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प्रसव होते ही नवजात को लेकर कई सावधानियां बरती जाती हैं, ताकि वो सुरक्षित रहे। इसी के साथ कुछ खास तरह के चेकअप भी उसके जन्म के तुरंत बाद होते हैं। ऐसे टेस्ट से नवजात के मौजूदा स्वास्थ्य का पता लगाया जाता है। ऐसे ही कुछ टेस्ट के परिणाम को अपगार स्कोर कहा जाता है। मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम आपको अपगार स्कोर के बारे में बारीकी से समझाएंगे। साथ ही अपगार स्कोर के लिए किन-किन चीजों की जांच होती है और इसे समझने के तरीके से संबंधित जानकारी भी आपको यहां मिलेगी।
सबसे पहले जानते हैं कि अपगार स्कोर क्या है।
अपगार स्कोर क्या है? | Apgar Score in Hindi
नवजात के जन्म के एक मिनट से लेकर पांच मिनट तक उसके कुछ टेस्ट किए जाते हैं। इन परीक्षण से यह निर्धारित होता है कि नवजात को सांस लेने में दिक्कत तो नहीं है। साथ ही इससे शिशु की हृदय संबंधी परेशानी का भी पता लगाया जाता है। इन्हीं टेस्ट के रिजल्ट को अपगार स्कोर कहा जाता है। यह स्कोर जितना ज्यादा होता है, नवजात को उतना ही स्वस्थ माना जाता है (1)।
अपगार स्कोर के बाद जानते हैं कि अपगार का क्या मतलब होता है।
“Apgar” का क्या अर्थ है?
पहली बार 1952 में वर्जीनिया अपगार ने इस स्कोर को विकसित किया था। इन्हीं के नाम पर अपगार टेस्ट का नाम रखा गया (2)। इस टेस्ट में अपगार शब्द के पांचों अंग्रेजी अक्षरों का एक-एक अर्थ है। इन सबका अर्थ नीचे बताया गया है (3):
- मसल्स टोन (Activity) : इस दौरान नवजात शिशु की गतिविधि को जांच करके स्कोर किया जाता है।
- हृदय गति (Pulse) : इसमें शिशु के पैदा होते ही उसकी हृदय गति की जांच होती है। इस दौरान यह देखा जाता है कि कहीं बच्चे की हृदय गति असामान्य तो नहीं है।
- प्रतिक्रिया (Grimace response) : इसे रिफलेक्सेस भी कहते हैं। इस दौरान नवजात के रोते हुए उसके चेहरे क हावभाव की जांच की जाती है।
- त्वचा का रंग (Appearance) : इसमें शिशु का जन्म होते ही उसकी त्वचा के रंग को जांचते हैं।
- सांस लेने की दर और प्रयास (Respiration) : यह जांच नवजात की सांस लेने की दर और उसके प्रयास को जांचने के लिए की जाती है।
अपगार का अर्थ समझने के बाद आगे जानिए कि इस टेस्ट को कैसे किया जाता है।
अपगार स्कोर टेस्ट कैसे किया जाता है?
हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पांच जांचों के आधार पर इसके स्कोर का फैसला लिया जाता है। बच्चे के पैदा होते ही ऊपर बताए गए प्रत्येक परीक्षण के बाद उसे 0, 1 और 2 का स्कोर दिया जाता है। किस स्थिति में कितना स्कोर मिलता है, यह हम आगे विस्तार से बता रहे हैं (2)।
1. सांस लेने का प्रयास :
- यदि शिशु सांस नहीं ले रहा है, तो श्वसन स्कोर 0 है।
- श्वसन धीमा या अनियमित होने पर श्वसन के प्रयास के लिए शिशु को 1 अंक मिलता है।
- शिशु के जोर-जोर से रोने पर श्वसन स्कोर 2 होता है।
2. स्टेथोस्कोप द्वारा हृदय गति का मूल्यांकन :
- दिल की धड़कन न होने पर हृदय गति के लिए शिशु को 0 स्कोर दिया जाता है।
- यदि हृदय गति 100 बीट प्रति मिनट से कम है, तो हृदय गति के लिए नवजात को 1 स्कोर मिलता है।
- हृदय गति प्रति मिनट 100 बीट से अधिक होने पर हृदय गति के लिए नवजात को 2 स्कोर दिया जाता है।
3. मसल्स टोन :
- यदि मांसपेशियां ढीली और फूली हुई हैं, तो शिशु की मांसपेशियों की टोन के लिए 0 अंक हैं।
- अगर कुछ मांसपेशी टोन होने पर शिशु को 1 अंक मिलता है।
- शरीर की सक्रिय गति होने और मांसपेशियां टोन होने पर नवजात को डॉक्टर 2 अंक देते है।
4. ग्रिमेस रिस्पॉन्स :
- नवजात के चेहरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है, तो 0 अंक हैं।
- हल्की प्रतिक्रिया होने पर नवजात को एक स्कोर मिलता है।
- नवजात के खांसी, छींक और जोरदार रोने की आवाज के साथ चेहरे पर प्रतिक्रिया होने पर 2 अंक हैं।
5. त्वचा का रंग :
- नवजात की त्वचा का रंग हल्का नीला है, तो रंग के लिए 0 स्कोर है।
- यदि शरीर गुलाबी है और नीला होने पर नवजात को 1 स्कोर दिया जाता है।
- अगर नवजात का शरीर गुलाबी है, तो शिशु को 2 अंक मिलता है।
अपगार स्कोर की कार्य प्रणाली के बाद जानते हैं कि सामान्य अपगार व एपगार स्कोर क्या होता है।
सामान्य अपगार स्कोर का मतलब क्या है? | स्वस्थ बेबी का अपगार स्कोर कितना होता है?
अपगार स्कोर 1 से 10 अंक तक हो सकता है। यह स्कोर जितना अधिक होता है नवजात उतना ही स्वस्थ कहलाता है। अपगार के 7, 8 और 9 को सामान्य स्कोर माना जाता है। इसका अर्थ यह होता है कि नवजात स्वस्थ है। 10 स्कोर बहुत अच्छा होता है, लेकिन यह स्कोर कम ही शिशुओं को मिलता है। दरअसल, लगभग सभी नवजात नीले हाथों और पैरों के लिए 1 अंक खो देते हैं, जो जन्म के बाद सामान्य है (1)।
सामान्य स्कोर के बाद अपगार का असामान्य स्कोर क्या होता है, इसपर एक नजर डाल लेते हैं
असामान्य अपगार स्कोर का क्या मतलब है?
एपगार व अपगार स्कोर के असामान्य होने का मतलब है कि नवजात स्वस्थ नहीं है। यदि अपगार स्कोर 7 से कम होता है, तो नवजात को इलाज की जरूरत होती है (1)। साथ ही अपगार स्कोर 7 से कम होने पर अगले 20 मिनट तक हर पांच मिनट में नवजात का अपगार स्कोर मापा जाता है (2)। अपगार स्कोर के कम होने के कारण निम्न हो सकते हैं (1):
- सिजेरियन डिलीवरी
- प्रसव और उससे जुड़ी जटिलताएं
- नवजात के श्वसन नली में द्रव यानी फ्ल्यूड होना।
आर्टिकल के इस हिस्से में हम बता रहे हैं कि अपगार नवजात के लिए क्याें जरूरी है।
शिशु के लिए अपगार क्यों महत्वपूर्ण है?
अपगार स्कोर नवजात के समग्र शारीरिक स्थिति बताने में मदद करने के लिए बनाया गया है। इसके जरिए इस बात की जांच की जाती है कि जन्म के बाद बच्चे की शारीरिक स्थिति कैसी है। यदि स्कोर सामान्य या ज्यादा होता है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं होती। हां, स्कोर सामान्य से कम होने पर इस स्थिति में नवजात को विशेष देखभाल की जरूरत हो सकती है (3)।
हमने लेख में अपगार स्कोर के बारे में विस्तार से बताया है। अपगार स्कोर नवजात की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति बताने और यह निर्धारित करने का कार्य करता है कि उसे किसी चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता है या नहीं। गौर हो कि इससे भविष्य में नवजात को होने वाली परेशानियों का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। नवजात और शिशुओं से संबंधित ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन की वेबसाइट विजिट करते रहें।
References
1. Apgar score By MedlinePlus
2. APGAR Score By NCBI
3. What Is the Apgar Score? By KidsHealth
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