Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

भारत में ऐसे कई पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। ऐसे पेड़-पौधे हमारे आसपास या दूर पहाड़ी इलाकों में अक्सर देखने को मिल सकते हैं। इनका उपयोग स्वास्थ्य के लिए घरेलू उपचार के रूप में लंबे समय से किया जाता रहा है। इन्हीं में से एक ऐसा पौधा मुलेठी का है, जो लोगों के स्वास्थ्य को कई प्रकार से लाभ पहुंचा सकता है। स्टाइलक्रेज का यह लेख मुलेठी के लाभ पर ही आधारित है। इस लेख में मुलेठी से जुड़े कई स्वास्थ्य फायदों के बारे में बताया जाएगा। मुलेठी स्वस्थ रखने के साथ-साथ कुछ शारीरिक समस्याओं से उबरने में भी मदद कर सकती है। वहीं, गंभीर बीमारी की अवस्था में डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी होता है। यही कारण है कि इस लेख में हम मुलेठी पाउडर के फायदे, मुलेठी का उपयोग, मुलेठी के नुकसान और मुलेठी के गुण के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं। जानते हैं मुलेठी के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से।

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लेख की शुरुआत करते हैं इस जानकारी के साथ कि मुलेठी क्या है।

मुलेठी क्‍या है – What is Licorice in Hindi

मुलेठी एक लकड़ी की तरह दिखने वाला खाद्य पदार्थ है। यह मुलेठी के झाड़ीनुमा पौधे का तना होता है। इसे काटने के बाद, इसको सुखाया जाता है, जिसके बाद इसका पाउडर के रूप या छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। मुलेठी को अंग्रेजी भाषा में लीकोरिस (Licorice) कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ग्लाइसीराइजा ग्लबरा (Glycyrrhiza glabra) नाम है। चबाने पर इसका स्वाद मीठा लगता है। खास बात यह कि आजकल कई टूथपेस्ट में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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मुलेठी के बारे में जानने के बाद जानते हैं सेहत के लिए मुलेठी के फायदे के बारे में।

मुलेठी के फायदे – Benefits of Licorice in Hindi

मुलेठी से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

1. स्वस्थ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लिए

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य पाचन क्रिया से जुड़ा हुआ मानव शरीर का अहम हिस्सा है। इसे स्वस्थ रखने में मुलेठी के लाभ देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, मुलेठी में डिमल्सेंट गुण (demulcent) गुण पाया जाता है, जो पेट में ऐंठन, सूजन और जलन को कम करने में मदद कर सकता है। इसका सेवन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। मुलेठी सूजन को कम करने में सहायक हो सकती है। अल्सर जैसी अवस्था में भी इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है (1)

इसके अलावा, मुलेठी का सेवन पेट की परत को अतिरिक्त एसिड से बचाने के साथ मतली और अल्सर की समस्या को कम करने में भी अहम भूमिका निभा सकती है। मुलेठी की जड़ जीईआरडी (गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग) के लक्षण जैसे उल्टी की समस्या और एसिड रिफ्लक्स को भी कम कर सकती है (2)। इसलिए, बेहतर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य के लिए मुलेठी को लाभकारी कह सकते हैं।

2. कैंसर के उपचार में सहायक

मुलेठी का सेवन कैंसर के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है। मुलेठी में एंटी कार्सिनोजेन गुण पाया जाता है। इसलिए, मुलेठी का सेवन करने से कैंसर को पनपने व कैंसर के कारण डीएनए को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है (3)। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मुलेठी का सेवन प्रोस्टेट कैंसर से भी बचाए रखने का काम कर सकता है (4)। इस स्थिति में आप मुलेठी को पानी के साथ चबाकर खा सकते हैं। यहां हम स्पष्ट कर दें कि अगर किसी को कैंसर है, तो उसे सिर्फ घरेलू नुस्खे पर निर्भर न रहकर डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

3. डायबिटीज के उपचार में

डायबिटीज से बचने के लिए भी मुलेठी पर भरोसा किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक एनिमल स्टडी के अनुसार, मुलेठी के गुण डायबिटीज से बचाने में मदद कर सकते हैं। मुलेठी में एंटी-ऑक्सीडेंट और हाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण मुलेठी डायबिटीज से सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है। वहीं, अगर किसी को डायबिटीज है, तो मुलेठी उसके लक्षणों को कम करने का काम कर सकती है। अध्ययन में पाया गया है कि मुलेठी के अर्क का सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज के स्तर में कमी आ सकती है, जिससे डायबिटीज के उपचार में मदद मिल सकती है (5)

4. वजन घटाने के लिए

मुलेठी के उपयोग में पेट की चर्बी कम करने के साथ ही वजन घटाना भी शामिल है। इस संबंध में एनसीबीआई की साइट पर एक शोध प्रकाशित हुआ है। इन रिसर्च पेपर के अनुसार, मुलेठी का पाउडर या फिर मुलेठी के अर्क का इस्तेमाल करने से वजन को कुछ हद तक कम करने में मदद मिल सकती है (5) (6)

इसके अलावा एक अन्य शोध में पाया गया कि मुलेठी की जड़ की अर्क में एंटीओबेसिटी (Antiobesity) यानी कि मोटापे को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। यह प्रभाव मोटापे को कम करने में मददगार हो सकता है (7)। इसके लिए पानी के साथ मुलेठी के पाउडर का सेवन किया जा सकता है। हालांकि, वजन घटाने के लिए इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

5. लिवर को स्वस्थ रखने में

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी मुलेठी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। मुलेठी में लिवर को डैमेज होने से बचाने वाला हेपोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) प्रभाव पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव को बढ़ाकर लिवर को डैमेज होने से बचाए रखने का काम कर सकता है (8)। एनसीबीआई की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, अर्क के रूप में मुलेठी का सेवन करने से फैटी लिवर (Liver steatosis) से बचने में मदद मिल सकती है (6)। लिवर के संबंध में इसे कैसे प्रयोग करना है, इस बारे में एक डॉक्टर से जरूर पूछें।

6. सूजन से लड़ने में

शरीर में किसी प्रकार की सूजन को ठीक करने के लिए भी मुलेठी के फायदे देखे जा सकते हैं। नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के द्वारा जारी की गई एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है (9)। इसलिए, मुलेठी का पाउडर के रूप में पानी के साथ सेवन करके सूजन की समस्या को कम किया जा सकता है। अगर सूजन गंभीर हो, तो मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा लिया जा सकता है।

इसके अलावा, एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि मुलेठी में लिक्विरिटिजेनिन नामक यौगिक में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो अल्जाइमर से जुड़ी न्यूरोइन्फ्लेमेशन के इलाज में मदद कर सकता है (10)

7. मस्तिष्क के लिए

मस्तिष्क के सक्रिय रूप से कार्य करने में भी मुलेठी के लाभ दिखे जा सकते हैं। मुलेठी में ग्लाइसीराइजिक एसिड (Glycyrrhizic acid) नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है, जिसमें मुख्य रूप से न्यूरोप्रोटेक्टिव (neuroprotective) गुण होता है। यह गुण मस्तिष्क के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह ऑक्सीडेटिव और सूजन के कारण मस्तिष्क होने वाली क्षति से बचाने में मदद कर सकता है (10)। इसलिए, मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए इसके पाउडर को सब्जी के साथ भूनकर खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

8. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए

इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, तो किसी भी तरह की बीमारी आसपास भी नहीं फटकती है (11)इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए मुलेठी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। जानवरों पर हुए एक अध्ययन के अनुसार, मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट व इम्यूनिटी इफेक्ट गुण पाया जाता है। इसका सेवन करने से सकारात्मक रूप से इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद मिल सकती है (12)। इसे सुबह छोटे-छोटे टुकड़ों में चबाकर खाया जा सकता है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

9. पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए

पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बेहतर करने के लिए भी मुलेठी पाउडर के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, मुलेठी की जड़/तने का सेवन व्यक्ति के पूरे शरीर को प्रभावित करता है। साथ ही यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है, जो प्रजनन क्षमता के लिए लाभदायक हो सकता है (13)

वहीं, एक अन्य रिसर्च में पाया गया है कि मुलेठी का सेवन करने से स्वस्थ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कुछ कमी आई थी। हालांकि, बाद में किए गए अध्ययन के अनुसार इसके सेवन करने से ऐसे परिणाम देखने को नहीं मिले हैं (14)। इसलिए, सुरक्षा की दृष्टि से, इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेने के बाद इसका सेवन किया जा सकता है।

10. रजोनिवृत्ति के जोखिम में

रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज ऐसी स्थिति है, जो महिलाओं को 45 से 55 वर्ष की उम्र में हो सकती है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। साथ ही हॉट फ्लैश (Hot Flash) का अनुभव होने लगता है। इसमें महिला के चेहरे, गर्दन या सीने पर गर्माहट का अहसास होता है (15)। ऐसे में मुलेठी पाउडर के फायदे इसके जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, मुलेठी में फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogen) नामक प्रभाव पाया जाता है। इस कारण, अर्क के रूप में मुलेठी का सेवन रजोनिवृत्ति के बाद होने वाली हॉट फ्लैश जैसी समस्या में काफी हद तक आराम पहुंचा सकता है (16)

11. मुंह के स्वास्थ्य के लिए

मुंह को स्वस्थ रखने में भी मुलेठी का सेवन लाभ पहुंचा सकता है। दरअसल, मुलेठी में ग्लाइसीर्रिजिन (glycyrrhizin), ग्लेब्रिडिन (glabridin), लाइसोक्लेकोन ए (licochalcone A), लाइसोरिसिडिन (licoricidin) और लाइकोरिसोफ्लेवन ए (licorisoflavan A) जैसे बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मुलेठी का सेवन करने से इन यौगिकों का प्रभाव ओरल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। ये यौगिक मुंह से जुड़े विभिन्न रोगों के उपचार में मदद कर सकते हैं (17)इसके लिए मुलेठी के पाउडर का पेस्ट बनाकर टूथपेस्ट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है

12. नींद में सुधार के लिए

अच्छी नींद के लिए मुलेठी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, मुलेठी में ग्लाइसीर्रिजिन (Glycyrrhizin) नामक यौगिक पाया जाता है। इसका सेवन करने से यह अनिद्रा जैसी समस्या को दूर करके में मदद कर सकता है (18)। वहीं एक अन्य शोध में मुलेठी की जड़ का इथेनॉल अर्क चूहों में सोने का समय बढ़ाने में मददगार पाया गया (19)

नींद में सुधार के लिए मुलेठी के पाउडर का शहद के साथ सेवन कर सकते हैं। औषधीय रूप में अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए इसका लंबे समय से उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन यह इस समस्या में किस प्रकार फायदेमंद है, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की जरूरत है। वहीं, अगर किसी अन्य कारण से नींद ठीक से पूरी नहीं हो पा रही है, तो एक बार डॉक्टर से मिल सकते हैं।

13. हार्मोनल समस्या के लिए

मुलेठी हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकती है। पारंपरिक तौर पर हार्मोन को संतुलित करने के लिए इसकी जड़ का इस्तेमाल किया जाता रहा है। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, मुलेठी की रूट को विशेष रूप से पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम या पीसीओएस के इलाज के लिए हर्बल सप्लीमेंट्स के रूप में इस्तेमाल करने के लिए भी जाना जाता है (20)। हालांकि, इस विषय पर अधिक शोध की आवश्यकता है।

14. त्वचा के लिए

त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए भी मुलेठी पाउडर के फायदे देखे जा सकते हैं। मुलेठी में लिक्विरेटिन (Liquiritin) नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है। इसका इस्तेमाल करने से यह त्वचा पर मौजूद भूरे रंग के पिगमेंट को फैलाकर, त्वचा को चमकदार बनाने में मदद कर सकता है (21)। इसके अलावा, मुलेठी में ग्लैब्रेन (Glabrene), आइसोलिकिरिटजेनिन (Isoliquiritigenin), लाइसुरसाइड (licuraside), आइसोलिकिरिटिन (Isoliquiritin) और लाइसोक्लेकोन ए (Licochalcone A) जैसे बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। ये सभी यौगिक टायरोसिन गतिविधि (tyrosinase activity) को रोकने में मदद कर सकते हैं (21)

टायरोसिन गतिविधि, त्वचा के रंग में होने वाला एक प्रकार का दोष है। वहीं, एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मुलेठी एंटी-एजिंग क्रीम के रूप में भी काम कर सकती है (22)। इसके लिए मुलेठी का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगा सकते हैं। वहीं, अगर त्वचा संबंधी कोई गंभीर समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

15. बालों के लिए

बालों की समस्या को कम करने और बालों को स्वस्थ रखने के लिए मुलेठी की जड़ का उपयोग किया जा सकता है। एक रिसर्च के अनुसार मुलेठी की जड़ से प्राप्त हाइड्रो-अल्कोहलिक अर्क में हेयर ग्रोथ प्रभाव होता है। यह प्रभाव बालों को बढ़ाने में मददगार हो सकता है (23)। एक अन्य रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई कि मुलेठी की जड़ युक्त शैम्पू का उपयोग बालों और स्कैल्प की समस्याओं को कम करने में भी मदद कर सकता है। इसमें क्लिंजिंग प्रभाव होता है जो बालों को साफ करने में सहायक हो सकता है। साथ ही, मुलेठी शैम्पू बालों के कई रोगों के उपचार में उपयोगी हो सकता है (24)

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फायदों के बाद यहां मुलेठी के पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।

मुलेठी के पौष्टिक तत्व – Licorice Nutritional Value in Hindi

मुलेठी में विभिन्न तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनके बारे हम यहां टेबल के जरिए बता रहे हैं (25) :

पौष्टिक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
जल6.3 g
ऊर्जा375 kcal
टोटल लिपिड0.05 g
कार्बोहाइड्रेट93.55 g
फाइबर , कुल डाइटरी0.2 g
शुगर70 g
कैल्शियम3m g
आयरन0.13 mg
मैग्नीशियम2 mg
फास्फोरस4 mg
पोटैशियम37  mg
सोडियम50 mg
जिंक0.05 mg
कॉपर0.028 mg
सेलेनियम1.1 μg
थायमिन0.004 mg
राइबोफ्लेविन0.011 mg
नियासिन0.008 mg
विटामिन बी-60.004 mg

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मुलेठी के पोषक तत्वों को जानने के बाद अब इसके उपयोग के बारे में बात करते हैं।

मुलेठी का उपयोग – How to Use Licorice in Hindi

मुलेठी का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है।

  • मुलेठी के पाउडर को पानी के साथ घोलकर सेवन किया जा सकता है
  • दूध में मिलाकर इसका सेवन करने पर मुलेठी और दूध के फायदे भी हो सकते हैं।
  • मुलेठी के टुकड़ों को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह इसे ओखली में कूटकर इसका रस निकालकर सेवन करें।
  • खाने के बाद मुलेठी पाउडर और सौंफ के पाउडर को पानी में घोलकर पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • मुलेठी पाउडर को नींबू रस के साथ पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • मुलेठी पाउडर को दूध के साथ पीने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • कब करें इस्तेमाल – मुलेठी को सुबह, शाम और रात में किसी भी समय खाया जा सकता है। वहीं, त्वचा पर लगाने के संबंध में विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।

कितना करें इस्तेमाल – इसके बहुत छोटे से टुकड़े को ही खाने के लिए इस्तेमाल करें। फिर भी इसके सेवन की सही मात्रा की जानकारी के लिए एक बार आहार विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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मुलेठी खाने के फायदे के बाद लेख के इस भाग में हम आपको बता रहे हैं मुलेठी के नुकसान के बारे में।

मुलेठी के नुकसान – Side Effects of Licorice in Hindi

मुलेठी खाने के फायदे के बाद यहां हम इससे होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बता रहे हैं। मुलेठी खाने के नुकसान कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।

  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए या फिर डॉक्टर की सलाह पर इसे लेना चाहिए।
  • मुलेठी में ग्लाइसीर्रिजिनिक एसिड (glycyrrhizinic acid) होता है। इस कारण कुछ दवाओं के साथ इसका सेवन करने से शरीर में पोटैशियम के स्तर में कमी आ सकती है और हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  • अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा हो सकता है
  • इसके सेवन के दौरान कोई भी विपरीत लक्षण दिखने या महसूस होने पर इसका सेवन रोक दें और डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही फिर से इसका सेवन शुरू करें।

मुलेठी के आयुर्वेदिक गुण का लाभ लेने के लिए मुलेठी को किसी भी ग्रोसरी स्टोर से खरीदा जा सकता है। कोशिश करें कि मुलेठी का पाउडर घर पर ही बना लें, क्योंकि बाजार में पाउडर के रूप में बिक रही मुलेठी में मिलावट भी हो सकती है, जिसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, मुलेठी खाने के फायदे पाने के लिए इसका सेवन कई तरह से किया जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो मुलेठी और दूध के फायदे कई सारे हैं। इस बात का ध्यान दें कि गंभीर समस्याओं में मुलेठी का उपयोग उपचार के रूप में करना समस्या को बढ़ा सकता है। इस लेख में आपको मुलेठी के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में विस्तार से बताया गया है, इसलिए किसी भी गंभीर समस्या में मुलेठी पर निर्भर रहने की जगह डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मुलेठी में लेक्सिटिव प्रभाव होता है?

हां, मुलेठी में लेक्सिटिव प्रभाव पाया जाता है (26)

मुलेठी की जड़ का सेवन कैसे कर सकते हैं?

मुलेठी के आयुर्वेदिक गुण का लाभ लेने के लिए मुलेठी की जड़ के बहुत छोटे टुकड़े चूसने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा मुलेठी और दूध के फायदे भी देखे गए हैं। ऐसे में मुलेठी का दूध के साथ भी सेवन किया जा सकता है।

क्या मुलेठी पेट के लिए फायदेमंद है?

हां, मुलेठी के आयुर्वेदिक गुण पेट के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। मुलेठी में डिमल्सेंट गुण (demulcent) गुण पाया जाता है, जो पेट में अकड़न, सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है (1)

क्या मुलेठी किडनी के लिए हानिकारक है?

हां, किडनी की समस्या वालों के लिए मुलेठी का सेवन स्थिति को गंभीर बना सकता है।

क्या मुलेठी आपके लिवर के लिए हानिकारक है?

नहीं, मुलेठी में मौजूद के हेपेटोप्रोटेक्टिव प्रभाव एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइंफ्लामेटरी क्षमता को बढ़ाकर लिवर की चोट को कम कर सकता है (8)

क्या खांसी में मुलेठी का उपयोग किया जा सकता है?

हां, खांसी में मुलेठी का उपयोग किया जा सकता है। शोध के अनुसार मुलेठी बलगम को निकालने में मददगार हो सकती है (2)। इससे कुछ हद तक खांसी की समस्या से राहत पाई जा सकती है।

References

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  3. Licorice and cancer
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  4. Glycyrrhizin induces apoptosis in prostate cancer cell lines DU-145 and LNCaP
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  5. Effect of licorice extract on the complications of diabetes nephropathy in rats
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  6. Dietary licorice root supplementation improves diet-induced weight gain lipid deposition and hepatic steatosis in ovariectomized mice without stimulating reproductive tissues and mammary gland
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  8. Hepatoprotective effect of licorice the root of Glycyrrhiza uralensis Fischer in alcohol-induced fatty liver disease
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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