Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

पीरियड्स यानी मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। वहीं पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या भी आम मानी जाती है। ऐसे में कई बार महिलाएं इसके लिए दर्द निवारक दवाइयों का उपयोग करती है, जो सेहत पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पीरियड में पेट दर्द का घरेलू इलाज लेकर आए है जो असरदार होने के साथ सुरक्षित भी हैं। इसके अलावा हम बताएंगे माहवारी के समय पेट में दर्द के कारण, लक्षण के साथ डॉक्टरी सलाह के बारे में।

पढ़ना शुरू करें

लेख में सबसे पहले जानेंगे पीरियड्स के दौरान दर्द क्या है।

पीरियड्स के दौरान दर्द क्या है? What is Period Pain in Hindi

पीरियड के समय होने वाले दर्द के कारण जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि पीरियड्स के दौरान दर्द क्या है। दरअसल, मेडिकल भाषा में पीरियड के समय दर्द की समस्या को डिसमेनोरिया कहा जाता है (1)। यह मुख्य तौर पर दो प्रकार का होता है। जिसमें पहला है प्राइमरी डिसमेनोरिया और दूसरा है सेकेंडरी डिसमेनोरिया।

इन दोनों ही प्रकार में होने वाले दर्द के कारण भिन्न हो सकते हैं। पीरियड के समय कुछ महिलाओं को कमर में दर्द, पेट दर्द या फिर ऐंठन महसूस होने लगती है (2)। इस समस्या के पीछे कुछ निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जिसकी चर्चा हमने लेख के अगले भाग में विस्तार से की है।

आगे पढ़ें

माहवारी के समय पेट में दर्द क्या है जानने के बाद पीरियड में दर्द क्यों होता है।

पीरियड्स के दर्द का कारण – Cause of Period Pain in Hindi

जैसा कि हमने लेख में बताया कि मासिक धर्म के समय दर्द को दो भागों में बांटा गया है, प्राइमरी और सेकेंडरी डिसमेनोरिया। यहां हम इसी आधार पर पीरियड के समय दर्द के कारण की चर्चा कर रहे हैं (2):

  • प्राइमरी डिसमेनोरिया – इसके दर्द का कारण आमतौर पर शरीर में प्रोस्टाग्लैंडीन की अधिकता को माना जाता है। प्रोस्टाग्लैंडीन गर्भाशय द्वारा निर्मित रासायनिक कंपाउंड होता है, जो हार्मोन की तरह काम करता है। ये गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन को बढ़ाता है जो कि ऐंठन का कारण बन सकता है।

हालांकि ये दर्द पीरियड से एक या दो दिन पहले शुरू होकर कुछ दिनों तक रहता है। वहीं कुछ महिलाओं में यह अधिक समय तक भी रह सकता है। आमतौर पर पीरियड्स के शुरुआती दौर में इस तरह का दर्द होता है। इसके बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है दर्द कम होते जाता है। वहीं बच्चे को जन्म देने के बाद कई बार ये दर्द ठीक भी हो सकता है।

  • सेकेंडरी डिसमेनोरिया – इस तरह के दर्द का कारण गर्भाशय या अन्य प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं को माना जा सकता है। उदाहरण के लिए, एंडोमेट्रियोसिस, जिसमें एंडोमेट्रियल ऊतक गर्भाशय के बाहर फैलने लगते हैं और गर्भाशय फाइब्रॉएड यानी गर्भाशय का बिना कैंसर वाला ट्यूमर। इस तरह का दर्द अक्सर समय के साथ कम हो जाता है।

वहीं, इसके अलावा भी कुछ अन्य कारण होते हैं, जो मासिक धर्म के समय महिलाओं को होने वाले कमर दर्द, पेट दर्द या अकड़न की समस्या को अधिक पीड़ादायक बना सकते हैं। यहां हम उन्हीं सामान्य कारणों के बारे में बता रहे हैं:

  1. शरीर में पोषक तत्वों की कमी से पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या हो सकती है। गलत जीवनशैली व खानपान इसका अहम कारण है।
  2. किसी तरह के संक्रमण के कारण भी मासिक धर्म के समय दर्द की समस्या हो सकती है।
  3. मासिक धर्म के दौरान जरूरत से ज्यादा रक्त का बहाव या फिर ठीक तरह से रक्त का बहाव न होने से भी दर्द की परेशानी हो सकती है।
  4. कई महिलाओं को पहली गर्भावस्था के बाद भी पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या होती है।
  5. पीरियड्स के दौरान हार्मोन में होने वाले बदलाव भी दर्द का कारण बन सकते हैं।
  6. कभी-कभी पीरियड्स के दौरान खाली पेट रहने से भी पेट में दर्द या ऐंठन की समस्या हो सकती है।
  7. पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को गैस की परेशानी भी होती है और वो भी पीरियड्स के दौरान दर्द की एक वजह हो सकती है।
  8. कई बार कम उम्र या ज्यादा उम्र भी मासिक धर्म के समय दर्द का कारण हो सकता है।
  9. कई लोगों का मानना होता है कि मासिक धर्म में ज्यादा शारीरिक कार्य नहीं करना चाहिए, लेकिन कोई व्यायाम या शारीरिक कार्य न करने से भी पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या हो सकती है। इसके लिए चाहें तो अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से राय लेकर शारीरिक कार्य या व्यायाम कर सकती हैं। राय इसलिए जरूरी है, क्योंकि सभी के मासिक धर्म और उससे होने वाला दर्द एक जैसा नहीं होता है।
  10. शरीर में खून की कमी के कारण भी मासिक धर्म के समय दर्द की परेशानी होती है।

स्क्रॉल करें

पीरियड्स में पेट दर्द क्यों होता है जानने के बाद अब बारी है लक्षण की।

पीरियड्स के दर्द का लक्षण – Symptoms of Period Pain in Hindi

पीरियड के समय कमर में दर्द, पेट दर्द व ऐंठन के अलावा भी कुछ लक्षण होते हैं जो इस समय अनुभव होते हैं। जिसके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1) (3):

  1. जी मिचलाना
  2. उल्टी होना
  3. सिरदर्द की समस्या
  4. मतली की समस्या
  5. दस्त की शिकायत
  6. पीठ दर्द होना
  7. पैरों में दर्द होना
  8. शरीर ऊर्जा की कमी होना
  9. बेहोश होना
  10. थकान महसूस होना

अभी और है

माहवारी के समय पेट में दर्द के लक्षण जानने के बाद मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के बारे में जानते हैं।

मासिक धर्म के समय दर्द के घरेलू उपाय – Home Remedies for Period Pain in Hindi

अब बारी है पीरियड में पेट दर्द का इलाज जानने का। नीचे हम कुछ खास घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है:

1. हीटिंग पैड यानी गर्म पानी का सेंक

सामग्री :

  • हीटिंग पैड या गर्म पानी से भरा हुआ हॉट वाटर बैग

उपयोग का तरीका :

  • एक हीटिंग पैड या गर्म पानी से भरा हुआ हॉट वाटर बैग लें।
  • अब इसको पेट के निचले हिस्से पर या फिर कमर पर 10-10 मिनट के लिए रखकर सेक लें।
  • इसके अलावा, अगर चाहे तो गर्म पानी में एक साफ कपड़ा भिगोकर।
  • फिर उसे अच्छे से निचोड़कर, उसे भी पेट व कमर पर रख सकते हैं।
  • इस प्रक्रिया को एक दिन में कई बार दोहराया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

पीरियड्स पेन रिलीफ टिप्स में सबसे पहले बात करेंगे हीटिंग पैड की, जो कि मासिक धर्म में होने वाले दर्द में राहत पहुंचा सकता है। शोध में पाया गया कि पीरियड के समय दर्द, ऐंठन को कम करने के लिए हीटिंग पैड का असर दर्द निवारक दवाइयों की तरह ही हो सकता है (4)। ऐसे में माना जा सकता है घरेलू उपचार के तौर पर
हीटिंग पैड का इस्तेमाल दर्द से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है।

2. हर्बल चाय (कैमोमाइल चाय, ग्रीन टी)

कैमोमाइल चाय

सामग्री :

  • एक कैमोमाइल टी बैग
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद

उपयोग का तरीका :

  • सबसे पहले एक पैन में पानी को गर्म कर लें।
  • फिर गर्म पानी को कप में निकाल कर उसमें कैमोमाइल टी बैग डालें।
  • अब थोड़ी देर इसे ठंडा होने दें फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाएं।
  • इसके बाद गर्म चाय की तरह इसका सेवन कर सकते हैं।
  • इस चाय को हर रोज दो बार पी सकते हैं या फिर पीरियड्स शुरू होने से एक हफ्ते पहले से भी इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

पीरियड में पेट दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए कैमोमाइल चाय का उपयोग भी किया जा सकता है। कैमोमाइल पर हुए शोध से पता चलता है कि इसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे सूजन, मांसपेशियों में ऐंठन, मासिक धर्म संबंधी समस्या आदि के लिए किया जा सकता है (5)। इसके अलावा कैमोमाइल को एक प्राकृतिक एंटीस्पास्मोडिक के रूप में भी जाना जाता है, जो गर्भाशय की मांसपेशियों को आराम देने में मदद भी कर सकता है (6)।

ग्रीन टी

सामग्री :

  • एक चम्मच ग्रीन टी के पत्ते या एक ग्रीन टी बैग
  • एक कप पानी
  • शहद

उपयोग का तरीका :

  • ग्रीन टी के पत्तों को पानी में डालें और फिर पानी को उबालें।
  • कुछ मिनट के लिए इसे उबलने दें और फिर पानी को छान लें।
  • अगर चाहे तो गर्म पानी में ग्रीन टी बैग को डालकर भी इसे उपयोग कर सकते हैं।
  • अब इसे थोड़ी देर के लिए ठंडा होने दें और फिर स्वादानुसार शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
  • एक दिन में दो से तीन बार इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

ग्रीन टी में एनाल्जेसिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसका उपयोग सूजन व दर्द से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए प्राकृतिक उपचार के तौर पर किया जा सकता है (7)। बता दें कि, कई बार पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयों के सेवन की भी सलाह दी जाती है ( 8)। इस आधार पर मान सकते हैं कि पीरियड में होने वाली ऐंठन और दर्द को कम करने के लिए ग्रीन टी का सेवन करना लाभकारी हो कर सकता है

नोट : हालांकि एक दिन में इसकी कितनी मात्रा का सेवन करना है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।

3. अदरक

सामग्री :

  • एक छोटा अदरक का टुकड़ा
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद

उपयोग का तरीका :

  • अदरक के टुकड़े को 10 मिनट के लिए गर्म पानी में डाल दें।
  • फिर इसे थोड़े देर के लिए ठंडा होने दें।
  • अब इसमें शहद मिला लें और चाय की तरह इसका सेवन करें।
  • पीरियड के समय दर्द ज्यादा है तो इसका सेवन एक दिन में दो से तीन बार किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत पाने के लिए अदरक एक अच्छा और असरदार उपाय साबित हो सकता है (9)। इसके पीछे अदरक में मौजूद एनाल्जेसिक प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (10)। यही वजह है कि मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय में अदरक का उपयोग करना लाभकारी साबित हो सकता है।

4. तुलसी

सामग्री :

  • 10 से 12 या जरूरत के अनुसार तुलसी के पत्ते
  • शहद
  • एक ग्लास पानी

उपयोग का तरीका :

  • एक ग्लास पानी में तुलसी के पत्तों को डालकर उबाल लें।
  • जब पानी अच्छी तरह से उबाल जाए, तो इसमें शहद डालकर सेवन करें।
  • पीरियड्स के दौरान दो से तीन बार तुलसी के पत्तों से बनी चाय पी सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

पीरियड में पेट दर्द के घरेलू उपाय के तौर पर तुलसी का उपयोग भी किया जा सकता है। तुलसी पर हुए एक शोध से जानकारी मिलती है कि तुलसी में कई औषधीय गुण से समृद्ध होती है, जिनमें से एक एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुण भी है (11)। इस आधार पर माना जा सकता है कि यह पीरियड के समय दर्द से राहत पाने में लाभकारी हो सकता है।

5. मेथी

सामग्री :

  • दो चम्मच मेथी दाने
  • एक गिलास पानी

उपयोग का तरीका :

  • रात को एक गिलास पानी में दो चम्मच मेथी दाने भिगोकर रख दें।
  • फिर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
  • पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले से इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

पीरियड के टाइम पेट दर्द का इलाज मेथी के जरिए भी किया जा सकता है। मेथी अपने एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुणों के लिए काफी लोकप्रिय माना जाता है, जो पीरियड क्रैम्प को कम करने में मददगार हो सकता है। यही नहीं इसके अलावा मेथी के बीज पीरियड के दौरान होने वाले लक्षणों जैसे थकान, सिरदर्द, मतली, उल्टी, ऊर्जा की कमी, बेहोशी में भी राहत पहुंचा सकता है। ऐसे में चाहे तो इस दौरान मेथी पाउडर का भी सेवन किया जा सकता है (12)।

6. सेंधा नमक

सामग्री :

  • एक से दो कप सेंधा नमक
  • नहाने का पानी

उपयोग का तरीका :

  • बाथटब को गुनगुने पानी से भरकर उसमें एक से दो कप सेंधा नमक डालें।
  • अब इस पानी में 15 से 20 मिनट के लिए खुद को भिगोकर रखें।
  • अगर बाथटब नहीं है, तो एक बाल्टी गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर उससे नहा सकते हैं।
  • पीरियड्स शुरू होने के दो से तीन दिन पहले इस पानी से नहा सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

सेंधा नमक को मैग्नीशियम सल्फेट के रूप में भी जाना जाता है (13)। जब सेंधा नमक त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो जाता है, तो यह पीरियड में होने वाले ऐंठन और दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें एनाल्जेसिक यानी दर्दनाशक गुण मौजूद होते हैं (14)। ऐसे में पीरियड में पेट दर्द के उपाय के रूप में सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है।

7. पपीता

सामग्री :

  • एक प्लेट कटा हुआ पपीता

उपयोग का तरीका :

  • पके हुए पपीते का सेवन कर सकते हैं।
  • इसके अलावा, कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
  • हर रोज या हर दूसरे दिन पपीते का सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

कई बार पीरियड्स के दौरान ठीक तरीके से ब्लड फ्लो न होने के कारण भी पेट में दर्द या ऐंठन होने लगती है। ऐसे में पपीते के सेवन से ब्लड फ्लो में सुधार आ सकता है और दर्द से राहत भी मिल सकता है। इसके अलावा, पपीते में मौजूद विटामिन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट गुण और अन्य पौष्टिक तत्व पीरियड्स के दर्द से राहत दिला सकते हैं (15)। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण भी मासिक धर्म के समय दर्द की समस्या हो सकती है (16)।

8. नींबू का जूस

सामग्री :

  • आधा नींबू
  • एक गिलास पानी
  • शहद

उपयोग का तरीका :

  • एक गिलास गुनगुने पानी में आधे नींबू का रस मिला लें।
  • फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाएं और इसका सेवन कर सकते है।
  • हर रोज सुबह खाली पेट नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

शोध की मानें तो पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ आहार का सुझाव दिया गया है जिसमें नींबू को शामिल किया गया है (16)। वहीं नींबू में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं (17)। कई बार पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयों के सेवन की सलाह भी डॉक्टर देते हैं ( 8)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि पीरियड में पेट दर्द के घरेलू उपाय में नींबू का जूस का सेवन किया जा सकता है।

9. एलोवेरा जूस

सामग्री :

  • एक चौथाई कप एलोवेरा का रस
  • एक गिलास पानी

उपयोग का तरीका :

  • पानी में एलोवेरा का जूस मिलाएं और उसका सेवन करें।
  • अगर चाहे तो ऐसे ही एलोवेरा के जूस का सेवन कर सकते हैं।
  • पीरियड्स शुरू होने के पहले रोज एक बार एलोवेरा जूस का सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद :

पीरियड के समय दर्द में एलोवेरा का जूस भी लाभकारी हो सकता है। एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है (18)। वहीं, पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए कई बार एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयों के इस्तेमाल की भी सलाह दी जाती है ( 8)। इस आधार पर हम मान सकते हैं कि एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर एलोवेरा मासिक धर्म के समय दर्द में आराम दिला सकता है।

10. पैरों की मालिश

पीरियड्स के दौरान दर्द के लिए कई बार मालिश भी फायदेमंद होती है। पैर में एक्यूप्रेशर पॉइंट होता है, जो पीरियड क्रैम्प से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह प्वाइंट टखने की हड्डी के ऊपर तीन उंगली की चौड़ाई पर स्थित होता है। अगर धीरे से अंगूठे और उंगलियों के साथ इस पॉइंट पर मालिश किया जाए तो पीरियड की ऐंठन और उनके लक्षणों जैसे सूजन, अनिद्रा व चक्कर आना जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। पैरों की इस मालिश को रिफ्लेक्सोलॉजी (Reflexology) कहा जाता है (19)।

11. दालचीनी

सामग्री :

  • आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
  • एक गिलास पानी
  • शहद स्वादानुसार

उपयोग का तरीका :

  • एक गिलास पानी में दालचीनी पाउडर डालकर पानी को उबाल लें।
  • अगर पानी कम लगे, तो आवश्यकतानुसार और पानी भी डाल भी सकते हैं।
  • फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर इस पानी का सेवन करें।

नोट: अगर चाहें तो दालचीनी पाउडर की जगह साबुत दालचीनी का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर पीरियड्स अनियमित हैं, तो गर्म दूध में भी दालचीनी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए दालचीनी बेहतर घरेलू नुस्खों में से एक हो सकता है। शोध की मानें तो दालचीनी के तेल में एंटी इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं जो कि पीरियड के समय होने वाले दर्द को कम करने के उपचार के अलावा रक्तस्राव को कम करने में सहायक हो सकते हैं (20 )। हालांकि अगर दालचीनी का पानी नहीं पसंद, तो इसे सब्जी बनाते समय उपयोग कर सकते हैं।

12. एसेंशियल ऑयल

लैवेंडर ऑयल

सामग्री :

  • 3-4 बूंद लैवेंडर का तेल
  • 1-2 चम्मच नारियल या जोजोबा तेल

उपयोग का तरीका :

  • लैवेंडर के तेल को नारियल या जोजोबा तेल के साथ मिलाएं।
  • इस मिश्रण को पेट के निचले हिस्से और पीठ पर लगाएं।
  • इसके अलावा चाहे तो एक वेपोराइजर में लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें भी डालकर वैपर ले सकते हैं।
  • इसे दिन में एक से दो बार उपयोग किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

लैवेंडर तेल में एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुण मौजूद होता है, जिसके कारण यह मासिक धर्म की ऐंठन के इलाज में काफी प्रभावी हो सकता है (21)। शोध की मानें तो पीरियड में दर्द को कम करने के लिए लैवेंडर तेल का उपयोग अरोमाथेरेपी के तौर पर प्रभावकारी हो सकता है (22 )।

पुदीने का तेल

सामग्री :

  • 3-4 बूंद पेपरमिंट ऑयल
  • 2 चम्मच नारियल या जोजोबा तेल

उपयोग का तरीका :

  • नारियल या जोजोबा ऑयल के साथ पेपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं।
  • इस मिश्रण को पेट के निचले हिस्से व पीठ पर हल्के हाथों से मालिश करें।
  • इसे दिन में एक बार उपयोग कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

शोध की मानें तो पेपरमिंट ऑयल में मेन्थॉल होता है। पीरियड में होने वाले दर्द से राहत के लिए पेपरमिंट ऑयल का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी या फिर मसाज के लिए किया जा सकता है (23 )। ऐसे में माना जा सकता है कि मासिक धर्म के समय दर्द से राहत पाने में पेपरमिंट ऑयल के फायदे देखे जा सकते हैं।

13. विटामिन डी

सामग्री:

  • विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ

उपयोग का तरीका:

  • विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ को आहार में शामिल करें।
  • चाहें तो विटामिन डी सप्लीमेंट का भी सेवन डॉक्टरी सलाह पर कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

विटामिन-डी जरूरी पोषक तत्व है, जो प्रोस्टाग्लैंडीन के उत्पादन को कम कर सकता है। इस हार्मोन का स्तर अधिक होने पर पीरियड्स के दौरान ऐंठन हो सकती है। हालांकि, अभी तक इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन विटामिन-डी की कमी कहीं न कहीं पीरियड्स के दौरान दर्द का कारण हो सकती है। ऐसे में विटामिन-डी के सेवन से मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन में कमी आ सकती है (24)। अगर विटामिन-डी की दवाई नहीं लेना चाहते हैं, तो विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ मछली, पनीर, अंडे की जर्दी व संतरे का रस का सेवन कर सकते हैं ( 25)।

जानें उपाय

अब इस दर्द से बचने के लिए कुछ अन्य टिप्स भी जान लेते हैं।

मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Period Pain in Hindi

पीरियड के समय कमर में दर्द, पेट दर्द, ऐंठन से राहत पाने के लिए पेन किलर की जगह घरेलू उपचार आजमाना ज्यादा उपयुक्त है। वहीं इसके साथ ही अगर पीरियड्स के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाए तो मासिक धर्म के समय दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। तो आइए जानते हैं पीरियड्स में होने वाले दर्द से बचाव के उपाय बारे में:

  • मासिक धर्म, गर्भावस्था, स्तनपान कराने वाली महिलाओं की पोषण संबंधी जरूरतें बदल जाती हैं। इस दौरान पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए (26)। कई बार सही डाइट न लेने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। साथ ही मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव के कारण भी शरीर से पोषक तत्व निकल जाते हैं। कहीं न कहीं यह समस्या पीरियड्स के दौरान दर्द का कारण बन सकती है। इसलिए, आहार में हरी सब्जियों का सेवन जरूर करें।
  • सब्जियों के अलावा फलों का सेवन करें, अगर फल खाना नहीं पसंद, तो जूस पी सकते हैं।
  • पीरियड्स में होने वाले क्रैम्प्स से राहत पाने के लिए नियमित व्यायाम का सहारा ले सकते हैं ( 8)। ध्यान रहे कि ये किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
  • इसके अलावा सुबह शाम कुछ देर टहल भी सकते हैं (27)।
  • मासिक धर्म के वक्त तनाव से भी दर्द या ऐंठन की समस्या हो सकती है। इसलिए, कोशिश करें कि मन में किसी भी प्रकार की चिंता या तनाव न रखें।
  • शराब का सेवन या धूम्रपान न करें।
  • सफाई का पूरा ध्यान रखें और हर कुछ घंटों में पैड बदलते रहें।
  • गर्म पानी का सेवन मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिला सकता है (28)।
  • ज्यादा तली-भुनी, मसालेदार या बाहरी खाद्य पदार्थ जैसे जंक फूड का सेवन न करें।
  • हल्की-फुल्की मसाज लें।
  • जरूरत से ज्यादा चाय-कॉफी का सेवन न करें।

अभी बाकी है जानकारी

अंत में जानें किन परिस्थितियों में लेनी चाहिए डॉक्टर से सलाह।

कब लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह – When to Visit A Doctor

माहवारी के समय पेट में दर्द आम है, लेकिन कभी-कभी इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। अब सवाल यह उठता है कि मासिक धर्म के समय कमर दर्द या ऐंठन होने पर डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए। नीचे हम आपको इसी बारे में विस्तार से बता रहे हैं:

  • अगर घरेलू उपायों के बाद भी दर्द कम न हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • अगर महिला गर्भवती है और उसे रक्तस्राव हो रहा है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलें।
  • अगर पीरियड्स अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा दिनों तक रहे, तो डॉक्टर की सलाह लें।
  • अगर पीरियड्स सही वक्त पर न आ रहे हों या देरी से या एक-दो महीने छोड़कर आ रहे हों।
  • पीरियड्स के दौरान बुखार आ रहा हो तो बिना रुके डॉक्टर से परामर्श लें।

आजकल पीरियड के समय दर्द लगभग हर महिला की परेशानी है, लेकिन ऊपर दिए गए घरेलू उपायों से मासिक धर्म के समय दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकती है। इसके अलावा, मासिक धर्म के समय दर्द के उपाय के साथ-साथ अगर सही खान-पान और सही दिनचर्या का पालन किया जाए, तो ये पांच दिन काफी आरामदायक हो सकते हैं। उम्मीद है यह आर्टिकल उपयोगी साबित होगा, ऐसे ही अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहिए स्टाइलक्रेज से।

Frequently Asked Questions

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

पीरियड क्रैम्प के लिए सबसे अच्छी दवाएं कौन सी हैं?

शोध की मानें तो एंटी-इंफ्लामेटरी दर्द निवारक दवाओं का सेवन गंभीर पीरियड क्रैम्प में किया जा सकता है। हालांकि इन दवाओं के कभी-कभी साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे पेट की समस्या (29)। । ऐसे में बेहतर होगा कि इन दवाइयों का सेवन डॉक्टरी सलाह लेने के बाद की करें।

मुझे बिना पीरियड्स के ऐंठन क्यों होती है?

कई बार बिना पीरियड्स के भी ऐंठन महसूस हो सकती है, लेकिन इसके पीछे कई अन्य चिकित्सकीय कारण हो सकते हैं जैसे आंत्र रोग सूजन, ओवरी में सिस्ट यानी गांठ आदि (30)।

स्कूल में पीरियड के दौरान होने वाले ऐंठन को कैसे कम करें?

स्कूल में पीरियड के दौरान होने वाले क्रैम्प्स यानी ऐंठन को कम करने के लिए निम्नलिखित तरीकों को अपनाया जा सकता है।

  • डार्क चॉकलेट के सेवन करने से पीरियड वाले क्रैम्प्स से राहत मिल सकता है (31)।
  • दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी पी सकते हैं (28)।
  • इसके अलावा, मेडिटेशन, एक्सरसाइज और योग का भी सहारा लिया जा सकता है। (2)।

मैं गर्भवती नहीं हूं और मेरे पीरियड्स भी नहीं हैं फिर भी ऐंठन क्यों होती है?

ऐंठन तब भी हो सकती है जब पीरियड्स न हों या फिर गर्भवती न हों। कई बार आंत्र रोग सूजन, ओवरी में सिस्ट यानी गांठ जैसी चिकित्सीय स्थितियां भी ऐंठन का कारण बन सकती हैं (30)।

क्या पीरियड्स के दौरान दर्द में चॉकलेट राहत पहुंचा सकता है?

हां, पीरियड्स के दौरान दर्द से राहत पाने के लिए चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। एक अध्ययन की मानें तो डार्क चॉकलेट पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (31)।

पीरियड क्रैम्प्स और प्रेगनेंसी क्रैम्प्स में क्या अंतर है?

पीरियड क्रैम्प्स व प्रेगनेंसी क्रैम्प्स दोनों में ऐंठन की समस्या ही होती है। पीरियड क्रैम्प्स एक या दो दिन पहले शुरू हो सकता है। यह आमतौर पर कुछ दिनों तक रहता है, हालांकि कुछ महिलाओं में यह अधिक समय तक चल सकता है (2)। वहीं प्रेगनेंसी में होने वाले क्रैम्प्स दूसरी तिमाही में इसकी शुरुआत हो सकती है (32)। वहीं, डिलीवरी के बाद यह समस्या आमतौर पर खुद खत्म हो सकती है (33)।

पीरियड्स के दर्द के दौरान सोने की सबसे अच्छी पोजीशन कौन सी हैं?

मान्यता है पीरियड्स के दर्द के दौरान फेटल पोजिशन सबसे अच्छी मानी जाती है। हालांकि इस दौरान हर किसी को अपनी आरामदायक अवस्था में सोना चाहिए। वहीं, अगर दर्द ज्यादा हो तो एक बार डॉक्टर से अवश्य सलाह ले लें।

पीरियड्स में होने वाले दर्द में आचार का सेवन लाभकारी हो सकता है ?

मासिक धर्म के समय कमर दर्द, पेट दर्द व ऐंठन से राहत पाने के लिए आचार लाभकारी हो सकता है। माना जाता है कि आचार का सेवन करने से पीरियड का दर्द कम हो सकता है। हालांकि डॉक्टरों की इस पर अलग राय है। आयुर्वेदिक चिकित्सक जिल गांधी की मानें तो आचार में ज्यादा नमक, मसाले और तेल मौजूद होते हैं जो कि पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकते हैं।

पीरियड के समय दर्द से राहत पाने के लिए दही का सेवन कर सकते हैं?

कई बार पीरियड्स में होने वाले दर्द का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी हो सकता है। ऐसे में पीरियड्स से पहले इनका सेवन करना लाभकारी माना जा सकता है। इन पोषक तत्वों में दही भी शामिल है। हालांकि डॉक्टर इस बात से ताल्लुक नहीं रखते। आयुर्वेदिक चिकित्सक जिल गांधी का मानना है कि मासिक धर्म से पहले और बाद में नियमित रूप से दही का सेवन करना ठीक है, मासिक धर्म के दौरान यह उपयुक्त नहीं है।

संदर्भ (sources)

References

Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.

  1. Period pain: Overview
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279324/
  2. Period Pain
    https://medlineplus.gov/periodpain.html
  3. Effects of fenugreek seed on the severity and systemic symptoms of dysmenorrhea
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24695380/
  4. Continuous low-level topical heat in the treatment of dysmenorrhea
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/11239634/
  5. Chamomile: A herbal medicine of the past with bright future
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2995283/
  6. Antidiarrhoeal antisecretory and antispasmodic activities of Matricaria chamomilla are mediated predominantly through K+-channels activation
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4410481/
  7. Evaluation of the anti-inflammatory and analgesic effects of green tea (Camellia sinensis) in mice1
    https://www.scielo.br/j/acb/a/yNtBYvgdWfRxkmXs589yyjL/?lang=en
  8. Menstruation – pain (dysmenorrhoea)
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/menstruation-pain-dysmenorrhoea
  9. Comparison of effects of ginger mefenamic acid and ibuprofen on pain in women with primary dysmenorrhea
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19216660/
  10. Effect of Zingiber officinale R. rhizomes (ginger) on pain relief in primary dysmenorrhea: a placebo randomized trial
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3518208/
  11. Tulsi – Ocimum sanctum: A herb for all reasons
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4296439/
  12. Effects of fenugreek seed on the severity and systemic symptoms of dysmenorrhea
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24695380/
  13. Magnesium sulfate
    https://pubchem.ncbi.nlm.nih.gov/compound/magnesium_sulfate#section=Top
  14. The role of magnesium in pain
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK507245/
  15. Nutritional and Medicinal Values of Papaya (Carica papaya L.) Chapter 11
    https://www.researchgate.net/publication/257416179_Nutritional_and_Medicinal_Values_of_Papaya_Carica_papaya_L_Chapter_11
  16. Major dietary patterns in relation to menstrual pain: a nested case control study
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5963185/
  17. Anti-inflammatory effect of lemon mucilage: in vivo and in vitro studies
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16435583/
  18. ALOE VERA: A SHORT REVIEW
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2763764/
  19. Comparing the effects of reflexology methods and Ibuprofen administration on dysmenorrhea in female students of Isfahan University of Medical Sciences
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3208937/
  20. The Effect of Cinnamon on Menstrual Bleeding and Systemic Symptoms With Primary Dysmenorrhea
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4443385/
  21. The effect of aromatherapy massage with lavender oil on severity of primary dysmenorrhea in Arsanjan students
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4325408/
  22. The Effect of Lavender Aromatherapy on the Pain Severity of Primary Dysmenorrhea: A Triple-blind Randomized Clinical Trial
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5405632/
  23. Aromatherapy for Managing Pain in Primary Dysmenorrhea: A Systematic Review of Randomized Placebo-Controlled Trials
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6262530/
  24. High dose vitamin D supplementation can improve menstrual problems dysmenorrhea and premenstrual syndrome in adolescents
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29447494/
  25. Vitamin D
    https://medlineplus.gov/vitamind.html
  26. Nutrition – women’s extra needs
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/nutrition-womens-extra-needs
  27. A comparison of physical activity and nutrition in young women with and without primary dysmenorrhea
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6117855/
  28. Healthy Menstruation
    https://www.unicef.org/timorleste/media/2376/file/Menstrual%20Hygiene%20Management%20-%20English%20.pdf
  29. Period pains: Can anti-inflammatory drugs help?
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279323/
  30. Irritable bowel syndrome: What helps – and what doesn’t
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279415/
  31. Dark Chocolate’s Effect On Menstrual Pain In Late Adolescents
    https://www.researchgate.net/publication/331212992_DARK_CHOCOLATE%27S_EFFECT_ON_MENSTRUAL_PAIN_IN_LATE_ADOLESCENTS
  32. Interventions for leg cramps in pregnancy
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7045417/
  33. Leg cramps in pregnancy caused by chronic compartment syndrome and relieved by fasciotomy after childbirth
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4184604/
Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown

Community Experiences

Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.

Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations.

Read full bio of Dr. Zeel Gandhi
Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

Read full bio of Saral Jain