How To Potty Train AChild with Autism, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

एक चुटकी नमक हमारे भोजन का स्वाद ही बदल देता है या फिर यूं कहें कि बिना नमक के स्वादिष्ट भोजन बन ही नहीं सकता। क्या आप जानते हैं कि नमक की जितनी जरूरत स्वाद के लिए है, उससे कहीं ज्यादा हमारे स्वास्थ्य के लिए भी है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे नमक के गुण के साथ ही नमक के फायदे के बारे में। साथ ही हम यहां इसकी अधिक मात्रा के कारण होने वाले नमक के नुकसान से जुड़ी जानकारी भी देंगे।

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आइए, आर्टिकल में सबसे पहले जानते हैं कि नमक कितने प्रकार के होते हैं।

नमक कितने प्रकार के होते हैं? – Types of Salt in Hindi

नमक के प्रकार को मुख्य रूप से दो अलग-अलग भागों में बांटा गया है। पहला विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत बनाया जाने वाला नमक। दूसरा प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला नमक। इनमें से प्रक्रिया के तहत बनने वाले नमक के प्रकार निम्न हैं(1)।

  • सोलर नमक – सोलर नमक या सौर नमक समुद्री जल के पानी को खुले तालाबों में इकट्ठा करके बनाया जाता है। पानी को सूर्य की रोशनी में भाप बनाकर सुखा दिया जाता है और शेष पदार्थ नमक के रूप में बच जाता है।
  • शुद्ध नमक – शुद्ध नमक को प्यूरीफायर सॉल्ट भी कहा जाता है। इस नमक को बनाने के लिए एक ट्यूब के अंदर समुद्र के पानी को सुखा दिया जाता है। पानी के सूखने के बाद नमक बचा रह जाता है।
  • प्रोसेसड नमक – इसे टेबल सॉल्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह नमक मिनरल से रहित होता है और इसमें अन्य रसायनों को जोड़ा जाता है, जबकि प्राकृतिक नमक में इलेक्ट्रोलाइट जैसे मिनरल होते हैं।

प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले नमक निम्न प्रकार से हैं।

  • टेबल सॉल्ट
  • सी सॉल्ट
  • हिमालयन पिंक सॉल्ट
  • सेल्टिक सी सॉल्ट
  • फ्लेवर डी सॉल्ट
  • काला नमक
  • फ्लेक सॉल्ट
  • ब्लैक हवईन सॉल्ट

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नमक के प्रकार के बाद अब हम नमक से होने वाले विभिन्न फायदों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।

नमक के फायदे – Benefits of Salt in Hindi

साधारण नमक को सोडियम क्लोराइड के रूप में जाना जाता है, जिसमें 40% सोडियम और 60% क्लोराइड हाेता है। नमक भाेजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही उसको जल्दी खराब होने से रोकता है (2)। अगर नमक को सीमित मात्रा में खाया जाए, तो यह सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है। नमक के चमत्कारी उपाय से होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार हैं।

1. डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) में नमक के फायदे

डायरिया व हैजा की स्थिति में शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में शरीर में पानी और मिनरल का स्तर कम हो जाता है। अगर इस समस्या को समय रहते दूर न किया जाए, तो किडनी पर असर पड़ सकता है। ऐसे में पानी में साधारण नमक और शक्कर को मिलाकर ओआरएस (ओरल रिहाड्रेशन सॉल्यूशन) घोल बनाया जाता है। यह घोल डायरिया की समस्या से राहत दिलाकर शरीर को हाइड्रेट कर सकता है (3)।

2. मसल दर्द (पैरों में दर्द) करने में नमक के उपाय

अक्सर पैर की मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो जाती है। यह समस्या व्यायाम, उतार-चढ़ाव, गर्भावस्था, शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलन और नमक की कमी के कारण हो सकती है (4)। साथ ही खिलाड़ी जब खेलते हैं, तो उनके शरीर से अधिक पसीना निकलता है, जिस कारण से शरीर में साधारण नमक की मात्रा करीब 4-6 चम्मच के बराबर कम हो सकती है।

ऐसे में ताजा फल सब्जियों का सेवन करना चाहिए, इनमें प्राकृतिक रूप से नमक होता है। ऐसे खाद्य पदार्थ ऐंठन की समस्या को कुछ कम कर सकते हैं। यही वजह है कि खिलाड़ियों को पानी में चौथाई चम्मच नमक मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, टमाटर का रस और अन्य स्पोर्ट्स ड्रिंक भी नमक की पूर्ती के अच्छे विकल्प हो सकते हैं।

3. स्वस्थ दांतों के लिए नमक के फायदे

स्वस्थ मसूड़े और मजबूत दांत सुंदरता की पहचान होते हैं। नमक का उपयोग कर दांतों को मजबूत और मसूड़े को स्वस्थ बनाया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले फ्लोराइड कंपाउंड में कैरोस्टेटिक प्रभाव होता है, जो दांतों को कमजोर होकर टूटने से रोक सकता है (5)।

इसके अलावा, साधारण नमक के पानी से कुल्ला करने से मुंह के संक्रमण खत्म हो सकते हैं। दरअसल, नमक के पानी से कुल्ला करने पर प्लाक बनाने वाले बैक्टीरिया साफ हो जाते हैं। ये प्लाक दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी का मुख्य कारण हैं (6)। इसी वजह से नमक के टोटके में स्वस्थ दांतों को भी गिना जाता है।

4. गले में खराश को दूर करने के लिए नमक के उपाय

गलें में खराश या फिर सूजन होने पर खाना खाने से लेकर पानी पीने और बात करने तक में परेशानी हो सकती है। ऐसे में नमक के चमत्कारी उपाय यानी गरारा कर सकते हैं। इसके लिए दिन में कई बार गुनगुने नमक के पानी (आधा चम्मच नमक और 1 कप पानी) से गरारे करें। माना जाता है कि साधारण नमक में कई ऐसे गुण होते हैं, जो गले की सूजन को दूर करने के साथ ही गले में होने वाले दर्द से कुछ राहत दिला सकते हैं (7)।

5. सूजी आंखों के लिए नमक के उपाय

बढ़ती उम्र के साथ आंखों के नीचे हल्की सूजन आना आम है। कई बार धूम्रपान, शराब और नशीली दवाओं से भी ये समस्या होती है। इसके अलावा, एलर्जी और एक्जिमा से भी आंखों के नीचे पफीनेस आती है (8)। ऐसे में ठंडे पानी और नमक के सेंक से सूजन को कम किया जा सकता है (9)। यही नहीं, गर्म पानी की सेंक से भी सूजन कम हो सकती है (10)। इसी वजह से आंखों की पफीनेस के लिए नमक को अच्छा माना जा सकता है।

6. सिस्टिक फाइब्रोसिस में कारगर

सिस्टिक फाइब्रोसिस से फेफड़ों और पाचन तंत्र में समस्या पैदा होती है (11)। इस बीमारी में नमक की कमी होती है या फिर यूं कहें कि इसके कारण शरीर से सोडियम क्लोराइड निकल जाता है। नमक और नमकीन पदार्थ में सोडियम क्लोराइड होता है। ऐसे में नमक के गुण इस समस्या के जोखिम को कम कर सकते हैं, लेकिन इसको पूरी तरह से ठीक करने के लिए चिकित्सक की सलाह और उपचार जरूरी है (12)। इसलिए, नमक खाने के फायदे में सिस्टिक फाइब्रोसिस को भी गिना जाता है (13)।

7. साइनस (Sinus) से छुटकारा दिलाने के लिए नमक के उपाय

नमक खाने के फायदे में साइनस से छुटकारा दिलाना भी शामिल है। दरअसल, सिर व चेहरे के अंदरूनी भाग में कुछ खोखले छिद्र (कैविटीज) होती हैं, जिन्हें साइनस कहते हैं। ये छिद्र सांस लेने में मदद करते हैं। इन छिद्रों में किसी प्रकार की रुकावट आने पर साइनस होता है। इससे बुखार, कमजोरी, थकान व खांसी की समस्या भी हो सकती है (14)।

इस समस्या को दूर करने के लिए नमक के चमत्कारी उपाय का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए नमक पानी यानी सलाइन सॉल्यूशन का उपयोग कर सकते हैं। नाक को नमक पानी से धोकर संक्रमण से होने वाली सूजन की समस्या को कम करके बलगम निकाल सकता है (15)

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नमक खाने के फायदे के बाद अब पता करते हैं कि नमक की मात्रा कम या ज्यादा होने पर क्या हो सकता है।

अगर आप कम नमक लेते हैं, तो क्या होता है?

नमक शरीर में बॉडी फ्लूइड को रेगुलेट करता है, जिससे रक्तचाप को संतुलित रखा जा सकता है। साथ ही नमक थाइरोइड ग्लैंड के सही तरह से काम करने के लिए भी जरूरी है। अगर कोई सही मात्रा में नमक का सेवन नहीं करता, तो उसे निम्न रक्तचाप हो सकता है। इसके अलावा, ये नमक कम लेने से ये समस्याएं भी होती हैं (16) (17)।

  • रक्त में हाइपोनेट्रेमिया (सोडियम का निम्न स्तर)
  • सिरदर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी और थकान
  • ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी रोग)
  • सुस्ती और बेहोशी
  • ब्रेन डैमेज होना
  • गंभीर मामलों में आघात, कोमा और मृत्यु

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नमक ज्यादा होने पर क्या होता है, यह आगे जानिए।

क्या होता है अगर आप बहुत ज्यादा नमक लेते हैं?

नमक के नुकसान तब दिखाई देते हैं, जब इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है। इसे अधिक मात्रा में लेने पर वाटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है, क्योंकि किडनी ज्यादा नमक को फिल्टर नहीं कर पाता और वो शरीर में जमा होने लगता है। यही वजह है कि किडनी या लिवर की बीमारी में सबसे पहले नमक का सेवन बंद या बहुत ही कम मात्रा करने की सलाह दी जाती है (18)।

इसके अलावा, हाइपरनेट्रेमिया नामक समस्या होती है, जिसके चलते शरीर में सोडियम और पानी की अधिकता हो सकती है। शरीर में सोडियम की सामान्य मात्रा 158-160 mmol/liter होती है (18)। इससे अधिक मात्रा कई समस्याओं का कारण बन सकती है (17)।

  • हृदय गति का रुकना
  • गुर्दे की पथरी के साथ गुर्दे की अन्य समस्याएं
  • आघात
  • आमाशय (पेट) का कैंसर
  • हृदय की मांसपेशियों का मोटा होना
  • हड्डियों की कमजोरी ये आम समस्याएं हैं

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नमक के अधिक सेवन से होने वाली इन समस्याओं के बारे में आगे विस्तार से जानिए।

अतिरिक्त नमक सेवन करने से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं?

नमक के चमत्कारी उपाय होते हैं, लेकिन अधिक सेवन करने से कई तरह के दुष्प्रभाव भी नजर आते हैं, जिनका जिक्र हम ऊपर कर ही चुके हैं। अब इन्हीं नुकसान के बारे में नीचे विस्तृत जानकारी दी गई है। 

1. ऑस्टियोपोरोसिस – ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हड्डियों की कमजोरी की वजह से होती है। नमक का सेवन अधिक मात्रा में करने से शरीर में कैल्शियम कम होने लगता है। इसकी कमी से हड्डियों कमजोर होती जाती हैं, जिसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस का सामना करना पड़ता है (2)।

साथ ही ज्यादा नमक के सेवन से हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है और इस कारण से भी ऑस्टियोपोरोसिस का सामना करना पड़ सकता है (19)। इसी वजह से भोजन में सोडियम की मात्रा संतुलित रहनी चाहिए (20)।

2. किडनी की समस्याएं – माना जाता है कि नमक का अधिक सेवन करने से उच्च रक्तचाप होता है और इस अवस्था में कैल्शियम के अणु हड्डियों के मिनरल्स से निकलकर धीरे-धीरे किडनी में जमा हो जाते हैं। फिर समय के साथ ये अणु किडनी और मूत्रमार्ग में पथरी का कारण बन जाते हैं (20)।

यही वजह है कि उच्च रक्तचाप से जूझ रहे लोग अक्सर क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से पीड़ित रहते हैं। यह समस्या शरीर में अतिरिक्त सोडियम को कम न कर पाने के कारण होती है। सीकेडी और अन्य गुर्दे की बीमारियों को दूर करने के लिए दिन में 4 हजार मिलीग्राम से कम सोडियम का सेवन करने के लिए कहा जाता है (19)।

3. हृदय की समस्या – नमक की अधिक मात्रा लेने से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है, जो हृदय रोग और धमनियों के लिए जोखिम उत्पन्न कर सकता है है (20)। अन्य शोधकर्ताओं ने पाया कि सोडियम का कम सेवन करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है (21)।

जापान में हुए एक अध्ययन में भी पाया गया है कि नमक का कम सेवन उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु दर को कम कर सकता है (20)। ऐसे में यह स्पष्ट है कि अधिक नमक हृदय स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।

4. पेट का कैंसर –  ज्यादा नमक से पेट की त्वचा को नुकसान पहुंचता है और ये घावों का कारण बनता है, जिससे पेट का कैंसर हो सकता है। पेट में सोडियम की अधिक मात्रा गैस्ट्रिक म्यूकोसल कोशिकाओं में सूजन को बढ़ा सकती है। इससे गैस्ट्रिक कैंसर होने की आशंका भी बढ़ सकती है। ऐसे में नमक के गुण हानिकारक हो सकते हैं (22)।

इसके अलावा, नमक हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) नामक बैक्टीरिया के साथ संक्रमण को भी बढ़ा सकता है, जाे पेट की त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। इससे गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा भी बढ़ता है (22)।

5. ब्लड प्रेशर – नमक के गुण के कारण भले ही निम्न ब्लड प्रेशर में मदद मिलती हो, लेकिन इससे हाई बीपी का खतरा रहता है। दरअसल, नमक में मौजूद सोडियम की अधिकता से ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए ज्यादा नमक का सेवन नुकसानदायक होता है (23)।

6. वजन – नमक के टोटके भले ही कितने क्यों न हों, लेकिन इसका एक दुष्प्रभाव वजन का बढ़ना भी है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि नमक में मौजूद सोडियम व्यक्ति के शरीर की ऊर्जा को जल्दी खत्म करता है, जिसके कारण व्यक्ति ज्यादा खाना खाता है। नतीजन इंसान का वजन बढ़ने लगता है और वो मोटापे का शिकार हो जाता है (24)। 

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चलिए, अब लेख में जानते हैं कि किन खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा ज्यादा पाई जाती है।

कौन-कौन से खाद्य पदार्थों में नमक/ सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है?

नमक या सोडियम की अच्छी मात्रा वाले खाद्य पदार्थों में ये शामिल हैं।

  • ब्रेड रोल
  • अचार
  • फ्रोजन फूड
  • बेकरी प्रोडक्ट
  • पिज्जा
  • सैंडविच
  • सूप
  • चिकन
  • पनीर
  • ऑमलेट

आपने देखा कि भोजन के स्वाद को बढ़ाने वाले नमक की संतुलित मात्रा किस प्रकार से फायदेमंद हो सकती है। वैसे तो नमक के टोटके कई समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं, लेकिन गंभीर समस्या का इलाज करने के लिए चिकित्सक से ही संपर्क करें। हां, नमक के गुण से कई परेशानियों से राहत जरूर मिल सकती है। ऐसे में अगर आप खाने में नमक जरूरत से कम या ज्यादा लेते हैं, तो इसे संतुलित कर नमक खाने के फायदे उठाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

नमक आपके शरीर के लिए कितना हानिकारक है?

नमक का अधिक सेवन ब्लड प्रेशर और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है (23)। इसके अधिक सेवन के दुष्प्रभाव के बारे में लेख में ऊपर विस्तार से बताया गया है।

क्या नमक में हीलिंग गुण होते हैं?

नहीं, नमक में हीलिंग गुण नहीं होते, बल्कि ज्यादा नमक का सेवन करने से यह शरीर की हीलिंग क्षमता को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है (25)

नमक के टोटके का मतलब क्या है?

नमक के टोटके का अर्थ इसके मदद से होने वाले छोटे-मोटे स्वास्थ्य लाभ हैं।

References

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  1. Effects of Various Kinds of Salt on the Quality and Storage Characteristics of Tteokgalbi
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4662222/
  2. Dietary Salt Intake and Hypertension
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4105387/
  3. Rehydration Therapy
    https://www.cdc.gov/cholera/treatment/rehydration-therapy.html
  4. Leg cramps
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4429847/
  5. Salt fluoridation and oral health
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24308394/Non-Communicable Diseases
  6. Oral Health
    https://www.open.edu/openlearncreate/mod/oucontent/view.php?id=292&printable=1
  7. Pharyngitis – viral
    https://medlineplus.gov/ency/article/001392.htm
  8. Global periorbital skin rejuvenation by a topical eye cream containing low molecular weight heparan sulfate (LMW‐HS) and a blend of naturally derived extracts
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6850077/
  9. Comparison the effects of pressurized salt ice packs with water ice packs on patients following total knee arthroplasty
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4694317/
  10. Hordeolum
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK441985/
  11. Cystic fibrosis
    https://medlineplus.gov/genetics/condition/cystic-fibrosis/#inheritance
  12. Salt replacement therapy for children and adolescents with Cystic Fibrosis
    https://www.health.qld.gov.au/__data/assets/pdf_file/0027/154917/paeds_saltrplcment.pdf
  13. Sodium chloride deficiency in cystic fibrosis patients
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/7843198/
  14. Sinusitis
    https://medlineplus.gov/sinusitis.html
  15. Treating chronic sinusitis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279484/
  16. Hyponatremia in the elderly: challenges and solutions
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  17. Salt
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/salt
  18. Disorders of sodium balance
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1410848/
  19. Salt intake, hypertension, and osteoporosis
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19724161/
  20. Cardiovascular and other effects of salt consumption
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4089690/
  21. Dietary Sodium and Health: More Than Just Blood Pressure
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5098396/
  22. Review of salt consumption and stomach cancer risk: Epidemiological and biological evidence
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2682234/
  23. Effects of High Salt Intake on Blood Pressure and Cardiovascular Disease: The Role of COX Inhibitors
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26997359/
  24. Sodium intake may promote weight gain; results of the FANPE study in a representative sample of the adult Spanish population
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24972464/
  25. Over-salting ruins the balance of the immune menu
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4639973/
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