How To Potty Train AChild with Autism, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

सलाद में कई तरह की सब्जियों का उपयोग किया जाता है, जिनमें एक नाम मूली का भी है। हालांकि, कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें मूली कुछ खास पसंद नहीं होती। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में मूली के फायदे बता रहे हैं, ताकि इसका सेवन कर इसके स्वास्थ्य लाभ लिए जा सकें। दोस्तों, अन्य सब्जियों की तरह ही मूली खाने के फायदे भी अनेक हैं, बशर्ते इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए। इस लेख के जरिए आप मूली के फायदे और नुकसान, दोनों ही जान पाएंगे। इस बात का ध्यान रखें कि मूली के गुण किसी भी समस्या का उपचार नहीं हैं। ये केवल समस्या से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं।

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सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर मूली क्या होती है?

मूली क्या है – What is Radish in Hindi

मूली जमीन के अंदर होने वाली एक सब्जी है। इसका स्वाद थोड़ा तीखा हो सकता है, हालांकि यह मूली के प्रकारों पर भी निर्भर करता है। इसका वैज्ञानिक नाम है रैफेनस सैटीवस (Raphanus sativus)। यह ठंड के मौसम में बाजार में मिलती है, लेकिन यह भी इसके प्रकार पर निर्भर करता है। मूली में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद है।

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अब जान लेते हैं मूली के प्रकारों के बारे में। 

मूली के प्रकार – Types of Radish in Hindi

मूली के कई प्रकार हैं जिनमें से कुछ के बारे में हम यहां जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।

  • डाइकों वाइट रैडिश (Daikon Radishes)- ये मूली के सबसे सामान्य प्रकारों में से एक है (1)। यह मूली सफेद और लंबी होती है, जो आमतौर पर बाजारों में उपलब्ध होती है। इसका स्वाद थोड़ा तीखा और हल्का मीठा होता है।
  • वाइट सिक्ल (White Icicle) – ये भी डाइकों मूली की तरह सफेद रंग की होती है, लेकिन लंबाई और आकार में उनसे छोटे और थोड़ी अलग होती है। इसे जब कच्चा खाया जाता है, तब इसका स्वाद सबसे अच्छा होता है। इसे ऐसे कच्चा या सलाद के साथ मिलाकर भी खाया जा सकता है।
  • काली या स्पैनिश मूली (Spanish Radishes) – काली मूली जिसे स्पैनिश रैडिश भी कहते हैं। अपने नाम की ही तरह इसकी ऊपरी परत काले रंग की होती है, लेकिन इसके अंदर का हिस्सा सफेद होता है। ये आकार में गोल शलजम की तरह होते हैं। इसे न सिर्फ सलाद के साथ बल्कि इसे फ्राई करके भी खाया जा सकता है।

अब जान लेते हैं कि मूली के गुण कैसे सेहत के लिए लाभकारी हो सकते हैं।

मूली आपके सेहत के लिए क्यों अच्छे है?

मूली क्यों खानी चाहिए? इस सवाल का जवाब मूली को नापसंद करने वालों के लिए जानना जरूरी बन जाता है। जानकारी के तौर पर बता दें कि मूली उन खास चुनिंदा खाद्य पदार्थों में शामिल है, जो न सिर्फ भूख को शांत कर सकती है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान भी रख सकती है। सामान्य-सी दिखने वाली यह जड़ विटामिन-सी और फोलेट का अहम स्रोत है। इसके अलावा, मूली कैल्शियम व पोटैशियम से भी समृद्ध होती है जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं (1)। आगे मूली खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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चलिए, अब विस्तार से जान लेते हैं सेहत के लिए मूली खाने के क्या-क्या फायदे हैं। 

मूली के फायदे – Benefits of Radish (Muli) in Hindi

नीचे पढ़ें मूली के गुण व्यक्ति को किन-किन बीमारियों से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं। ध्यान रहे मूली के लाभ बीमारियों से बचाव या उनके लक्षण को कम करने में सहायक हो सकते हैं, लेकिन मूली को किसी गंभीर बीमारी का इलाज समझने की भूल न करें।

1. हृदय स्वास्थ्य के लिए मूली के फायदे

हृदय शरीर का अहम भाग होता है, जिसके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। यहां मूली के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई (The National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर मौजूद एक रिपोर्ट के अनुसार नाइट्रेट जैसे तत्व से युक्त मूली एथेरोस्क्लेरोसिस के खतरे को कम कर सकती है (2)। एथेरोस्क्लेरोसिस एक गंभीर समस्या है, जिसमें आर्टरी वॉल यानी धमनियों के अंदर फैट व कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है, जिसे प्लाक कहते हैं। बाद में यह हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है (3) (4)। इसके अलावा, मूली फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है, जो स्वस्थ हृदय के लिए जरूरी है (5)।

2. मधुमेह के लिए मूली खाने के फायदे

अगर कोई पूछे कि मूली खाने के क्या-क्या फायदे हैं, तो उसमें मधुमेह को जरूर शामिल करें। दरअसल,  डायबिटीज की समस्या में भी मूली खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मूली एंटी डायबिटिक के रूप में काम कर सकती है। ऐसा इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एनर्जी मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने, फ्री रेडिकल्स से बचाव करने, ग्लूकोज को नियंत्रित करने और आंत में ग्लूकोज अवशोषण (Absorption) को कम करने की क्षमता के कारण हो सकता है (6)।

मधुमेह के लिए सिर्फ मूली ही नहीं, बल्कि उसके पत्ते और मूली के बीज के फायदे भी हो सकते हैं। इसके अलावा, जैसा कि हमने ऊपर बताया कि मूली विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है और विटामिन-सी मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन-सी इंसुलिन की बाधा पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है (7)। हालांकि, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन हरी सब्जी के तौर पर मूली का सेवन करना उपयोगी हो सकता है।

3. किडनी स्टोन के लिए मूली के लाभ

किडनी में हुई पथरी की समस्या को कम करने के लिए भी मूली सहायक हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मूली कैल्शियम ऑक्सालेट को शरीर से बाहर निकालने का काम कर सकती है। कैल्शियम ऑक्सालेट के कारण ही किडनी में पथरी की समस्या होती है (8) (9)। किडनी स्टोन से बचाव या उसे कम करने के लिए मूली का सेवन किया जा सकता है (10)। हालांकि, किडनी स्टोन की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों के मन में उलझन जरूर रहती है कि उन्हें हाई या लो ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए (11)? ऐसे में इस दुविधा के लिए व्यक्ति अपने डायटीशियन की सलाह ले सकते हैं।

4. कैंसर से बचाव के लिए

कैंसर से अगर कोई पीड़ित है, तो उनके लिए डॉक्टरी चिकित्सा को प्राथमिकता देना जरूरी है। ऐसे में कैंसर से बचाव के लिए मूली का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, मूली क्रुसिफेरस परिवार से संबंध रखती है, जिसके कंपाउंड पानी के साथ मिलते ही आइसोथियोसाइनेट (Isothiocyanate – एक प्रकार का केमिकल कंपाउंड) में परिवर्तित हो जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, आइसोथियोसाइनेट में एंटी कैंसर के गुण हैं (12)। आसान शब्दों में समझा जाए, तो मूली में मौजूद एंटी-कैंसर गुण कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं (13)।

5. वेट लॉस के लिए मूली के फायदे

अगर वजन घटाने के लिए मूली खाने के फायदे की बात करें, तो सीधे तौर पर तो इसका कोई सटीक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। हालांकि, अध्ययन से यह जरूर पता चलता है कि उच्च फाइबर आहार वजन को नियंत्रित करने में, मोटापे और मोटापे से जुड़े जोखिमों को कम करने में सहायक हो सकता है (14)। ऐसे में फाइबर युक्त मूली वजन नियंत्रण करने में सहायक हो सकती है। इसके अलावा, अगर कोई डाइट कर रहा है, तो सलाद में  सामान्य मूली या हॉर्स रैडिश (मूली का एक प्रकार) को शामिल कर सकता है, क्योंकि इसमें कैलोरी कम होती है (15) (16)। दरअसल, मूली में पानी की मात्रा ज्यादा होती है जो शरीर को हाईड्रेट रखने में मदद करता है। साथ ही लो कैलोरी, लो कार्ब और उच्च मात्रा में फाइबर होने के कारण मूली वजन कम करने के लिए उत्तम आहार हो सकती है।

6. लिवर के लिए मूली के लाभ

मूली लिवर के लिए भी लाभदायक हो सकती है। दरअसल, पत्तेदार सब्जियां जिसमें मूली भी शामिल है, उसके सेवन से लिवर से विषैले पदार्थ निकालने में और लिवर डीटॉक्सिफाय करने में मदद मिल सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, स्पेनिश या काली मूली लिवर के लिए फायदेमंद हो सकती है। इस मूली में ग्लूकोसाइनोलेट्स (glucosinolates- सल्फर युक्त यौगिक) की उच्च मात्रा होती है, दरअसल, मूली लिवर डिटॉक्सिफाई करने में सहायक हो सकती है (17)। इतना ही नहीं, मूली को जॉन्डिस के इलाज के लिए भी घरेलू उपचार के तौर पर उपयोग किया जाता रहा है (6)। वहीं, एक अन्य अध्ययन में, मूली में मौजूद एक बायोएक्टिव रसायन (MTBITC) नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग के इलाज में प्रभावी पाया गया है (18)। इन सबके साथ ही मूली लिवर कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकती है (19) ।

7. उच्च रक्तचाप के लिए मूली के फायदे

मूली के फायदे में रक्तचाप नियंत्रण भी आता है। मूली कैल्शियम और पोटैशियम जैसे खनिजों से भरपूर होती है और ये पोषक तत्व रक्तचाप को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं (1)। ऐसे में मूली के सेवन से रक्तचाप की समस्या से बचाव हो सकता है। हालांकि, इस बारे में वैज्ञानिक प्रमाण का अभाव है, इसलिए पूरी तरह से इसे हाई ब्लड प्रेशर का इलाज न समझें। वहीं, अगर मूली के पत्तों की बात की जाए, तो चूहों पर किए गए अध्ययन में मूली के पत्तों में एंटीहाइपरटेंसिव प्रभाव सामने आए हैं (20)।

8. कब्ज के लिए मूली खाने के फायदे

सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन फाइबर के साथ जोड़कर अगर देखा जाए, तो मूली कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में सहायक हो सकती है। 100 ग्राम मूली में लगभग 1.6 ग्राम तक फाइबर होता है (15) । ऐसे में अगर हर रोज थोड़ी मूली का सेवन किया जाए, तो कब्ज की परेशानी कम हो सकती है।  दरअसल, फाइबर को उन खास पोषक तत्वों में गिना जाता है, जो आंतों को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है (1)। फाइबर कब्ज जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है (21) (22)। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से मल नर्म हो सकता है और मल निकासी की प्रक्रिया आसान हो सकती है।

9. ल्यूकोडर्मा

त्वचा के लिए भी मूली गुणकारी हो सकती है। ल्यूकोडर्मा एक त्वचा संबंधी समस्या है, जिसमें स्किन सफेद धब्बों का शिकार हो जाती है और अपना प्राकृतिक रंग खो बैठती है। इस बीमारी को विटिलिगो के नाम से भी जाना जाता है (23) (24)। हालांकि, यहां मूली के बीज के फायदेमंद हो सकते हैं। दरअसल, घरेलू उपचार के तौर पर मूली के बीज के पाउडर को विनेगर के साथ लगाने से ल्यूकोडर्मा की समस्या कम हो सकती है (25)। लेकिन, यह बस एक घरेलू उपचार के आधार पर है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। ऐसे में इसका असर अलग-अलग हो सकता है।

10. इम्युनिटी में सुधार करने के लिए

मूली का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार कर सकता है। मूली खाने के फायदे में इम्यून सेल्स में सुधार भी शामिल है (26)। इसके अलावा, मूली विटामिन-सी से भरपूर होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन-सी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम कर सकता है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से छुटकारा दे सकता है (27)।

11. पाचन के लिए मूली के फायदे

सलाद में अगर मूली का सेवन भी किया जाए, तो पाचन तंत्र में भी सुधार हो सकता है। मूली लैक्सेटिव की तरह काम कर सकती है, जो पाचन क्रिया में सहायक और पेट संबंधी परेशानियों के लिए उपयोग किया जा सकता है (28) (10)। सीमित मात्रा में मूली का सेवन पेट के लिए फायदेमंद हो सकता है।

12. ऑस्टियोअर्थराइटिस

ऑस्टियोअर्थराइटिस गठिया का एक प्रकार है, जो कूल्हे, घुटने, गर्दन व पीठ के निचले हिस्से या हाथों के जोड़ों को अपना निशाना बनाता है (29) (30)। इससे निजात पाने के लिए मूली का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, मूली में विटामिन-के होता है (15), जो कार्टिलेज (मुलायम टिशू जो टखनों, कोहनी व घुटनों समेत शरीर के कई हिस्सों में पाया जाता है) मेटाबॉलिज्म के लिए लाभदायक हो सकता है। यह कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है और इनके प्रसार में मदद कर सकता है (31)।

13. त्वचा के लिए मूली के फायदे

मूली त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, इस विषय में तो कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसमें विटामिन-सी की अधिकता होती है (15), जो त्वचा के लिए एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम कर सकता है।  यह त्वचा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है (32) (33)। विटामिन स्किन में कोलेजन को बढ़ाने का काम कर सकता है। साथ ही यह त्वचा में निखार ला सकता है, सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाव और एजिंग के प्रभाव को कम करने का काम कर सकता है (34)। इस आधार पर मूली को त्वचा के लिए लाभकारी माना जा सकता है।

14. बालों के लिए मूली के लाभ

मूली बालों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। मूली का हेयर मास्क या पेस्ट लगाने से बाल स्वस्थ, मजबूत और घने हो सकते हैं। हालांकि, ये लोगों के अनुभवों के आधार पर है, इसलिए इसका असर अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग हो सकता है।

नोट : इनमें से कुछ मूली के फायदों के बारे में वैज्ञानिक प्रमाण का अभाव है। ऐसे में कुछ शारीरिक समस्याओं पर लोगों के स्वास्थ्य के अनुसार मूली का अलग-अलग असर हो सकता है।

स्क्रॉल करें

मूली खाने के फायदे जानने के बाद चलिए आगे जानते हैं कि मूली में क्या पाया जाता है जो इसे इतना पौष्टिक बनाता है। तो अब जान लेते हैं मूली में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।

मूली के पौष्टिक तत्व – Radish Nutritional Value in Hindi

नीचे हम मूली के पोषक तत्वों की सूची साझा कर रहे हैं (15)।

पोषक तत्व             मात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी95.27 ग्राम
एनर्जी16 केसीएल
प्रोटीन0.68 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट)0.1 ग्राम
ऐश0.55 ग्राम
कार्बोहायड्रेट, बाय डिफरेंस 3.4 ग्राम
फाइबर, टोटल डायटरी1.6 ग्राम
शुगर, टोटल इन्क्लूडिंग एनएलइए1.86 ग्राम
कैल्शियम25 मिलीग्राम
आयरन 0.34 मिलीग्राम
मैग्नीशियम10 मिलीग्राम
फास्फोरस20 मिलीग्राम
पोटैशियम233 मिलीग्राम
सोडियम39 मिलीग्राम
जिंक0.28 मिलीग्राम
कॉपर0.05 मिलीग्राम
मैंगनीज0.069 मिलीग्राम
सेलेनियम0.6 माइक्रोग्राम
फ्लोराइड6 माइक्रोग्राम
विटामिन सी14.8 मिलीग्राम
थियामिन0.012 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.039 मिलीग्राम
नियासिन 0.254 मिलीग्राम
पैंटोथेनिक एसिड0.165 मिलीग्राम
विटामिन-बी60.071 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल25 माइक्रोग्राम
कॉलिन, टोटल6.5 मिलीग्राम
कैरोटीन, बीटा4 माइक्रोग्राम
विटामिन ए IU7 IU
ल्यूटिन + जियाजैंथिन10 माइक्रोग्राम
विटामिन-के (फाइलोक्विनोन)1.3 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड0.032 ग्राम
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड0.017 ग्राम
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड0.048  ग्राम

मूली के गुण, इसमें मौजूद पौष्टीक तत्व और मूली खाने से क्या होता है, यह जानने के बाद अब जानते हैं कि इसका उपयोग किस प्रकार किया जाए।

मूली का उपयोग – How to Use Radish (Mooli) in Hindi

नीचे जानिए विभिन्न तरीकों से मूली के सेवन के कुछ तरीके :

  • भोजन के साथ मूली को कच्चा यानी सलाद के रूप में खा सकते हैं।
  • अन्य हरी सब्जियों के साथ मूली की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
  • मूली का अचार बना सकते हैं।
  • मूली का सूप बनाकर भी पी सकते हैं।
  • मूली की पत्तियों का साग बनाकर भी खा सकते हैं।
  • मूली का चिप्स भी बना सकते हैं।

अभी बाकी है लेख

मूली के उपयोग के बाद अब बारी आती है मूली का चुनाव करने की। लेख के इस भाग में हम न सिर्फ अच्छे मूली के चुनाव के बारे में बताएंगे बल्कि उसे लंबे वक्त तक सुरक्षित कैसे रखना है ये जानकारी भी देंगे।

मूली का चयन और सुरक्षित रखने का सही तरीका

यहां जानिए मूली के चयन और उसे सुरक्षित रखने का तरीका।

  • हमेशा ताजी और हरी पत्तियों वाली मूली का ही चयन करें।
  • वो मूली लें जिसपर ज्यादा दाग या कटे निशान न हो।
  • मूली को हल्का दबाकर भी मूली के ताजा होने का पता लगा सकते हैं।
  • ध्यान रहे मूली सूखे हुए और गले हुए न हो।

मूली को सुरक्षित रखने का तरीका

  • मूली के पत्तों को अलग निकालकर रख दें।
  • मूली की पत्तियां भी पौष्टिक होती हैं और उनका साग बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • अब मूलियों को अच्छे से धो लें और फिर उसके पानी को हल्का सूखने दें।
  • फिर किसी साफ कपड़े को धो लें।
  • फिर उसका पूरा पानी निचोड़ दें।
  • उसके बाद उस कपड़े से मूलियों को लपेट दें और फ्रिज में रख दें।
  • ऐसा करने से मूली सूखेंगी नहीं और कुछ दिनों तक ताजा रह सकती हैं।
  • ध्यान रहे मूलियों को प्लास्टिक में न रखें, ऐसा करने से मूली जल्दी खराब हो सकती हैं।

पढ़ते रहें आर्टिकल

मूली के जूस के फायदे के लिए हम यहां मूली का जूस बनाने की विधि शेयर कर रहे हैं।

मूली का जूस बनाने की विधि

मूली के जूस के पीने के फायदे के लिए नीचे पढ़ें आसान तरीके से मूली का जूस बनाने की विधि।

सामग्री :

  • एक मूली
  • एक गिलास पानी
  • जरूरत अनुसार काला नमक

बनाने की विधि :

  • पहले मूली को अच्छे से छील लें।
  • फिर मूली को अच्छे से धो लें।
  • उसके बाद मूली के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें।
  • अब मिक्सी में मूली, पानी और आवश्यकता अनुसार काला नमक डाल कर पीस लें।
  • फिर इसे एक गिलास में छानकर निकाल लें।
  • चाहें तो काला नमक मूली का जूस बनाने के बाद भी डाल सकते हैं।
  • टेस्ट के लिए इसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं।

पढ़ते रहिए

मूली खाने के फायदे और इसके उपयोग के तरीके जानने के बाद अब जानते हैं मूली के नुकसान। 

मूली के नुकसान – Side Effects of Radish in Hindi

मूली एक गुणकारी सब्जी है, जो विभिन्न समस्याओं से निजात दिलाने का काम कर सकती है। वहीं, मूली के फायदे और नुकसान दोनों है, इसका अत्यधिक सेवन शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए, सावधानी के तौर पर हम नीचे मूली खाने के नुकसान की भी जानकारी दे रहे हैं।

  • पत्तेदार सब्जियां जैसे मूली में गोइट्रोजेनिक पदार्थ होते हैं, जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं। अध्ययनों के अनुसार, अधिक मूली के सेवन से थायराइड हार्मोन का स्तर असंतुलित हो सकता है (35)। थायराइड की समस्या (विशेषकर hypothyroidism-हाइपोथायरायडिज्म) वाले व्यक्तियों को मूली और अन्य क्रूसिफेरस सब्जियों का सेवन सीमित करना चाहिए।
  • मूली रक्त में शर्करा के स्तर को कम कर सकती है। इसमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होते (6) है । ऐसे में जो लोग डायबिटीज की दवा ले रहे हैं वो मूली के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह कर लें। ऐसे तो सीमित मात्रा में मूली का सेवन फायदेमंद ही होता है, लेकिन हो सकता है मूली के अत्यधिक सेवन से रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाए।
  • मूली में लैक्सेटिव गुण मौजूद होते हैं, इसलिए अत्यधिक मूली के सेवन से पेट खराब की समस्या हो सकती है (28)। हालांकि, इस बारे में कोई ठोस वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। लेकिन, सावधानी के तौर पर जिनका पेट संवेदनशील है, वो मूली का सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।

आशा करते हैं मूली खाने के फायदे जानने के बाद कई लोग इसे अब अपने आहार में इसे शामिल करने का मन बन चुके होंगे। अगर कोई भी व्यक्ति इस लेख में बताई गई स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित है या उनसे बचाव करना चाहता है, तो वो मूली का सेवन एक औषधि की तरह कर सकता है। ध्यान रहे मूली के गुण बीमारी से बचाव या उसके लक्षणों को कम कर सकते हैं, लेकिन इसे किसी गंभीर बीमारी का इलाज समझने की भूल न करें। इसके अलावा, मूली खाने के फायदे और नुकसान दोनों है, इसलिए इसका सीमित मात्रा में ही उपयोग करें। हमेशा याद रखें कि मूली खाने के लाभ तभी मिल सकते हैं जब इसका उपयोग सीमित मात्रा में किया जाए। अगर किसी को गंभीर स्वास्थ्य समस्या है या एलर्जी की शिकायत है तो मूली खाने से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श भी जरूर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मूली का ऊपरी हिस्सा खाया जा सकता है ?

मूली का ऊपरी हिस्सा तो नहीं, बल्कि मूली के पत्तों का साग बनाकर सेवन जरूर किया जा सकता है।

सफेद मूली कैसे खा सकते हैं?

सलाद में सफेद मूली को कच्चा खाया जा सकता है। साथ ही सूप, जूस या सैंडविच में भी डालकर सेवन किया जा सकता है।

क्या कीटो डाइट के दौरान मूली का सेवन किया जा सकता है ?

मूली में कैलोरी कम होती है और इसे कीटो आहार में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, बेहतर है इस बारे में एक बार डायटीशियन की भी सलाह ली जाए।

क्या मूली खाने से गैस की समस्या हो सकती है?

हां, मूली खाने से गैस की शिकायत हो सकती है (36)। इसलिए, जिनको अक्सर गैस की समस्या रहती हो या जिनका पेट संवेदनशील है, वो मूली के सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

क्या मूली के बीज खाना ज्यादा फायदेमंद हैं?

मूली के बीज खाना ज्यादा फायदेमंद है या नहीं, इस बारे में सटीक वैज्ञानिक शोध का अभाव है। हालांकि, डायबिटीज में मूली के बीज का सेवन लाभकारी हो सकता है (6)।

मूली का जूस पीने के फायदे क्या है?

कई लोग मूली के जूस का भी सेवन करते हैं। जैसे मूली के सेवन से डायबिटीज और लिवर को ठीक रखा जा सकता है, वैसे ही मूली का जूस भी फायदेमंद हो सकता है। मूली के जूस में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाया गया है, जो व्यक्ति को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है (6)। फिलहाल, इस बारे में और ठोस प्रमाण की आवश्यकता है।

क्या रात को मूली खाने के नुकसान हो सकते है?

मूली गैस पैदा करने वाले सब्जियों में से एक है (36)। ऐसे में रात को मूली खाकर सोने से पाचन या गैस की परेशानी हो सकती है। तो रात को मूली खाने के फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है। हालांकि, रात को मूली खाने के नुकसान के बारे में वैज्ञानिक शोध का अभाव है और यह व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अलग-अलग असर कर सकता है।

कच्ची मूली खाने के फायदे अधिक हैं?

ज्यादातर लोग कच्ची मूली का ही सेवन सलाद में करते हैं, क्योंकि ये मूली के सेवन के आसान तरीकों में से एक है। ऐसे में लोगों का मानना है कि कच्ची मूली खाने के फायदे लोगों के अनुभवों पर हैं।

References

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      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4295395/
    18. The effect of radish sourced 4-(Methylthio)-3-butenyl isothiocyanate on ameliorating the severity of high fat diet inducted nonalcoholic fatty liver disease in rats
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4658983/
    19. Dietary Natural Products for Prevention and Treatment of Liver Cancer
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4808884/
    20. The antihypertensive effect of ethyl acetate extract of radish leaves in spontaneously hypertensive rats
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3439574/
    21. Constipation – self-care
      https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000120.htm
    22. Constipation
      https://medlineplus.gov/constipation.html
    23. Vitiligo
      https://ghr.nlm.nih.gov/condition/vitiligo
    24. Vitiligo
      https://medlineplus.gov/ency/article/000831.htm
    25. Various Treatments for Vitiligo: Problems Associated and Solutions
      https://www.japsonline.com/admin/php/uploads/1378_pdf.pdf
    26. Deciphering the Nutraceutical Potential of Raphanus sativus—A Comprehensive Overview
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6412475/
    27. Vitamin C and Immune Function
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19263912/
    28. Effects of White Radish (Raphanus sativus) Enzyme Extract on Hepatotoxicity
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3834419/
    29. Osteoarthritis
      https://medlineplus.gov/ency/article/000423.htm
    30. Osteoarthritis
      https://medlineplus.gov/osteoarthritis.html
    31. Diet, nutrition and osteoarthritis
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4674884/
    32. Vitamin C
      https://medlineplus.gov/ency/article/002404.htm
    33. Vitamin C
      https://medlineplus.gov/vitaminc.html
    34. Topical Vitamin C and the Skin: Mechanisms of Action and Clinical Applications
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5605218/
    35. Effect of Radish (Raphanus Sativus Linn.) on Thyroid Status Under Conditions of Varying Iodine Intake in Rats
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16924836/
    36. Helpful hints for controlling gas (flatus)
      https://www.med.umich.edu/fbd/docs/Gas%20reduction%20diet.pdf
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