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शिशु के जन्म के बाद से ही मां-बाप उसकी छोटी-छोटी हरकतों पर खूब गौर करते हैं। उसे स्वस्थ रखने के लिए भी कई जतन किए जाते हैं। ऐसे में नवजात को आने वाली छोटी-सी छींक भी मां-बाप को परेशान कर देती है। उन्हें समझ नहीं आता कि नवजात का छींकना सामान्य है या नहीं। आपकी इसी उलझन को सुलझाने के लिए मॉमजंक्शन नवजात के छींकने से संबंधित जानकारी लेकर आया है। यहां हम छोटे बच्चों की छींक के कारण और शिशु का छींकना कब सामान्य और खतरनाक होता है, ये सब बताएंगे।
आर्टिकल के पहले भाग में हम बता रहे हैं कि शिशु का छींकना सामान्य है या नहीं।
क्या नवजात शिशु का छींकना सामान्य है?
छींक आना, नाक और मुंह के माध्यम से अचानक जोरदार हवा का निकलना है (1)। अगर नवजात को छींक आती है, तो यह उसके शरीर के ठीक तरह से काम करने का संकेत हो सकता है। दरअसल, छींक एक तरह का प्रोटेक्टिव रिफ्लक्स (कीटाणुओं से बचाव की क्रिया) है, जिसे नर्वस सिस्टम नियंत्रित करता है (2)। इससे यह स्पष्ट होता है कि पूरे बॉडी को कंट्रोल करने वाली तंत्रिका तंत्र सही से कार्य कर रही है (3)। हां, कुछ एक मामलों में छींकना स्वास्थ्य संबंधी समस्या का एक संकेत हो सकता है (2)।
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि 18 महीने व उससे कम उम्र के शिशुओं को छींक आती है। इसमें से कुछ को एलर्जी, तो कुछ को सर्दी की वजह से छींक आई। इसके अलावा, मां के गर्भ से मिल रही दवा के अचानक रुकने से भी नवजात को छींक आती है, जिसे नियोनेटल एब्सटीनेंस सिंड्रोम (NAS) कहते हैं। यही नहीं, बिना किसी खास कारण के भी शिशु को छींकता है (4)। ऐसे में कह सकते हैं कि कुछ मामलों में नवजात को छींक आना सामान्य है।
आगे जानिए कि किस स्थिति में छोटे बच्चों को छींक आना सामान्य है।
किस स्थिति में नवजात शिशु का छींकना सामान्य है?
कई ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें नवजात का छींकना सामान्य माना जाता है। इन स्थितियों में ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं होती है। क्या हैं वो स्थितियां नीचे समझिए।
1. नाक की गंदगी साफ करने पर – समय-समय पर शिशु के नाक को साफ किया जाता है। इस सफाई के दौरान शिशु को छींक आ सकती है। ऐसा हर बच्चे के साथ नहीं होता है, लेकिन कुछ बच्चों के साथ हो सकता है।
2. स्तनपान के समय – शिशु स्तनपान करते वक्त भी छींकते हैं। दरअसल, स्तनपान के दौरान शिशु का एक नथुना मां की त्वचा से दब जाता है, जिसे खोलने के लिए शिशु छींक सकता है।
3. लार के कारण – जन्म के शुरुआती दिनों में शिशुओं की लार ज्यादा बहती है। इसे कई बार शिशु निगल जाते हैं। जब यह लार छोटे बच्चों के वायु मार्ग में जमा होते हैं, तो उन्हें छींक आ सकती है।
4. हवा में सूखापन – हवा के सूखेपन के कारण शिशु के श्वसन मार्ग में बलगम सूख सकता है। इस सूखने की प्रक्रिया की वजह से शिशु को छींक आ सकती है।
5. एमनियोटिक द्रव – एमनियोटिक द्रव गर्भ में शिशु को सुरक्षित रखने का काम करता है। जब शिशु का जन्म होता है, तब शिशु के श्वसन नली से एमनियोटिक द्रव को साफ किया जाता है (5)। इस दौरान शिशु की श्वसन नली अच्छी तरह खुलती है और उन्हें छींक आ सकती है।
6. नाक बंद होने पर- शिशु की नाक बंद होने पर उसे छींक आ सकती है। यह शरीर की स्वाभाविक क्रिया है। ऐसे में नाक पूरी तरह खोलने के लिए भी नवजात को छींक आ सकती है (6)।
7. नाक में धूल के कण का जमा होना – धूल के छोटे-छोटे कण हवा के माध्यम से नाक में प्रवेश कर जाते है। इनके नाक में पहुंचने पर शिशु को छींक आ सकती है, ताकि वो धूल के कण नाक से बाहर निकल सकें (2)।
8. बलगम के कारण – नाक में मौजूद बलगम की चिपचिपाहट और गाढ़ेपन के कारण भी बच्चे को छींक आ सकती है। छींककर बच्चे का शरीर नाक में मौजूद बलगम को साफ करने की कोशिश करता है (2)।
चलिए, अब जानते हैं कि छोटे बच्चों में छींक आने के पीछे क्या-क्या कारण होते है।
छोटे बच्चों को छींक आने के क्या कारण हैं?
बच्चों के छींकने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। वैसे तो ज्यादातर समय छींक आने के पीछे कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन कभी-कभी इन कारणों की वजह से भी शिशु को छींक आ सकती है।
1. सर्दी-जुकाम- शिशुओं में छींक आने का एक कारण सर्दी-जुकाम को भी माना जा सकता है। अगर किसी छोटे बच्चे को सर्दी होती है, तो उसे बार-बार छींक आ सकती है। इसे सर्दी के एक लक्षण के तौर पर देखा जा सकता है। यह समस्या वायरस के कारण होती है, जो नाक वाले भाग को प्रभावित करती है (7)।
2. एलर्जी के कारण – छोटे बच्चों को छींक आने के पीछे एलर्जी एक वजह हो सकती है (4)। दरअसल, छोटे बच्चों को कुछ चीजों से एलर्जी होती है, जिसके संपर्क में आते ही उन्हें छींक आ सकती है। अधिकतर मामलों में पालतू जानवरों की त्वचा में मौजूद रूसी या पौधों में मौजूद पराग से एलर्जी होने का जोखिम बना रहता है (1)।
3. नियोनेटल एब्सटीनेंस सिंड्रोम (NAS) – यह नवजात को होने वाली कई समस्याओं का एक समूह है, जिसमें कांपना, डायरिया, बुखार, नाक बहना जैसी कई परेशानियां शामिल हैं। एनएएस होने का मुख्य कारण गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक मां द्वारा ली जाने वाली दवाइयां होती है। पैदा होने के बाद जब अचानक शिशु का संपर्क इन दवाओं से टूटता है, तो उसे अन्य लक्षणों के साथ ही छींक भी आती है (8)।
अब हम छोटे बच्चों का छींकना कब माता-पिता के लिए चिंता का विषय हो सकता है, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
शिशु का छींकना कब चिंताजनक हो सकता है?
शिशु को लगातार छींक आने के साथ ही कुछ दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं, तो ऐसी स्थिति में माता-पिता को चिंता करने की आवश्यकता हो सकती है। शिशु में ऐसे लक्षण दिखाई देना किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- छोटे बच्चों को छींक के साथ देर तक खांसी आने पर।
- छींकते-छींकते सांस लेने में परेशानी होने पर माता पिता को चिंता होनी चाहिए।
- अगर छींक के कारण शिशु दूध पीना बंद कर देता है।
- लगातार छींक आने के साथ ही शिशु का शरीर कमजोर दिखाई देता है, तो यह चिंताजनक हो सकता है।
- हमेशा छींकने के बाद शिशु लगातार रोता है, तो पेरेंट्स को चिंता करनी चाहिए।
- शिशु को नीओनेटल ऐब्स्टनन्स सिंड्रोम है, तो माता पिता का परेशान होना जायज है।
- अगर शिशु को छींक आने के साथ ही बुखार आता है या नाक लाल दिखाई देती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
छोटे बच्चों को छींक आना किसी तरह की बीमारी नहीं है। कई मामलों में शिशु का छींकना एकदम सामान्य होता है, जिसका जिक्र हम ऊपर कर ही चुके हैं। हां, कई बार यह किसी रोग का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में परेशान होने की जगह डॉक्टर को संपर्क करें। उनकी सलाह से छींक संबंधी समस्या को दूर किया जा सकता है।
References
2. Sneeze reflex: facts and fiction By Sage
3. Central nervous system By Medlineplus
4. Prevalence of infant sneezing without colds and prediction of childhood allergy diseases in a prospective cohort study By NCBI
5. Maturation of cough and other reflexes that protect the fetal and neonatal airway By NCBI
6. Nasal congestion: A review of its etiology, evaluation, and treatment By Sage
7. Colds in children By NCBI
8. Neonatal abstinence syndrome By Medlineplus
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