Written by , (शिक्षा- एमए इन मास कम्युनिकेशन)

शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण देने के लिए कई तरह के आहार का सेवन किया जाता है। इन आहार में पाए जाने वाले पोषक तत्वों में मैग्नीशियम भी शामिल होता है। मैग्नीशियम शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। मैग्नीशियम किस तरह से काम करता है और इसकी कमी व अधिकता से क्या हो सकता है, इस बारे में जानने के लिए स्टाइलक्रेज का यह आर्टिकल आपकी मदद करेगा। शरीर को मैग्नीशियम की कितनी आवश्यकता होती है, यह जानकारी भी आपको उम्र के अनुसार इसी आर्टिकल में पढ़ने को मिलेगी। इसके अलावा, हम मैग्नीशियम के फायदे और मैग्नीशियम युक्त आहार की भी जानकारी दे रहे हैं। इसलिए, मैग्नीशियम से जुड़े हर प्रकार के तथ्याें को जानने के लिए एक बार यह आर्टिकल जरूर पढ़ें।

इस आर्टिकल के पहले भाग में आप जानेंगे कि मैग्नीशियम कहते किसे हैं।

मैग्नीशियम क्या है? – What is Magnesium in Hindi

मैग्नीशियम हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक तरह का मिनरल (खनिज) है। यह प्राकृतिक रूप से कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसके अलावा, कई खाद्य पदार्थों से बने प्रोडक्ट और सप्लीमेंट्स में भी मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है। मैग्नीशियम 300 से अधिक एंजाइम प्रणालियों के लिए सहायक कारक होता है। एंजाइम शरीर में कई जैव रासायनिक (बायोकेमिकल) प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने का काम करता है। इनमें प्रोटीन सिंथेसिस (इसमें कोशिका नए प्रोटीन का निर्माण करती है), मांसपेशियां व नर्व फंक्शन (तंत्रिका कार्य), रक्त शर्करा नियंत्रण (ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल) और रक्तचाप को रेगुलेट करना शामिल है (1)।

शरीर में मैग्नीशियम की भूमिका जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

आपके शरीर में मैग्नीशियम की भूमिका क्या है?

मैग्नीशियम की मानव शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने में मदद कर सकता है, जो इस प्रकार है (1):

  • मैग्नीशियम तंत्रिका (नर्व) और मांसपेशियों के कार्य को सुचारू रूप से बनाए रखने में मदद कर सकता है।
  • यह प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है।
  • दिल की धड़कन को सामान्य रखने में मददगार साबित हो सकता है।
  • मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत करने के लिए सहायक हो सकता है।
  • यह शरीर में रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोस) को संतुलित रखने के साथ-साथ ऊर्जा और प्रोटीन के उत्पादन में भी मदद कर सकता है।

इस आर्टिकल में आगे जानेंगे कि शरीर को मैग्नीशियम की कितनी आवश्यकता होती है।

आपको मैग्नीशियम की कितनी आवश्यकता है?

शरीर को मैग्नीशियम की कितनी जरूरत है यह प्रत्येक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और लिंग पर निर्भर करता है। यहां हम उदाहरण के तौर पर चार्ट के जरिए बता रहे हैं कि प्रतिदिन मैग्नीशियम की मात्रा की जरूरत होती है (1)।

लाइफ स्टेजआवश्यक मात्रा
जन्म से 6 महीने तक30 mg
6 से 12 महीने तक के शिशु के लिए75 mg
1 से 3 साल के बच्चे के लिए80 mg
4 से 8 साल तक के बच्चे के लिए130 mg
9 से 13 साल तक के बच्चे के लिए240 mg
14 से 18 साल तक के किशोर लड़काें के लिए410 mg
14 से 18 साल तक के किशोर लड़कियों के लिए360 mg
पुरुषों के लिए400-420 mg
महिलाओं के लिए310-320 mg
गर्भवती महिलाओं के लिए350-360 mg
स्तनपान करवाने वाली महिलाएं310-320 mg

मैग्नीशियम के लक्षण जानने के लिए आर्टिकल को पढ़ते रहें।

मैग्नीशियम की कमी के लक्षण – Magnesium Deficiency Symptoms in Hindi

अगर किसी को आहार में पर्याप्त मैग्नीशियम नहीं मिल रहा है, तो उनमें इस तरह के सामान्य लक्षण नजर आ सकते हैं (1) :

  • हाइपरएक्सटेबिलिटी (Hyperexcitability) यानी अधिक उत्तेजित होने की स्थिति।
  • मांसपेशियों में कमजोरी।
  • अधिक नींद आना (स्लीपिनेस)।

मैग्नीशियम की कमी से होने वाले लक्षणों को यहां समय के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है।

मैग्नीशियम की कमी के शुरुआती लक्षण:

  • भूख में कमी
  • मतली
  • उल्टी
  • थकान
  • कमजोरी

मैग्नीशियम की कमी के मध्यम लक्षण:

  • शरीर का सुन्न होना (Numbness)
  • झुनझुनी
  • मांसपेशियों में दबाव और ऐंठन
  • सीजर (मस्तिष्क में होने वाली अनियंत्रित इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस)
  • व्यवहार में बदलाव
  • असामान्य रूप से दिल का धडकना

मैग्नीशियम की कमी के गंभीर लक्षण:

  • रक्त में कैल्शियम के स्तर का कम होना (हाइपोकैल्सीमिया)
  • रक्त में पोटैशियम के स्तर का कम होना (हाइपोकैलीमिया)

आर्टिकल के अगले हिस्से में हम मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ – Magnesium Rich Foods in Hindi

अब यह जानना भी जरूरी है कि किस खाद्य पदार्थ में कितनी मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। साथ ही यह किस प्रकार वह खाद्य पदार्थ किस प्रकार फायदा कर सकता है। इस बारे में हम नीचे विस्तार पूर्वक जानकारी दे रहे हैं।

1. सीड्स और नट्स

  • ब्राजील नट्स

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा पब्लिश एक रिसर्च के अनुसार, ब्राजील नट्स में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ब्राजील नट्स में पाए जाने वाले मैग्नीशियम को बायोएक्टिव घटकों एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी व एंटीकार्सिनोजेनिक गुणों के लिए उपयोग किया जाता है। जो कैंसर जैसी समस्या को दूर रखने के लिए सुरक्षात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, इसमें कैल्शियम और पोटैशियम की अच्छी मात्रा और कम मात्रा में सोडियम होता है। यह हड्डियों को क्षतिग्रस्त होने से रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही धमनी उच्च रक्तचाप (आर्टरी हाइपरटेंशन), इंसुलिन में रुकावट और हृदय संबंधी जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है (2)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम ब्राजील नट्स में 376 mg मैग्नीशियम की मात्रा होती है (2)।

  • बादाम

मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ में बादाम को भी शामिल किया जा सकता है। बादाम में पाए जाने वाले मैग्नीशियम के कारण इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसके अलावा, यह चयापचय सिंड्रोम और टाइप 2 मधुमेह से भी राहत दिलाने में मदद कर सकता है (3)।

पोषक मूल्य: बादाम में प्रति 100 ग्राम मैग्नीशियम की मात्रा 275 mg पाई जाती है (4)।

  •  पिकैन (Pecans)

पिकैन भी एक तरह का नट्स है। इसका सेवन करने पर शरीर में मैग्नीशियम की पूर्ति की जा सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि पिकैन का इस्तेमाल करने पर कार्डियो मेटाबॉलिक डिजीज के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, मुट्ठीभर पिकैन हृदय रोग, बढ़ते वजन और शरीर में फैट के स्तर को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं (5)।

पोषक मूल्य: मैग्नीशियम की मात्रा प्रति 100 ग्राम पिकैन में 121 mg होती है (4)।

  • काजू

काजू को इसके पोषक तत्व की वजह से आहार में शामिल किया जाता है। इसलिए, मैग्नीशियम के स्रोत में काजू को भी गिना जाता है। इसके अलावा, काजू में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फाइबर, विटामिन और अमीनो एसिड जैसे कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो शरीर पर लाभकारी प्रभाव दिखा सकते हैं (6)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम काजू में 292 mg मैग्नीशियम होता है (4)।

  • अखरोट

मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ में अखरोट को भी शामिल किया जा सकता है। इसमें मैग्नीशियम के साथ-साथ प्रोटीन और कई जरूरी मैक्रो मिनरल्स पाए जाते हैं। इस कारण यह स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है (7)।

पोषक मूल्य: अखरोट के 100 ग्राम बीज में 158 mg मैग्नीशियम होता है (4)।

  • कद्दू के बीज

कद्दू के बीज में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें प्रोटीन, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और कई अन्य एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन व कैरोटीनॉइड भी होते हैं, जो सूजन से जुड़ी गठिया, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याओं से बचा सकते हैं (8)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम कद्दू के बीज में 262mg मैग्नीशियम पाए जाते हैं (9)।

  • अलसी के बीज

अलसी के बीज में मैग्नीशियम के अलावा कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो हृदय रोग, गठिया, सूजन और आंत्र रोग को रोकने में मदद कर सकता है। इसलिए, मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए अलसी के बीज का उपयोग किया जा सकता है (10)।

पोषक मूल्य: अलसी के 100 ग्राम बीज में 392 mg मैग्नीशियम होता है (11)।

  • सूरजमुखी के बीज

सूरजमुखी के बीज को शरीर के लिए लाभकारी कहा जा सकता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें मैग्नीशियम भी शामिल है। जैसा कि ऊपर लेख में बताया गया है कि मैग्नीशियम हृदय संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। इसलिए, सूरजमुखी को लाभकारी कहा जा सकता है (12)।

पोषक मूल्य: सूरजमुखी के 100 ग्राम बीज में 325 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (13)।

  • तिल के बीज

मैग्नीशियम युक्त आहार में तिल को भी शामिल किया जा सकता है। तिल के बीज में प्रोटीन, विटामिन-बी1, डाइटरी फाइबर, फास्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, कॉपर और जिंक की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। इन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के अलावा, इसमें सेसमिन और सेसमोलिन नामक पाइथोकेमिकल्स भी पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (14)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम तिल के बीज में 351 mg मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है (15)।

  • क्विनोआ सीड्स

क्विनोआ प्रोटीन से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा ओट्स के मुकाबले दोगुनी होती है। साथ ही इसमें फाइबर और आयरन भी होता है। यह शरीर की कोशिकाओं में सुधार करने का काम कर सकता है। इसके अलावा, बचपन, किशोरावस्था और गर्भावस्था के दौरान विकास को बढ़ावा दे सकता है। इसे मधुमेह से परेशान रोगियों के लिए भी उपयोगी माना जा सकता है (16)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम क्विनोआ सीड्स में 197 mg मैग्नीशियम होता है (17)।

  • जीरा

मैग्नीशियम युक्त आहार में जीरा भी शामिल है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, जीरा रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करने का काम कर सकता है। इससे मधुमेह के उपचार में मदद मिल सकती है। वहीं, कई बार जीरा का सेवन अधिक मात्रा में करने पर हाइपोग्लाइकेमिया (रक्त में शुगर की मात्रा का कम होना) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, इसे कम मात्रा में ही लेना चाहिए (18)।

पोषक मूल्य: 100 ग्राम जीरा में 366 mg मैग्नीशियम होता है (19)।

2. फल और सब्जियां

  • चेरी

मैग्नीशियम रिच फूड्स की श्रेणी में चेरी को भी गिना जाता है। चेरी के सेवन से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, सूजन, मांसपेशियों की कमजोरी और रक्तचाप को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, यह गठिया, मधुमेह, रक्त लिपिड, नींद और मूड में सुधार करने में भी मददगार साबित हो सकता है (20)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम चेरी में 11 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (21)।

  • आड़ू

आड़ू एक तरह का फल होता है, जिसका सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। आड़ू में क्लोरोजेनिक एसिड के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट की समृद्ध मात्रा पाई जाती है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। इसलिए, आड़ू को सेहत के लिए लाभकारी माना जा सकता है (22)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम आड़ू में 8 mg मैग्नीशियम पाए जाते हैं (23)।

  • खुबानी

ऐसा माना जाता है कि खुबानी के सेवन से प्रजनन (फर्टिलिटी) क्षमता को बढ़ावा मिल सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता को कुछ हद तक बेहतर कर सकते हैं (24)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम खुबानी में 10 mg मैग्नीशियम होता है (25)।

  • एवोकाडो

एवोकाडो में पाया जाने वाला मैग्नीशियम एनर्जी मेटाबॉलिज्म और एंजाइम के लिए सहायक कारक का काम कर सकता है। इसके अलावा, यह वैस्कुलर टोन और इंसुलिन सेंसिटिविटी का भी काम कर सकता है। वैस्कुलर टोन रक्त संचार को नियमित रूप से बनाए रखने में मदद करता है। इससे हृदय संबंधी समस्या से बचे रहने में मदद मिल सकती है (26)।

पोषक मूल्य: 100 ग्राम एवोकाडो में मैग्नीशियम 29 mg होता है (27)।

  •  केला

केले में कई लाभकारी गुण पाए जाते हैं। इनमें फेनोलिक्स, कैरोटिनॉइड, बायोजेनिक अमाइन और फाइटोस्टेरॉल मुख्य होते हैं। ये स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव डालने का काम कर सकते हैं। इन बायोएक्टिव कंपाउंड में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियां होती हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से सुरक्षा प्रदान करने का काम करते हैं। इसके अलावा, केला क्रोनिक डिजीज और कई बीमारियों से राहत दिलाने का काम कर सकता है (28)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम केले में 27 mg मैग्नीशियम होता है (4)।

  • ब्लैकबेरी

ब्लैकबेरी में मैग्नीशियम के अलावा एंथोसायनिन और कई फेनोलिक यौगिक पाए जाते हैं। फेनोलिक बढ़ती उम्र के साथ होने वाली न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों (तंत्रिका तंत्र में न्यूरॉन्स की कमी से होने वाला रोग) और हड्डियों को नुकसान से बचाने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है (29)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम ब्लैकबेरी में 0.646 mg मैग्नीशियम पाए जाते हैं (30)।

  • पालक

अगर किसी व्यक्ति में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो पालक का सेवन कर इस कमी को दूर किया जा सकता है। पालक में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें विटामिन, मिनरल, फाइटोकेमिकल्स और बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं। ये ऑक्सीडेटिव डैमेज, खराब चयापचय और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, पालक में एंटी कैंसर, एंटी ओबेसिटी, हाइपोग्लाइसेमिक और हाइपोलिपिडेमिक गुण भी होते हैं (31)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम पालक में 79 mg मैग्नीशियम होता है (32)।

  • भिंडी

भिंडी के सेवन से शरीर की थकान को कम करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, इसमें एंटी-फटीग गुण पाया जाता है, जो थकान को दूर करने का काम कर सकता है। इसके अलावा, इसमें पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स भी होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि पाई जाती है (33)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम भिंडी में मैग्नीशियम की 57 mg मात्रा पाई जाती है (34)।

  • ब्रोकली

ब्रोकली सिर्फ मैग्नीशियम का ही अच्छा स्रोत नहीं है, बल्कि इसमें विटामिन-सी, विटामिन-के, फाइबर और कैल्शियम जैसे कई अन्य पोषक तत्व भी शामिल होते हैं। ब्रोकली में बीटा-कैरोटीन की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है। यह शरीर के लिए लाभकारी होता है (35)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम ब्रोकली में 21 mg मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है (36)।

  • चुकंदर

चुकंदर को सब्जी और सलाद, दोनों तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें कई तरह के बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो क्रोनिक इंफ्लेमेशन से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप और टाइप 2 मधुमेह की स्थिति में भी सुधार हो सकता है (37)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम चुकंदर में 23 mg मैग्नीशियम होता है (38)।

  • स्विस कार्ड (Swiss Chard)

स्विस कार्ड एक तरह की पत्तेदार सब्जी होती है। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई के एक शोध के मुताबिक, नाइट्राइट युक्त आहार के सेवन से शरीर पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है। जिन खाद्य पदार्थ में नाइट्राइट की भरपूर मात्रा पाई जाती है, उनमें स्विस कार्ड भी शामिल है। इसके अलावा, इसमें मैग्नीशियम की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है (39)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम स्विस कार्ड में 81 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (40)।

  • ग्रीन बेल पेपर (Green Bell Peppers)

ग्रीन बेल पेपर को शिमला मिर्च के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में बायोएक्टिव कंपाउंड और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। इसके अलावा, शिमला मिर्च में विटामिन-सी और बीटा-कैरोटीनस की भी मात्रा पाई जाती है। साथ ही यह मैग्नीशियम से भी समृद्ध होता है, जो शरीर के लिए जरूरी होता है (41)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम ग्रीन बेल पेपर में 10 mg मैग्नीशियम होता है (42)।

  • आर्टिचोक

आर्टिचोक एक तरह की हरी सब्जी होती है, जो पत्ता गोभी की तरह दिखाई देती है। इसके सेवन से हृदय रोग से बचा जा सकता है। साथ ही डिस्लिपिडेमिया के उपचार में मदद मिल सकती है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कुछ सुधार हो सकता है। डिस्लिपिडेमिया के कारण धमनियों में थक्का जमना और दिल के दौरे जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह समस्या अधिकतर धुम्रपान करने वाले व्यक्ति को होता है। इसलिए, आर्टिचोक को सेहत के लिए लाभकारी माना जा सकता है (43)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम आर्टिचोक में 60 mg मैग्नीशियम पाए जाते हैं (44)।

3. अनाज और फलियां

  • वाइल्ड राइस

यह चावल का एक प्रकार होता है, जिसमें मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है। वाइल्ड राइस में मिनरल, विटामिन, प्रोटीन, स्टार्च, डाइटरी फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट व फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं। साथ ही इसमें वसा की कम मात्रा होती हैं। इसके सेवन से हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है (45)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम वाइल्ड राइस में 133 mg मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है (46)।

  • बकव्हीट (कुट्टू)

बकव्हीट एक प्रकार का अनाज होता है, जिसे कुट्टू के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ग्लूटेन-फ्री स्यूडोसेरेल होता है, जो पॉलीगोनैसे परिवार से संबंध रखता है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। यह प्लाज्मा कोलेस्ट्रॉल स्तर में कमी, न्यूरोप्रोटेक्शन, एंटीकैंसर, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक और उच्च रक्तचाप की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (47)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम बकव्हीट में 231 mg मैग्नीशियम पाए जाते हैं (48)।

  • वीट जर्म (Wheat Germ)

वीट जर्म में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो न्यूरोपेप्टाइड, साइटोकिन्स और मैक्रोफेज को सक्रिय करने में मदद कर सकते हैं। जो सूजन को कम करने के साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम करते हैं। इसके अलावा, यह रक्त संचार में सुधार करने और दर्द को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है (49)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम वीट जर्म में 291 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (50)।

  • ओट्स

ओट्स एक प्रकार का दलिया होता है, जिसे नाश्ते के तौर पर लिया जाता है। ओट्स में मैग्नीशियम के अलावा एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर जैसे गुण भी पाए जाते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीकैंसर गतिविधि कैंसर को दूर रखने का काम कर सकती है (51)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम ओट्स में 138 mg मैग्नीशियम पाए जाते हैं (52)।

  • राजमा

मैग्नीशियम के स्रोत में राजमा भी शामिल है। राजमा में भरपूर मात्रा में फोलेट पाए जाते हैं, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए जरूरी होते हैं। इसके अलावा, यह मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग के उपचार में भी सहायता कर सकता है (53)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम राजमा में 31 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (54)।

  • कॉर्न

कॉर्न में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। एनसीबीआई की वेबसाइट में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन में कॉर्न फेनोलिक फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जिनमें के एंटीडायबिटिक और एंटीहाइपरटेंशन प्रभाव होता है। इस गुणों के कारण कॉर्न मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या को कुछ कम कर सकता है (55)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम कॉर्न में 40 ग्राम मैग्नीशियम पाया जाता है।

  • सोयाबीन

आहार में सोया को शामिल करने पर कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) का मानना है कि प्रतिदिन 25 ग्राम सोया प्रोटीन के उपयोग से हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, इसमें पॉलीअनसैचुरेटेड फैट, फाइबर, मिनरल, विटामिन और लो सैचुरेटेड फैट भी होता है। जो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है (56)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम सोयाबीन में 65 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (57)।

  • ब्राउन राइस

ब्राउन राइस कई तरह के लाभकारी यौगिकों से समृद्ध होते हैं। इनमें विटामिन, मैग्नीशियम, डाइटरी फाइबर, एसेंशियल फैटी एसिड, फैटी ओरीजनोल और एमिनोब्यूटिरिक एसिड पाए जाते हैं। ये वजन को कम करने में सहायता कर सकते हैं (58)। इसके अलावा, ब्राउन राइस के सेवन से कई अन्य शारीरिक समस्या को दूर रखने में मदद मिल सकती है।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम ब्राउन राइस में 120 mg मैग्नीशियम होता है (59)।

4. वाइल्ड सैल्मन

यह मछली की एक प्रजाति होती है, जो मैग्नीशियम से समृद्ध होती है। साथ ही इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसके अलावा, वाइल्ड सैल्मन में मरकरी (पारा) भी कम होती है, जिस कारण इसका सेवन सुरक्षित होता है (60)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम वाइल्ड सैल्मन में 29 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (61)।

5. हलिबेट (Halibut)

यह भी मछली की एक प्रजाति होती है। इसमें भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। इसके अलावा, हलिबेट सेलेनियम से भी समृद्ध होता है। सेलेनियम में कुछ लाभकारी यौगिक होते हैं, जिन्हें सेलेनोप्रोटीन कहा जाता है। इसे थायराइड हार्मोन चयापचय के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है (62)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम हलिबेट में 23 mg मैग्नीशियम होता है (63)।

6. कोको

कोको में कई तरह के मिनरल पाए जाते हैं, जिनमें मैग्नीशियम, कॉपर, पोटैशियम और कैल्शियम शामिल है। यह उच्च रक्तचाप और एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को कम करने का काम कर सकता है (64)। एथेरोस्क्लेरोसिस एक तरह का रोग होता है, जिसमे धमनियों के अंदर प्लाक (Plaque) जमा होने लगता है। इसके अलावा, कोको एलर्जी, कैंसर, इंफ्लेमेशन और चिंता के रोकथाम में भी मददगार हो सकता है (65)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम कोको में 38 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (66) ।

7. होल मिल्क

दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इसे आहार में शामिल करने से हड्डियों को कमजोर होने से बचाने में मदद मिल सकती है। ऐसा दूध में पाए जाने वाले कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन डी और प्रोटीन जैसे मुख्य पोषक तत्वों के कारण है।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम दूध में 10 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (4)।

8. मोलास्सेस (Molasses)

मिठाई के सेवन के साथ ही सेहत का भी ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे में मोलास्सेस सेहतमंद मिठाई के रूप में उपयोगी साबित हो सकता है। मोलास्सेस को गुड़ से बनाया जाता है। यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करने का काम कर सकता है (67)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम मोलास्सेस में 242 mg मैग्नीशियम पाए जाते हैं (68)।

9. लौंग

लौंग में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि भी होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट कई तरह के स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम कर सकता है, तो एंटीमाइक्रोबियल बैक्टीरिया को दूर रखने में मदद कर सकता है (69)।

पोषक मूल्य: प्रति 100 ग्राम लौंग में 259 mg मैग्नीशियम पाया जाता है (70)।

आर्टिकल के इस हिस्से में हम मैग्नीशियम की अधिकता से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानेंगे।

शरीर में अधिक मात्रा में मैग्नीशियम होने के दुष्प्रभाव

अधिक मात्रा में मैग्नीशियम के सेवन से स्वास्थ्य संबंधी ज्यादा जोखिम उत्पन्न नहीं होते, क्योंकि मूत्र के जरिए अतिरिक्त मात्रा शरीर से बाहर निकल जाती है। हां, दवाई के माध्यम से मैग्नीशियम लेने पर कुछ समस्या जरूर उत्पन्न हो सकती है, जो इस प्रकार है (71):

  • दस्त
  • हाइपोटेंशन (लो ब्लड प्रेशर)
  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • मतली
  • उल्टी
  • किडनी की समस्या वाले लोगों के लिए नुकसान
  • हार्ट ब्लाक से पीड़ित मरीज को नुकसान पहुंचा सकता है।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मैग्नीशियम के सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

इस आर्टिकल को पढ़कर के बाद मैग्नीशियम के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया होगा कि मैग्नीशियम की शरीर में किस तरह की भूमिका होती है। अगर किसी के शरीर में मैग्नीशियम की कमी है, तो डॉक्टर के सलाह पर ऊपर बताए गए मैग्नीशियम युक्त आहार का सेवन कर सकते हैं। अगर कोई किसी समस्या के लिए कोई दवाई ले रहा है, तो मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स उस दवा के साथ प्रतिक्रिया (रिएक्शन) कर सकते हैं, जिससे समस्या बढ़ सकती है। उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। इस आर्टिकल से संबंधित अन्य जानकारी पाने के लिए आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स की मदद से हमें संपर्क कर सकते हैं।

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Anuj Joshi
Anuj Joshiचीफ एडिटर
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