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गर्भावस्था का समय पूरा होते ही डिलीवरी को लेकर महिला को कई बातें परेशान करने लगती हैं। इनमें सबसे ज्यादा चिंता का विषय प्रसव के दौरान होने वाले जोखिम को लेकर होता है। हालांकि, यह स्थिति सभी महिलाओं के लिए अलग-अलग हो सकती हैं और उनसे होने वाले स्वास्थ्य जोखिम भी अलग-अलग तरीके से गर्भवती महिला को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम ऐसी ही एक मेडिकल कंडिशन के बारे में बात कर रहे हैं, जो सामान्य प्रसव के बाद टांके की आवश्यकता से जुड़ी है। इस लेख में सामान्य प्रसव के बाद टांके की आवश्यकता, टांकों को सूखने में लगने वाला समय और अन्य जरूरी जानकारी दी जाएगी।

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि सामान्य प्रसव के बाद भी टांके की आवश्यकता क्यों होती है।

सामान्य प्रसव के बाद टांकों की आवश्यकता क्यों होती है? | Normal Delivery Ke Tanke

दरअसल, डिलीवरी के समय मां के पेरिनियम (योनि और गुदा के बीच का क्षेत्र) पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे कभी-कभी वह हिस्सा फट जाता है। वहीं, परिस्थिति को देखते हुए डॉक्टर वहां कट भी लगा सकते हैं। पेरिनियम एरिया में जन्म के दौरान हुए इस घाव को भरने के लिए ही टांके लगाने की जरूरत पड़ती है। इसके बाद कुछ दिनों के लिए चलना दर्दनाक हो सकता है। यहां तक कि खांसी या छींकते समय भी दर्द का अनुभव हो सकता है (1), (2)

आइए, अब जानते हैं कि पेरिनियम क्षेत्र के फटने पर टांके लगाए जाते हैं या नहीं। 

पेरिनियम क्षेत्र के फटने पर टांकों की जरूरत कब पड़ती है?

यह इस पर निर्भर करता है कि बच्चे को जन्म देने के दौरान पेरिनियम क्षेत्र में कितना घाव हुआ है या वह कितना फटा है। पेरिनियम क्षेत्र अपने आप फटता है, तो इसे स्पोंटेनियस टियर्स (Spontaneous Tears) कहते हैं। इसे पेरिनेल ट्रॉमा (Perineal Trauma) यानी गुदा और योनि के बीच जन्म के समय अपने आप हुआ घाव के नाम से भी जाना जाता है। इस अवस्था में करीब 60-70% महिलाओं को टांके की जरूरत पड़ती है। इस स्थिति को चार वर्गों में बांटा गया है (3)

  1. फर्स्ट डिग्री टियर : फर्स्ट डिग्री टियर की स्थिति में केवल पेरिनियम की त्वचा को ही नुकसान पहुंचता है। इसमें टांके की आवश्यकता कम से कम पड़ती है। 
  1. सेकंड डिग्री टियर : सेकंड डिग्री टियर की स्थिति में पेरिनियम की मांसपेशियों और त्वचा को नुकसान पहुंचता है। यहां टांकों की जरूरत होती है।
  1. थर्ड डिग्री टियर : थर्ड-डिग्री टियर में बाहरी और आतंरिक एनल स्फिंक्टर (अवरोधिनी गुदा) का भाग तक फट सकता है। इस कंडीशन में भी टांके की जरूरत पड़ती है। 
  1. फोर्थ डिग्री टियर : चौथी डिग्री टियर में एनल स्फिंक्टर कॉम्प्लेक्स और एनल एपिथिलियम (Anal Epithelium) यानी गुदा के आसपास की ऊपरी त्वचा तक फट सकती है। इस स्थिति में भी घाव भरने के लिए टांकों की आवश्यकता होती है।

आइए, अब जानते हैं कि सामान्य प्रसव के बाद टांके लगाने की प्रक्रिया क्या होती है।

सामान्य प्रसव के बाद टांके कैसे लगाए जाते हैं? | Normal Delivery Me Tanke Kaise Lagte Hain

पेरिनियम क्षेत्र को फैलाने के लिए जब डॉक्टर चीरा लगाते हैं, तो उसे एपिसियोटॉमी (Episiotomy) और जब यह अपने आप फैल जाता है, तो इसे पेरिनियल ट्रॉमा (Perineal Trauma) कहते हैं। इन दोनों ही स्थितियों में घाव भरने के लिए टांके की जरूरत पड़ती है। इन दोनों के उपचार और घाव भरने के समय के साथ-साथ लगभग सभी प्रक्रिया एक सामान ही होती है (2)

डिलीवरी के बाद मां को कुछ देर के लिए बेहोश किया जाता है या फिर इस जगह को सुन्न करने के लिए लोकल एनिस्थेसिया दिया जाता है। उसके बाद प्रभावित क्षेत्र को टांके के जरिए बंद कर दिया जाता है। ये टांके कुछ दिनों में त्वचा के अंदर ही घुल जाते हैं और उन्हें निकालने की जरूरत नहीं होती है (4)

प्रसव के बाद टांके के संबंध में अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

टांके सूखने में कितने दिन लगते हैं?

टांके सूखने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं (5)। इन्हें निकालने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। टांके शरीर में अपने आप घुल जाते हैं (6)। फिर भी आपको इसके लिए सावधानी बरतनी चाहिए, जिसके बारे में आगे पूरी जानकारी दी जा रही है। इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर की भी सलाह ले सकते हैं।

आइए, अब जानते हैं कि इस संवेदनशील क्षेत्र में राहत पाने के लिए क्या किया जा सकता है।

मैं इस संवेदनशील क्षेत्र में राहत के लिए क्या कर सकती हूं?

इसके लिए आप निम्नलिखित उपायों को अपना सकती हैं (2)

  • अपने पास मौजूद नर्स से प्रभावित स्थान पर आइस पैक लगाने के लिए कहें। जन्म के बाद पहले 24 घंटों में आइस पैक का उपयोग सूजन को कम कर सकता है और दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
  • हॉट बाथ लें, लेकिन डिलीवरी के बाद कम से कम 24 घंटे तक प्रतीक्षा करें।
  • हर बार स्नान से पहले बाथटब को कीटाणुनाशक से साफ करवाएं।
  • दर्द से राहत के लिए इबुप्रोफेन जैसी दवा लें सकते हैं। ध्यान रहे कि केवल डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।
  • टांकों के लगे होने की स्थिति में किसी कठोर जगह जैसे फर्श या कुर्सी पर ऐसे ही बैठने की जगह तकिये का सहारा लेकर बैठें (1) इससे टांकों को दर्द से बचाने में मदद मिल सकती है।

आइए, अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि डिलीवरी के बाद टांके भरने के लिए क्या कर सकते हैं? 

डिलीवरी के बाद टांके जल्दी भरने के लिए क्या करें?

टांकों को जल्दी भरने के लिए आप निम्नलिखित उपायों को अपना सकती हैं (2)

  • सिट्ज बाथ (Sitz Bath) का उपयोग किया जा सकता है। इसमें सिर्फ कूल्हों को पानी में डुबोया जाता है। इसके लिए आप एक बाथटब में इतना पानी लीजिए कि जिसमें आपका वूल्वर क्षेत्र (योनि के पास के हिस्से) पानी में डूबा रहे।
  • बाथटब की जगह एक चौड़े आकार का प्लास्टिक टब भी लिया जा सकता है।
  • इस प्रक्रिया को दिन में करीब दो बार किया जा सकता है। साथ ही आप डॉक्टर से भी पूछ सकते हैं।
  • सिट्ज बाथ को डिलीवरी के करीब 24 घंटे बाद ही करना चाहिए।
  • हर 2 से 4 घंटे में अपना पैड बदलें।
  • टांके के आसपास के क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।
  • पेशाब या मलत्याग के बाद सहने योग्य गर्म पानी से गुदा और योनि को अच्छी तरह साफ कर किसी साफ तौलिये से सूखा लें।
  • गलती से भी टॉयलेट पेपर का उपयोग न करें।
  • स्टूल सॉफ्टनर (पेट साफ करने की दवा) लें और बहुत सारा पानी पिएं। इससे कब्ज आदि से बचाव होगा। ध्यान रहे कि स्टूल सॉफ्टनर डॉक्टर की सलाह पर ही लें।
  • फाइबर युक्त भोजन करें। मल त्याग के लिए अधिक जोर लगाने पर टांके खुल सकते हैं। इसलिए, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करें। इसके लिए डायटीशियन या न्यूट्रीशनिस्ट से सलाह ले सकते हैं।

आइए, अब लेख के भाग में जानते हैं कि टांकों की देखभाल किस तरह करें।

नॉर्मल डिलीवरी के बाद टांकों की देखभाल किस तरह करनी चाहिए? | Delivery Ke Bad Take Ki Dekhbhal

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि पेरिनियम क्षेत्र को डॉक्टरों के द्वारा फैलाने और अपने आप फैलने के कारण हुए घाव का इलाज और ध्यान रखने की सारी प्रक्रिया लगभग एक जैसी होती है (2)। इसलिए, नॉर्मल डिलीवरी के बाद भी लगने वालों टांकों की देखभाल एक ही प्रकार से की जा सकती है (6)। इसके लिए आप निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैं:

  • 6 सप्ताह तक टैम्पोन (Tampon) का उपयोग न करें। टैम्पोन ऐसा प्रोडक्ट है, जो मासिक धर्म के दौरान योनि से निकलने वाले रक्त को साफ करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • 6 सप्ताह तक शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
  • जॉगिंग, डांसिंग या वेट उठाने जैसे व्यायाम न करें।
  • कब्ज और कठोर मल से बचने के लिए फाइबर युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करें।
  • कब्ज और मूत्राशय के संक्रमण को रोकने के लिए दिन में 8 कप (2 लीटर) पानी पिएं।
  • इसके अलावा, टांकों को रगड़ लगने से बचाएं। कोशिश करें कि टांके वाली जगह सीधे पानी के संपर्क में न आएं।
  • टांकों को सूखने के लिए दी गई दवा या स्वास्थ्य सलाह का पालन करें।

आगे हम बता रहे हैं कि टांकों को संक्रमण से कैसे बचाया जा सकता है।

डिलीवरी के बाद टांकों को संक्रमण से कैसे बचाएं?

डिलीवरी के बाद टांकों को संक्रमण से इस प्रकार बचाया जा सकता है (1),(2)

  • मलत्याग के बाद संक्रमण से बचने के लिए मलद्वार को आगे से पीछे की ओर साफ करें।
  • यूरीन करने के बाद टांकों को हल्के-हल्के हाथों से अच्छी तरह साफ करें।
  • टांकों को संक्रमण से बचाव के लिए डॉक्टर से भी जरूरी टिप्स लें।

लेख के अगले भाग में आपको जानकारी दी जाएगी कि आप टांके लगवाने से कैसे बच सकती हैं।

क्या मैं टांके लगवाने से बच सकती हूं?

टांके लगवाने के जोखिम को कम करने या उससे बचे रहने के लिए नीचे बताए जा रही बातों का ख्याल रखा जा सकता है (4):

  • एपिसियोटोमी (जिसमें डॉक्टर खुद पेरिनियम क्षेत्र में चीरा लगाते हैं) की जरूरत को कम करने के लिए आप नर्स या डॉक्टर से पेरिनियम क्षेत्र की मालिश के बारे में पूछ सकती हैं।
  • डिलीवरी के समय इस पर ध्यान देने से अच्छा है कि आप गर्भावस्था में ही अपने चिकित्सक या चाडल्डबर्थ एजुकेटर से इस विषय पर बात करें। प्रसव के लिए नीचे की ओर जोर लगाने की प्रक्रिया को सही से समझें। प्रसव के समय आप अपनी पीड़ा को कम करते हुए स्वयं पर कैसे नियंत्रण रख सकती हैं, यह भी जानें। इससे आपको जोर लगाने पर प्रसव वेग को सहने में आसानी होगी और पेरिनियम पर अनियमित दबाव के कम होने से पेरिनियम के खुद से फटने की आशंका कम हो जाएगी।
  • अपनी देखभाल करने वालों से डिलीवरी के दौरान योनि क्षेत्र को अधिक खोलने के लिए चिकनाई वाले पदार्थ का उपयोग करने के बारे में बात कर सकते हैं। इससे शिशु को बाहर निकलने में आसानी होगी और पेरेनियम क्षेत्र को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है।
  • इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप एक बार डॉक्टर से भी सलाह ले सकती हैं। 

आइए, अब जानते हैं कि टांके किसी समस्या का कारण बन सकते हैं या नहीं।

क्या मुझे टांकों से भविष्य में कोई परेशानी होगी?

जैसा लेख के शुरुआत में बताया गया है कि टांके कुछ हफ्तों में अपने आप त्वचा में घुल जाते हैं, लेकिन एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एपिसियोटोमी के बाद भविष्य में कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (7)

टांके लगने के बाद कम समय के लिए होने वाली परेशानियां : 

  • खून बहना और खून की कमी होना।
  • घाव वाले स्थान पर सूजन आना।
  • घाव में संक्रमण होना।
  • गुदा की मांसपेशियों का फैलना।
  • यूरिन ट्रैक्ट इंफेक्शन होना।
  • मूत्राशय में चोट लगना।
  • रक्त का थक्का बनने लगना।
  • टांकों वाले स्थान में दर्द होना।
  • एपिसियोटोमी के कारण घाव होना।

टांके लगने के बाद लंबे समय तक होने वाली परेशानियां :

  • लंबे समय तक बना रहने वाला संक्रमण।
  • गुदा और मलाशय के कार्यों में असंतुलन।
  • मूत्र पर नियंत्रण रखने में परेशानी होना।
  • पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स यानी पेल्विक ऑर्गन की मांसपेशियां का कमजोर होना।
  • यौन संबंधी रोग।
  • टांकों वाले स्थान पर दर्द।

डॉक्टर के पास कब जाएं 

डॉक्टर के पास निम्न स्थितियों में बिना देरी किए जाना चाहिए (2):

  • जब आपको टांकों वाली जगह पर असहनीय दर्द होने लगे।
  • अगर मल किए बिना 4 या उससे अधिक दिन बीत जाएं।
  • अगर डिलीवरी के बाद योनी से रक्त के थक्के निकल रहे हों।
  • अगर टांकों के पास से कोई खराब गंध आ रही हो।
  • अगर ऐसा लगे कि टांकें किसी कारण से टूट सकते हैं।

इस लेख में आपने पढ़ा कि कैसे सामान्य डिलीवरी के बाद भी मां को टांके की जरूरत पड़ सकती है। साथ ही आपको इसके सूखने, इससे बचे रहने और इसके जोखिम को कम करने के उपायों को बताने की कोशिश की गई है। हालांकि, इस दौरान किसी भी उपाय को आप अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर की भी सलाह लें। साथ ही साथ टांके लगने के बाद मां का विशेष ध्यान रखें। टांकों में किसी भी विकार या दर्द के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

References

1. Recovering From Delivery By Kidshealth
2. Episiotomy – aftercare By Medline
3. Perineal care By NCBI
4. Your Guide to a Healthy Birth State of Newyork Department of Health
5. What to Know After Having Your Baby By UNM Health Science Center
6. Vaginal delivery – discharge By Medline
7. Long- and short-term complications of episiotomy By Medline

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