Written by , (शिक्षा- एमए इन मास कम्युनिकेशन)

शरीर को स्वस्थ रखने में जितना योगदान खाद्य पदार्थों का होता है, उतना ही योग का भी है। प्रतिदिन कुछ देर योगासन करने से आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से सेहतमंद रह सकते हैं। वैसे तो हर तरह का योग करना फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में विशेष प्रकार के योग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए हम बात करें लिवर की, तो इसे पाचन तंत्र का अहम हिस्सा माना गया है। लिवर के ठीक से काम न करने पर पूरा स्वास्थ्य गड़बड़ा जाता है। ऐसे में लिवर को ठीक करने के लिए कुछ खास तरह के योग किए जाते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम ऐसे ही योगासनों के बारे में बात करेंगे। इस आर्टिकल में आप जान पाएंगे कि स्वस्थ्य लिवर के लिए योग क्यों जरूरी है। साथ ही हम स्वस्थ लिवर के लिए योग करने की प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप समझाएंगे।

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि स्वस्थ लिवर के लिए योग किस तरह लाभदायक हो सकता है।

स्वस्थ लिवर में कैसे लाभदायक है योग – How Does Yoga Help with Healthy Liver in Hindi

जैसा कि हमने आपको बताया योग शरीर के अंगों को स्वस्थ रखने का काम करता है, जिसमें लिवर भी शामिल है। योग में कई ऐसे विशेष आसनों को शामिल किया गया है, जो लिवर को स्वस्थ रख उसकी कार्यक्षमता को बढ़ा सकते हैं। दरअसल, ये योगासन शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के साथ-साथ पाचन तंत्र को सुधारने का काम करते हैं, जिसमें लिवर भी शामिल है। साथ ही योग लिवर को क्षति पहुंचाने वाले संक्रमण जैसे हेपाटाइटिस-सी से ग्रसित मरीजों को भी फायदा पहुंचा सकता है (1), लेकिन इसके लिए सही आसनों का चुनाव करना जरूरी है। साथ ही इन्हें करने का सही तरीका भी पता होना चाहिए। इसके बारे में हम आपको लेख में आगे विस्तार से बताएंगे।

इस लेख के अगले भाग में हम स्वस्थ लिवर के लिए योगासन के बारे में जानेंगे।

स्वस्थ लिवर के लिए योग – Yoga For A Healthy Liver in Hindi

अगर लिवर को फायदा पहुंचाना है, तो उसके लिए लिवर पर असर पहुंचाने वाले आसन को करना चाहिए, जो इस प्रकार हैं:

1. गोमुखासन (Gomukhasana)

कैसे है फायदेमंद :

शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है लिवर, जिसे गोमुखासन करने पर लाभ पहुंच सकता है। यह आसन शरीर के अन्य भागों के साथ लिवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है (2)।

योग की विधि:

  • गोमुखासन आसन को करने के लिए योग मैट बिछाकर दण्डासन की मुद्रा में बैठ जाएं यानी दोनों पैर सामने की ओर फैलाएं और कमर सीधी रखें।
  • अब घुटनों को मोड़ते हुए बाएं तलवे को दाएं नितंब (हिप्स) के नीचे लाकर रखें और दाएं तलवे को ऊपर की ओर मोड़ते हुए बाएं नितंब के पास रख दें।
  • फिर अपने बाएं हाथ को कंधे से ऊपर उठाएं और कोहनी को मोड़ते हुए हाथ को पीछे ले जाएं।
  • इसके बाद दाई कोहनी को मोड़कर दाएं हाथ के पीछे ले जाएं।
  • फिर दोनों हाथों की हथेलियों को पकड़ने की कोशिश करें।
  • इस दौरान आपकी कमर सीधी होनी चाहिए।
  • इस मुद्रा में कुछ समय तक रहें और सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
  • अब धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं।
  • इसे दूसरी ओर भी करें।
  • इस आसन को आप तीन से पांच बार कर सकते हैं।

सावधानियां:

  • हाथों में दर्द हो, तो इस आसन को करने से बचें।
  • घुटनों को क्रॉस करते समय अगर दर्द महसूस होता है, तो इस आसन को न करें।
  • रीढ़ की हड्डियों से संबंधित किसी तरह की समस्या हो, तो इस आसन को करने से बचें।

2. जानुशीर्षासन (Janu Sirsasana)

Janu Sirsasana
Image: Shutterstock

कैसे है फायदेमंद:

यकृत के लिए योग में जानुशीर्षासन को भी शामिल किया जा सकता है। दरअसल, इस आसन को करने पर पेट वाले भाग में ज्यादा फायदा दिख सकता है। यह आसन पाचन में सुधार और लिवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है (3)।

योग की विधि:

  • इस आसन को करने के लिए पहले योग मैट बिछाकर बैठ जाएं।
  • फिर अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाएं।
  • ध्यान रहे कि इस दौरान कमर सीधी होनी चाहिए।
  • उसके बाद दाएं घुटने से मोड़ते हुए, दाएं तलवे को बाईं जंघा पर टिका दें।
  • फिर लंबी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
  • फिर सांस को छोड़ते हुए शरीर को आगे की तरफ झुकाएं और बाएं पैर के अंगूठे को दोनों हाथों से पकड़ने का प्रयास करें।
  • इसी मुद्रा में आप अपने सिर को घुटनों से छूने की कोशिश करें।
  • कुछ सेकंड इसी मुद्रा में बने रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • फिर धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • अब इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ भी दोहराएं।
  • इस आसन को आप तीन से चार बार कर सकते हैं।

सावधानियां:

  • पेट में किसी तरह की समस्या होने पर इस आसन को न करें।
  • पीठ के निचले भाग में दर्द होने पर इस आसन को करने से बचें।

3. भुजंगासन (Bhujangasana)

Bhujangasana
Image: Shutterstock

कैसे है फायदेमंद:

लिवर के लिए योगासन में भुजंगासन को भी शामिल किया जा सकता है। भुजंगासन के नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है और कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकता है (4),  जिसका लाभकारी असर लिवर पर भी दिख सकता है।

योग की विधि:

  • भुजंगासन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर पेट के बल सीधे लेट जाएं।
  • इस अवस्था में आपके पैर तने हुए और इनके बीच थोड़ी दूरी होनी चाहिए।
  • अब आप अपने हाथों को छाती के पास लाएं और हथेलियों को नीचे टिकाएं।
  • फिर गहरी सांस लेते हुए नाभि तक के हिस्से को ऊपर उठाएं और आसमान की तरफ देखने की कोशिश करें।
  • कुछ समय तक इसी मुद्रा में बने रहने का प्रयास करें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं।
  • शुरुआत में आप इसे तीन से चार बार कर सकते हैं।

सावधानियां:

  • अगर आपके जोड़ों में कोई समस्या है, तो इस आसन को न करें।
  • कमर दर्द की स्थिति में भी इस आसन को करने से बचें।
  • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने के बारे में सोचना ही नहीं चाहिए।

4. उष्ट्रासन (Ustrasana)

Ustrasana
Image: Shutterstock

कैसे है फायदेमंद:

उष्ट्रासन योगासन करने से लिवर के स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। माना जाता है कि यह आसन शरीर के अन्य भागों के साथ लिवर की कार्यप्रणाली को भी बेहतर करने काम कर सकता है। फिलहाल, इस बात की पुष्टि के लिए किसी तरह का वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है (2)।

योग की विधि:

  • उष्ट्रासन को करने के लिए योग मैट बिछाकर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं।
  • फिर घुटनों के सहारे खड़े हो जाएं।
  • इसके बाद गहरी सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकते हुए बाएं हाथ से बाएं पैर की एड़ी और दाएं हाथ से दाएं पैर की एड़ी को पकड़ें।
  • इस दौरान आपका मुंह आसमान की तरफ होना चाहिए।
  • इस स्थिति में शरीर का पूरा भार आपके हाथ और पैर पर होना चाहिए।
  • थोड़ी देर इस स्थिति में बने रहे और सामान्य तरह से सांस लेते रहें।
  • कुछ मिनट बाद धीरे धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • इस आसन को चार से पांच बार कर सकते हैं।

सावधानियां:

  • हर्निया के मरीज इस आसन को न करें।
  • जिनका रक्तचाप बढ़ा हुआ है, उन्हें इस आसन को करने से बचना चाहिए।
  • शरीर में किसी तरह का दर्द होने पर इस आसन को न करें।

5. सेतुबंध सर्वांगासन (Setu Bandha Sarvangasana)

Setu Bandha Sarvangasana
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कैसे है फायदेमंद:

लिवर के लिए योगासन में सेतुबंध सर्वांगासन करने का सुझाव भी दिया जाता है। इस आसन को करने से शरीर के कई भागों को लाभ पहुंचता है, जिनमें पेट भी शामिल हैं। यह पाचन सुधारता है और कब्ज की समस्या से निजात दिलाता है। साथ ही यह आसन पेट के अंगों को स्ट्रेच करने का काम करता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि सेतुबंध सर्वांगासन करने के फायदे लिवर के लिए भी हो सकते हैं (4)।

योग की विधि:

  • सबसे पहले समतल स्थान पर योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
  • उसके बाद दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए नितंब (हिप्स) से टिका दें।
  • इस अवस्था में घुटने सीधे होने चाहिए और तलवे जमीन से सटे होने चाहिए।
  • इसके बाद दोनों हाथों से अपनी एड़ियों को पकड़ें।
  • फिर सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं।
  • इस अवस्था में आपकी ठुड्डी छाती से, गर्दन, कंधे और सिर जमीन पर टीके होने चाहिए।
  • कुछ समय तक इस मुद्रा में बने रहे और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर सांस छोड़ते हुए पहली वाली मुद्रा में धीरे-धीरे वापस आएं।

सावधानियां:

  • इस आसन को खाली पेट करना चाहिए।
  • कंधे या पीठ में दर्द होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती को यह आसन नहीं करना चाहिए।

6. अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)

Adho Mukha Svanasana
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कैसे है फायदेमंद:

इस आसन को करने से आपकी पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है, जिसका लाभ आपके लिवर को भी मिल सकता है (2)।

योग की विधि:

  • अधोमुख श्वानासन करने के लिए पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • फिर सामने की तरफ झुकते हुए हाथों को आगे जमीन पर रखें।
  • फिर गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं और घुटनों को सीधा करें।
  • इस अवस्था में आपके शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए।
  • इस आसन में आपके शरीर का आकार ‘वी’ जैसा नजर आएगा।
  • कुछ मिनट इसी अवस्था में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

सावधानियां:

  • हाथों में दर्द है, तो इस आसन को न करें।
  • उच्च रक्तचाप के मरीजों को अधोमुख श्वानासन नहीं करना चाहिए।
  • कमर या कंधे में तकलीफ है, तो इस आसन को न करें।

7. सलंब सर्वांगसाना (Salamba Sarvangasana)

Salamba Sarvangasana
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कैसे है फायदेमंद :

हमारे शरीर के ज्यादातर मुख्य अंग आपस में जुड़े हुए होते हैं, जिनमें पाचन तंत्र और लिवर के बीच भी संबंध शामिल है। ऐसे में अगर पेट के किसी भी भाग में समस्या उत्पन्न हो, तो इसका असर अन्य अंगों पर भी पड़ सकता है। ऐसे में सलंब सर्वांगसाना को करने पर आपके पाचन तंत्र को मजबूत किया जा सकता है, जिसका लाभ लिवर के लिए भी हो सकता है (2)।

योग की विधि:

  • इस आसन को करने के लिए योग मैट को बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर से सटाकर सीधा रखें।
  • फिर पैरों को ऊपर उठाते हुए पीछे की तरफ ले जाने की कोशिश करें।
  • फिर अपने हाथों से हिप्स या कमर को सहारा देकर पैरों को सीधा कर लें।
  • पीठ को सहारा देते हुए कोहनी को जमीन से सटा लें।
  • इस स्थिति में आपके घुटने जुड़े होने चाहिए। साथ ही आपके शरीर का भार कंधे, सिर और कोहनी पर होने चाहिए। ध्यान रहे कि आपकी ठुड्डी छाती को स्पर्श करे।
  • कुछ समय तक इस मुद्रा में बने रहने का प्रयत्न करें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर सांस छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

सावधानियां:

  • हृदय रोग वाले व्यक्ति यह आसन न करें।
  • अगर गर्दन में किसी तरह की मोच है, तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • थायराइड के मरीजों को बिना प्रशिक्षक के इस आसन को नहीं करना चाहिए।

नोट: अगर आप पहली बार योग शुरू कर रहे है, तो इन आसनों को योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें।

अब तक आपने सिर्फ सुना ही होगा कि योग किसी चमत्कार से कम नहीं है, लेकिन इस लेख को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे कि ऐसा किस लिए कहा जाता है। आप यकीन करें या न करें, लेकिन यह बात सत्य है कि योग के माध्यम से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसलिए, लेख में बताए गए आसनों का अभ्यास कर आप लिवर से जुड़ी समस्याओं को कम कर इसे स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि इस लेख की जानकारी आपके लिवर को स्वस्थ रखने में सहायक होगी। साथ ही इस लेख के संबंध में अन्य जानकारी के लिए आप कॉमेंट बॉक्स के जरिए हमसे संपर्क कर सकते हैं।

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Anuj Joshi
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