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बदलते मौसम और बैक्टीरिया-वायरस के चलते संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इस दौरान सर्दी, खांसी व फ्लू के अलावा भी कई ऐसे संक्रमणों का जोखिम बढ़ जाता है, जो गंभीर शारीरिक समस्याओं का कारण बन जाते हैं, जिनमें मैनिंजाइटिस भी शामिल है। अब सवाल यह उठता है कि मैनिंजाइटिस क्या है और यह कैसे इंसान को प्रभावित कर सकता है। ये सभी जानकारी हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में दे रहे हैं। यहां हम मैनिंजाइटिस के प्रकार, इसके कारण और इससे जुड़े मेडिकल ट्रीटमेंट के बारे में जरूरी जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
आइए, इस लेख के सबसे पहले भाग में जानिए कि मैनिंजाइटिस क्या है।
मैनिंजाइटिस क्या है? – What is Meningitis in Hindi
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी) को सुरक्षित रखने के लिए उन पर टिश्यू की तीन परत होती हैं, जिन्हें मेनिन्गेस (Meninges) कहा जाता है (1)। जब कुछ कारणों के चलते मेनिन्जेस में सूजन आ जाती है, तो उसे मैनिंजाइटिस कहा जाता है। मेनिन्जेस में यह सूजन कुछ प्रकार के बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकती है (2) । मैनिंजाइटिस के कारण संक्रमण के अलावा कुछ अन्य भी हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको लेख में आगे बताएंगे।
यह जानने के बाद कि मैनिंजाइटिस क्या है, लेख के अगले भाग में जानिए कि मैनिंजाइटिस के प्रकार कितने होते हैं।
मैनिंजाइटिस के प्रकार – Types of Meningitis in Hindi
मैनिंजाइटिस के प्रकार छह तरह के होते, जिनके बारे में नीचे बताया गया है (2) :
- बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस : इस मैनिंजाइटिस के प्रकार में बैक्टीरिया की वजह से मेनिन्जेस में संक्रमण हो सकता है। यह संक्रमण जानलेवा हो सकता है।
- वायरल मैनिंजाइटिस : इस प्रकार के मेनिन्गेस में संक्रमण वायरस की वजह से हो सकता है। यह संक्रमण बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस जितना खतरनाक नहीं होता। वहीं, मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इस समस्या से बच सकते हैं।
- फंगल मैनिंजाइटिस : यह फंगस के कारण होने वाले संक्रमण की वजह होता है। यह प्रकार आम नहीं है, लेकिन कई बार श्वास के माध्यम से फंगस शरीर में प्रवेश कर सकता है, जिससे यह संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा, मधुमेह, एचआईवी और कैंसर से पीड़ित लोगों को यह मैनिंजाइटिस हो सकता है।
- पैरासाइटिक मैनिंजाइटिस : इस मैनिंजाइटिस के प्रकार में संक्रमण पैरासाइट की वजह से होता है, जो दिमाग और तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालता है। यह प्रकार बैक्टीरिया मैनिंजाइटिस और वायरल मैनिंजाइटिस जितना आम नहीं होता।
- अमेबिक मैनिंजाइटिस : यह नेगलेरिया फाउलरली (Naegleria Fowleri) नाम के एक प्रकार के अमीबा से होता है। यह इस संक्रमण का एक दुर्लभ प्रकार है, जो आसानी से लोगों में नहीं पाया जाता। चिकित्सकीय भाषा में इसे प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस (Primary Amebic Meningoencephalitis) कहा जाता है।
- गैर–संक्रामक मैनिंजाइटिस : मैनिंजाइटिस का यह प्रकार किसी संक्रमण की वजह से नहीं होता। इसके होने के कारण कुछ अन्य हो सकते हैं, जैसे सिर पर चोट, कैंसर, ब्रेन सर्जरी, कुछ प्रकार की दवाइयां या ड्रग्स आदि।
लेख के अगले भाग में जानिए मैनिंजाइटिस के कारण के बारे में।
मैनिंजाइटिस के कारण – Causes of Meningitis in Hindi
मैनिंजाइटिस के कारण उसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। मैनिंजाइटिस के कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं (3) :
- कुछ प्रकार के बैक्टीरिया जैसे निसेरिया मेनिंगिटिडिस (Neisseria Meningitidis) या स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया (Streptococcus Pneumoniae)
- वायरल संक्रमण फैलाने वाले वायरस।
- पैरासाइट जैसे एंजियोस्ट्रॉन्गिलस केंटोनेंसिस (Angiostrongylus Cantonensis), बैलिस्स्केरिस प्रोसीओनिस (Baylisascaris Procyonis) (4)
- फंगस जैसे क्रिप्टोकोकस (Cryptococcus), हिस्टोप्लाज्मा (Histoplasma), ब्लास्टोमाइसेस (Blastomyces), कोकाइडिओड्स (Coccidioides) और कैंडिडा (Candida) (5)
- अमीबा जैसे नेगलेरिया फाउलरली (Naegleria Fowleri) (6)
- कैंसर, सिर पर चोट, कुछ प्रकार की दवाइयां या ड्रग्स (3)
- लुपस – एक प्रकार का ऑटोइम्यून रोग जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है जैसे त्वचा, जोड़ व अंदरूनी अंग आदि (7)
मैनिंजाइटिस के कारण बताने के बाद, आइए आपको बता दें कि मैनिंजाइटिस के लक्षण क्या हो सकते हैं।
मैनिंजाइटिस के लक्षण – Symptoms of Meningitis in Hindi
मैनिंजाइटिस के लक्षण को दो भागों में बांटा जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हो सकते हैं (3):
शुरुआती लक्षण :
- बुखार
- सिरदर्द
- उल्टी और मलती
- जोड़ो, मांसपेशियों में दर्द और अकड़न
- हाथों और पैरों का ठंडा पड़ जाना
- कंपकंपी
- त्वचा का पीला पड़ना
- होंठों का नीला पड़ना
बाद के लक्षण :
- आलस आना
- भ्रम होना (कंफ्यूजन)
- दौरा पड़ना (8)
- श्वास गति का बढ़ना
- तेज रोशनी को सहन न कर पाना
- गर्दन में तकलीफ
मैनिंजाइटिस के लक्षण जानने के बाद यह जानना भी जरूरी है कि कौन से जोखिम कारक मैनिंजाइटिस के कारण बन सकते हैं।
मैनिंजाइटिस के जोखिम कारक – Risk Factors of Meningitis in Hindi
मैनिंजाइटिस के जोखिम कारक मैनिंजाइटिस के प्रकार पर निर्भर करते हैं। ये कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
1. बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (9)
- यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन बच्चों को इस मैनिंजाइटिस के प्रकार का अधिक खतरा रहता है।
- किसी जगह पर बड़े समूह में रहने वाले लोगों में बैक्टीरियल संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक रहता है, जैसे कॉलेज।
- कुछ मेडिकल परिस्थितियां, जिस बारे में डॉक्टर बेहतर तरीके से बता सकते हैं।
- वैज्ञानिक, जो मैनिंजाइटिस फैलाने वाले बैक्टीरिया पर काम या शोध करते हैं।
- अधिक गर्म या भीड़ वाली जगह पर जाना।
2. वायरल मैनिंजाइटिस
इसके जोखिम कारक कुछ इस प्रकार हैं (10):
- पांच साल से कम उम्र के बच्चे
- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग
- मेडिकल ट्रीटमेंट जैसे कीमोथेरेपी
- बॉडी या बोन मेरो ट्रांसप्लांट
3. फंगल मैनिंजाइटिस
- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
- कैंसर
- एचआईवी से संक्रमित
- कुछ मेडिकल परिस्थितियां और दवाइयां, जैसे स्टेरॉयड या बॉडी ट्रांसप्लांट की दवाइयां
- प्रीमेच्योर बर्थ (समय से पहले बच्चे का जन्म) (11)
4. पैरासाइटिक मैनिंजाइटिस
- ए. कैंटोनेंसिस नाम के पैरासाइट से दुनिया के कई देशों में रहने लोग संक्रमित हो सकते हैं, जिसमें दक्षिण-पूर्व एशिया भी शामिल है (12)।
5. अमीबिक मैनिंजाइटिस
यह अक्सर नेगलेरिया फाउलर से संक्रमित पानी में नहाने या मुंह धोने से नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है (13)।
लेख के अगले भाग में जानिए कि मेडिकल रूप से मैनिंजाइटिस का उपचार कैसे किया जा सकता है।
मैनिंजाइटिस का इलाज – Treatment of Meningitis in Hindi
मैनिंजाइटिस के लक्षण और जोखिम कारक की तरह मैनिंजाइटिस का इलाज भी इसके प्रकार पर निर्भर करता है। मैनिंजाइटिस के प्रकार के अनुसार, इसका इलाज कुछ इस प्रकार किया जा सकता है :
- बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस : बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक जैसे सेफलोस्पोरिन (Cephalosporins) दी जा सकती है। सेफलोस्पोरिन को अकेले या एम्पीसिलीन (Ampicillin) के साथ दिया जा सकता है (3)।
- वायरल मैनिंजाइटिस : मैनिंजाइटिस के इस प्रकार के इलाज के लिए शुरू में किसी उपचार की जरूरत नहीं होती। यह 7 से 10 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। वहीं, अगर लक्षण बिगड़ने लगे, तो एंटीवायरल दवाइयां देने की जरूरत पड़ सकती है (10)।
- फंगल मैनिंजाइटिस : फंगल मैनिंजाइटिस का उपचार एंटीफंगल दवाइयों जैसे अम्फोटेरिसिन बी (Amphotericin B) और फ्लुसाइटोसाइन (Flucytosine) की मदद से किया जा सकता है (3)।
- पैरासाइटिक मैनिंजाइटिस : इसके लिए कोई विशिष्ट इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए दवाइयां दी जा सकती हैं। साथ ही, पैरासाइट के खिलाफ शरीर की प्रतिक्रिया को कम करने के लिए भी दवाइयां दी जा सकती हैं (12)।
- अमीबिक मैनिंजाइटिस : अमीबिक मैनिंजाइटिस का उपचार करने के लिए कुछ दवाइयां, जैसे मिल्टेफोसीन (Miltefosine) लेने की सलाह दी जा सकती है। इसके अलावा, कुछ और एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाइयां लेने की सलाह दी जा सकती है (14)।
- गैर–संक्रामक मैनिंजाइटिस : गैर-संक्रामक मैनिंजाइटिस का इलाज कोर्टिसोन दवाओं (खास एलर्जी के लिए उपयोग की जाने वाली दवाइयां) की मदद से किया जा सकता है। कुछ मामलों में यह अपने आप ठीक हो जाता है और तब इसके इलाज के लिए किसी दवाई की जरूरत नहीं पड़ती (3)।
नोट: मैनिंजाइटिस का उपचार करने के लिए बताई गई कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
यह जानने के बाद कि मैनिंजाइटिस का इलाज कैसे किया जा सकता है, लेख के आखिरी भाग में जानिए मैनिंजाइटिस से बचने के उपाय के बारे में।
मैनिंजाइटिस से बचने के उपाय – Prevention Tips for Meningitis in Hindi
नीचे बताए गए तरीकों की मदद से मैनिंजाइटिस से बचा जा सकता है।
1. बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस
- वैक्सीन की मदद से।
- धूम्रपान न करें।
- संक्रमित लोगों से दूर रहे।
- पर्याप्त आराम करें (9)।
2. वायरल मैनिंजाइटिस
- बाथरूम का उपयोग करने के बाद या बच्चों के डायपर बदलने के बाद हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से अच्छी तरह धोएं।
- संक्रमित लोगों से दूर रहें।
- अपने आसपास सफाई रखें।
- बीमार होने पर घर पर आराम करें, बाहर न जाएं (10)।
3. फंगल मैनिंजाइटिस
- उन चीजों से दूर रहें जो फंगल संक्रमण का कारण बन सकती हैं, जैसे चिड़ियों या चमगादड़ का मल।
- मिट्टी न खोदें।
- धूल से दूर रहें (11)।
4. पैरासाइटिक मैनिंजाइटिस
पैरासाइटिक मैनिंजाइटिस से बचने के उपाय पर कोई शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन अपने आसपास सफाई रखने से और धूल-मिट्टी से दूर रहने से इससे बचा जा सकता है (12)।
5. अमीबिक मैनिंजाइटिस
- संक्रमित पानी से दूर रहें।
- नाक के माध्यम से पानी को शरीर में न जाने दें (13)।
उम्मीद है कि अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि मैनिंजाइटिस क्या है। इस लेख में हमने आपको मैनिंजाइटिस के लक्षण से लेकर इससे बचने के उपाय से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देने की कोशिश की है। ध्यान रखिए कि यह एक प्रकार का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस और अन्य जीवाणु की वजह से फैल सकता है। मैनिंजाइटिस का उपचार के लिए बताए गए उपायों पर ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं है, इसलिए हम यह सलाह देंगे कि अपने आसपास सफाई जरूर रखें, ताकि आप इन जीवाणुओं के संपर्क में न आएं। इसके अलावा, इसका सटीक इलाज करवाने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें। अगर अब भी आपके मन में मैनिंजाइटिस से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप कमेंट बॉक्स में लिख कर हमसे पूछ सकते हैं।
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