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हर कोई जीवन में किसी-न-किसी बीमारी की चपेट में जरूर आता है। कुछ बीमारियों पर लोग खुलकर बात करते हैं, तो कुछ को लेकर झिझकते हैं। ऐसी ही एक बीमारी बवासीर है। वैसे तो बवासीर होना काफी आम है (1)। मगर कुछ लोग इसे शर्मिंदगी से जोड़कर देखते हैं और इसे छिपा लेते हैं। नतीजन बीमारी गंभीर होती जाती है। वक्त रहते इस बीमारी पर गौर किया जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए घरेलू उपचार के तौर पर हल्दी का उपयोग भी किया जा सकता है। आगे हम बवासीर दूर करने के लिए हल्दी का उपयोग कैसे करना चाहिए, इसकी जानकारी दे रहे हैं।

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सबसे पहले बवासीर से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी पर एक नजर डाल लीजिए।

बवासीर क्या है और कैसे नियंत्रित होता है?

बवासीर होने का मतलब है गुदा के आसपास और मलाशय के निचले हिस्से की नसों में सूजन आना (1)। इसके कारण खुजली, जलन और रक्तस्राव जैसे कई लक्षण पैदा हो सकते हैं। बवासीर के गंभीर होने पर दर्द होने व बढ़ने लगता है। साथ ही उठने-बैठने में असहजता हो सकती है (2)।

इसे नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले नसों की सूजन को कम किया जाता है। उसके साथ ही इसके अन्य लक्षण जैसे कि रक्तस्राव और दर्द को कम करने की कोशिश की जाती है। यही नहीं, कब्ज की परेशानी को दूर करके और डाइट में बदलाव करके भी बवासीर को नियंत्रित किया जा सकता है (2)।

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अब जानिए कि हल्दी सही में बवासीर के लिए फायदेमंद है भी या नहीं।

क्या बवासीर के लिए हल्दी फायदेमंद है? – Is Haldi For Piles is Beneficial in Hindi

हां, बवासीर के लिए हल्दी फायदेमंद हो सकती है। इसका उपयोग सालों से आयुर्वेद में किया जाता रहा है। पीली और सफेद हल्दी दोनों को ही बवासीर होने पर इस्तेमाल में लाया जाता है। पीली हल्दी के उपयोग से जुड़े रिसर्च पेपर में कहा गया है कि यह पाचन को ठीक करने के साथ ही पाइल्स से राहत पहुंचाने में मदद कर सकती है (3)।

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा पब्लिश जानकारी के अनुसार, सफेद हल्दी को भी पाइल्स से राहत पाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। शोध में सफेद हल्दी (Curcuma zedoaria) को प्रभावित स्थान पर लगाने की सलाह दी गई है (4)।

आगे जरूरी जानकारी है

अब पढ़िए कि हल्दी किस तरह बवासीर के लिए लाभदायक है।

बवासीर के लिए हल्दी क्यों फायदेमंद है? – Why Haldi For Piles is Beneficial in Hindi

बवासीर के लिए हल्दी कई तरह से फायदेमंद है। सबसे पहले तो हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड की एंटीइंफ्लामेटरी क्षमता इसके लिए मददगार मानी जा सकती है (5)। दरअसल, एंटी इंफ्लामेटरी प्रभाव से सूजन और दर्द से राहत मिल सकती है (6)।

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड के अर्क में एंटी इचिंग गतिविधि भी पाई जाती है। इससे खुजली कम हो सकती है (7)। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि बवासीर की वजह से ये सारे लक्षण नजर आते हैं। साथ ही पाचन के लिए भी हल्दी को अच्छा माना जाता है। यही नहीं, हल्दी मलाशय से होने वाले रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकती है (3)। इसी वजह से कहा जाता है कि घर में हल्दी से बवासीर का इलाज किया जा सकता है।

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आगे समझिए कि बवासीर के लिए हल्दी का उपयोग करने के तरीके क्या-क्या हो सकते हैं।

बवासीर के लिए हल्दी का उपयोग – How To Use Haldi For Piles in Hindi

बवासीर की परेशानी होने पर घर में हल्दी से बवासीर का इलाज किन तरीकों से हो सकता है, इसकी जानकारी आगे दी गई है। भले ही बवासीर के लिए हल्दी का उपयोग फायदेमंद हो, लेकिन इसे मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं माना जा सकता है। इसी वजह से बवासीर के लिए घरेलू उपचार करने के साथ ही डॉक्टर से सलाह भी जरूर लें। चलिए, आगे बवासीर के लिए हल्दी का उपयोग पढ़ते हैं।

1. हल्दी

सामग्री:

  • एक से दो चम्मच हल्दी
  • एक कटोरी दही या दूध
  • वैकल्पिक रूप से आधा चम्मच सरसों का तेल

उपयोग का तरीका:

  • बवासीर के लिए दही में हल्दी डालकर खा सकते हैं।
  • दही में हल्दी डालकर खाना पसंद न हो, तो दूध में हल्दी मिलाकर पी लें।
  • वैकल्पिक रूप से सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।

कैसे लाभदायक है:

हल्दी बवासीर के लिए अपने एंटीइंफ्लामेटरी प्रभाव की वजह से फायदेमंद मानी जाती है, यह हम ऊपर स्पष्ट कर ही चुके हैं। इसके अलावा, हल्दी और दही दोनों मिलकर पाचन तंत्र संबंधी परेशानी को दूर करके पेट को शांत भी कर सकते हैं (3)। साथ ही रक्तस्राव को रोकने में हल्दी और सरसों के तेल का पेस्ट मददगार साबित हो सकता है (3)।

इस पेस्ट के उपयोग का जिक्र भारत सरकार के हेल्थ पोर्टल में भी मिलता है (8)। सरसों के तेल के उपयोग से संबंधित एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि यह सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है (9)। इसी वजह से हल्दी को अकेले या फिर दही के साथ खाने और लगाने के लिए सरसों के तेल के साथ उपयोग में लाया जाता है। तभी कुछ लोग मानते हैं कि सरसों के तेल और हल्दी से बवासीर का रामबाण इलाज हो सकता है।

2. हल्दी और प्याज

सामग्री:

  • एक चम्मच हल्दी
  • आधा चम्मच प्याज का रस
  • एक से दो चम्मच सरसों का तेल

उपयोग का तरीका:

  • हल्दी, प्याज और सरसों के तेल को एक कटोरी में निकाल लें।
  • अब तीनों सामग्रियों को अच्छे से मिक्स करके लेप तैयार करें।
  • फिर इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगा दें।
  • वैकल्पिक रूप से प्याज के रस में चुटकी भर हल्दी मिलाकर पी भी सकते हैं।

कैसे लाभदायक है:

हल्दी की ही तरह प्याज में भी एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो बवासीर के दर्द और सूजन जैसे लक्षण को कम कर सकता है (4)। इससे संबंधित जानकारी भारत के आयुष विभाग द्वारा भी प्रकाशित की गई है। इनकी मानें, तो रोज सुबह सफेद प्याज का रस पीने से खूनी बवासीर में राहत मिल सकती है (10)। हल्दी को भी बवासीर से जुड़ी ब्लीडिंग रोकने के लिए खाने की सलाह दी जाती है (3)।

3. एलोवेरा हल्दी से बवासीर का इलाज

सामग्री:

  • एक चम्मच हल्दी
  • आधा चम्मच एलोवेरा

उपयोग का तरीका:

  • एक चम्मच हल्दी में एलोवेरा मिला लें।
  • अब इस मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगाएं।
  • हल्दी और एलोवेरा का घोल बनाकर पी सकते हैं।

कैसे लाभदायक है:

माना जाता है कि एलोवेरा हल्दी से बवासीर का इलाज हो सकता है। हल्दी का तो हम बता ही चुके हैं कि इससे दर्द, सूजन और खुजली तीनों कम हो सकती हैं। इसके साथ मिक्स किए जाने वाले एलोवेरा जेल के फायदे भी कम नहीं हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा पब्लिश एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि एलोवेरा युक्त क्रीम को बवासीर होने पर लगाया जा सकता है (11)।

एलोवेरा से बनी क्रीम दर्द को कम कर सकती है। इसी वजह से बवासीर के ऑपरेशन के बाद दर्द कम करने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल करने का जिक्र कुछ अध्ययनों में मिलता है (12)। बवासीर होने पर इसे खाने और लगाने दोनों की सलाह दी जाती है (13)। इसी वजह से एलोवेरा हल्दी से बवासीर का इलाज करना फायदेमंद माना जाता है।

4. हल्दी और नारियल तेल

सामग्री:

  • एक चम्मच हल्दी
  • आवश्यकतानुसार वर्जिन नारियल तेल

उपयोग का तरीका:

  • एक चम्मच हल्दी में नारियल तेल की बूंदें डाल दें।
  • इस पेस्ट को अब मलाशय में बवासीर प्रभावित हिस्से में लगाएं।
  • इसे कुछ घंटे तक लगा ही रहने दें और बाद में धो लें।

कैसे लाभदायक है:

इस बात की जानकारी हम दे ही चुके हैं कि हल्दी बवासीर के कारण होने वाली खुजली, दर्द और अन्य लक्षणों को कम कर सकती है। एनसीबीआई द्वारा पब्लिश एक रिसर्च पेपर के अनुसार, नारियल तेल में एनाल्जेसिक और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। इन दोनों की मदद से पाइल्स के दौरान होने वाले दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है (14)। इसी वजह से हल्दी और नारियल तेल के इस्तेमाल को बवासीर में फायदेमंद माना जाता है।

5. हल्दी और घी

सामग्री:

  • एक चम्मच हल्दी
  • आधा चम्मच घी

उपयोग का तरीका:

  • हल्दी और घी को मिलाकर खा लें।
  • इन दोनों को दूध के साथ मिलाकर भी पी सकते हैं।

कैसे लाभदायक है:

माना जाता है कि घर में हल्दी से पाइल्स का इलाज करते वक्त घी भी लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, हल्दी में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव एक ओर बवासीर के घरेलू उपचार में मदद करता है। दूसरी ओर घी में मौजूद शॉर्ट चेन फैटी एसिड जैसे कि ब्यूटिरिक पाचन में सहायता कर सकता है (15)। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि पाचन संबंधी परेशानी जैसे कि कब्ज भी बवासीर का कारण है।

एक अन्य रिसर्च पेपर में सीधे-सीधे घी को पाइल्स के लिए फायदेमंद बताया गया है (16 )। यही नहीं, घी, हल्दी और दूध को मिलाकर भी रात के समय पी सकते हैं। घी और दूध से बवासीर में होने वाले लाभ का जिक्र भारत सरकार के नेशनल हेल्थ वेब पोर्टल में भी है (17)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि हल्दी और घी के उपयोग से बवासीर की परेशानी को कुछ कम किया जा सकता है।

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अब जानिए हल्दी से बवासीर का इलाज करते समय ध्यान देने वाली बातें।

बवासीर दूर करने के लिए हल्दी का उपयोग करने से जुड़ी सावधानियां

बवासीर के लिए हल्दी का उपयोग किस तरह से करना चाहिए, यह आप समझ ही गए होंगे। आगे इससे जुड़ी कुछ सावधानियों पर भी नजर डाल लें।

  • हमेशा असली और मिलावट रहित हल्दी को ही उपयोग में लाएं।
  • हल्दी का सेवन करते समय इसकी मात्रा का खास ध्यान रखें
  • हल्दी और दूध मिलाकर पी रहे हैं, तो दूध में हल्दी डालकर कुछ देर उबाल कर हल्दी दूध तैयार करें।
  • एलोवेरा हल्दी से बवासीर का इलाज कर रहे हैं, तो हल्दी में एलोवेरा का पारदर्शी जेल ही मिलाएं। एलोवेरा से निकलने वाला पीला तरल पदार्थ यानी लैटेक्स
  • इसमें न मिक्स करें। इसे जहरीला माना जाता है।
  • अगर हल्दी को प्रभावित हिस्से में लगा रहे हैं, तो ऊपर से रूई रख लें। ऐसा न करने पर पूरे कपड़े पीले हो सकते हैं।
  • हल्दी को हमेशा मलद्वार के बाहरी हिस्से में ही लगाएं। आंतरिक बवासीर होने पर मलद्वार के अंदरूनी हिस्से में हल्दी लगाने की सलाह नहीं दी जाती है।

बवासीर जैसी बीमारी को हमेशा गंभीरता से लेते हुए तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बवासीर होने के कई शारीरिक कारण हैं, इसलिए इसे लेकर शर्मिंदगी महसूस करने की कोई जरूरत नहीं है। कई लोगों को सिर्फ ज्यादा बैठने की वजह से भी बवासीर हो जाता है (1)। बस तो झिझक को छोड़कर इसका सटीक उपचार कराएं। साथ ही बवासीर दूर करने के लिए हल्दी का उपयोग भी किया जा सकता है। बवासीर के लिए हल्दी एक अच्छा घरेलू उपाय साबित हो सकती है। बस इसे बवासीर का इलाज समझने की गलती न करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या बच्चों में बवासीर के लिए हल्दी अच्छी है?

हां, बच्चों को पाइल्स होने पर भी उन्हें हल्दी दे सकते हैं। हल्दी बच्चों के लिए सुरक्षित मानी जाती है (18)।

हल्दी से बवासीर का इलाज करने में कितना वक्त लगता है?

हल्दी से बवासीर का इलाज करने में कितना वक्त लगता है, यह सटीक तौर पर बताना मुश्किल है। अगर बवासीर की स्थिति हाल-फिलहाल ही उत्पन्न हुई है, तो एक से दो हफ्तों में हल्दी बवासीर से जुड़े लक्षणों से राहत देना शुरू कर देगी। फिर भी हम घर में हल्दी से बवासीर का इलाज करने के साथ ही डॉक्टर से सलाह लेनी की भी राय देंगे।

क्या गर्भवती महिला बवासीर के लिए हल्दी का उपयोग कर सकती है?

हां, गर्भावस्था में हल्दी का सेवन सुरक्षित माना जाता है (19)। ऐसे में गर्भवती इसे खाकर पाइल्स का इलाज कर सकती है। साथ ही हल्दी को बाहरी बवासीर वाले प्रभावित हिस्से में लगाने के लिए भी इस्तेमाल में ला सकते हैं। हल्दी को गुदाद्वार के अंदर नहीं लगाया जाता है, इसलिए माना जाता है कि हल्दी गर्भावस्था को प्रभावित नहीं कर सकती है।

क्या हल्दी से पाइल्स का इलाज हो सकता है?

हां, अगर पाइल्स ज्यादा गंभीर नहीं है, तो इस स्थिति को बढ़ने से रोकने में हल्दी मदद कर सकती है। बस ध्यान दें कि पाइल्स होने पर सिर्फ हल्दी पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। घर में हल्दी से बवासीर का इलाज कर भी रहे हैं, तो भी इसके सही उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

क्या हल्दी से बवासीर का रामबाण इलाज हो सकता है?

नहीं, हल्दी से बवासीर का रामबाण इलाज नहीं हो सकता है। दरअसल, रामबाण इलाज उसे कहते हैं, जो कभी चूके नहीं। मगर हल्दी से बवासीर का रामबाण इलाज हो पाएगा या नहीं, यह बवासीर की स्थिति पर ही निर्भर करता है। इसी वजह से हमेशा बवासीर होते ही डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

क्या हल्दी से बवासीर का इलाज इन हिंदी गूगल करने पर सटीक जानकारी मिलेगी?

हां, हल्दी से बवासीर का इलाज इन हिंदी गूगल करने पर सटीक जानकारी मिल सकती है। इसके लिए कुछ जैसे कि स्टाइलक्रेज पर भरोसा किया जा सकता है। इसमें वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर बीमारी से जुड़ी जानकारी दी जाती है।

References

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  3. Turmeric: A Herbal and Traditional Medicine
    https://www.scholarsresearchlibrary.com/articles/turmeric-a-herbal-and-traditional-medicine.pdf
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  15. Health benefits of ghee (clarified butter) – A review from ayurvedic perspective
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  17. Bawaseer-e- Aamiya (Non Bleeding Piles/ Non Bleeding Haemorrhoids)
    https://www.nhp.gov.in/bawaseer-e-aamiya-non-bleeding-piles-non-bleeding-haemorrhoids_mtl
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