Madhu Sharma, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

मेथी का इस्तेमाल सब्जी से लेकर पराठे तक में किया जाता है। जहां यह खाने में स्वादिष्ट है, वहीं आयुर्वेद के नजरिए से भी इसके कई फायदे हैं। भारत में सदियों से इसके पत्ते और दानों को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। इससे स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिल सकती है। वहीं, अगर कोई बीमार है, तो इसे गुण ठीक होने के मदद कर सकते हैं। हां, अगर किसी को कोई गंभीर समस्या है, तो डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता दें। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम मेथी का उपयोग व मेथी खाने के फायदे के बारे में बताएंगे। साथ ही मेथी से नुकसान के बारे में जानकारी देंगे।

अंत तक जरूर पढ़ें

इस लेख के शुरुआत में हम बताएंगे कि मेथी क्या है।

मेथी क्‍या है? – What is Fenugreek in Hindi

मेथी एक प्रकार की खाद्य सामग्री है, जिसे कई तरह से आहार में उपयोग किया जा सकता है। जब इसके हरे पत्तों का सेवन सब्जी के रूप में किया जाता है। वहीं, भोजन बनाते समय इसके दानों का भी उपयोग किया जाता है। इसका पौधा दो-तीन फुट लंबा होता है और इसकी फली में छोटे-छोटे पीले-भूरे रंग के सुगंधित दाने होते हैं। भूमध्य क्षेत्र, दक्षिण यूरोप और पश्चिम एशिया में इसकी खेती बहुतायत में होती है। मेथी को भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जहां हिंदी, गुजराती, मराठी, बंगाली और पंजाबी में इसे मेथी कहते हैं, वहीं संस्कृत में इसका नाम मेथिका है। कन्नड़ में इसे मेन्तिया, तेलुगु में मेंतुलु, तमिल में वेंडयम, मलयालम में वेन्तियम, अंग्रेजी में फेनुग्रीक और लेटिन में त्रायिगोनेल्ला फोएनम ग्रीकम के नाम से जाना जाता है।

आइए, अब हम मेथी के फायदे जान लेते हैं।

मेथी के फायदे – Benefits of Fenugreek Seeds in Hindi

1. मधुमेह से राहत

मधुमेह के मरीजों को खान-पान पर खासतौर से ध्यान देना चाहिए। ऐसे लोग अपनी डाइट में मेथी के दाने शामिल कर सकते हैं। इस बात की पुष्टि करने के लिए एक वैज्ञानिक शोध किया गया, जिसके मुताबिक, मेथी के बीज का सेवन करने से रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही यह टाइप-2 मधुमेह के रोगियों में इंसुलिन प्रतिरोध को भी कम करने का काम कर सकता है (1)। वहीं, एक दूसरे शोध के मुताबिक, मधुमेह पर इसका लाभदायक असर इसमें मौजूद हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव के कारण हो सकता है। इसे रक्त में शुगर की मात्रा को कम करने के लिए जाना जाता है (2)। इसलिए, सामान्य रक्त शुगर वालों को इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।

2. कोलेस्ट्रॉल के लिए

शरीर में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए मेथी का उपयोग अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मेथी के दानों में नारिंगेनिन नामक फ्लेवोनोइड होता है। यह रक्त में लिपिड के स्तर को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिस कारण मरीज का उच्च कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है (3)। इसलिए, कहा जा सकता है कि मेथी के बीज के लाभ कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए हो सकते हैं।

3. अर्थराइटिस का दर्द

उम्र बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों में सूजन होने लगती है, जिस कारण असहनीय दर्द हो सकता है। इसे जोड़ों का दर्द या फिर अर्थराइटिस कहा जाता है। इससे निपटने के लिए मेथी रामबाण नुस्खा है, जिसे सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। मेथी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। ये गुणकारी तत्व जोड़ों की सूजन को कम करके अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। मेथी में आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए, मेथी के औषधीय गुण से हड्डियों व जोड़ों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे हड्डियां स्वस्थ व मजबूत रह सकती हैं (4) (5)।

4. हृदय के लिए

हृदय बेहतर तरीके से काम कर सके, उसके लिए मेथी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। जो लोग नियमित रूप से मेथी का सेवन करते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने की आशंका कम हो सकती है और अगर दौरा पड़ भी जाए, तो जानलेवा स्थिति से बचा जा सकता है। विभिन्न शोधों में पाया गया है मृत्यु दर के पीछे दिल का दौरा एक प्रमुख कारण होता है। यह तब होता है, जब हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाती है। वहीं, मेथी के दाने इस स्थिति से बचाने में सक्षम हो सकते हैं। अगर किसी को दिल का दौरा पड़ भी जाए, तो मेथी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को पैदा होने से रोकने का काम कर सकती है। हृदयाघात के दौरान ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है। साथ ही मेथी के बीज शरीर में रक्त प्रवाह को संतुलित रखने में सहायक हो सकते हैं, जिस कारण धमनियों में किसी भी प्रकार की रुकावट पैदा नहीं हो सकती (6)। ऐसे में मेथी दाना खाने के फायदे में हृदय को स्वस्थ रखना भी शामिल है।

5. मासिक धर्म में फायदेमंद

महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है। ऐसी स्थिति में मेथी खाने से क्या होता है, अगर यह सोच रहे हैं, तो बता दें कि इस स्थिति में मेथी दाने से बना पाउडर राहत दिलाने में कारगर काम कर सकते हैं। साथ ही मेथी के दाने मासिक धर्म से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत दिलाने में भी मदद कर सकते हैं। मेथी के दानों में एंटीइंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीस्पास्मोडिक व ड्यूरेटिक गुण पाए जाते हैं। वैज्ञानिक शोधों में इस बात की पुष्टि की गई है कि मेथी के ये गुणकारी तत्व मासिक धर्म में होने वाली हर तरह की पीड़ा से राहत दिलाने का काम कर सकते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea) कहा जाता है (7)।  ध्यान रहे कि मासिक धर्म की स्थिति में इसे डॉक्टर की सलाह पर कम मात्रा में ही लेना चाहिए।

6. कैंसर

कैंसर एक घातक रोग है, इसलिए इस समस्या से बचे रहना ही बेहतर है। इसके लिए मेथी के बीज के लाभ नजर आ सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, मेथी में एंटी कैंसर प्रभाव पाए जाते हैं, जो कैंसर की समस्या को दूर रखने का काम कर सकते हैं (8)। हां, अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे बिना किसी देरी के डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।

7. बढ़ता है स्तन-दूध

प्रसव के बाद नवजात के लिए मां के दूध से बेहतर कुछ नहीं होता है। ऐसे में स्तनपान करवाने वाली महिला मेथी या मेथी के बीज से बनी हर्बल चाय का सेवन कर सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध में भी कहा गया है कि स्तन दूध की गुणवत्ता व मात्रा को बढ़ाने के लिए मेथी का सेवन किया जा सकता है (9)। फिलहाल, इस पर और शोध किए जाने की जरूर है, ताकि पता चल सके कि मेथी इस संबंध में किस तरह काम करती है।

8. वजन घटाने के लिए

अगर कोई वजन कम करना चाहता है, तो इसके लिए मेथी का उपयोग सहायक सिद्ध हो सकता है। दरअसल, मेथी शरीर में फैट को जमा होने से रोकने का काम कर सकती है। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो आहार को पचाने के साथ ही भूख को शांत रखने का काम कर सकता है। इससे वजन को बढ़ने से रोका जा सकता है (10)। इसके अलावा, मेथी में विभिन्न प्रकार के पॉलीफेनॉल्स पाए जाते हैं, जिससे वजन कम हो सकता है (11)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि मेथी खाने के फायदे वजन घटाने के लिए हो सकते हैं।

9. रक्तचाप में सुधार

उच्च रक्तचाप कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है, जिनमें हृदय की समस्या भी शामिल है। मेथी के औषधीय गुण इस समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, मेथी में एंटीहाइपरटेंसिव प्रभाव पाया जाता है, जो रक्तचाप की समस्या को कम करने का काम कर सकता है (12)

10. स्वस्थ किडनी

कई वैज्ञानिक शोधों में इस बात का दवा किया गया है कि किडनी के लिए मेथी फायदेमंद है। मेथी को अपने भोजन में शामिल करने से किडनी अच्छी तरह काम कर सकती है। मेथी के दानों में पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड पाया जाता है, जो किडनी को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। साथ ही यह किडनी के आसपास एक रक्षा कवच का निर्माण करता है, जिससे इसके सेल नष्ट होने से बच जा सकते हैं। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध एक शोध से होती है (13)।

11. सूजन को कम करने के लिए

सूजन और इससे होने वाली समस्या को दूर करने में मेथी के बीज फायदेमंद हो सकते हैं। दरअसल, मेथी के बीज में लिनोलेनिक और लिनोलिक एसिड पाया जाता है। इस एसिड के पेट्रोलियम ईथर के अर्क में एंटीइंफ्लेमेटरी गतिविधि पाई जाती है, जो सूजन से छुटकारा दिलाने का काम कर सकती है। इस बात का जिक्र हमने ऊपर अर्थराइटिस वाले भाग में भी किया है। यह जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में उपलब्ध है (14)। इसलिए, मेथी दाने के फायदे में सूजन से राहत पाना भी शामिल है।

12. टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने के लिए

अगर कोई यह सोच रहा है कि मेथी खाने से क्या होता है, तो यहां हम बता दे कि इसके सेवन से टेस्टोस्टेरोन में वृद्धि हो सकती है। एक शोध के मुताबिक, मेथी के गुण हार्मोनल के रेगुलेशन में उपयोगी माने गए हैं। मेथी शरीर में एस्ट्रोजन के उत्पादन को रोककर टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाती है। पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने से मांसपेशियों का विकास होता है और शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है (15)

13. त्वचा के लिए

मेथी को त्वचा के लिए भी लाभकारी माना जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि मेथी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीरिंकल, मॉइस्चराइजिंग और स्किन स्मूदिंग गुण पाए जाते हैं (16)। इसलिए मेथी के लाभ त्वचा पर नजर आ सकते हैं।

14. बालों के लिए

मेथी के उपयोग से बालों का झड़ना रुक सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, मेथी के बीज में प्रोटीन के भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो बालों के लिए जरूरी होता है। इससे गंजेपन, बालों का पतला होना और बालों के झड़ने का इलाज करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, मेथी में लेसिथीन भी पाया जाता हैं, जो बालों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाने के साथ ही मॉइस्चराइज करने का काम कर सकता है। यह रूसी को भी दूर रख सकता है (10)। ऐसे में मेथी पाउडर के फायदे बालों पर नजर आ सकते हैं।

पढ़ते रहें यह आर्टिकल

अब हम जानेंगे कि मेथी में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व होते हैं और उनकी मात्रा कितनी होती है।

मेथी के पौष्टिक तत्व – Fenugreek Seeds Nutritional Value in Hindi

मेथी में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जिसे समझने के लिए हम एक टेबल का उपयोग कर रहे हैं (17)

पोषक तत्वमूल्य प्रति 100 ग्राम
पानी8.84 g
ऊर्जा323 g
प्रोटीन23 g
टोटल लिपिड (फैट)6.41 g
कार्बोहाइड्रेट58.35 g
फाइबर24.6 g
कैल्शियम, Ca176 mg
आयरन, Fe33.53 mg
मैग्नीशियम, Mg191 mg
फास्फोरस, P296 mg
पोटैशियम, K770 mg
सोडियम, Na67 mg
जिंक, Zn2.5 mg
मैंगनीज, Mn1.228 mg
सेलेनियम, Se6.3 µg
विटामिन सी3 mg
थायमिन0.322 mg
राइबोफ्लेविन0.366 mg
नियासिन1.64 mg
विटामिन बी-60.6 mg
फोलेट57 µg
विटामिन ए, RAE3 µg
विटामिन ए, IU60 IU
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड1.46 g

लेख के इस भाग में हम यह बताएंगे कि मेथी खाने का तरीका क्या-क्या हो सकता है।

मेथी का उपयोग – How to Use Fenugreek Seeds in Hindi

आयुर्वेद में कहा गया है कि मेथी के दानों की तासीर गर्म होती है। इसका सीधे सेवन करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इसलिए, मेथी के दानों को कुछ समय के लिए पानी में भिगोकर रखना चाहिए, ताकि उसकी गर्माहट कम हो जाए। इसके बाद मेथी के दानों को प्रयोग में लाना चाहिए।

कब और कैसे करें उपयोग:

  • मेथी के दानों को एक-दो मिनट के लिए मध्यम आंच पर भून लें और फिर इसे सब्जी या फिर सलाद के ऊपर डाल दें। इसे दोपहर या रात के खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • एक चम्मच मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगोकर रखें और अगली सुबह एक गिलास पानी के साथ इनका सेवन करें। जिस पानी में मेथी के दानों को भिगोया था, आप सुबह खाली पेट उसका भी सेवन कर सकते हैं।
  • मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगोकर रखने के बाद एक कपड़े में बांधकर रख दें। कुछ दिन ऐसे ही रखने के बाद मेथी के दाने अंकुरित हो जाएंगे। फिर इसका सुबह सेवन किया जा सकता है।
  • मेथी के पराठे और रोटियां बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। इसके पराठे को सुबह के नाश्ते में लिया जा सकता है।
  • मेथी दाने की हर्बल चाय भी पी जा सकती है। पानी में मेथी के दाने डालकर उसे उबाल लें। स्वाद के लिए इसमें नींबू और शहद मिला सकते हैं। इसे सुबह और शाम पिया जा सकता है।

कितना करें उपयोग:

  • मधुमेह जैसी अवस्था में इसे प्रतिदिन 25 से 50 ग्राम तक लिया जा सकता है। फिर भी इसकी सही मात्रा जानने के लिए अपने आहार विशेषज्ञ की सहारा लेना बेहतर होगा (18)

आइए, अब जाने कि लंबे समय तक मेथी को सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है।

मेथी को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें? – How to Store Fenugreek Seeds in Hindi

  • मेथी के हरे पत्तों को फ्रिज में रखकर कुछ दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • इसकी पत्तियों की गिले कपड़े में लपेटकर भी एक-दो दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • अगर मेथी के बीज है, तो इसे एयर टाइट डिब्बे में डालकर सुरक्षित रखा जा सकता है।

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चलिए, अब जानते हैं कि मेथी से किन-किन लोगों को दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

मेथी किन-किन लोगों को नहीं खानी चाहिए – Who Should Avoid Fenugreek Seeds in Hindi

कुछ लोगो को मेथी के सेवन से बचना चाहिए, जो इस प्रकार है:

  • कम रक्त शुगर के मरीज को मेथी के सेवन से बचना चाहिए, क्योंंकि इसमें हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव होता है (2)
  • मेथी में एंटीहाइपरटेंसिव प्रभाव पाया जाता है, जो रक्तचाप को कम कर सकता है (12)। इसलिए, जिनके शरीर का रक्तचाप कम है, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।
  • गर्भवती को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अगर फिर भी उन्हें मेथी खानी है, तो इस संबंध में डॉक्टर से जरूर बात करें।

अब लेख के इस भाग में हम जानेंगे कि मेथी खाना किस प्रकार नुकसानदायक हो सकता है।

मेथी के नुकसान – Side Effects of Fenugreek Seeds in Hindi

इसमें कोई दो राय नहीं कि मेथी के दाने सेहत के लिए लाजवाब हैं। इसे अपने भोजन में शामिल करने से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन इतने फायदों के साथ-साथ इसके नुकसान भी हैं। कुछ मामलों में इसके सेवन से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मेथी से नुकसान के बारे में यहां हम विस्तार से बता रहे हैं।

  1. दस्त : हालांकि, पाचन तंत्र के लिए मेथी के दाने अच्छे होते हैं, लेकिन कई बार यह दस्त का कारण भी बन जाते हैं। जरूर से ज्यादा मेथी खाने से पेट खराब हो सकता है और दस्त लग जाते हैं। अगर स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसे खाने से पेट खराब होता है, तो उससे शिशु को भी दस्त लग सकते हैं। इसलिए, ऐसे कोई लक्षण नजर आते ही इसका सेवन बंद कर दें।
  2. गर्भाशय संकुचन : जैसा कि इस लेख में पहले बताया गया है कि मेथी दाने की तासीर गर्म होती है। अगर गर्भवती महिला इसका अधिक सेवन करती है, तो समय से पहले गर्भाशय संकुचन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। मेथी के दानों में ऑक्सीटोसिन होता है, जो गर्भाशय संकुचन का कारण बनता है। इसलिए, गर्भवती महिलाएं मेथी दाने का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
  3. एलर्जी : कुछ लोगों को मेथी दाने के सेवन से एलर्जी हो सकती है। यह एलर्जी चेहरे पर सूजन के तौर पर नजर आ सकती है। वहीं, कुछ को शरीर पर रैशेज हो सकते हैं, सांस फूलने जैसी समस्या हो सकती है और कुछ बेहोश तक हो जाते हैं। इसके अलावा, कई लोगों को मेथी के सेवन से छाती में दर्द जैसी शिकायत होने लगती है। यह तासीर में गर्म होती है, इसलिए कुछ लोगों को बवासीर, गैस व एसिडिटी तक की शिकायत हो जाती है (19)। साथ ही अगर कोई किसी बीमारी के लिए दवा खा रहा है, तो वो मेथी के दानों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
  4. बच्चों के लिए हानिकारक : बच्चों के लिए मेथी दाने को सुरक्षित नहीं माना गया है। यह तो हम पहले ही बता चुके हैं कि इसे खाने से दस्त लग सकते हैं। वहीं, इसकी हर्बल चाय पीना भी बच्चों के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि इससे उनकी मस्तिष्क की क्षमता पर असर पड़ सकता है। इसलिए, बेहतर यही है कि मेथी के सप्लीमेंट्स बच्चों को न दें। अगर देना ही चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर सब्जियों में डालकर दे सकते हैं।

बेशक मेथी के दाने दिखने में छोटे-से होते हैं, लेकिन इसके फायदे अनेक हैं, जिनके बारे में आप इस लेख के जरिए जान ही चुके हैं। साथ ही मेथी से नुकसान भी हो सकते हैं, उसकी जानकारी भी आपको यहां मिल चुकी है। इसलिए, अब देरी किए बिना मेथी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। ध्यान रहे कि इन्हें सीमित और नियमित रूप से खाएं और अच्छी सेहत को प्राप्त करें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दिए गए जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। आप स्वास्थ्य से जुड़े स्टाइलक्रेज के अन्य आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।

आइए, अब जान लेते हैं कि मेथी के बीज को लेकर हमारे पाठकों के क्या-क्या सवाल हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मेथी को रोज लेना सुरक्षित है?

हां, इसकी सीमित मात्रा को प्रतिदिन लिया जा सकता है। अब इसकी मात्रा कितनी होनी चाहिए, इस बारे में हमने ऊपर लेख में बताया है। साथ ही ध्यान रहे कि प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक क्षमता अलग-अलग होती है। इसलिए, आपको इसकी कितनी मात्रा लेनी चाहिए, इस बारे में आहार विशेषज्ञ से जरूर बात करें। खासकर, अगर कोई बीमारी है, तो उसे डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए।

क्या मेथी को खाली पेट ले सकते हैं?

जी हां, सुबह अंकुरित मेथी के बीज या इससे बनी हर्बल चाय को खाली पेट ले सकते हैं। साथ ही मेथी दानों को रात भर पानी में भिगोकर सुबह ले सकते हैं।

मेथी का असर शुरू होने में कितना समय लगता है?

किसी भी खाद्य पदार्थ या औषधि का असर शुरू होने में कुछ समय लगता है और इनके फायदे भी धीरे-धीरे ही नजर आते हैं।

आप मेथी को जरूरत से ज्यादा लेते हैं, तो क्या होता है?

मेथी दाने के फायदे और नुकसान दोनों है। अगर कोई इसे अधिक मात्रा में लेता है, तो ऊपर बताए गए कुछ नुकसान होने का जोखिम बढ़ जाता है। इनमें निम्न रक्त शुगर और निम्न रक्तचाप जैसी समस्या शामिल हैं।

क्या मेथी दवाओं के साथ परस्पर क्रिया करती है?

कई मामलों में मेथी के सेवन और दवाइयों के बीच प्रतिक्रिया हो सकती है। इसलिए, अगर कोई किसी गंभीर समस्या के लिए दवा ले रहा है, तो इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

मेथी की तासीर कैसी होती है?

मेथी की तासीर गर्म होती है। इसलिए, इसे रातभर पानी में भिगोकर सुबह सेवन करने की सलाह दी जाती है।

क्या मेथी और शहद साथ में ले सकते हैं?

जी हां, मेथी चूर्ण और शहद को साथ में लिया जा सकता है। मेथी चूर्ण के फायदे भी इसके बीज और पत्तों की तरह हो सकते हैं।

मेथी को भिगोकर खाने से क्या होता है?

मेथी को रातभर भिगोकर रखने से इसकी गर्म तासीर कम हो जाती है। वहीं, मेथी का पानी पीने के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए, बेहतर होगा कि मेथी दानों को जिस पानी में भिगोया जाए, उसे नहीं पीना चाहिए।

References

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  2. A simple dietary addition of fenugreek seed leads to the reduction in blood glucose levels: A parallel group, randomized single-blind trial
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5954247/
  3. Lipid-lowering and antioxidant effects of an ethyl acetate extract of fenugreek seeds in high-cholesterol-fed rats
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  4. Effect of ethanol extract of Trigonella foenum graecum (Fenugreek) seeds on Freund’s adjuvant-induced arthritis in albino rats
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  5. Fenugreek a multipurpose crop: Potentialities and improvements
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  6. Cardioprotective effect of fenugreek on isoproterenol-induced myocardial infarction in rats
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  7. Effects of Fenugreek Seed on the Severity and Systemic Symptoms of Dysmenorrhea
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  19. Allergy to fenugreek (Trigonella foenum graecum)
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/9087156

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Madhu Sharma is a member of the National Executive Committee of IDA. She has been associated for almost three decades with Pediatric Nutrition at PGI while serving in the Gastroenterology Department (20 years) and then the Advanced Pediatric Center (10 yrs) at PGIMER, Chandigarh.

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