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बेहतर स्वास्थ्य के लिए संतुलित और अच्छा खान-पान जरूरी है। कई आहार ऐसे होते है, जो स्वाद में लजीज होने के साथ ही कई लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थ की सूची में वाइट पंपकिन यानी सफेद पेठा का नाम भी शामिल है। अगर आपको यह पता नहीं है कि सफेद पेठा क्या होता है, तो हमारा यह लेख खास आपके लिए ही है। पेठे के उपयोग से कई शारीरिक और मानसिक समस्या दूर रह सकती हैं। साथ ही यह कई बीमारियों के इलाज में भी सहायक हो सकता है। बेशक, यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, लेकिन गंभीर बीमारी कि अवस्था में इससे इलाज संभव नहीं है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पेठा खाने के फायदे और पेठा खाने के नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

नीचे विस्तार से पढ़ें

पेठा खाने के फायदे जानने से पहले हम जानेंगे कि पेठा क्या है।

पेठा क्या है? – What Is White Pumpkin in Hindi?

पेठे को एक तरह का फल या सब्जी कहा जा सकता है। इसे सफेद कद्दू, शीतकालीन तरबूज, वैक्स गार्ड और एश गार्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसका संबंध कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) परिवार से है, जिसका वैज्ञानिक नाम बेनसिसा हस्पिडा (Benincasa Hispida) है। यह बेल पर फलता है और बाहर से हरा व अंदर से सफेद होता है। ये कई आकार में होता है। कुछ गोल होते हैं, तो कुछ लंबवत गोल होते हैं। इसे मीठी और नमकीन दोनों तरह की विभिन्न डिश बनाई जा सकती हैं। यह स्वाद में लाजवाब होता है।

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इस लेख के अगले भाग में हम पेठा खाने के फायदे बता रहे हैं।

पेठा खाने के फायदे – Benefits of White Pumpkin in Hindi

सफेद कद्दू स्वाद के साथ ही सेहत के लिए भी अच्छा होता है। दरअसल, इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को पोषण प्रदान कर कई तरह के फायदे पहुंचा सकते हैं। इससे कई समस्याओं को ठीक करने में मदद मिल सकता है। आयुर्वेद में विभिन्न समस्याओं के लिए पेठे का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए वैज्ञानिक अध्ययन अभी कम ही हुए हैं। पेठे के फायदे कुछ इस प्रकार है:

1. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए

शरीर की रोग प्रतिरोधक यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में पेठा का उपयोग मददगार हो साबित सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि पेठे को आयुर्वेद में इम्यूनिटी को बेहतर करने के लिए इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है (1)। वहीं, दूसरे वैज्ञानिक शोध के अनुसार, आयरन की कमी से इम्यून सिस्टम से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है। ऐसे आयरन की कमी को पूरा करने में पेठा सहायक हो सकता है, क्योंकि इसमें आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है (2)। ऐसे में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए पेठा के फायदे हो सकते हैं।

2. वजन घटने के लिए

अगर कोई बढ़ते वजन और मोटापे से परेशान है, तो इस परेशानी को दूर करने में पेठा सहायक हो सकता है। दरअसल, पेठे में एनोरेक्टिक्स गतिविधि पाई जाती है, जो भूख को शांत रख सकता है। इसके अलावा, इसमें एंटी-ओबेसिटी गुण भी होता है, जो मोटापा को कम कर सकता है। इससे वजन को नियंत्रण में रखा जा सकता है (3)। सफेद पेठा के सेवन के साथ ही नियमित व्यायाम करना भी जरूरी है।

3. फ्लू और कोल्ड के लिए

फ्लू और कोल्ड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए पेठे का उपयोग किया जा सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च की माने, तो पेठे को इंफ्लुएंजा यानी फ्लू और सर्दी के इलाज में आयुर्वेदिक दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (4)। फिलहाल, इस पर स्पष्ट रूप से ज्यादा वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।

4. गैस और कब्ज से राहत

गैस और कब्ज दोनों पेट संबंधी समस्याएं हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए सफेद पेठा का उपयोग किया जा सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, पेठे में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव व एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। इस गुण के कारण यह कब्ज और गैस की समस्या से राहत दिला सकता है। इससे पेट को आराम मिल सकता है (5)। इस तथ्य की ठोस पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिक और शोध कर रहे हैं।

5. तनाव से राहत

सफेद पेठे के फायदे तनाव को कम करने में भी इस्तेमाल हो सकते हैं। तनाव एक तरह का मानसिक विकार है, जो दिमाग से जुड़ी अन्य परेशानी के कारण हो सकता है। ऐसे में पेठे का सेवन करने से अल्जाइमर जैसी मानसिक समस्या से राहत मिल सकती है। साथ ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम और याददाश्त में सुधारने हो सकता है (3)। इससे तनाव को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। फिलहाल, तनाव के लिए पेठे को लेकर किसी तरह का सटीक वैज्ञानिक अध्ययन उपलब्ध नहीं है।

6. किडनी को रखे स्वस्थ

पेठा खाने के फायदे किडनी को स्वस्थ रखने के लिए भी हो सकते हैं। मेडिकल रिसर्च की मानें, तो इसमें किडनी को स्वस्थ रखने वाली शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि होती है। ऐसे में पेठे के उपयोग से रेनल डैमेज यानी गुर्दे की क्षति को कम किया जा सकता है। मरकरी क्लोराइड के कारण होने वाली गुर्दे की चोट पर भी सुरक्षात्मक प्रभाव डाला जा सकता है (3)

7. हृदय के लिए

हृदय को स्वस्थ रखने में भी सफेद कद्दू के फायदे हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक रिसर्च पेपर के अनुसार, पेठा में ड्यूरेटिक प्रभाव होता है, जिसे बढ़ते रक्तचाप को कम करने के लिए दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। रक्तचाप के बढ़ने पर हृदय संबंधी समस्या उत्पन्न होना आम है। ऐसे में रक्तचाप को कम कर हृदय की समस्या को उत्पन्न होने से रोका जा सकता है। इससे हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है (6)

8. पेशाब की जलन से छुटकारा

यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के कारण पेशाब करते समय जलन महसूस हो सकती है (7)। इससे निजात दिलाने में पेठा सहायक हो सकता है। आयुर्वेद में पेठे को यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है (8)। यूरिनरी ट्रैक के इन्फेक्शन ठीक होने पर पेशाब करते समय जलन होना बंद हो जाएगा। अभी यह बताना मुश्किल है कि पेठा किस गुण के चलते पेशाब की जलन से राहत दिलाता है।

9. नाक से खून बहाने को रोकने के लिए

रक्त या नाक से जुड़ी समस्या के कारण नाक से खून बह सकता है, जिसे दूर करने के लिए पेठे का सेवन किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, पेठे को रक्त से संबंधी समस्या के पारंपरिक उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। रक्त से जुड़ी समस्या के दूर होने पर नाक से रक्त बहने की समस्या कम हो सकती है (9)। अभी इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध किया जा रहा है।

10. पाइल्स के लिए

पाइल्स यानी बवासीर, गुदा या मलाशय के निचले भाग के नसों में होने वाली सूजन हैं (10)। इससे छुटकारा पाने में पेठा कुछ हद तक मदद कर सकता है। एक मेडिकल रिसर्च की माने, तो आयुर्वेद में पेठा का उपयोग बवासीर के इलाज के रूप में किया जाता आ रहा है (11)। फिलहाल, पेठे का कौन-सा गुण इसके लिए मददगार होता है, इस संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई हैं।

11. कॉग्निटिव फंक्शन के लिए

कॉग्निटिव फंक्शन यानी दिमागी कार्य प्रणाली के बेहतर तरीके से काम करने में पेठा सहायक हो सकता है। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि पेठे में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क के टिश्यू को बेहतर करने का काम कर सकते हैं। साथ ही यह अल्जाइमर और एंग्जायटी रोग को कम कर सकता है। इससे कॉग्निटिव फंक्शन को बेहतर किया जा सकता है (12)। ऐसे में कहा जा सकता है कि सफेद कद्दू के फायदे कॉग्निटिव फंक्शन के लिए हो सकते हैं।

12. पेप्टिक अल्सर के लिए

पेठा खाने के फायदे अल्सर की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए भी हो सकते हैं। इस संबंध में पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, पेठा में एंटी-अल्सर फेनोलिक कंपाउंड पाया जाता है, जो अल्सर से बचा सकता है। साथ ही अल्सर होने पर इसे डॉक्टर की सलाह पर लेने से स्थिति में कुछ हद तक सुधार हो सकता है (3)

13. मिर्गी का उपचार के लिए

मिर्गी एक तरह का मस्तिष्क विकार है, जिसमें व्यक्ति को समय-समय पर दौरे पड़ते हैं। यह दौरे मस्तिष्क की कोशिकाओं पर नियंत्रण नहीं होने के कारण हो सकते हैं (13)। ऐसे में इस समस्या से राहत पाने के लिए पेठा का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, पेठा को कई समस्याओं से निपटने के लिए थेराप्यूटिक एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें मिर्गी का इलाज भी शामिल है। इसके अलावा, यह अल्जाइमर से भी छुटकारा दिला सकता है और याददाश्त को तेज कर सकता है (3)

14. वॉटर रिटेंशन करे कम

वॉटर रिटेंशन की स्थिति में शरीर के कई अंगों में पानी जम जाता है, जिससे उन हिस्सों की मांसपेशियों में सूजन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, यह कई अन्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है (14)। ऐसे में पेठे का इस्तेमाल करना बेहतर हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में पानी के संचार में सुधार कर सकता है और एंटी इंफ्लेमेटरी सूजन को कम कर सकता है ()। फिलहाल, इस पर कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

15. आंखों के लिए

जिन लोगो को आंखों से संबंधित समस्या है, उनके लिए सफेद पेठे के फायदे हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, पेठे के उपयोग से विजन बूस्ट यानी देखने की क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। इससे आंखों की रोशनी को बढ़ावा मिल सकता है (15)। इसलिए, पेठा खाने के फायदे में आंखों को स्वस्थ रखना भी शामिल है।

16. कैंसर से बचाव

कैंसर एक घातक समस्या है, जिससे हर कोई बचे रहना चाहता है। इसलिए पेठे का सेवन जरूर करना चाहिए। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, पेठे में कैंसर से बचाने वाले गुण होते हैं, जो इस समस्या को दूर रखने का काम कर सकता है (16)। साथ ही इस बात का ध्यान रखे कि पेठा कैंसर का इलाज नहीं है, यह सिर्फ इससे बचने में मदद कर सकता है। अगर किसी को कैंसर है, तो वे बिना डॉक्टर की सलाह के इसे अपने आहार में शामिल न करें और उचित इलाज करवाए।

नीचे है और जानकारी

आइए, अब जानते हैं कि पेठे में किस तरह के पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं।

पेठे के पोषक तत्‍व – Nutritional Value of White Pumpkin in Hindi

पेठे में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे इनका सेवन करने से ऊपर बताए गए पेठा खाने के फायदे मिल सकते हैं। इन पोषक तत्वों के बारे में हम यहां एक टेबल की मदद से समझा रहे हैं (17)

पोषक तत्वमूल्य प्रति 100 g
पानी96.1 g
ऊर्जा13 kcal
प्रोटीन0.4 g
टोटल लिपिड (फैट)0. 2 g
कार्बोहाइड्रेट3 g
फाइबर, टोटल डाइटरी2. 9 g
कैल्शियम, Ca19 mg
आयरन, Fe0.4 mg
मैग्नीशियम, Mg10 mg
फास्फोरस, P19 mg
पोटैशियम, K6 mg
सोडियम, Na111 mg
जिंक, Zn0. 61 mg
कॉपर, Cu0.023 mg
मैंगनीज, Mn0.058 mg
सेलेनियम, Se0.2 µg
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड13 mg
थायमिन0.04 mg
राइबोफ्लेविन0.11 mg
नियासिन0.4 mg
विटामिन बी-60. 035 mg
फोलेट5 µg
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड0.016 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.037 g
फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड0.087 g

बने रहें हमारे साथ

चलिए, अब जानते हैं कि सफेद पेठे का जूस बनाने की विधि के बारे में।

सफेद पेठे का जूस बनाने की विधि – How to make White Pumpkin Juice at Home in Hindi

सफेद पेठे का जूस बनाना आसन है। इसे हर कोई घर में ही बना सकता है। इसके लिए सही जूस बनाने की विधि का पता होना जरूरी है, जो इस प्रकार है:

सामग्री:

  • एक ताजा पेठा
  • आधा कप पानी
  • चीनी स्वादानुसार

बनाने की विधि:

  • सबसे पहले एक ताजे पेठे को साफ पानी से धो लें।
  • फिर इसे छीलकर छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • अब पेठा के टुकड़ों को जूसर में डाल दें। साथ ही आधा कप पानी भी डालें।
  • जूसर में पेठे को दो मिनट तक अच्छे से पीस लें और जूस निकाल लें।
  • इसके बाद जूस को एक गिलास में छान कर निकाल लें।
  • इसमें स्वाद के लिए ऊपर से चीनी डाल सकते हैं।

नोट: इस जूस को लेने से एक घंटे पहले या बाद में कुछ न खाएं।

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चलिए, अब जानते हैं कि पेठा खाने के नुकसान किस तरह के हो सकते हैं।

पेठा खाने के नुकसान – Petha Khane Ke Nuksan in Hindi

पेठा खाने के फायदे तो कई हैं, लेकिन पेठा खाने के नुकसान भी हो सकते हैं, लेकिन नुकसान से संबंधित किसी तरह का बेहतर वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।

  • जिन लोगों को कुछ नए खाद्य पदार्थ से ज्यादा एलर्जी होती है, उन्हें इससे भी एलर्जी हो सकती है।
  • गर्भवती और एक साल से कम उम्र के बच्चों को पेठा देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

वाइट पंपकिन यानी सफेद पेठा अन्य सब्जियों की तरह ही है, लेकिन इसका उपयोग अन्य की तुलना में थोड़ा अगल है। साथ ही इसका सेवन शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। वहीं, इसका जूस लेना ज्यादा बेहतर हो सकता है। हमने ऊपर पेठे का जूस बनाने की विधि भी बताई है। अगर कोई गंभीर समस्या वाले इसे लेने का सोच रहे हैं, तो वे पहले डॉक्टर से जरूर पूछें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई हर जानकारी आपके काम आएगी।

चलिए, अब पेठे से संबंधित कुछ पाठकों के सवाल ले लेते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या पेठा खा सकते हैं?

जी हां, पेठा को खाने के लिए उपयोग किया जाता है।

क्या ऐश गार्ड और वाइट पंनकिन एक ही चीज है?

जी हां, दोनों एक ही हैं, बस इसके नाम अलग-अलग हैं।

सफेद पेठा क्या है?

यह एक तरह का फल है, जो बेल पर फलता है।

पेठा कैसे उगाया जाता है?

इसके बीज को अन्य फल व सब्जियों की तरह जमीन के अंदर बोया जाता है, जिससे कुछ समय बाद बेल निकलती हैं और उसी बेल में पहले पेठे के फूल खिलते हैं। फिर वो फूल छोटे फल में परिवर्तन हो जाते हैं और धीरे-धीरे फल बड़ा होता जाता है।

क्या पेठे को फ्रीज में रख सकते हैं?

जी हां, पेठे को फ्रिज में रख सकते हैं।

क्या पेठे का स्वाद कद्दू से अलग है?

जी हां, कद्दू और पेठे दोनों का स्वाद अलग-अलग होता है।

क्या पेठा अंदर से सफेद होता हैं?

जी हां, पेठे के अंदर का भाग सफेद गूदा वाला होता है। इसके अंदर बीज भी होते हैं।

क्या गर्भवस्था में पेठा ले सकते हैं?

जी हां, गर्भवस्था में पेठा लिया जा सकता है, लेकिन इस पर किसी तरह का वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, बेहतर होगा कि एक बार डॉक्टर से जरूर पूछें, क्योंकि गर्भावस्था में किसी भी तरह का रिस्क लेना सही नहीं है।

References

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  3. Kundur [ Benincasa hispida (Thunb.) Cogn.]: A potential source for valuable nutrients and functional foods
    https://www.academia.edu/9263823/Kundur_Benincasa_hispida_Thunb_Cogn_A_potential_source_for_valuable_nutrients_and_functional_foods
  4. An ethanobotanical investigation of cucurbitaceae from South India: A review
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  12. Nootropic herbs (Medhya Rasayana) in Ayurveda: An update
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3459457/
  13. Epilepsy
    https://medlineplus.gov/ency/article/000694.htm
  14. Fluid retention: What it can mean for your heart
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  15. Different Parameters for Drying of Winter Melon (Benincasa hispida)
    https://www.jpsr.pharmainfo.in/Documents/Volumes/vol11issue04/jpsr11041953.pdf
  16. IN VITRO PROPAGATION OF PUMPKIN AND ASH GOURD THROUGH NODAL SEGMENTS
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.429.6165&rep=rep1&type=pdf
  17. Waxgourd, (chinese preserving melon), raw
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/170069/nutrients
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