Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

फिश थेरेपी या फिश स्पा आजकल सामान्य हो चुका है। कई लोग इसका लुत्फ उठाते हैं, लेकिन इसी तरह की एक और थेरेपी है जिसे लीच या जोंक थेरेपी कहते हैं। जोंक का नाम सुनते ही लोगों के शरीर में सिहरन-सी हो जाती होगी। जोंक एक बार शरीर से चिपक जाए, तो उसे निकालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जोंक थेरेपी पढ़कर आपको थोड़ा अटपटा लग सकता है। ऐसे में हमने सोचा कि क्यों न हमारे स्टाइलक्रेज के इस लेख से हम आप सभी को जोंक थेरेपी के फायदे के बारे में जानकारी दें। यहां हम न सिर्फ जोंक थेरेपी क्या है उसकी जानकारी देंगे, बल्कि इससे जुड़ी अन्य बातें भी बताएंगे। तो जोंक थेरेपी और जोंक थेरेपी के फायदे जानने के लिए जुड़े रहिये हमारे साथ।

लेख विस्तार से पढ़ें

सबसे पहले थोड़ी जानकारी लीच या जोंक थेरेपी क्या है, इस विषय से संबंधित।

जोंक थेरेपी क्या है?

जोंक थेरेपी का उपयोग प्राचीनकाल से चला आ रहा है। जोंक थेरेपी को हिरुडोथेरेपी (hirudotherapy) भी कहां जाता है। इस थेरेपी में जोंक को शरीर के उस भाग पर चिपकाया जाता है, जिस भाग में किसी प्रकार की समस्या हो। इस थेरेपी के दौरान जोंक की लार में मौजूद औषधीय गुण व्यक्ति के शरीर में अवशोषित होते हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याओं पर इसका सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। यह थेरेपी करीब 40 मिनट तक चल सकती है (1)।

आगे है और जानकारी

अब जानते हैं जोंक थेरेपी के फायदे के बारे में।

जोंक थेरेपी के फायदे – Benefits of Leech Therapy in Hindi

जोंक थेरेपी क्या है, यह जानने के बाद अब हम यहां जानकारी देंगे जोंक थेरेपी के फायदे के बारे में। स्वास्थ्य के लिए जोंक थेरेपी कैसे लाभकारी हो सकती है, उससे संबंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी हम यहां देने की कोशिश कर रहे हैं। जोंक थेरेपी के फायदे कुछ इस प्रकार है :

1. घाव के लिए जोंक थेरेपी

अगर जोंक थेरेपी के फायदे की बात की जाए, तो यह घाव पर असरदार हो सकता है। चूहों पर किए गए शोध में जोंक थेरेपी को घाव भरने में सहायक पाया गया है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, तीन लोगों पर किए गए लीच थेरेपी से न सिर्फ उनके घाव पर सकारात्मक असर पाया गया, बल्कि घाव के दर्द में भी काफी राहत मिली। दरअसल, जोंक अतिरिक्त रक्त को चूसते हैं, जिससे ऊतकों में सूजन कम हो सकती है। फिर ताजे ऑक्सीजन युक्त रक्त को प्रभावित क्षेत्र तक पहुंचाकर घाव और उसके दर्द से आराम दिलाने में सहायक हो सकते हैं। यह असर प्रभावी और लंबे समय तक रह सकता है (2)। हालांकि, यह शोध छोटे पैमाने पर किया गया है, इसलिए इस विषय में अभी और स्टडी की आवश्यकता है।

2. एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण

जोंक थेरेपी के फायदे में इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, जोंक की लार में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण की बात सामने आती है। इसके अलावा, शोधकर्ताओं के अनुसार, जोंक में मौजूद हीरुद्दीन (Hirudin-एक प्रकार का पेप्टाइड) अपने एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव से थ्रोम्बिन (एक प्रकार का एंजाइम) को रोकने में सहायक हो सकता है। इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण के कारण जोंक थेरेपी का उपयोग सूजन को कम करने के लिए कई सालों से किया जा रहा है (3) (4)।

3. दर्दनिवारक

जोंक थेरेपी दर्दनिवारक की तरह भी काम कर सकती है। जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि जोंक थेरेपी न सिर्फ घाव को भरने, बल्कि दर्द को कम करने में सहायक हो सकती है (2)। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, जोंक थेरेपी से कैंसर संबंधित दर्द और ऑस्टियोअर्थराइटिस (osteoarthritis-गठिया का एक प्रकार) में होने वाले दर्द में राहत की बात सामने आई है। ऐसा इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (दर्दनिवारक) गुण के कारण हो सकता है (5)।

4. ऑस्टियोअर्थराइटिस एक प्रकार ( एक प्रकार का गठिया)

अगर बात हो जोंक के फायदे की, तो यह ऑस्टियोअर्थराइटिस के लिए उपयोगी पाया गया है। 32 ऑस्टियोअर्थराइटिस मरीजों पर किए गए एक शोध में जोंक थेरेपी से उनके लक्षणों में सुधार देखा गया। इससे उन्हें दर्द, अकड़न और जोड़ों के मूवमेंट में लाभ मिला। ऑस्टियोअर्थराइटिस गठिया का एक प्रकार है, जिसमें जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न जैसी समस्या हो सकती है। ऐसे में जोंक थेरेपी के एंटी-इन्फ्लेमेटरी और दर्दनिवारक गुण से इस परेशानी से काफी हद तक आराम मिल सकता है (5) (6) (7)।

5. मधुमेह

डायबिटीज रोग में आहार के साथ-साथ अन्य कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। देखा जाए तो डायबिटीज की समस्या अपने साथ कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को जन्म दे सकती है। ऐसे में हिरुडोथेरेपी थेरेपी यानी जोंक थेरेपी डायबिटीज की वजह से होने वाले अन्य लक्षणों को ठीक करने में सहायक हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक केस स्टडी के अनुसार, इसे डायबिटिक फुट की समस्या से बचाव करने में सहायक पाया गया है। इस थेरेपी की मदद से से घाव भरने और पैर को अलग करने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है (8)। डायबिटीज में हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण होने वाली समस्या को डायबिटिक फुट कहते हैं। इसका असर पैर की नसों पर पड़ता है। इससे पैरों में कुछ महसूस नहीं हो पाता है और कुछ मामलों में पैर को शरीर से अलग करने तक की जरूरत पड़ जाती है (9)।

6. हृदय के लिए

जोंक थेरेपी को हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए भी प्रभावकारी माना जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो थेरेपी के दौरान जोंक की लार के असर से रक्त प्रवाह में सुधार हो सकता है। इससे वाहिकाओं से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में मदद मिल सकती है (10)। फिलहाल, इस पर अभी और स्पष्ट वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

7. कैंसर के लिए

जोंक थेरेपी से कैंसर से बचाव की बात भी सामने आई है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, जोंक की लार में मौजूद एंटीस्टासिन (antistasin) नामक प्रोटीन को फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए उपयोगी पाया गया है (11)। वहीं, कुछ मामलों में जोंक थेरेपी को कैंसर के इलाज के तौर पर शामिल करने की बात सामने आई है। पशु परीक्षण से यह भी पता चलता है कि जोंक की लार को सीधे चूहों में इंजेक्ट करने से कैंसर कोशिकाओं को बनने से रोकने में मदद मिल सकती है (12), जबकि ब्लड कैंसर वाले लोगों को जोंक चिकित्सा का उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है। ध्यान रहे कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसलिए हमारे सलाह यही है कि इसमें किसी भी तरह की थेरेपी लेने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें और डॉक्टरी चिकित्सा को ही प्राथमिकता दें।

8. बालों के लिए

जोंक थेरेपी को बालों के ग्रोथ के लिए भी उपयोग किया जा चुका है। दरअसल, स्कैल्प में सर्जरी के कारण प्रभावित बालों के लिए जोंक थेरेपी का उपयोग किया जा चुका है। यह रक्त प्रवाह में सुधार कर बालों के रिग्रोथ में सहायक पाया गया है (10)। इतना ही नहीं, कई क्लिनिक में जोंक से गंजेपन का इलाज भी किया जा सकता है। हालांकि, इस विषय में सटीक शोध उपलब्ध नहीं है कि यह कितना प्रभावकारी हो सकता है। दरअसल, कई क्लिनिक में गंजेपन के इलाज के तौर पर जोंक थेरेपी का विकल्प दिया जाता है, लेकिन बेहतर है विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार इस विकल्प को चुना जाए।

लेख अभी बाकी है

आगे जानते हैं कि जोंक चिकित्सा कैसे की जाती है।

जोंक चिकित्सा को कैसे किया जा सकता है?

हम पहले ही यह बता दें कि जोंक थेरेपी कोई घरेलू उपाय नहीं है। इसे विशेषज्ञ की सलाह और एक्सपर्ट की देखरेख में ही कराना उचित है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसका जवाब आपको नीचे बताई गई थेरेपी की विधि को जानकर मिल जाएगा (13) (14):

  • इस थेरेपी से पहले व्यक्ति को ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है। ब्लड टेस्ट इसलिए ताकि पता चल सके कि व्यक्ति एनीमिया या एचआईवी संक्रमित तो नहीं है।
  • जोंक थेरेपी करने से मरीज को हल्की डाइट लेने की सलाह दी जाती है
  • फिर उपचार किए जाने वाले प्रभावित भाग को डिस्टिल्ड वॉटर या बोरेक्स के घोल से अच्छी तरह धोया जाता है और लालिमा दिखाई देने तक रगड़ा जाता है।
  • उसके बाद प्रभावित भाग में जोंक को चिपकाया जाता है।
  • अगर जोंक नहीं चिपक पाते हैं, तो उस भाग में खून की कुछ बूंद गिराई जाती है। वहीं, कुछ मामलों में प्रभावित जगह पर स्टराइल सूई का उपयोग करने के बाद जोंक को चिपकाया जा सकता है।
  • आमतौर पर प्रभावित क्षेत्र पर एक या अधिक जोंकों को चिपकाया जाता है और आधे घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है।
  • हर जोंक 5 से 15 एमएल तक खून चूस सकता है।
  • इस आधे घंटे में मरीज का ध्यान रखा जाता है और बीच-बीच में चेक किया जाता है।
  • समय पूरा होने के बाद जोंक को धीरे-धीरे अलग किया जाता है। ध्यान रहे कि जोंक को जबरदस्ती अलग करने की कोशिश नहीं की जाती है।
  • उन्हें नमक बोरेक्स या हीट से धीरे-धीरे अलग किया जाता है।
  • फिर उपयोग किए गए जोंक को दोबारा किसी और मरीज में उपयोग नहीं किया जाता है।
  • थेरेपी के बाद प्रभावित अंग को साफ किया जाता है और ध्यान रखा जाता है।
  • हो सकता है कुछ वक्त तक प्रभावित भाग से खून का रिसाव हो, जो सामान्य है।
  • अगर ऐसा अधिक होता है, तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

बने रहें हमारे साथ

नीचे हम जोंक थेरेपी के फायदों के बारे में जानकारी रहे हैं।

जोंक थेरेपी के नुकसान – Side Effects of Leech Therapy in Hindi

इसमें कोई दो राय नहीं है कि जोंक थेरेपी के कई सारे फायदे हैं, लेकिन कुछ नुकसान भी हैं। ऐसे में लेख के इस भाग में हम जोंक थेरेपी के नुकसानों पर गौर करेंगे, जो इस प्रकार है (15) (10):

  • जोंक थेरेपी के बाद लंबे वक्त तक रक्तस्त्राव होना
  • दर्द हो सकता है।
  • खून की कमी होना।
  • बैक्टीरियल संक्रमण होना।
  • एलर्जिक रिएक्शन होना।
  • खुजली शुरू होना।
  • फफोले जैसा महसूस होना।

ये थे जोंक थेरेपी के फायदे, लेकिन फायदों के साथ-साथ जोंक थेरेपी के कुछ नुकसान भी हैं। ऐसे में इन दोनों बातों को ध्यान में रखते हुए ही इस विकल्प को चुनें। साथ ही हमारी सलाह यह भी है कि इस थेरेपी को आजमाने का निर्णय विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही लें। इतना ही नहीं जोंक थेरेपी को एक्सपर्ट की देखरेख में कराएं, क्योंकि यह कोई घरेलू उपाय नहीं है, इसलिए सावधानी का पूरा ध्यान रखना आवश्यक है। इस लेख को अन्य लोगों के साथ शेयर कर, हर किसी को जोंक थेरेपी के बारे में बताएं और ऐसे अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहिये स्टाइलक्रेज के साथ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या लीच थेरेपी दर्दनाक है?

संभव है कि थेरेपी के शुरुआत में थोड़ा दर्द महसूस हो (15)।

जोंक चिकित्सा के बाद जोंक का क्या किया जाना चाहिए?

जोंक चिकित्सा के बाद जोंक का दोबारा उपयोग नहीं किया जाना चाहिए और उसे अल्कोहल से मार दिया जाना चाहिए (16) (13)।

क्या जोंक शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाता है?

जोंक की लार में कई ऐसे यौगिक होते हैं, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल सकते हैं (17)।

क्या जोंक खून को साफ कर सकता है?

हां, यह ब्लड प्यूरीफाई करने का काम कर सकता है (18)।

क्या जोंक मनुष्य के लिए हानिकारक हैं?

जोंक मनुष्य के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इसके काटने से बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण हो सकता है (19), लेकिन जोंक थेरेपी को बेहद सावधानी और सुरक्षा मानकों के आधार पर किया जाता है।

लीच ऑयल या जोंक तेल के क्या फायदे हैं?

अगर जोंक तेल के फायदे की बात की जाए, तो इस विषय में सीमित शोध हैं। जो थोड़ी-बहुत स्टडी हुए है, उनके अनुसार जोंक के तेल का उपयोग लिंग के आकार को बड़ा करने के लिए किया जा सकता है (20)।

References

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  1. Medicinal leech therapy—an overall perspective
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5741396/#:~:text=Medicinal%20leech%20therapy%20(MLT)%20or%20hirudotherapy%20is%20a%20kind%20of,while%20the%20leeches%20are%20feeding.
  2. Hirudotherapy in Wound Healing
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/32815407/
  3. Leech therapy for pain relief: Rational behind a notion
    https://www.researchgate.net/publication/234001480_Leech_therapy_for_pain_relief_Rational_behind_a_notion
  4. Medicinal leech therapy in venous congestion and various ulcer forms: Perspectives of Western, Persian and Indian medicine
    https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S2225411018306618
  5. Medical Leech Therapy (Hirudotherapy)
    https://www.researchgate.net/publication/282211245_Medical_Leech_Therapy_Hirudotherapy
  6. Osteoarthritis
    https://medlineplus.gov/osteoarthritis.html#:~:text=Osteoarthritis%20is%20the%20most%20common,the%20cartilage%20in%20your%20joints.
  7. Efficacy of leech therapy in the management of osteoarthritis (Sandhivata)
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3296343/
  8. Unani treatment and leech therapy saved the diabetic foot of a patient from amputation
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24809835/
  9. Diabetic Foot
    https://medlineplus.gov/diabeticfoot.html
  10. Leech Therapeutic Applications
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3757849/
  11. Hirudotherapy in Medicine and Dentistry
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4717768/
  12. Abstract 5130: Assessment of the antitumor activity of leech (huridinaria manillensis) saliva extract in prostate cancer
    https://cancerres.aacrjournals.org/content/75/15_Supplement/5130.short
  13. Leech Therapy- A Holistic Approach of Treatment in Unani (Greeko-Arab) Medicine
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3377041/
  14. Recommendations for the Use of Leeches in Reconstructive Plastic Surgery
    https://www.researchgate.net/publication/260999989_Recommendations_for_the_Use_of_Leeches_in_Reconstructive_Plastic_Surgery
  15. Special Invertebrate Models and Integrative Medical Applications: Regulations, Mechanisms, and Therapies
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  16. Leeching in the History-A Review
    https://scialert.net/fulltext/?doi=pjbs.2008.1650.1653
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    http://iosrphr.org/papers/vol9-issue4/Series-1/C0904011018.pdf
  18. HIRUDOTHERAPY- A HOLISTIC NATURAL HEALER: A REVIEW
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  19. Leech Bite
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK518971/
  20. Cultural practices and beliefs of penis enlargement in Papua, Indonesia
    https://www.researchgate.net/publication/265471689_Cultural_practices_and_beliefs_of_penis_enlargement_in_Papua_Indonesia
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