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प्रसव पीड़ा को गर्भावस्था का अंतिम चरण माना जाता है, जो गर्भावस्था पूर्ण होने का संकेत देती है। कुछ महिलाएं में यह प्रसव पीड़ा देर से शुरू होती है। ऐसे में घर के बुजुर्ग प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के कई घरेलू तरीके बताने लगते हैं। इन्हीं तरीकों में से एक है, अरंडी के तेल का इस्तेमाल। हालांकि, डॉक्टर लेबर के लिए अरंडी के तेल के उपयोग की सलाह बिल्कुल भी नहीं देते हैं। इसके बावजूद भी लोग लेबर पेन के लिए अरंडी के तेल के इस्तेमाल के विषय में जानना चाहते हैं। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम बता रहे हैं कि लेबर पेन बढ़ाने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग करना कितना सुरक्षित है और इसे उपयोग करते समय किन सावधानियों को बरतना चाहिए।
तो आइए सबसे पहले हम अरंडी का तेल क्या है, इस विषय में थोड़ा जान लेते हैं।
कैस्टर ऑयल या अरंडी का तेल क्या है?
अरंडी का तेल एक प्रकार का वनस्पति तेल है। इसे अरंडी के फल के बीजों से प्राप्त किया जाता है। अरंडी का वैज्ञानिक नाम रिसिनस कम्युनिस (Ricinus Communis) है। अरंडी के तेल को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नाम से जाना जाता है, जैसे – तेलगु में आमुदामु, मराठी में इरांदेला तेला, बंगाली में रिरिरा टेला, तमिल में अमानक्कु एनी और मलयालम में अवानक्केना। अरंडी के तेल का उपयोग कई समस्याओं में पारंपरिक औषधि के रूप में किया जाता है। इनमें से एक प्रसव पीड़ा को प्रेरित करना भी है, जिसके बारे में इस लेख में आगे हम विस्तार से बताएंगे।
यहां अब हम प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी के तेल के उपयोग के बारे में जानेंगे।
प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग | Castor Oil For Labour Pain In Hindi
प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए अरंडी के तेल को मौखिक रूप से लिया जाता है। यह बात एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से स्पष्ट होती है। इसके विपरीत एक शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल कुछ अनचाहे प्रभाव भी प्रदर्शित कर सकता है, जिसमें उल्टी और मतली की समस्या भी शामिल है। इस कारण इसे प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने के लिए न लेने की सलाह दी जाती है (1)। यदि कोई प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए इसे इस्तेमाल में लाना चाहता है, तो इस बारे में एक बार किसी डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
नीचे पढ़ें कि अरंडी का तेल प्रसव पीड़ा को बढ़ाने में कितना फायदेमंद हो सकता है।
अरंडी के तेल से प्रसव पीड़ा प्रेरित करना कितना कारगर है?
प्रसव को प्रेरित करने के लिए अरंडी के तेल के मिले जुले परिणाम देखने को मिलते हैं। कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि अरंडी के तेल का उपयोग प्रसव को प्रेरित करता है और कुछ वैज्ञानिक इस बात काे नहीं मानते हैं।
एनसीबीआई पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार अरंडी का तेल मात्र 24 घंटे के भीतर ही प्रसव को प्रेरित करने में लाभदायक माना गया है और इसका उपयोग करीब 83 प्रतिशत तक फायदेमंद हो सकता है (2)।
एक अन्य रिसर्च जो ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनकोलॉजीट्रीड सोर्स में प्रकाशित हुई है, उसके अनुसार अरंडी के तेल का प्रसव पर कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलता है। इस शोध में माना गया है कि अरंडी का तेल न ही प्रसव को बढ़ाने में फायदेमंद है और न ही इसके कोई दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं (3)।
इसके अलावा एक अन्य शोध यह बताता है कि अरंडी का तेल गर्भाशय में संकुचन पैदा कर प्रसव पीड़ा को प्रेरित कर सकता है। साथ ही इसके कुछ दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं, जिसमें उल्टी और मतली की समस्या शामिल है। इस कारण प्रसव पीड़ा उत्तेजित करने के लिए अरंडी के तेल को न लेने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं, शोध में यह भी बताया गया है कि अरंडी के तेल का अधिक मात्रा में सेवन करने से आंतों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है (1)। ऐसे में मां और बच्चे दोनों के लिए समान रूप से अरंडी के तेल का सेवन तनावपूर्ण हो सकता है।
इन सभी तथ्यों को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि प्रसव पीड़ा के लिए अरंडी के तेल के इस्तेमाल को लेकर वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हैं। ऐसे में डॉक्टर की बिना सलाह के अरंडी के तेल का उपयोग प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने के लिए बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
आगे हम बता रहे हैं कि प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी का तेल कितना सही है।
अरंडी के तेल से प्रसव पीड़ा प्रेरित करना कितना सही है?
जैसा की हम ऊपर बता चुके हैं कि प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी का तेल मिश्रित परिणाम दे सकता है। मतलब हो सकता है कि यह कुछ हद तक प्रसव पीड़ा को बढ़ाने में फायदेमंद हो और यह भी हो सकता है कि अरंडी का तेल उपयोग करने पर कोई परिणाम निकल कर सामने न आए। ऐसे में यह कहना थोड़ा कठिन है कि अरंडी का तेल प्रसव पीड़ा को बढ़ाने में कितना फायदेमंद हो सकता है और कितना सही है। हालांकि, पुराने समय से इसका उपयोग प्रसव पीड़ा को बढ़ाने में कारगर माना जाता रहा है (4)।
नोट: बिना डाॅक्टर की सलाह के प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी का तेल उपयोग नहीं करना चाहिए।
नीचे पढ़ें कि प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी के तेल की कितनी मात्रा जरूरी है।
प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए कितना कैस्टर ऑयल आवश्यक है?
प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने के लिए 200 मिलीलीटर गुनगुने पानी में 60 मिलीलीटर अरंडी के तेल की खुराक निर्धारित मानी गई है (5)। हालांकि, इसकी सही खुराक और लेने के तरीके के बारे में डॉक्टर की सलाह पर ही अमल करना चाहिए।
नीचे स्क्रॉल करके पढ़ें कि प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी का तेल कितना समय ले सकता है।
कैस्टर ऑयल प्रसव को प्रेरित करने के लिए कितनी तेजी से काम करता है?
प्रसव पीड़ा बढ़ाने के लिए अरंडी के तेल का प्रभाव अलग-अलग महिलाओं पर अलग-अलग देखने को मिल सकता है। शाेध के अनुसार, अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने पर कुछ महिलाओं को 24 घंटे में ही प्रसव पीड़ा होने लगी थी। वहीं, कुछ महिलाओं को 36 से 48 घंटे का समय लगा (6)। इससे हम कह सकते हैं कि अरंडी का तेल प्रसव पीड़ा को कितने समय में बढ़ा सकता है यह निश्चित नहीं है।
आर्टिकल के अगले हिस्से में जानिए अरंडी का तेल इस्तेमाल करने के पहले ध्यान देने योग्य बातें।
प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल लेने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां
प्रसव पीड़ा बढ़ाने के लिए अरंडी का तेल उपयोग करने से पूर्व कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। यही वजह कि यहां हम अरंडी का तेल इस्तेमाल करने से पूर्व बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।
- अरंडी का तेल उपयोग करने के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- इसका उपयोग सीमित मात्रा में करें। इसकी उतनी ही मात्रा लें, जितने की डॉक्टर सलाह दें।
- अरंडी के तेल को सीधे उपयोग नहीं करना चाहिए। इसे गुनगुने पानी में मिलाकर ही लेने की सलाह दी जाती है।
- बेहतर होगा कि अरंडी के तेल का सेवन करने के स्थान पर डॉक्टर की सलाह से अरंडी के तेल से पेट की हल्की मसाज की जाएं।
- अरंडी के तेल को निर्धारित मात्रा में इस्तेमाल करने के लिए इसे किसी खाद्य को पकाने (जैसे :- आमलेट) के लिए उपयोग किया जाना बेहतर विकल्प हो सकता है।
- इसका उपयोग किसी रेसिपी (जैसे :- आइसक्रीम या संतरे के जूस) के साथ भी किया जा सकता है।
आगे पढ़ें प्रसव को बढ़ाने के लिए अरंडी के तेल के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में।
प्रसव को प्रेरित करने के लिए कैस्टर ऑयल का सेवन करने के दुष्प्रभाव
प्रसव के दर्द को बढ़ाने के लिए कैस्टर ऑयल का सेवन हानिकारक भी हो सकता है। यहां हम बता रहे हैं इससे जुड़े दुष्प्रभाव के बारे में (7) (1)।
- अरंडी के तेल का सेवन करने पर अनियमित उल्टी की समस्या देखी जा सकती है। यदि इसको समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो इसके कारण डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है।
- अरंडी के तेल में लैक्सटिव प्रभाव होता है। यदि अरंडी के तेल का अधिक मात्रा में सेवन किया गया, तो यह लैक्सटिव प्रभाव के कारण दस्त की वजह बन सकता है।
- अरंडी के तेल का ओवरडोज पेट में मरोड़ होने का कारण भी बन सकता है।
- कुछ मामलों में अरंडी के तेल का सेवन गर्भपात का कारण भी बन सकता है (8)।
यहां पढ़ें प्रसव पीड़ा बढ़ाने के लिए अरंडी के तेल के अलावा अन्य सुरक्षित उपायों के बारे में।
प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए अन्य सुरक्षित विकल्प
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी का तेल फायदेमंद भी हो सकता है और नुकसानदायक भी। इसलिए, यहां हम कुछ आसान और सुरक्षित उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो प्रसव को प्रेरित करने में मददगार हो सकते हैं (9) (10)।
- प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तौर पर व्यायाम एक कारगर और फायदेमंद उपाय हो सकता है। डॉक्टर की सलाह से व्यायाम और उसे करने के तरीके के बारे में जानकर इसे आजमाया जा सकता है।
- यौन संबंध के द्वारा भी प्रसव पीड़ा को बढ़ाया जा सकता है।
- माना जाता है कि मसालेदार भोजन करने पर भी प्रसव को प्रेरित करने में मदद मिल सकती है(11)। हालांकि, गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या नहीं, इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेना चाहिए।
- माना जाता है कि निप्पल को स्टिमुलेट यानी निप्पल को उत्तेजित करने से बॉडी में कुछ विशेष हार्मोन बनते हैं, जो गर्भाशय के सिकुड़ने का एक कारण बन सकते हैं। इससे दबाव पैदा होता है, जो प्रसव पीड़ा बढ़ा सकता है।
नोट: भले ही ऊपर दिए गए प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने के अन्य विकल्प अलग-अलग शोध पर आधारित हैं, लेकिन इन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के उपयोग में बिल्कुल न लाएं।
प्रसव पीड़ा को बढ़ाने के लिए अरंडी का तेल कितना फायदेमंद है और इसका उपयोग कैसे करना चाहिए इसका जवाब तो अब आपको मिल ही गया होगा। इस जानकारी के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि गर्भावस्था जैसे नाजुक समय में बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि, प्रसव को प्रेरित करने के लिए अरंडी का तेल फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके प्रभाव हर किसी पर एक जैसे हों, यह संभव नहीं है। वहीं, अरंडी के तेल के सेवन के कई नुकसान भी हैं, जिसके बारे में लेख में आपको बताया जा चुका है। इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के प्रसव पीड़ा के लिए अरंडी का तेल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
References
1. Castor oil induces laxation and uterus contraction via ricinoleic acid activating prostaglandin EP3 receptors By NCBI
2. Use of castor oil in pregnancies at term By PubMed
3. Castor oil for induction of labour: not harmful, not helpful By PubMed
4. Castor Oil Safety and Effectiveness on Labour Induction and Neonatal Outcome By CORE
5. Castor oil for induction of labour: a retrospective study By PubMed
6. Castor oil for induction of labor in post-date pregnancies: A randomized controlled trial By ScienceDirect
7. Castor oil overdose By MedlinePlus
8. Public Knowledge, Attitude, and Practice on Herbal Remedies Used During Pregnancy and Lactation in West Bank Palestine By NCBI
9. Pregnancy and birth: When your baby’s due date has passed By NCBI
10. Use of non-medical methods of labor induction and pain management among U.S. women By NCBI
11. Women’s use of nonprescribed methods to induce labor: a brief report By PubMed
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