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आपने कई लाेगों से सुना होगा कि वजन उठाने से पेट का गोला खिसक गया या फिर अचानक से पेट में दर्द होने लगा। इसे धरण या फिर नाभि खसकना भी कहते हैं। यह शिकायत कई लोगों को होती है। यूं तो बार बार नाभि खिसकने का कारण और धरण के इलाज को लेकर बहुत कम वैज्ञानिक शोध उपलब्ध हैं। इसी वजह से हम नाभि खिसकने के लक्षण और धरण का इलाज करने से जुड़ी जानकारी मान्यताओं और रिसर्च दौनों के आधार पर दे रहे हैं।
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लेख में सबसे पहले जानते हैं कि नाभि खिसकना क्या है।
नाभि खिसकना क्या होता है?
जब खाली पेट मेहनत का काम किया जाता है, तो पेट की मांसपेशियों और नाभि यानी नेवल में मरोड़ आ सकती है। इस प्रकार की समस्या होने पर नाभि अपने स्थान से हट जाती है। अधिकतर मामलों में नाभि अपने स्थान से ऊपर या फिर नीचे की ओर चली जाती है। इस प्रकार से नाभि का अपने स्थान से हट जाना नाभि खिसकना कहलाता है। इसके अलावा, किसी भारी वजन को उठाने, अचानक झुकने और यौन गतिविधियों से भी नाभि खिसक (धरण) सकती है।
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हम आगे बता रहे हैं कि धरण के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं।
नाभि खिसकने के लक्षण – Nabhi Khisakne ke Lakshan in Hindi
लोगों के अनुसार, नाभि खिसकने के लक्षण कई हो सकते हैं। यहां हम उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
- अचानक से वजन बढ़ना
- नाभि खिसकने से अचानक वजन घटना
- लगातार पेट के मध्य यानी नेवल पर दर्द होना
- कब्ज की समस्या और दस्त की परेशानी(1)
- घबराहट, जी मिचलाने के साथ ही उल्टी और दस्त
- महिलाओं में मासिक धर्म का अनियंत्रित होना
- किडनी और आंतों में कठाेरता के साथ दर्द
नाभि खसकने का कारण समझिए
धरण के लक्षण के बाद हम नाभि खसकने के कारण और जाेखिम कारक बता रहे हैं
नाभि खिसकने के कारण और जोखिम कारक
लोकमन्यताओं के अनुसार, नाभि खिसकने का कारण नस का अपनी जगह से खिसकना होता है। कैसे यह नस खिसकती है और इसके क्या जोखिम कारक हो सकते हैं, आगे पढ़िए।
- खली पेट किसी वस्तु को उठाना
- अचानक से भारी सामान को उठाने की कोशिश
- दौड़ने से भी नाभि खिसक सकती है
- अचानक से मुड़ने या झुकने पर
- भार उठाकर सीढिया चढ़ना
- पैरों पर दवाब पड़ने पर
- अधिक मसालेदार भोजन
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आगे हम बता रहे हैं नाभि खिसकने के घरेलू उपचार क्या हो सकते हैं।
अनुभवी लोगों के अनुसार, धरण को किसी दवा से दूर नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह शरीर में मौजूद किसी नस के अपने स्थान से खिसकने की वजह से होता है। हां, कुछ लोगों का मानना है कि धरण का देसी इलाज योग और अन्य शारीरिक गतिविधि द्वारा हो सकता है। पुरानी धरण का इलाज करने के लिए भी नाभि खिसकने के घरेलू उपचार का ही कुछ लोग इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इस विषय पर शोध की कमी के कारण हम यही कहेंगे कि नाभि खिसकने पर सीधे डॉक्टर के पास जाना ही बेहतर होगा।
1. मालिश
मालिश धरण का देसी इलाज हो सकता है। बड़े-बुजुर्ग नाभि खिसकने पर इसे ठीक करने के लिए सबसे पहले मालिश की सलाह देते हैं। आयुर्वेद से जुड़े एक रिसर्च में भी मालिश को धरण का देसी इलाज बताया है। मालिश के दौरान खिचकी हुई नाभि अपनी जगह आ सकती है (1)। बशर्ते इसके लिए किसी अनुभवी व्यक्ति या मसाज विशेषज्ञ से ही संपर्क करें। मसाज के दौरान पैरों के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव दिया जाता है और इससे पुरानी धरण का इलाज भी हो सकता है।
2. नाभि पर दिया या मोमबत्ती
खिसकी हुई नाभि के लक्षण जानने के बाद इस विधि को करने के लिए दीप या मोमबत्ती के साथ ही एक कांच का गिलास भी उपयोग में लिया जाता है। इसके लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेटना होता है। फिर नाभि पर जलता हुआ दिया या फिर मोमबत्ती को रखा जाता है। फिर गिलास से ढक देते हैं। ऐसा करने से कांच के गिलास में वैक्यूम जैसा प्रेशर बनता है, जिससे नाभि धीरे-धीरे अपने स्थान पर आ जा सकती है।
कुछ लोग मोमबत्ती व दीप की जगह प्रभावित व्यक्ति की नाभि के ऊपर पेबल स्टोन और जलती कपूर धूप रखते हैं। फिर इनके ऊपर से गिलास रख देते हैं। इससे भी वैक्यूम प्रेशर बनता है। इस बात का जिक्र आयुवर्दे दर्पण जर्नल ऑफ इंडियन मेडिसिन में भी मिलता है (1)।
3. सीढ़ियों से कूदना
नाभि खिसकने के घरेलू उपाय में कूदने को भी शामिल किया जा सकता है। ध्यान रहे कि पैरों के पंजे के बल पर कूदना होता है न कि तलवे के बल। इसके लिए सीढ़ी के सबसे निचले तल में खड़े हो जाएं और वहां से दो से चार बार तक कूदा जा सकता है। एक बाद कूदने के बाद थोड़ी देर रुकें और फिर दोबारा से कूदें।
4. वैक्यूम थैरेपी
वैक्यूम थैरेपी को भी धरण का घरेलू इलाज बताया जाता है। इसे करने के लिए एक सक्शन पंप का उपयोग किया जा सकता है। सेक्शन पंप को पेट के बीचों-बीच नाभि के स्थान पर लगा दिया जाता है। फिर उसे दो सेकंड के लिए स्टार्ट कर देते हैं। पंप के प्रेशर से धीरे-धीरे नाभि अपने स्थान पर आ जाती है। इसे किसी विशेषज्ञ से ही करवाएं, वरना तकलीफ बढ़ सकती है (1)।
नोट: यहां पर दिए गए खिसकी हुई नाभि के लक्षण और घरेलू नुस्खे बुजुर्गों के द्वारा अपनाए जाने वाले घरेलू उपचार पर आधारित हैं। इन उपायों को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
लेख में बने रहें
यहां हम जानेंगे कि नाभि खिसकने पर कौन-सा योग करना फायदेमंद हो सकता है।
नाभि खिसकने के लिए योग – Nabhi Khisakne Ke Liye Yoga
नाभि खिसकने पर उन योगासनों को किया जाता है, जिनको करने पर मलद्वार की मांसपेशियों पर एक समान दबाव बनता हो। कुछ योगासनों के माध्यम से इस समस्या को कम किया जा सकता है। इनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (2):
1. उत्तानपादासन
नाभि खिसकने के लिए देसी उपाय के रूप में उत्तानपादासन किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार इस प्रकार का योग चिकित्सा नाभि खिसकने के साथ ही शरीर की अन्य सभी प्रणालियों और अंगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यहां हम उत्तानपादासन करने की विधि के बारे में बता रहे हैं (2)।
उत्तानपादासन करने की तरीका:
- योग मैट पर कमर के बल सीधा लेट जाएं और हाथों को शरीर से सटा कर रखें।
- हथेलियों की दिशा जमीन की ओर होनी चाहिए।
- अब लंबी गहरी सांस भरते हुए पैरों को जितना संभव हो उतना ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- ध्यान रहे कि सिर को नहीं हिलाना है।
- करीब 30 सेकंड तक इसी अवस्था में रहते हुए धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।
- इसके बाद लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे ले आएं और विश्राम करें।
- इस आसन को करीब तीन से चार बार दोहरा सकते हैं।
2. भुजंगासन
भुजंगासन करने से शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही अन्य समस्याओं में भी फायदा मिल सकता है, जिसमें नाभि खिसकना भी शामिल है। यहां हम बता रहे हैं भुजंगासन करने का तरीके।
भुजंगासन करने का तरीका:
- भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले समतल जगह पर योग मैट बिछा लें।
- अब पेट के बल योग मैट पर लेट जाएं।
- सुनिश्चित करें कि दोनों पैर सीधे तने हुए हों।
- अब हथेलियों को कंधों के पास जमीन से सटाकर रखें।
- फिर गहरी सांस लेते हुए सिर को ऊपर उठाएं और आसमान की तरफ देखें।
- सिर से लेकर नाभि तक के हिस्से को उठने के बाद धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते हुए इसी मुद्रा में बने रहें।
- करीब 30 से 40 सेकंड बाद गहरी सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
- अब शरीर को थोड़ा आराम दें और दोबारा इस प्रक्रिया को दोहराएं।
- आप इसे तीन से चार बार तक कर सकते हैं।
3. वज्रासन
वज्रासन बैठकर किया जाने वाला योग है। यह पाचन को सुधारने के साथ ही पेट से जुड़ी अन्य परेशानियों में लाभदायक हाे सकता है, जिसमें नाभि खिसकना भी शामिल हो सकता है। यहां जानें कि इस आसन को किस प्रकार से किया जा सकता है।
वज्रासन करने का तरीका:
- वज्रासन करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं।
- इस दौरान दोनों पैरों के अंगूठे को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें।
- अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं।
- फिर हथेलियां को घुटनों पर रख दें।
- इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें।
- दोनों घुटनों को भी आपस में मिलाकर रखें।
- अब आंखें बंद कर लें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- इस अवस्था में पांच से 10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें।
- अगर घुटनों पर ज्यादा दर्द हो रहा है, तो शरीर के साथ जबरदस्ती न करें। एक-दो मिनट के बाद उठ जाएं और धीरे-धीरे रोजाना इसका समय बढ़ाते रहें।
नोट: योगासन किस प्रकार से नाभि खिसकने की समस्या में फायदेमंद हो सकता है, इस विषय पर बहुत ही कम शोध मौजूद हैं। अत: इसे करने से पहले किसी जानकार की सलाह जरूर लें।
आगे पढ़ें
लेख में आगे हम नाभि खिसकने से बचने के उपाय के बारे में।
नाभि खिसकने से बचने के लिए उन कामों या गतिविधियों को करने से बचना चाहिए जो नाभि खिसकने का कारण बनते हैं। नीचे दिए हम बता रहे हैं कि नाभि खिसकने से बचने के लिए क्या क्या उपायों को अपनाया जा सकता है।
- खाली पेट वजन उठाने से बचें।
- अचानक से अधिक वजन न उठाएं।
- अधिक दूर तक और क्षमता से अधिक दौड़ने से बचें।
- सीढ़ियां चढ़ते और उतरते समय सावधानी बरतें और अधिक वजन लेकर न चढ़ें। इससे गिरने से भी बचा जा सकता है।
- अचानक से न झुकें और न ही मुड़ें।
- पैरों पर अधिक दबाव न डालें।
- अधिक मसालेदार भोजन से भी बचना चाहिए।
नाभि खिसकना क्या होता है यह हम आपको इस लेख के माध्यम से बता ही चुके हैं। अब आप यहां से नाभि खिसकने के लक्षण और बार-बार नाभि खिसकने के कारण को जानकर पता कर सकते हैं कि किसी को नाभि खिसकने की समस्या है या नहीं। साथ ही यहां धरण के इलाज और इससे बचने की जानकारी भी दी गई है। हालांकि, बार-बार नाभि खिसकने या धरण के लक्षण को लेकर अधिक शोध उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए ऊपर दिए गए धरण का देसी इलाज किसी विशेषज्ञ से ही कराने की कोशिश करें। यहां फिर समस्या गंभीर हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
नाभि खिसकने पर कौन सा योग करना चाहिए?
नाभि खिसकने पर उत्तानपादासन किया जा सकता है (2)।
नाभि के आसपास दर्द क्यों होता है?
नाभि के आसपास दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से नाभि का खिसकना प्रमुख है।
References
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- A New Approach in Management of Amenorrhoea wsr to Mrutthika Basti Chikitsa and in Katigraha wsr to Vacuum Therapy : A Case Study
http://www.ayurveddarpan.com/AyurVed/journal/99_1.pdf - COMBINE EFFECT OF PANCHKARMA AND YOGA-ASANA IN THE MANAGEMENT OF KATISHOOLA: A CASE STUDY
https://www.lbs.edu.in/wp-content/uploads/2020/05/COMBINED-EFFECT-OF-PANCHKARMA-AND-YOGASANA-IN-KATISHOOLA-1.pdf
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