Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

आंखें अनमोल हैं, इन्हें सही देखभाल की जरूरत होती है। जरा-सी लापरवाही भी आंखों की बीमारियों का कारण बन सकती है और मोतियाबिंद भी उन्हीं में से एक है। सिर्फ सही जानकारी और बेहतर इलाज से ही हम इस बीमारी से बचा जा सकता है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम मोतियाबिंद के घरेलू इलाज लेकर आए हैं, जो उपयोगी होने के साथ ही सुरक्षित भी हैं। साथ ही लेख में मोतियाबिंद के कारण और लक्षण के बारे में भी चर्चा करेंगे।

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आइए, सबसे पहले जानते हैं कि मोतियाबिंद कितने प्रकार का होता है।

मोतियाबिंद के प्रकार – Types of Cataracts in Hindi

मोतियाबिंद के कई प्रकार हो सकते हैं, लेकिन इनमें से पांच प्रकार के मोतियाबिंद सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं, जो इस प्रकार हैं (1) (2):

1. जन्मजात मोतियाबिंद (Congenital cataract) : इस प्रकार का मोतियाबिंद जन्म के समय से ही मौजूद रह सकता या फिर शिशु को बाल्यावस्था के दौरान हो सकता है।

2. सेकंडरी मोतियाबिंद (Secondary Cataract) : सेकेंडरी मोतियाबिंद मधुमेह, ग्लूकोमा (नेत्र समस्या) सर्जरी या स्टेरॉयड जैसी दवाओं की वजह से हो सकता है।

3. रेडिएशन मोतियाबिंद (Radiation Cataract): इस प्रकार का मोतियाबिंद कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी प्रक्रिया के बाद रेडिएशन के कारण हो सकता है।

4. ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद (Traumatic Cataract): इस प्रकार का मोतियाबिंद आंखों के किसी घाव की वजह से हो सकता है। इसे दर्दनाक मोतियाबिंद भी कहा जाता है।

5. एज रिलेटेड कैटरेक्ट (Age related cataract): यह मोतियाबिंद का सबसे आम प्रकार है। बढ़ती उम्र के साथ प्राकृतिक बदलावों के कारण मोतियाबिंद विकसित हो सकता है, जिसे एज रिलेटेड कैटरेक्ट के नाम से जाना जाता है।

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मोतियाबिंद के प्रकार जानने के बाद अब इसके कारणों के बारे में बात करते हैं।

मोतियाबिंद होने का कारण – Causes of Cataracts in Hindi

मोतियाबिंद के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं (1) (3):

  • प्रोटीन के कारण लेंस में धुंधलापन आना
  • आंख पर घाव या चोट
  • रेडिएशन
  • स्टेरॉयड का लंबा इस्तेमाल
  • धूम्रपान
  • पराबैंगनी विकिरण
  • मधुमेह या ग्लूकोमा
  • आंख की पुरानी बीमारी या सर्जरी
  • आंखों में सूजन
  • परिवार में किसी को पहले मोतियाबिंद की शिकायत होना
  • आंखों की सर्जरी

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लेख के इस भाग में हम मोतियाबिंद के लक्षण के बारे में बता रहे हैं।

मोतियाबिंद के लक्षण – Symptoms of Cataracts in Hindi

मोतियाबिंद के सबसे आम लक्षण कुछ इस प्रकार हैं (1) (3):

  • धुंधला नजर आना।
  • रंग फीके दिखाई दे सकते हैं।
  • गाड़ियों की हेडलाइट्स, लैंप या धूप चमकदार दिखाई दे सकते हैं।
  • रोशनी के आसपास एक धुंधला-सा गोला दिखाई दे सकता है।
  • रात के समय कुछ ठीक से नजर न आना।
  • डबल विजन दिखाई देना। यह स्पष्ट लक्षण हो सकता है।
  • चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का नंबर बार-बार बदलना।
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता।

नोट: ये लक्षण आंखों की अन्य समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं। अगर इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता हैं, तो तुरंत डॉक्टर से आंखें चेक करवाएं।

लेख में बने रहें

मोतियाबिंद के लक्षणों को जानने के बाद आइए जानते हैं कि इसे घरेलू उपाय से कैसे कम किया जा सकता है।

मोतियाबिंद कम करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies To Cure Cataracts in Hindi

मोतियाबिंद का इलाज सर्जरी के द्वारा किया जाता है, लेकिन इसके जोखिम को कम करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का उपयोग कर सकते हैं। यहां हम मोतियाबिंद के घरेलू उपचार बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. लहसुन

सामग्री:

  • एक-दो लहसुन की कलियां

उपयोग का तरीका:

  • एक या दो लहसुन की कलियों को चबाएं।
  • आप अपने पसंदीदा व्यंजनों में भी लहसुन को शामिल कर सकते हैं।

कब करें सेवन:

  • राेज एक या दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

मोतियाबिंद की समस्या में लहसुन का उपयोग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह आंखों में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाले प्रभाव को कम कर मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकते हैं (4)।

2. नींबू का रस

सामग्री:

  • आधा चम्मच नींबू का रस
  • 1 चम्मच पानी
  • कॉटन बॉल

उपयोग का तरीका:

  • नींबू के रस को एक चम्मच पानी के साथ मिलाएं।
  • फिर इसमें कॉटन बॉल को भिगोएं।
  • बंद पलकों के ऊपर कॉटन बॉल रखें और उसे लगभग 20 मिनट तक रहने दें।
  • अब कॉटन को हटाएं और सादे पानी से अपनी आंखें को धो लें।

कब करें उपयोग:

  • दिन में एक बार इसे कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

मोतियाबिंद में नींबू का इस्तेमाल भी लाभदायक माना गया है। इसमें साइट्रिक एसिड की मौजूदगी के कारण इसका नियमित उपयोग आंखों में जलन और अन्य लक्षणों को शांत करने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो मोतियाबिंद को कम करने में मदद कर सकते हैं (5)।

3. ग्रीन टी

सामग्री:

  • 1 चम्मच ग्रीन टी
  • 1 कप पानी

उपयोग का तरीका:

  • एक कप पानी में एक चम्मच ग्रीन टी मिलाएं और उबाल लें।
  • इसे पीने से पहले इस चाय को थोड़ा गुनगुना होने दें।

कब करें उपयोग:

  • ग्रीन टी को रोजाना दो बार पी सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

ग्रीन टी के फायदे मोतियाबिंद की समस्या में देखे गए हैं। ग्रीन टी में ईजीसीजी (epigallocatechin-3-gallate) नामक तत्व होता है, जो आंखों के लेंस को खराब होने से बचाने और मोतियाबिंद को कम करने में मदद कर सकता है (6)।

4. शहद

सामग्री:

  • एक चम्मच शहद
  • दो चम्मच पानी

उपयोग का तरीका:

  • शहद को पानी के साथ मिलाएं।
  • इसे फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।
  • आई ड्राप की मदद से इसकी 1-2 बूंद आंखों में डाल सकते हैं।
  • आप नियमित रूप से एक चम्मच शहद का सेवन भी कर सकते हैं।

कब करें उपयोग:

  • ऐसा रोजाना एकबार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

शहद के फायदे कई बीमारियों में देखे गए हैं। शहद में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये दोनों प्रभाव आंखों के लेंस में आई खराबी को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही भविष्य में आंखों को होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं (7)। हालांकि, आंख में शहद का इस्तेमाल करने से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श जरूर लें

5. विटामिन

विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन ए व विटामिन बी एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होते हैं। ये मोतियाबिंद से आंखों की सुरक्षा करने में कारगर हो सकते हैं। इन विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन आंखों के कई रोगों को दूर कर सकता है। इस खाद्य पदार्थों में खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, पनीर, अंडे, एवोकाडो और बादाम शामिल हैं (8)। अगर आंखों के लिए विटामिन्स के सप्लीमेंट लेना चाहते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

6. गाजर का रस

सामग्री :

  • 1 गिलास गाजर का रस

उपयोग का तरीका:

  • गाजर के रस का सेवन करें।

कब करें उपयोग:

  • आप इस रस का सेवन रोजाना कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

गाजर का रस भी मोतियाबिंद के जोखिम से बचाव कर सकता है। दरअसल, यह ल्यूटिन और जेक्सैंथिन दो प्रकार के डाइरटी कैरोटीनॉयड का अच्छा स्रोत होता है। ये कैरोटीनॉयड मानव की आंखों के लेंस में भी पाए जाते हैं। इसके साथ ही एक रिसर्च के अनुसार मोतियाबिंद की रोकथाम में ये दोनों कैरोटीनॉयड फायदेमंद हो सकते हैं। इसके साथ ही इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव क्षति को कम कर इसके कारण होने वाले मोतियाबिंद के प्रभाव को भी कम कर सकता है (9)।

7. बादाम

सामग्री:

  • 5-6 बादाम

उपयोग का तरीका:

  • बादाम को एक कटोरी पानी में डालकर रात भर के लिए रख दें।
  • दूसरे दिन भीगे हुए बादाम के छिलके उतारकर सेवन करें।

कब करें उपयोग:

  • आप इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

मोतियाबिंद की समस्या में बादाम का उपयोग भी फायदेमंद माना गया है। शोध के अनुसार, बादाम में कोएंजाइम Q10 (Coenzyme Q10) नामक विटामिन पाया जाता है। कोएंजाइम Q10 मोतियाबिंद का कारण बनने वाले लेंस एपिथेलियल सेल एपोप्टोसिस (Lens Epithelial Cell apoptosis) से बचाव करने में मदद कर सकता है। इस तरह बादाम आंखों की देखभाल के साथ ही मोतियाबिंद से बचाव करने में सहायक हो सकता है (9)।

8. पालक

सामग्री:

  • 15-16 पत्ते पालक

उपयोग का तरीका:

  • जूसर में पालक के पत्ते डालकर जूस निकाल लें।

कब करें उपयोग:

  • रोजाना एक गिलास पालक के जूस का सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

पालक का सेवन भी मोतियाबिंद की समस्या में लाभदायक हो सकता है। दरअसल, इसमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन नामक कैरोटीनॉयड पाए जाते हैं। जैसा कि हमने पहले की बताया है कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक घटकों के रूप में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन महत्वपूर्ण हैं। ये दोनों कैरोटीनॉयड आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ ही मोतियाबिंद से आंखों की रक्षा करने में भी कारगर हो सकते हैं (10)।

9. अरंडी का तेल

सामग्री :

  • अरंडी के तेल की 1-2 बूंदें

उपयोग का तरीका:

  • रात को अरंडी के तेल की एक बूंद को आंखों में डाल कर सो जाएं।

कब करें उपयोग:

  • ऐसा 1 महीने तक रोजाना करें।

कैसे है फायदेमंद:

अरंडी के तेल में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है (11)। यह आपकी आंखों को होने वाले ऑक्सीडेटिव क्षति को ठीक करने में मदद कर सकता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव मोतियाबिंद के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है (6)। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है। आंखों के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से पहले नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें।

10. सेब का सिरका

सामग्री:

  • 1 बड़ा चम्मच सेब का सिरका
  • 1 गिलास गर्म पानी
  • 1 बड़ा चम्मच शहद

उपयोग का तरीका:

  • एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद और सेब का सिरका मिलाएं।
  • अच्छी तरह से मिल जाने पर इसका सेवन करें।
  • आप पानी की बजाय गाजर के रस का भी उपयोग कर सकते हैं।

कब करें उपयोग:

  • सेब के सिरके से तैयार इस ड्रिंक को रोजाना एक बार ले सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

सेब का सिरका एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। सेब के सिरके का नियमित सेवन क्षतिग्रस्त आंखों के लेंस की मरम्मत में मदद कर सकता है। साथ ही यह मोतियाबिंद के जोखिम को भी काफी हद तक कम कर सकता है (12)। वहीं, शहद और गाजर से आंखों को होने वाले फायदे के बारे में लेख में पहले ही बताया जा चुका है।

11. एसेंशियल ऑयल

सामग्री:

  • हल्दी के तेल की 1-2 बूंदें

उपयोग का तरीका:

  • हल्दी के तेल की एक या दो बूंद लें और इसे अपनी हथेलियों पर लेकर रगड़ें।
  • इसे बंद आंखों पर लगाएं और कुछ मिनटों के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • इसके बाद आंखों को सादे पानी से धो लें।

कब करें उपयोग:

  • ऐसा रोजाना 1 से 2 बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

हल्दी के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मोतियाबिंद के इलाज में सहायक हो सकते हैं। यह तेल आंखों को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद कर सकता है। साथ ही आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने और मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है (13)। यहां हम कह सकते हैं कि हल्दी का उपयोग भी मोतियाबिंद में मददगार हो सकता है।

12. एलोवेरा

सामग्री :

  • 1 बड़ा चम्मच एलोवेरा जेल

उपयोग का तरीका:

  • ताजे एलोवेरा जेल को कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें
  • जब यह ठंडा हो जाए, तो इसे बंद पलकों पर लगाएं।
  • इसे 15 से 20 मिनट के लिए ऐसा ही छोड़ दें और बाद में पानी से धो लें।

कब करें उपयोग:

  • इसे रोजाना उपयोग किया जा सकता है।
  • इसके अलावा पत्तों के रस की एक-एक बूंद दिन में दो बार आई ड्रॉप के रूप में प्रयोग की जा सकती है।

कैसे है फायदेमंद:

मोतियाबिंद की समस्या में एलोवेरा का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। एक शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि एलोवेरा में मौजूद एंथ्रेकविनोनस (Anthraquinones), एलो-इमोडिन (aloe emodin) और क्राइसोफेनॉल (chrysophanol) नामक कंपाउंड के कारण इसका उपयोग मोतियाबिंद के इलाज के लिए किया जा सकता है। इसके लिए एलोवेरा जूस की एक बूंद दिन में दो बार आई ड्राप के रूप में उपयोग करने की सलाह दी गई है (14)।

13. नारियल पानी

सामग्री:

  • नारियल पानी

उपयोग का तरीका:

  • राेजाना नारियल पानी का सेवन करें।

कब करें उपयोग:

  • इसका सेवन रोजाना एक बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

माना जाता है कि नारियल पानी का इस्तेमाल मोतियाबिंद के लिए कारगर इलाज हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व आंखों को तुरंत पोषण प्रदान कर सकते हैं। यह आंखों के लेंस को पोषण देने के साथ ही तेजी से ठीक करने में मदद कर सकता है। लेंस को पोषण देने से यह न्यूक्लियर मोतियाबिंद को दूर करने में कारगर हो सकता है (15)।

14. अलसी का तेल

सामग्री :

  • आधा चम्मच अलसी का तेल

उपयोग का तरीका:

  • आप अपने पसंदीदा पकवान बनाते समय अलसी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कब करें उपयोग:

  • इसे दैनिक आहार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद:

अलसी का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत है, जो इसे मोतियाबिंद के इलाज के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक बनाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। यह मोतियाबिंद से होने वाले आंखों के विकारों, जैसे मैक्यूलर डिजनरेशन के खिलाफ अच्छी तरह से काम कर सकता है (16)। मैक्यूलर डिजनरेशन उम्र के साथ होने वाली आंखों की समस्या है, जिसमें देखने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है।

15. अदरक

सामग्री :

  • आधा चम्मच अदरक का रस
  • आधा चम्मच नींबू का रस
  • 1 चम्मच पानी
  • कॉटन बॉल

उपयोग का तरीका:

  • नींबू और अदरक के रस को मिलाएं।
  • फिर इस मिश्रण में एक चम्मच पानी मिलाएं।
  • अब मिश्रण में दो कॉटन बॉल को भिगोकर अपनी बंद आंखों पर रखें।
  • इन्हें 15 से 20 मिनट तक ऐसे ही रहने दें और फिर हटा लें।

कब करें उपयोग:

  • ऐसा रोजाना 1 से 2 बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

अदरक का सेवन भी इस समस्या में मददगार हाे सकता है। दरअसल, इसमें भी मोतियाबिंद के प्रभाव को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। जैसा कि रिसर्च से पता चलता है कि मोतियाबिंद का एक प्रमुख कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी होता है। वहीं, अदरक में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और ऑक्सीडेटिव क्षति को कम कर मोतियाबिंद और ग्लूकोमा की समस्या में फायदेमंद हो सकता है (17)।

16. गिंको बाइलोबा

सामग्री:

  • 40-120 मिलीग्राम गिंको बाइलोबा

उपयोग का तरीका:

  • 40 से 120 मिलीग्राम गिंको बाइलोबा की खुराक लें।

कब करें उपयोग:

  • इसका सेवन रोजाना दिन में एक बार किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद:

मोतियाबिंद की समस्या को कम करने के लिए गिंको बाइलोबा का उपयोग भी प्रभावकारी हो सकता है। चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार, गिंको बाइलोबा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण रेडिएशन से होने वाले मोतियाबिंद को कम करने में सकारात्मक प्रभाव दिखा सकते हैं (18)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि गिंको बाइलोबा का इस्तेमाल मोतियाबिंद के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।

17. प्याज का रस

सामग्री:

  • 10 ग्राम प्याज का रस
  • 10 ग्राम अदरक का रस
  • 10 ग्राम नींबू का रस
  • 50 ग्राम शहद

उपयोग का तरीका:

  • इन सभी सामग्रियों को आपस में मिक्स करके किसी साफ कांच बोतल में डालकर ठंडी जगह पर रख दें। इसे एक महीने तक फ्रिज में स्टोर करके भी रख सकते हैं।
  • अब इस मिश्रण में दो-दो बूंदें अपनी दोनों आंखों में डाल सकते हैं।

कब करें उपयोग:

  • इस घरेलू उपचार का इस्तेमाल रोज किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद:

एक अध्ययन के अनुसार, प्याज के रस को नियमित रूप से इस्तेमाल करने से आंखों की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। 2009 में इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च में भी कहा गया है कि प्याज के रस का इस्तेमाल करने से मोतियाबिंद से बचा जा सकता है (19)। वहीं, आंखों के लिए अदरक, नींबू और शहद के फायदों के बारे में लेख में ऊपर जानकारी दी जा चुकी है।

18. व्हीटग्रास जूस

सामग्री :

  • 1 गिलास व्हीटग्रास का जूस

उपयोग का तरीका:

कब करें उपयोग:

  • कुछ हफ्तों तक इसका सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद

व्हीटग्रास मोतियाबिंद के इलाज के लिए एक प्रभावी घरेलू उपचार हो सकता है। एक शोध में साफ तौर से बताया गया है कि यह ऑक्सीजन रेडिकल अवशोषण क्षमता यानी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है (20)। ये गुण दृष्टि दोष को दूर करने, नजर को बढ़ाने और मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकते हैं (21)। हालांकि, इस विषय पर अधिक शोध की जरूरत है।

19. जैतून का तेल

सामग्री:

  • जैतून का तेल (आवश्यकतानुसार)

उपयोग का तरीका:

  • अपने पसंदीदा व्यंजनों और सलाद में जैतून का तेल मिला सकते हैं।
  • आंखों में जैतून के तेल की एक बूंद डाल सकते हैं।

कब करें उपयोग:

  • यह नियमित रूप से करना चाहिए।

कैसे है फायदेमंद:

अगर मोतियाबिंद से लड़ना चाहते हैं, तो जैतून का तेल सही विकल्प हो सकता है। जैतून के तेल में ल्यूटिन व जेक्सैन्थिन नामक घटक होता है (22)। यह क्षतिग्रस्त आंखों को ठीक करने में मदद करता है और आंखों को मोतियाबिंद से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (23)। साथ ही इस बात का खास ख्याल रखें कि खाने के लिए वर्जिन ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें और आंखों में इसका इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से चर्चा करें।

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यहां जानते हैं कि मोतियाबिंद से बचने के लिए किन-किन खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है।

मोतियाबिंद के लिए आहार – Diet For Cataracts in Hindi

बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर में पोषक तत्वों की कमी मोतियाबिंद का कारण बन सकती हैं। नीचे कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थों की सूची दी जा रही है, जिनका सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है (21):

1.  ल्यूटिन व जेक्सैथीन : ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussels sprouts), कोलार्ड साग (collard greens), मकई, केल (Kale), संतरा, पपीता, पालक व अंडे आदि।

2. ओमेगा-3 फैटी एसिड : अलसी, अलसी का तेल, सैलमन मछली व अखरोट आदि।

3. विटामिन्स

  • विटामिन ए : खुबानी, गाजर, आम, लाल मिर्च, रिकोटा पनीर (पार्ट-स्किम), पालक व शकरकंद।
  • विटामिन सी : ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, अंगूर, कीवी, संतरा, लाल मिर्च व स्ट्रॉबेरी।
  • विटामिन ई : बादाम, ब्रोकली, पीनट बटर, पालक, सूरजमुखी के बीज आदि।

4. जिंक : काबुली चना, पोर्क, रेड मीट व दही आदि।

लेख में बने रहें

लेख में आगे मोतियाबिंद के निदान के बारे में विस्तार से जानेंगे।

मोतियाबिंद का निदान- Diagnosis of Cataracts in Hindi

मोतियाबिंद के निदान के लिए डॉक्टर निम्न तरीकों से आंखों की जांच कर सकते हैं:

  • रेटिना का परीक्षण: मोतियाबिंद का पता लगाने के लिए डॉक्टर आंखों की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आंखों की पुतली को फैलाने के लिए आई ड्रॉप इस्तेमाल कर ऑप्टिक नर्व के आकार और रंग की अच्छे से जांच कर सकते हैं (1)।
  • स्लिट लैंप परीक्षण (Slit lamp test): इस परीक्षण के दौरान डॉक्टर माइक्रोस्कोप के जरिए आंख के आगे के हिस्से का परीक्षण करते हैं। इसमें लेंस के साथ ही आंखों की पुतली और रेटिना की भी जांच की जाती है (24)।
  • विजुअल एक्युटी परीक्षण (Visual acuity test): इस परीक्षण के दौरान डॉक्टर मोतियाबिंद का पता लगाने के लिए दृष्टि की जांच कर सकते हैं। इस परीक्षण के लिए आई चार्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें अक्षर लिखे होते हैं। डॉक्टर आंखों की जांच करने के लिए एक आंख से चार्ट में दिए गए अक्षरों को पढ़ने के लिए कह सकते हैं (25)।

पढ़ते रहें

मोतियाबिंद के निदान के बाद आगे जानिए मोतियाबिंद से बचने के कुछ जरूरी सुझाव।

मोतियाबिंद से बचने के उपाय – Prevention Tips for Cataracts in Hindi

मोतियाबिंद से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का जरूर ध्यान रखें (1):

  • नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं।
  • धूम्रपान न करें।
  • मधुमेह जैसी चिकित्सा स्थिति मोतियाबिंद का जोखिम बढ़ा सकती है। इसलिए, इसका उपचार ठीक से करवाएं।
  • स्वस्थ आहार का चुनाव करें।
  • सनग्लास का इस्तेमाल करें।
  • अल्कोहल का सेवन न करें।

अंत तक पढ़ें

मोतियाबिंद से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है, जानते हैं कि डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए।

डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?

आंखों की समस्या होने पर निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए (0):

  • रात को कम या धुंधला दिखाई देना।
  • रोशनी के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होना।
  • विजन लॉस यानी दिखाई ना देने पर।

इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पता चल गया होगा कि मोतियाबिंद दुनिया में अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। इससे बचने का एक ही उपाय है, इसके बारे में सही जानकारी और जागरूकता, जिसे इस लेख के माध्यम से आपके साथ साझा किया गया है। इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप जान गए होंगे कि मोतियाबिंद किस प्रकार फैलता है और इसके क्या-क्या कारण हो सकते हैं। साथ ही आप यह भी जान गए होंगे कि घर में ही मोतियाबिंद का इलाज और इससे बचाव किस प्रकार संभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

मोतियाबिंद होने की औसत आयु क्या है?

40-60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्ति आमतौर पर मोतियाबिंद से प्रभावित होते हैं। उम्र का बढ़ना इसके जोखिम कारक में से एक है (1)।

अगर मोतियाबिंद का इलाज न किया जाए तो क्या होगा?

अगर इलाज न किया जाए तो मोतियाबिंद के कारण व्यक्ति अंधा हो सकता है (1)।

क्या सर्जरी के बिना मोतियाबिंद ठीक हो सकता है?

नहीं, सर्जरी के बिना मोतियाबिंद ठीक नहीं हो सकता है, लेकिन मोतियाबिंद अगर शुरुआती स्थिति में है, तो घरेलू उपचार द्वारा इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके अलावा, मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए इससे संबंधित कुछ रोग जैसे मधुमेह आदि का इलाज कराना भी जरूरी है। इससे भी मोतियाबिंद ठीक हो सकता है।

मोतियाबिंद को ठीक होने में कितना समय लगता है?

मोतियाबिंद को ठीक होने में कितना समय लगता है, यह पूरी तरह से उसके इलाज पर निर्भर करता है। वहीं, सर्जरी के कुछ महीनों के भीतर ही मोतियाबिंद ठीक हो सकता है (1)।

क्या मोतियाबिंद को ठीक करने की जरूरत होती है?

हां, मोतियाबिंद को ठीक नहीं किया गया, तो इसके कारण आंखों की रोशनी जा सकती है (1)।

क्या मोतियाबिंद की सर्जरी दर्दनाक है?

नहीं, मोतियाबिंद की सर्जरी दर्दनाक नहीं है। डॉक्टर नंबिंग आई ड्रॉप का उपयोग कर मोतियाबिंद की सर्जरी करते हैं, जिस वजह से मरीज को दर्द का अहसास नहीं होता है।

क्या एप्पल साइडर विनेगर मोतियाबिंद को ठीक कर सकता है?

हां, सेब के सिरके में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाले मोतियाबिंद को कुछ हद तक ठीक करने में मदद कर सकता है (12)। हालांकि, इसके लिए चिकित्सक से सलाह लेना बेहतर होगा।

References

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  1. Cataracts
    https://www.nei.nih.gov/learn-about-eye-health/eye-conditions-and-diseases/cataracts
  2. Types of Cataract
    https://www.nei.nih.gov/learn-about-eye-health/eye-conditions-and-diseases/cataracts/types-cataract
  3. Adult cataract
    https://medlineplus.gov/ency/article/001001.htm
  4. Garlic and aging: new insights into an old remedy
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12437995/
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  10. Dietary Sources of Lutein and Zeaxanthin Carotenoids and Their Role in Eye Health
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  11. Castor Oil: Properties Uses and Optimization of Processing Parameters in Commercial Production
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  20. COMPOSITION FOR HIGH-ORAC VALUE DETARY SUPPLEMENT
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  22. Association between Lutein and Zeaxanthin Status and the Risk of Cataract: A Meta-Analysis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3916871/
  23. Evaluation of Nuclear Cataract with Smartphone-Attachable Slit-Lamp Device
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  24. Cataract
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK539699/
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Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations.

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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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