Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

मुंह में फंगल इन्फेक्शन होना कष्टकारी हो सकता है, क्योंकि मुंह के जरिए हम किसी भी चीज का सेवन करते हैं। ऐसे में जब मुंह में इंफेक्शन हो जाए तो खाने पीने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इसे बढ़ने से पहले इससे बचाव करना आवश्यक है। तभी तो स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ओरल थ्रश क्या है व ओरल थ्रश के कारण से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी लेकर आए हैं। इसके साथ ही यहां हम ओरल थ्रश ट्रीटमेंट के बारे में भी जानेंगे।

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ओरल थ्रश इन हिंदी में सबसे पहले जानेंगे मुंह में फंगल इन्फेक्शन क्या है।

मुंह में फंगल इन्फेक्शन क्या होता है?

ओरल थ्रश मुंह में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है, जिसे ओरल कैंडिडिआसिस के नाम से भी जाना जाता है। इसके कारण मुंह के अंदर घाव व खाना निगलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। यह संक्रमण कैंडिडा नामक फंगस के कारण होता है। आमतौर पर यह फंगस बहुत कम मात्रा में मुंह, पाचन तंत्र और त्वचा पर मौजूद रहता है, जिसे अन्य जीवाणु नियंत्रित करते हैं। कई दफा किसी बीमारी या दवाओं के चलते इनका संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे यह संक्रमण बढ़ सकता है और मुंह में फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकता है (1)।

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लेख के इस भाग में मुंह में फंगल इन्फेक्शन के कारण पर एक नजर डाल लेते हैं।

मुंह में फंगल इन्फेक्शन के कारण – Causes of Oral Thrush In Hindi

जैसा कि लेख में पहले ही बताया गया है कि मुंह में फंगल इंफेक्शन कैंडिडा फंगस के कारण हो सकता है। सामान्यतौर पर यह फंगस थोड़ी मात्रा में हमारे मुंह में हमेशा ही रहता है, लेकिन इसकी मात्रा में बढ़ोत्तरी ओरल थ्रश यानी मुंह के इंफेक्शन का कारण बन सकती है। कैंडिडा फंगस के बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे जानकारी दे रहे हैं (2):

  • कमजोर इम्यूनिटी- इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर कैंडिडा फंगस के बढ़ने व मुंह में फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्या- अगर काफी समय से किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से परेशान हैं, तो ऐसे में ओरल थ्रश होने की संभावना बढ़ सकती है
  • छोटे बच्चे या बुजुर्गों को- छोटे बच्चों या फिर बुजुर्गों में ओरल थ्रश के विकसित होने की संभावना अधिक हो सकती है।
    एचआईवी होना- एचआईवी या एड्स के मरीजों में मुंह में फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है।
  • कैंसर ट्रीटमेंट- कैंसर पीड़ित लोग अगर कीमोथेरेपी ले रहे हैं या उससे संबंधित कोई दवाइयां ले रहे हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती हैं, तो उनमें यह समस्या हो सकती है।
  • अस्थमा- अस्थमा या फिर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से ग्रसित लोग इनहेलर व स्टेरॉयड दवाएं ले रहे हैं, तो उनमें भी मुंह में फंगल इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक हो सकती है। बता दें, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों से संबंधित रोग हैं।
  • दवाओं का सेवन करना- अगर कोई एंटीबायोटिक्स दवाएं ले रहा है, तो ये कुछ स्वस्थ जीवाणुओं को नष्ट कर सकती हैं। इनमें कैंडिडा फंगस को अधिक बढ़ने से रोकने वाले कुछ बैक्टेरिया भी शामिल हैं।
  • डेन्चर- डेन्चर यानी नकली दांत, अगर ठीक से फिट नहीं होते हैं, तो यह भी ओरल थ्रश का एक कारण हो सकता है।

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ओरल थ्रश के कारण जानने के बाद अब बात करते हैं मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण की।

मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण – Symptoms of Oral Thrush in Hindi

मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण कई हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1) (2) :

  • गालों के भीतर, जीभ, गले व मुंह के ऊपरी हिस्से में पर सफेद परत होना
  • लालिमा या दर्द होना
  • मुंह के अंदर मखमली घाव या रुई जैसा अहसास
  • भोजन का स्वाद न आना
  • निगलते समय दर्द होना
  • मुंह के कोनों में हल्की दरारें व लालिमा होना
  • ब्रश करते समय रक्तस्राव होना

बने रहें हमारे साथ

चलिए अब मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies For Oral Thrush in Hindi

यहां हम मुंह में फंगल इन्फेक्शन के कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं, जिनकी मदद से इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। चलिए, जानते हैं कि घरेलू नुस्खों की मदद से ओरल थ्रश का इलाज कैसे किया जा सकता है।

1. सेब का सिरका

सामग्री :

  • 1 गिलास गुनगुना पानी
  • 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका)
  • शहद (वैकल्पिक)

उपयोग का तरीका :

  • एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को मिलाएं।
  • स्वाद के लिए चाहे तो इसमें शहद मिला सकते हैं।
  • इसे धीरे-धीरे सिप करके पिएं।
  • इसे पूरे दिन में दो बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

मुह में फंगल इन्फेक्शन को कम करने के टिप्स में सेब के सिरके का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है। दरअसल, इससे संबंधित एक अध्ययन में सेब के सिरके को कैंडिडा फंगस के खिलाफ एंटीफंगल प्रभाव दिखाने में सक्षम पाया गया (3)। वहीं, बता दें कि मुंह में होने वाला इंफेक्शन कैंडिडा नामक फंगस के कारण होने वाला संक्रमण है (1)। यही वजह है कि मुह में फंगल इन्फेक्शन को कम करने के घरेलू उपाय में सेब के सिरके का इस्तेमाल करना लाभकारी साबित हो सकता है।

2. नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करना

सामग्री :

  • 5 चम्मच नारियल तेल

उपयोग का तरीका :

  • एक बड़ा चम्मच नारियल का तेल मुंह में लें।
  • फिर इससे कुछ देर तक गरारे करें।
  • फिर कुल्ला करके तले को थूक दें और साफ पानी से कुल्ला करें।
  • इसके बाद आप ब्रश कर सकते हैं।
  • जब तक ओरल थ्रश से निजात नहीं मिलता है, तब तक इस प्रक्रिया को सुबह बासी मुंह कर सकते हैं।

नोट- तेल के गरारे करते समय तेल को निगलने की गलती न करें, क्योंकि तेल में बैक्टीरिया और हानिकारक विषाक्त पदार्थ हो सकते हैं, जो शरीर में प्रवेश कर सेहत पर बुरा प्रभाव छोड़ सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

ऑयल पुलिंग एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार है, जिसका उपयोग मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए किया जाता है। इसमें विभिन्न खाद्य तेलों से गरारे किए जाते हैं, जिनमें नारियल तेल के इस्तेमाल का भी जिक्र मिलता है (4)।

वहीं, यीस्ट फंगस को नष्ट करने के लिए नारियल तेल का एंटीफंगल गुण प्रभावकारी हो सकता है (5)। मुंह में होने वाले इंफेक्शन यानी ओरल थ्रश का कारण कैंडिडा फंगस को माना जाता है (1)। ऐसे में ओरल थ्रश से राहत पाने के लिए नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करना लाभकारी हो सकता है।

3. दही

सामग्री :

  • एक चम्मच दही

उपयोग का तरीका :

  • मुंह में एक चम्मच दही डालें।
  • इसे निगलने से पहले 5 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • इसके बाद इसे निगल जाएं।
  • ऐसा दिन में तीन बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

मुंह में फंगल इंफेक्शन के लिए दही का उपयोग भी प्रभावी हो सकता है। एक शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र किया गया है कि दही में लैक्टोबैसिलस नामक गुड बैक्टीरिया पाये जाते हैं, जिसका एंटी फंगल प्रभाव कैंडिडा संक्रमण से राहत दिलवाने का काम कर सकता है (6)। बताते चलें कि ओरल थ्रश भी कैंडिडा नामक फंगस के कारण होने वाला एक फंगल इंफेक्शन ही है (1)। इस आधार पर माना जा सकता है कि दही का सेवन ओरल थ्रश के इलाज में मदद कर सकता है।

4. बेकिंग सोडा

सामग्री :

  • एक गिलास पानी
  • आधा चम्मच बेकिंग सोडा

उपयोग का तरीका :

  • एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं।
  • जब यह अच्छे से घुल जाए, तो इस घोल से कुल्ला करें।
  • ऐसा दिन में 2 से 3 बार तब तक कर सकते हैं।

नोट- इस उपाय को करते समय इस बात का ध्यान रहे कि बेकिंग सोडा और पानी से तैयार मिश्रण को निगलना नहीं है। यह सेहत पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

बेकिंग सोडा, जिसे वैज्ञानिक भाषा में सोडियम बाइकार्बोनेट भी कहा जाता है। यह एंटी फंगल गुणों से समृद्ध होता है। ऐसे में यह मुंह में संक्रमण पैदा करने वाले फंगस को खत्म कर सकता है (7)। इस आधार पर माना जा सकता है कि बेकिंग सोडा का उपयोग ओरल थ्रश के इलाज में भी मदद कर सकता है। हालांकि, इस संबंध में अधिक शोध की आवश्यकता है।

5. एसेंशियल ऑयल

सामग्री :

  • आवश्यकतानुसार माउथ क्रीम या जेल
  • 2 से 3 बूंद एसेंशियल ऑयल

उपयोग का तरीका :

  • सबसे पहले कोई सुरक्षित माउथ क्रीम या जेल लें।
  • इसमें एसेंशियल ऑयल की दो से तीन बूंदे मिला लें।
  • फिर इसे अच्छे से मिक्स करें और इसे मुंह के अंदर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
  • 10 मिनट तक मुंह को खुला ही रखें।
  • इसके बाद साफ पानी से गरारे करते हुए मुंह धो लें।

कैसे है फायदेमंद:

ओरल थ्रश का कारण बनने वाले कैंडिडा फंगस को खत्म करने में कुछ तरह के एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल प्रभावकारी हो सकता है। एक शोध में इसका जिक्र मिलता है कि एसेंशियल ऑयल में एंटी फंगल गुण होते हैं, जो कैंडिडा फंगस को नष्ट कर ओरल थ्रश से राहत दिला सकते हैं (8)। ध्यान रखें कि इस उपाय का इस्तेमाल सिर्फ बाहरी तौर पर ही करें। साथ ही इसके लिए हमेशा सुरक्षित माउथ जेल या क्रीम का ही इस्तेमाल करें।

6. लहसुन

सामग्री :

  • 2 से 3 लहसुन की कच्ची कली

उपयोग का तरीका :

  • सबसे पहले एक-एक करके कच्चे लहसुन को मुंह में रखें ।
  • इसके बाद करीब 2 से 3 मिनट तक इसे चबाएं।
  • अच्छे से चबा लेने के बाद इसे निगल लें।
  • ऐसा दिन में तीन बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

ओरल थ्रश ट्रीटमेंट में लहसुन का यह नुस्खा भी लाभदायक हो सकता है। दरअसल, लहसुन में एलिसिन होता है, जो एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है। ये दोनों प्रभाव मुंह में होने वाले फंगस से लड़कर संक्रमण से आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं (9)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि लहसुन का सेवन ओरल थ्रश के घरेलू उपाय में शामिल किया जा सकता है।

7. नमक युक्त पानी

सामग्री :

  • एक गिलास गुनगुना पानी
  • आधा चम्मच नमक

उपयोग का तरीका :

  • एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं।
  • इस घोल से कुल्ला करें।
  • इस उपाय को दिन में तीन बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

लेख में ऊपर बताया जा चुका है कि कैंडिडा संक्रमण मुंह में फंगल इन्फेक्शन का मुख्य कारण है। वहीं, नमक पर हुए शोध में पता चला कि इसमें एंटीफंगल गुण मौजूद होता है । नमक का यह गुण कैंडिडा वायरस से निजात दिलाने के साथ ओरल थ्रश की परेशानी को कम करने में सहायक हो सकता है (10)। ऐसे में नमक का इस्तेमाल मुंह के फंगल इन्फेक्शन से छुटकारा दिलाने में घरेलू उपाय के तौर पर किया जा सकता है ।

8. करौंदे का रस (क्रेनबेरी जूस)

सामग्री :

  • एक गिलास क्रैनबेरी जूस (करौंदा)

उपयोग का तरीका :

  • नाश्ते में एक गिलास क्रैनबेरी जूस का सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद :

एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, क्रैनबेरी जूस में एंटी-फंगल गुण पाया जाता है, जो मुंह में संक्रमण फैलाने वाले फंगस को दूर कर ओरल थ्रश की परेशानी से काफी हद तक राहत प्रदान कर सकता है (11)। इस आधार पर माना जा सकता है कि क्रैनबेरी जूस का सेवन ओरल थ्रश में भी सहायक हो सकता है।

9. नींबू का जूस

सामग्री :

  • एक गिलास गुनगुना पानी
  • आधा चम्मच नींबू का रस

उपयोग का तरीका :

एक गिलास पानी में आधा चम्मच नींबू निचोड़ें।
चाहे तो स्वाद के लिए शहद मिला सकते हैं।
इसका सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

ओरल थ्रश के घरेलू उपचार के तौर पर नींबू का रस भी गुणकारी हो सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में होती है। शोध में एचआईवी ग्रसित लोगों में ओरल कैंडिडिआसिस के इलाज के दौरान नींबू के रस का सेवन करने वाले लोगों में सुधार पाया गया (12)। इस आधार पर कह सकते हैं कि नींबू का रस ओरल थ्रश ट्रीटमेंट में कारगर हो सकता है।

10. अंगूर के बीज का अर्क

सामग्री :

  • 2 चम्मच अंगूर के बीज का अर्क
  • आधा कप पानी

उपयोग का तरीका :

  • आधा कप पानी में अंगूर के बीज का अर्क मिलाएं।
  • दिन में दो बार इस पानी को पिएं।

कैसे है फायदेमंद :

मुंह में फंगल इन्फेकशन के इलाज के लिए अंगूर के बीज का अर्क लाभकारी हो सकता है। शोध की मानें, तो अंगूर के बीज का अर्क कैंडिडा के विकास को रोकने में प्रभाकारी हो सकता है। इस संबंध में जारी एक पशु अध्ययन में यह पाया गया है कि अंगूर के बीज का अर्क कैंडिडिआसिस की स्थिति में काफी सुधार कर सकता है (13)। ऐसे में मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचने के उपाय में अंगूर के बीज के अर्क का सेवन सहायक हो सकता है।

11. अनानास

सामग्री :

  • आधा कप अनानास के छोटे टुकड़े

उपयोग का तरीका :

  • दिन में 2 से 3 बार धीरे-धीरे चबाकर अनानास का सेवन करें।

नोट- अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से मुंह में खुजली, जीभ में सूजन, खांसी जैसी अन्य समस्याएं हो सकती है (14)।

कैसे है फायदेमंद :

पारंपरिक चिकित्सा के रूप में अनानास का उपयोग वर्षों से किया जाता आ रहा है। अनानास में मौजूद ब्रोमेलैन एंटी-फंगल एजेंट के रूप में कार्य करता है, जो फंगस को समाप्त करने में मदद कर सकता है (15)। इस आधार पर ओरल थ्रश के दौरान अनानास का सेवन भी लाभकारी हो सकता है।

12. संतरे का जूस

सामग्री :

  • एक गिलास संतरे का जूस

उपयोग का तरीका :

  • ओरल थ्रश होने पर एक गिलास संतरे का रस पिएं।

कैसे है फायदेमंद :

संतरे में विटामिन सी प्रचूर मात्रा में मौजूद होता है (16)। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो विटामिन सी कैंडिडा नामक कवक के नियंत्रण में मददगार हो सकता है (17)। वहीं, ओरल थ्रश होने का कारण भी कैंडिडा कवक ही है (1)। इस आधार पर माना जा सकता है कि मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय के तौर पर संतरे के जूस का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है।

13. एलोवेरा जूस

सामग्री :

  • 2 चम्मच एलोवेरा का जूस
  • एक गिलास पानी

उपयोग का तरीका :

  • पानी में एलोवेरा का जूस मिलाएं और उसका सेवन करें।
  • ओरल थ्रश की समस्या होने पर दिन में एक से दो बार इस मिश्रण को पिया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

मुंह में इन्फेक्शन को दूर करने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, एलोवेरा में एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन का इलाज करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं (18)। जैसा कि हमने पहले भी बताया मुंह में फंगल इंफेक्शन कैंडिडा नामक फंगस के कारण होता है (1)। इस आधार पर मान सकते हैं कि यह ओरल थ्रश की समस्या से राहत दिला सकता है।

14. माउथ वॉश

सामग्री :

  • एक या दो ग्रीन टी-बैग
  • एक गिलास गर्म पानी

उपयोग का तरीका :

  • सबसे पहले एक गिलास पानी गर्म पानी ले लें।
  • उसमें एक या दो ग्रीन टी बैग डालें।
  • जब यह पानी थोड़ा गुनगुना हो जाए ।
  • तब इससे थोड़े थोड़े मात्रा में मुंह में भरकर गरारे करें।
  • यह एंटीफंगल माउथवॉश की तरह कार्य करेगा।
  • इसे दिन में कम से कम दो बार जरूर करें।

कैसे है फायदेमंद :

ग्रीन टी का सेवन मुंह के इंफेक्शन में लाभकारी हो सकता है। दरअसल ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन में एंटी-फंगल गुण पाया जाता है, जो कैंडिडा फंगस से होने वाले मुंह में इन्फेक्शन के इलाज में मदद कर सकता है (19)। ऐसे में घर पर बने ग्रीन टी माउथ वॉश का इस्तेमाल ओरल थ्रश ट्रीटमेंट में उपयोगी साबित हो सकता है।

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मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय के बाद ये भी जान लें कि डॉक्टर से कब मिलना चाहिए।

डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?

ओरल थ्रश की समस्या गंभीर हो, तो घरेलू उपायों पर निर्भर रहने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। नीचे हम उन लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें सुधार न हो तो डॉक्टर से सलाह लेने में देरी नहीं करनी चाहिए (2)।

  • अगर मुंह में पास थ्रश जैसे घाव मौजूद हो।
  • खाना खाने के दौरान उसे निगलने में कठिनाई या दर्द हो रहा हो।
  • एचआईवी पॉजिटिव, कीमोथेरेपी ले रहे हो या फिर इम्यूनिटी संबंधित दवाइयों का सेवन कर रहे हो और मुंह में इंफेक्शन के लक्षण नजर आएं, तो बिना देरी करें डॉक्टर से परामर्श करें।

आगे अभी और है

लेख में आगे मुंह में फंगल इन्फेक्शन के इलाज से जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे।

मुंह में फंगल इन्फेक्शन का इलाज – Treatment of Oral Thrush in Hindi

मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय करने के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर इसका चिकित्सकीय इलाज करवाना भी आवश्यक है। नीचे जानें डॉक्टर मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए क्या सुझाव दे सकते हैं (2) (1) (20)।

ओरल थ्रश ट्रीटमेंट में डॉक्टर एंटीफंगल दवा के सेवन की सलाह दे सकते हैं। अगर लक्षण सामान्य हैं, तो आमतौर पर 7 से 14 दिनों के लिए एंटीफंगल दवा लेने का सुझाव दे सकते हैं।
मुंह के इंफेक्शन के इलाज में डॉक्टर एंटीफंगल माउथवॉश का उपयोग करने के लिए कह सकते हैं
क्लोट्रिमेजोल लोजेंज का सुझाव दे सकते हैं। इसका उपयोग 3 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों और बड़ों के मुंह में संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है।

अब पढ़े बचाव

मुंह में फंगल इन्फेक्शन का इलाज जानने के बाद अब जानते हैं मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचने के उपाय।

मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचने के उपाय – Prevention Tips for Oral Thrush in Hindi

नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखकर, मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचा जा सकता है (2) (1)।

  • ओरल थ्रश से बचने के लिए मौखिक स्वास्थ को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
  • अस्थमा में लिए जाने वाले कॉर्टिकोस्टेरॉइड इनहेलर का उपयोग करते हैं, तो हर बार इस्तेमाल करने के बाद कुल्ला करें।
  • मधुमेह पीड़ित हैं, तो मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए रक्त शर्करा को नियंत्रित रखें
  • अगर बार-बार ओरल थ्रश की समस्या हो जाती है, तो डॉक्टर के सुझाव के अनुसार नियमित रूप से एंटीफंगल दवा ले सकते हैं।
  • दांतों को दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें।
  • अपने डेन्चर की सफाई अच्छे से करें, खासकर संक्रमण के बाद।
  • गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करें।
  • चीनी और मिठाई के सेवन से बचें।

अब आप ओरल थ्रश के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। मुंह में फंगल इन्फेक्शन को अनदेखा न करें, क्योंकि जरा-सी लापरवाही गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। लेख में दिए गए ओरल थ्रश के घरेलू उपाय इसके लक्षण को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, अगर लक्षणों में किसी तरह का सुधार न हो, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ओरल थ्रश आमतौर पर कितने समय तक रहता है?

मुंह में फंगल संक्रमण के लक्षण सामान्य हो, तो यह एंटीफंगल दवा के सेवन से 7 से 14 दिनों के अंदर खत्म हो सकता है (1)।

ओरल थ्रश के दीर्घकालिक प्रभाव क्या हैं?

सही समय पर ओरल थ्रश ट्रीटमेंट नहीं किया जाए, तो यह महीनों या वर्षों तक रह सकता है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो यह फंगस मुंह के जरिए हृदय प्रणाली तक पहुंच जानलेवा साबित हो सकता है (21)।

ओरल थ्रश से तुरंत राहत कैसे पाई जा सकती है?

मुंह में फंगल इन्फेक्शन से तुरंत राहत नहीं पाई जा सकती है। नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करने से ओरल थ्रश के लक्षण में कुछ हद तक सुधार हो सकता है (4)।

ओरल थ्रश का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

ओरल थ्रश का सबसे अच्छा इलाज एंटीफंगल थेरेपी है। यह इस समस्या से जल्दी निजात दिला सकती है (1)।

मुंह में फंगल संक्रमण उपचार के बिना कितने समय तक रहता है?

मुंह में फंगल संक्रमण को नजरअंदाज न करें। उपचार के बिना यह संक्रमण महीनों या वर्षों तक रहने के साथ गंभीर रूप ले सकता है (21)।

References

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    https://www.cdc.gov/fungal/diseases/candidiasis/thrush/index.html
  2. Thrush – children and adults
    https://medlineplus.gov/ency/article/000626.htm
  3. Antifungal Activity of Apple Cider Vinegar on Candida Species Involved in Denture Stomatitis
    https://onlinelibrary.wiley.com/doi/full/10.1111/jopr.12207
  4. Oil pulling for maintaining oral hygiene – A review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5198813/
  5. In vitro antimicrobial properties of coconut oil on Candida species in Ibadan Nigeria
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17651080/
  6. Antimicrobial activity of local imported yoghurts against candida albicans
    https://www.researchgate.net/publication/323703901_Antimicrobial_activity_of_local_imported_yoghurts_against_candida_albicans
  7. Antifungal activity of sodium bicarbonate against fungal agents causing superficial infections
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22991095/
  8. The Use of Essential Oils and Their Isolated Compounds for the Treatment of Oral Candidiasis: A Literature Review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7810551/
  9. Antifungal Activity of Ajoene Derived from Garlic
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC203719/pdf/aem00120-0155.pdf
  10. Sodium Chloride Inhibits the Growth and Infective Capacity of the Amphibian Chytrid Fungus and Increases Host Survival Rates
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3349647/#:~:text=Sodium%20chloride%20(NaCl)%20salt%20is
  11. Antifungal Properties of Cranberry Juice
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC547696/
  12. Treatment of oral thrush in HIV/AIDS patients with lemon juice and lemon grass (Cymbopogon citratus) and gentian violet
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19109001/
  13. Synergic effect of grape seed extract with amphotericin B against disseminated candidiasis due to Candida albicans
    https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0944711307001985
  14. Non-IgE-mediated food allergy? A case report
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4412657/
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    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4998156/
  16. Oranges raw all commercial varieties
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/169097/nutrients
  17. Ascorbic acid inhibition of Candida albicans Hsp90-mediated morphogenesis occurs via the transcriptional regulator Upc2
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  18. Aloe vera extract reduces both growth and germ tube formation by Candida albicans
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21914003/
  19. Multiple effects of green tea catechin on the antifungal activity of antimycotics against Candida albicans
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/14688042/
  20. Clotrimazole Lozenge
    https://medlineplus.gov/druginfo/meds/a618058.html
  21. Oral thrush: Overview
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK367586/
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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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