Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

यह कहना गलत नहीं होगा कि मूंगफली के फायदे बादाम से किसी भी तरह से कम नहीं हैं। यह न सिर्फ ठंड के मौसम में दोस्तों के बीच हंसी-ठिठोली और टाइम पास का बढ़िया जरिया है, बल्कि यह पौष्टिक तत्वों का खजाना भी है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम मूंगफली खाने के फायदे बता रहे हैं। हालांकि, इनमें से कुछ फायदे ऐसे हैं, जो शायद कई लोगों को पता होंगे, लेकिन इसमें कुछ फायदे ऐसे हैं, जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे। फायदों के साथ-साथ मूंगफली खाने के नुकसान के बारे में भी जानने का प्रयास करेंगे। मूंगफली खाने का तरीका भी इस लेख में शामिल है। पाठकगण ये भी ध्यान रखें कि मूंगफली का सेवन किसी बीमारी का इलाज नहीं है, यह सिर्फ स्वास्थ्य समस्या से बचाव कर सकती है। गंभीर बीमारियों में हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

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आइए सबसे पहले जानते हैं कि मूंगफली क्या है और उसके बाद जानेंगें मूंगफली के गुण के बारे में। मूंगफली खाने से क्या होता है इसके बारे में बताया गया है।

मूंगफली क्या है – What is Peanut in Hindi

मूंगफली के फायदे जानने से पहले बता दें मूंगफली क्या है? मूंगफली को फलियों की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन इसमें सूखे मेवों के भी गुण मौजूद होते हैं। यही कारण है कि इसे नट्स की श्रेणी में भी शामिल किया जा सकता है। वहीं, इसमें तेल की उच्च मात्रा पाई जाती है, इसलिए इसे तिलहन फसल में भी शामिल किया जाता है। ये प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है। नट्स और तेल में इस्तेमाल होने के अलावा, मूंगफली का उपयोग मक्खन, स्नैक उत्पाद और डेसर्ट बनाने में भी किया जाता है। मूंगफली को कई नामों से जाना जाता है, जैसे हिंदी में मूंगफली, तेलगु में ‘पलेलु’ (Pallelu), तमिल में ‘कदलाई’ (Kadalai), मलयालम में ‘निलक्कड़ला’ (Nilakkadala), गुजराती में ‘सिंगदाना’ (Singdana) और मराठी में ‘शेंगदाना’ (Shengdaane) कहा जाता है। इसके अलावा, मूंगफली को जमीन से प्राप्त किया जाता है, जिस कारण इसे ग्राउंडनट भी कहा जाता है। मूंगफली भारत में पूरे वर्ष, हर जगह मिलती है और इसके उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। जानकारी के लिए बता दें की मूंगफली का उत्पादन चीन में सबसे ज्यादा किया जाता है (1)

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आइए, अब जानते हैं मूंगफली सेहत के लिए कितनी लाभकारी है। अंत में मूंगफली खाने के नुकसान भी बताए जाएंगे।

मूंगफली सेहत के लिए क्यों अच्छी है?

मूंगफली में कई स्वास्थ्यकारी पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें प्रोटीन और फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें हेल्दी फैट (मोनोसैचुरेटेड फैट) पाए जाते हैं। इसमें रेस्वेट्राल और फाइटोस्ट्राल जैसे न्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते हैं। वहीं, मूंगफली का उपयोग, हृदय रोग, डायबिटिज, अल्जाइमर और कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि मूंगफली और इससे बने उत्पाद कुपोषण से पार पाने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए, मूंगफली को सेहत और स्वास्थ्य का पॉवर पैक कहा जा सकता है (1)

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आइए, विस्तार से जानते हैं कि मूंगफली के फायदे क्या हैं और मूंगफली सेहत के लिए कैसे फायदेमंद हो सकती है।

मूंगफली के फायदे – Benefits of Peanut in Hindi

मूंगफली के गुण से अगर आप अभी तक अनजान थे, तो हम बताने जा रहे हैं कि मूंगफली के गुण कैसे स्वास्थ्यकारी हो सकते हैं। कच्ची मूंगफली खाने के फायदे से लेकर मूंगफली कैसे खाये, ये सभी जानकारी यहां आपको मिल जाएगी। साथ ही आप जान सकेंगे कि मूंगफली में क्या पाया जाता है, जो गुणकारी है।

1. डायबिटीज के लिए मूंगफली के फायदे

मधुमेह से ग्रसित लोग मूंगफली को डायट में शामिल कर सकते हैं। इसका सेवन करने से डायबिटीज पेशेंट्स को बहुत फायदा पहुंच सकता है।  अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने मूंगफली को डायबिटीज सुपर-फूड का दर्जा दिया है, क्योंकि इसमें  मैग्नीशियम, फाइबर और हार्ट हेल्दी ऑयल्स मौजूद होते हैं। ये ब्लड ग्लूकोज को अधिक प्रभावित नहीं करते हैं (1)। वहीं, अगर मधुमेह में मूंगफली खाना नहीं चाहते, तो मूंगफली का घर पर पीनट बटर बनाकर भी डायट में शामिल कर सकते हैं। मूंगफली के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है (2)। इसलिए, बेहिचक शुगर में मूंगफली खा सकते हैं।

2. अल्जाइमर और दिमाग के लिए मूंगफली के फायदे

अल्जाइमर रोग दिमाग से संबंधित एक विकार है। इस बीमारी में व्यक्ति की याददाश्त प्रभावित हो जाती है (3)। इस बीमारी से बचाव में मूंगफली के फायदे देखे गए हैं। दरअसल, मूंगफली में नियासिन की उच्च मात्रा होती है और यह विटामिन-ई का एक अच्छा स्रोत है। रिसर्च में इन दोनों तत्वों को अल्जाइमर रोग और उम्र के साथ दिमागी शक्ति में आने वाली गिरावट से बचाव में कारगर पाया गया है। इतना ही नहीं, मूंगफली में मौजूद रेसवेराट्रॉल, अल्जाइमर रोग और अन्य नर्व सिस्टम डिसआर्डर के लिए लाभदायक हो सकता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता हैं कि सींगदाना खाने के फायदे दिमाग और उससे जुड़ी समस्याओं से राहत दिला सकते हैं (1)

3. कैंसर से बचाव के लिए मूंगफली खाने के फायदे

मूंगफली में पाए जाने वाले अनसैचुरेटड फैट्स, कुछ विटामिन, खनिज और बायोएक्टिव तत्व कैंसर विरोधी प्रभाव दिखा सकते हैं। विशेष रूप से, मूंगफली में मौजूद फाइटोस्टेरॉल कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। साइंटिफिक रिसर्च ये कहती हैं कि मूंगफली के माध्यम से फाइटोस्टेरॉल का सेवन, प्रोस्टेट ट्यूमर के मामलों में 40 प्रतिशत और शरीर के अन्य भागों में फैलने वाले कैंसर की घटनाओं में लगभग 50 प्रतिशत कमी ला सकता है।

फाइटोस्टेरॉल की तरह, रेस्वेराट्रोल भी कैंसर से बचाव में सहायक हो सकता है, क्योंकि यह बढ़ते कैंसर के लिए रक्त की आपूर्ति रोक सकता है। मूंगफली में मौजूद ये दोनों तत्व कैंसर कोशिका को पनपने से रोक सकते हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मूंगफली और इससे बने उत्पाद,फेफड़े, पेट, ओवेरी, प्रोस्टेट और स्तन कैंसर से बचाव में सहायक हो सकते हैं (1)

इस आधार पर कहा जा सकता है कि मूंगफली के फायदे कैंसर से बचाव में सहायक हो सकते हैं। वहीं, यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि मूंगफली को कैंसर का इलाज नहीं माना जा सकता है, क्योंकि यह एक गंभीर बीमारी है। इसके इलाज के लिए डॉक्टरी उपचार करवाना जरूरी है। कैंसर पेशेंट्स हेल्दी डायट के लिए पीनट को डायट में शामिल कर सकते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है, पर यह कैंसर का इलाज नहीं है।

4. ऊर्जा बढ़ाने के लिए मूंगफली के फायदे

मूंगफली को ऊर्जा का पॉवर पैक कह सकते हैं क्योंकि इसकी थोड़ी मात्रा से ही पर्याप्त उर्जा हासिल को जा सकती है। इसमें लगभग 50 प्रतिशत हेल्दी फैट होता है, जो किसी भी पारंपरिक खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक कैलोरी दे सकता है (1)। गर्मियों में मूंगफली खाने के फायदे, ऊर्जा दे सकते हैं, क्योंकि गर्मियों में ऊर्जा की अधिक खपत होती है।

एक अन्य रिसर्च के अनुसार, नट्स प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं और क्योंकि मूंगफली भी उनमें से एक है, इसलिए यह भी काफी प्रोटीन युक्त होती है और इससे शरीर को अच्छी एनर्जी मिल सकती है। मूंगफली की चटनी बनाकर खाएं या फिर ब्रेड पर पीनट बटर लगाकर खाएं, मूंगफली के फायदे कई तरह से लिए जा सकते हैं (4)

5. हृदय रोग के लिए मूंगफली के फायदे

मूंगफली में मौजूद हेल्दी फैट्स, हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं। वहीं, कई वैज्ञानिक अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि संतुलित मात्रा में मूंगफली का सेवन फाइटोस्टेरॉल की अच्छी पूर्ति कर सकता है जिससे हृदय रोगों में कमी आ सकती है। हृदय रोगियों के लिए मूंगफली को इसीलिए लाभकारी कहा जाता है। मूंगफली में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, प्लांट प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर आर्जिनिन और कई बायोएक्टिव तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं और हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं (1)।  साथ ही मूंगफली में रेस्वेराट्रोल (Resveratrol) नामक एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, जो कार्डियोवैस्कुलर रोगों के खतरे को कम कर सकता है (5)। इस आधार पर कहा जा सकता हैं कि मूंगफली के फायदे दिल की सुरक्षा कर सकते हैं।

6. तंत्रिका विकार से बचाव में मूंगफली के लाभ

मूंगफली खाने के फायदे तंत्रिका विकार से बचा सकते हैं। मूंगफली में रेस्वेराट्रोल और नियासिन की उचित मात्रा इसे नर्व हेल्थ यानी तंत्रिका तंत्र स्वास्थ्य के लिए उत्तम खाद्य पदार्थ बनाती है (1)।  चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात पता चली है कि रेस्वेराट्रोल में न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाया जाता है यानी यह तंत्रिका तंत्र को सुचारू रखने में सहायक हो सकता है (6)।  वहीं, नियासिन यानी विटामिन-बी 3 का होना मूंगफली को और फायदेमंद बना सकता है क्योंकि न्यूरोनल (तंत्रिका संबंधी) स्वास्थ्य बढ़ाने में विटामिन बी-3 लाभ दे सकता है। इसलिए, कहा जा सकता हैं कि विटामिन की कमी से होने वाले तंत्रिका तंत्र विकार और मनोरोगों से सुरक्षा देने में मूंगफली कारगर हो सकती है (7)

7. डिप्रेशन से बचाव में मूंगफली के फायदे

मूंगफली का सेवन डिप्रेशन की स्थिति में कुछ हद तक सुधार कर सकता है। पाठक यह बात अच्छी तरह जान चुके हैं कि मूंगफली में रेस्वेराट्रोल होता है। रिसर्च कहती है कि यह शक्तिशाली तत्व, एंटीडिप्रेसेंट (अवसाद कम करने वाला) दवा की तरह काम कर सकता है। रेस्वेराट्रोल का सेवन किया जाए, तो यह मस्तिष्क के हिस्सों (Brain regions) और तंत्रिका मार्गों (Neural pathways) पर असर डाल सकता है।   इसलिए, यह रेस्वेराट्रोल नामक पॉलीफेनोल, अवसाद के कई मामलों में फायदेमंद हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि यह रिसर्च चूहों पर की गयी है, इंसानों पर इसका प्रभाव जानने के लिए और शोध किए जाने की जरूरत है (8)

8. हड्डियों/गठिया के लिए मूंगफली के फायदे

विज्ञान, हड्डियों और उनसे जुड़ी मांसपेशियों को सेहतमंद रखने में मैगनिशियम की बड़ी भूमिका बताता है। रिसर्च कहती हैं कि मैग्नीशियम, मस्कुलोस्केलेटल हेल्थ (Musculoskeletal health) यानी हड्डियों और मसल्स को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर हो सकता है (9)मूंगफली में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है इसलिए मूंगफली का सेवन हड्डियों की सेहत के लिए अच्छा माना जा सकता है (10)। एक चौथाई कप भुनी मूंगफली में  63 मिलीग्राम मैग्नीशियम पाया जाता है, जो कि दैनिक जरूरत का 15 प्रतिशत है (11)। इसके अलावा, मूंगफली के नुकसान या किसी जोखिम का डर हो तो गठिया के रोगियों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। गठिया के रोगियों को मूंगफली को कितनी मात्रा में डायट में शामिल किया जाए इसे लेकर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

9. कोलेस्ट्राल कम करने में मूंगफली के फायदे

लो फैट डाइट की तुलना में मूंगफली और इसके उत्पाद (मक्खन और तेल) दिल की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। शोध के अनुसार, इसमें उच्च मोनोअनसैचुरेटेड फैट होते हैं, जो कुल बॉडी कोलेस्ट्रॉल को 11 प्रतिशत और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को 14 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि मूंगफली अच्छे कोलेस्ट्राल (HDL) को बनाए रखने का काम कर सकती है।  मूंगफली के ये गुण कोलेस्ट्राल का संतुलन बनाए रखने में मददगार हो सकते हैं (1)। इसलिए, कोलेस्ट्राल कम करने में मूंगफली खाने के फायदे लिए जा सकते हैं लेकिन इसका सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।

10. फर्टिलिटी बढ़ाने में सहायक है मूंगफली

मूंगफली खाने के फायदे में फर्टिलिटी का बढ़ना भी शामिल है, क्योंकि इसमें अर्जिनाइन पाया जाता है, जो पुरुष प्रजनन शक्ति में इजाफा कर सकता है (1)। इसके अलावा, जिंक की कमी शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित करती है। मूंगफली जिंक का एक अच्छा स्रोत है, जो शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकता है (12)। मूंगफली महिलाओं की प्रजनन क्षमता को किस प्रकार प्रभावित करती है, इस पर अभी वैज्ञानिक शोध किया जा रहा है।

11. गाल स्टोन होने पर मूंगफली के लाभ

पित्त की थैली में पथरी (गाल स्टोन) की शिकायत आजकल आम नजर आने लगी है। ऐसे में मूंगफली समेत अन्य नट्स लाभकारी हो सकते हैं।  मूंगफली में कई स्वास्थ्यकारी तत्व होते हैं, जो पित्त की थैली में पथरी के जोखिम को कम कर सकते हैं। मूंगफली का सेवन करने से पथरी का जोखिम कम हो सकता है, जिससे पित्त की थैली के सर्जरी के मामलों में भी कमी आ सकती है (13)।  हालांकि, पित्त की थैली में पथरी से बचाव में सींगदाना खाने के फायदे कैसे काम करते हैं, इस पर अभी अधिक शोध की जरूरत है।

12. वजन बढ़ने का जोखिम कम कर सकती है मूंगफली

शेंगदाणा खाने के फायदे में वजन कम होना भी शामिल है। जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि मूंगफली एक प्रकार का नट है जिसमें हेल्दी फैट्स (मोनोअनसैचुरेटेड फैट) पाए जाते हैं, इसलिए इसे हेल्दी डायट का हिस्सा बना सकते हैं (14)। जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं वो भी सीमित मात्रा में इसे डायट में शामिल कर सकते हैं। स्कूली बच्चों पर की गयी एक रिसर्च इस बात की पुष्टि करती है कि दो साल तक मूंगफली का सेवन करने के बाद ओवरवेट बच्चों के वजन में कमी पाई गयी। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि मूंगफली खाने के फायदे ये भी हैं कि यह इससे वजन बढ़ने का जोखिम न के बराबर हो सकता है (1)

13. एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त है मूंगफली

मूंगफली में फ्री रेडिकल्स के खिलाफ लड़ने के लिए फ्री रेडिकल स्क्वैजिंग एक्टिविटी पाई जाती है।  इसमें बहुत से एंटीऑक्सीडेंट्स हैं, जो न सिर्फ रोगों से निजात दिला सकते हैं बल्कि उम्र बढ़ाने में भी मददगार हो सकते हैं। मूंगफली में एंटीऑक्सीडेंट खनिज (सेलेनियम, मैंगनीज, कॉपर) और फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। साथ ही इसमें विटामिन ई, क्लोरोजेनिक एसिड, कैफिक एसिड, कौमारिक एसिड और फेरुलिक एसिड होते हैं, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स गतिविधि दिखा सकते हैं (1)

14. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में मूंगफली के फायदे

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल विकार है, जो अंडाशय के बाहरी किनारों पर छोटी छोटी सिस्ट बना देता है, जिससे अंडाशय का आकार बढ़ जाता है। यह महिला प्रजनन तंत्र को प्रभावित करने के साथ और भी कई समस्या पैदा कर सकता है जैसे मोटापा, मुहांसे और अनचाहे बालों का उगना (15)। खान-पान में सुधार लाकर और व्यायाम करके पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से निपटा जा सकता है। शोध ये कहते हैं कि पीसीओडी डाईट में भीगी हुई मूंगफली का सेवन किया जा सकता हैं (16)। इसके अलावा मूंगफली में पाया जाने वाला रेस्वराट्राल भी ओवेरियन सिस्ट की स्थिति में सुधार ला सकता है(17)

15. विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है मूंगफली

फल, सब्जियों व नट्स को विटामिन का अच्छा स्रोत माना गया है। हालांकि, कई बार अखरोट, बादाम व पिस्ता जैसे महंगे ड्राई फ्रूट्स खाना जेब पर काफी भारी पड़ जाता है। इस स्थिति में जरूरी विटामिन सस्ती मूंगफली से मिल सकते हैं। जी हां, मूंगफली गुणों का खजाना है और विटामिन से भरपूर है। मूंगफली में कौन सा विटामिन होता है, अगर ये नहीं जानते, तो बता दें कि मूंगफली में बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे नियासिन (niacin), राइबोफ्लेविन (riboflavin), थियामिन (thiamin), पैंटोथेनिक एसिड (pantothenic acid) आदि होते हैं। साथ ही इसमें मूंगफली में पोटेशियम, मैंगनीज, कॉपर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, सेलेनियम और जिंक जैसे जरूरी मिनरल्स भी होते हैं (1)। इसलिए, मूंगफली को पौष्टिक आहार कहा जा सकता है और मूंगफली दाना के फायदे, शरीर को अंदर से मजबूत बनाकर स्वस्थ रख सकते हैं।

16. स्वस्थ्य त्वचा के लिए मूंगफली खाने के फायदे

मूंगफली दाना के फायदे त्वचा को सुरक्षा और पोषण दोनों दे सकते हैं। दरअसल, शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने पर त्वचा का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे कई तरह की त्वचा समस्या उत्पन्न हो सकती हैं (18)। ऐसे में मूंगफली का सेवन कुछ हद तक त्वचा को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। मूंगफली में अर्जिनाइन (Arginine) नामक एमिनो एसिड पाया जाता है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर में अमोनिया और अन्य विषाक्त पदार्थों के प्रभावों को बेअसर करके, अर्जिनाइन लिवर को डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है (1)

इसके अलावा, मूंगफली के तेल का भी उपयोग किया जा सकता है। मूंगफली के तेल में फ्लुसीनोलोन (Fluocinolone) मौजूद होता है। फ्लुसीनोलोन एक प्रकार का टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड है, जो त्वचा की सूजन को कम करने और खुजली से राहत देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए, मूंगफली के तेल का इस्तेमाल स्कैल्प सोरायसिस और एटोपिक डरमिटाइटिस (atopic dermatitis) जैसी त्वचा समस्याओं से उबरने में मदद कर सकता है (19) (20)। मूंगफली के नुकसान से बचने के लिए इसका तेल त्वचा पर लगाने से पहले थोड़ी सी जगह पर लगाकर, इसका पैच टेस्ट जरूर कर लेना चाहिए।

17. बालों के लिए मूंगफली के फायदे

मूंगफली में कई स्वास्थ्यकारी अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जिनमें से एक है लाइसिन (1)। शोध के अनुसार,  लाइसिन मुख्य रूप से बालों की जड़ के अंदरूनी हिस्से में मौजूद होता है, जो बालों के आकार और घनापन देने के लिए जिम्मेदार होता है। भोजन में लाइसिन की अपर्याप्त आपूर्ति से बाल कमजोर और पतले हो सकते हैं। यह अमीनो एसिड जिंक और आयरन के अवशोषण को भी बढ़ा सकता है। लाइसिन की पूर्ति करने में मूंगफली का सेवन मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जो बालों को जरूरी पोषण पहुंचा सकते हैं (21) । इसलिए, कहा जा सकता है कि भुनी मूंगफली खाने के फायदे बालों को चमकदार और स्वस्थ बना सकते हैं।

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मूंगफली खाने से क्या होता है और मूंगफली खाने के फायदे जानने के बाद आइए, जानते हैं कि मूंगफली में कौन कौन से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं?

मूंगफली के पौष्टिक तत्व – Peanut Nutritional Value in Hindi

पाठक जान चुके हैं कि शेंगदाणा खाने के फायदे, शारीरिक समस्याओं से कैसे निजात दिला सकता है।  अब हमको एक टेबल के जरिए बताते हैं कि मूंगफली में कौन-कौन से पोषक तत्व,कितनी मात्रा में पाए जाते हैं (22)

पोषक तत्वप्रति 100 ग्राम में मात्रा
जल6. 5 ग्राम
ऊर्जा567 कैलोरी
कार्बोहाइड्रेट16.13 ग्राम
 प्रोटीन25.80 ग्राम
टोटल फैट49.24 ग्राम
डाइटरी फाइबर8. 5 ग्राम
फॉलेट्स240 माइक्रोग्राम
नियासिन12.066 मिलीग्राम
पैंटोथेनिक एसिड1. 767 मिलीग्राम
पायरीडॉक्सीन0. 348 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.135 मिलीग्राम
थायमिन0. 640 मिलीग्राम
विटामिन ई8. 33 मिलीग्राम
सोडियम18 मिलीग्राम
पोटैशियम705 मिलीग्राम
कैल्शियम92 मिलीग्राम
 कॉपर1.144 मिलीग्राम
आयरन4.58 मिलीग्राम
मैग्नीशियम168 मिलीग्राम
मैंगनीज1. 934 मिलीग्राम
फास्फोरस 76 मिलीग्राम
सेलेनियम 7.2 माइक्रोग्राम
जिंक3. 27 मिलीग्राम

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आइए, अब जानते हैं कि मूंगफली खाने का तरीका क्या हो सकता है।

मूंगफली का उपयोग कैसे करे – How to Use Peanut in Hindi

मूंगफली का उपयोग करने के कई तरीके हैं जिनमें से आप अपने पसंदीदा तरीका चुनकर मूंगफली को डायट में शामिल कर सकते हैं।  इसे विभिन्न तरीकों जैसे – मक्खन, तेल, आटा और फ्लेक के रूप में उपयोग किया जाता है।  चलिए कुछ तरीकों पर नजर डालते हैं।

उबाल कर खाएं मूंगफली

मूंगफली को उबालकर खाया जा सकता हैं। उबली हुई मूंगफली बहुत ही स्वादिष्ट होती है और सेहतमंद भी होती है। इससे जुड़े शोध के अनुसार, उबालने से मूंगफली  की एंटीऑक्सीडेंट क्षमता बढ़ जाती है। वहींं, एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मददगार हो सकता है (1)। इसलिए, सेहत के लिए मूंगफली को उबालकर भी खाया जा सकता है। नीचे हम मूंगफली उबालने की विधि आपको बता रहे हैं।

 मूंगफली कैसे उबालें?

  • सबसे पहले मूंगफली को अच्छे से धो लें और फिर एक घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
  • अब 200 एमएल पानी में एक चम्मच नमक मिला दें।
  • फिर इसमें मुट्ठीभर मूंगफली डालकर उबाल लें।

मूंगफली का आटा

कई लोग मूंगफली के आटे का भी सेवन करते हैं। मूंगफली का आटा बनाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली मूंगफली का चयन किया जाता है, जिससे मूंगफली खाने के नुकसान से बचा जा सकता है। फिर इन्हें भून कर आटा बनाया जाता है। इस आटे का उपयोग मिठाई बनाने या फिर बेकरी में किया जाता है। पीनट खाने के फायदे लेने के लिए इसके कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं।

पीनट बटर के रूप में मूंगफली का सेवन

मूंगफली के फायदे और नुकसान को ध्यान में रखते हुए कई लोग पीनट बटर यानी मूंगफली का मक्खन खाना भी पसंद करते हैं। पीनट खाने के फायदे लेने हैं, तो इसका बटर आसानी से बाजार में व सुपरमार्केट में मिल जाता है, लेकिन इसे घर में भी बनाया जा सकता है। बाजार की तुलना में घर में बना पीनट बटर न सिर्फ सेहतमंद होगा, बल्कि सस्ता भी होगा। नीचे हम इसकी आसान विधि बता रहे हैं –

सामग्री :

  • दो से तीन कप मूंगफली
  • आधा या एक चम्मच चीनी (आवश्यकतानुसार)
  • एक चम्मच शहद (वैकल्पिक)
  • एक चौथाई चम्मच या चुटकी-भर नमक
  • दो से तीन बड़े चम्मच मूंगफली का तेल या अन्य वेजिटेबल ऑयल

बनाने की विधि :

  • पहले कड़ाही या पैन में कच्ची मूंगफली को बिना तेल-घी के भून लें।
  • जब यह सुनहरी हो जाए, तो गैस बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें।
  • ठंडा होने के बाद इसके छिलके निकाल लें।
  • फिर इसे मिक्सी में पीस लें। उसके बाद अन्य सामग्रियां जैसे – मूंगफली का तेल, चीनी, नमक व शहद मिलाकर एक बार और पीस लें।
  • पीसते वक्त बीच-बीच में मिक्सी खोलकर पेस्ट को चलाते रहें ताकि यह अच्छे से पेस्ट बन जाएं।
  • ध्यान रहे कि सामग्रियों को मिलाकर एक बार चख लें और सामग्रियां अपने स्वाद अनुसार ही मिलाएं।
  • अब पीनट बटर तैयार है। इसे किसी साफ-सुथरी शीशे के बोतल या अन्य किसी जार में रख सकते हैं। फिर जब मन करे, तब इसे रोटी या ब्रेड के साथ खाएं।

भुनी हुई मूंगफली

भुनी हुई मूंगफली लोकप्रिय भारतीय स्नैक है और इसे तैयार करना भी आसान है। मूंगफली को बिना तेल-घी के कड़ाही या फ्राई पैन में भून सकते हैं। इसके अलावा, तेल-घी के साथ भी इसे भून सकते हैं और भूनते वक्त स्वादानुसार नमक भी मिला सकते हैं। भूनने के बाद खाते वक्त भी नमक मिलाया जा सकता है। भुनी हुई मूंगफली को स्नैक्स के तौर पर, मिक्सचर के साथ, खीरे-प्याज के साथ या अन्य कई तरीकों से सेवन कर सकते हैं।`इस दौरान मूंगफली खाने के फायदे और नुकसान को जरूर याद रखें और संतुलित मात्रा में खाएं।`

मूंगफली का सेवन कब करें?

मूंगफली खाने का सही समय क्या है या मूंगफली का सेवन कब करें, इसको लेकर कोई वैज्ञानिक अध्ययन मौजूद नहीं है। पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति इसे कभी भी खा सकते हैं। भोजन के बीच में हेल्दी स्नैक्स के रूप में भुनी मूंगफली खाने के फायदे लिए जा सकते हैं।

मूंगफली का सेवन कितनी मात्रा में करें?

विशेषज्ञों के अनुसार, एक मुट्ठी मूंगफली का सेवन प्रतिदिन किया जा सकता है (23)। मूंगफली के फायदे और नुकसान को ध्यान रखते हुए इनका सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में करना चाहिए।

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लेख के अगले हिस्से में जानते हैं कि मूंगफली का चयन कैसे करना चाहिए?

मूंगफली का चयन – How to Choose Good Peanut in Hindi

अच्छी मूंगफली चुनने के लिए नीचे हम कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं :

  • मूंगफली पूरे साल सुपरमार्केट और किराने की दुकानों में उपलब्ध होती हैं। यह अलग-अलग रूप में जैसे – छिलके वाली, कच्ची, भुनी हुई या फिर नमक वाली होती हैं।
  • छिलके वाली बिना पकी हुई (unshelled) मूंगफली हर मायने में प्रोसेस्ड मूंगफली से ज्यादा बेहतर है। प्रोसेस्ड नट के छिलके को निकालने के लिए कई तरह की रासायनिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
  • अगर आप बाजार से पीनट बटर खरीद रहे हैं, तो ध्यान रहे कि आप उसकी एक्सपायरी डेट देखकर ही खरीदें।
  • कच्ची मूंगफली खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि मूंगफली की फली क्रीम रंग की हो।
  • मूंगफली खरीदते वक्त ध्यान रहे कि उसमें नमी या पैकेट के अंदर किसी भी प्रकार के कीड़े-मकोड़े न हो।
  • छिलके वाली मूंगफली खरीदते वक्त ध्यान रखें कि वो सूखी न हो। इससे पता चलता है कि मूंगफली कितनी पुरानी है। ध्यान रहे मूंगफली का छिलका नाजुक हो ताकि वो आसानी से निकल जाए या उसे आसानी से छिला जा सके।
  • मूंगफली खरीदते और उपयोग करते वक्त उसे सूंघ लें। अगर उसमें से बदबू आए, तो इसका मतलब यह है मूंगफली खराब हो चुकी है।

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अब जानते हैं कि मूंगफली को लम्बे समय तक कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।

मूंगफली को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका – How to Store Peanut in Hindi

अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि इसे कैसे स्टोर किया जाए कि यह लंबे वक्त तक ठीक रहे। इसके लिए आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है, हम आपको मूंगफली को लंबे वक्त तक सुरक्षित रखने का तरीका बता रहे हैं।

  • आप मूंगफली के दानों को एयर टाइट जार में कुछ वक्त तक स्टोर करके रख सकते हैं।
  • साबुत मूंगफली (Unshelled) को अगर ठंडी जगह पर रखा जाए, तो यह कई महीनों तक ठीक रह सकती है।
  • ध्यान रहे कि मूंगफली में कीड़े भी लग सकते हैं, इसलिए अगर मूंगफली को फ्रिज में रखना है, तो उसे जीप लॉक बैग में डालकर रखें।
  • घर में बने पीनट बटर को एयर टाइट डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखें। कोशिश करें कि इतना ही पीनट बटर बनाएं, जो एक-दो दिन में खत्म हो जाए।
  • छिलके वाली या साबुत मूंगफली (Unshelled) को कई महीनों तक ठंडी और अंधेरी जगह में रखा जा सकता है, जबकि मूंगफली के दानों (shelled) को सालों तक एयरटाइट कंटेनर में रखा जा सकता है।
  • मूंगफली में तेल की मात्रा अधिक होती है, इसलिए कमरे के तापमान में लंबे समय तक रखने पर यह जल्दी खराब हो सकती है। मूंगफली को कमरे के तापमान में स्टोर कर सकते हैं, लेकिन इसकी ताजगी बनाए रखने और इसकी शेल्फ लाइफ को लंबा करने के लिए इन्हें रेफ्रिजरेटर में स्टोर किया जा सकता है। मूंगफली में पानी की मात्रा कम होती है, जिस कारण यह जमेगी नहीं।
  • मूंगफली को शीशे के या प्लास्टिक कंटेनर और जिप लॉक बैग में स्टोर कर सकते हैं।
  • मूंगफली किसी भी गंध को आसानी से अवशोषित कर लेती है, इसलिए उसे अन्य तीव्र गंध वाले या बदबूदार भोजन से दूर रखें।

पढ़ते रहिए आर्टिकल

मूंगफली के बारे में इतना जान लेने के बाद आइए अब नजर डालते हैं मूंगफली के नुकसान पर।

मूंगफली के नुकसान – Side Effects of Peanut in Hindi

किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन हानिकारक हो सकता है। इसी प्रकार अधिक मूंगफली खाने पर मूंगफली के नुकसान नजर आ सकते हैं, इसलिए ज्यादा मूंगफली खाने के नुकसान के बारे में जरूर जानें (24) (25) (26)

  • मूंगफली से एलर्जी की समस्या हो सकती है। पहले कभी मूंगफली से एलर्जी हुई है, तो इसे खाने से बचें। चाहें, तो पहले मूंगफली के एक या दो दाने खाकर देख लें कि यह आपको सूट कर रही है या नहीं। कुछ लोगों को मूंगफली खाने से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बिना देर करते हुए डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अगर त्वचा संवेदनशील है, तो त्वचा में खुजली व रैशेज की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, त्वचा या गले में सूजन की समस्या भी एलर्जी के ही लक्षण हैं।
  • जरूरत से ज्यादा मूंगफली खाने से गैस, सीने में जलन यानी एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
  • कुछ लोगों में इसके सेवन से अस्थमा या दमा का अटैक हो सकता है। इसलिए, जिन्हें अस्थमा की समस्या है, वो डॉक्टरी सलाह पर इसका सेवन करें।
  • मूंगफली की तासीर गर्म होती है, इसलिए ध्यान रहे कि ठंड के मौसम में इसका सेवन करें। अगर गर्मी में इसे खा रहे हैं, तो ज्यादा मात्रा में इसका सेवन न करें। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट खराब हो सकता है।

अगर मूंगफली का सही तरीके से सेवन किया जाए, तो मूंगफली खाने के फायदे अनेक हैं। अब जब आपको मूंगफली के फायदे पता चल चुके हैं, तो आप इसे अपनी डाइट में शामिल करना न भूलें। अगर बात करें मूंगफली के नुकसान की, तो सीमित मात्रा में उपयोग करने से नुकसान से बचा जा सकता है। याद रखें कि सावधानी में ही सुरक्षा है। आप मूंगफली को संतुलित मात्रा में अपनी डाइट में शामिल कर इसके गुणों को अपने शरीर में अवशोषित कर खुद को सेहतमंद रखें और इस जानकारी को दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या कच्ची मूंगफली खाना सुरक्षित है?

हाँ, कच्ची मूंगफली का सेवन किया जा सकता है, लेकिन कच्ची मूंगफली हमेशा अच्छे ब्रांड की और साफ़-सुथरी चुनें। कच्ची मूंगफली खाने के फायदे शरीर को सही पोषण दे सकते हैं।

क्या खाली पेट मूंगफली खा सकते हैं?

नहीं, खाली पेट मूंगफली नहीं खानी चाहिए, यह पेट खराब कर सकती है।  हां, चाहें, तो इसे भिगोकर खा सकते हैं, भिगोने से इसका पाचन आसान हो जाता है। खाली पेट मूंगफली खाने के फायदे लेने हैं, तो इन्हें भिगोकर खाएं।

भीगी मूंगफली खाने के क्या लाभ हैं?

भीगी मूंगफली का सेवन करने से बॉडी बिल्डिंग में मदद मिल सकती है क्योंकि इसमें कैलोरी और पोषण प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।  शोध ये कहते हैं कि भीगी हुई और अंकुरित मूंगफली में फ्लेवोनोइड और एंटीऑक्सीडेंट क्षमता बढ़ जाती है, इसलिए इन्हें मानव उपयोग के लिए उत्तम माना जा सकता है (27)

मूंगफली के छिलके के क्या लाभ हैं?

मूंगफली के छिलके (मूंगफली शैल) के फायदे सीधे नहीं लिए जा सकते हैं, ये खाने में अच्छे नहीं लगते हैं,  इसलिए इनका उपयोग पॉलीफेनोलिक यौगिकों को निकालने और पशुओं के भोजन के लिए किया जा सकता है (1)। कच्ची मूंगफली के फायदे लेने के बाद इसके छिलके गाय भैंस को दिए जा सकते हैं।

मूंगफली के दाने खाने के क्या लाभ हैं?

मूंगफली के दाने शरीर को पर्याप्त ऊर्जा और कई स्वास्थ्य लाभ दे सकते हैं।  मूंगफली के दाने के लाभ के बारे में ऊपर लेख में विस्तार से बताया गया है।

मूंगफली कब तक चल सकती है?

मूंगफलियां 1 से 2 महीने तक चल सकती हैं, इन्हें फ्रिज में रखकर, इनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है। मूंगफली को फ्रिज में रखने से पहले इन्हें एक एयर टाइट डिब्बे में रखें।

क्या मूंगफली कीटोजेनिक है?

हां, मूंगफली को कीटोजेनिक डाइट में शामिल कर सकते हैं।

मूंगफली की तासीर कैसी होती है?

मूंगफली की तासीर गर्म होती है।

References

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  2. Nut and peanut butter consumption and risk of type 2 diabetes in women
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12444862/
  3. Alzheimer’s Disease
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  4. Health Benefits of Nut Consumption
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  5. Occurrence of resveratrol in edible peanuts
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10775379/
  6. Resveratrol improves neuron protection and functional recovery through enhancement of autophagy after spinal cord injury in mice
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5666068/
  7. Niacin in the Central Nervous System: An Update of Biological Aspects and Clinical Applications
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6412771/
  8. Resveratrol and Depression in Animal Models: A Systematic Review of the Biological Mechanisms
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  9. Dietary Magnesium May Be Protective for Aging of Bone and Skeletal Muscle in Middle and Younger Older Age Men and Women: Cross-Sectional Findings from the UK Biobank Cohort
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5707661/
  10. Essential Nutrients for Bone Health and a Review of their Availability in the Average North American Diet
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  11. Magnesium
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  12. Improvement in Sperm Parameters With Traditional Iranian Remedy
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  13. Frequent nut consumption and decreased risk of cholecystectomy in women
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  14. Quality of Dietary Fat Intake and Body Weight and Obesity in a Mediterranean Population: Secondary Analyses within the PREDIMED Trial
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  15. Polycystic Ovary Syndrome
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  16. Study to Evaluate the Changes in Polycystic Ovarian Morphology after Naturopathic and Yogic Interventions
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  17. Effect of resveratrol and metformin on ovarian reserve and ultrastructure in PCOS: an experimental study
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  18. DIET IN DERMATOLOGY: PRESENT PERSPECTIVES
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  19. Fluocinolone acetonide 0.01% in peanut oil: therapy for childhood atopic dermatitis, even in patients who are peanut sensitive
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  20. Fluocinolone acetonide 0.01% in peanut oil: therapy for childhood atopic dermatitis, even in patients who are peanut sensitive
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  21. Nutrition of women with hair loss problem during the period of menopause
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  22. Peanuts, unroasted
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/784392/nutrients
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  24. Food Allergy: Epidemiology and Natural History
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  25. Allergy to peanut oil–clinically relevant?
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  26. Nut allergies
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/ConditionsAndTreatments/nut-allergies#:~:text=Symptoms%20of%20peanut%2C%20tree%20nut,%2C%20cramps%2C%20nausea%20or%20vomiting.
  27. Comparison of the Phenolic Profiles of Soaked and Germinated Peanut Cultivars via UPLC-QTOF-MS
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6406428/
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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