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जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार ने “बच्चे दो ही अच्छे”, “हम दो हमारे दो” जैसे कई नारे दिए थे। ऐसे नारों और सरकार के प्रयास से जनता जागरूक भी हुई है और परिवार नियोजन के कई सुरक्षित तरीके अपना रही है। इन तरीकों में नसबंदी को सबसे बेहतर और कामयाब माना गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में शादीशुदा महिलाओं में से लगभग दो तिहाई महिलाएं कॉन्ट्रासेप्शन के लिए नसबंदी का जरिया चुनती हैं (1)। अब सवाल यह उठता है कि नसबंदी क्या है और इसे किस तरह करवाया जाता है? मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इस तकनीक से जुड़ी सारी जानकारी देने की कोशिश करेंगे। यहां आप जानेंगे कि महिला नसबंदी क्या है, इसे किस तरह करवाया जाता है और इसके फायदे व नुकसान क्या हैं।

इस लेख के सबसे पहले भाग में जानिए महिला नसबंदी क्या होती है।

महिला नसबंदी क्या है?

पुरुष नसबंदी की ही तरह यह भी परिवार नियोजन का तरीका है। आसान भाषा में समझा जाए, तो इस प्रक्रिया के बाद महिला कभी गर्भवती नहीं हो पाती। विस्तार में बात करें, तो महिला नसबंदी में महिला के फैलोपियन ट्यूब (महिला की ओवरी से गर्भाशय तक जाने वाली ट्यूब) को ब्लॉक कर दिया जाता है। ऐसा करने से यौन संबंध बनाने के दौरान पुरुष के स्पर्म महिला के अंडों तक नहीं पहुंच पाते और महिला गर्भवती नहीं हो पाती (2)

आगे जानिए कि इसे कब किया जा सकता है।

महिला नसबंदी कब चुनें?

यह निर्णय पूरी तरह से महिला और उनके परिवार पर निर्भर करता है कि वो नसबंदी कब करवाना चाहती है। आंकड़ों की बात करें, तो 15-49 साल तक की उम्र में कॉन्ट्रासेप्शन का सबसे आम तरीका नसबंदी है (3) यहां हम यह जरूर बता दें कि एक बार नसबंदी हो जाने के बाद इस प्रक्रिया को उल्टा करना या इसका असर कम नहीं किया जा सकता (2)। मतलब यह है कि नसबंदी हो जाने के बाद महिला के लिए मां बनाना पूरी तरह नामुमकिन हो जाता है। भारत सरकार द्वारा महिला नसबंदी के लिए कुछ नियम बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं (4) :

  • महिला का शादीशुदा होना जरूरी है।
  • महिला की उम्र 49 साल से कम और 22 से ज्यादा होनी चाहिए।
  • महिला का एक शिशु जरूर होना चाहिए, जिसकी उम्र 1 वर्ष से अधिक होनी चाहिए या फिर मेडिकल कंडिशन की वजह से डॉक्टर से नसबंदी करवाने को कहा हो।
  • महिला या उसके पति/पार्टनर ने पहले नसबंदी न करवाई हो या जिनकी पिछली नसबंदी कामयाब न रही हो, उस केस में यह नियम लागू नहीं होता।
  • महिला का मानसिक रूप से स्वस्थ होना और नसबंदी की प्रक्रिया व परिणाम को समझना जरूरी है।

अगले भाग में जानिए इसके तरीकों के बारे में।

महिला नसबंदी कैसे होती है?

महिला नसबंदी से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट जरूर किया जाता है। नसबंदी करने के तरीकों के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है –

  1. इंटरनल ट्यूबल लिगेशन: महिला नसबंदी की इस प्रक्रिया को ट्यूबल लिगेशन (Tubal Ligation) कहा जाता है। इस प्रक्रिया में फैलोपियन को बीच में काटा, बांधा या सील किया जाता है। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया होती है, जिसके लिए महिला के पेट पर कुछ छोटे कट (इंसीजन) लगाने पड़ते हैं। इस प्रक्रिया की मदद से गर्भावस्था तत्काल प्रभावी रूप से रोकी जा सकती है (5)। यह सबसे आसान और जल्दी की जाने वाली प्रक्रिया है। साथ ही महिला को कुछ ही घंटों में डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
  1. बिना सर्जरी द्वारा : बिना सर्जरी के भी महिला नसबंदी करवाई जा सकती है। इसमें लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक में डॉक्टर स्प्रिंग यानी कॉइल को महिला की दोनों फैलोपियन ट्यूब में डालते हैं। ये कॉइल कुछ टिश्यू बनाती है, जिससे ट्यूब ब्लॉक हो जाती है और स्पर्म अंडों तक नहीं जा पाते। इस प्रक्रिया में बिना कट लगाए महिला की योनि से एक पतली ट्यूब अंदर डालकर इन कॉइल को इंसर्ट किया जाता है (5)। इसे ट्यूबल इम्प्लांट (Tubal implant) भी कहा जाता है।
  1. मिनीलेपरोटॉमी : मिनीलैपरोटोमी (Mini-Laparotomy) को भी महिला नसबंदी का एक प्रभावशाली और आसान तरीका माना जाता है। बताया जाता है कि यह भी एक तरह की सर्जिकल तकनीक है, लेकिन इसमें सर्जरी छोटी होती है। इसमें ट्रांसवर्स सुप्राप्युबिक इंसीजन यानी ऐसा चीरा लगाया जाता है, जो आकार में छोटा (लगभग 5 सेंटीमीटर) होता है और डॉक्टर को महिला के निचले पेट और पेल्विक एरिया से आसानी से फैलोपियन ट्यूब में कट लगाने का रास्ता मिल जाता है (6)। यह प्रक्रिया नॉर्मल डिलीवरी के बाद 6 से 12 घंटे के बीच किया जाता है। वहीं, गर्भपात के बाद भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  2. सी सेक्शन : अगर किसी महिला ने सिजेरियन डिलीवरी के बाद नसबंदी का निर्णय लिया है, तो डॉक्टर सर्जरी के दौरान ही नसबंदी प्रक्रिया भी कर सकती है।

आने वाले भाग में जानिए कि नसबंदी के लिए कौन सा तरीका अपनाना चाहिए।

सर्जिकल या नॉन-सर्जिकल नसबंदी: कैसे चुनें?

यह पूरी तरह महिला एवं उनकी शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है कि उन्हें नसबंदी की किस तकनीक को अपनाना चाहिए। जब आप पूरी तरह से अपना मन नसबंदी के लिए बना लें, तो इस विषय में अपने डॉक्टर से चर्चा करें। वो आपके शरीर और स्वास्थ्य के अनुसार नसबंदी की सही तकनीक के बारे में बता पाएंगे।

क्या आप महिला नसबंदी के फायदे जानते हैं? इस बारे में पढ़े अगले भाग में।

महिला नसबंदी के फायदे

महिला नसबंदी कुछ हद तक लाभदायक हो सकती है, जैसे (5) (7)

  • इसे गर्भनिरोध का सुरक्षित और प्रभावशाली तरीका माना जाता है।
  • इसे करवाने के बाद पूरी जिंदगी किसी और गर्भनिरोधक की जरूरत नहीं पड़ती।
  • यह कपल को आपस में स्वतंत्रता का एहसास देती है।
  • यह करवाने के बाद तत्काल रूप से प्रभावी हो जाती है।
  • यह एक बार का निवेश है और इसे दोबारा करवाने की जरूरत नहीं पड़ती।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोध के अनुसार, नसबंदी करवाने से अंडाशय का कैंसर होने का खतरा नहीं रहता।

आगे जानिए इसके महिला नसबंदी के नुकसानों के बारे में।

महिला नसबंदी के नुकसान

फायदों के साथ-साथ महिला नसबंदी के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे (2) (5)

  • यह यौन संचारित रोगों (STDs) से नहीं बचा सकती।
  • संक्रमण, दर्द या रक्तस्राव का खतरा होता है।
  • कुछ दुर्लभ मामलों में फैलोपियन ट्यूब वापस जुड़ जाते हैं। ऐसे में गर्भावस्था दोबारा होने की संभावना हो जाती है। ऐसे में गर्भाशय की जगह फैलोपियन ट्यूब में गर्भधारण हो सकता है। इसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी भी कहा जाता है।
  • आंकड़ों की बात करें, तो कम उम्र (30 से कम) में की जाने वाले नसबंदी के विफल हो जाने की आशंका 65 प्रतिशत तक होती है (8)
  • अगर महिला को दोबारा गर्भवती होना चाहे, तो रिवर्स ट्यूबल लिगेशन (Reverse Tubal Ligation) किया जा सकता है, लेकिन इसकी सफलता दर बहुत कम है।

नसबंदी के बाद महिला को कुछ खास बातों का रखना जरूरी होता है। इस बारे में जानिए अगले भाग में।

महिला नसबंदी के बाद सावधानी

नसबंदी करवाने के बाद महिला इस तरह अपना ध्यान रख सकती हैं (9):

  • अगर नसबंदी सर्जरी के द्वारा हुई है, तो अपने घावों को साफ और सूखा रखें।
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए नियमों से ड्रेसिंग करते रहें।
  • नहाते समय घाव को ढक कर रखें और गीला होने से बचाएं।
  • कोई भी भारी एक्सरसाइज न करें और कोई भारी सामान न उठाएं।
  • घाव ठीक होने के बाद जब महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक लगे, वो शारीरिक संबंध बना सकती हैं। कुछ महिलाओं के लिए यह वक्त एक हफ्ते का भी होता है। बेहतर होगा कि यौन संबंध से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • घाव पूरी तरह ठीक होने के बाद आप काम पर जा सकती हैं।
  • सामान्य खाना खाया जा सकता है। पेट खराब होने पर ड्राई टोस्ट या चाय-बिस्कुट खाए जा सकते हैं।
  • अगर महिला को पेट में अधिक दर्द उठे, पहले दिन के बाद भी योनी से रक्तस्त्राव होता रहे, 100 डिग्री से अधिक बुखार हो, सांस लेने में समस्या, चक्कर आना, उल्टी या मतली जैसी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श करते रहें।

आगे जानिए महिला नसबंदी के बाद के आहार के बारे में।

महिला नसबंदी के बाद आहार

नसबंदी के बाद महिला सामान्य आहार का सेवन कर सकती हैं (9) इस दौरान कुछ आम बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है जैसे :

  • घाव ठीक हो जाने तक ज्यादा तीखा खाना खाने से बचें।
  • दिन भर में कम से कम आठ गिलास पानी पिएं।
  • शराब, धूम्रपान और अन्य प्रकार के नशे से दूर रहें।
  • जंक फूड, ज्यादा तला हुआ और मसालेदार खाने से बचें।

लेख के अगले भाग में आप महिला नसबंदी की कीमत के बारे में जानेंगे।

महिला नसबंदी की लागत

महिला नसबंदी की लागत इस बात पर निर्भर करती है कि आप नसबंदी कहां से करवा रहे हैं। बड़े शहरों के प्राइवेट अस्पताल में सर्जरी की कीमत 20-30 हजार तक हो सकती हैं। वहीं, सरकारी अस्पताल और पब्लिक हेल्थ सेंटर में यह मुफ्त में हो जाता है। भारत सरकार जननी सुरक्षा योजना के तहत जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं को निश्चित प्रोत्साहित राशि भी देती है।

अगर आप अपने परिवार को और नहीं बढ़ाना चाहते हैं, तो परिवार नियोजन के रूप में महिला नसबंदी प्रभावशाली और किफायती तरीका है। हम आशा करते हैं कि इस लेख के जरिए आप इस बात को अच्छी तरह समझ गए होंगे। वहीं, आपको महिला नसबंदी से जुड़े हर पहलु की सारी जानकारी मिल गई होगी। अगर आप भी इस बारे में सोच रहे हैं, तो जल्द ही अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। साथ ही अगर यह लेख आपको पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

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