में वोनाद्राकशी (Vonadraakshe), गुजराती में लाल द्राक्ष (Lal Draksh) और मराठी में इसे मनुका (Manuka) के नाम से जाना जाता है। सेहत के लिए किशमिश को लाभकारी माना गया है। यह कई जरूरी फाइटोकेमिकल्स से समृद्ध होती है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गतिविधियां भी पाई जाती हैं (2)। शरीर के लिए यह किस प्रकार फायदेमंद हो सकती है, यह जानकारी नीचे दी गई है।

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लेख के अगले भाग में जानिए किशमिश कितने प्रकार की होती है।

किशमिश कितने प्रकार की होती है?

किशमिश कई प्रकार की होती हैं, जिनमें से मुख्य तीन को हम नीचे बता रहे हैं –

भूरी किशमिशयह किशमिश अंगूरों को तीन हफ्तों तक सुखाकर बनाई जाती है। सूखने के बाद इनका रंग भूरा हो सकता है। अलग-अलग जगहों पर इसे बनाने के लिए विभिन्न तरह के अंगूरों का इस्तेमाल किया जाता है। इनका रंग, आकार और स्वाद अंगूर के प्रकार पर निर्भर करता है।

सुल्ताना (गोल्डन किशमिश) – यह किशमिश सुल्ताना अंगूर (बीज रहित हरे गोल अंगूर) को सुखाकर बनाई जाती है। इस प्रकार की किशमिश को बनाने के लिए सुखाने से पहले अंगूर को एक तरह के तैलीय सलूशन में भिगोया जाता है। इस कारण इस किशमिश का रंग गोल्डन/हल्का भूरा होता है। बाकी दो किशमिश की तुलना में इस किशमिश का आकार अक्सर छोटा और स्वाद मीठा होता है।

करंट (काली किशमिश) – इस प्रकार की किशमिश को जांटे करंट भी कहा जाता है और इन्हें काले अंगूर से बनाया जाता है। इन्हें भी अंगूर को तीन हफ्तों तक सुखाकर बनाया जाता है। इनका स्वाद अक्सर खट्टा-मीठा और आकर छोटा होता है। अन्य अंगूर की तरह ब्लैक किशमिश खाने का फायदा क्या है, इस बारे में आगे विस्तार से बताया गया है। 

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आगे जानिए विभिन्न शारीरिक समस्याओं के लिए किशमिश खाने के फायदे।

किशमिश के फायदे – Benefits of Raisins in Hindi

1. एनीमिया में किशमिश के फायदे 

एनीमिया का एक कारण शरीर में आयरन की कमी का होना भी है। इस समस्या में शरीर में पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नही होता, जो शरीर में ऑक्सीजन का सप्लाई करती हैं। यहां किशमिश के लाभ देखे जा सकते हैं। किसमिस को आयरन का एक समृद्ध स्रोत माना जाता है और इसलिए एनीमिया के लिए आहार में एक नाम किशमिश का भी शामिल है (3)।

2. हृदय के लिए किशमिश के गुण

हृदय रोग से बचने में भी किसमिस खाने के फायदे मिल सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार किशमिश खराब कोलेस्ट्रोल यानी एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड (रक्त में मौजूद एक प्रकार का फैट) को कम कर सकती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल की वजह से होने वाले हृदय रोग के जोखिम से बचा जा सकता है (4)। हालांकि, इस प्रक्रिया के पीछे किशमिश के कौन से गुण काम करते हैं, यह शोध का विषय है।

3. कैंसर से बचाव में किशमिश के फायदे

किशमिश के गुण कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई के एक शोध एक अनुसार, किशमिश के मेथनॉल एक्सट्रैक्ट में एंटी रेडिकल और कैंसर प्रिवेंटिव गुण पाए जाते हैं, जो कोलन कैंसर से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं। वहीं, कैंसर के अन्य प्रकारों से बचाव में किशमिश किस प्रकार लाभकारी प्रभाव दिखा सकती है, इसके लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (5)। पाठकों को बता दें कि किशमिश सिर्फ कैंसर से बचा सकती है, उसका इलाज नहीं कर सकती। इसलिए, कैंसर से पीड़ित व्यक्ति का डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है।

4. एसिडिटी में लाभदायक किशमिश के गुण

एसिडिटी एक आम समस्या है, जिसमें सीने से लेकर पेट तक जलन का एहसास होता है। इससे निजात पाने के लिए किसमिस का सहारा ले सकते हैं। किशमिश को उन खाद्य पदार्थों में शामिल किया जा सकता है, जो एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि किशमिश में एल्कलाइन (Alkaline) गुण मौजूद होता है, जो शरीर में एसिड की मात्रा को सामान्य करने में मदद कर सकता है (6)।

5. ऊर्जा का स्रोत

किशमिश को कार्बोहाइड्रेट का एक प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। यह एक्सरसाइज के दौरान ब्लड ग्लूकोज का स्तर बनाए रख सकती है, जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बरकरार रह सकता है। इसकी पुष्टि एनसीबीआई के वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से होती है (7)। ऊर्जा बढ़ाने के लिए किशमिश को आहार में शामिल किया जा सकता है।

6. मुंह और दांतों की देखभाल करे

किशमिश मुंह और दांतों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकती है। दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड न्यूट्रिशन द्वारा किए गए अध्ययन से पता चलता है कि किशमिश खाने से कैविटीज से बचाव हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, किशमिश में फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सीडेंट और ऑलीनोलिक एसिड मौजूद होते हैं, जो उन बैक्टीरिया को पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं, जो डेंटल कैरीज यानी दांत खराब होने का कारण बनते हैं। इसके अलावा, किशमिश में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल दांतों की बेहतर स्थिति बनाए रखने के लिए मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया जैसे म्यूटन्स स्ट्रैपटोकोकस (Mutans Streptococci) के विकास को भी रोक सकते हैं, जो कैविटी का कारण बनते हैं (8)।

7. वजन नियंत्रण में किशमिश के लाभ

वजन नियंत्रण करने में भी सीमित मात्रा में किसमिस खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में यह पाया गया है कि किसमिस में डाइट्री फाइबर और प्रीबायोटिक पाए जाते हैं। ये दोनों तत्व पेट में अच्छे और स्वस्थ बैक्टीरिया को बनाने में मदद करते हैं, जिनकी मदद से वजन को नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है (9)। हालांकि, वजन को नियंत्रित रखने के लिए रोजाना व्यायाम और संतुलित आहार भी जरूरी है।

8. उच्च रक्तचाप में किसमिस के फायदे

किशमिश को सेहत के लिए फायदेमंद ड्राईफ्रूट्स में उच्च स्थान दिया गया है। किशमिश की इस कार्यप्रणाली के पीछे इसमें मौजूद खनिज काम करते हैं। जर्नल ऑफ फार्माकोग्नोसी और फाइटोकेमेस्ट्री में प्रकाशित एक शोध के अनुसार उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी ऐसा ही एक खनिज काम करता है। दरअसल, इसमें मौजूद पोटेशियम बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है और हृदय रोग के खतरे को भी कम करने में भी मददगार हो सकता है (10)।

9. मधुमेह में किशमिश के फायदे

कई लोगों का यह मानना है कि डायबिटीज से ग्रसित लोग किशमिश का सेवन नहीं कर सकते, लेकिन ऐसा नहीं है। यह जानकर शायद आपको हैरानी होगी कि सीमित मात्रा में किशमिश का सेवन मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। माना जाता है कि किशमिश का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिस कारण यह इंसुलिन रिस्पांस को बेहतर करने में मदद कर सकती है। इससे मधुमेह नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है (9)।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक मापक होता है, जो यह बताता है कि खाद्य पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट युक्त) कितनी तेजी से ब्लड शुगर (ग्लूकोज) को बढ़ा रहा है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं (11)। ध्यान रखें कि मधुमेह के लिए किशमिश का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। इसकी मात्रा डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवा, डाइट व एक्सरसाइज के अनुसार होनी चाहिए।

10. यौन स्वास्थ्य को बेहतर करे

किशमिश खाने के फायदे यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मिल सकते हैं। दरअसल, किशमिश में बोरॉन नाम का एक मिनरल पाया जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि बोरॉन महिलाओं और पुरुषों, दोनों में यौन स्वास्थ से जुड़े हॉर्मोन को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसकी मदद से यौन स्वास्थ्य को बेहतर करने में सहायता मिल सकती है (12)।

11. संक्रमण से बचाए

किशमिश के लाभ संक्रमण से बचने में भी मिल सकते हैं। इसमें कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाने में सहायक हो सकते हैं, जैसे एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबैक्टीरियल। इसके अलावा, किशमिश का अर्क ओरल बैक्टीरिया, म्यूटन्स स्ट्रैपटोकोकस (दांत सड़ने का कारण बनने वाला मुख्य बैक्टीरिया) से लड़कर मुंह को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है (13)।

12. बुखार के लिए किशमिश के फायदे

शरीर में हुआ किसी प्रकार का संक्रमण बुखार का कारण बन सकता है। बुखार तब आता है जब शरीर उस संक्रमण का कारण बने बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करने की कोशिश करता है (14)। ऐसे में किशमिश उन बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद कर सकता है। माना जाता है कि किशमिश में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो इन बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायता कर सकते हैं (13)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

13. त्वचा के लिए किसमिस के फायदे

त्वचा के लिए भी किशमिश के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार अंगूर और अंगूर आधारित उत्पाद में कीमोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो स्किन कैंसर से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं (15)। वहीं, एक शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि किशमिश एक प्रभावकारी स्किन टोनर की तरह भी काम कर सकता है (16)।

14. बालों के लिए किशमिश के फायदे

बालों को नुकसान पहुंचाने में फ्री रेडिकल्स का बहुत बड़ा हाथ होता है। ये समय से पहले बालों के सफेद होने और झड़ने का कारण बन सकते हैं (17)। बालों को इन फ्री रेडिकल्स से बचाने में किशमिश के गुण मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि किशमिश में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं (18)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।

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किशमिश के लाभ जानने के बाद जानिए इसके पौष्टिक तत्वों के बारे में।

किशमिश के पौष्टिक तत्व – Raisins Nutritional Value in Hindi

नीचे दिए गए टेबल की मदद से जानिए किशमिश में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (19) –

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी15.43 ग्राम
ऊर्जा299 kcal
प्रोटीन3.07 ग्राम
फैट0.46 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट79.18 ग्राम
फाइबर3.7 ग्राम
शुगर59.19 ग्राम
मिनरल
कैल्शियम50 मिलीग्राम
आयरन1.88 मिलीग्राम
मैग्नीशियम32 मिलीग्राम
फास्फोरस101 मिलीग्राम
पोटेशियम749 मिलीग्राम
सोडियम11 मिलीग्राम
जिंक0.22 मिलीग्राम
कॉपर0.318 मिलीग्राम
सिलेनियम0.6 माइक्रोग्राम
                                              विटामिन
विटामिन-सी2.3 मिलीग्राम
थियामिन0.106 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.125 मिलीग्राम
नियासिन0.766 मिलीग्राम
विटामिन-बी 60.174 मिलीग्राम
फोलेट5 माइक्रोग्राम
कोलिन11.1 मिलीग्राम
विटामिन-ई0.12 मिलीग्राम
विटामिन-के3.5 मिक्रोग्राम
                                               लिपिड
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड0.058 ग्राम
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.051 ग्राम
फैटी एसिड टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.037 ग्राम

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लेख के अगले भाग में जानिए किशमिश के उपयोग के बारे में।

किशमिश के उपयोग – Uses of Raisins in Hindi

किशमिश को दैनिक आहार में कई स्वस्थ तरीकों से शामिल किया जा सकता है, जैसे –

  • किशमिश को पीनट बटर व फ्रूट सलाद के साथ मिलाकर खा सकते हैं।
  • किशमिश के साथ ब्रोकली और गाजर (या मौसम के अनुसार कोई भी सब्जी) को मिलाकर सलाद की तरह खाया जा सकता है।
  • नाश्ते में ओट्स में चीनी की जगह किशमिश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • इसका इस्तेमाल मफिन और पैनकेक में मिठास के लिए कर सकते हैं।
  • किशमिश को सीधे ही खा सकते हैं।

सेवन की मात्रा : ड्राई फ्रूट्स हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं। एक दिन में 50-100 ग्राम किशमिश खाई जा सकती है (2)। मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए इसकी मात्रा उनके डाइट और दवाइयों के अनुसार हो सकती है, जिसके बारे में डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

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लेख के अगले भाग में जानिए किशमिश को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें।

किशमिश को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका

किशमिश को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उसे एक हवाबंद डिब्बे में फ्रिज में रखा जा सकता है। इस तरह से किशमिश को लगभग एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे रखते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि डिब्बे में नमी न हो। नमी रह जाने से किशमिश के सड़ने के आशंका बढ़ जाती है।

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आने वाले भाग में जानिए किशमिश के नुकसान के बारे में।

किशमिश के नुकसान – Side Effects of Raisins in Hindi

शारीरिक फायदों के साथ-साथ किशमिश खाने के नुकसान भी हैं। इसका अत्यधिक सेवन करने से निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे –

  • शरीर का वजन बढ़ना (9)
  • एलर्जी (20)
  • डायरिया और गैस (21)
  • टाइप-2 डायबिटीज का खतरा (22)

किशमिश कई औषधीय गुणों से समृद्ध एक स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ है, जिसे आप अपने दैनिक आहार का हिस्सा बना सकते हैं। अगर आप लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो आज से ही किशमिश का सेवन करना शुरू कर दें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि अगर इसके नियमित सेवन से एलर्जी जैसे लक्षण नजर आते हैं, तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें और अपने चिकित्सक से संपर्क करें। मधुमेह के मरीज किशमिश का सेवन करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

किशमिश की तासीर कैसी होती है?

किशमिश की तासीर गर्म होती है।

क्या सुखी किशमिश खाना सुरक्षित है?

जी हां, सूखी किशमिश (Dried Raisins) खाना वैसे तो सुरक्षित है, लेकिन अगर किसी को किशमिश से एलर्जी है तो वो उसका सेवन न करें।

खाली पेट किशमिश खाने के फायदे क्या हैं?

माना जाता है कि खाली पेट किशमिश खाने के फायदे पेट से जुड़ी समस्याओं से आराम दिला सकते हैं, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नही है।

किशमिश को शहद में भिगोकर खाने के फायदे क्या हैं?

किशमिश के फायदे के बारे में तो आप जा गए हैं, वहीं किशमिश को शहद में भिगोकर खाने से इसके फायदे दोगुने हो सकते हैं। शहद के गुण श्वसन प्रणाली, हृदय और तंत्रिका तंत्र के लिए विभिन्न तरीकों से फायदेमंद हो सकते हैं (23)।

भीगी हुई किशमिश खाने के फायदे क्या हैं?

ऐसा माना जाता है कि भीगी हुई किशमिश खाने के फायदे आंत और पेट को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। इससे कब्ज की समस्या में भी आराम मिल सकता है, हालांकि अभी इस पर अभी शोध की आवश्कयता है।

References

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  5. Chemopreventive Properties of Raisins Originating From Greece in Colon Cancer Cells
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  21. Abdominal Gas
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  23. Honey and Health: A Review of Recent Clinical Research
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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