Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

सूखे मेवे में शामिल होने वाले मखाना को भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में इस्तेमाल में किया जाता है। बहुत से लोग इसे भून कर खाना पसंद करते हैं। वहीं, कई लोग इसे फ्राई कर इस्तेमाल में लाते हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो इसकी खीर बनाकर इसका सेवन करते हैं। इन तीनों ही तरीकों से, इसके भिन्न-भिन्न स्वाद का लुत्फ उठाया जा सकता है। वहीं, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्वाद के साथ ही यह सेहत के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको मखाना के फायदे और उपयोग के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही इस बात की जानकारी भी विस्तार से देंगे कि मखाना खाने से क्या होता है।

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यहां हम आपको बता रहे हैं कि मखाना क्या है? 

मखाना क्या है?

मखाना, कमल के बीज को कहते हैं। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। इसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे फॉक्स नट, फूल-मखाना, लोटस सीड और गोर्गन नट (1)। वहीं, इसके बीजों को भूनने के बाद इसका उपयोग कई प्रकार की खाद्य सामग्री में किया जाता है। इसके अलावा, यह कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। नीचे स्वास्थ्य के लिए मखाना के फायदों को विस्तार से बताया गया।

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यहां हम आपको मखाना के गुण के बारे में बता रहे हैं। 

मखाना में कौन से औषधीय गुण मौजूद हैं?

मखाना में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मखाने में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी ट्यूमर प्रभाव पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसका सेवन बुखार, पाचन तंत्र सुधारने में और दस्त के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, यह कई खास एल्कलॉइड से भी समृद्ध होता है। ये सभी गुण और प्रभाव मखाने को स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बनाने का काम करते हैं (1)।

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आर्टिकल के इस हिस्से में जानते हैं मखाने से होने वाले फायदों के बारे में।

मखाने के फायदे – Benefits of Makhana in Hindi

नीचे हम शरीर के लिए मखाने के फायदे बता रहे हैं। जानिए मखाने का सेवन किस प्रकार स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम कर सकता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि मखाना लेख में शामिल किसी भी बीमारी का डॉक्टरी इलाज नहीं है। इसका सेवन केवल शारीरिक समस्या से बचाव और शरीर को स्वस्थ रखने का एक तरीका हो सकता है।

1. वजन कम करने के लिए मखाने के लाभ

वजन घटाने में मखाने के फायदे की बात करें, तो इसका उपयोग मोटापे की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, कमल के बीज (मखाना) का एथेनॉल अर्क शरीर में फैट सेल्स को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है। साथ ही यह फैट सेल्स के वजन को भी कम कर सकता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि इसका उपयोग वजन को कम करने में सहायक साबित हो सकता है (2)।

2. ब्लड प्रेशर में लाभदायक मखाना के गुण

बात करें, ब्लड प्रेशर में मखाने के फायदे की, तो माना जाता है कि मखाने के नियमित इस्तेमाल से इस गंभीर समस्या से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। कारण यह है कि इसमें पाया जाने वाला एल्कलॉइड हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। इसलिए, बीपी की समस्या को नियंत्रित करने के लिए मखाने का सेवन किया जा सकता है (4)।

3. डायबिटीज में मखाने के फायदे

डायबिटीज की समस्या से राहत पाने के लिए भी मखाने का उपयोग किया जा सकता है। एक शोध के आधार पर इस बात की पुष्टि की गई है कि मखाने में पाए जाने वाले रेसिस्टेंट स्टार्च में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। यह प्रभाव मधुमेह की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकता है। इसके अलावा, यह इंसुलिन को भी नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (4)।

4. हृदय के लिए मखाना का गुण

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि मखाने का सेवन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (3)। इसके अलावा, यह मधुमेह और बढ़ते वजन को भी नियंत्रित कर सकता है (2) (4)। वहीं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे को हृदय रोग का जोखिम कारक माना जाता है (5)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मखाने का सेवन इन समस्याओं से बचाव कर इनसे होने वाले हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि कमल का बीज यानी मखाना कार्डियोवस्कुलर रोग (हृदय संबंधी) से बचाव का काम कर सकता है (1)।

5. प्रोटीन का अच्छा स्रोत

मखाने में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। 100 ग्राम मखाने में लगभग 10.71 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है (6)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि मखाना खाने के फायदों में प्रोटीन की कमी को पूरा करना भी शामिल है। इसके नियमित उपयोग से शरीर में प्रोटीन की आवश्यक मात्रा की पूर्ति के साथ, उसकी कमी से होने वाली कई समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।

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6. गर्भावस्था में मखाना खाने के फायदे

गर्भावस्था में मखाना का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। गर्भावस्था में महिलाओं के लिए मखाने का उपयोग कई प्रकार के पकवानों में मिलाकर किया जाता है। एक शोध के अनुसार, मखाने का उपयोग गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद की होने वाली कमजोरियों को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे की आयरन, प्रोटीन, मैग्नीशियम और पाेटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (7)।

7. अनिद्रा में मखाने के लाभ

अनिद्रा यानी नींद न आने की समस्या में मखाना के लाभ देखे जा सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि अनिद्रा की समस्या के लिए मखाने का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से किया जाता है (1)। हालांकि, इस लाभ के पीछे मखाने का कौन-सा गुण जिम्मेदार होता है, फिलहाल इससे जुड़ा सटीक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।  

8. मसूड़ों के लिए मखाना खाने के फायदे

शोध में पाया गया है कि मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव पाए जाते हैं (1) (8)। मखाने में पाए जाने वाले ये दोनों गुण मसूड़े संबंधित सूजन और बैक्टीरियल प्रभाव के कारण होने वाली दांतों की सड़न को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं। इस कारण माना जा सकता है कि मखाने में पाए जाने वाले ये गुण मसूड़ों की सूजन के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, इस विषय पर सीधे तौर पर कोई शोध उपलब्ध नहीं है।

9. किडनी के लिए बेनिफिट्स ऑफ मखाना

मखाने का उपयोग किडनी के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई के एक शोध में जिक्र मिलता है कि मखाने का सेवन अन्य समस्याओं जैसे दस्त के साथ किडनी से जुड़ी परेशानियों से बचाव का काम कर सकता है (9)। फिलहाल, यहां यह स्पष्ट नहीं है कि इसका कौन-सा गुण किडनी की समस्या को ठीक करने में लाभदायक हो सकता है।

10. एंटी-एजिंग बेनिफिट्स ऑफ मखाना

त्वचा से संबंधित समस्याओं में मखाने के उपयोग पर किए गए एक शोध में पता चला है कि मखाना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह गुण त्वचा पर आने वाले एजिंग के प्रभाव जैसे झुर्रियों को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है (10)।

और भी है कुछ खास 

यहां हम आपको बता रहे हैं मखाने में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में। 

मखाने के पौष्टिक तत्व –  Makhana Nutritional Value in Hindi

मखाना खाने के फायदे उसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के कारण ही देखते को मिलते हैं। जानते हैं कि मखाने में कौन-कौन से पोष्टिक तत्व मौजूद होते हैं (6)।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
कैलोरी393 kcal
प्रोटीन10.71 ग्राम
फैट10.71 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट71.43 ग्राम
फाइबर3.6 ग्राम
शुगर3.57 ग्राम
कैल्शियम18 मिलीग्राम
पोटेशियम57 मिलीग्राम
सोडियम750 मिलीग्राम
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड1.79 ग्राम

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पौष्टिक तत्वों के बाद यहां मखाने के उपयोग के बारे में जानकारी दी जा रही है। 

मखाना का उपयोग – How to Use Makhana in Hindi 

मखाने खाने के लाभ के बाद इसके उपयोग की बात की जाए, तो इसे कई तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है, जिन्हें हम कुछ बिंदुओं की सहायता से जानेंगे।

  • मखाने को फ्राई कर स्नैक्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • कई लोग मखाने की खीर बनाकर इसे खाने में इस्तेमाल करते हैं।
  • कुछ लोग ऐसे भी है, जो सब्जी बनाते वक्त इसे मटर और पनीर के साथ शामिल करते हैं।

समय इसे नाश्ते के रूप में सुबह या शाम को खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

मात्रामात्रा की बात की जाए, तो सामान्य तौर पर एक बार में 20 से 30 ग्राम मखाने का उपयोग किसी भी रूप में किया जा सकता है। फिलहाल, इस संबंध में कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। 

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आर्टिकल के इस हिस्से में हम मखाने के चुनाव और उसे स्टोर करने के बारे में बता रहें हैं।

मखाना का चयन और लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका

मखाना का चयन करना और उसे लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए आप नीचे दिए कुछ जरूरी प्वाइंट को फॉलो कर सकते हैं।

कैसे करें चयन :

  • मखाने का चुनाव करते समय यह देख लें कि मखाना बहुत पुराना ना हो, नहीं तो उसके अंदर कीड़े होने की आशंका हो सकती है।
  • इस बात का ध्यान रखना जरूरी है वह सड़ न गया हो और उसमें नमी न आ गई हो।

मखाने को स्टोर करने का तरीका :

  • पहला यह है कि मखाने को एक एयरटाइट कंटेनर या डिब्बे में बंद करके रख दें और उसमें हवा नहीं लगनी चाहिए।
  • दूसरा यह है कि उसे नमक के साथ फ्राई करके डिब्बे में स्टोर करके रखा जा सकता है। इसे सूर्य की रोशनी और खुली हवा से दूर रखना चाहिए।
  • साथ ही ध्यान रहे कि इसे फ्रिज में स्टोर करके नहीं रखना चाहिए, वरना यह नरम हो जाएंगे और जल्दी खराब होने का डर रहेगा।

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आर्टिकल में आगे हम आपको बता रहे हैं मखाने के नुकसान के बारे में। 

मखाना के नुकसान – Side Effects of Makhana in Hindi

बता दें कि मखाना के नुकसान के बारे में कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। फिर भी कुछ बिंदुओं के माध्यम से हम इससे संबंधित आम पहलुओं को जान सकते हैं।

  • मखाना में फाइबर की मात्रा होती है, जोकि लेख में बताया जा चुका है। ऐसे में अधिक सेवन से मखाना के नुकसान गैस और पेट में ऐंठन के रूप में दिख सकते हैं (11)।
  • कुछ लोगों को मखाना खाने से एलर्जी हो सकती है।ऐसी स्थिति में चिकित्सक से तुरंत परामर्श लें (6) (12)।

अब तो आप जान गए होंगे कि मखाना खाने से क्या होता है। लेख में आपको मखाना के गुण, उपयोग और फायदों के बारे विस्तार से बताया जा चुका है। साथ ही आपको लेख के माध्यम से इस बात की भी जानकारी दी गई है कि इसका उपयोग किन-किन बीमारियों में लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसलिए, अगर आप भी मखाने को अपने नियमित आहार में शामिल करने की सोच रहे हैं, तो पहले लेख में दी गई इससे संबंधित पूरी जानकारी को अच्छे से पढ़ें। उसके बाद बताए गए तरीकों को अमल में लाएं। आशा करते हैं कि लेख में दी गई जानकारी आपकी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल करने में मददगार साबित होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मखाना की तासीर कैसी होती है?

मखाना की तासीर गरम होती है।

क्या व्रत या उपवास में मखाना खा सकते हैं?

हां, भारत में कई स्थानों पर मखाने को व्रत के भोजन के रूप में लिया जाता है।

क्या मखाना और कमल के बीज एक ही हैं?

कमल के बीज और मखाना एक ही हैं।

References

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  1. Current Advances in the Metabolomics Study on Lotus Seeds
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4913082/
  2. Anti-obesity and hypolipidaemic effects of Nelumbo nucifera seed ethanol extract in human pre-adipocytes and rats fed a high-fat diet
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23824592/
  3. Prophylactic effects of alkaloids from Ba lotus seeds on L-NNA-induced hypertension in mice
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27914527/
  4. Genome-wide transcriptional changes in type 2 diabetic mice supplemented with lotus seed resistant starch
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29853397/
  5. Know Your Risk for Heart Disease
    https://www.cdc.gov/heartdisease/risk_factors.htm
  6. HIMALAYAN PINK SALT POPPED WATER LILY SEEDS, HIMALAYAN PINK SALT
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/905358/nutrients
  7. Makhana (Euryale ferox Salisb)-A Review
    http://ijapc.com/volume4-second-issue/69-76.pdf
  8. Phytochemical Profile and Biological Activity of Nelumbo nucifera
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4710907/
  9. The effect of Euryale ferox (Makhana), an herb of aquatic origin, on myocardial ischemic reperfusion injury
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16628469/
  10. Photoprotective Effect of Lotus (Nelumbo nucifera Gaertn.) Seed Tea against UVB Irradiation
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4596341/
  11. Fiber
    https://medlineplus.gov/ency/article/002470.htm#:~:text=Side%20Effects&text=Eating%20a%20large%20amount%20of,to%20the%20increase%20in%20fiber.
  12. Potassium
    https://medlineplus.gov/druginfo/meds/a601099.html
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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