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अगर किसी दिन पेट में गैस बन जाए, तो खाना-पीना और काम करना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को तो गैस का दर्द इतना परेशान करता है कि उनके लिए सांस तक लेना कठिन हो जाता है। गैस के चलते पेट में भारीपन व दर्द, आंखों में जलन, उल्टी आने का अहसास होना और सिर में दर्द तक होता है। कहने को तो यह सिर्फ गैस भर होती है, लेकिन इसे अनदेखा करने पर कई गंभीर परिणाम तक भुगतने पड़ सकते हैं। कब्ज, एसिडिटी व अल्सर आदि गैस से होने वाले रोग हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल के जरिए हम पेट में गैस की समस्या को समझने का प्रयास करेंगे। साथ ही गैस का दर्द कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचार व जरूरी टिप्स भी बताएंगे। आर्टिकल में दिए गए पेट गैस के घरेलू उपाय कई शोधों पर आधारित हैं, जो जानवरों और इंसानों पर किए गए हैं।
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आर्टिकल में सबसे पहले हम पेट में गैस होने के विभिन्न कारण के बारे में बता रहे हैं।
पेट में गैस के कारण – Causes of Stomach Gas in Hindi
पेट में गैस के कारणों को लेकर कई प्रकार के शोध किए गए हैं। विभिन्न शोध में पाया गया है कि पेट में गैस के कारण होते हैं। यहां हम कुछ प्रमुख कारणों के बारे में बता रहे हैं (1) (2) (3):
- एस्प्रिन, इबुप्रोफेन और नेपरोक्सन जैसी दवाओं के सेवन से
- अधिक शराब व चाय-कॉफी पीने से
- पेट में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक संक्रमण होने से
- पर्निशस एनीमिया जैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के कारण
- पेट में बाइल एसिड के जमा होने पर
- कोकीन की लत लगने पर
- गैस का कारण बनने वाले भोजन का सेवन करने से
- ज्यादा मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से
- प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने पर वायरल संक्रमण, जैसे साइटोमेगालोवायरस और हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस के कारण
- अधिक तनाव लेने से
- दूध व दूध के उत्पादों को पचा पाने में असमर्थ होने पर
- आंतों में सूजन या जलन होने पर
- मधुमेह की शिकायत होने से
पढ़ते रहें आर्टिकल
पेट में गैस के कारण को जानने के अब हम गैस की समस्या के लक्षण के बारे में बता रहे हैं।
पेट में गैस के लक्षण – Symptoms of Stomach Gas Problem in Hindi
गैस की समस्या के लक्षण में पेट में हल्की जलन होने से लेकर तेज दर्द तक शामिल है। हालांकि, हल्की जलन को अनदेखा किया जा सकता है, लेकिन गैस का दर्द बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है। पेट में गैस के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (2) (3):
- जी मिचलाना
- उल्टी
- भूख में कमी
- पेट में दर्द और सूजन
- लगातार हिचकी आना
- काला या लाल मल
- खून की उल्टी
- ऐंठन व बेचैनी
- गैस से घबराहट भी हो सकती है
अगर उल्टी व मल के साथ खून नजर आता है और पेट में ऐंठन व बेचैनी महसूस हो, तो शीघ्र डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ये सब गैस से होने वाले रोग के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों का मतलब यह है कि समस्या गंभीर रूप ले चुकी है और इसकी अनदेखी करना सही नहीं है (2)।
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आर्टिकल के अगले भाग में हम पेट में गैस दूर करने के घरेलू उपाय बता रहे हैं।
पेट में गैस दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Stomach Gas in Hindi
गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अधिकतर लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, जिनके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए, यहां हम कुछ घरेलू उपचार से गैस से छुटकारा पाने के उपाय बता रहे हैं। दिए गए पेट गैस के घरेलू उपाय गैस की समस्या के प्रारंभिक लक्षणों को दूर करने में फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर द्वारा दिया गया ट्रीटमेंट ही फायदेमंद होता है।
1. बेकिंग सोडा
सामग्री :
- एक चम्मच बेकिंग सोडा
- एक गिलास पानी
कैसे करें प्रयोग :
- बेकिंग सोडा को पानी में अच्छी तरह मिला लें।
- इसके बाद यह पानी पी जाएं।
कितनी बार करें :
- जब भी जरूरत हो इसे पिया जा सकता है।
कैसे है लाभकारी :
बेकिंग सोडा का उपयोग सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। उन्हीं में से एक है गैस का इलाज। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर इस संबंध में एक शोध उपलब्ध है। शोध के अनुसार, मनुष्यों के पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है, जो भोजन काे पचाने में मदद करता है (5)। जब हाइड्रोक्लोरिक एसिड में सोडियम बाइकार्बोनेट यानी बेकिंग सोडा को मिलता है, तो यह केमिकल तुरंत कार्य करता है और गैस के उत्पादन को धीमा कर सकता है (6)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि बेकिंग सोडा का उपयोग गैस की दवा के रूप में समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है।
2. एलोवेरा
सामग्री :
- दो चम्मच ताजा एलोवेरा जेल
- एक गिलास पानी
कैसे करें प्रयोग :
- एलोवेरा जेल को पानी में अच्छी तरह मिक्स करें और पी जाएं।
कितनी बार करें :
- आप दिनभर में से एक-दो गिलास पी सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
आयुर्वेद के अनुसार, स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं में एलोवेरा के फायदे देखे गए हैं। गैस के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। पेट में गैस बनने का एक कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) नामक बैक्टीरियल संक्रमण भी है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है। इससे पेट की गैस को कम करने और गैस का इलाज करने में कुछ हद तक फायदा मिल सकता है (6)।
3. नारियल पानी
सामग्री :
- नारियल पानी
कैसे करें प्रयोग :
- इसे दिन में किसी भी समय पी सकते हैं।
कितनी बार करें :
- दिनभर में तीन-चार गिलास नारियल पानी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
कैसे है लाभकारी :
नारियल पानी का उपयोग करने के कई फायदे हैं। जहां इसे पाचन में अच्छा माना जाता है, वहीं इसे गैस की दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नारियल पानी की इस खूबी की पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिक शोध किया गया। शोध में पाया गया कि नारियल पानी में पाचन क्रिया को सुधारने के साथ गैस्ट्रिक समस्या को कम करने वाले गुण भी पाए जाते हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गैस का इलाज करने में नारियल पानी फायदेमंद हो सकता है (7)।
4. ग्रीन टी
सामग्री :
- एक चम्मच ग्रीन टी पाउडर या ग्रीन टी बैग
- एक चम्मच शहद
- एक कप पानी
कैसे करें प्रयोग :
- सबसे पहले पानी को अच्छी तरह गर्म कर लें।
- फिर इसमें शहद डालकर मिक्स कर लें।
- इसके बाद पानी में ग्रीन टी पाउडर या ग्रीन टी बैग डालें।
- अगर पाउडर डाल रहे हैं, तो उसे मिक्स करें और छानकर पिएं।
- वहीं, अगर टी बैग इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे पानी में डालकर कुछ देर के लिए छोड़ दें और फिर पिएं।
कितनी बार करें :
- पूरे दिन में करीब दो कप ग्रीन टी पी सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
गैस की समस्या को कम करने के लिए ग्रीन टी के फायदे भी देखे गए हैं। ग्रीन टी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो सीधा पेट की अंदरूनी परत पर असर डालता है। इससे गैस की समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस चाय को गैस की दवा के रूप में प्रतिदिन पीने से पुरानी से पुरानी गैस की समस्या दूर हो सकती है। इसलिए, गैस से होने वाले रोग से बचने के लिए ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। इस तथ्य की पुष्टि एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध एक रिसर्च पेपर से होती है (8)।
5. नींबू
सामग्री :
- 1 छोटा चम्मच नींबू का रस
- आधा गिलास पानी
कैसे करें प्रयोग :
- रस को पानी में मिलाएं।
- इसे दिन में किसी भी समय पी सकते हैं।
कितनी बार करें :
- दिनभर में दो गिलास नींबू पानी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
कैसे है लाभकारी :
सेहत के लिए नींबू को कई प्रकार से फायदेमंद माना गया है। इसका इस्तेमाल गैस की दवा के रूप में भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध विभिन्न शोध के अनुसार, नींबू को सिट्रस फ्रूट की श्रेणी में रखा जाता है। नींबू जैसे सिट्रस फ्रूट में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले ये गुण गैस की समस्या का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के संक्रमण को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। इससे पेट में गैस की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है (9)।
6. अदरक
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
- अदरक का छोटा-सा टुकड़ा
- एक कप पानी
कैसे करें प्रयोग :
- अदरक के टुकड़े को कुछ देर तक चबाएं।
- फिर पानी की मदद से इसे निगल जाएं।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
- अदरक का पाउडर
- सेंधा नमक
- एक चुटकी हींग
- एक कप गर्म पानी
कैसे करें प्रयोग :
- सभी सामग्रियों को पानी में मिक्स करके पिएं।
कितनी बार करें :
- अच्छे परिणाम के लिए हर सुबह सेवन करें।
कैसे है लाभकारी :
आयुर्वेद में अदरक का अपना विशेष स्थान है। सेहत के लिए अदरक के फायदे देखे गए हैं। अदरक पेट के विकारों को दूर करने में मददगार हो सकता है। शोध के अनुसार अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक संक्रमण के कारण पेट में होने वाली सूजन को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। इससे गैस का इलाज करने में मदद मिल सकती है (10)।
7. जीरा
सामग्री :
- एक चम्मच जीरा
- एक गिलास पानी
कैसे करें प्रयोग :
- पहले तो जीरे को हल्का भून लें और फिर इसे मिक्सी में बारीक पीस लें।
- फिर पानी को गर्म करें और उसमें इस पाउडर को मिक्स करें।
- इसके बाद यह पानी पी लें।
कितनी बार करें :
- दिन में दो या तीन बार खाना खाने के बाद पिएं।
कैसे है लाभकारी :
जीरा का उपयोग न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, आयुर्वेद में इसे गुणकारी औषधि भी माना गया है। इसकी खेती सबसे ज्यादा एशिया, अफ्रीका और यूरोप में होती है। जीरा में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण ही यह गैस व पेट की अन्य बीमारियों में रामबाण की तरह काम कर सकता है (11)।
8. नारियल तेल
सामग्री :
- थोड़ा-सा वर्जिन नारियल तेल
कैसे करें प्रयोग :
- इस तेल को भोजन बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
कितनी बार करें :
एक दिन में दो-तीन चम्मच नारियल तेल को भोजन में शामिल किया जा सकता है।
कैसे है लाभकारी :
नारियल का तेल कई प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद गुण गैस्ट्रिक अल्सर को दूर करने और गैस की समस्या को कम करने में भी फायदेमंद हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, वर्जिन नारियल तेल में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गतिविधि पाई जाती है। यह गुण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरियल संक्रमण को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला एंटी-अल्सर गुण गैस के कारण होने वाली अल्सर की समस्या को भी कुछ हद तक दूर करने और गैस को रोकने के उपाय में मदद कर सकता है (12)।
9. योगर्ट
सामग्री :
- साधारण योगर्ट
कैसे करें प्रयोग :
इसे भोजन के साथ या फिर स्नैक्स के तौर पर खाया जा सकता है।
कितनी बार करें :
- प्रतिदिन एक-दो कटोरी योगर्ट का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
कैसे है लाभकारी :
गैस्ट्रिक अल्सर और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया पेट में गैस बनने का मुख्य कारण हैं। वहीं, योगर्ट में प्रोबायोटिक गुण पाया जाता है। अभी तक हुए कई वैज्ञानिक शोध में माना गया है कि गैस्ट्रिक अल्सर और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी पर प्रोबायोटिक प्रभावी तरीके से काम कर सकता है (13) (14)। इसलिए, गैस को रोकने के उपाय में योगार्ट का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।
10. शहद
सामग्री :
- दो चम्मच शहद
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे करें प्रयोग :
- शहद को गर्म पानी में अच्छी तरह मिक्स कर लें।
- फिर इस पानी को सुबह खाली पेट पिएं।
कितनी बार करें :
- हर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
कैसे है लाभकारी :
सेहत के लिए शहद फायदेमंद हैं। इसका कारण है इसमें मौजूद विभिन्न प्रकार के गुण, जो बीमारियों को दूर करने के साथ ही शरीर को निरोगी बनाने में फायदेमंद हो सकते हैं। इन्हीं गुणों में हैं इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण। ये दोनों गुण ही गैस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। जहां एक ओर एंटीइंफ्लेमेटरी गुण गैस के कारण आई पेट की सूजन को कम करने में असर दिखाता है। वहीं, एंटीबैक्टीरियल गुण गैस का कारण बनने वाले विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया को दूर कर इस समस्या से राहत दिला सकता है। इस आधार पर शहद को गैस के लिए घरेलू उपाय की श्रेणी में रखा जा सकता है (15)।
11. दालचीनी
सामग्री :
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
- 1 गिलास गुनगुना पानी
कैसे करें प्रयोग :
- दालचीनी पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाएं।
- फिर इसका आराम-आराम से सेवन करें।
कितनी बार करें :
- हर सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
दालचीनी का उपयोग रसोई में न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए मसाले के रूप में होता है, बल्कि इसमें मौजूद गुण के कारण यह स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में भी लाभदायक है। गैस के लिए घरेलू उपाय के लिए भी दालचीनी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इस विषय में कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं। ऐसे ही एक शोध के अनुसार, दालचीनी में बैक्टीरिसाइडल गुण पाए जाते हैं। यह गुण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है, लेकिन शोध में इसे अधिक कारगर नहीं माना गया है (16)। इसलिए, गैस के संबंध में दालचीनी पर और शोध किए जाने की जरूरत है।
12. हल्दी
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
- 5 ग्राम हल्दी पाउडर
- 5 ग्राम नमक
- एक गिलास पानी
कैसे करें प्रयोग :
- हल्दी और नमक को आपस में मिला लें।
- फिर इसे पानी के साथ सेवन करें।
- आप पानी को हल्का गुनगुना भी कर सकते हैं।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
- एक चम्मच हल्दी पाउडर
- योगर्ट व केला
- एक गिलास पानी
कैसे करें प्रयोग :
- हल्दी को योगर्ट या फिर केले के साथ मिक्स करके पेस्ट बना लें।
- फिर इसे पानी के साथ सेवन करें।
कितनी बार करें :
- दिन में एक या दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
हल्दी से भोजन में सिर्फ स्वाद ही नहीं आता, बल्कि हल्दी का उपयोग इसमें मौजूद गुणों के कारण सेहत के लिए भी किया जाता है। पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय में भी इसे शामिल किया जा सकता है। शोध में देखा गया है कि हल्दी के सेवन से पेट में गैस के कारण हो रही जलन और सूजन को कम किया जा सकता है (17)। अन्य शोध के मुताबिक, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण पाए गए हैं। इसलिए, गैस की समस्या में हल्दी कुछ हद तक फायदेमंद साबित हो सकती है (18)।
13. कैमोमाइल चाय
सामग्री :
- 6 से 7 कैमोमाइल के फूल धुले हुए
- 1 गिलास पानी
- शहद (स्वाद के लिए)
कैसे करें प्रयोग :
- पानी को गर्म करें और इसमें कैमोमाइल के फूल और अगर जरूर हो, ताे शहद मिला लें।
- जब पानी अच्छी तरह से गर्म हो जाए, तो गैस बंद कर दें और पानी को एक कप में छान लें।
- गुनगुना होने पर इसका सेवन चाय की तरह करें।
कितनी बार करें :
- इसका सेवन दिन में एक बार कर सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
कैमोमाइल चाय के फायदे स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि कैमोमाइल गैस के लिए घरेलू उपाय हो सकता है। इसका उपयोग पेट की जलन, अपच, दस्त, मोशन सिकनेस, मतली और उल्टी सहित विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार के इलाज के लिए किया जाता है। अध्ययन से पता चलता है कि कैमोमाइल हेलिकोबैक्टर पाइलोरी को रोकता है, जो पेट में अल्सर और गैस का कारण बन सकता है (19)।
14. अजवाइन
सामग्री :
- 1-2 ग्राम अजवाइन
- छोटी गुड़ की डली
कैसे करें प्रयोग :
- गुड़ में अजवाइन मिलाएं और फिर इसकी गोलियां बनाकर खाएं।
कितनी बार करें :
- दिन में एक या दो बार खा सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
अजवाइन का उपयोग सदियों से हर्बल दवा के रूप में किया जा रहा है। माना जाता है कि इसमें कई गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं गुणों में इसके एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी हैं। ये गुण गैस को रोकने के उपाय में फायदेमंद हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि अजवाइन में पाए जाने वाले ये गुण गैस की समस्या का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के प्रभाव को कम करने और इससे होने वाले संक्रमण को रोकने में फायदेमंद हो सकते हैं (20)।
15. मुलेठी की जड़
सामग्री :
- एक चम्मच मुलेठी पाउडर
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे करें प्रयोग :
- मुलेठी पाउडर को गर्म पानी में डालकर मिक्स करें और करीब 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें।
- इसके बाद पानी को छाने और पिएं।
कितनी बार करें :
- इस मिश्रण को दिनभर में कम से कम एक बार पिया जा सकता है।
कैसे है लाभकारी :
गले में खराश और खांसी-जुकाम से लेकर पेट की बीमारियों तक के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर मुलेठी के पाउडर को पानी में घोलकर पिया जाता हैं, तो यह पेट की परतों को हानिकारक बैक्टीरिया और गैस से होने वाले अल्सर से बचाता है। मुलेठी में एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण भी होता है, जिस कारण यह पेट के अल्सर और गैस का कारण बनने वाले बैक्टीरियल संक्रमण को कम कर सकता है (21)। पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय के रूप में मुलेठी का सेवन कर सकते हैं।
16. काली मिर्च
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
- एक चम्मच काली मिर्च
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे करें प्रयोग :
- काली मिर्च को गर्म पानी में डालकर पिएं।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
- आधा चम्मच काली मिर्च
- आधा चम्मच काला नमक
- आधे नींबू का रस
- एक कप पानी
कैसे करें प्रयोग :
- इन सभी सामग्रियों को पानी में मिक्स करके सेवन करें।
कितनी बार करें :
- आप प्रतिदिन एक बार इनका सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
काली मिर्च का उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने के लिए किया जा सकता है। शोध के अनुसार काली मिर्च में गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव (gastro-protective) गुण पाए जाते हैं। काली मिर्च में पाया जाने वाला यह गुण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की कार्यक्षमता को और पेट में बनने वाली गैस की समस्या को बेहतर करने में मददगार हो सकता है (22)।
17. पुदीने का तेल
सामग्री :
- 2 या 3 बूंद पुदीने का तेल
- आधा गिलास गुनगुना पानी
कैसे करें प्रयोग :
- तेल की बूंदों को पानी में मिलाएं।
- फिर इस मिश्रण को पी जाएं।
कितनी बार करें :
- बेहतर परिणाम के लिए हर सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे है लाभकारी :
आयुर्वेद में पुदीने के तेल का उपयोग भी कई बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याें से निजात पाने के लिए किया जाता रहा है। इसका उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने और इसके कारण होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए भी किया जा सकता है। एक शोध में विभिन्न तरह के तेलों को उपयोग किया गया, जिसमें पुदीना का तेल भी शामिल था। शोध में पाया गया कि कई तेलों के साथ-साथ पुदीने के तेल में भी गैस की समस्या का कारण बनने हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के खिलाफ एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण होता है (23)। अभी इस संबंध में और वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है।
18. रोजमेरी
सामग्री :
- रोजमेरी तेल की 2 से 3 बूंदें
- 1 गिलास गुनगुना पानी
कैसे करें प्रयोग :
- रोजमेरी तेल की बूंदों को पानी में डालें।
- फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
कितनी बार करें :
- दिन में एक बार इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है।
कैसे है लाभकारी :
रोजमेरी का उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने में किया जा सकता है। रोजमेरी का इस्तेमाल करने से गैस का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टेरिया को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है। यह बैक्टीरिया गैस्ट्र्रिटिस और अल्सर जैसी समस्या का कारण बन सकता है। हालांकि, रोजमेरी किस गुण के कारण गैस की समस्या को ठीक करता है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है (24)।
19. विटामिन
पाचन तंत्र ठीक तरह से काम नहीं करेगा, तो गैस, एसिडिटी, अपच और कब्ज होना तय है। अगर इन सभी स्थितियों से बचना चाहते हैं, तो विटामिन से युक्त खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। ये जरूरी विटामिन शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। साथ ही पेट की अंदरूनी परत को क्षति होने से बचाते हैं और अल्सर की आशंका को कम कर सकते हैं (25)। चिकन, अंडे, दही और अनाज में भरपूर मात्रा में विटामिन पाया जाता है। वहीं, नींबू, संतरे और आंवला जैसे सिट्रस फलों में विटामिन भरपूर मात्रा में होता है, लेकिन किसे-कितने विटामिन की जरूरत है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर तरीके से बता सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर से पूछने के बाद ही अपने आहार में विटामिन की मात्रा को तय करें।
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गैस दूर करने के घरेलू नुस्खे के बाद यहां हम बता रहे हैं कि गैस की समस्या का इलाज कैसे कर सकते हैं।
गैस की समस्या का इलाज – Treatment of Stomach Gas Problem in Hindi
गैस की समस्या के कुछ कारण तो समय के साथ दूर हो जाते हैं, लेकिन कुछ गंभीर कारणों का इलाज जरूरी होता है। यहां हम उपचार के रूप में बता रहे हैं कि गैस के लिए क्या करना चाहिए (1)। डॉक्टर कुछ दवाओं का सेवन करने के लिए कह सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- एंटासिड: यह ऐसी दवा हैं, जो पेट में एसिड को बेअसर करती हैं। साथ ही एंटीबायोटिक्स के सेवन से हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होने वाले पुराने गैस्ट्रिटिस का इलाज किया जा सकता है।
- एच 2 एंटागोनिस्ट: वे दवाएं जो पेट में एसिड की मात्रा को कम कर सकती हैं, जैसे – फैमोटिडीन (पेप्सिड), सिमेटिडाइन (टैगामेट) और रेनिटिडिन (जेनटेक) आदि।
- प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPI): ये दवाएं लंबे समय तक पेट में एसिड नहीं बनने देती हैं। इन दवाओं में ओमेप्राजोल (प्रिलोसेक), ऐसोमपराजोले (नेक्सियम), रेबेप्राजोल (एसिपेक्स) और पैंटोप्राजोल शामिल हैं।
बने रहें हमारे साथ
जानते हैं कि गैस की समस्या के लिए योग किस प्रकार से फायदेमंद हो सकता है।
गैस की समस्या के लिए योग – Yoga For Gastritis in Hindi
दवाओं के साथ योग का अभ्यास पाचन रोगों से संबंधित लक्षणों को नियंत्रित करने और उन्हें दूर करने में मददगार हो सकता है। साथ ही योग तनाव को भी कम करता है, जिससे गैस, जीईआरडी (गैस्ट्रोफेगल रिफलक्स डिजीज) और पेप्टिक अल्सर जैसी समस्या को कुछ कम किया जा सकता है (26)। यहां हम गैस की समस्या के लिए योग के कुछ प्रकार बता रहे हैं:
- पादहस्तासन: कब्ज, गैस और एसिडिटि की समस्या को दूर कर पाचन तंत्र बेहतर बना सकता है। इसके अलावा, पेट कम करने के लिए भी यह आसन किया जा सकता है।
- कपालभाति: इस कपालभाति प्राणायाम से तनाव के साथ-साथ गैस, कब्ज और एसिडिटी को दूर किया जा सकता है।
- उत्तानपादासन: अपच, कब्ज और गैस की समस्या होने पर यह आसन राहत दिला सकता है।
- पवनमुक्तासन: एसिडिटि और कब्ज से राहत दिलाने के साथ ही यह पेट की गैस को भी बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
पढ़ते रहें आर्टिकल
आइए, अब गैस की समस्या के लिए आहार के बारे में भी जान लेते हैं।
गैस की समस्या के लिए आहार – Diet For Stomach Gas Problem in Hindi
गैस के लिए क्या करना चाहिए इसको जानने के बाद यहां हम बता रहे हैं कि क्या खाएं और क्या न खाएं। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो गैस की समस्या उत्पन्न करते हैं (27)।
- वसा युक्त, तले हुए, खट्टे और बहुत मसालेदार खाद्य पदार्थों से गैस की समस्या हो सकती है।
- कॉफी, कोको और स्ट्रांग चाय का सेवन भी पेट में गैस बना सकता है।
- कुछ सब्जी जैसे गोभी, कच्चा चुकंदर, प्याज, लहसुन और शलजम से भी गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है।
- कोल्ड ड्रिंक्स पेट में कार्बन-डाई-ऑक्साइड पैदा कर सकते हैं, जिससे गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है।
- फ्रुक्टोज युक्त फल-सब्जियां जैसे आड़ू, प्लम और खीरे के सेवन से भी गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है।
कुछ खाद्य पदार्थ गैस दूर करने के उपाय के रूप में गैस्ट्रिटिस को राेकने और उसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें शामिल है (27):
- सेब, दलिया, ब्रोकली, गाजर और सेम जैसे उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ।
- आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं, जैसे – भुना हुआ चिकन और कम वसा वाला सूप।
- ऐसे पेय जो कार्बोनेटेड नहीं होते हैं।
- नमक मिलाकर दही का सेवन भी कर सकते हैं।
आगे है कुछ खास
आर्टिकल के इस भाग में हम गैस की समस्या से बचाव के उपाय के बारे में बता रहे हैं।
गैस की समस्या से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Stomach Gas Problem in Hindi
जीवनशैली और आहार में परिवर्तन करके हो सकता है। यहां जानते हैं के बारे में:
पेट में गैस की समस्या का समाधान पाने के लिए ऊपर बताए गए घरेलू उपचार के साथ-साथ कुछ जरूरी नियमों का पालन करना भी जरूरी है। अगर आप इन गैस की समस्या से बचाव के उपाय को नियमित रूप से करते हैं, तो यह समस्या आपको कभी नहीं होगी।
- आप प्रतिदिन कम से कम आठ-दस गिलास पानी जरूर पिएं। इससे पाचन तंत्र अच्छी तरह काम करता है और कब्ज की समस्या नहीं होती। पेट साफ होने पर हमारी आंतें अच्छी तरह काम करती हैं, जिससे गैस और एसिडिटी का सामना नहीं करना पड़ता।
- तली और मिर्च-मसाले वाली चीजें खाने से पेट में जलन होती है और गैस बनने लगती है। इसलिए, ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बना कर रखें। साथ ही नोट करें कि कौन-सी चीज खाने से आपको पेट में जलन व गैस होती है। आप ऐसे खाद्य पदार्थों की लिस्ट बना सकते हैं और उन्हें खाने से परहेज करें।
- जंक फूड से दूरी बनाकर रखें।
- जो भी दवा का सेवन कर रहे हैं, उन पर भी नजर रखें। अगर उनमें से किसी दवा के सेवन से पेट में जलन व गैस महसूस होती है, तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं। डॉक्टर उसकी जगह अन्य दवा दे सकते हैं।
- शराब, धूम्रपान और तंबाकू का सेवन बिल्कुल न करें। ये हमारे पाचन तंत्र को खराब करते हैं, जिससे गैस और एसिडिटी होती है। साथ ही इनके सेवन से किडनी व फेफड़ों पर भी असर पड़ता है।
- चाय-कॉफी का सेवन कम से कम करें। इनकी तासीर गर्म होती है, जिस कारण पेट में जलन होती है।
- प्रतिदिन कम से कम 20-25 मिनट योगासन जरूर करें। इससे पेट के अंदरूनी अंग सही प्रकार से काम करते हैं और हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स होता है। शुरुआत में किसी ट्रेनर की देखरेख में पवनमुक्तासन, तितली आसन, पादहस्तान, नौकासन व सूर्य नमस्कार आदि कर सकते हैं। ये सभी न सिर्फ गैस की समस्या को दूर करते हैं, बल्कि वजन को संतुलित रखते हैं।
- साथ ही सुबह की सैर और रात को खाने के बाद कुछ देर टहलें जरूर। इससे पाचन तंत्र अच्छा रहता है और भोजन आसानी से पच जाता है।
- रात के खाने और सोने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर जरूर रखें।
आपने आर्टिकल के माध्यम से जाना कि स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या काे छोटा नहीं समझना चाहिए, चाहे वह गैस की समस्या ही क्यों न हो। अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह गंभीर रूप ले सकती है। आर्टिकल में बताया गया है कि किस प्रकार से कुछ घरेलू सामग्रियों का उपयोग करके गैस से छुटकारा पाने के उपाय किए जा सकते हैं। वहीं, अगर यह समस्या गंभीर हो जाती है, तो डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं कि आर्टिकल में दी गई गैस दूर करने के घरेलू नुस्खे की जानकारी से आपको जरूर लाभ होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
गैस्ट्राइटिस को शांत करने वाले खाद्य पदार्थ कौन कौन से हैं?
कम अम्लता वाले खाद्य पदार्थ जैसे सेब, दलिया, गाजर, भुना हुआ चिकन और प्रोबायोटिक युक्त दही।
गैस्ट्राइटिस और अल्सर में क्या अंतर है?
गैस्ट्राइटिस एक सामान्य सूजन है और एक अल्सर पेट की अंदरुनी परत पर होने वाला का एक छाला है (28)।
गैस्ट्राइटिस की पहचान कैसे करें?
जी मिचलाना, उल्टी, भूख में कमी, पेट में दर्द और सूजन व लगातार हिचकी आना गैस्ट्राइटिस के आम लक्षण हैं (2) (3)।
गैस्ट्राइटिस को ठीक करने में कितना समय लगता है?
यह गैस्ट्राइटिस के प्रकार, कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है कि कितने समय में इस समस्या में सुधार होगा।
गैस्ट्राइटिस के दीर्घकालिक प्रभाव क्या हैं?
सही समय पर इलाज नहीं करने पर इससे एनीमिया (गैस्ट्राइटिस से रक्तस्राव के कारण हो सकता है), एट्रोफिक गैस्ट्राइटिस (पेट में सूजन), पेप्टिक अल्सर की समस्या (पेट में छाला) हो सकती है। वहीं, अगर गैस्ट्राइटिस का कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया है, तो आगे चलकर इससे कैंसर भी हो सकता है (29)।
References
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