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शाकाहारी के साथ-साथ कुछ सी-फूड भी सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। इन सी-फूड में मछलियां व क्रैब आदि शामिल हैं। इनमें एक नाम ऑयस्टर का भी शामिल है, जिसे आम भाषा में सीप कहा जाता है। ऑयस्टर का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं में किया जा सकता है। वहीं, ठीक तरह से न पकाने या कुछ अन्य वजहों के चलते ऑयस्टर के नुकसान भी हो सकते हैं। स्टाइलक्रेज के लेख में हम ऑयस्टर के फायदे, उपयोग और नुकसान के साथ-साथ इससे जुड़ी कुछ अन्य जरूरी जानकारियां आपके साथ शेयर करेंगे।
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आइए, सबसे पहले बताते हैं कि ऑयस्टर क्या होता है।
ऑयस्टर क्या है – What is Oyster in Hindi
ऑयस्टर, जिसे हिंदी में कस्तूरी या सीप भी कहा जाता है, एक तरह के समुद्री जीव होते हैं, जो ऑस्ट्रिडाय (ostreidae) परिवार से आते हैं। ये दुनियाभर में लोगों के पसंदीदा समुद्री खाद्य पदार्थों की सूची में शामिल हैं। भारत में खासकर दक्षिण भारत जैसे – केरल, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश व गोवा के तट पर ऑयस्टर की छह प्रकार की प्रजाती पाई जाती हैं (1)। ऑयस्टर के फायदे के मद्देनजर ही मत्स्य पालन में इस पर खास ध्यान दिया जाता है। भारत के अलावा कई देशों में भी ऑयस्टर की कृषि की जाती है।
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लेख के इस भाग में ऑयस्टर के फायदे से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
ऑयस्टर के फायदे – Benefits of Oyster in Hindi
यहां हम ऑयस्टर के फायदे के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
1. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए
ऑयस्टर का उपयोग हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में किया जा सकता है। दरअसल, ऑयस्टर में ओमेगा-3 ऑयल की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि ओमेगा-3 फैटी ऑयल एसिड दिल की धड़कनों को सामान्य रखकर दिल के दौरे का खतरा कम करने में मदद कर सकता है (2)।
इसके अलावा, यह ब्लड वेसल्स को स्वस्थ बनाए रखने, धमनियों को सिकुड़ने से रोकने और खून को जमने से रोकने में मदद कर सकता है (2)। वहीं, अगर किसी को हृदय संबंधी कोई समस्या है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
2. मधुमेह में राहत
मधुमेह की समस्या से बचने और शरीर में शुगर का स्तर कम करने में ऑयस्टर का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, ऑयस्टर में जिंक की भरपूर मात्रा पाई जाती है (3)। इसमें मौजूद जिंक शरीर में इंसुलिन की कार्यप्रणाली को बेहतर करता है, जिससे शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। ऑयस्टर एक प्रकार की शेलफिश होती है और शेलफिश के फायदों की वजह से उसे आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है (3)। वहीं, अगर किसी को डायबिटीज है, तो उसे समय पर दवा लेनी चाहिए। साथ ही ऑयस्टर का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
3. विटामिन बी-12 का स्रोत
ऑयस्टर को विटामिन बी-12 का स्रोत माना गया है, जिस वजह से ऑयस्टर का उपयोग करने से विटामिन बी-12 के फायदे मिल सकते हैं (3)। विटामिन बी-12 हमारे मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए जरूरी होता है। इसके अलावा, यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ को बनाए रखने में मदद करता है (5)।
4. कोलेस्ट्रॉल कम करे
ऑयस्टर के फायदे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी मिल सकते हैं। इसी संबंध में सीबोल्ड यूनिवर्सिटी, नागासाकी ने लैब में चूहों पर परीक्षण किया था। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार, ऑयस्टर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं, जिस वजह से इसका सेवन करने वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम पाया गया है (66)।
इसके अलावा, इसमें हाइपोलिपिडेमिक गुण होते हैं, जो लिवर में लिपिड का स्तर कम करने में मदद कर सकते हैं। इस शोध में यह भी पाया गया है कि ऑयस्टर में अधिक हाइपोलिपिडेमिक गुण पाए जाते हैं और इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (6)।
5. मानसिक स्वास्थ के लिए लाभदायक
मानसिक स्वास्थ के लिए ऑयस्टर के फायदे देखे जा सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों के अलावा, कुछ ऐसे आहार भी हैं, जिन्हें एंटीडिप्रेसेंट आहार की श्रेणी में डाला गया है। ऑयस्टर भी ऐसा ही खाद्य पदार्थ है। ऑयस्टर के फायदे में एंटीडिप्रेसेंट प्रभाव शामिल है (7)। इसमें विटामिन-बी12, विटामिन-बी6, विटामिन-ए, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सिलेनियम, थायमिन, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे गुण शामिल हैं (3)। ये अवसाद के लक्षणों को कम करने और उससे उबरने में मदद कर सकते हैं ।
6. ओमेगा-3 फैटी एसिड का स्रोत
ऑयस्टर को ओमेगा-3 फैटी एसिड का समृद्ध स्रोत माना जाता है। अलग-अलग प्रकार के ऑयस्टर में इसकी अलग-अलग मात्रा पाई जाती है (8)। ऐसे में, ऑयस्टर का उपयोग करने से ओमेगा-3 फैटी एसिड के फायदे मिल सकते हैं। ये फायदे कई समस्याओं से आराम पाने में मिल सकते हैं, जैसे हृदयरोग के खतरे से बचाना, शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास में मदद, मस्तिष्क से जुड़े विकार जैसे अल्जाइमर रोग व डिमेंशिया के लक्षणों से राहत, गठिया, आंत से जुड़ी समस्या यानी इर्रिटेबल बाउल डिजीज और बच्चों में एक्जिमा, कंजक्टिवाइटिस यानी आंखों का एक संक्रमण और अस्थमा जैसे संक्रमण से राहत आदि (9)।
7. प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार
प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए भी ऑयस्टर के फायदे हो सकते हैं। एनसीबीआई की मानें तो ऑयस्टर इम्युनोमोड्यूलेशन यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता सकता है (10)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि ऑयस्टर इम्यूनिटी को बढ़ाने में लाभकारी हो सकता है।
8. वजन कम करने में सहायक
वजन घटाने में कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ लाभकारी हो सकते हैं। इस लिस्ट में ऑयस्टर को भी शामिल किया गया है। पोषक तत्वों से भरपूर ऑयस्टर प्रोटीन से भरपूर होता है। साथ ही इसमें लो कैलोरी होती हैं, जिस वजह से इसे रात के भोजन के लिए अच्छा विकल्प माना जा सकता है। ऐसे में वजन कम करने में ऑयस्टर का सेवन असरदार हो सकता है (11)।
9. एनीमिया में लाभकारी
आयरन की कमी एनीमिया की समस्या का सबसे आम कारण है। शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में पीड़ित को थकान और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है (12)। अध्ययन की मानें तो एनीमिया से राहत पाने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन अनिवार्य माना गया है, जिसमें ऑयस्टर भी शामिल है (13)।
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ऑयस्टर के फायदे के बाद ऑयस्टर के पौष्टिक तत्वों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
ऑयस्टर के पौष्टिक तत्व – Oysters Nutritional Value in Hindi
ऑयस्टर में मौजूद पोषक तत्वों और उनकी मात्रा के बारे में नीचे दी गई टेबल की मदद से जान सकते हैं (3):
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
पानी | 89.04 ग्राम |
ऊर्जा | 51 कैलोरी |
प्रोटीन | 5.71 ग्राम |
फैट | 1.71 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 2.72 ग्राम |
शुगर | 0.62 ग्राम |
कैल्शियम | 59 मिलीग्राम |
आयरन | 4.61 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 18 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 97 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 156 मिलीग्राम |
सोडियम | 85 मिलीग्राम |
जिंक | 39.3 मिलीग्राम |
कॉपर | 2.858 मिलीग्राम |
सिलेनियम | 19.7 माइक्रोग्राम |
थियामिन | 0.018 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.09 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.925 मिलीग्राम |
विटामिन-बी 6 | 0.031 मिलीग्राम |
फोलेट | 7 माइक्रोग्राम |
कोलीन | 65 मिलीग्राम |
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड | 0.474 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.253 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.528 ग्राम |
कोलेस्ट्रॉल | 40 मिलीग्राम |
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ऑयस्टर के पौष्टिक तत्व के बाद ऑयस्टर का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
ऑयस्टर कैसे खाएं – How to Eat Oyster in Hindi
ऑयस्टर का उपयोग नीचे बताए गए तरीके से किया जा सकता है :
- ऑयस्टर मीट को पका कर पास्ता आदि में डालकर खा सकते हैं।
- इसे शेल सहित हर्ब वाले पानी में उबाल कर ऐसे ही खाया जा सकता है।
- ऑयस्टर का उपयोग सी-फूड सूप की तरह किया जा सकता है।
- ऑयस्टर मीट को नारियल या जैतून के तेल और मसालों में पका कर खाया जा सकता है।
- ऑयस्टर पर बटर, नींबू और बारीक कटे हर्ब को लगाकर, स्टीम किया जा सकता है।
- उन्हें रोस्ट कर के भी खाया जा सकता है।
ऑयस्टर के नुकसान से बचने के लिए उसे पकाते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे (14) :
- ऐसे ऑयस्टर का सेवन न करें, जिसका शेल पहले से ही खुला हो।
- इसे पकाते समय उनका शेल खुल जाता है। इसलिए, ऐसे ऑयस्टर का सेवन न करें, जिसका शेल पकाते समय न खुले।
- गैस पर उबलने के लिए पानी रखें और जब पानी उबल जाए, तब उसमें ऑयस्टर डालें।
- एक पैन में ज्यादा मात्रा में ऑयस्टर को उबलने के लिए रख देने से उसके कच्चे रह जाने की आशंका रहती है। इसलिए, एक बार में पैन में थोड़े से ही ऑयस्टर डालें।
- ऑयस्टर के शेल खुल जाने के बाद भी उसे तीन से पांच मिनट के लिए और उबालें।
कब खाना चाहिए : लोगों का मानना है कि ऑयस्टर की तासीर गरम होती है, इसलिए इसका सेवन ठंड के दौरान करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इस पर कोई शोध या पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं है।
अंत में जानें
ऑयस्टर इन हिंदी में जानें अब बात करेंगे ऑयस्टर के नुकसान के बारे में ।
ऑयस्टर के नुकसान – Side Effects of Oyster in Hindi
कुछ मामलों में ऑयस्टर के नुकसान देखे गए हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
- ऑयस्टर एक प्रकार के शेलफिश होते हैं और इनमें विब्रियो वल्निकस (V. vulnificus) और विब्रियो पैराहामोलिटिकस (V. parahaemolyticus) जैसेबैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो शरीर में संक्रमण फैलाने का काम कर सकते हैं। इनसे मलती और उल्टी जैसी समस्या हो सकती है (10)।
- विब्रियो पैराहामोलिटिकस से होने वाले संक्रमण के लक्षणों में डायरिया (कभी-कभी खूनी), पेट दर्द, ठंड लगना और बुखार जैसी समस्याएं शामिल हैं (14)।
- कुछ ऑयस्टर में नॉरवॉक-लाइक नामक वायरस पाए गए हैं, जो शरीर में संक्रमण का कारण बन सकते हैं (15)। ये आंत के संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिनकी वजह से मलती, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं (16)।
- गर्भवती महिलाओं को कच्चा ऑयस्टर का सेवन न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है (17)।
नोट : ध्यान रहे हमेशा ऑयस्टर को अच्छे से पूरी तरह पकाकर ही सेवन करें।
अगर आप समुद्री खाना खाते हैं, तो यह तो मानते ही होंगे कि ऑयस्टर स्वादिष्ट आहार होता है। वहीं, इस लेख को पढ़ कर अच्छी तरह समझ गए होंगे कि ऑयस्टर के फायदे कितने सारे हैं और यह कितनी प्रकार की बीमारियों से बचाने में लाभकारी साबित हो सकता है। वहीं, ऑयस्टर के नुकसान से बचने के लिए इसे अच्छी तरह से पकाकर ही खाना चाहिए। साथ ही अगर कोई बीमार है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या ऑयस्टर पेट को साफ करने में सहायक हो सकता है ?
हां, पेट को साफ करने के लिए ऑयस्टर लाभकारी हो सकता है। एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि ऑयस्टर पाचन और प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकता है (18)।
ऑयस्टर को सुपरफूड क्यों कहते हैं ?
ऑयस्टर में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन-बी 6 आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिस वजह से इसकी गिनती सुपरफूड में की जाती है (3)।
क्या ऑयस्टर लिवर के लिए अच्छा है?
नहीं, कच्चा ऑयस्टर के सेवन करने से लिवर की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए, लिवर संबंधित परेशानी से ग्रसित लोगों को ऑयस्टर के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है (19)।
एक दिन में कितनी मात्रा में ऑयस्टर का सेवन करना चाहिए?
ऑयस्टर एक सीफूड है (1)। वहीं, सी फूड का सेवन व्यक्ति की उम्र व स्वास्थ्य स्थिती पर निर्भर होता है। 1 से 3 साल की उम्र में 1 औंस यानी 30 ग्राम, 4 से 7 साल की उम्र में 2 औंस लगभग 60 ग्राम, 8 से 10 साल की उम्र में 90 ग्राम, 11 साल की उम्र में 120 ग्राम और इससे अधिक उम्र वालों को एक दिन में करीबन 240 ग्राम सी फूड का सेवन करने की सलाह दी जाती है (20)।
References
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- Seed production of back water oyster- Crassostrea madrasensis (Preston)
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https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/168580/nutrients - Safe eating during cancer treatment
https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000061.htm - Vitamin B12
https://medlineplus.gov/ency/article/002403.htm - Effects of feeding oyster Crassostrea gigas on serum and liver lipid levels in rats
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https://medlineplus.gov/ency/article/000584.htm#:~:text=Iron%20deficiency%20anemia%20occurs%20whenmost%20common%20form%20of%20anemia. - Your Guide to Anemia
https://www.nhlbi.nih.gov/files/docs/public/blood/anemia-yg.pdf - Oregon Health Authority Warns of the Risks of Eating Contaminated Raw Oysters
https://www.oregon.gov/oha/PH/DiseasesConditions/DiseasesAZ/Documents/factsheet-vibrio-raw-oysters.pdf - Virus-Contaminated Oysters: a Three-Month Monitoring of Oysters Imported to Switzerland
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC154765/ - Norovirus Infection (Norwalk virus Norwalk-like virus)
https://www.health.ny.gov/diseases/communicable/norwalk/fact_sheet.htm - Food safety during pregnancy
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2920771/ - Oyster (Crassostrea gasar) gastrointestinal tract microbiota and immunological responses after antibiotic administration
https://scielo.conicyt.cl/scielo.php?pid=S0718-560X2019000100078&script=sci_arttext_plus&tlng=en - Chronic liver disease and consumption of raw oysters: a potentially lethal combination–a review of Vibrio vulnificus septicemia
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15842598/ - Advice about Eating Fish
https://www.fda.gov/food/consumers/advice-about-eating-fish
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