विषय सूची
आज के समय में शादी से पहले पार्टनर के साथ रहना आम बात हो गई है। एक जमाना था जब हमारे समाज में इसे बिल्कुल अच्छा नहीं माना जाता था। हालांकि, अभी भी ज्यादातर लोग इसे लेकर सहज महसूस नहीं करते हैं व इसे वर्जित मानते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम लिव इन रिलेशनशिप के सभी पहलुओं के बारे में जानेंगे। लिव इन रिलेशनशिप के फायदे, नुकसान व कानून के बारे में जानने के लिए लेख के अंत तक बने रहें।
सबसे पहले जानते हैं कि लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है।
लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है?
जब दो बालिग लोग बिना विवाह किए पति-पत्नी की तरह एक छत के नीचे साथ में रहते हैं, तो इसे लिव इन रिलेशनशिप में रहना माना जाता है। कई लोग शादी के बंधन में बंधने से पहले एक दूसरे को समझने के लिए लिव इन रिलेशनशिप में आते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो शादी न करके स्वेच्छा और आपसी सहमति से पूरी जिंदगी साथ बिताने का फैसला लेते हैं। जाहिर है इसमें बिना किसी कानूनी बाध्यता के तनाव मुक्त साथ रहा जाता है। शायद यही वजह है कि आज की पीढ़ी द्वारा इसे काफी तेजी से अपनाया जा रहा है (1)।
आगे जानते हैं कि लिव इन रिलेशनशिप में रहना अच्छा है या बुरा।
लिव इन रिलेशनशिप में रहना अच्छा है या बुरा?
लिव इन रिलेशनशिप में रहना या न रहना एक निजी विचार है। हर किसी के लिए इसका अनुभव अलग-अलग हो सकता है। भारत में सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर ज्यादा जोर दिया जाता है। ऐसे में एक पुरुष और महिला का बिना शादी के साथ रहना और संबंध बनाना अनैतिक माना जाता है। बदलते समय के साथ लोगों की सोच में बदलाव आया है। पहले की मान्यताएं व वर्जनाएं दूर होती जा रही हैं (2)। लिव इन रिलेशनशिप में रहने के अलग-अलग पहलुओं के बारे में लेख में आगे विस्तार से जानेंगे।
लेख में आगे लिव इन रिलेशनशिप में रहने के फायदों पर चर्चा करेंगे।
लिव इन रिलेशनशिप के क्या फायदे होते है ? | Benefits Of Live In Relationship In Hindi
लिव इन रिलेशनशिप के बढ़ते ट्रेंड को समाज अपनाने लगा है, लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो इसे सही नहीं मानते हैं। नीचे लिव इन रिलेशनशिप के फायदे बता रहे हैं, शायद इन्हें पढ़ने के बाद कुछ लोगों का लिव इन रिलेशनशिप के प्रति जो रवैया है, उसमें कुछ बदलाव आ जाए (3) :
- एक दूसरे को बेहतर समझेंगे- बिना वैवाहिक संबंध में बंधे एक दूसरे के साथ रहने से पार्टनर को अच्छी तरह से जांचने-परखने का मौका मिल सकता है। पार्टनर की पसंद-नापसंद, आदतें, रवैया और तौर-तरीकों को समझने व शादी के बाद की जिंदगी को लेकर तैयारी करने में मदद हो सकती है।
- रिश्ता होगा मजबूत- शादी से पहले एक दूसरे के साथ रहने से पार्टनर्स का रिश्ता मजबूत हो सकता है। एक साथ रहने पर लड़ाइयां होना आम है, लेकिन लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स हर मुश्किल समय के बाद भी एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं, उनका रिश्ता अपने आप मजबूत होता चला जाता है। इसके अलावा, लिव इन रिलेशनशिप में रहने से एक दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ सकता है, जिससे भविष्य में शादी का फैसला करने में मदद होती है।
- भावनात्मक जुड़ाव- इस रिश्ते में भले ही कोई कमिटमेंट न हो, लेकिन सुख-दुख में एक साथ एक छत के नीचे रहने पर भावनात्मक जुड़ाव होना लाजमी है। एक के बीमार होने पर दूसरा उसका ख्याल रखता है। अगर किसी एक को वित्त संबंधी परेशानी आती है, तो दूसरा उसका सहारा बनता है। सुख हो या दुख, दोनों हर परिस्थिति में एक दूसरे का साथ देते हैं। यह इस रिश्ते की एक खासियत है।
- परिवार का दबाव नहीं- शादी के लिए प्रतिबद्धता नहीं होना ज्यादातर जोड़ों के लिए एक फायदा माना जाता है। लिव इन रिलेशनशिप उन लोगों के लिए सही है, जो परिवार की दखलअंदाजी पसंद नहीं करते और जिंदगी अपने तरीके से जीने में यकीन रखते हैं। इस रिश्ते में परिवार का दबाव नहीं होता। आगे चलकर साथ रहना या नहीं रहना, यह पूरी तरह से कपल पर निर्भर करता है।
- शादी के बाद के जीवन का अंदाजा- अगर किसी के साथ शादी की योजना बनाने से पहले देखना चाहते हैं कि पार्टनर अनुकूल है कि नहीं, तो लिव इन रिलेशनशिप में रहना आपको शादी का फैसला लेने में मदद कर सकता है। इससे आपको कई सारी चीजों का अंदाजा मिल जाएगा कि शादी के बाद आपकी जिंदगी में क्या-क्या बदलाव आने वाले हैं।
- पर्सनल स्पेस- लिव इन रिलेशनशिप में रहने का एक फायदा यह है कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे के स्पेस की जरूरत को समझते हैं। उन्हें एक-दूसरे के बारे में यह अच्छे से पता होता है कि कब उनके पार्टनर को अकेले समय बिताना अच्छा लगता है।
- तलाक की संभावना कम: कई बार शादी के बाद पार्टनर्स को एक-दूसरे की कुछ बातें पसंद नहीं आती, जिस वजह से तलाक होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को शादी के बंधन में बंधने से पहले एक दूसरे को करीब से जानने का मौका मिल जाता है। इससे दोनों को शादी का फैसला लेने में मदद हो सकती है। वहीं, अगर दोनों को लगता है कि वो एक-साथ पूरी जिंदगी नहीं बिता सकते हैं तो दोनों आपसी समझ से अलग हो सकते हैं।
आगे जानते हैं कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने के क्या नुकसान हो सकते हैं।
लिव इन रिलेशनशिप में रहने के क्या नुकसान हैं?
जिस तरह एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, ठीक वैसे ही लिव इन रिलेशनशिप के फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। नीचे हम लिव इन रिलेशनशिप के नुकसान के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (4) –
- एक साथ लंबे समय तक रहने के बाद दोनों पार्टनर एक दूसरे के साथ काफी सजग हो जाते हैं। दोनों के पास एक दूसरे में एक्सप्लोर करने के लिए कुछ बचता नहीं है। इस वजह से कई बार दोनों में से कोई एक पार्टनर शादी के बंधन में जाने के फैसले को नकार सकता है।
- लिव इन रिलेशनशिप से कोई एक पार्टनर बाहर आना चाहता है, तो वो बहुत आसानी से रिश्ते को खत्म कर सकता है।
- आंकड़े बताते हैं कि लिव इन रिलेशनशिप फेल होने के बाद आमतौर पर महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- जिस पर भरोसा करके आप लिव इन रिलेशनशिप में जाने का फैसला लेते हैं, कई बार वो लंबे समय तक इस रिश्ते में रहने के इरादे से नहीं होते हैं। ऐसे में धोखा होने की संभावना अधिक होती है।
- एक पार्टनर धोखा देकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सकता है। इससे दूसरा पार्टनर तनाव का शिकार हो सकता है।
- 24 घंटे साथ रहने से अनबन ज्यादा होने लगती है। इस वजह से कई बार रिश्ता जल्दी टूटने की संभावना रहती है।
आगे जानते हैं कि लिव इन रिलेशनशिप में आने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
लिव इन रिलेशनशिप में रहते वक्त ध्यान रखने योग्य बातें
लिव इन रिलेशनशिप में रहना एक बहुत बड़ा फैसला होता है। इसलिए इसे अपनाने से पहले व लिव इन में रहते समय कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें-
- लिव इन रिलेशनशिप में आने का पूरा फैसला आपका होना चाहिए। कभी भी पार्टनर के दबाव में आकर यह फैसला न लें।
- बिना शादी किए एक दूसरे के साथ एक छत के नीचे रहने का फैसला किसी जल्दबाजी में न लें। इस रिश्ते में आने से पहले जांच कर लें कि कहीं पार्टनर आपको धोखा तो नहीं दे रहा है। पार्टनर के बारे में अच्छे से सोच विचार करने के बाद ही यह फैसला लें।
- एक दूसरे की जिंदगी में किसी तरह की दखलंदाजी न करें। एक दूसरे के स्पेस की इज्जत करें।
- दोनों कपल अपने खर्चे बांट लें। घर का काम किसी एक के जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए। एक दूसरे की घर के कामों में मदद करनी चाहिए।
- लिव इन में रहने वाले कपल्स को समाज की आलोचना का शिकार होना पड़ता है।
- ध्यान रखें कि पार्टनर के पास आपकी कोई पर्सनल फोटो, वीडियो या कुछ ऐसा है, तो उसे डिलीट कर दें ताकि भविष्य में अलग होने के बाद यह कोई परेशानी न उत्पन्न करे।
- अपने रिश्ते को समझें। कहीं ऐसा तो नहीं कि बस आप ही प्यार में हैं। कहीं आपका पार्टनर आपके साथ टाइम पास तो नहीं कर रहा है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके व्यक्तिगत अधिकारों का हनन न हो रहा हो।
लेख के इस भाग में जानेंगे कि भारत में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर क्या कानून है।
भारत में लिव इन रिलेशनशिप पर कानून
भारतीय संविधान में दो बालिग लोगों का साथ रहने का फैसला निजी माना जाता है। इसलिए कहा जा सकता है कि भारत में लिव इन रिलेशनशिप कानून की नजर में अवैध नहीं है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लिव इन रिलेशनशिप को लेकर कुछ गाइडलाइन्स जारी की गई है। भारत में लिव इन रिलेशनशिप पर कानून की बारीकियों के बारे में यहां जानते हैं (2) (5):
- लिव इन रिलेशनशिप भारत के संविधान आर्टिकल 21 के तहत आता है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार दो बालिग आपसी सहमति से साथ रहते हैं, तो इसे गैर कानूनी नहीं माना जा सकता है।
- लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले दोनों पार्टनर का वयस्क होना जरूरी है। यदि दोनों में से कोई भी एक वयस्क नहीं है, तो यह रिश्ता वैध नहीं माना जाएगा।
- लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे दोनों पार्टनर में से कोई भी पहले शादीशुदा नहीं होना चाहिए।
- लिव इन रिलेशिप के दौरान दोनों पार्टनर को संबंध बनाने की पूरी आजादी है। अगर इस दौरान महिला गर्भवती होती है, तो उनका बच्चा वैध माना जाएगा।
- बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी दोनों पार्टनर्स की होगी। साथ ही लिव इन में रह रहे कपल को शादीशुदा कपल की तरह सारे अधिकार मिलते हैं।
- लिव इन रिलेशनशिप में महिला के साथ घरेलू हिंसा व प्रताड़ना होने पर वह घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की धारा 2(f) के तहत कोर्ट का दरवाजा खटखटाया सकती हैं। हालांकि, सभी लिव इन रिलेशनशिप धारा 2(f) के अंतर्गत नहीं आते हैं। इसके लिए साबित करना होगा कि आप पार्टनर के साथ लंबे समय से रह रहे हैं और आप दोनों का रिश्ता वैवाहिक संबंध जैसा है।
- लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहीं महिलाओं का ध्यान रखते हुए सेक्शन 125 के तहत उन्हें भरण-पोषक का अधिकार दिया गया है। जिस तरह तलाक के बाद महिलाओं को पति द्वारा गुजारा भत्ता मिलता है। वैसे ही लिव इन पार्टनर से अलग होने के बाद महिलाएं गुजारा भत्ते की मांग कर सकती हैं।
- इस रिश्ते के दौरान पार्टनर दूसरे को धोखा देता है, तो इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। पीड़ित आईपीसी की धारा 497 के तहत पार्नटर को सजा दिला सकता है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त सबूत होने जरूरी हैं।
- इस रिश्ते में बंधने वाले कपल बच्चा गोद नहीं ले सकते हैं।
चलिए अब जानते हैं लिव इन रिलेशनशिप के गोल्डन रूल।
लिव इन रिलेशनशिप के गोल्डन रूल | Golden rule of live in relationship in hindi
नीचे कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जो लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स के बीच होने वाली चिक-चिक की संभावना को कम कर सकते हैं। चलिए जानते हैं लिव इन रिलेशनशिप के कुछ गोल्डन रूल, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- मर्जी न थोपें- लिव इन रिलेशनशिप में रहने के दौरान किसी चीज को करने के लिए पार्टनर पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। माना जाता है कि पुरुष या स्त्री इस रिश्ते में तभी आते हैं, जब उन्हें अपनी जिंदगी में किसी का हस्तक्षेप नहीं चाहिए होता है।
- खर्चे बांटें – ध्यान रखें आपकी जिम्मेदारी आपके पार्टनर की नहीं है। अपने रिश्ते के बीच खर्च को न आने दें। कई बार ये रिश्तों में कड़वाहट का कारण बन सकता है।
- घर के कामों में मदद करें- घर के काम की जिम्मेदारी किसी एक पर न थोपें। यह रिश्ते के लिए घातक साबित हो सकता है। बेहतर होगा कि दोनों साथ मिलकर काम करें और टाइम बिताएं।
- सम्मान से पेश आएं- कई पार्टनर शुरुआत में एक-दूसरे की इज्जत करते हैं, लेकिन समय के साथ उनका पार्टनर के प्रति सम्मान कम होने लगता है। कई बार यह रिश्तों के टूटने का कारण बनता है। जैसा आप उनके प्रति अपना व्यवहार रखेंगे वैसा ही सामने वाला करेगा। इसलिए हमेशा एक दूसरे के साथ इज्जत से पेश आएं।
- मन में न रखें कोई बात- कई बार एक पार्टनर अपने मन की बात मन में रखता है, जिस वजह से एक समय के बाद वह रिश्ते में घुटने लगता है। इसलिए, हर चर्चा में हिस्सा लें और अपनी बात को रखें।
- एक-दूसरे को समझें- लिव इन रिलेशनशिप में पार्टनर एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में एक दूसरे को अच्छे से समझें। अगर आपका पार्टनर परेशान है तो उससे बात करें और उसकी परेशानियों को सुनें व उनका हल ढूंढने का प्रयास करें। रिश्ते की गरिमा बनाए रखने के लिए पार्टनर को समझना बेहद जरूरी है।
कोई कपल लिव इन रिलेशनशिप में रहता है, तो यह उनका निजी फैसला माना जा सकता है, लेकिन इस रिश्ते में आने से पहले सभी बिंदुओं पर विचार जरूर करना चाहिए। आधुनिक बनने के चक्कर में लिया गया कोई फैसला भविष्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें मॉमजंक्शन के साथ।
References
- Live in Relationship in India Laws and Challenges
https://www.researchgate.net/publication/351358748_Live-in_Relationship_in_India_Laws_and_Challenges - Live-In_Relationships_in_India-Legal_and_Psychological_Implications
https://www.researchgate.net/publication/350202468_Live-In_Relationships_in_India-Legal_and_Psychological_Implications - Studies on Sociological Impact of Live-In Relationship: A Critical Review
https://www.iosrjournals.org/iosr-jhss/papers/Vol.%2025%20Issue2/Series-3/D2502033640.pdf - Studies on Sociological Impact of Live-In Relationship: A Critical Review
https://www.iosrjournals.org/iosr-jhss/papers/Vol.%2025%20Issue2/Series-3/D2502033640.pdf - Journal of Psychosexual Health
https://journals.sagepub.com/doi/full/10.1177/2631831820974585
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.