Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

गलत खान-पान, दूषित वातावरण और आसपास की गंदगी के कारण कई बैक्टीरिया और वायरस पैदा हो जाते हैं। इन बैक्टीरिया और वायरस की वजह से कई बीमारियां और समस्याएं देखने में आती हैं। उनमें से कुछ तो ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ लंबे समय के लिए शरीर में घर कर जाती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है मस्से की समस्या, जो आपकी खूबसूरती पर दाग के समान होते हैं। ये देखने में बेहद भद्दे लगते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम मस्सों के कारण और मस्से के घरेलू इलाज क्या हैं, इसके बारे में चर्चा करेंगे।

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आर्टिकल में सबसे पहले हम मस्सा क्या है, इसके बारे में कुछ जानकारी जुटा लेते हैं।

मस्सा क्या है? – What Are Warts in Hindi

मस्सा, त्वचा की बाहरी परत पर एक मोटी और कठोर गांठ जैसा होता है। ये शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकते हैं। हाथ और पैरों की त्वचा पर इनके विकसित होने की आशंका ज्यादा होती है। ये त्वचा पर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papilloma Virus) यानी एचपीवी संक्रमण के कारण होते हैं। खास बात यह है कि बेशक ये गांठ जैसे होता हैं, लेकिन कैंसर का कारण नहीं बनते हैं (1)।

पढ़ते रहें

आइए, अब यह जान लेते हैं कि मस्से कितने प्रकार के होते हैं।

मस्सा के प्रकार – Types of Warts in Hindi

मुख्य रूप से मस्से छह प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (2):

कॉमन मस्सा (Common warts): यह मस्सा सुई की नोक से लेकर मटर के आकार तक का हो सकता है। यह अक्सर हाथों, उंगलियों, नाखूनों के आसपास की त्वचा और पैरों पर पाया जाता है। इन मस्सों को छूने पर खुरदरा सा अहसास हो सकता है। आमतौर पर यह मस्सा हाथों के पीछे, नासूनों के आसपास की त्वचा या तो उंगलियों और पैरों पर पाया जा सकता है।

प्लांटार मस्सा (Plantar warts): प्लांटार मस्से आकार में काफी बड़ा हो सकता है। यह ज्यादातर पैरों की एड़ियों और तलवों पर होता है। हालांकि, पैरों के तलवे पर व्यक्ति के शरीर का दबाव पड़ता है, इसलिए यह मस्सा बाकी अन्य मस्सों के मुकाबले बाहर की ओर नहीं बढ़ पाता है। खड़े और चलने पर यह तलवे के अंदर की ओर दबता है। इस दबाब के कारण यह तलवे पर दर्द उत्पन्न कर सकता है या, तो तलवे की उस जगह की त्वचा को सॉफ्ट कर सकता है। ऐसे में इस तरह के मस्से की बीमारी का इलाज करना थोड़ा मुश्किल होता है।

मोजेक मस्सा (Mosaic warts): यह छोटे आकार का सफेद रंग का मस्सा होता है। यह आमतौर पर पैरों की उंगलियों के नीचे पाया जाता है, जो पूरे पैर में फैल सकता है। मोजेक मस्सा प्लांटार मस्सा के मुकाबले थोड़ा फ्लेट होता है। ऐसे में चलने फिरने में इस तरह के मस्से के कारण कभी भी किसी भी तरह का दर्द महसूस नहीं हो सकता है।

फिलीफॉर्म मस्सा (Filiform warts): यह धागे जैसा पतला और आगे से नुकीला होता है। यह मुख्य रूप से चेहरे पर होता है। चेहरे पर होने के कारण यह ज्यादा परेशान कर सकता है।

फ्लैट मस्सा (Flat warts): यह हल्के भूरे रंग का होता है और आमतौर पर चेहरे, माथे व गाल पर पाया जाता है। यह अंडरआर्म्स पर भी हो सकता है।

जेनिटल मस्सा (Genital warts): ये मस्सा जननांग पर बैक्टीरिया के कारण होता है। यह मस्सा छोटी कठोर गांठ जैसा नजर आता है।

बने रहें हमारे साथ

मस्सों के प्रकार के बाद हम आगे मस्सा होने के कारण के बारे में बता रहे हैं।

मस्सा के कारण – Causes of Warts in Hindi

मस्से मुख्य रूप से संक्रमण के कारण होते हैं। मस्सा होने के कारण और भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (2):

  • मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण होता है। यह वायरस 100 से अधिक प्रकार का होता है, जो त्वचा में छोटे-छोटे कट के माध्यम से प्रवेश कर सकता है और अतिरिक्त कोशिकाओं की वृद्धि का कारण बन सकता है। इससे त्वचा की बाहरी परत मोटी और सख्त हो जाती है, जो मस्सा का रूप ले लेता है।
  • एचपीवी वायरस से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह हो सकता है।
  • दूसराें का तौलिया या फिर रेजर इस्तेमाल करना भी मस्सा होने का कारण बन सकता है।
  • घाव वाली त्वचा के संक्रमित होने से भी इसके होने की आशंका अधिक हो जाती है।

अभी आगे और है जानकारी

मस्से होने के कारण जानने के बाद अब मस्सा के लक्षण के बारे में भी जान लेते हैं।

मस्सा के लक्षण – Warts Symptoms in Hindi

कुछ खास लक्षणों के जरिए जान सकते हैं कि मस्से हैं या नहीं (2):

  • त्वचा के ऊपर गांठ जैसा दिखाई देना।
  • त्वचा के ऊपर गहरे रंग के धब्बे या तिल जैसे निशान बनना।
  • त्वचा पर अलग-अलग प्रकार के रंग का होना।
  • मस्से पर काले धब्बों की उपस्थिति, रक्त वाहिकाओं को बंद कर सकती है।
  • त्वचा पर बनी हुई गांठ मुलायम या फिर खुरदरी होना भी मस्से के लक्षण हो सकते हैं।

मस्सा हटाने के लिए अब मसा का घरेलू उपचार कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में जानेंगे।

मस्सा के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Warts in Hindi

त्वचा पर मस्से का होना परेशानी का विषय बन सकता है। इससे पीड़ित लोग अगर मस्सा हटाने का उपाय खोज रहे हैं, तो चिंता न करें। यहां पर हम कुछ आसान से मस्सों का घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं। इनके जरिए मस्से हटाने की विधि बताने जा रहे हैं।

नोट: इन मस्सा हटाने के उपाय का उपयोग जेनिटल मस्से के लिए न करें। अगर जेनिटल मस्सा है, तो इसके इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें। साथ ही इन घरेलू नुस्खों को उपयोग करने से पहले त्वचा विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है, क्योंकि कुछ लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है और इनमें से कुछ घरेलू नुस्खों से उन्हें एलर्जी हो सकती है।

1. लहसुन से मस्से का इलाज

सामग्री:

  • 1-2 लहसुन की कलियां

कैसे करें इस्तेमाल:

  • लहसुन को कुचल कर एक पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को मस्से से प्रभावित स्थान पर लगाएं।

कब करें उपयोग:

  • इसे दिन में दो से तीन बार उपयोग कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

मसा के घरेलू उपचार की बात करें, तो लहसुन का इस्तेमाल कारगर माना जा सकता है। दरअसल, लहसुन में एंटीवायरल और एंटी कार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं। ये गुण वायरल से संक्रमित कोशिकाओं के प्रसार को रोक सकते हैं। इस प्रकार लहसुन मस्सा का कारण बनने वाले वायरल संक्रमण का इलाज करने में मददगार हो सकता है (3)।

2. अरंडी का तेल

सामग्री:

  • 1 चम्मच अरंडी का तेल
  • 2-3 बूंदें एसेंशियल ऑयल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • एक कटोरी में एसेंशियल ऑयल की दो से तीन बूंदों के साथ एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाएं।
  • इसे कॉटन की सहायता से मस्से पर लगाएं।
  • इसे कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर पानी से धो लें।

कब करें उपयोग:

  • इसका उपयोग सुबह नहाने से पहले और रात को सोने से पहले कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

अरंडी का तेल मस्से हटाने की दवा के रूप में लाभकारी साबित हो सकता है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि अरंडी के तेल में पाए जाने वाला एंटीवायरल गुण मस्से के बैक्टीरिया को रोकने और उसे समाप्त करने में मदद कर सकता है (4 )। एंटीवायलर गुण मस्से और इससे फैलने वाले ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को दूर करने के लिए एक कारगर घटक हो सकता है (5 )। ऐसे में कहा जा सकता है कि अरंडी का तेल का उपयोग मस्सों के घरेलू उपचार के तौर पर किया जा सकता है।

3. टी ट्री तेल

सामग्री:

  • टी ट्री ऑयल की 2-3 बूंदें
  • कॉटन बॉल
  • एक चम्मच नारियल तेल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • नारियल तेल में टी ट्री ऑयल को मिलाएं।
  • इसके बाद कॉटन बॉल की मदद से इसे मस्से पर लगाएं।

कब करें उपयोग:

  • ऐसा हफ्ते में रोजाना सुबह और शाम को कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

टी ट्री ऑयल मस्से की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। ये एटिऑलॉजिकल माइक्रोबियल (Aetiological Microbial) गुण से भरपूर होता है, जो त्वचा के संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके उपयोग से मस्से को फैलाने वाले बैक्टीरिया को समाप्त कर सकते हैं (6)। इसके अलावा, इस तेल में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है, जो बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होने वाले मस्से को दूर कर सकता है ( 7 )। ऐसे में टी ट्री के तेल का उपयोग मस्सों के घरेलू उपचार के तौर पर किया जा सकता है।

4. सिरके से मस्से का इलाज

सामग्री:

  • 2 चम्मच सिरका
  • एक कॉटन बॉल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • सिरके में कॉटन को भिगोकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
  • इसे कुछ देर ऐसे ही लगा रहने दें।

कब करें उपयोग:

  • इसका उपयोग दिन में एक बार कभी भी कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

मस्से की बीमारी का इलाज सिरके का उपयोग करके भी किया जा सकता है। दरअसल, सिरके में मौजूद असेटिक एसिड बैक्टीरिया द्वारा बढ़ने वाले संक्रमण को फैलने नहीं देता। इसे मस्से पर लगाने से जल्दी ही फायदा हो सकता है (8)। ऐसे में कहा जा सकता है कि मस्सा हटाने का उपाय अपनाते वक्त सिरके का इस्तेमाल करना लाभदायक हो सकता है।

5. एलोवेरा

सामग्री:

  • 1 चम्मच एलोवेरा का गूदा

कैसे करें इस्तेमाल:

  • एलोवेरा के गूदे को मस्से वाले स्थान पर लगाकर कुछ देर के लिए हल्के-हल्के हाथों से मसाज करें।
  • इसके बाद थोड़ी देर तक उसे ऐसे ही छोड़ दें और फिर धो लें।

कब करें उपयोग:

  • इसका उपयोग रोजाना कभी भी कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

मस्से हटाने की दवा के रूप में एलोवेरा का इस्तेमाल गुणकारी हो सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, एलोवेरा में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो मस्से का कारण बनने वाले वायरल संक्रमण को न सिर्फ रोक सकते हैं, बल्कि उन्हें समाप्त करने में मदद भी कर सकते हैं (9)। ऐसे में कहा जा सकता है कि मस्से की बीमारी का इलाज में एलोवेरा का उपयोग किया जा सकता है।

6. बेकिंग सोडा से मस्से का इलाज

सामग्री:

  • 2 चम्मच बेकिंग सोडा
  • 1 चम्मच एसेंशियल ऑयल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • दोनों सामग्रियों को एक साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें।
  • फिर इस पेस्ट को मस्से पर लगाएं।
  • कुछ देर बाद इसे साफ कर लें।

कब करें उपयोग:

  • इस विधि का प्रयोग हफ्ते में दो से तीन बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:
मस्सों के घरेलू उपचार में एक नाम बेकिंग सोडा का भी माना जा सकता है। जैसा कि ऊपर लेख में बताया जा चुका है कि मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण हो सकता है ( 7 )। माना जाता है कि बेकिंग सोडा जिसे सोडियम बायकार्बोनेट भी कहा जाता है, इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है (10 )। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।

7. नींबू

सामग्री:

  • 1 चम्मच नींबू का रस
  • 2 चम्मच पानी
  • कॉटन बॉल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • नींबू के रस को पानी में मिलाएं।
  • इस मिश्रण को मस्से पर कॉटन के द्वारा लगा सकते हैं।
  • कुछ देर इसे लगा रहने दें और फिर इसे धो लें।

कब करें उपयोग:

  • इसका उपयोग कभी भी कर सकते हैं। सुबह नहाने से पहले इसका उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।

कैसे है फायदेमंद:

मस्से के मसले को सुलझाने के लिए नींबू बहुत ही काम की चीज हो सकती है। दरअसल, इसमें साइट्रिक एसिड पाया जाता है, जिसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होता है। यह मस्से को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकता है (11)।

8. केला के छिल्के से मस्से का इलाज

सामग्री:

  • एक पके केले का छिल्का

कैसे करें इस्तेमाल:

  • केले के छिल्के को मस्से पर 5 से 10 मिनट तक रख सकते हैं।

कब करें उपयोग:

  • इसका उपयोग दो दिन में एक बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

केला खाने के बाद अक्सर लोग उसके छिल्के को फेंक देते होंगे, लेकिन क्या यह बात जानते हैं कि केले का छिल्का भी बहुत गुणकारी होता है। इसमें एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल के साथ ही एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। केले के छिल्के में पाए जाने वाले ये गुण मस्से को दूर करने के लिए रामबाण साबित हाे सकते हैं (12)।

9. थूजा का तेल

सामग्री:

  • 2-3 बूंद थूजा का तेल
  • 2-3 बूंद एसेंशियल ऑयल
  • 1 कॉटन बॉल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • थूजा के तेल को एसेंशियल ऑयल के साथ मिला लें।
  • फिर इसमें कॉटन बॉल के डुबो दें।
  • इस कॉटन को मस्से से प्रभावित वाले स्थान पर कुछ देर के लिए लगाएं।
  • बाद में इसे ऐसे ही छोड़ दें।

कब करें उपयोग:

  • इसका उपयोग हफ्ते में दो बार किसी भी दिन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

मस्से का इलाज करने के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा में थूजा के तेल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। थूजा एक सदाबहार पेड़ हैं और इसकी पत्तियों से तैयार दवा को त्वचा से जुड़ी बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें एक मस्सा भी है (13)। मस्से को दूर करने वाले गुण के लिए अभी थूजा के तेल पर और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।

10. हल्दी

सामग्री:

  • 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 छोटा चम्मच एसेंशियल ऑयल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • तेल और हल्दी काे मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं।
  • इसे लगाकर ऐसे ही छोड़ दें, ये खुद ही सूख कर झड़ जाएगा।

कब करें उपयोग:

  • इसका उपयोग रोजाना कभी भी कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

हल्दी न सिर्फ हमारा रक्त साफ करती है, बल्कि यह अन्य मामलों में भी गुणकारी होती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं ( 14)। हल्दी में पाए जाने वाले ये गुण मस्से का कारण बनने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस को समाप्त करने में कारगर होते हैं। इसके अलावा, ये मस्से के प्रभाव को भी समाप्त करने में मदद कर सकते हैं (7 )। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है।

11. बीटल जूस

सामग्री:

  • 2-3 बूंदें बीटल जूस
  • 1-2 बूंद पॉडोफिलिन
  • 2 बूंद सैलिसिलिक एसिड
  • एक बैंडेज

कैसे करें इस्तेमाल:

  • सब को मिलाकर प्रभावित त्वचा पर लगाएं।
  • इसके ऊपर से बैंडेज या पट्टी को आराम से बांध लें।
  • इसे 24 घंटे के लिए बंधा रहने दें।

कब करें उपयोग:

  • रोजाना रात को सोते समय इसका उपयोग कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

बीटल जूस जिसे कैंथारिडिन (Cantharidin) के नाम से भी जानते हैं, मस्से के उपचार के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसको पॉडोफिलिन (Podophyllin) और सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid) के साथ मिलाकर उपयोग करने पर मस्से की समस्या के साथ ही तिल की समस्या को भी दूर करने में कुछ मदद मिल सकती है (15)।

12. नीम का तेल

सामग्री:

  • 1 चम्मच नीम का तेल
  • 1 कॉटन बॉल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • कॉटन बॉल को नीम के तेल में भिगाएं।
  • इसे मस्से वाले स्थान पर आराम-आराम से लगाएं।

कब करें उपयोग:

  • इसका उपयोग दिन में 2 बार कभी भी कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

नीम का नाम और इसके उपयोग के बारे में कौन नहीं जानता। इसमें मौजूद गुण हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इन्हीं गुणों में से एक गुण है एंटीवायरल गुण, जो मस्से के उपचार में लाभदायक हो सकते हैं। यह ना सिर्फ मस्से को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को न सिर्फ रोकता है, बल्कि इसके संक्रमण को भी समाप्त कर देता है और दोबारा पनपने नहीं देता (16)।

13. अजवायन का तेल

सामग्री:

  • 4-5 बूंद अजवायन का तेल
  • 1 कॉटन बॉल

कैसे करें इस्तेमाल:

  • मस्से वाले स्थान को साफ कर लें।
  • कॉटन बॉल पर अजवायन के तेल को डालें।
  • इसे मस्से वाली जगह पर लगाए और थोड़ी देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।

कब करें उपयोग:

  • नहाने से पहले रोजाना इस विधि का उपयोग कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

छोटी-सी दिखाई देने वाली अजवायन कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। इसका तेल मस्से की समस्या को कुछ हद तक दूर कर सकता है। अजवायन का तेल एंटीवायरल गुणों से संपन्न होता है (17)। इसमें पाया जाने वाला यह गुण एचपीवी नामक वायरस को समाप्त करके मस्सा हटाने का उपायमस्से की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है (18 )।

वहीं, सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की रिसर्च के अनुसार, एचपीवी के उपचार में एंटीवायरस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है (19)। ऐसे में बेहतर होगा कि इस संबंध में एक बार डॉक्टर की राय जरूर ली जाए।

14. विटामिन ए

मस्सों की समस्या को दूर करने के लिए विटामिन-ए को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए उन पदार्थों का सेवन करें, जो विटामिन-ए से भरपूर हों। डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-ए के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। विटामिन-ए मस्से का कारण बनने वाले एचपीवी नामक वायरस पर अपना प्रभाव दिखाता है और इसे धीरे-धीरे कम करके समाप्त कर सकता है (20)।

15. तुलसी की पत्तियां

सामग्री :

  • 4-5 बूंद तुलसी की पत्तियों का पेस्ट

कैसे करें इस्तेमाल:

  • मस्से वाले स्थान को साफ करें।
  • तुलसी की पत्तियों को पीसकर पेस्ट तैयार करें ।
  • इसे मस्से वाली जगह पर लगाएं और थोड़ी देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • आधे घंटे बाद पानी से साफ कर लें।

कब करें उपयोग:

  • हफ्ते में दो से तीन बार इस उपाय को कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

एक शोध में साफ तौर से इस बात की जानकारी दी गई है कि मस्से की समस्या में पौराणिक समय से तुलसी की पत्तियों का उपयोग किया जाता आ रहा है। साथ ही इसमें तुलसी के पत्तीयों में पाए जाने वाले एंटीवायरल और एंटी कार्सिनोजेनिक प्रभावों की जानकारी भी दी गई है। लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि ये दोनों गुण संक्रमित कोशिकाओं के प्रसार को रोककर मस्से के कारण बनने वाले संक्रमण से राहत दिला सकते हैं (21)। ऐसे में कहा जा सकता है कि तुलसी की पत्तियों का उपयोग मस्सा हटाने में कारगर हो सकता है।

लेख में अंत तक बने रहें

लेख के इस अंतिम हिस्से में हम मस्से की समस्या से बचने के लिए कुछ उपाय बता रहे हैं।

मस्सा से बचाव – Prevention Tips for Warts in Hindi

अगर मस्से नहीं है, तो जरूरी नहीं की भविष्य भी में न हो। अगर इससे बचना चाहते हैं, तो नीचे दिए कुछ जरूरी उपाय को फाॅलो करें, जो इस प्रकार हैं:

  • अपने हाथ और पैरों को नियमित रूप से धोएं।
  • अपने नाखूनों को जंग लगे या संक्रमित औजारों द्वारा कटने से बचाना चाहिए।
  • ध्यान रखें कि अपनी वस्तुओं जैसे तौलिया व जूते-चप्पल आदि हर किसी के साथ शेयर न करें।
  • अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज रखें।
  • अपने पैरों को हमेशा सार्वजनिक स्थानों पर ढक कर रखें।

मस्से के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए ?

मस्सा की समस्या से पीड़ित लोगों को निम्न स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करने में बिल्कुल भी देरी नहीं चाहिए, जो इस प्रकार हैं (22) :

  • इंफेक्शन के लक्षण जैसे मवाद, लाल लकीरे, बुखार और खून निकलने पर।
  • मस्से से लगातार खून निकल रहा हो।
  • मस्सा में दर्द होने पर।
  • मधुमेह या फिर इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर मस्से का उत्पन्न होना।
  • निजी अंगों में मस्से की शिकायत होने पर।
  • मस्सा के रंग में परिवर्तन होना।

आपने आर्टिकल में पढ़ा कि थोड़ी-सी भी लापरवाही कैसे किसी भी वायरस के फैलने का कारण बन सकती है। उन्हीं में से एक मस्से को फैलाने वाला वायरस भी है। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपसे मस्से के लक्षण, मसे का घरेलू इलाज और उसको फैलाने वाले वायरस की जानकारी साझा की है। साथ ही मस्से हटाने की विधि और उससे बचने के उपायों को भी बताया है। ये घरेलू नुस्खे मस्से की समस्या को कम कर सकते हैं और मेडिकल ट्रीटमेंट के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं। वहीं, सावधानी के लिए इन्हें उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

क्या मस्सा संक्रामक हैं?

हां, मस्सा संक्रामक होता है (2)।

क्या मस्से शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैल सकते हैं?

हां, मस्सा शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैल सकता है (2)।

कुछ मस्सों में काले बिंदु क्यों होते हैं?

कुछ मस्सों में त्वचा में केशिकाओं से रिसने वाले थक्केदार रक्त के कारण काले धब्बे हो सकते हैं। (2)।

मस्सा बिना इलाज के कितने समय तक सही हो सकता है ?

मस्सा बिना इलाज के कितने समय तक सही हो सकता है, इस बारे में सटीक जानकारी दे पाना थोड़ा मुशकिल है। हालांकि, अगर इसे हटाने के लिए घरेलू उपचार अपनाया जा तो एक से ढेड महीने तक का समय लग सकता है। इसके लिए थोड़ा धैर्य बरतने की आवश्यकता होगी।

क्या मस्से को काट सकते हैं?

मस्से के इलाज में सर्जरी द्वारा मस्से को काट कर निकाला जा सकता है (23)।

क्या होता है जब मस्से से खून बहता है?

मस्से से खून बहना इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

कैसे पता चलेगा कि मस्से का इलाज कब बंद करना है?

जब मस्से का रंग त्वचा की तरह नजर आने लगे, तब इसका इलाज बंद कर सकते हैं। हालांकि, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए चिकित्सक से बात करना बेहतर होगा।

मस्सा बवासीर का लक्षण हो सकता है ?

नहीं, निजी अंग में मस्सा (Anal wart) और बवासीर अलग-अलग होते हैं ( 24 )।

चूने से मस्से का इलाज किया जा सकता है ?

हां, चूने से मस्से का इलाज किया जा सकता है (25)।

क्या मस्से हटाने के लिए होम्योपैथिक क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं ?

नहीं, मस्से हटाने के लिए होम्योपैथिक क्रीम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इससे संबंधित एक शोध में होम्योपैथिक क्रीम को इसके इलाज के लिए असरदार नहीं पाया गया है (23)।

References

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    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3274422/
  21. Basilicum
    https://www.sciencedirect.com/topics/agricultural-and-biological-sciences/basilicum
  22. Warts
    https://medlineplus.gov/ency/article/000885.htm
  23. What are the treatment options for warts?
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279585/
  24. Management of haemorrhoids
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2244760/
  25. A Case Report on removal of Filiform Warts using Siddha Kaalaani Kalimpu
    http://www.ayurvedjournal.com/JAHM_202061_04.pdf
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Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations.

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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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