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गर्भावस्था का समय एक महिला की जिंदगी में जितनी खुशियां लेकर आता है, उसी तरह से बेचैनी का कारण भी बनता है। खासकर, उन महिलाओं में जो पहली बार मां बनने जा रही हैं। वैसे तो इस समय अपने साथ-साथ गर्भ में पलने वाले भ्रूण का खास ख्याल रखना होता है, लेकिन असल इम्तिहान की घड़ी इस अवस्था के अंतिम चरण में आती है। प्रसव पीड़ा ऐसा लक्षण है, जो आपको इस बात का संकेत देता है कि डिलीवरी का समय अब नजदीक है। इसके उलट कुछ मामलों में समय पूरा होने के बाद भी महिलाओं को प्रसव पीड़ा नहीं होती, जो गंभीर समस्या है। ऐसे में डॉक्टर कुछ दवाओं और इंजेक्शन से लेबर पेन शुरू करने का प्रयास करते हैं। वहीं, घर के बड़े-बुजुर्ग प्राकृतिक नुस्खों पर विश्वास करते हैं।
मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको इसी समस्या से जुड़ी कुछ खास जानकारी देने जा रहे हैं, जिनके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए।
आइए, लेख में हम सबसे पहले महिलाओं में जल्द प्रसव पीड़ा प्रेरित करने की इच्छा को समझने की कोशिश करेंगे।
क्यों कुछ गर्भवती महिलाएं प्रसव पीड़ा जल्दी प्रेरित करने का सोचती है?
निम्न कारणों के कारण कुछ महिलाएं अपनी प्रसव पीड़ा को जल्द करवा सकती हैं (1)।
- गर्भावस्था के अंतिम चरण में होने वाली शारीरिक समस्याओं के कारण।
- समय पर अस्पताल पहुंचने की चिंता के कारण।
- प्रसव के दौरान उनका अपना डॉक्टर उनके पास रहे।
- प्रसव के दौरान पति और पारिवारिक सदस्य उनके पास रहें।
- बच्चे की देखभाल और काम को अहमियत देते हुए समय निर्धारण करने की इच्छा।
लेख के आगे के भाग में हम प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के सही समय के बारे में बताएंगे।
गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के बारे में सोचने का सही समय क्या है?
विशेषज्ञों के मुताबिक 39 हफ्तों से पूर्व प्रसव पीड़ा प्रेरित करना नुकसानदायक माना गया है। अगर इस समय से पूर्व शिशु का जन्म होता है, तो ऐसे में बच्चे को खाने, सांस लेने और शरीर का तापमान बनाए रखने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि 39-40 हफ्तों के बाद ही किसी भी महिला को प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के बारे में सोचना चाहिए, लेकिन इसकी अवधि 42 हफ्ते से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान कुछ ऐसी जटिलताएं आ जाती हैं, जिन्हें देखते हुए डॉक्टर समय पूर्व ही प्रसव पीड़ा लाने के बारे में सलाह देते हैं। हालांकि, ऐसी स्थिति में पैदा होने वाली समस्याओं के हर पहलूओं को परखा जाता है और गर्भवती व भ्रूण की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है (1) (2)।
अब हम इस समस्या से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण सवाल के बारे में बात करेंगे।
क्या प्राकृतिक रूप से प्रसव पीड़ा प्रेरित करना सुरक्षित है?
समय पूर्व या बाद में प्रसव पीड़ा को प्रेरित करना सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। चाहे वह प्राकृतिक हो या फिर अप्राकृतिक। कारण यह है कि प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने से गर्भवती को कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है (3)।
- प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने से शिशु की धड़कनों पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर के संपर्क में रहने की आवश्यकता होती है, ताकि समस्याओं को समय रहते टाला जा सके।
- इस स्थिति में जन्म लेने वाले शिशु में संक्रमण होने की आशंका प्रबल हो जाती है।
- कुछ स्थितियों में प्रसव प्रेरित करना बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, ऐसे में सिजेरियन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता।
लेख के आगे के भाग में हम आपको प्रसव पीड़ा लाने के कुछ प्राकृतिक उपायों के बारे में बताएंगे।
प्रसव पीड़ा लाने के 10 प्राकृतिक तरीके | Prasav Pida Lane Ke Gharelu Nuskhe
प्रसव पीड़ा लाने वाले कुछ प्राकृतिक नुस्खे काफी प्रचलित हैं, लेकिन इनके संबंध में कोई भी पुख्ता प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि यह मददगार साबित हो सकते हैं। अरसे से बड़े-बुजुर्ग प्रसव पीड़ा के लिए इन्हें इस्तेमाल में लाने की सलाह देते रहे हैं (4) (5) (6)।
1. व्यायाम
प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने के लिए व्यायाम को एक उत्तम विकल्प माना गया है। इसमें हल्की सैर या अन्य शारीरिक क्रियाओं को शामिल किया जा सकता है। यह चिंता को दूर करने और शरीर को मजबूत बनाने में सहायक है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर प्रमाण न होने के कारण प्रसव पीड़ा प्रेरित करने में इसका कोई योगदान है या नहीं इस बारे निश्चित तौर पर कुछ भी कह पाना मुश्किल है।
2. यौन संबंध
प्रसव पीड़ा को प्राकृतिक रूप से प्रेरित करने में यौन संबंध भी एक विकल्प हो सकता है। बेशक, गर्भावस्था के दौरान तय समय में यौन संबंध बनाना सुरक्षित माना गया है, लेकिन वैज्ञानिक तौर प्रसव पीड़ा प्रेरित करने में यह कितना प्रभावी है, इस बारे में जानकारी का अभाव है। हां, यह जरूर है कि गर्भाशय का मुंह खुल जाने के बाद यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है।
3. निप्पल स्टिमुलेशन
बताया जाता है कि निप्पल को स्टिमुलेट यानी उत्तेजित करने से शरीर में कुछ खास हार्मोन तेजी से बनते हैं। यह हार्मोन गर्भाशय के सिकुड़ने की वजह बनते हैं और एक दबाव पैदा होता है। इससे प्रसव पीड़ा पैदा होती है। विशेषज्ञों की मानें, तो कुछ स्थितियों में इस प्रक्रिया से मदद जरूर मिल सकती है, लेकिन इसका व्यापक प्रभाव कितना प्रभावशाली इस विषय में अभी गहन शोध की आवश्यकता है।
4. मसालेदार भोजन
कुछ लोग प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए मसालेदार भोजन का सेवन करने की सलाह देते हैं। इस संबंध में किए गए शोध में पाया गया कि मसालेदार भोजन खाने से प्रसव पीड़ा प्रेरित करने में कुछ मदद जरूर मिल सकती है, लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। इस कारण ऐसा करने से पहले इसके अच्छे-बुरे परिणामों के बारे में चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
5. लाल रास्पबेरी की पत्तियों की चाय
ऐसा माना गया है कि लाल रास्पबेरी की पत्तियों की चाय का सेवन सर्विक्स (Cervix, योनि के भीतर मौजूद एक हिस्सा) की मांशपेशियों को ढीला करने में मददगार साबित होता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि इसका उपयोग प्रसव पीड़ा प्रेरित करने में सहायक साबित हो सकता है। फिलहाल, यह नुस्खा कितना असर दिखाएगा, इस बारे में वैज्ञानिक प्रमाण न उपलब्ध होने के कारण ठीक प्रकार से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
6. ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल
ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल का उपयोग भी प्रसव पीड़ा को प्रेरित करने में लाभदायक माना जाता है, लेकिन ऊपर सुझाए गए तरीकों की तरह ही इसके भी स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं। इस कारण इसके उपयोग से पहले आप चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
7. अरंडी का तेल
कई लोग प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग करने की सलाह देते हैं। बाजार में इसका जूस, कैप्सूल और सिरप आसानी से उपलब्ध है। हालांकि, प्रसव पीड़ा प्रेरित करने में यह आपकी कितनी मदद कर सकता है, इस बारे में कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है। हां, यह जरूर देखा गया है कि गर्भवती महिलाओं में यह कमजोरी और मतली का कारण बन सकता है।
8. मालिश
ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं मालिश करवाती हैं, उन्हें प्रसव के दौरान होने वाली तकलीफ से कम जूझना पड़ता है। इसकी सहायता से प्रसव प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है। वहीं, प्रसव पीड़ा प्रेरित करने में यह लाभकारी साबित होगा या नहीं इस बारे में कुछ भी स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है।
9. एक्यूप्रेशर
हालांकि, काफी लोग प्रसव पीड़ा प्रेरित करने के लिए एक्यूप्रेशर का सुझाव देते हैं, लेकिन इस संबंध में भी कोई स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है। हां, यह जरूर है कि मालिश की तरह यह प्रसव वेदना को कम करने और उसमें लगने वाले समय को कम करता है।
10. एक्यूपंक्चर
एक्यूपंक्चर ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सुई की मदद से शरीर के कुछ विशेष स्थानों पर रक्त प्रवाह को नियंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया से तनाव, दर्द और चिंता को काफी हद तक कम किया जा सकता है। वहीं, यह प्रसव में लगने वाले समय को भी कम करता है, लेकिन यह प्रसव पीड़ा प्रेरित करने में कारगर है या नहीं, इस बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है।
प्रसव पीड़ा क्या है? इस सवाल का जवाब तो अब आप अच्छे से जान ही गए होंगे। साथ ही आपको यह भी मालूम हो गया होगा कि प्राकृतिक रूप से इसे प्रेरित किया जाना कितना सही है। वहीं, हमने इस लेख में आपको प्रसव पीड़ा प्रेरित करने से संबंधित कई चिकित्सकीय और घरेलू जानकारियां भी देने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि यह लेख प्रसव संबंधी सटीक जानकारियां हासिल करने में आपकी मदद करेगा। इस विषय में अगर कोई अन्य सवाल या सुझाव हो, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमें जरूर बताएं।
References
1. Thinking About Having Your Labor Induced? By Ncbi
2. Pregnancy and birth: When does labor need to be induced? By Ncbi
3. What Will Giving Birth Be Like? By health Ny
4. Pregnancy and birth: When your baby’s due date has passed By Ncbi
5. Use of non-medical methods of labor induction and pain management among U.S. women By Ncbi
6. Triggers of spontaneous preterm delivery – Why today? By Ncbi
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